NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 टोपी Important Question Answers Lesson 18

 

Class 8 Hindi Topi Question Answers- Looking for Topi question answers for CBSE Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Book Chapter 18? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 8 हिंदी वसंत भाग 3 पुस्तक पाठ 18 के लिए टोपी प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 8 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे टोपी प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

 

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

 

Class 8 Hindi टोपी Question Answers Lesson 18 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

 

(1) एक थी गवरइया (गौरैया) और एक था गवरा (नर गौरैया)। दोनों एक दूजे के परम संगी। जहाँ जाते, जब भी जाते साथ ही जाते। साथ हँसते, साथ ही रोते, एक साथ खाते-पीते, एक साथ सोते। भिनसार होते ही खोंते से निकल पड़ते दाना चुगने और झुटपुटा होते ही खोंते में आ घुसते। थकान मिटाते और सारे दिन के देखे-सुने में हिस्सेदारी बटाते।
एक शाम गवरइया बोली, “आदमी को देखते हो? कैसे रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं! कितना फबता है उन पर कपड़ा!’’
“खाक फबता है!’’ गवरा तपाक से बोला, “कपड़ा पहन लेने के बाद तो आदमी और बदसूरत लगने लगता है।’’
“लगता है आज लटजीरा चुग गए हो?’’ गवरइया बोल पड़ी।
“कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती खूबसूरती ढँक जो जाती है।’’ गवरा बोला, ’’अब तू ही सोच! अभी तो तेरी सुघड़ काया का एक-एक कटाव मेरे सामने है, रोंवें-रोंवें की रंगत मेरी आँखों में चमक रही है।

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम और लेखक का नाम बताएं।
(क) पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी
(ख) टोपी – संजय
(ग) दादी माँ – शिवप्रसाद सिंह
(घ) कामचोर – इस्मत चुगताई
उत्तर – (ख) टोपी – संजय

प्रश्न 2. कौन एक दूसरे के परम संगी थे?
(क) गवरइया और गवरा
(ख) गवरइया और कारीगर
(ग) राजा और गवरा
(घ) गौरैया और राजा
उत्तर – (क) गवरइया और गवरा

प्रश्न 3. गवरइया और गवरा अपने घोसले में कब आते थे?
(क) दिन के समय
(ख) रात के समय
(ग) दोपहर के समय
(घ) शाम के समय
उत्तर – (घ) शाम के समय

प्रश्न 4. ‘झुटपुटा’ शब्द का अर्थ ______ है।
(क) उजाला हो
(ख) कुछ-कुछ उजाला हो
(ग) कुछ-कुछ अंधेरा हो
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (ख) कुछ-कुछ उजाला हो

प्रश्न 5. कपड़ा पहन लेने से क्या होता है?
(क) आदमी सुन्दर हो जाता है।
(ख) आदमी बदसूरत हो जाता है।
(ग) शरीर ढँक जाता है।
(घ) कुदरती खूबसूरती ढँक जाती है।
उत्तर – (घ) कुदरती खूबसूरती ढँक जाती है।

(2) “उनके सिर पर टोपी कितनी अच्छी लगती है।’’ गवरइया बोली, “मेरा भी मन टोपी पहनने का करता है।’’
“टोपी तू पाएगी कहाँ से?’’ गवरा बोला, “टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है। जानती है, एक टेापी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती। अपनी टोपी सलामत रहे, इसी फिकर में कितनों को टोपी पहनानी पडत़ी है। मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।’’ गवरा था तनिक समझदार, इसलिए शक्की।
जबकि गवरइया थी जिद्दी और धुन की पक्की। ठान लिया सो ठान लिया, उसको ही जीवन का लक्ष्य मान लिया। कहा गया है- जहाँ चाह, वहीं राह। मामूल के मुताबिक अगले दिन दोनों घूरे पर चुगने निकले। चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहा मिला।

प्रश्न 1. किसके सिर पर टोपी अच्छी लगती है?
(क) सभी लोगों पर
(ख) गवरा पर
(ग) कारीगरों पर
(घ) आदमियों के राजा पर
उत्तर – (घ) आदमियों के राजा पर

प्रश्न 2. किसको टोपी पहनने का मन करता है?
(क) गवरइया को
(ख) गवरा को
(ग) राजा को
(घ) कारीगरों को
उत्तर – (क) गवरइया को

प्रश्न 3. गवरइया का कैसी थी?
(क) अच्छी
(ख) जिद्दी और धुन की पक्की
(ग) बुरी
(घ) घमंडी
उत्तर – (ख) जिद्दी और धुन की पक्की

प्रश्न 4. चुगते-चुगते किसे रुई का एक फाहा मिला ?
(क) एक कारीगर को
(ख) सिपाही को
(ग) गवरा को
(घ) गवरइया को
उत्तर – (घ) गवरइया को

(3) धुनिए को अपनी जिंदगी में आज तक इतनी खरी मजूरी कभी न मिली थी। सोलह आने में आठ आने मजूरी तो इसके लिए सपना थी। वह झट तैयार हो गया। ‘घर्र-चों, घर्र-चों’ उसकी ताँती बज उठी। उसने बड़े मन से रुई धुनी, ’’लो इसे—।’’ उसमें से आधा धुनिया ने ले लिया और आधा गवरइया ने।
इससे उत्साहित गवरा-गवरइया एक कोरी के यहाँ गए और कहने लगे, “कोरी भइया-कोरी भइया, इस धुनी रुई से सूत कात दो।’’
कोरी की कमर झुकी हुई थी। उसने बदन पर धज्जी-धज्जी हो चुका एक धुस्सा डाल रखा था। वह बड़ी अनिच्छा से बोला, “तुम लोग यहाँ से भागते हो कि नहीं। देखते नहीं, अभी मुझे राजा जी के अचकन के लिए सूत कातने हैं। मुझे फुर्सत नहीं है मुफ्त में मल्लार गाने की।’’

प्रश्न 1. धुनिए को पहली बार इतनी मजदूरी किसने दी?
उत्तर – गवरा-गवरइया ने

प्रश्न 2. सोलह आने में आठ आने मजूरी किसके लिए सपना थी?
उत्तर – धुनिए के लिए

प्रश्न 3. ताँती एक _________ है।
उत्तर – कपडा बुनने वाला औज़ार है।

प्रश्न 4. गवरा-गवरइया कोरी के यहाँ क्यों गए?
उत्तर – रुई से सूत कातवाने

प्रश्न 5. कमर किसकी झुकी हुई थी?
उत्तर – कोरी की

(4) एक सिपाही ने गुलेल मारकर गवरइया की टोपी नीचे गिरा दी, तो दूसरे सिपाही ने झट वह टोपी लपक ली और राजा के सामने पेश कर दिया। राजा टोपी को पैरों से मसलने ही जा रहा था कि उसकी खूबसूरती देखकर दंग रह गया। कारीगरी के इस नायाब नमूने को देखकर वह जड़ हो गया – ’’मेरे राज में मेरे सिवा इतनी खूबसूरत टोपी दूसरे के पास कैसे पहुँची!’’ सोचते हुए राजा उसे उलट-पुलटकर देखने लगा।

प्रश्न 1. सिपाही ने गुलेल मारकर किसकी टोपी नीचे गिरा दी?
उत्तर – गवरइया की

प्रश्न 2. सिपाही ने टोपी को किसके सामने पेश किया?
उत्तर – राजा के

प्रश्न 3. गवरइया की टोपी कैसी थी?
उत्तर – बहुत ही खूबसूरत

 

 

Class 8 Hindi Vasant Lesson 18 टोपी बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1. ‘टोपी’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(क) संजय
(ख) रामचंद्र तिवारी
(ग) प्रेमचंद
(घ) महादेवी
उत्तर – (क) संजय

प्रश्न 2. गवरइया और गवरा दोनों एक दूजे के ________ थे?
(क) पड़ोसी
(ख) दुश्मन
(ग) परम संगी
(घ) मित्र
उत्तर – (ग) परम संगी

प्रश्न 3. ‘भिनसार’ और ‘झुटपुटा’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) भिनसार का अर्थ – प्रातः काल और झुटपुटा का अर्थ- कुछ-कुछ उजाला
(ख) भिनसार का अर्थ – दोपहर और झुटपुटा का अर्थ- शाम
(ग) भिनसार का अर्थ – सुबह और झुटपुटा का अर्थ- अंधेरा
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (क) भिनसार का अर्थ – प्रातः काल और झुटपुटा का अर्थ- कुछ-कुछ उजाला

प्रश्न 4. गवरइया का मन क्या पहनने को करता था ?
(क) टोपी
(ख) साड़ी
(ग) कपड़े
(घ) माला
उत्तर – (क) टोपी

प्रश्न 5. टोपी कौन पहनता है?
(क) राजा का मंत्री
(ख) सेनापति
(ग) मनुष्य
(घ) राजा
उत्तर – (घ) राजा

प्रश्न 6. ‘दबीज’ शब्द का सहि अर्थ _____ है?
(क) घना और मजबूत
(ख) घना और कमजोर
(ग) पतला
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) घना और मजबूत

प्रश्न 7. मादा गौरैया बहुत ही _________ थी।
(क) समझदार
(ख) जिद्दी और धुन की पक्की
(ग) अच्छी
(घ) दयालु
उत्तर – (ख) जिद्दी और धुन की पक्की

प्रश्न 8. गवरइया को रुई का फाहा कहाँ मिला ?
(क) बगीचे से
(ख) घूरे पर से
(ग) दर्जी के यहाँ से
(घ) घोंसले में
उत्तर – (ख) घूरे पर से

प्रश्न 9. गवरइया धुनिए के पास क्यों गई?
(क) मित्रता करने
(ख) रुई धुनवाने
(ग) फुंदने बनवाने
(घ) टोपी बनवाने
उत्तर – (ख) रुई धुनवाने

प्रश्न 10. निम्नलिखित में से किसने मजदूरी के लिए गवरइया से आधा रुई लिया ?
(क) कोरी ने
(ख) दर्जी ने
(ग) धुनिया ने
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) धुनिया ने

प्रश्न 11. “मैं तुम्हें पूरी उजरत दूँगी” गवरइया ने किससे कहा ?
(क) बुनकर से
(ख) दर्जी से
(ग) धनिया से
(घ) कोरी से
उत्तर – (ग) धुनिया से

प्रश्न 12. गवरा-गवरइया धुनी रुई से सूत कातवाने किसके पास गए?
(क) एक कारीगर के पास
(ख) एक दर्जी के पास
(ग) एक बुनकर के पास
(घ) एक कोरी के पास
उत्तर – (घ) एक कोरी के पास

प्रश्न 13. बुनकर किसका काम कर रहा था?
(क) राजा का
(ख) धनिया का
(ग) सिपाही का
(घ) गवरा का
उत्तर – (क) राजा का

प्रश्न 14. दर्जी ने गवरइया की टोपी में कितने फूंदने जड़ दिए ?
(क) चार
(ख) पाँच
(ग) तीन
(घ) दो
उत्तर – (ख) पाँच

प्रश्न 15. उड़ते-उड़ते गवरइया राजा के महल के ___ जा बैठी।
(क) कंगूरे पर
(ख) छत पर
(ग) सिरे पर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (क) कंगूरे पर

प्रश्न 16. राजा अपने चैबारे पर टहलुओं से खुली धूप में क्या करवा रहा था?
(क) सिर पर चंपी करवा रहा था
(ख) हाथ-पाँव दबवा रहा था
(ग) मालिश करवा रहा था
(घ) पीठ दबवा करवा रहा था
उत्तर – (ग) मालिश करवा रहा था

प्रश्न 17. दर्जी ने टोपी सिलने के बदले क्या लिया ?
(क) आधा कपड़ा लिया
(ख) एक रुपया लिया
(ग) एक टोपी ली
(घ) कुछ नहीं लिया
उत्तर – (ग) एक टोपी ली

प्रश्न 18. “साव करे भाव तो चबाव करे चाकर” किसने कहा ?
(क) धुनिया ने
(ख) बुनकर ने
(ग) दर्जी ने
(घ) राजा ने
उत्तर – (ख) बुनकर ने

प्रश्न 19. गवरइया के सिर पर फुँदनेदार टोपी देखकर किसकी अकल चकरा गई?
(क) राजा की
(ख) सिपाही की
(ग) रानी की
(घ) गवरा की
उत्तर – (क) राजा की

प्रश्न 20. किसने गुलेल मारकर मादा गौरैया की टोपी को नीचे गिरा दी?
(क) कोरी ने
(ख) धुनिया ने
(ग) राजा के सिपाही ने
(घ) राजा ने
उत्तर – (ग) राजा के सिपाही ने

 

Class 8 Hindi टोपी प्रश्न और उत्तर Questions Answers

कहानी से

प्रश्न 1. गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?
उत्तर – गवरइया और गवरा के बीच मनुष्य द्वारा पहने गए कपड़ों को लेकर बहस हुई। गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर, एक रुई का फाहा मिलने से मिला। जिससे उसने टोपी बनवाई और अपनी इच्छा पूरी की।

प्रश्न 2. गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।
उत्तर –
गवरइया – मनुष्य वस्त्र पहनकर कितने सुंदर लगते हैं।
गवरा – ख़ाक सुन्दर लगते हैं।
गवरइया – लगता है आज लटजीरा चुग गए हो?
गवारा – कपड़े पहनने से आदमी की कुदरती खूबसूरती ढक जाती है।
गवरइया – कपड़े मौसम की मार से बचने के लिए पहनता है आदमी।
गवरा – कपड़े पहन-पहन कर मनुष्य मौसम की मार सहन करने की क्षमता भी खोता जा रहा है।
गवरइया – मनुष्य नित नए कपड़े सिलवाता है, इसमें कुछ तो खास होगा।
गवरा – कुछ खास नहीं निरा पोंगापन है।
गवरइया – मुझे मनुष्य की टोपी बहुत पसंद है।
गवरा – टोपी के चक्कर में पड़कर इन्सान अपनी इंसानियत खो देता है, अतः तू इस चक्कर से अलग रह।
गवरइया – मुझे तो हर कीमत पर टोपी चाहिए।

प्रश्न 3. टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस-किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य को लिखें।
उत्तर – टोपी बनवाने के लिये गवरइया पहले धुनिया के पास रुई धुनवाने के लिए गई, फिर वह कोरी के पास तकवाने के लिये गई, इसके बाद बुनकर के पास कपड़ा बुनवाने के लिये और अंत में दर्जी के पास टोपी सिलवाने के लिये गई। तब उसकी टोपी तैयार हुई।

प्रश्न 4. गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?
उत्तर – गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने इसलिये जड़ दिए क्योंकि उसने दर्जी को मजदूरी के रूप में आधा कपड़ा दे दिया था। खुश होकर उसने टोपी को और सुन्दर बना दिया था।

कहानी से आगे

प्रश्न 1. किसी कारीगर से बातचीत कीजिए और परिश्रम का उचित मूल्य नहीं मिलने पर उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी? ज्ञात कीजिए और लिखिए।
उत्तर – यदि किसी कारीगर को उसकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिलेगा तो वह या तो कार्य को नहीं करेगा और यदि वह कार्य पूरा करने को तैयार भी हो जाएगा तो कार्य को उत्साह या मन से नहीं कर पाएगा।

प्रश्न 2. गवरइया की इच्छा पूर्ति का क्रम घूरे पर रुई के मिल जाने से प्रारंभ होता है। उसके बाद वह क्रमश: एक-एक कर कई कारीगरों के पास जाती है और उसकी टोपी तैयार होती है। आप भी अपनी कोई इच्छा चुन लीजिए। उसकी पूर्ति के लिए योजना और कार्य−विवरण तैयार कीजिए।
उत्तर – मेरी इच्छा सी.ए. बनने की है। इसके लिए मैं मन लगाकर पढ़ाई कर रहा हूँ। अध्ययन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मैंने समय-सारणी बना ली है। मै हर विषय का गहराई से अध्ययन कर रहा हूँ। जानकारी बढ़ाने के लिए ट्यूशन क्लास और इंटरनेट की मदद लेता हूँ। मुझे विश्वास है कि परीक्षा की योग्यता-सूची में मेरा स्थान अवश्य आ जाएगा। और अपने लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर कर लूंगा।

प्रश्न 3. गवरइया के स्वभाव से यह प्रमाणित होता है कि कार्य की सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता क्यों पड़ती है, तर्क सहित लिखिए।
उत्तर – किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए हमारे मन में उत्साह होना जरूरी है। उत्साह से ही हमारे मन में किसी भी कार्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है। यदि हम किसी भी कार्य को मन से नहीं करेंगे तो निश्चित ही हमें उस कार्य में सफलता नहीं मिलेगी। कोई न कोई कमी ज़रूर रह जाएगी।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. टोपी पहनकर गवरइया राजा को दिखाने क्यों पहुँची जबकि उसकी बहस गवरा से हुई और वह गवरा के मुँह से अपनी बड़ाई सुन चुकी थी। लेकिन राजा से उसकी कोई बहस हुई ही नहीं थी। फिर भी वह राजा को चुनौती देने को पहुँची। कारण का अनुमान लगाइए।
उत्तर – टोपी पहनकर गवरइया के राजा को दिखाने का मकसद गवरा को नीचा दिखाने से था। क्योंकि बहस के दौरान गवरा ने गवरइया से कहा था कि टोपी तो आदमियों के राजा पहनते हैं। गवरा के इसी बात को गलत साबित करने के लिए गवरइया टोपी पहनकर राजा के पास गई।

प्रश्न 2. यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार कैसा होता ?
उत्तर – यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर को अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य मिल रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार सामान्य होता और सबसे पहले वे राजा का काम पूरा करते ।

प्रश्न 3. चारों कारीगर राजा के लिए काम कर रहे थे। एक रजाई बना रहा था। दूसरा अचकन के लिए सूत कात रहा था। तीसरा धागा बून रहा था। चौथा राजा की सातवीं रानी की दसवीं संतान के लिए झब्बे सिल रहा था। उन चारों ने राजा का काम रोककर गवरइया का काम क्यों किया?
उत्तर – चारों कारीगर राजा का काम कर रहे थे, परन्तु राजा द्वारा उन्हें उनके श्रम का उचित मूल्य नहीं मिलता था। इसलिए कारीगरों ने राजा का काम रोककर गवरइया का काम किया क्योंकि उन लोगों को काम की वाजिब मजदूरी मिली थी जिससे वे सब खुश थे।

भाषा की बात

प्रश्न 1. गाँव की बोली में कई शब्दों का उच्चारण अलग होता है। उनकी वर्तनी भी बदल जाती है। जैसे गवरइया गौरैया का ग्रामीण उच्चारण है। उच्चारण के अनुसार इस शब्द की वर्तनी लिखी गई है। फुँदना, फुलगेंदा का बदला हुआ रूप है। कहानी में अनेक शब्द हैं जो ग्रामीण उच्चारण में लिखे गए हैं, जैसे − मुलुक-मुल्क, खमा-क्षमा, मजूरी-मजदूरी, मल्लार-मल्हार इत्यादि। आप क्षेत्रीय या गाँव की बोली में उपयोग होनेवाले कुछ ऐसे शब्दों को खोजिए और उनका मूल रूप लिखिए, जैसे − टेम-टाइम, टेसन/टिसन − स्टेशन।
उत्तर –
i) सकूल – स्कूल
ii) कम्पूटर – कम्प्यूटर
iii) टी.बी. – टी.वी.
iv) भात – चावल
v) घइला – घड़ा
vi) तरकारी – सब्जी
vii) लईकी – लड़की

प्रश्न 2. मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरश: अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे − कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए।
उत्तर –
i) टोपी उछलना :- बेइज्जत होना
ii) टोपी से ढ़ँक लेना :- इज्ज़त ढ़क लेना
iii) टोपी उछालना :- इज़्ज़त उछालना

 

Class 8 Hindi टोपी अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)

प्रश्न 1. धुनिया की आर्थिक स्थिति कैसी थी?
उत्तर – धुनिया बहुत बूढ़ा और गरीब व्यक्ति था। इतनी सर्दी में भी उसके पास तन ढकने के लिए पर्याप्त वस्त्र नहीं थे। और उसे उसकी मेहनत का उचित फल प्राप्त नहीं होता था।

प्रश्न 2. गवरइया राजा के महल के कंगूरे पर बैठकर क्या राग रटने लगी?।
उत्तर – गवरइया राजा के महल के कंगूरे पर बैठकर रटने लगी “मेरे सिर पर टोपी, राजा के सिर पर टोपी नहीं”। यह सुनकर राजा ने अपनी टोपी मँगवा कर पहन ली तो फिर वह दूसरा आलाप रटने लगी “मेरी टोपी में पाँच फुँदने, राजा की टोपी में फुँदने नहीं”।

प्रश्न 3. गवरइया ने धुनिये को काम करने के लिए किस तरह राजी किया?
उत्तर – धुनिया ने पहले गवरइया को काम करने से मना कर दिया, क्योंकि उसके पास राजा का बहुत काम था। जब गवरइया ने उससे कहा कि वह उसे काम की पूरी मजदूरी देगी । गवरइया उससे कहती है कि वह रुई को पीट कर मुलायम कर दे तो आधी रुई वह ले सकता है और आधी रुई मुझे दे देना। ऐसी मजदूरी पाकर धुनिया काम करने के लिए तुरंत तैयार हो गया। धुनिए को अपनी पूरी जिंदगी में आज तक इतनी अच्छी मजदूरी कभी न मिली थी। सोलह आने में आठ आने यानी आधी मजदूरी तो इसके लिए किसी सपने से कम नहीं थी।

प्रश्न 4. टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास जाती है? टोपी बनने तक के एक एक कार्य को लिखें।
उत्तर – टोपी बनवाने के लिए गौरैया कुल चार लोगों के पास जाती है – धुनिया, कोरी, बुनकर और दर्जी। सबसे पहले उसने धुनिया के पास जाकर रुई धुनाई, फिर कोरी के पास जाकर धुनी रुई से सूत कतवाया, उस सूत को वह बुनकर के पास लेकर गयी जहां उससे कपड़ा बनवाया और अंत में उस कपड़े को लेकर वह दर्जी के पास गयी जहां दर्जी ने उस कपड़े से गौरैया के लिए टोपी सिल दी तथा उस पर पांच फुँदने भी लगा दिए जिससे उसकी सुंदरता और भी बढ़ गयी।

प्रश्न 5. राजा गवरइया की टोपी को पैरों तले मसलने से पहले रुक क्यों गया?
उत्तर – जैसे ही राजा के सामने गवरइया की टोपी को लाया गया। राजा गुस्से से टोपी को अपने पैरों से मसलने ही जा रहा था कि उस टोपी की खूबसूरती देखकर राजा हैरान रह गया। कारीगरी की इस बहुमूल्य बनावट को देखकर कुछ समय के लिए अपनी जगह पर ही जम गया। राजा उस टोपी को उठा कर पलट-पलट कर देखने लगा और सोचने लगा कि आखिर उसके राज में कोई उससे ज्यादा सुंदर टोपी कैसे किसी के पास हो सकती है।

 

 

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