NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 ध्वनि Important Question Answers Lesson 1

 

Class 8 Hindi Dhwani Question Answers – Looking for Dhwani question answers for CBSE Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Book Chapter 1? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 8 हिंदी वसंत भाग 3 पुस्तक पाठ 1 के लिए ध्वनि प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 8 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे ध्वनि प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

Class 8 Hindi ध्वनि Question Answers Lesson 1 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

(1)
अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत –
अभी न होगा मेरा अंत।

प्रश्न 1. ‘अभी न होगा मेरा अन्त’ का क्या आशय है ?
उतर :- मुझमें अभी भी बहुत सारा रचनात्मक कार्य करने की शक्ति मौजूद है ।

प्रश्न 2. मृदुल का क्या अर्थ है?
उतर :- कोमल

प्रश्न 3. ‘मेरे वन में मृदुल वसंत’ का क्या आशय है ?
उतर :- वन में मृदुल वसंत की तरह मेरे जीवन में भी नई-नई आशाओं का संचार हुआ है।

(2)
हरे-हरे ये पात,
डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न – मृदुल-कर
फेरूँगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर।

प्रश्न 1. कलिया किस का प्रतीक है ?
(क) जीवन का
(ख) बूंदों का
(ग) फूलों का
(घ) नवयुवकों का
उतर :- (घ) नवयुवकों का

प्रश्न 2. ‘कलियाँ कोमल’ में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?
(क) अनुप्रास
(ख) अलंकरोति
(ग) अतिशयोक्ति
(घ) वक्रोक्ति
उतर :- (क) अनुप्रास

Q3. ‘प्रत्यूष’ का क्या अर्थ है?
(क) शाम
(ख) रात
(ग) प्रात:काल
(घ) दोपहर
उतर :- (ग) प्रात:काल

(3)
पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं,
अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूँगा मैं
द्वार दिखा दूँगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनंत –
अभी न होगा मेरा अंत।

प्रश्न 1. लेखक और पाठ का नाम बताएं।
उतर :- लेखक का नाम – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, पाठ का नाम – ध्वनि

प्रश्न 2. कवि पुष्प-पुष्प से क्या खींच लेना चाहता है?
उतर :- तंद्रालस लालसा (नींद से अलसाया हुआ लालच)

प्रश्न 3. कवि नए जीवन के अमृत से किसे सींच देना चाहता है?
उतर :- पुष्पों को

प्रश्न 4. कवि पुष्पों को अनंत का द्वार क्यों दिखाना चाहता है?
उतर :- कवि पुष्पों को अनंत का द्वार इसलिए दिखाना चाहता है क्योंकि फूल खिलकर अनंत काल तक अपनी महक एवं सौंदर्य बिखेरती रहे। जीवन में आशा एवं उत्साह से भरपूर रहें। उनका जीवन फूलों के समान महक उठे।

 

Class 8 Hindi Vasant Lesson 1 ध्वनि बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

 

प्रश्न 1. ‘ध्वनि’ कविता निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई है?
(क) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(ख) वीरेन डंगवाल
(ग) महादेवी वर्मा
(घ) चंद्रकांत त्रिपाठी ‘निराला’
उतर :- (क) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

प्रश्न 2. कविता से जीवन के प्रति कवि के किस दृष्टिकोण का ज्ञान होता है?
(क) नास्तिकता
(ख) आशावादी और उत्साही
(ग) निराशा और हताशा
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर :- (ख) आशावादी और उत्साही

प्रश्न 3. अभी किसका अंत न होगा?
(क) कलियों का
(ख) प्रभाव का
(ग) कवि के जीवन का
(घ) वसंत का
उतर :- (ग) कवि के जीवन का

प्रश्न 4. ‘मृदुल-कर’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) हाथ
(ख) नाक
(ग) मुंह
(घ) गाल
उतर :- (क) हाथ

प्रश्न 5. ‘प्रत्यूष’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) दोपहर
(ख) प्रात:काल
(ग) रात
(घ) शाम
उतर :- (ख) प्रात:काल

प्रश्न 6. कवि पुष्प-पुष्प से क्या खींच लेना चाहता है?
(क) पराग
(ख) बेचैनी
(ग) तंद्रालस लालसा
(घ) दुःख
उतर :- (ग) तंद्रालस लालसा

प्रश्न 7. ‘कलियाँ’ किसका प्रतीक हैं?
(क) वसंत का
(ख) नवयुवकों का
(ग) प्रातःकाल का
(घ) स्वप्नों का
उतर :- (ख) नवयुवकों का

प्रश्न 8. कवि किसको अनंत का द्वार दिखाना चाहते हैं ?
(क) पुष्पों को
(ख) वसंत को
(ग) सपनों को
(घ) कलियों को
उतर :- (क) पुष्पों को

प्रश्न 9. किसके आगमन पर पेड़ों पर नए-नए, हरे-हरे पत्ते निकल आते हैं?
(क) कवि के
(ख) वसंत के
(ग) स्वप्नों के
(घ) बचपन के
उतर :- (ख) वसंत के

प्रश्न 10. वसंत का आगमन कहाँ हुआ है?
(क) वन रूपी जीवन में
(ख) कवि रूपी व्यक्ति में
(ग) कलियाँ रूपी स्वप्नों में
(घ) पुष्प रूपी निद्रा में
उतर :- (क) वन रूपी जीवन में

प्रश्न 11. ‘तंद्रालस’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) नींद से अलसाया हुआ
(ख) नींद से उठा हुआ
(ग) नींद से सोया हुआ
(घ) नींद से खुला हुआ
उतर :- (क) नींद से अलसाया हुआ

प्रश्न 12. ‘कलियाँ कोमल’ में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?
(क) यमक
(ख) अनुप्रास
(ग) श्लेष
(घ) उपमा
उतर :- (ख) अनुप्रास

प्रश्न 13. ‘सहर्ष’ का सही अर्थ ___________ है –
(क) शब्द सहित
(ख) ख़ुशी के साथ
(ग) साथ में
(घ) अचानक से
उतर :- (ख) ख़ुशी के साथ

प्रश्न 14. ध्वनि कविता में कितनी पंक्तियाँ हैं?
(क) 13
(ख) 12
(ग) 15
(घ) 14
उतर :- (घ) 14

प्रश्न 15. कवि नए जीवन के अमृत से किसे सींच देगा?
(क) पुष्पों को
(ख) छात्रों को
(ग) वसंत को
(घ) बादलों को
उतर :- (क) पुष्पों को

प्रश्न 16. कवि कौन-सा द्वार दिखाने की बात करता है ?
(क) सदाबहार-द्वार
(ख) परमेश्वर-द्वार
(ग) स्वर्ग-द्वार
(घ) अमरत्व-द्वार
उतर :- (घ) अमरत्व-द्वार

प्रश्न 17. ‘गात’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) वस्त्र
(ख) शरीर
(ग) मुख
(घ) गाना
उतर :- (ख) शरीर

प्रश्न 18. ‘निद्रित’ में प्रत्यय बताइए।
(क) दित
(ख) द्रित
(ग) इति
(घ) इत
उतर :- (घ) इत

प्रश्न 19. कवि खिले फूलों को कहाँ का द्वार दिखाना चाहता है?
(क) उद्यान का
(ख) उपवन का
(ग) स्वर्ग का
(घ) अनंत का
उतर :- (घ) अनंत का

प्रश्न 20. ‘निद्रित कलियों’ का भावार्थ बताइए ?
(क) अभी-अभी खिली कलियाँ
(ख) सोये हुए छोटे पुष्प
(ग) बसंत की बेटियाँ
(घ) युवा वर्ग जो कर्तव्यों के प्रति सचेत नहीं है
उतर :- (घ) युवा वर्ग जो कर्तव्यों के प्रति सचेत नहीं है

 

Class 8 Hindi ध्वनि प्रश्न और उत्तर Questions Answers

कविता से

प्रश्न 1. कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?
उत्तर – कवि को विश्वास है कि अभी उसका अंत नहीं है। उसके अंदर जीवन को जीने के लिए उत्साह प्रेरणा व ऊर्जा कूट-कूट कर भरी है। एक मनुष्य तभी स्वयं का अंत मान लेता है जब वह अपने अंदर उत्साह को कम कर देता है। परन्तु कवि के अंदर ये तीनों प्रचुर मात्रा में हैं। तो कैसे वह स्वयं का अंत मान ले। इसलिए उसका विश्वास है कि वो अभी अंत की ओर जाने वाला नहीं है।

प्रश्न 2. फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?
उत्तर – फूलों को खिलने के लिए कवि उन कोमल कलियों को जो आलस से भरी हैं और सुप्त अवस्था में पड़ी हुई हैं, अपने कोमल स्पर्श से जगाने का प्रयास करता है ताकि वो नींद से जागकर एक मनोहारी सुबह के दर्शन कर सके। अर्थात्‌ उस युवा-पीढ़ी को नींद से जगाने का प्रयास करता है जो अपने जीवन के प्रति सचेत न रहकर अपना जरुरी समय बरबाद कर रही है और वो ये सब अपनी कविता के माध्यम से करना चाहता है।

प्रश्न 3. कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?
उत्तर – कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। यहाँ कलियाँ आलस्य में पड़े युवकों का प्रतीक है। अतः कवि कहते हैं कि यहाँ जो युवा पीढ़ी आलसी और निष्क्रिय हैं उन्हें जागृत करना चाहते हैं । इन कोमल कलियों पर मैं अपने कोमल हाथ फेरूँगा अर्थात उन्हें सही दिशा में भेज दूँगा और एक नया प्रेरणा स्त्रोत दूँगा, जिससे वह जागरूक हो जाएँगे और एक सही राह पर चलेंगे।

इस जीवन में, पूरे विश्व में, और समग्र रूप से समाज में एक नया सुंदर सवेरा लाने के लिए, मैं युवा पीढ़ी को जगाऊंगा और उनमें सकारात्मकता का भाव लाऊंगा।

कविता से आगे

प्रश्न 1. वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर – वसंत को ऋतुराज इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस ऋतु में न अधिक सर्दी पड़ती है और न अधिक गर्मी। अंग्रेज़ी महीने के अनुसार ये मार्च-अप्रैल में होती है। इस ऋतु के आने पर मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं इसमें वसंत पंचमी का त्यौहार आता है और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं । अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसलिए इसे ऋतुराज कहा गया है।

प्रश्न 2. वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।
उत्तर – वसंत ऋतु में कई त्योहार मनाए जाते है, जैसे – वसंत-पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।

 

वसंत पंचमी पर निबंध

वसंत पंचमी भारत का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो फरवरी या मार्च के महीने में आता है। ये त्योहार ज्ञान की देवी सरस्वती के जन्मदिन और वसंत के मौसम की शुरुआत की खुशी में मनाया जाता है। वसंत पंचमी का त्योहार पूरी तरह से माँ सरस्वती को ही समर्पित है। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार माँ सरस्वती कला, बुद्धि और ज्ञान की देवी है। इसलिए बच्चे माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी आराधना करते हैं और सरस्वती वंदना गाकर उन्हें मनाते हैं। बसंत के मौसम में फूल, पत्तियां, फसलें पूरी तरह से खिल उठती हैं। बहुत से लोग बसंत पंचमी के दिन पतंग भी उड़ाते हैं। बसंत पंचमी हिंदू धर्म के लोगों का मौसमी त्योहार है, जो बसंत के मौसम के आगमन को दर्शाता है। वसंत का मौसम सर्दियों के जाने की और गर्मियों के आने की आहट देता है। तभी वसंत पंचमी को प्रकृति की सुंदरता का त्योहार कहा जाता है।

या

महाशिवरात्रि पर निबंध

महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है। जो फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। दरअसल, महाशिवरात्रि को भगवान शिव की महान रात या शिव की रात के रूप में जाना जाता है। इस दिन शिवभक्त एवं शिव जी में श्रद्धा रखने वाले लोग व्रत-उपवास रखते हैं और विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन ‘शिवलिंग’ की विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजा अर्चना एवं जल, दूध और शहद से अभिषेक करते है और बिल्वपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर, उम्बी आदि अर्पित करते है। कुछ लोग भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए ‘महा मृत्युंजय मंत्र’ या ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप भी करते हैं। भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय है अत: कई लोग उन्हें भांग भी चढ़ाते हैं। इस दिन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो शिव के दर्शन-पूजन कर खुद को सौभाग्यशाली मानते है। भक्त दिनभर उपवास रखकर पूजा-पाठ करने के बाद शाम के समय फलाहार करते है। महाशिवरात्रि को लेकर भगवान शिव से जुड़ी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं।
ऐसा माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा के रूद्र रूप में मध्यरात्रि को भगवान शंकर का अवतरण हुआ था। वहीं यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव कर अपना तीसरा नेत्र खोला था और ब्रह्मांड को इस नेत्र की ज्वाला से समाप्त किया था। इसके अलावा कई स्थानों पर इस दिन को भगवान शिव के विवाह से भी जोड़ा जाता है और यह माना जाता है कि इसी पावन दिन पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। 

या

होली पर निबंध

होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला भारतीय त्योहार है। यह अत्यंत प्राचीन पर्व है और साल के फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग गुलाल, अबीर और रंग एक दूसरे पर डाल कर खेलते है। ये दिन भारतवासियों के द्वारा बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन पर हम लोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, पानी-पूरी तथा दही-बढ़े आदि खाते है। होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।
दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में विष्णु की पूजा प्रतिबंधित कर रखी थी। तथा हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद विष्णु का भक्त था। वह दिन-रात भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते जो हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं था। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का आदेश दिया। लेकिन हाथी के पैरों तले कुचलने और पहाड़ से फेंककर भी जब प्रहलाद को नहीं मार सका, तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद से प्रह्लाद को जलाकर मारने की योजना बनाई।
क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता में जा बैठी परंतु प्रह्लाद भगवान विष्णु का नाम जपते रहे और भगवान की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित बच गए, जबकि वरदान प्राप्त होलिका अपनी दुष्ट इच्छाओं के चलते जलकर भस्म हो गई। बुराई पर अच्छाई की जीत की याद में तभी से ही होली का त्योहार मनाया जा रहा है।

प्रश्न 3.“ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।
उत्तर:- ऋतु परिवर्तन से मानव-जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि साल में विभिन्न ऋतुएँ बारी-बारी से आती हैं अपनी सुंदरता बिखेर कर चली जाती हैं।और ऋतु परिवर्तन से हमारा खान-पान, पहनावा तथा हमारी अनेक क्रियाकलाप भी प्रभावित होती हैं।
मुख्य ऋतुएँ और उनके प्रभाव को हम इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं
ग्रीष्म ऋतु- इस ऋतु में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ती है। इसलिए गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडी चीजें खाते और पीते हैं, जैसे कि तरबूज, खीरा, लस्सी, निम्बू पानी, छाछ, शीतल पेय आदि। सभी लोग गर्मी में हल्के तथा सूती कपड़े पहनना पसंद करते हैं।
वर्षा ऋतु– इस ऋतु में वर्षा होने से चारों ओर कीचड़ फैल जाता है। वातावरण में नमी बढ़ जाती है। रोगों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
शीत ऋतु– वहीं लोग शीत ऋतु में ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़े- कोट, शॉल, स्वेटर पहनते है। साथ ही ठंड से राहत पाने के लिए गर्म खाद्य पदार्थ खाते और पीते हैं। चाय, कॉफी, गर्म दूध तथा गर्माहट पहुँचानेवाली वस्तुओं का अधिक प्रयोग करते हैं।
वसंत ऋतु- इसे सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इस ऋतु में न अधिक सर्दी होती है और न अधिक गर्मी। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह सर्वोत्तम ऋतु है। चारों ओर फैली प्राकृतिक सुषमा मनोरम लगती है। इस मौसम में फूल, पत्तियां, फसलें पूरी तरह से खिल उठती हैं। यह सब देख मन अनायास ही प्रसन्न हो उठता है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है?
फूटे हैं आमों में बौर
भौंर वन-वन टूटे हैं।
होली मची ठौर-ठौर
सभी बंधन छूटे हैं।
उत्तर:- इस कविता की पंक्तियों में वसंत ऋतु का वर्णन किया गया है। आमों में बौर इसी ऋतु में आते हैं और इसी ऋतु में होली का त्यौहार भी मनाया जाता है।

प्रश्न 2. स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे?
उत्तर:
फूल-पौधों को हरा भरा रखने के लिए हम अनेक प्रकार का काम करना चाहेंगे जैसे-
1. फूलों-पौधों में से घास व खरपतवार साफ करेंगे।
2. पानी से सींचेगे और उन्हें मुरझाने नहीं देंगे।
3. पौधों में खाद डालेंगे।
4. इस पर भी ध्यान देंगे कि हानिकारक कीटों से फूलों और पौधों को नुकसान न हो।

प्रश्न 3. कवि अपनी कविता में एक कल्पनाशील कार्य की बात बता रहा है। अनुमान कीजिए और लिखिए कि उसके बताए कार्यों का अन्य किन-किन संदर्भों से संबंध जुड़ सकता है ? जैसे नन्हे-मुन्ने बालक को माँ जगा रही हो.।
उत्तर: – माँ नन्हे-मुन्ने बालक को जगाने के लिए उसके सर पर प्यार से हाथ फेरती है। पौधों से प्यार करने वाला व्यक्ति भी उसी प्रकार अपना स्नेह भरा हाथ फेरता है, उन्हें सींचकर हरा-भरा बनाता है। खिलते हुए फूलों को देखकर प्रसन्न होता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1. ‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे-वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है- “तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे-मन का/मनका।
ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।
उतर : –
(1) बातों-बातों – बातों-बातों में हमने सारा घर का काम कर लिया।
(2) रह-रहकर – मुझे रह-रहकर अपनी स्वर्गवासी दादी की याद आती है।
(3) लाल-लाल – सब्जी वाले की टोकरी लाल-लाल टमाटरों से भरी हुई थी।
(4) सुबह-सुबह – सुबह-सुबह तैयार होकर सभी बच्चे स्कूल चले गए ।
(5) रातों-रात – चोर रातों-रात घर का सामान लेकर चोरी करके भाग गए।
(6) घड़ी-घड़ी – घड़ी-घड़ी उठकर राधा सड़क की तरफ देखती है कि बच्चे स्कूल से आए या नहीं।

प्रश्न 2. ‘कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात’
विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमश: कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्दों से ज्ञात हो रही है।
हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए हैं- गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।
उतर :-
(i) गुणवाचक विशेषण :- अच्छा बंदर, सुंदर कार
(ii) परिमाणवाचक विशेषण :- दो गज ज़मीन, चार किलो गेहूँ
(iii) संख्यावाचक विशेषण :- चार संतरे, प्रथम स्थान
(iv) सार्वनामिक विशेषण :- यह लाल फूल है, वह तेरी फ्रांक है

कुछ करने को

प्रश्न 1. वसंत पर अनेक सुंदर कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन तैयार कीजिए।
उतर:-
जनकवि नागार्जुन की कविता
रंग-बिरंगी खिली-अधखिली
किसिम-किसिम की गंधों-स्वादों वाली ये मंजरियां
तरुण आम की डाल-डाल टहनी-टहनी पर
झूम रही हैं…
चूम रही हैं–
कुसुमाकर को! ऋतुओं के राजाधिराज को !!
इनकी इठलाहट अर्पित है छुई-मुई की लोच-लाज को !!
तरुण आम की ये मंजरियाँ…
उद्धित जग की ये किन्नरियाँ
अपने ही कोमल-कच्चे वृन्तों की मनहर सन्धि भंगिमा
अनुपल इनमें भरती जाती
ललित लास्य की लोल लहरियाँ !!
तरुण आम की ये मंजरियाँ !!
रंग-बिरंगी खिली-अधखिली…

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” की कविता
वसन्त की परी के प्रति
सखि, वसन्त आया
रँग गई पग-पग धन्य धरा
हँसी के तार के होते हैं ये बहार के दिन
अलि की गूँज चली द्रुम कुँजों
आज प्रथम गाई पिक पंचम
फूटे हैं आमों में बौर
वरद हुई शारदा जी हमारी
कूची तुम्हारी फिरी कानन में

निधि अग्रवाल की कविता
ऋतुओं का राजा वसंत,
आ गया है हरियाली लेकर।
पौधों पे नवकुसुम खिल रहे है,
और पेड़ों पर बौर लग रहे है।
हर तरफ छाई है खुशहाली,
डालों पर बोल रही हैं कोयल।
मस्त हवाओं के झोंको से,
तन मन लगा है डोलने।
मधुर-मधुर सा प्रकृति का संगीत,
सबके मन में लगा है,
मीठा सा रस घोलने।

प्रश्न 2. शब्दकोश में “वसंत” शब्द का अर्थ देखिए और लिखिए।
उतर :-
वर्ष की छः ऋतुओं में से एक ऋतु।
फूलों का गुच्छा।
संगीत में एक ताल।
संगीत में एक राग।
सौभाग्य का काल।
उन्नति का काल।

 

 

Class 8 Hindi ध्वनि अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)

प्रश्न 1. ‘अभी न होगा मेरा अंत’ यह किसका विश्वास है?
उतर – ‘अभी न होगा मेरा अंत’ यह कवि का विश्वास है।

प्रश्न 2. कवि के जीवन में अभी क्या भरा हुआ है?
उतर – कवि के जीवन में अभी उमंग और जोश भरा हुआ है।

प्रश्न 3. कवि किनके आँखों से आलसपन को हटाकर उन्हें चुस्त व फुर्तीला बना देगा?
उतर – कवि फूलों के आँखों से आलसपन को हटाकर उन्हें चुस्त व फुर्तीला बना देगा।

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों का शब्दार्थ लिखिए- मृदुल, प्रत्यूष, गात, तंद्रालस।
उतर :-
मृदुल – कोमल
प्रत्यूष – सवेरा
गात – शरीर
तंद्रालस – नींद से अलसाया हुआ

प्रश्न 5. ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में कवि पुष्पों को अनंत का द्वार क्यों दिखाना चाहता है?
उत्तर – कवि पुष्पों को अनंत का द्वार इसलिए दिखाना चाहता है ताकि पुष्प अपनी नींद में डूबे रहने की इच्छा एवं आलस्य त्याग कर अनंत समय तक अपनी खुशबू से संसार को महकाते रहें।

प्रश्न 6. ‘नवजीवन का अमृत’ से क्या अर्थ है?
उत्तर – ‘नवजीवन का अमृत’ से अर्थ है कि कवि ने अपने उत्साह के माध्यम से फूलों, पत्तियों व कलियों में नवजीवन की कल्पना की है अर्थात्‌ वह फूलों की उनींदी आँखों से आलस्य हटाकर उन्हें चुस्त व जागरूक करना चाहता है अर्थात्‌ अपने-आपको प्रत्येक कार्य हेतु सक्रिय बनाना चाहता है।

प्रश्न 7. कवि ने अपने जीवन की तुलना वसन्त से ही क्यों की है?
उत्तर – कवि ने अपने जीवन की तुलना वसन्त से इसलिए की है, क्योंकि वह महसूस करता है कि उसके जीवन में भी वसन्त का सुन्दर आगमन हुआ है अर्थात्‌ नई-नई चाह व नए उत्साह का संचार हुआ है। वह अपने उद्देश्यपूर्ण कार्यों से वसन्त की भाँति चारों ओर यश, कीर्ति और आनन्द फैलाना चाहता है।

प्रश्न 8. ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में किस आधार पर कवि अपने जीवन का अंत मानने को तैयार नहीं है?
उत्तर – कवि में आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा हुआ है। वह जीवन में मृदुल वसंत आने की बात कहकर खुद में नवयौवन के संचार होने की बात कहता है। उसको स्वयं पर दृढ़ विश्वास है कि वह कर्तव्यपरायणता व सक्रियता से विमुख नहीं होगा। इसी आधार पर वह अपने जीवन का अंत मानने को तैयार नहीं है।

प्रश्न 9. “अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत –
अभी न होगा मेरा अंत।”
उपर्युक्त पंक्तियों द्वारा कवि क्या बताना चाहते है।
उत्तर – कवि प्रकृति के द्वारा नई युवाओं की पीढ़ी को समझाना चाहते है कि वह अपने आलस को छोड़े और नए उत्साह, साहस और जोश के साथ जीवन का आनंद ले। कवि युवा पीढ़ी को जागृत करना चाहते है। प्रकृति ने फूलों की भरमार की और उनकी सुंदरता और खुशबू चारों तरफ फैली हुई है । अभी इस समय का अंत नहीं होगा, ऐसा कवि का कहना है। कवि कहते है कि यह वसंत उनके जीवन में अभी-अभी तो आया है अर्थात् जीवन में उत्साह और जोश की भरपूर क्षमता है, अभी कुछ दिन ठहरेगा अभी इसका अंत नहीं होगा। और आगे कहते है कि अभी इस चीज का अंत नहीं होगा क्योंकि अभी-अभी तो जीवन में फूलों की भरमार आई है, वसंत ऋतु खिली है, जीवन में नया उत्साह नया जोश जागा है जिसकी सहायता से युवा पीढ़ी को जागरूक करने के संकल्प को पूरा करूँगा।

प्रश्न 10. “पुष्प-पुष्प से तंद्रालस
लालसा खींच लूँगा मैं,
अपने नव जीवन का अमृत
सहर्ष सींच दूँगा मैं
द्वार दिखा दूँगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनंत –
अभी न होगा मेरा अंत।”
उपर्युक्त पंक्तियों द्वारा कवि क्या बताना चाहते है।
उत्तर – कवि प्रकृति के द्वारा निराश-हताश लोगों के जीवन को खुशियों से भरना चाहते हैं। वे कहते हैं कि मैं एक-एक फूल से आलस्य को खींच लूँगा अर्थात मैं आलस में पड़े युवकों के मन में नए जीवन का अमृत प्रसन्नता से भर दूँगा। कवि प्रकृति के द्वारा निराश-हताश लोगों के जीवन को खुशियों को भरना देना चाहते हैं। कवि खुशी-खुशी से यह कार्य करना चाहते हैं और हर युवा जाति के भीतर एक नया जोश भर देना चाहते हैं उनके आलस को दूर कर देना चाहते हैं। जिससे प्रेत्यक मानव सुखमय जीवन जी सके। अर्थात् मनुष्य को जीवन जीने कि कला सिखाना चाहते हैं ताकि वे प्रसन्नतापूवर्क अपने जीवन में आए दुखों से पार हो सके और साहसपूवर्क जीवन जी सके। कवि का यह मानना है युवा पीढ़ी अब अपने आलस को दूर कर अगर परिश्रम करेगी तो वह र्स्वग को भी पा लेगें। जो ईश्वर को प्राप्त कर लेता है उसका अंत नहीं होता। इसका अर्थ यह है जो जीवन की जो वास्तविकता का आनंद उठते हैं खुशी-खुशी हर मुश्किल से पार पाते हैं उसका अंत कभी नहीं हो सकता। कवि कहते है जब तक वो नई पीढ़ी को राह नहीं दिखा, सही दिशा ज्ञान नहीं दे देगें तब तक उनका अंत नहीं हो सकता। क्योंकि कवि अभी-अभी जीवन में यह ठाना है कि जब तक वह युवा पीढ़ी को सही राह नहीं दिखा देंगे तब तक उनका अंत नहीं होगा।

 

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