NCERT Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 13 Naye Ilake Mein, Khushboo Rachte Hain Haath Important Question Answers for Term 2 exam 

Naye IIake Mein Khushboo Rachte Hai Haath Important Question Answers –  Here are the Naye Ilake Mein, Khushboo Rachte Hain Haath Question Answers for CBSE Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 13 for Term 2 exam. The important questions we have compiled will help the students to brush up on their knowledge about the subject. 

Students can practice Class 9 Hindi important questions to understand the subject better and improve their performance in the exam. The solutions provided here will also give students an idea about how to write the answers. 

 

 

 

बहुविकल्पात्मक प्रश्न – Multiple Choice Questions

प्रश्न 1 –  ‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में ज़ख्म कहाँ पर हुए है?

(A) अगरबत्ती बनाने वाले हाथों में 

(B) गुलदस्ता बनाने वालों के हाथों में 

(C) कपड़े धोने वालों के हाथों में 

(D) गन्दगी साफ करने वालों के हाथों में 

उत्तर – (A) अगरबत्ती बनाने वाले हाथों में 

 

प्रश्न 2 – मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ कहाँ बन कर तैयार होती है?

(A) किसी तंग गली वाले गंदे मोहल्ले में 

(B) बड़े-बड़े कारखानों में 

(C) बड़ी-बड़ी कंपनियों में 

(D) विदेशों में 

उत्तर – (A) किसी तंग गली वाले गंदे मोहल्ले में 

 

प्रश्न 3 – अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के पास अच्छे घर क्यों नहीं होते हैं?

(A) क्योंकि वे गन्दगी में रहना पसंद करते हैं 

(B) क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है 

(C) क्योंकि वे सारे पैसे खर्च कर लेते हैं 

(D) क्योंकि कोई उन्हें अच्छे घर बनाने नहीं देता 

उत्तर – (B) क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है 

 

प्रश्न 4 – ‘खुशबु रचते हैं हाथ’ कविता के कवि कौन है? 

(A) सुमित्रा नंदन पंत  

(B) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला 

(C) महादेवी वर्मा 

(D) अरुण कमल 

उत्तर – (D) अरुण कमल 

 

प्रश्न 5 – अगरबत्ती बनाने वाले लोग क्या सहन करते हुए भी अगरबत्तियाँ बनाते हैं?

(A) अत्यधिक बदबू 

(B) अत्यधिक खुशबु 

(C) अत्यधिक ठण्ड 

(D) अत्यधिक गर्मी 

उत्तर – (A) अत्यधिक बदबू 

 

प्रश्न 6 – कवि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में समाज की किस विडंबना को बताना चाहता है?

(A) दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ आमिर लोग रहते हैं 

(B) दुनिया के सारे आमिर लोग खुशबूदार गलियों में रहते हैं 

(C) दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है

(D) दुनिया भर की गंदगी कारखानों में समाई होती है

उत्तर – (C) दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है

 

प्रश्न 7 – ”उभरी नसोंवाले हाथ, घिसे नाखूनोंवाले हाथ, पीपल के पत्ते से नए नए हाथ, जूही की डाल से खुशबूदार हाथ” इन पंक्तियों से कवि क्या स्पष्ट 

(A) मजदूर बहुत मेहनती होते हैं 

(B) मजदूर अपना ध्यान नहीं रखते 

(C) पुरुष और महिलाएँ दोनों मजदूरी करते हैं 

(D) अगरबत्ती बनाने वाले मजदुर हर उम्र के लोग होते हैं 

उत्तर – (D) अगरबत्ती बनाने वाले मजदुर हर उम्र के लोग होते हैं 

 

प्रश्न 8 – बनाते हैं केवड़ा ———- खस और रातरानी अगरबत्तियाँ, पंक्ति को पूरा करें?

(A) गुलाब 

(B) कमल 

(C) चमेली 

(D) गेंदा 

उत्तर – (A) गुलाब 

 

प्रश्न 9 – जूही की डाल से खुशबूदार हाथ, पंक्ति किस मजदूर की ओर संकेत करती है?

(A) बच्चों 

(B) बुजुर्ग 

(C) महिलाओं 

(D) काम उम्र की लड़कियों 

उत्तर – (D) काम उम्र की लड़कियों 

 

प्रश्न 10 – खुशबु रचते हैं हाथ कविता का क्या भाव है?

(A) अगरबत्ती बनाने वाले हाथ सूंदर होते हैं 

(B) अगरबत्ती बनाने वाले लोग अमीर होते हैं 

(C) समाज के निम्न किन्तु मेहनती लोगो की स्थिति दयनीय है 

(D) समाज में गरीबों का कोई स्थान नहीं है 

उत्तर – (C) समाज के निम्न किन्तु मेहनती लोगो की स्थिति दयनीय है

 

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Short Question Answers

प्रश्न 1 – ‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ कहाँ रहते हैं?

उत्तर – ‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ अर्थात अगरबत्ती बनाने वाले गरीब तबके के लोग होते हैं। ऐसे लोग तंग गलियों में, बदबूदार नाले के किनारे और कूड़े के ढ़ेर के बीच रहते हैं। बड़े शहरों की किसी भी झोपड़पट्टी में आपको ऐसा ही नजारा आसानी से देखने को मिलेगा।

 

प्रश्न 2 – कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?

उत्तर – अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ तरह-तरह के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही के फूल की डाल की तरह खुशबूदार होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और चोट के कारण फटे हुए भी होते हैं।

 

प्रश्न 3 – कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’?

उत्तर – अगरबत्ती का काम है खुशबू फैलाना। ये अगरबत्तियाँ हाथों से बनाई जाती हैं। इसलिए कवि ने कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’।

 

प्रश्न 4 – जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?

उत्तर – जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल अगरबत्ती की मोहक खुशबू के ठीक विपरीत होता है। अगरबत्ती निर्माण एक कुटीर उद्योग है। ज्यादातर कारीगर किसी झोपड़पट्टी में रहते हैं; जहाँ बहुत ज्यादा गंदगी और बदबू होती है।

 

प्रश्न 5 – इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर – इस कविता के माध्यम से कवि ने कामगारों और मजदूरों की भयावह जिंदगी को उजागर किया है। कवि ने यह दिखाने की कोशिश की है कि ऐसे मजदूर जो दूसरों के लिए खुशबू या खुशहाली का निर्माण करते हैं खुद कितनी बदहाली में रहते हैं और कितनी विषम परिस्थिति में काम करते हैं।

 

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Long Question Answers

प्रश्न 1 – पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ, जूही की डाल से खुशबूदार हाथ

उत्तर – अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ तरह-तरह के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही के फूल की डाल की तरह खुशबूदार होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और चोट के कारण फटे हुए भी होते हैं।

 

प्रश्न 2 – दुनिया की सारी गंदगी के बीच, दुनिया की सारी खुशबू रचते रहते हैं हाथ

उत्तर – जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल अगरबत्ती की मोहक खुशबू के ठीक विपरीत होती है। यह एक विडंबना ही है कि दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है।

 

प्रश्न 3 – कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है?

उत्तर – अगरबत्ती हम जब भी खरीदते हैं तो हम कभी एक अगरबत्ती नहीं बल्कि एक पूरा अगरबत्ती का पैकेट खरीदते हैं। उसी तरह, अगरबत्ती बनाने वाले झुंड में काम करते हैं। उनकी समस्याएँ भी अनेक होती हैं। इसलिए कवि ने इस कविता में बहुवचन का प्रयोग अधिक किया है।

 

प्रश्न 4 – कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है?

उत्तर – अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं और उनका वर्णन करने के लिए कवि ने तरह तरह के विशेषणों का उपयोग किया है। कवि ने किसी हाथ की उभरी हुई नसें दिखाई है, तो किसी के घिसे नाखून। किसी हाथ की कोमलता दिखाई है तो किसी की कठोरता।

 

Class 9 Hindi Sanchayan Book Chapter-wise Lesson Explanation 


 

 

Extra Question Answers

प्रश्न 1 – कवि के अनुसार लोग अगरबती को प्रतिदिन क्यों इस्तेमाल करते हैं?

उत्तर – कवि के अनुसार अगरबत्ती हालाँकि पूजा पाठ में इस्तेमाल होती है लेकिन इसकी खुशबू ही शायद वह वजह होती है कि लोग इसे प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। 

 

प्रश्न 2 – कविता में  ‘कूड़े-करकट के ढेरों के बाद’ शब्दों से अगरबत्ती बनाने वालों के रहने के स्थान के बारे में क्या पता चलता है?

उत्तर – कविता में  ‘कूड़े-करकट के ढेरों के बाद’ शब्दों से अगरबत्ती बनाने वालों के रहने के स्थान के बारे में यह पता चलता है कि वे बहुत ही गंदे स्थानों पर रहते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब है। 

 

प्रश्न 3 – इस कविता में कवि ने इन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों के रहने की जगह को कैसे उजागर किया है?

उत्तर – इस कविता में कवि ने इन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों के बारे में बताया है कि वे लोग खुशबू से कोसों दूर है। ऐसा कवि ने इसलिए कहा है क्योंकि अगरबत्ती का कारखाना अकसर किसी तंग गली में, घरों और सड़कों के किनारे गंदे पानी के बहाव के लिए बनाए गए रास्ते के पार और बदबूदार कूड़े के ढेर के समीप होता है। ऐसे स्थानों पर कई कारीगर अपने हाथों से अगरबत्ती को बनाते हैं।

 

प्रश्न 4 – ‘जख्म से फटे हाथ’ मजदूरों की किस दशा की ओर संकेत करते हैं?

उत्तर – ‘जख्म से फटे हाथ’ मजदूरों की गरीबी और अभावग्रस्तता की ओर संकेत करते हैं। ये मज़दूर इतने गरीब हैं कि इन ज़ख्मो के इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं, और वे मजदूरी न मिलने के डर से आराम करने के लिए कोई छुट्टी भी नहीं ले पाते हैं। 

 

प्रश्न 5 – कविता में कवि द्वारा अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथों को किस तरह दिखाया गया है?

उत्तर – कविता में कवि द्वारा अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथों को तरह-तरह का बताया गया हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही के फूल की डाल की तरह खुशबूदार होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और चोट के कारण फटे हुए भी होते हैं। कवि कहता है कि दूसरों के लिए खुशबू बनाने वाले खुद न जाने कितनी और कैसी तकलीफों का सामना करते हैं।

 

प्रश्न 6 – ‘इन्हीं गंदे मुहल्लों के गंदे लोग’ इस पंक्ति द्वारा कवि क्या बताना चाहते हैं?

उत्तर – इस पंक्ति द्वारा कवि अमीर वर्ग का उन गरीब अगरबत्ती बनाने वालों की ओर दृष्टिकोण दिखाना चाहते हैं। कवि कहता है कि इसी तंग गली में पूरे देश की प्रसिद्ध अगरबत्तियाँ बनती हैं। उस गंदे मुहल्ले के गंदे लोग अर्थात गरीब लोग ही केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी की खुशबू वाली अगरबत्तियाँ बनाते हैं। यह एक विडंबना ही है कि दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है। लोग इन खुशबूदार अगरबत्तियों को तो पसंद करते हैं परन्तु उन गरीब लोगों की समृद्धि के लिए कुछ नहीं सोचते। 

 

प्रश्न 7 – खुशबू की रचना करने वाले लोग किस उम्र के है? कविता के किस भाग से इसके बारे में पता चलता 

उत्तर – खुशबू की रचना करने वालों में बच्चे, बूढे, स्त्री, पुरुष और लड़के-लड़कियाँ अर्थात् हर उम्र के लोग शामिल हैं। इसका पता हमें कविता के उस भाग से चलता है जहाँ उभरी नसों वाले हाथ, घिसे नाखूनों वाले हाथ, पीपल के पत्ते से नए नए हाथ, जूही की डाल से खुशबूदार हाथों वर्णन किया गया है।

 

प्रश्न 8 – ‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में कौन-सी समस्या दिखाई गई है जो समाज के लिए घातक है?

उत्तर – किसी भी देश में उस देश के बच्चे ही उसका भविष्य होते हैं। इन बच्चों के बाल मजदूर के रूप में काम करने से वे पढ़ लिख नहीं सकेंगे। उनके खेलने-कूदने के दिन मजदूरी करने में बीत रहे हैं। ऐसे में ये बच्चे आजीवन मजदूर बनकर रह जाएँगे। बाल मजदूरी की यह समस्या समाज और राष्ट्र के विकास के लिए घातक है।

 

प्रश्न 9 – आपके अनुसार अगरबत्ती बनाने वाले लोगों के प्रति समाज का क्या कर्तव्य है?

उत्तर – इस कविता में दिखाया गया है कि खुशबू रचने वाले अर्थात अगरबत्ती बनाने वाले प्रायः बाल मजदूर होते हैं, जो शहर की गंदी बस्तियों एवं बदबूदार स्थानों पर रहते हैं। इन बाल मजदूरों के प्रति समाज का कर्तव्य यह है कि वे इन बाल मजदूरों के प्रति संवेदनशील बनकर उनकी शिक्षा और उत्थान के लिए आगे आएँ।

क्योंकि बाल मजदूर के रूप में काम करने से वे पढ़ लिख नहीं सकेंगे। उनके खेलने-कूदने के दिन मजदूरी करने में बीत रहे हैं। ऐसे में ये बच्चे आजीवन मजदूर बनकर रह जाएँगे। बाल मजदूरी की यह समस्या समाज और राष्ट्र के विकास के लिए घातक है। अतः समाज व् राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है कि इस समस्या को खत्म किया जाए। 

 

प्रश्न 10 – अगरबत्तियाँ बनाने वाले बाल मज़दूरों के जीवन में सुधार लाने हेतु क्या उपाय किए जा सकते हैं।

उत्तर – खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाने वाले बाल मजदूरों के जीवन में सुधार लाने का सबसे अच्छा उपाय है, उनके हाथों में पुस्तकें पकड़ाना और उन्हें विद्यालय की ओर ले जाना। इससे ये बाल मजदूर पढ़-लिखकर कार्य कुशल बन जाएँगे। इनके लिए पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न कामों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ये बाल श्रमिक कुशल कारीगर बनकर स्वरोजगार कर सकें और मज़दूर बनकर जीवन बिताने के लिए विवश न हों। इससे इस वर्ग के बच्चों का जीवन स्तर ऊँचा उठ जाएगा। और राष्ट्र से गरीबी जैसी समस्या का भी समाधान निकल आएगा।

 

Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter wise Lesson Explanation