CBSE Class 12 Hindi Chapter 2 Patang (पतंग) Question Answers (Important) from Aroh Book
Patang Class 12 – CBSE Class 12 Hindi Aroh Bhag-2 Chapter 2 Patang Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter, extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions.
सीबीएसई कक्षा 12 हिंदी आरोह भाग-2 पुस्तक पाठ 2 पतंग प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है।
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पाठ्यपुस्तक पर आधारित प्रश्न – Textbook Based Questions
प्रश्न 1 – ‘सबसे तेज बौछारें गयीं, भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया हैं, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर – इस कविता में कवि ने प्राकृतिक वातावरण का अत्यंत सुंदर वर्णन किया है। सावन महीने में तेज बौछारों के तथा भादों माह के समाप्त होने पर शरद माह का समय आता है। इस माह में प्रकृति में निम्नलिखित परिवर्तन दिखाई देते हैं-
शरद ऋतु के आते ही आसमान एकदम साफ, स्वच्छ व निर्मल हो जाता हैं।
शरद ऋतु में सुबह के समय आकाश में छाई हुई लालिमा खरगोश की आँखों की भांति लाल दिखाई देती हैं।
शरद ऋतु में मौसम एकदम सुहाना हो जाता है जिसे देखकर बच्चों के समूह पतंग उड़ाने के लिए अपने घरों से बाहर निकल आते हैं।
शरद ऋतु में धूप चमकीली होती है।
फूलों पर तितलियाँ मँडराती दिखाई देती हैं।
प्रश्न 2 – सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हलकी और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया गया है?
उत्तर – कवि ने पतंग के लिए सबसे हलकी और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग किया है। कवि इन विशेषणों के माध्यम से पतंग की विशेषता बताना चाहता है। पतंग को हलके कागज़ और सबसे पतली कमानी से इसलिए बनाया जाता है ताकी पतंग को बच्चे आसानी से ऊंचाइयों तक पहुँचा सकें। पतंग में रंगीन कागज़ का प्रयोग बच्चों को आकर्षित करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 3 – बिंब स्पष्ट करें –
सबसे तेज़ बौछारें गयीं। भादो गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतग उड़ाने वाले बच्चों के झुड को
चमकील इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके
उत्तर – इस पद्यांश में कवि ने निम्नलिखित दृश्य बिंबों को उकेरा है –
तेज बौछारें – गतिशील दृश्य बिंब।
सवेरा हुआ – स्थिर दृश्य बिंब।
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा – स्थिर दृश्य बिंब।
पुलों को पार करते हुए – गतिशील दृश्य बिंब।
अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए – गतिशील दृश्य बिंब।
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से – श्रव्य बिंब।
चमकीले इशारों से बुलाते हुए – गतिशील दृश्य बिंब।
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए – स्पर्श दृश्य बिंब।
पतंग ऊपर उठ सके – गतिशील दृश्य बिंब।
प्रश्न 4 – जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास – कपास के बारे में सोचें कि कयास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता हैं?
उत्तर – कपास व बच्चों के मध्य गहरा संबंध है। जिस तरह कपास मुलायम, शुद्ध और सफेद होती हैं। ठीक उसी प्रकार बच्चे भी जन्म से ही अपने साथ निर्मलता, कोमलता लेकर आते हैं अर्थात बच्चों का मन व भावनाएं भी स्वच्छ, कोमल और पवित्र होती हैं। जिस प्रकार कपास में चोट सहने की क्षमता होती है। उसी प्रकार बच्चों का शरीर भी हलका व मुलायम होता है। जिस कारण वे भी चोट को आसानी से सहन कर जाते हैं।
प्रश्न 5 – पतगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं – बच्चों का उड़ान से कैसा सबध बनता हैं?
उत्तर – पतंग उड़ाते बच्चों को देखकर ऐसा लगता है जैसे पतंग के साथ-साथ वो भी खुद भी उड़ रहे हो। कहने का अभिप्राय यह है कि बच्चे अपनी कल्पनाओं व् भावनाओं को पतंग के सहारे ऊंचाइयों तक पहुंचा देते हैं। पतंग बच्चों की कोमल भावनाओं को दर्शाता है। पतंग उड़ाते समय बच्चे अत्यधिक उत्साहित होते हैं। वह भी पतंग की भांति आसमान की ऊँचाइयों को छूना चाहतें हैं।
प्रश्न 6 – निम्नलिखित पंक्तियों को पढकर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
(क) छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं की मृदंग की तरह बजाते हुए
(ख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से
और बच जाते हैं तब तो
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।
* दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य हैं?
उत्तर – दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का तात्पर्य यह है कि पतंग उड़ाते समय बच्चों का शोर भी चारों दिशाओं में गूँजता है। साथ ही साथ ऊँची दीवारों से छतों पर कूदते समय बच्चों के पैरों की ध्वनि से जो संगीत उत्पन्न होता है। वह संगीत कवि को मृदंग की ध्वनि की तरह लगता है।
* जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती हैं?
उत्तर – जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए छत कठोर नहीं लगती। इसका कारण यह है कि जब पतंग उड़ाई जाती है तो इस समय सारा ध्यान पतंग पर ही होता है, कूदते हुए छत की कठोरता का अहसास नहीं होता।
* खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं?
उत्तर – खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद हम अपने अंदर के डर को खत्म होता देखते हैं। हम ज्यादा भय-हीन हो जाते हैं अर्थात हमारे अंदर आत्मविश्वास और अधिक बढ़ जाता है। हमारे अंदर अत्यधिक उत्साह, साहस व निडरता का भाव आ जाता है।
पतंग कविता पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न – (Important Question Answers)
प्रश्न 1 – शरद ऋतु कब आती है?
उत्तर – सावन के महीने में आने वाली तेज़ बारिशें जब चली जाती हैं और भादो का महीना भी बीत जाता है। उसके बाद शरद ऋतु आती है।
प्रश्न 2 – कवि ने शरद ऋतु का वर्णन किस प्रकार किया है?
उत्तर – कवि शरद ऋतु का वर्णन करता हुआ कहता है कि सावन और भादो के महीनों में आसमान में बादल छाये रहते हैं। लेकिन शरद ऋतु के आते ही आसमान एकदम साफ, स्वच्छ व निर्मल हो जाता हैं। इसी कारण कवि कविता में सवेरा होने की बात करता है। शरद ऋतु की सुबह का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि शरद ऋतु की सुबह आकाश में जो लालिमा होती है उसको देखकर कवि को प्रतीत हो रहा है जैसे वो खरगोश की लाल-लाल आंखें हों कहने का तात्पर्य यह है कि शरद ऋतु में सुबह के समय आकाश में छाई हुई लालिमा कवि को खरगोश की आँखों की भांति लाल दिखाई दे रही हैं। शरद ऋतु कई पुलों को पार करते हुए आई है अर्थात पिछले साल की शरद ऋतु के जाने से इस साल की शरद ऋतु के आने तक कई ऋतुएँ बीती हैं, इन्हीं ऋतुओं को कवि ने पुल का नाम दिया है।
प्रश्न 3 – शरद ऋतु में दोपहर के समय का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर – ऐसा प्रतीत होता है कि शरद ऋतु में दोपहर का समय किसी चमकीली साइकिल पर सवार होकर तेज़ी से गुज़र रहा हो और ज़ोर-ज़ोर से घंटी बजाते हुए बच्चों को इशारे से पतंग उड़ाने के लिए बुला रहा हो। कहने का तात्पर्य यह है कि शरद ऋतु में मौसम एकदम सुहाना हो जाता है जिसे देखकर बच्चों के समूह पतंग उड़ाने के लिए अपने घरों से बाहर निकल आते हैं।
प्रश्न 4 – बालक शरद ने आकाश को मुलायम क्यों बना दिया है?
उत्तर – शरद ऋतु में आकाश एकदम साफ, स्वच्छ और मौसम सुहाना हो जाता है और ऐसा निर्मल आकाश कवि को मुलायम प्रतीत होता है। कवि शरद ऋतु को बालक की संज्ञा देते हुए कहता है कि बालक शरद अपने चमकीले इशारों से बच्चों के समूह को पतंग उड़ाने के लिए बुलाता है। उसने आकाश को मुलायम बना दिया हैं ताकि बच्चों की पतंग आसमान में आसानी से बहुत ऊंची उड़ सके।
प्रश्न 5 – कवि ने कविता में पतंग की क्या विशेषता बताई है?
उत्तर – कवि ने कविता में पतंग की विशेषता बताते हुए कहता है कि पतंग हल्की और रंगीन काग़ज़ और बाँस की सबसे पतली लचीली एवं झुकाई गई लोहे की कीली से बनी होती है। ताकि पतंग आसमान में ऊंची उड़ सके और पतंग उड़ाते, प्रसन्नता से इधर उधर भागते हुए, खुशियों से चिल्लाते हुए और खुशी से सीटियां बजाते हुए तितलियों की तरह कोमल बच्चों की एक नई दुनिया शुरू हो सके। शरद ऋतु में आसमान में पतंगों के साथ-साथ बच्चों की अपनी कल्पनाएं भी आसमान में उड़ती हैं।
प्रश्न 6 – कवि बच्चों की तुलना कपास से किस प्रकार करते हैं?
उत्तर – कवि बच्चों की तुलना कपास से करते हुए कहते हैं कि जिस तरह कपास मुलायम, शुद्ध और सफेद होती हैं। ठीक उसी प्रकार बच्चे भी जन्म से ही अपने साथ निर्मलता, कोमलता लेकर आते हैं अर्थात बच्चों का मन व भावनाएं भी स्वच्छ, कोमल और पवित्र होती हैं।
प्रश्न 7 – कवि के अनुसार पतंग उड़ाते हुए बच्चों को कठोर जमीन का एहसास क्यों नहीं होता?
उत्तर – जब बच्चे व्याकुलता के साथ पतंग के पीछे भागते हैं तो ऐसा लगता हैं जैसे कि पृथ्वी भी घूम-घूमकर उनके आस-पास आ रही है। बच्चे जब बेसुध होकर पतंग के पीछे भागते हैं तो उन्हें भागते हुए छत की कठोरता अर्थात कठोर जमीन का एहसास भी नहीं होता हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि जब बच्चे पतंग को आकाश में उड़ता हुआ देखकर उसके पीछे भागते हैं तो उन्हें उस वक्त कठोर जमीन भी नरम ही महसूस होती हैं। क्योंकि उस समय बच्चे पतंग उड़ाने में अत्यधिक उत्साहित होते हैं।
प्रश्न 8 – बच्चों के लचीले शरीर का वर्णन कवि ने कविता में किस प्रकार किया है?
उत्तर – पतंग उड़ाते हुए बच्चे इतने उत्साहित होते हैं कि वे चारों दिशाओं ने ऐसे दौड़ते-भागते हैं जैसे कोई ढोल-नगाड़ों पर झूमकर नाचता हो। दौड़ते हुए बच्चे इधर-उधर ऐसे भागते हैं जैसे किसी पेड़ की लचीली डाल हो। क्योंकि जिस तरह पेड़ की डाल लचीली होने के कारण जोर से खींचने पर भी वापिस अपनी जगह पर सही सलामत आ जाती है उसी प्रकार दौड़ते-भागते बच्चों का लचीला शरीर फुर्ती से इधर-उधर भागते हुए भी एक जगह से दूसरी जगह और फिर पुनः अपनी पहली वाली अवस्था में सुरक्षित आ जाता है।
प्रश्न 9 – बच्चों को छत से गिरने से कौन बचाता है?
उत्तर – बच्चे पतंग के पीछे दौड़ते-भागते ऊँचे छतों के जोखिमभरे किनारों तक पहुंच जाते हैं। दौड़ते हुए बच्चे उन छतों से गिर भी सकते हैं लेकिन पतंग उड़ाते समय उनके रोमांचित शरीर का लचीलापन ही उनको छतों से नीचे गिरने से बचाता हैं। किसी की भी धड़कन बढ़ा देने वाली ऊंचाईयों तक बच्चे पतंगों की डोर अपने हाथों में थाम कर पतंग उड़ाते हैं। और बच्चे सिर्फ एक धागे के सहारे उस पतंग को और अपने आप को संतुलित कर लेते हैं। अर्थात बच्चे अपने आप को भी उसी डोर के सहारे गिरने से बचा लेते हैं।
प्रश्न 10 – गिरने से बच जाने पर बच्चे क्या करते हैं?
उत्तर – पतंग उड़ाते बच्चों को देखकर ऐसा लगता है जैसे पतंग के साथ-साथ वो भी खुद भी उड़ रहे हो। कहने का अभिप्राय यह है कि बच्चे अपनी कल्पनाओं व् भावनाओं को पतंग के सहारे ऊंचाइयों तक पहुंचा देते हैं। पतंग उड़ाते हुए कभी – कभी ये बच्चे छतों के भयानक किनारों से नीचे गिर भी जाते हैं और लचीले शरीर के कारण ज्यादा चोट न लगने पर बच भी जाते हैं। इस तरह बच जाने से वे और भी ज्यादा भय-हीन हो जाते हैं अर्थात उनके अंदर आत्मविश्वास और अधिक बढ़ जाता है। उनके अंदर से गिरने का डर बिलकुल खत्म हो जाता हैं और वो अत्यधिक उत्साह, साहस व निडरता के साथ फिर से छत पर आकर पतंग उड़ाने लगते हैं। उनका यह दोगुना जोश देखकर फिर तो ऐसा लगने लगता है कि जैसे दौड़ते-भागते बच्चों के पैरों के चारों ओर पृथ्वी और अधिक तेजी से घूम रही हो।
सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1 –
सबसे तेज़ बौछारें गयीं भादों गया
सवेरा हुआ
ख़रगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए
घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को
प्रश्न 1 – ‘तेज़ बौछारें गयीं’ पंक्ति में कवि किस ऋतु की बात कर रहा है?
(क) भादों
(ख) सावन
(ग) ग्रीष्म
(घ) शरद
उत्तर – (ख) सावन
प्रश्न 2 – ‘शरद आया पुलों को पार करते हुए’ पंक्ति का क्या आशय है?
(क) शरद ऋतु किसी नदी की भांति आई है
(ख) शरद ऋतु नदी पर बने पल की भांति है
(ग) शरद ऋतु कई ऋतुओं को पुल की भांति पार करते हुए फिर से आई है
(घ) शरद ऋतु पुल को पार करके फिर से आई है
उत्तर – (ग) शरद ऋतु कई ऋतुओं को पुल की भांति पार करते हुए फिर से आई है
प्रश्न 3 – ‘शरद आया’ में शरद में कौन सा अलंकार है?
(क) उत्प्रेक्षा
(ख) मानवीकरण
(ग) उपमा
(घ) रूपक
उत्तर – (ख) मानवीकरण
प्रश्न 4 – पद्यांश में शरद रूपी बालक क्या उड़ाने का इशारा कर रहा है?
(क) पतंग
(ख) धुँआ
(ग) पंछी
(घ) साइकिल
उत्तर – (क) पतंग
प्रश्न 5 – पद्यांश में पतंग उड़ाने का इशारा किसको किया जा रहा है?
(क) बालक रूपी शरद को
(ख) बालक रूपी सावन को
(ग) बालक रूपी भादो को
(घ) बच्चों को
उत्तर – (घ) बच्चों को
2 –
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके-
दुनिया की सबसे हलकी और रंगीन चीज़ उड़ सके
दुनिया का सबसे पतला काग़ज़ उड़ सके-
बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके-
कि शुरू हो सके सीटियों , किलकारियों और
तितलियों की इतनी नाज़ुक दुनिया
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं
डाल की तरह लचीले वेग से अक्सर
प्रश्न 1 – पद्यांश में कवि ने पतंग के बारे में क्या विशेषताएँ बताई है?
(क) वह संसार की सबसे हलके कागज़ से बनी होती है
(ख) वह संसार की सबसे रंग-बिरंगे कागज की बनी होती है
(ग) इसमें लगी बाँस की कमानी सबसे पतली होती है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2 – पद्यांश में बच्चों की दुनिया कैसी बताई गई हैं?
(क) बच्चों की दुनिया उत्साह, उमंग व बेफ़िक्री का होती है
(ख) आसमान में उड़ती पतंग को देखकर वे किलकारी मारते हैं तथा सीटियाँ बजाते हैं
(ग) वे तितलियों के समान मोहक होते हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 3 – ‘जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास’ पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं?
(क) बच्चे जन्म से ही अपने साथ निर्मलता, कोमलता लेकर आते हैं
(ख) बच्चों के हाथ कपास की तरह नाजुक होते हैं
(ग) बच्चे कपास के साथ बचपन से खेलते आए हैं
(घ) जन्म से ही बच्चे कपास के सामान होते हैं
उत्तर – (क) बच्चे जन्म से ही अपने साथ निर्मलता, कोमलता लेकर आते हैं
प्रश्न 4 – ‘छतों को भी नरम बनाते हुए’ से क्या आशय है?
(क) बच्चे दौड़ते हुए कठोर जमीन को भी नरम बना देते हैं
(ख) बच्चे पतंग उड़ाते हुए बेसुध हो कर दौड़ते हैं और कठोर जमीन की परवाह नहीं करते
(ग) बच्चे छतों पर चढ़ कर पतंग उड़ाते हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) बच्चे पतंग उड़ाते हुए बेसुध हो कर दौड़ते हैं और कठोर जमीन की परवाह नहीं करते
प्रश्न 5 – पद्यांश में कवि ने बच्चों की तीव्रता व् लचीले पन की तुलना किस्से की है?
(क) छोटी झाड़ियों से
(ख) पेड़ की पत्तियों से
(ग) पेड़ की डाल से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) पेड़ की डाल से
3 –
छतों के खतरनाक किनारों तक-
उस समय गिरने से बचाता है उन्हें
सिर्फ़ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत
पतंगों की धड़कती ऊचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज़ एक धागे के सहारे
पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं
अपने रंध्रों के सहारे
अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से
और बच जाते हैं तब तो
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं
पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है
उनके बेचैन पैरों के पास
प्रश्न 1 – पद्यांशानुसार बच्चों को छतों से गिरने से कौन बचाता है?
(क) शरीर का लचीलापन
(ख) पतंग की डोर
(ग) बच्चों के अभिभावक
(घ) उनका साहस
उत्तर – (क) शरीर का लचीलापन
प्रश्न 2 – गिर कर बच जाने पर बच्चे क्या करते हैं?
(क) दुबारा पतंग नहीं उड़ाते
(ख) दुबारा छत पर नहीं चढ़ते
(ग) दुबारा नए जोश से बिना भय के पतंग उड़ाते हैं
(घ) दुबारा पतंग के पीछे नहीं भागते
उत्तर – (ग) दुबारा नए जोश से बिना भय के पतंग उड़ाते हैं
प्रश्न 3 – ‘पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं’ पंक्ति से कवि क्या कहना चाहते हैं?
(क) बच्चे पतंग के सहारे दूर तक दौड़ लगाते हैं
(ख) बच्चे अपनी कल्पनाओं व् भावनाओं को पतंग के सहारे ऊंचाइयों तक पहुंचा देते हैं
(ग) बच्चे अपनी शरारतों को पतंग के सहारे दूसरों तक पहुँचा देते हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) बच्चे अपनी कल्पनाओं व् भावनाओं को पतंग के सहारे ऊंचाइयों तक पहुंचा देते हैं
प्रश्न 4 – बच्चों के पैरों को बैचैन क्यों कहा गया है?
(क) क्योंकि बच्चे शरारती होते हैं
(ख) क्योंकि बच्चे पतंग उड़ाते हैं
(ग) क्योंकि बच्चे इतने गतिशील होते हैं कि एक जगह पर नहीं टिकते
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) क्योंकि बच्चे इतने गतिशील होते हैं कि एक जगह पर नहीं टिकते
प्रश्न 5 – ‘सुनहले सूरज’ में कौन सा अलंकार है?
(क) रूपक अलंकार
(ख) अनुप्रास अलंकार
(ग) पुनरुक्ति अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तर – (ख) अनुप्रास अलंकार
पतंग कविता पर आधारित कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)
प्रश्न 1 – आसमान कब एकदम साफ , स्वच्छ व निर्मल होता हैं?
(क) सावन ऋतु में
(ख) भादो ऋतु में
(ग) शरद ऋतु में
(घ) ग्रीष्म ऋतु में
उत्तर – (ग) शरद ऋतु में
प्रश्न 2 – “तेज़ बौछारें गयीं” यह किस माह के बीत जाने की बात की गई हैं?
(क) सावन की
(ख) भादो की
(ग) शरद की
(घ) ग्रीष्म की
उत्तर – (ख) भादो की
प्रश्न 3 – शरद ऋतु की सुबह, आकाश में छाई लालिमा का कवि ने किसके समान वर्णन किया है?
(क) खरगोश की लाल-लाल आंखों समान
(ख) तालाब के लाल-लाल कमलों के समान
(ग) बाग़ के लाल-लाल फूलों के समान
(घ) हिरण की लाल-लाल आंखों के सामान
उत्तर – (क) खरगोश की लाल-लाल आंखों समान
प्रश्न 4 – सभी पुलों को पार करते हुए कौन सी ऋतु आयी है?
(क) सावन ऋतु
(ख) भादो ऋतु
(ग) शरद ऋतु
(घ) ग्रीष्म ऋतु
उत्तर – (ग) शरद ऋतु
प्रश्न 5 – शरद ऋतु में, आसमान में चारों ओर फैली चमकीली सूरज की किरणों को कवि ने किसके समान बताया हैं?
(क) किसी साइकिल की भांति
(ख) किसी पतंग की भांति
(ग) किसी बालक की भांति
(घ) किसी ऋतु की भांति
उत्तर – (क) किसी साइकिल की भांति
प्रश्न 6 – शरद रूपी बालक क्या बजाता हुआ आता हैं?
(क) कटोरी
(ख) थाली
(ग) हॉर्न
(घ) घंटी
उत्तर – (घ) घंटी
प्रश्न 7 – “ज़ोर-ज़ोर”, में कौन सा अलंकार हैं?
(क) पुरुक्तिप्रकाश अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार
(घ) मानवीकरण अलंकार
उत्तर – (क) पुरुक्तिप्रकाश अलंकार
प्रश्न 8 – आकाश को एकदम मुलायम किसने बनाया?
(क) पतंग ने
(ख) बच्चों ने
(ग) बालक शरद ने
(घ) बालक सावन ने
उत्तर – (ग) बालक शरद ने
प्रश्न 9 – पृथ्वी किनके बैचेन पैरों के पास धूमती हुई आती हैं?
(क) बच्चों के
(ख) पतंग के
(ग) भादों के
(घ) शरद के
उत्तर – (क) बच्चों के
प्रश्न 10 – पतंग के साथ बच्चे कैसे दौड़ते हैं?
(क) परेशान होकर
(ख) पागल होकर
(ग) बेसुध होकर
(घ) खुश होकर
उत्तर – (ग) बेसुध होकर
प्रश्न 11 – बच्चे पतंग के पीछे-पीछे भागते कहाँ तक पहुंच जाते हैं?
(क) छत के बीचों-बीच
(ख) छत के एकदम किनारे तक
(ग) छत के किनारे के पास
(घ) छत के एकदम किनारे तक
उत्तर – (ख) छत के एकदम किनारे तक
प्रश्न 12 – पतंग के पीछे दौड़ लगाकर एक जगह से दूसरी जगह भागते बच्चों का वेग किस तरह लचीला होता हैं?
(क) किसी पौधे की डाल की तरह
(ख) किसी बच्चे के खिलौने की तरह
(ग) किसी पेड़ की डाल की तरह
(घ) किसी पेड़ की पत्तियों की तरह
उत्तर – (ग) किसी पेड़ की डाल की तरह
प्रश्न 13 – पतंग उड़ाते बच्चे छतों के किनारों से जब नीचे गिर जाते हैं और बच जाते हैं तो क्या होता हैं?
(क) उनके अंदर आत्मविश्वास भर जाता है
(ख) उनके अंदर का डर खत्म हो जाता हैं
(ग) वे अधिक भय-हीन हो जाते हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 14 – “गिरकर बच जाते हैं” में कौन सा अलंकार हैं?
(क) विरोधाभास अलंकार
(ख) पुनरुक्ति अलंकार
(ग) अभिव्यक्ति अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर – (क) विरोधाभास अलंकार
प्रश्न 15 – बच्चे छत के किनारे से एक बार गिर जाने के बाद दोबारा क्या करते हैं?
(क) वो छत पर आकर दोबारा पतंग उड़ाने नहीं जाते
(ख) वो दुगने उत्साह, साहस व निडरता के साथ दोबारा पतंग उड़ाने लगते हैं
(ग) वो केवल दूसरों को पतंग उड़ाते हुए देखते हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) वो दुगने उत्साह, साहस व निडरता के साथ दोबारा पतंग उड़ाने लगते हैं
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