Essay on Taj Mahal in Hindi – ताजमहल पर निबंध

 

Hindi Essay and Paragraph Writing – Taj Mahal (ताजमहल) for all classes from 1 to 12

 

ताजमहल पर निबंध –  इस लेख में ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल के बारे में जानेंगे | भारत में ताजमहल एक सुंदर और सबसे आकर्षक ऐतिहासिक जगह है। यह भारत का एक सांस्कृतिक स्मारक है, यह भारतीय और विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र है। ताजमहल को शाहजहाँ ने अपनी रानी मुमताज महल की याद में वर्ष 1631 ई० में बनवाया था। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में ताजमहल पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में ताजमहल पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

 

 
 

ताजमहल पर 10 लाइन 10 lines on Taj Mahal in Hindi

 

  1. ताजमहल भारत की एक ऐतिहासिक धरोहर है, जो उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर के यमुना तट पर स्थित है।
  2. ताजमहल का निर्माण 17वीं सदी में मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था।
  3. ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है।
  4. ताजमहल सफेद संगमरमर से बना हुआ मकबरा है। इसके शिखर पर एक भव्य गुंबद स्थित है और इसके चारों किनारों पर चार ऊँची मीनारें हैं ।
  5. ताजमहल के सामने एक सुंदर बगीचा और पानी का तालाब हैं।
  6. ताजमहल के मुख्य कक्ष में मुमताज और शाहजहाँ की कब्र बनी हुई है।
  7. ताजमहल को पूरा बनने में लगभग 22 वर्षों का समय लगा था।
  8. ताजमहल को 1983 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया था। इसके साथ ही ताजमहल को दुनिया के 7 अजूबों में से एक बताया गया है। 
  9. ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है।
  10. हर साल देशभर से लाखों पर्यटक ताजमहल को देखने आते हैं। 

 
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Short Essay on Taj Mahal in Hindi ताजमहल पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

 

ताजमहल पर निबंध/अनुच्छेद – ताजमहल भारत की सबसे सुंदर और आकर्षण पर्यटन स्थलों में से एक है। शाहजहाँ और मुमताज महल के प्रेम का प्रतीक ताजमहल आज पूरे विश्व का ताज बन गया है। यह भारतीय और विदेशियों का आकर्षण का केन्द्र है। ताजमहल को सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया है। जो इसे अद्भुत और आकर्षक रूप देता है।

 
 

ताजमहल पर अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

ताजमहल भारत का सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थल है। जो उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर के यमुना तट पर स्थित है। ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। ताजमहल सफ़ेद संगमरमर से बना हुआ है। हर साल देशभर से लाखों पर्यटक ताजमहल को देखने आते हैं। ताजमहल के आसपास का वातावरण बहुत ही सुन्दर है। बहुत सारी सजावटी घास और पेड़-पौधे इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। ताजमहल के सामने पानी के फव्वारे भी लगे हुए हैं जो इसके आकर्षण को और बढ़ाते हैं । ताजमहल को दुनिया के 7 अजूबों में से एक बताया गया है। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है।  
 
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ताजमहल पर अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित ताजमहल भारत का एक ऐतिहासिक धरोहर है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था। पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बना, ताजमहल उत्तम कलाकृति से सुसज्जित एक शानदार मकबरा है जो देखने वाले को मंत्रमुग्ध कर देता है। ताज महल के आसपास सुन्दर-सुन्दर पेड़-पौधे, कृत्रिम घास और पानी के फव्वारे लगे है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। ताजमहल के अंदर मुमताज और शाहजहाँ की कब्र बनी हुई है जो पूरे परिसर को आकर्षित करती है। हर साल, दुनिया भर से लाखो लोग इसकी सुंदरता को देखने के लिए यहाँ पर आते है। यह भारत के सभी पर्यटक स्थलों में से सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। दुनिया के सात अजूबों में से सातवां अजूबा ताजमहल को कहा जाता है। 1983 में, ताजमहल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
 
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ताजमहल पर अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

ताजमहल भारत का सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक स्मारक है। जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर के यमुना तट स्थित है। हर साल देश के कोने-कोने से लाखों पर्यटक ताजमहल देखने आते हैं, जिनमें से अधिकतर पर्यटक अक्टूबर, नवंबर और फरवरी में आते हैं। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है, जो इसे आकर्षक और अद्भुत रूप देता है। इसके शिखर पर एक भव्य गुंबद स्थित है और इसके चारों किनारों पर चार ऊँची मीनारें स्थित है। इस स्मारक पर उत्कृष्ट सुन्दर जटिल नक्काशी की गई है जो मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करती है। ताजमहल के परिवेश की सुंदरता को बढ़ाने के लिए, इसे सुंदर सजावटी घास, पेड़ों और पानी के फव्वारों से सजाया गया है, जो इसके आकर्षण को और बढ़ाते हैं। इसके अलावा, ताज महल के मुख्य कक्ष में मुमताज़ महल की कब्र हैं। ऐतिहासिक वृत्तांतों के अनुसार, ताजमहल का निर्माण 1632 में मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि शाहजहाँ अपनी पत्नी मुमताज़  महल से बहुत प्यार करता था। उसकी मृत्यु के बाद अपने प्यार के सम्मान में अपने किले के ठीक सामने ताज महल का निर्माण कराया। वह अपने किले से रोजाना ताजमहल को देखते थे और अपनी पत्नी को याद करते थे। इसलिए इस ऐतिहासिक स्मारक को शाहजहाँ और मुमताज महल के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। 1983 में, ताजमहल को यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। इसके साथ ही ताजमहल को दुनिया के 7 अजूबों में से एक बताया गया है। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है।  
 
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ताजमहल पर अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 205 से 300 शब्दों में

ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा और विश्व के 7 अजूबों में से एक है। इसका निर्माण 17वीं सदी में मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल सफेद संगमरमर से बना हुआ है और इसमें कई मनोरम कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं। इस इमारत के ऊपर एक वृहत गुम्बद सुशोभित है और इसके चारों किनारों पर चार ऊँची मीनारें है। ताजमहल के सामने बाग और पानी का तालाब है। तालाब में ताजमहल का प्रतिबिम्ब दृश्य होता है। यह तालाब मकबरे एवं मुख्य द्वार के मध्य में बना है और इसकी सुंदरता को चार चाँद लगाता है। अन्य स्थानों पर बाग में पेड़ों की कतारें हैं एवं मुख्य द्वार के पास पानी के फव्वारे भी लगे हैं। ताजमहल के मुख्य कक्ष में शाहजहां तथा मुमताज महल की नकली कब्रें है। जिन्हें मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार सजाया गया है। असली कब्रें इमारत के निचले तहखाने में दफन हैं। मुमताज महल की असली कब्र पर अल्लाह के निन्यानवे नाम खुदे हुए हैं जबकि शाहजहां की कब्र पर खुदा अंकित है। मूल रूप से, यह मकबरा केवल मुमताज महल के लिए बनाई गई थी, लेकिन शाहजहाँ की मृत्यु के बाद, उसे भी यहीं दफना दिया गया था। ताज महल के अलावा, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित अन्य मकबरे भी वहां मौजूद हैं, जिसमें शाहजहाँ की अन्य पत्नियाँ दफन हैं। पूरा ताजमहल 42 एकड़ (17 हेक्टेयर) में बना हुआ है। लोगों ने इसे मुगल वास्तुकला का सर्वोत्तम नमूना और भारत के समृद्ध इतिहास का प्रतीक माना है। 

आज भारत में बहुत सारी ऐतिहासिक स्मारक है लेकिन ताजमहल उन सभी स्मारकों में सबसे ज्यादा सुंदर और लोकप्रिय है और पर्यटकों की पहली पसंद है। हर साल ताजमहल देखने के लिए 20 से 40 लाख पर्यटक आते हैं, उसमें से 200,000 से अधिक विदेशी होते हैं। ताजमहल के सौंदर्य का सबसे ज्यादा मनमोहक रूप चांदनी रात में होता है। पूर्णिमा की चांदनी रात में ताजमहल चमकता हुआ प्रतीत होता है। जिसका सुंदरता का वर्णन शब्दों में करना बहुत ही कठिन है। ताजमहल की खूबसूरती बनाए रखने के लिए इसके आस पास प्रदूषण फैलाने वाले वाहन प्रतिबंधित हैं और हमेशा देखरेख की जाती ताकि भारत के ऐतिहासिक धरोहर सही सलामत रहे।
 
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Essay on Taj Mahal in Hindi Language – हिंदी भाषा में ताजमहल पर निबंध

Essay on Taj Mahal in Hindi – ताजमहल पर निबंध – ताजमहल’ नाम सुनते ही शाहजहाँ और मुमताज की याद आ जाती है। ताजमहल भारत में सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक स्मारक है। ऐतिहासिक स्मारक होने के कारण सभी को इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। इस लेख से आपको ताजमहल को और अच्छे से जानने में सहायता प्राप्त होगी।

सामग्री – (Content)

 

प्रस्तावना
भारत में ताजमहल एक सुंदर और सबसे आकर्षक ऐतिहासिक जगह है। यह भारत का एक सांस्कृतिक स्मारक है, यह भारतीय और विदेशियों के आकर्षण का केन्द्र है। ताजमहल को भारत में प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ताज महल को शाहजहाँ ने अपनी रानी मुमताज महल की याद में वर्ष 1631 ई० में बनवाया था। ताज महल भारत में आगरा, उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है।
यह आगरा किले से कम से कम 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है, जो इसे आकर्षक और अद्भुत रुप देता है। यह विश्व के सबसे महान और आकर्षक स्मारकों में से एक है, जो विश्व के सात आश्चर्यों में शामिल है। यह बहुत बड़े क्षेत्र में आमने-सामने बहुत सी हरियाली, पीछे की ओर एक नदी का किनारा, एक झील और एक लॉन को लिए हुए है।

 

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ताजमहल कब और क्यों बनवाया गया

ताजमहल 17वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट शाहजहाँ के द्वारा बनवाया गया। यह उसने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। वह उसकी तीसरी पत्नी थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था। उसकी मृत्यु के बाद, राजा बहुत दुखी हो गया और बहुत सा धन, जीवन और समय खर्च करने के द्वारा ताजमहल का निर्माण कराया था।
वह अपनी पत्नी की याद में आगरा के किले से प्रतिदिन ताजमहल को देखा करता था। यह मुगल कालीन स्थापित्व कला है और भारतीय, इस्लामिक, मुस्लिम, परसी कला आदि के मिश्रण के द्वारा बहुत सुन्दरता से बनाया गया है। यह माना जाता है कि शाहजहाँ स्वंय के लिए ऐसी ही काले रंग की कब्र का निर्माण कराना चाहता था हालांकि, वह अपने इस विचार को कार्य रुप में बदलने से पहले से ही मर गया। उसकी मृत्यु के बाद उसे ताजमहल में ही अपनी पत्नी के बराबर में दफन कर दिया गया।

 

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ताजमहल – सात आश्चर्यों में से एक

वैसे तो भारत में बहुत से ऐतिहासिक स्मारक हैं, परन्तु ताजमहल उन सब में से सबसे अद्वितीय है। यह एक महान कलात्मक आकर्षण है, जो हर साल, बहुत से लोगों के मन को इसे देखने के लिए खींच लाता है। यह भारत का सबसे आकर्षक स्मारक है, ताजमहल और आगरा के किले को यूनेस्को के द्वारा विश्व विरासत के रुप में चिह्नित किया गया है और 2007 में इसे दुनिया के सात अजूबों में चुना गया।
ताजमहल शाहजहाँ के प्रेम का प्रतीक है। इसे रबिन्द्रनाथ टैगोर ने “संगमरमर का एक स्वप्न” कहा है। 2007 से अब तक इसे सात अजूबों की श्रेणी से हटाया नहीं गया है। दुनिया के बड़े-बड़े इंजीनियर इसकी बनावट को देख कर दंग रह जाते हैं।

 

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ताजमहल का निर्माण

इसे महान मुगल सम्राट, शाहजहाँ, ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में उसकी मृत्यु के बाद बनवाया था। यह माना जाता है कि, वह अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था और उसकी मृत्यु के बाद बहुत दुखी हो गया था। उसने बिना भोजन और पानी के रहना शुरु कर दिया था।
उसने अपनी पत्नी की सभी यादों को अपनी नजरों के सामने रखने का निर्णय लिया, तब उसने आगरा के किले के सामने अपने आन्तरिक प्रेम की याद में ताजमहल का निर्माण कराया। वह आगरा के किले से नियमित रुप से ताजमहल को देखा करता था
और अपनी पत्नी को याद करता था। ताजमहल का निर्माण कराने में लगभग 22 वर्षों का समय लगा, और इसे बनाने में लगभग 20,000 कारीगरों ने अपना योगदान दिया था। इसे बनवाने के बाद शाहजहाँ ने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे क्योंकि वह नहीं चाहता था कि ताजमहल की तरह कोई और इमारत बने।

 

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ताजमहल की सुंदरता

ताजमहल के आस-पास का वातावरण बहुत ही प्राकृतिक और आकर्षक है। यह उत्तर प्रदेश में, आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। ताजमहल कई कलाकारों और कारीगरों के विचारों के द्वारा शाही कलाकृतियों का प्रयोग करके बनाया गया है।
इसके परिसर को सजावटी घास और पेड़ों के द्वारा और भी अधिक सुंदर बनाया गया है। ताजमहल की इमारत के सामने कुछ आकर्षक पानी के फव्वारे बनाए गए हैं। चाँदनी रात में ताजमहल की परछाई जब यमुना के पानी पर पड़ती है तो इसकी सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं। ताजमहल की अद्भुत सुंदरता के कारण ही इसे सात अजूबों में स्थान मिल पाया है।

 

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ताजमहल की ऐतिहासिक कथा

ताजमहल मुगल सम्राट शाहजहाँ के अपनी पत्नी के प्रति प्रेम और लगाव का प्रतीक है। इसका निर्माण सफेद संगमरमर और महँगे पत्थरों के प्रयोग के साथ ही दिवारों पर बहुत खूबसूरती से नक्काशी करके किया गया है। शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करने के लिए दुनिया के सबसे अच्छे कारीगरों को बुलाया था। इसके तैयार होने में बहुत सा धन और समय लगा। यह भी माना जाता है
कि, उसने लगभग सौ से भी अधिक डिजाइनों को इंकार कर दिया था और अन्त में इसे स्वीकृति दी। ताजमहल के चारों कोनों पर चार आकर्षक मीनारें हैं। उन्हें बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है और वे थोड़ी सी बाहर की ओर झुकी हुई हैं ताकि, भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा में वे ताजमहल की इमारत को सुरक्षित कर सकें।
मुमताज महल जी परसिया देश की राजकुमारी थीं। मुमताज महल ने एक सिपाही से शादी की थी जो शाहजहाँ की सेना में भर्ती था। शाहजहाँ मुमताज महल से बहुत प्यार करते थे इसलिए उन्होंने उनके पहले पति की हत्या करवा दी थी। बाद में मुमताज महल ने मुगल शासक शाहजहाँ से निकाह किया था। मुमताज महल शाहजहाँ की सबसे प्रिय बेगम थीं। मुमताज महल ने सन् 1631 में 37 वर्ष की उम्र में अपनी 14 वीं सन्तान गौहरा बेगम को जन्म देते वक्त अपना दम तोडा था।
ताजमहल का निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। ताजमहल को मुमताज का मकबरा के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1631 के बाद ही शाहजहाँ ने आधिकारिक रूप से ताजमहल के निर्माण कार्य की घोषणा की थी और 1632 में ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। ताजमहल के निर्माण में बहुत समय लगा था। इसके सभी पहलुओं के साथ इसका निर्माण कार्य 1653 तक पूरा किया जा चुका था।
ताजमहल का निर्माण 320 लाख रूपए की लागत में हुआ था। ताजमहल का निर्माण करने के लिए 20000 कारीगरों ने मुगल शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहौरी के अधीन कार्य किया था। ताजमहल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
ताजमहल विश्व धरोहर के रूप में पूरे विश्व के अति-उत्तम मानवीय कृतियों में से एक कहा गया है। इस विश्व धरोहर कृति के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण होने के बाद शाहजहाँ ने अपने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे।
ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि शाहजहाँ यह नहीं चाहते थे कि ऐसी कोई भी दूसरी स्मारक बने। ऐसा भी माना जाता है कि शाहजहाँ काले रंग का ताजमहल भी बनवाना चाहता था लेकिन इससे पहले शाहजहाँ के बेटे औरंगजेब ने उन्हें कैद कर लिया था, और शाहजहाँ वहीं से ताजमहल को निहारते रहते थे।

 

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ताजमहल की संरचना तथा प्रारूप

ताजमहल की निर्माण कला का आधार परसिया राजवंश की कला तथा बहुत से मुगल भवन गुर-ए-आमिर, हुमायूँ का मकबरा, इतमादूद-दौलाह का मकबरा और शाहजहाँ की दिल्ली की जामा मस्जिद जैसे भवन हैं। मुगल शासन काल के दौरान लगभग सभी भवनों के निर्माण में लाल पत्थरों का प्रयोग किया जाता था लेकिन ताजमहल के निर्माण के लिए शाहजहाँ ने सफेद संगमरमर को चुना था। इन सफेद संगमरमर पर कई प्रकार की नक्काशी तथा हीरे जड़ कर ताजमहल की दीवारों को सजाया गया था। ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना किनारे निर्मित है। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बना गया था। ताजमहल को बनाने के लिए 28 प्रकार के पत्थरों का भी प्रयोग किया गया था। दुनिया भर से कारीगरों को चुन-चुन कर लाया गया था।

 

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ताजमहल के विभिन्न हिस्से
वैसे तो पूरा ताजमहल ही अद्भुत सुंदरता का नमूना है परन्तु ताजमहल के निर्माण में सबसे मुख्य मुमताज महल का मकबरा है। इसके मुख्य कक्ष में शाहजहाँ और मुमताज महल की नकली कब्र मौजूद हैं। इन कब्रों को बहुत ही अच्छे ढंग से सजाया गया है।
शाहजहाँ और मुमताज की असली कब्र सबसे निचले तल पर स्थित है। मुमताज महल के मकबरे को बड़े-बड़े सफेद संगमरमर से बनाया गया है। मुमताज की कब्र के पत्थरों पर कुरान की आयते लिखी गई हैं जबकि शाहजांह की कब्र पर कोई आयते नहीं लिखी गई है।
कहते हैं कि इसके निर्माण के लिए संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था। प्रतिदिन बीस हजार शिल्पी और मजदूर काम करते थे। इसके निर्माण में बाईस वर्षों का समय लगा। इस मकबरे के ऊपर बहुत बड़ा गुंबद है जो इसकी शोभा को बढ़ाता है। मुमताज महल का मकबरा लगभग 41 एकड़ में फैला हुआ है।
यह मकबरा चारों ओर से बगीचे से घिरा हुआ है। इसके तीन ओर से दीवार बनाई गई है। इस मकबरे की नींव वर्गाकार है और वर्गाकार के प्रत्येक किनारे 55 मीटर के हैं। मकबरे की चार मीनार इमारत की चौखट बनती हुई दिखाई देती हैं।
मुमताज महल के मकबरे के शिखर पर सफेद संगमरमर के गुंबद मौजूद है। यह गुंबद उल्टे कलश के जैसा शोभित है। गुंबद पर किरीट कलश स्थित है। यह कलश फारसी तथा हिन्दू वस्तु कला का मुख्य तत्व है। गुंबद को सहारा देने के लिए इसके चारों ओर गुंबद के आकार की छतरियां बनाई गई हैं। इनके आधार से मुमताज महल के मकबरे पर रौशनी पड़ती है।
1800 ई. में ताजमहल के गुंबद पर सोने का कलश बना हुआ था लेकिन अब इसे कांसे के द्वारा बनाया गया है। इस कलश के ऊपर चन्द्रमा की आकृति बनी हुई है, जिसकी ऊपरी आकृति स्वर्ग की ओर इशारा करती है। चन्द्रमा की आकृति और कलश की नोक मिल कर त्रिशूल का आकार बनाते हैं यह त्रिशूल हिन्दू मान्यता के भगवान शिव के चिन्ह को दर्शाता है।
ताजमहल के चारों कोनों पर 40 मीटर ऊँची मीनारें हैं। इन चारों मीनारों का निर्माण इस प्रकार से किया गया है कि ये चारों मीनार हल्की सी बाहर की ओर झुकी हुई हैं। इन मीनारों के बाहर की तरफ झुकाव का यह तर्क निकाला गया कि इमारत के गिरने की स्थिति में ये मीनारें बाहर की ओर गिरेंगी जिससे मुख्य ताजमहल की इमारत को कोई हानि नहीं पहुँचेगी।

 

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उपसंहार

ताजमहल पूरे विश्व में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल है। यह आगरा में यमुना नदी के दाहिने तट पर स्थित है। सफेद संगमरमर से निर्मित ताजमहल का सौंदर्य चांदनी रात में सबसे ज्यादा होता है। ताजमहल पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों के साथ चमकता दिखाई देता है। इसके बाहर बहुत ऊंचा और सुन्दर दरवाजा है। वास्तव में ताजमहल देश की अद्भुत रचना है।
इसकी गणना संसार के 7 अजूबों में की जाती है। भारतीय ही नहीं अन्य देशों के लोग भी इसकी सुंदरता को देख के मुग्ध  हो जाते है। ताजमहल के सौन्दर्य का वर्णन शब्दों में करना बहुत ही कठिन है। ताजमहल हर साल लगभग सात-आठ लाख पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

ताजमहल भारत सरकार का पर्यटन से होने वाली आय का मुख्य स्त्रोत है। हमारा कर्तव्य बनता है कि हम कम-से-कम प्रदूषण करें जिससे दुनिया के सात अजूबों में सम्मिलित इस अजूबे को बचाया जा सके। सरकार को भी इसकी सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।

 

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