CBSE Class 12 Hindi Aroh Bhag 2 Book Chapter 5 Usha Question Answers
Usha Class 12 – CBSE Class 12 Hindi Aroh Bhag-2 Chapter 5 Usha Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter, extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions.
सीबीएसई कक्षा 12 हिंदी आरोह भाग-2 पुस्तक पाठ 5 उषा प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है।
Also See : उषा पाठ सार, व्याख्या Class 12 Chapter 5
पाठ्यपुस्तक पर आधारित प्रश्न – Textbook Based Questions
प्रश्न 1 – कविता के किन उपमानों को देखकर यह कहा जा सकता है कि ‘उषा’ कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्द-चित्र है।
उत्तर – कवि को प्रभात का समय नीले शंख की तरह सुंदर व् पवित्र लगता है। उसे भोर का समय राख से लीपे हुए गीले चौके के समान प्रतीत होता है। धीरे-धीरे बढ़ता समय लाल केसर से धोए हुए सिल-सा लगता है। किसी बच्चे के स्लेट पर लाल खड़िया मलने जैसा भी प्रतीत होता है। ये सभी उपमान गाँव के वातावरण व् गाँव से संबंधित हैं। साथ ही साथ नील आकाश में जब सूर्य पूरी तरह उदय होता है तो ऐसा लगता है जैसे नीले जल में किसी युवती का गोरा शरीर झिलमिला रहा है। सूर्य के उदय होते ही उषा का पल-पल बिखरता जादू भी समाप्त हो जाता है। इन उपमानों को देखकर यह कहा जा सकता है कि उषा कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्द चित्र है।
प्रश्न 2 –
भोर का नभ
राख से लीपा हुआ चौका
(अभी गीला पड़ा है)
नयी कविता में कोष्ठक, विराम-चिह्नों और पंक्तियों के बीच का स्थान भी कविता को अर्थ देता हैं। उपर्युक्त पंक्तियों में कोष्टकों से कविता में विशेष अर्थ पैदा हुआ है? समझाइय।
उत्तर – कविता में नए-नए प्रयोगों से स्वयं को अन्य कवियों से अलग दिखाने व् कविता को प्रभावशाली बनाने के लिए अथवा अपनी बात को अच्छे से स्पष्ट करने के लिए कविता में नए कवियों द्वारा विराम चिह्नों, पंक्तियों के बीच का स्थान और कोष्ठक आदि का प्रयोग किया जाता है। कोष्ठकों में दी गई सामग्री मुख्य सामग्री से संबंधित होती है तथा वह कवि के कथन को स्पष्टता प्रदान करती है। उपरोक्त पंक्तियों में (अभी गीला पड़ा है) वाक्य कोष्ठक में दिया गया है जो भोर के वातावरण की नमी को, राख से लीपे हुए गीले चौके की नमी और उसकी पवित्रता से जोड़ता है। कहने का अभिप्राय यह है कि कोष्ठक से पहले के वाक्य से काम की पूर्णता का पता तो चल जाता है, परंतु कभी-कभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाती। कोष्ठक में कथन अधिक प्रभावशाली बन जाता है।
उषा कविता पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न – (Important Question Answers)
प्रश्न 1 – ‘उषा’ कविता में कवि ने सूर्योदय से पहले का कैसा वर्णन किया है?
उत्तर – ‘उषा’ कविता में कवि सूर्योदय का मनोहारी वर्णन करते हुए कहता है कि प्रातः कालीन अर्थात सुबह सूर्योदय से पहले के समय का आकाश बहुत गहरा नीला दिखाई दे रहा है। जो कवि को किसी नीले शंख के समान प्रतीत हो रहा है कहने का आशय यह है कि कवि को सूर्योदय से पहले का आकाश किसी नील शंख के सामान पवित्र व सुंदर दिखाई दे रहा हैं।
प्रश्न 2 – उषा कविता में किए गए भोर का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर – धीरे-धीरे सुबह का आसमान कवि को ऐसा लगने लगता है जैसे किसी ने राख से चौका लीपा हो अर्थात आसमान धीरे-धीरे गहरे नीले रंग से राख के रंग यानी गहरा स्लेटी होने लगता है। और सुबह वातावरण में नमी होने के कारण कवि को वह गहरे स्लेटी रंग का आकाश ऐसा प्रतीत होता है जैसे राख से किसी ने चौके यानी खाना बनाने की जगह को लीप दिया हो, जिस कारण वो अभी भी गीला है। कहने का अभिप्राय यह है कि प्रात:काल में ओस की नमी होती है। गीले चौके में भी नमी होती है। अत: नीले नभ को गीला बताया गया है। साथ ही प्रातः कालीन वातावरण की नमी ने सुबह के वातावरण को किसी शंख की भांति और भी सुंदर, निर्मल व पवित्र बना दिया है।
प्रश्न 3 – जब सूर्योदय होने लगता है तो आकाश में फैली हलकी लालिमा की तुलना कवि ने किससे की है?
उत्तर – जब सूर्योदय होने लगता है तो हलकी लालिमा आकाश में फैल जाती है। उस दृश्य को देखकर ऐसा लगता है जैसे काली रंग की सिल अर्थात मसाला पीसने के काले पत्थर को लाल केसर से धो दिया गया है। यहाँ कवि ने काली सिल को अँधेरे के समान तथा सूरज की लालिमा को केसर के समान बताया है। एक और उदाहरण देते हुए कवि कहते हैं कि सुबह के समय आकाश ऐसा लगता है मानो किसी बच्चे की काली स्लेट पर किसी ने लाल खड़िया मिट्टी (चिह्न बनाने के काम आने वाली मिट्टी) मल दी हो। यहाँ कवि ने अँधेरे को काली स्लेट के समान व सुबह की लालिमा को लाल खड़िया मिट्टी के समान बताया है।
प्रश्न 4 – कवि द्वारा किए गए सूर्योदय के वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – कवि सूर्योदय के बाद का वर्णन करते हुए कहते है कि सूरज की किरणें सूर्योदय के समय ऐसे प्रतीत हो रही है जैसे किसी युवती की सुंदर गोरी काया अर्थात शरीर साफ़ नीले जल में झिलमिला रहा हो। कहने का अभिप्राय यह है कि धीमी हवा व नमी के कारण सूर्य का प्रतिबिंब नील आकाश में हिलता-सा प्रतीत होता है। यहाँ पर कवि ने नीले आकाश की तुलना नीले जल से और सूरज की किरणों की तुलना युवती की सुंदर गोरी काया अर्थात शरीर से की है।
प्रश्न 5 – प्रात: कालीन आकाश का जादू कब और कैसे खत्म होता है
उत्तर – कवि आगे कहते हैं कि कुछ समय बाद जब सूर्योदय हो जाता है अर्थात जब सूर्य पूरी तरह से आकाश में निकल आता है तब उषा यानी ब्रह्म वेला का हर पल बदलता सौंदर्य एकदम समाप्त हो जाता है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रात: कालीन आकाश का जादू भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि सूर्योदय से पहले आकाश में जो बदलाव होते हैं वे सूर्योदय होने पर समाप्त हो जाते हैं।
सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1 –
प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसे
भोर का नभ
राख से लिपा चौका
(अभी गिला पडा है)
बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से
कि जैसे धुल गई हो
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
मल दी हो किसी ने
प्रश्न 1 – ‘शंख जैसे’ में कौन सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर – (ख) उपमा अलंकार
प्रश्न 2 – प्रात:कालीन आकाश की तुलना किससे की गई हैं?
(क) शंख से
(ख) चौके से
(ग) गिले चौके से
(घ) नीले शंख से
उत्तर – (घ) नीले शंख से
प्रश्न 3 – “काली सिल” में कौन सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर – (क) अनुप्रास अलंकार
प्रश्न 4 – “स्लेट पर या लाल खड़िया चाक मल दी हो किसी ने” पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर – (घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
प्रश्न 5 – पद्यांश में कवि ने अँधेरे व् सूरज की लालिमा की तुलना किससे की है?
(क) काली सिल को अँधेरे के समान तथा सूरज की लालिमा को केसर के समान
(ख) अँधेरे को काली स्लेट के समान व सुबह की लालिमा को लाल खड़िया मिट्टी के समान
(ग) केवल (ख)
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों
2 –
नील जल में या किसी की
गौर झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो।
और …….
जादू टूटता हैं इस उषा का अब
सूर्योदय हो रहा हैं।
प्रश्न 1 – ‘नील जल’ ‘हिल रही हो।’ में कौन सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर – (घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
प्रश्न 2 – गौरी झिलमिल देह की समानता किससे की गई हैं?
(क) सुबह के सूर्य से
(ख) दोपहर के सूर्य से
(ग) शाम के सूर्य से
(घ) सूर्यास्त होते सूर्य से
उत्तर – (क) सुबह के सूर्य से
प्रश्न 3 – पद्यांश में नीले आकाश की तुलना किससे की गई है?
(क) तालाब के जल से
(ख) नदी के जल से
(ग) नीले जल से
(घ) नीले समुद्र से
उत्तर – (ग) नीले जल से
प्रश्न 4 – पद्यांश में सूरज की किरणों की तुलना किससे की गई है?
(क) युवती की सुंदर गोरी काया अर्थात शरीर से
(ख) सूर्य की सुंदर गोरी काया से
(ग) बालिका की सुंदर गोरी काया अर्थात शरीर से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) युवती की सुंदर गोरी काया अर्थात शरीर से
प्रश्न 5 – उषा का जादू कब टूटता हैं?
(क) सूर्य के अस्त होते ही
(ख) सूर्य के उदय से पहले ही
(ग) सूर्य के उदय होते ही
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) सूर्य के उदय होते ही
उषा कविता पर आधारित कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)
प्रश्न 1 – उषा कविता किसका गतिशील चित्र है?
(क) शहर की सुबह का
(ख) गांव की सुबह का
(ग) गांव की शाम का
(घ) गांव की उषा का
उत्तर – (ख) गांव की सुबह का
प्रश्न 2 – भोर से क्या आशय है?
(क) सवेरे का समय
(ख) शाम से ठीक पहले का समय
(ग) सवेरे से ठीक पहले का समय
(घ) सवेरे से ठीक बाद का समय
उत्तर – (ग) सवेरे से ठीक पहले का समय
प्रश्न 3 – उषा दिन के किस समय को कहा जाता है?
(क) प्रातः कालीन
(ख) सांय कालीन
(ग) दोपहर से पहले
(घ) रात्रि के बाद
उत्तर – (क) प्रातः कालीन
प्रश्न 4 – कवि को प्रातः काल का आकाश किसके समान प्रतीत हो रहा है?
(क) शंख के समान
(ख) नीले शंख के समान
(ग) नीले तालाब के समान
(घ) राख के समान
उत्तर – (ख) नीले शंख के समान
प्रश्न 5 – प्रातः कालीन नमी को कवि ने किस प्रकार प्रदर्शित किया है?|
(क) राख से लिपे चौके के रूप में
(ख) राख से लिपे चूल्हे के रूप में
(ग) राख से लिपे द्वार के रूप में
(घ) राख से लिपे आंगन के रूप में
उत्तर – (क) राख से लिपे चौके के रूप में
प्रश्न 6 – उषा का जादू कब खत्म हो जाता है?
(क) सूर्य के उदय होने से पहले
(ख) सूर्य के अस्त होने के बाद
(ग) सूर्य के उदय होने के बाद
(घ) सूर्य के अस्त होने से पहले
उत्तर – (ग) सूर्य के उदय होने के बाद
प्रश्न 7 – काली सिल पर क्या मलने की बात कही गई है?
(क) पीला केसर
(ख) केसर
(ग) सफेद केसर
(घ) लाल केसर
उत्तर – (घ) लाल केसर
प्रश्न 8 – नीले जल के समान किसे बताया गया है?
(क) सूर्योदय के बाद का नीला आकाश
(ख) सूर्योदय के बाद का भूरा आकाश
(ग) सूर्योदय के बाद का लालिमा भरा आकाश
(घ) सूर्योदय के बाद का काला आकाश
उत्तर – (क) सूर्योदय के बाद का नीला आकाश
प्रश्न 9 – उषा कविता में सूरज की किरणों की तुलना किससे की हैं?
(क) राख से लिपे चौके से
(ख) नील शंख से
(ग) नीले जल से
(घ) युवती की गोरी देह से
उत्तर – (घ) युवती की गोरी देह से
प्रश्न 10 – उषाकाल में हो रहे परिवर्तनों को कवि ने किसके माध्यम से दिखाया है?
(क) ग्रामीण उदाहरणों के माध्यम से
(ख) ग्रामीण दृष्टिकोण के माध्यम से
(ग) ग्रामीण उपमानों के माध्यम से
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) ग्रामीण उपमानों के माध्यम से
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