Hindi Essay Writing Topic – दुर्गा पूजा (Durga Puja)
- बंगाल की दुर्गा पूजा
- पौराणिक मान्यता
- दुर्गा पूजा का महत्त्व
- दुर्गा पूजा पर निबंध Short Essay on Durga Puja in Hindi. 10 lines on Durga Puja in Hindi. Short Essay on Durga Puja (दुर्गा पूजा) in 100, 150, 200, 250, 300 words.
दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है। दुर्गा पूजा को दुर्गोत्सव या शरदोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर दुर्गा पूजा सितम्बर या अक्टूबर माह में होती है | जिसके लिए लोग महीनों पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते है। दुर्गा पूजा वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता हैं हालाँकि दुर्गा पूजा मुख्य रूप से बंगाल, असम, उड़ीसा, झारखण्ड इत्यादि जगहों पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
बंगाल की दुर्गा पूजा
दुर्गा पूजा हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। दुर्गा पूजा बंगाल में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है क्योकि यह बंगालियों का प्रमुख त्यौहार होता है। दुर्गा पूजा की शुरुआत तब हुई जब भगवान राम ने रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए पूजा की थी। बंगाल में दुर्गा पूजा का मतलब केवल पूजा, आराधना या मां को याद करना ही नहीं हैं। बल्कि पूरे साल के सारे सुख दुख दर्द गम भुला कर आनंद मनाने का पर्व है।
बंगाल में माँ दुर्गा की विशेष प्रतिमाएं बनवाई जाती है, जिनमें देवी की ऑंखें अत्यंत मनमोहक और आकर्षक लगती हैं |
दुर्गा पूजा का अवसर बहुत ही खुशियों से भरा होता है। खासकर विद्यार्थियों के लिए क्योंकि इस मौके पर उन्हें छुट्टियां मिलती है। इस अवसर पर घर में नए कपड़ों की खरीददारी की जाती है। कुछ बड़े स्थानों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है। बच्चों का दुर्गा पूजा के अवसर पर उत्साह दोगुना हो जाता है।
पौराणिक मान्यता
दुर्गा पूजा से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं है | ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा ने इस दिन महिषासुर नामक असुर का संहार किया था। दरअसल ब्रह्मा जी ने महिषासुर को यह वरदान दिया था कि कोई भी देवता उस पर विजय प्राप्त नहीं कर सकता, इस प्रकार भगवान ब्रह्मा का वरदान पाकर वह असुर काफी शक्तिशाली हो गया था | वरदान पाकर वह स्वर्ग लोक में देवताओं को परेशान करने लगा और समस्त संसार में तबाही मचाने लगा | उसने स्वर्ग में एक बार अचानक आक्रमण कर दिया और इंद्र को परास्त कर, स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था। सभी देवता परेशान होकर ब्रह्मा, विष्णु, महेश के पास मदद मांगने पहुंचे | सारे देवताओं ने मिलकर उस राक्षस के साथ युद्ध किया, परंतु असफल हो गए। कोई उपाय ना मिलने पर देवताओं ने महिषासुर के विनाश के लिए देवी दुर्गा का आह्वान किया जिसे शक्ति और पार्वती के नाम से भी जाना जाता है। देवी दुर्गा ने महिषासुर पर आक्रमण कर, उसके साथ नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया। इसी उपलक्ष्य में दुर्गा पूजा का त्यौहार मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा का महत्त्व
देवी मां दुर्गा के नौ रूपों का विशेष महत्व है | उनकी पूजा करने से जीवन में शक्ति का संचार होता है। इसके बाद जब आप शक्ति और ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ते हैं और हर कार्य को करने में सफलता हासिल होती है। इसीलिए जरूरी है कि भक्त, तन और मन को पवित्र कर, मां की पूजा अर्चना करें। नवदुर्गा की पूजा शुरू करने से पहले कलश स्थापित किया जाता है।
माँ दुर्गा के नौ रूप
- मां दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री है। पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल फूल धारण करती हैं। इनका वहां बैल होता हैं |
- मां दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। यहां ब्रह्म का अर्थ तपस्या है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप का आचरण करने वाली है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला बाएं हाथ में कमंडल है | इन्होने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी, इसी वजह से ही इन्हें तपश्चारिणी के नाम से भी जाना जाता है।
- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इनका स्वरूप शांतिदायक और कल्याणकारी हैं। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र हैं। इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता हैं। शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला हैं। इनके दस हाथ हैं। मां के दसों हाथों में खड्ग, शास्त्र और वीणा आदि अस्त्र विभूषित हैं।
- चौथे दिन भगवती कूष्मांडा की पूजा आराधना की जाती हैं। अपनी हल्की मंद मुस्कान के साथ ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण, इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता हैं। कहते हैं जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था। चारों ओर अंधकार ही अंधकार था, तब कुष्मांडा ने अपने हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। यही सृष्टि की आदि स्वरूप, आदिशक्ति हैं।
- पुराणों के अनुसार भगवती शक्ति से उत्पन्न हुए सनत कुमार का नाम स्कंद है| उनकी माता होने से स्कंदमाता कहलाती है | भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है | मां का यह दिव्य स्वरूप है। मां की गोद में भगवान स्कंद जी बाल रूप में बैठे रहते हैं।
- देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए ऋषि कात्यायन के आश्रम पर प्रकट हुई और महर्षि ने इन्हें अपनी कन्या माना | इसीलिए माता के इस स्वरूप को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। भगवान कृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए ब्रज की गोपियों ने कालिंदी यमुना के तट पर इन्हीं की पूजा की थी | यह ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित है। इनका स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है।
- दुर्गा मां की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह काला हैं। सिर के बाल बिखरे हैं । गले में बिजली की तरह चमकने वाली मुंड मालाएं हैं। इनके तीन नेत्र हैं । ये दुष्टों का संहार करती है, माँ कालरात्रि ने ही चंड, मुंड, महिषासुर, रक्तबीज जैसे राक्षसों का सर्वनाश किया था |
- कठोर तपस्या के माध्यम से महान गौरव प्राप्त किया था इसलिए मां के स्वरूप को मां महागौरी के नाम से जाना जाता हैं। मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी हैं। इनका वर्ण गौर हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके बाद में डमरु और दाएं हाथ में वर मुद्रा हैं। यह शांत रूप में भक्तों को दर्शन देती हैं।
- मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। यह सभी तरह की सिद्धियां देने वाली है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली है। इनका वाहन सिंह है। यह कमल पुष्प पर आसीन हैं। बाएं हाथ में शंख और दाएं हाथ में कमल पुष्प हैं। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है।
इस त्यौहार के अंत में, देवी दुर्गा की प्रतिमा को नदी या पानी के टैंक में विसर्जित कर दिया जाता है। बहुत से लोग पूरे नौ दिनों का उपवास भी रखते हैं। दुर्गा पूजा में लोग नौ दिन तक माँ दुर्गा की पूजा करते हैं और उनसे सुख-समृद्दि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
Top
Recommended Read –
- डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध
- मदर टेरेसा पर निबंध
- दुर्गा पूजा पर निबंध
- बसंत ऋतु पर निबंध
- भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध
- भारत में चुनावी प्रक्रिया पर निबंध
- योग पर निबंध
- स्टार्टअप इंडिया पर निबंध
- फिट इंडिया पर निबंध
- द्रौपदी मुर्मू पर निबंध
- क्रिकेट पर निबंध
- क्रिप्टो करेंसी पर निबंध
- सौर ऊर्जा पर निबंध
- जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
- भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध for UPSC Students
- शहरों में बढ़ते अपराध पर निबंध
- पर्यावरण पर निबंध
- भारतीय संविधान पर निबंध
- भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध
- भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध
- टेलीविजन पर निबंध
- परिश्रम का महत्व पर निबंध
- गणतंत्र दिवस पर निबंध
- विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध
- टीचर्स डे पर निबंध
- वैश्वीकरण पर निबंध
- जलवायु परिवर्तन पर निबंध
- मंकी पॉक्स वायरस पर निबंध
- मेक इन इंडिया पर निबंध
- भारत में सांप्रदायिकता पर निबंध
- वेस्ट नील वायरस पर निबंध
- पीएसयू का निजीकरण पर निबंध
- भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव पर निबंध
- नई शिक्षा नीति 2020 पर निबंध
- आधुनिक संचार क्रांति पर निबंध
- सोशल मीडिया की लत पर निबंध
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध
- महिला सशक्तिकरण पर निबंध
- प्रदूषण पर निबंध
- मृदा प्रदूषण पर निबंध
- वायु प्रदूषण पर निबंध
- गाय पर हिंदी में निबंध
- वन/वन संरक्षण पर निबंध
- हिंदी में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
- चंद्रयान पर निबंध
- हिंदी में इंटरनेट पर निबंध
- बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध
- ताजमहल पर निबंध
- हिंदी में अनुशासन पर निबंध
- भ्रष्टाचार पर निबंध
- मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
- स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
- गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
- हिंदी में दिवाली पर निबंध
- होली पर निबंध
- नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध
- निबंध लेखन, हिंदी में निबंध