Chhota Mera Khet Bagulon ke Pankh Question Answers

 

CBSE Class 12 Hindi Aroh Bhag 2 Book Chapter 9 Chhota Mera Khet, Bagulon ke Pankh Question Answers

  

Chhota Mera Khet, Bagulon ke Pankh Class 12 – CBSE Class 12 Hindi Aroh Bhag-2 Chapter 9 Chhota Mera Khet, Bagulon ke Pankh Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter, extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions.

सीबीएसई कक्षा 12 हिंदी आरोह भाग-2 पुस्तक पाठ 9 में उमाशंकर जोशी द्वारा रचित  दो  कविताएँ छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है।

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छोटा मेरा खेत व् बगुलों के पंख कविता के पाठ्यपुस्तक पर आधारित प्रश्न – Textbook Based Questions

 

प्रश्न 1 – छोटे चौकोने खेत की कागज़ का पना कहने में क्या अर्ध निहित है?
उत्तर – जिस तरीके से खेत पर किसान खेती करता है, ठीक उसी तरह पन्ने पर कवि कविता लिखता है। इसलिए कवि पन्ने को खेत कह रहा है। कवि ने कवि कर्म अर्थात कविता निर्माण को खेत में बीज रोपने की तरह माना है। इसके माध्यम से कवि यह बताना चाहता है कि कविता की रचना करना कोई सरल कार्य नहीं है। क्योंकि जिस प्रकार खेत में बीज बोने से लेकर फ़सल काटने तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, ठीक उसी प्रकार कविता की रचना करने के लिए अनेक प्रकार के कठिन कार्य करने पड़ते हैं और अनेक भावनात्मक विचारों को झेलना पड़ता है।

प्रश्न 2 – रचना के संदर्भ में ‘अंधड़’ और ‘बीज’ क्या है?
उत्तर – रचना के संदर्भ में ‘अंधड़’ का अर्थ है – भावनात्मक आवेग और ‘बीज’ का अर्थ है – विचार व अभिव्यक्ति। जब कवि के विचार कल्पना का सहारा लेते हैं तब शब्दों के अंकुर फूटने से कवि के विचार रचना का रूप ले लेते है।

प्रश्न 3 – ‘रस का अक्षय पात्र’ से कवि ने रचना कर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?
उत्तर – अक्षय का अर्थ होता है – कभी नष्ट न होने वाला। कविता का रस इसी तरह का होता है। कवि की रचना से मिलने वाले रस अर्थात आनंद को कोई जितना भी लूट ले वह कभी भी समाप्त होने वाला नहीं है, वह तो लगातार बढ़ता जाता है। खेत का अनाज तो खत्म हो सकता है, लेकिन काव्य का रस कभी खत्म नहीं होता। कविता रूपी रस अनंतकाल तक बहता है। कविता रूपी अक्षय पात्र हमेशा भरा रहता है।

प्रश्न 4 – व्याख्या करें –
शब्द के अंकुर फूटे
पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।
रोपाई क्षण की,
कटाई अनंतता की
लुटते रहने से ज़रा भी नहीं कम होती।
उत्तर – कवि कहना चाहता है कि जिस प्रकार खेती में बीज विकसित होकर पौधे का रूप धारण कर लेता है और पत्तों व फूलों से लदकर झुक जाता है। ठीक उसी प्रकर जब कवि के विचार कल्पना का सहारा लेते हैं तब शब्दों के अंकुर फूटने से कवि के विचार रचना का रूप ले लेते है।
कवि कहता है कि कवि ने अपनी रचना को पल भर में रचा था, परंतु उससे मिलने वाला फल अर्थात आनंद लंबे समय तक मिलता रहता है। कवि की रचना से मिलने वाले रस अर्थात आनंद को कोई जितना भी लूट ले वह कभी भी समाप्त होने वाला नहीं है, वह तो लगातार बढ़ता जाता है। कवि कहता है कि उनका कविता रूपी खेत छोटा-सा है, परन्तु उसके रस का पात्र हमेशा भरा रहने वाला है अर्थात कभी समाप्त होने वाला नहीं है।

 

सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

  

छोटा मेरा खेत कविता पर आधारित पठित पद्यांश –

1
छोटा मोरा खेत चौकोना
कागज़ का एक पन्ना,
कोई अंधड़ कहीं से आया
क्षण का बीज बहाँ बोया गया ।
कल्पना के रसायनों को पी
बीज गल गया नि:शेष;
शब्द के अंकुर फूटे,
पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।  

प्रश्न 1 – कवि ने कागज़ की तुलना किससे की है?
(क) विचार
(ख) मन
(ग) खेत
(घ) कविता
उत्तर – (ग) खेत 

प्रश्न 2 –  ‘छोटा मेरा खेत चौकोना’ में कौन सा अलंकार है।
(क) रूपक अलंकार
(ख) श्लेष अलंकार
(ग) मानवीकरण अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तर – (क) रूपक अलंकार 

प्रश्न 3 – ‘गल गया’, ‘पल्लव-पुष्प’ में कौन सा अलंकार है।
(क) रूपक अलंकार
(ख) श्लेष अलंकार
(ग) मानवीकरण अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर – (घ) अनुप्रास अलंकार 

प्रश्न 4 – खेत अगर कागज है तो बीज क्षण का विचार, फिर पल्लव-पुष्प क्या हैं।
(क) रसायन
(ख) फल
(ग) कविता
(घ) तूफान
उत्तर – (ग) कविता

प्रश्न 5 – प्रस्तुत पद्यांश में कवि कर्म की तुलना किस कर्म से की गई है?
(क) कृषि कर्म
(ख) लेखन कर्म
(ग) व्यावसाय कर्म
(घ) निमित कर्म
उत्तर – (क) कृषि कर्म

 

बगुलों के पंख कविता पर आधारित पठित पद्यांश –

1
नभ में पाँती-बाँधे बगुलों के पंख,
चुराए लिए जातीं वे मेरा आँखे।
कजरारे बादलों की छाई नभ छाया,
तैरती साँझ की सतेज श्वेत  काया
हौले-हौले जाती मुझे बाँध निज माया से।
उसे कोई तनिक रोक रक्खो।
वह तो चुराए लिए जाती मेरी आँखे
नभ में पाँती-बँधी बगुलों के पाँखें

प्रश्न 1 – कवि किस दृश्य पर मुग्ध हैं?
(क) प्रकृति के मनमोहक दृश्य पर
(ख) आकाश में छाए काले बादलों पर
(ग) आकाश में उड़ते बगुलों की पंक्ति पर
(घ) अपनी कविता पर
उत्तर – (ग) आकाश में उड़ते बगुलों की पंक्ति पर

प्रश्न 2 – ‘कजरारे बादलों की छाई नभ छाया’ में कौन सा अलंकार है?
(क) श्लेष अलंकार
(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर – (ख) उत्प्रेक्षा अलंकार

प्रश्न 3 –  ‘हौले-हौले’ में कौन सा अलंकार है?
(क) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
(ख) श्लेष अलंकार
(ग) अनुप्रास अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तर – (क) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

प्रश्न 4 –  कवि के मन-प्राणों को किसने बाँध लिया है?
(क) आकाश में काले-काले बादलों की छाया ने
(ख) आकाश में काले-काले बादलों की छाया में उड़ते सफेद बगुलों की पंक्ति ने
(ग) उड़ते सफेद बगुलों की पंक्ति ने
(घ) प्रकृति के मनमोहक दृश्यों ने
उत्तर – (ख) आकाश में काले-काले बादलों की छाया में उड़ते सफेद बगुलों की पंक्ति ने

प्रश्न 5 – ‘तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया’ में कौन सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) मानवीकरण अलंकार
(घ) उत्प्रेक्षा अलंकार
उत्तर – (ग) मानवीकरण अलंकार

 

छोटा मेरा खेत व् बगुलों के पंख कविता पर आधारित अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर – (Important Question Answers)

 

प्रश्न 1 – कवि कागज के पन्ने को खेत क्यों कहता है?
उत्तर – कवि को कागज का पन्ना किसी चार कोने के खेत की तरह लगता है। क्योंकि जिस तरीके से खेत पर किसान खेती करता है, ठीक उसी तरह पन्ने पर कवि कविता लिखता है। इसलिए कवि पन्ने को खेत कह रहा है।

प्रश्न 2 – कवि के विचार रचना का रूप कैसे ले लेते है?
उत्तर – कवि के मन में कहीं से कोई भावनात्मक तूफान आया और उसके मन में विचार नामक बीज बोकर चला गया। वह विचार नामक बीज कवि के कल्पना नामक सभी रसायनों को पी जाता है और जिस प्रकार रसायनों को पी कर बीज गल जाता है और अंकुरित हो जाता है ठीक उसी प्रकार से कवि के मन का विचार कवि की कल्पनाओं के माध्यम से कागज पर अंकित हो जाता है। जिस प्रकार खेती में बीज विकसित होकर पौधे का रूप धारण कर लेता है और पत्तों व फूलों से लदकर झुक जाता है। ठीक उसी प्रकर जब कवि के विचार कल्पना का सहारा लेते हैं तब शब्दों के अंकुर फूटने से कवि के विचार रचना का रूप ले लेते है।

प्रश्न 3 – जब पन्ने रूपी खेत में कविता रूपी फल उत्पन्न हो जाता है तो क्या होता है?
उत्तर – जब पन्ने रूपी खेत में कविता रूपी फल झूमने लगता है तो उससे अद्भुत रस की अनेक धाराएँ फूट पड़ती हैं जो अमृत की तरह लगती हैं। कवि ने अपनी रचना को पल भर में रचा था, परंतु उससे मिलने वाला फल अर्थात आनंद लंबे समय तक मिलता रहता है। कवि की रचना से मिलने वाले रस अर्थात आनंद को कोई जितना भी लूट ले वह कभी भी समाप्त होने वाला नहीं है, वह तो लगातार बढ़ता जाता है। कवि का कविता रूपी खेत छोटा-सा है, परन्तु उसके रस का पात्र हमेशा भरा रहने वाला है अर्थात कभी समाप्त होने वाला नहीं है।

प्रश्न 4 – कौन सा दृश्य कवि की आँखों को चुरा ले जाता है?
उत्तर – कवि आकाश में छाए काले बादलों में पंक्ति बनाकर उड़ते हुए बगुलों के सुंदर पंखों को देखता है। यह दृश्य कवि की आँखों को चुरा ले जाता है अर्थात कवि को यह दृश्य अत्यधिक मनमोहक लगता है।

प्रश्न 5 – कवि को बगुलों की पंक्ति आकाश में कैसी प्रतीत हो रही है?
उत्तर – काले बादल आकाश पर किसी छाया अर्थात परछाई की तरह छाए हुए हैं और बगुलों की पंक्ति आकाश में ऐसी प्रतीत हो रही है जैसे सायंकाल में चमकीला सफेद शरीर काले बादल भरे आकाश में तैर रहा हो।

प्रश्न 6 – कवि क्यों चाहता है कि मनमोहक दृश्य को कोई लुप्त होने से रोक लें?
उत्तर – आकाश में छाए काले बादलों में पंक्ति बनाकर उड़ते हुए बगुलों का दृश्य कवि को इतना मनमोहक लगता है कि उन्हें महसूस होता है कि अपने जादू से यह दृश्य उन्हें  धीरे-धीरे अपने साथ बाँध रहा है। बगुलों की पंक्ति उड़ते-उड़ते दूर जा रही है और मनोहक दृश्य कवि की आँखों से ओझल हो रहा है इस कारण कवि कहता है कि कोई इस मनमोहक दृश्य को लुप्त होने से रोक लें। इस आकर्षक दृश्य का कवि पर इतना प्रभाव पड़ा है कि आकाश में उड़तें पंक्तिबद्ध बगुलों के पंखों में कवि की आँखें अटककर रह जाती हैं। अर्थात कवि बगुलों की उस पंक्ति से अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा है।

 

छोटा मेरा खेत व् बगुलों के पंख कविता पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)

 

 प्रश्न 1 – कवि को कागज का पन्ना किसकी तरह लगता है?
(क) किसी खेत की तरह
(ख) किसी चार कोने के खेत की तरह
(ग) किसी पुराने खत की तरह
(घ) किसी चार कोने के खत की तरह
उत्तर – (ख) किसी चार कोने के खेत की तरह

 प्रश्न 2 – कवि के मन में कैसा तूफान आया?
(क) भावनात्मक
(ख) सकारात्मक
(ग) नकारात्मक
(घ) कल्पनात्मक
उत्तर – (क) भावनात्मक 

प्रश्न 3 – कवि के मन का विचार किसके माध्यम से कागज पर अंकित हो जाता है?
(क) कवि की इच्छाओं के माध्यम से
(ख) कवि की भावनाओं के माध्यम से
(ग) कवि की कल्पनाओं के माध्यम से
(घ) कवि की सूचनाओं के माध्यम से
उत्तर – (ग) कवि की कल्पनाओं के माध्यम से 

प्रश्न 4 – अद्भुत रस की अनेक धाराएँ कब फूट पड़ती हैं?
(क) जब पन्ने रूपी खेत में कविता रूपी फल झूमने लगता है
(ख) जब पन्ने रूपी खेत में कविता लिखी जाती है
(ग) जब पन्ने रूपी खेत में मिठास रूपी फल झूमने लगता है
(घ) जब खेत में फसल झूमने लगती है
उत्तर – (क) जब पन्ने रूपी खेत में कविता रूपी फल झूमने लगता है

प्रश्न 5 – अद्भुत रस की धाराएँ किसकी तरह लगती हैं?
(क) दूध की तरह
(ख) पानी की तरह
(ग) विष की तरह
(घ) अमृत की तरह
उत्तर – (घ) अमृत की तरह 

प्रश्न 6 –  किसके रस का पात्र हमेशा भरा रहने वाला है?
(क) कवि की रचना का
(ख) कवि की माया का
(ग) कवि की कल्पनाओं का
(घ) कवि की भावनाओं का
उत्तर – (क) कवि की रचना का

प्रश्न 7 – कवि काले बादलों से भरे आकाश में क्या देखता है?
(क) पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद पंछियों को
(ख) पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद चिड़ियों को
(ग) पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद बगुलों को
(घ) पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद हंसों को
उत्तर – (ग) पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद बगुलों को

प्रश्न 8 – पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद बगुलें काले बादलों के ऊपर किसके समान प्रतीत होते हैं?
(क) तैरती हुई सांयकाल की श्वेत काया के
(ख) तैरती हुई सांयकाल की श्याम काया के
(ग) तैरती हुई सांयकाल की पीत काया के
(घ) तैरती हुई सूर्योदय की श्वेत काया के
उत्तर – (क) तैरती हुई सांयकाल की श्वेत काया के

 

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