CBSE Class 8 Hindi Chapter 9 कबीर की साखियाँ Important Questions Answers from Vasant Bhag 3 Book
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सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
Class 8 Hindi Vasant Bhag 3
Chapter 9 – Kabir Ki Saakhiyaan, Question Answers
बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न Extract Based Questions
1)
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मेल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।॥ 1॥
आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक।
कह कबीर नहिं उलटिए,वही एक की एक॥ 2॥
प्रश्न 1. उपर्युक्त दोहे के पाठ का नाम और लेखक का नाम बताएं।
(क) पाठ का नाम- ध्वनि, लेखक- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(ख) पाठ का नाम- क्या निराश हुआ जाए , लेखक का नाम- हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ग) पाठ का नाम- कबीर की साखियाँ, लेखक- कबीरदास
(घ) पाठ का नाम- दीवानों की हस्ती, लेखक- भगवतीचरण वर्मा
उतर :- (ग) पाठ का नाम- कबीर की साखियाँ, लेखक- कबीरदास
प्रश्न 2. कवि किसकी जाति न पूछने की बात कर रहा है?
(क) साधु की
(ख) लोगों की
(ग) लेखक की
(घ) मजदूरों की
उतर :- (क) साधु की
प्रश्न 3. कवि किसका मोल करने की बात कर रहा है?
(क) अभिमान का
(ख) म्यान का
(ग) तलवार का
(घ) सुख का
उतर :- (ग) तलवार का
प्रश्न 4. ‘गारी’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) गाली
(ख) जीप
(ग) सोना
(घ) गाल
उतर :- (क) गाली
2)
माला तो कर में फिरै, जीभि फिरै मुख माँहि।
मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं॥ 3॥
कबीर घास न नींदिए, जो पाऊँ तलि होइ।
उड़ि पड़ै जब आँखि मैं, खरी दुहेली होइ॥ 4॥
जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होय।
या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय॥ 5॥
प्रश्न 1. मनुष्य हाथ में क्या रखकर जाप करते है?
(क) फूल
(ख) अक्क्षत
(ग) माला
(घ) चावल
उतर:- (ग) माला
प्रश्न 2. घास का तिनका किसका प्रतीक है?
(क) ज्ञानी व्यक्ति की
(ख) कमजोर एवं तुच्छ व्यक्ति की
(ग) मूर्ख व्यक्ति की
(घ) इनमे से कोई नही
उतर:- (ख) कमजोर एवं तुच्छ व्यक्ति की
प्रश्न 3. मनुष्य का मन कैसा होना चाहिए?
(क) मनमोहक
(ख) चंचल और शांत
(ग) शीतल, निर्मल और शांत
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर:- (ग) शीतल, निर्मल और शांत
प्रश्न 4. ‘दुहेली’ शब्द से क्या अभिप्राय है?
(क) दुःख देने वाली
(ख) सुख देने वाली
(ग) सबका दुख हर लेने वाली
(घ) सबको देने वाली
उतर:- (क) दुःख देने वाली
प्रश्न 5. ‘आपा को डारि दे’ का तात्पर्य निम्नलिखित में से क्या है?
(क) अपना घमंड त्याग देना
(ख) अपना घमंड बढ़ा देना
(ग) अपना सब कुछ त्याग देना
(घ) अपना सब कुछ लुटा देना
उतर:- (क) अपना घमंड त्याग देना
बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 1. ‘कबीर की साखियाँ’ पाठ के कवि का नाम बताएं।
(क) कबीरदास
(ख) चेतन भगत
(ग) रामधारी सिंह दिनकर
(घ) हजारी प्रसाद द्विवेदी
उत्तर – (क) कबीरदास
प्रश्न 2. साधु से क्या नहीं पूछना चाहिए ?
(क) भाषा
(ख) धर्म
(ग) जाति
(घ) इनमे से कोई नही
उतर :- (ग) जाति
प्रश्न 3. साधु से जाति न पूछकर फिर किसके बारे में पूछना चाहिए ?
(क) ज्ञान के बारे में
(ख) पहचान के बारे में
(ग) जाति के बारे में
(घ) धर्म के बारे में
उतर :- (क) ज्ञान के बारे में
प्रश्न 4. कवि किसका मोल करने की बात कह रहा है?
(क) संपत्ति का
(ख) तलवार का
(ग) म्यान का
(घ) अभिमान का
उतर :- (ख) तलवार का
प्रश्न 5. ‘गारी’ शब्द कैसा शब्द है?
(क) देशज
(ख) तद्भव
(ग) तत्सम
(घ) विदेशी
उतर :- (क) देशज
प्रश्न 6. ‘उलटत’ शब्द का क्या मतलब है?
(क) उलट वार
(ख) रुसवार
(ग) मनमुटाव
(घ) पलटकर
उतर :- (घ) पलटकर
प्रश्न 7. ‘होइ’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) सोना
(ख) हो
(ग) होती
(घ) होकर
उतर :- (ग) होती
प्रश्न 8. कवि किस काम को बुरा मानते है?
(क) किसी की निंदा करना
(ख) किसी को बुरा बोलना
(ग) किसी को गालियां देना
(घ) इनमे से कोई नही
उतर :- (क) किसी की निंदा करना
प्रश्न 9. कबीर किसकी निंदा न करने की सीख देते हैं?
(क) कमजोर लोगों की
(ख) मित्रों की
(ग) बेसहारों की
(घ) बेजुबानों की
उतर :- (क) कमजोर लोगों की
प्रश्न 10. जाप करने के लिए मनुष्य किस चीज का प्रयोग करता है?
(क) दाना का
(ख) मूर्ति का
(ग) माला का
(घ) उंगलियों का
उतर :- (ग) माला का
प्रश्न 11. ‘जीभि फिरै मुख माँहि’ का अर्थ निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(क) मुँह से राम-राम का उच्चारण करना
(ख) कुछ खाने-चबाने का प्रयास करना
(ग) जीभ को बार-बार दांतों से लगाना
(घ) जीभ का अंदर-बाहर आना-जाना
उतर :- (क) मुँह से राम-राम का उच्चारण करना
प्रश्न 12. कबीर के दोहों को किस नाम से जाना जाता है?
(क) चौपाई
(ख) साखी
(ग) सोरठा
(घ) ज्ञान का भण्डार
उतर :- (ख) साखी
प्रश्न 13. कबीर की रचनाओं के संकलन को हम किस नाम से जानते है?
(क) दोहे
(ख) साखी
(ग) शब्द
(घ) रमैनी
उतर :- (क) दोहे
प्रश्न 14. जग में कोई किसी का बैरी कब नहीं होता?
(क) जब व्यक्ति का कोई संबंध नही होता
(ख) जब व्यक्ति अभिमानी होता है
(ग) जब व्यक्ति आशावादी होता है
(घ) जब व्यक्ति का मन शीतल होता है
उतर :- (घ) जब व्यक्ति का मन शीतल होता है
प्रश्न 15. ‘आपा को डारि दे’ का तात्पर्य निम्नलिखित में से क्या है?
(क) किसी को डरा देना
(ख) खुद गिर जाना
(ग) अपना घमंड त्याग देना
(घ) समर्पण कर देना
उतर :- (ग) अपना घमंड त्याग देना
प्रश्न और उत्तर Questions Answers
पाठ से
प्रश्न 1. ‘तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं’- उक्त उदाहरण से कबीर क्या कहना चाहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– कबीर दास जी के अनुसार मनुष्य की सुंदरता उसके शरीर की अपेक्षा उसके गुणों से आकना चाहिए क्योंकि शरीर तो बाहरी आवरण है जबकि सच्चाई उसका अंतर्मन है। इसलिए कवि कहते हैं कि तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं।
प्रश्न 2. पाठ की तीसरी साखी-जिसकी एक पंक्ति है ‘मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तो सुमिरन नाहिं’ के द्वारा कबीर क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर- तीसरी साखी में कबीर दास जी कहना चाहते हैं कि मनुष्य का मन चंचल होता है वह हाथ में माला और जबान पर हरिनाम तो जपता रहता है किन्तु भगवान का नाम लेना तब सार्थक होता है जब मनुष्य अपने चंचल मन पर काबू पा लेता है।
प्रश्न 3. कबीर घास की निंदा करने से क्यों मना करते हैं। पढ़े हुए दोहे के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कबीर दास जी छोटे को कमजोर समझ कर उसकी उपेक्षा करने को मना करते हैं । मनुष्य को घास को पैरों के नीचे वाली रौंदने वाली वस्तु समझकर उसे कमजोर नहीं मानना चाहिए क्योंकि जब एक घास का तिनका भी आँख में चला जाता है तो वह बहुत कष्ट देता है। इसलिए हमें किसी को कमजोर समझ कर उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न 4. मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेने वाले दोष होते हैं। यह भावार्थ किस दोहे से व्यक्त होता है?
उत्तर – यह भावार्थ अंतिम साखी में है –
जग में बैरी कोई नहीं जो मन शीतल होय।
या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय।।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. ”या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय।”
”ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय।”
इन दोनों पंक्तियों में ‘आपा’ को छोड़ देने या खो देने की बात की गई है। ‘आपा’ किस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है? क्या ‘आपा’ स्वार्थ के निकट का अर्थ देता है या घमंड का?
उतर :- यहाँ ‘आपा’ शब्द घमंड के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। घमंड के कारण ही व्यक्ति दूसरों को खुद से छोटा समझता है।
प्रश्न 2. आपके विचार में आपा और आत्मविश्वास में तथा आपा और उत्साह में क्या कोई अंतर हो सकता है? स्पष्ट करें।
उतर :- आपा और आत्मविश्वास :- ‘आपा’ शब्द का अर्थ अहंकार/घमंड होता है और ‘आत्मविश्वास’ शब्द का अर्थ खुद पर विश्वास होता है। अहंकारवश ही व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की भावना बढ़कर अति आत्मविश्वास बन जाता है।
आपा और उत्साह :- ‘आपा’ शब्द का अर्थ घमंड होता है और ‘उत्साह’ शब्द का अर्थ किसी कार्य को करने की खुशी या इच्छा से है। जोश से काम में जुट जाना।
प्रश्न 3. सभी मनुष्य एक ही प्रकार से देखते-सुनते हैं पर एकसमान विचार नहीं रखते। सभी अपनी-अपनी मनोवृत्तियों के अनुसार कार्य करते हैं। पाठ में आई कबीर की किस साखी से उपर्युक्त पंक्तियों के भाव मिलते हैं, एकसमान होने के लिए आवश्यक क्या है? लिखिए।
उतर :- कबीर की निम्न साखी से उपर्युक्त पंक्तियों के भाव मिलते है-
”आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक।
कह कबीर नहिं उलटिए, वही एक की एक||”
सभी मनुष्य एक ही प्रकार से सुनते-देखते है लेकिन एक समान विचार नहीं रखते। मनुष्य के एक समान होने के लिए सबकी मनोवृत्ति का एक समान होना आवश्यक है।
प्रश्न 4. कबीर के दोहों को साखी क्यों कहा जाता है? ज्ञात कीजिए।
उतर :- कबीर के दोहों को साखी इसलिए कहा जाता है क्योंकि कबीर ने श्रोता (ईश्वर) को साक्षी मानकर अपने दोहों की रचना की इसलिए इनके दोहों को ‘साखी’ कहा जाता है। साखी का अर्थ है साक्षी अर्थात् गवाही। कबीर ने जो कुछ आँखों से देखा उसे अपने शब्दों में व्यक्त करके लोगों को समझाया है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. बोलचाल की क्षेत्रीय विशेषताओं के कारण शब्दों के उच्चारण में परिवर्तन होता है जैसे वाणी शब्द बानी बन जाता है। मन से मनवा, मनुवा आदि हो जाता है। उच्चारण के परिवर्तन से वर्तनी भी बदल जाती है। नीचे कुछ शब्द दिए जा रहे हैं उनका वह रूप लिखिए जिससे आपका परिचय हो। ग्यान, जीभि, पाउँ, तलि, आँखि, बरी।
उतर :-
(i) तलि : तले
(ii) बैरी : वैरी
(iii) तौ : तो
(iv) ग्यान : ज्ञान
(v) आँखि : आँख
(vi) जीभि : जीभ
(vii) गारी : गाली
(viii) होइ : होती
(ix) पाँउ : पाँव
(x) आवत : आते हुए
(xi) उलटत : पलटकर
Kabir Ki Saakhiyaan – Extra Question Answers
प्रश्न 1. घास कब कष्टप्रद बन जाती है?
उत्तर – घास तब कष्टप्रद बन जाती है जब घास का सूखा तिनका आँख में चला जाता है।
प्रश्न 2. कबीर के सखियाँ हमें क्या संदेश देती हैं?
उत्तर – कबीर के सखियाँ हमें यह संदेश देती है कि साधु-संतों से उनकी जाति न पूछ कर उनसे हमें ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। हमें किसी से भी कटु वचन नहीं बोलना चाहिए। ईश्वर की भक्ति हमें स्थिर मन से करना चाहिए और अपना स्वभाव शांत रखना चाहिए और सभी को समान भाव से देखना चाहिए।
प्रश्न 3. साधु का स्वभाव सामान्य व्यक्तियों से किस तरह भिन्न होता है?
उत्तर – साधु का स्वभाव सामान्य व्यक्तियों से इसलिए भिन्न होता है क्योंकि साधु जाति-पाँति की भावना से ऊपर उठकर प्रभु की भक्ति करते हैं। वे जाति-पाँति को महत्व नहीं देते। केवल ज्ञान को महत्व देते हैं। जबकि सामान्य मनुष्य ज्ञान को याद नहीं रखते और जाति पाँति के बंधन में ही उलझे रहते हैं और सामाजिक विषमता को बढ़ाते हैं।
प्रश्न 4. कबीर के अनुसार समाज में किसी को भी कमज़ोर क्यों नहीं समझना चाहिए?
उत्तर – समाज में रहने वाले सभी लोगों के साथ हमें एक समान व्यवहार करना चाहिए। किसी को भी अपने से कमजोर या छोटा नहीं समझना चाहिए। यहाँ तक कि घास के तिनके को भी कम नहीं समझना चाहिए, क्योंकि यही तिनका यदि उड़ कर हमारी आँख में पड़ जाए, तो बड़ा ही दुख देता है। उसी प्रकार जिसे हम अपने से कमजोर समझते हैं। कई बार वह शक्ति पाकर दुख दे सकता है।
प्रश्न 5. मनुष्य को तिनके का भी अपमान क्यों नहीं करना चाहिए? यहाँ तिनका किसका प्रतीक है ? स्पष्ट करें।
उत्तर – मनुष्य को तिनके का भी अपमान नहीं करना चाहिए क्योंकि हवा के साथ यदि यही तिनका हमारे आँख में पड़ जाता है तो बहुत पीड़ा पहुँचाता है। यहाँ तिनका समाज के कमजोर एवं उपेक्षित व्यक्ति का प्रतीक है। हमें उनका भी अपमान नहीं करना चाहिए। यदि कमजोर व्यक्ति को कभी शक्ति या सत्ता मिल जाएगी तो वह बदला अवश्य लेना चाहेगा। इसलिए किसी का भी अपमान नही करना चाहिए।
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