Essay on Discipline in Hindi – हिंदी में अनुशासन पर निबंध

 

Hindi Essay and Paragraph Writing – Discipline (अनुशासन ) for all classes from Class 1 to Class 12

 

अनुशासन पर निबंध –  इस लेख में हम अनुशासन का अर्थ, जीवन में अनुशासन का महत्त्व, दैनिक जीवन में अनुशासन, अनुशासन के लाभ के बारे में जानेंगे|  | अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों।अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में अनुशासन पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में अनुशासन  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

 

 

अनुशासन  पर 10 लाइन  10 lines on Discipline in Hindi

 

  1. अनुशासन एक क्रिया है जो हमारे शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करके नियमों का पालन करना सिखाता है।
  2. समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।
  3. अनुशासन के पालन से व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बनता है। 
  4. अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है।
  5. अनुशासन का न होना हमें गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।
  6. अनुशासन का दृढ़तापूर्वक पालन हमें समय का पाबंद बनाता है
  7. अनुशासन हमें अच्छाई और बुराई में फर्क दिखता है।
  8. एक अनुशासित व्यक्ति अपने से बड़ों के आदेशों का पालन पूरी निष्ठा भाव और ईमानदारी से करता है।
  9. अनुशासन हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में सहायता करता है।
  10. अनुशासन के नीति नियम को प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए निर्धारित करना चाहिए।

 

 

Short Essay on Discipline in Hindi अनुशासन पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

 

अनुशासन पर निबंध/अनुच्छेद  – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

 

अनुशासन पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

 

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। अनुशासन में रहने से ही व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है। इसलिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और सभी काम सही समय पर करना चाहिए।

एक अनुशासित व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने में सफल होता है और अपनी सफलता का छाप दूसरों पर छोड़ते है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन में अनुशासन का विकास करना चाहिए। जीवन में अनुशासन नहीं होने कारण लोग सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

 

 

अनुशासन पर अनुच्छेद 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

 

अनुशासन हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना हमारा जीवन सुचारु रुप से नहीं चल सकता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए उन सभी नियमों का पालन करना चाहिए जिससे हमारा जीवन बेहतर बन सके, जैसे हमें अपने शिक्षक और बड़ों के आज्ञा का पालन करना चाहिए, बुरी आदतों से दूरी बनाना चाहिए और अपने दैनिक कामों को सही समय पर और पूरी लगन से करना चाहिए।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। अनुशासन अगर देखना है तो सेना को देखना चाहिए। जहां प्रत्येक सैनिक अपने नेता की आज्ञा का पालन बड़ी तत्परता से करते हैं। तभी तो उन्हें विजय प्राप्त होती है। आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति खुद भी गिर रहा है और देश को भी पतन की ओर ले जा रहा है।

 

 

अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

 

अनुशासन सभी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अनुशासन एक व्यक्ति को इतना आदर्श बना देता है कि वह व्यक्ति दूसरों की अपेक्षा कुछ विशेष दिखाई पड़ता है। उसका सब ओर सम्मान होता है तथा सफलता उसके चरण चूमती दिखाई देती है। वही अनुशासनहीन व्यक्ति अपने जीवन में लेशमात्र भी सफल नहीं होता, बल्कि वह अपने पतन के साथ ही साथ समाज का भी विनाश करता है। अनुशासित जीवन ही वास्तविक जीवन है। इसलिए अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीढ़ी मानी जाती है। हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन करना चाहिए जैसे –

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • कार्यों को समय पर पूरा करने की हर संभव कोशिश करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए।

 

अनुशासन केवल बड़े लोगों के लिए नहीं है बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी उतना ही महत्व रखता है जितना बड़ों के लिए। विशेषतौर से विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का महत्व बहुत अधिक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसी आयु में उन्हें सब कुछ सीखने को मिलता है। विद्यार्थियों को अपने भावी जीवन के निर्माण की तैयारी करनी होती है। जो बड़ी कठोर साधना है। इसके लिए विद्यार्थी को अनुशासित जीवन व्यतीत करना होगा। अनुशासन विद्यार्थी-जीवन की आधारशिला है। अनुशासन में रहने वाला बालक ही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग देता है।

 

 

अनुशासन पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

 

आज के युग में छात्र वर्ग और समाज के जीवन को लेकर चलने वाला सर्वाधिक चर्चित विषय है – अनुशासन । व्यक्ति समाज व राष्ट्र की उन्नति का मूलाधार अनुशासन ही है। अनुशासन ही देश को महान बनाता है।

अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘अनु और शासन’। अनु का अर्थ है पालन और शासन का अर्थ है नियम । इसका सरल अर्थ है – किसी नियम समूह का पालन करना या गुरुजनों और पथ-प्रदर्शकों के नियंत्रण में जीवन बिताना । इसी प्रकार अपने मन की समस्त वृत्तियों को काबू में रखना भी अनुशासन ही है। अनुशासन के दो रूप है – ‘आंतरिक अनुशासन’ व ‘बाह्य अनुशासन’। अपनी श्रेणी में किसी सभा में शांत रहना, समूह में चलते हुए पंक्तिबद्ध होकर चलना, समूह में कार्य करते समय उचित-अनुचित का ध्यान रखना, राज्य के नियमों का पालन करना आदि अनुशासन के बाहरी रूप है। अपनी इन्द्रियों व मन को काबू में रखना आंतरिक अनुशासन होता है।

आज समाज व राष्ट्र को अनुशासन की सर्वाधिक आवश्यकता है। अनुशासित व्यक्ति ही अपने व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में व्यवस्थित रीति से चलता है। अनुशासित व्यक्ति के प्रत्येक कार्य नियमबद्ध होते है। वस्तुत: जो व्यक्ति समाज या घर में, बाजार में, कार्यालय में तथा सभा आदि में वहां के नियमों के नियंत्रण में चलता है, वही सुखी रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने शैक्षणिक वर्षों के दौरान अनुशासन विकसित करना चाहिए। अनुशासन बनाए रखने वाला व्यक्ति न केवल अपना जीवन बेहतर बनाता है, बल्कि अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए दूसरों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है और वही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग करता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो, प्रकृति भी नियमपूर्वक चलती है। सूरज और चाँद का सही समय पर उगना और अस्त होना, सुबह और शाम का होना, पेड़-पौधों पर फल-फूल लगना, नदियों का हमेशा बहते रहना आदि। सृष्टि का समस्त कार्य एक निश्चित नियंत्रण या अनुशासन के अधीन चलता है।

आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति हर नियमों को तोड़ रहा है। लोगों द्वारा जरा सी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा करना या बेकाबू हो जाना, गुस्सा करना, किसी का कहना न मानना, आदर्शों की खिल्ली उड़ाना आदि । इससे व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की आर्थिक और नैतिक दोनों प्रकार की होती है।

यदि हम अपने देश की उन्नति चाहते हैं तो हमें अनुशासनहीनता को त्यागकर अनुशासन को अपनाना होगा, क्योंकि अनुशासन ही देश की उन्नति की पहली सीढ़ी है। राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति जब अनुशासन में रहेगा, तभी राष्ट्र विश्व उन्नत राष्ट्रों की  की श्रेणी में गिना जायेगा । छात्र भी जब अनुशासन का पालन करेंगे, तभी अपने भावी जीवन में सफलता की आशा कर सकेंगे। क्योंकि अनुशासन ही हमारी सफलता की सीढ़ी है।
 

 

Discipline essay in Hindi for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12th – अनुशासन पर निबंध हिंदी में

Discipline Essay in Hindi – सभी को ज्ञात है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। इस लेख में हम अनुशासन से सम्बंधित कुछ अहम् जानकारियाँ उपलब्ध करवा रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको परीक्षाओं में निबंध लिखने में तो सहायता करेगा ही, साथ-ही-साथ आपको अनुशासित रहने के लिए भी प्रेरणा प्रदान करेगा।

सामग्री (Content)

 

प्रस्तावना

हर किसी के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अनुशासन के बिना कोई सुखी जीवन नहीं जी सकता। अनुशासन वह सब कुछ है जो हम सही समय में सही तरीके से करते हैं। यह हमें सही रास्ते पर ले जाता है। जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों।
ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। आज के आधुनिक समय में अनुशासन बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस व्यस्तता भरे समय में यदि हम अनुशासन भरे दिनचर्या का पालन ना करें तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

 

अनुशासन का अर्थ

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु और शासन। अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है।अनुशासन हमारी सफलता की सीढ़ी है,

जिसके सहारे हम कोई भी मंजिल हासिल कर सकते है। अनुशासन दो प्रकार का होता है – एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है। हालाँकि कई बार, हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति से अपने स्व-अनुशासन की आदतों में सुधार करने के लिये प्रेरणा की जरुरत होती है।

 

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जीवन में अनुशासन का महत्त्व

अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करना है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन हमें बहुत सारे शानदार अवसर देता है, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, इसके बजाय बहुत सारी समस्याएँ पैदा हो जाती है।

हमें नियमों का पालन करने, आदेशों का पालन करने और व्यवस्थित तरीके से व्यवहार करने की आवश्यकता है। हमें अपने दैनिक जीवन में अनुशासन को महत्व देना चाहिए। वे लोग जो अपने जीवन में अनुशासित नहीं हैं, उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में निराशा ही मिलती है।

 

दैनिक जीवन में अनुशासन

अनुशासन का महत्त्व समझने के बाद हमें चाहिए कि हम हमेशा अनुशासन में रहें और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करें। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए।

दांतों को रोजाना ब्रश करना चाहिए, स्नान करना चाहिए और फिर स्वस्थ नाश्ता करना चाहिए। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी भी न तो स्कूल जाना चाहिए और न ही किसी अन्य काम में। हमें अपने प्रत्येक कार्य को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए या उन्हें ना-खुश नहीं करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें अपना सभी काम सही समय पर करना चाहिए। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

 

अनुशासित रहने के तरीके

अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं –
1 – एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना।
2 – कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना।
3 – व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना।
4 – बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना।
5 – अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।

 

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प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण

सूर्य हर दिन सही समय पर उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उदय होता है, सुबह और शाम बिना देर किए उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ।

तो क्यों हमें अपने जीवन में अनुशासन को पीछे छोड़ना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

प्रकृति कभी अनुशासन का उलंघन नहीं करती और हम भी तो प्रकृति के ही अभिन्न अंग हैं, तो हमें भी अनुशासन का सदैव पालन करना चाहिए।

 

अनुशासन कैसे सीखें

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों की आज्ञा का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

प्रकृति से हम अनुशासन का सही से पालन करना सीख सकते हैं। मौसम सही कर्म में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। उन जिम्मेदारियों को समझते हुए हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है।

इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं। अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अनुशासन का पालन करना अति आवश्यक है।

 

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हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों

हमें अपने जीवन के हर एक क्षण अनुशासन की आवश्यकता होती है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना। हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

पेशेवर जीवन में, एक अनुशासित व्यक्ति वह होता है, जिसे सबसे पहले अच्छे अवसर दिए जाते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि वह अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना में अधिक जिम्मेदार और अनुशासित तरीके से कार्यों को अंजाम दे सकता है। अनुशासन किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक अपवाद आयाम जोड़ने में मदद करता है और उसे एक अद्वितीय व्यक्ति के रूप में उजागर करता है। जहाँ भी वह लोगों के दिमाग में सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

 

अनुशासन के लाभ

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। सेना और रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों में तो जीवन तथा कार्यों में अनुशासन को सर्वोपरिमाना गया है,

क्योंकि इन क्षेत्रों में एक सेकेंड या मिनट भर की देरी या फिर एक छोटी सी चूक के कारण काफी बड़े नकरात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है और अधिकतम कार्यों में इसका पूर्ण रुप से पालन किया जाता है।

इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिये तो अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। ना सिर्फ विद्यार्थी जीवन में बल्कि कैरियर और घरेलू जीवन में भी अनुशासन का काफी महत्व है,

जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से बच जाते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

 

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उपसंहार

संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता है।

अनुशासन व्यक्ति को अपने मन में उन सभी सकारात्मक नियमों और विनियमों का प्रशिक्षण देकर पूर्णता लाता है जो उसे समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित करते हैं। यही कारण है कि आज के इस आधुनिक युग में भी अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है।

माता-पिता एक बच्चे में अनुशासन विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि उन्हें अपने बच्चे का पहला शिक्षक माना जाता है। छात्र जीवन में अनुशासन भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज की बुराइयों से मुक्त हुए बिना बच्चे को अपने लक्ष्य की ओर जाने में मदद करता है।

कहा जाता है कि छोटा बच्चा कच्ची मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा आकार दिया जाए वह वैसा ही बन जाता है। अतः आवश्यक है कि बचपन से ही बच्चों को अनुशासन का महत्त्व बताया जाए और उसका पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।

 

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