10 Lines on Vyommitra Robot (व्योममित्र रोबोट) in Hindi

 

व्योममित्र रोबोट पर 10 लाइन –  अक्सर स्कूल  के छात्रों को व्योममित्र रोबोट पर 10 लाइन लिखने को कहा जाता है। इसलिए हम आपके लिए इस लेख में व्योममित्र रोबोट  (Vyommitra Robot) पर Hindi में 10 लाइन लेकर आये हैं। व्योममित्र’ इसरो का अर्ध-ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसे गगनयान में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह भारत की पहली महिला रोबोट है। व्योममित्र रोबोट का पहली बार जनवरी 2020 में मानव अंतरिक्ष उड़ान और अन्वेषण-वर्तमान चुनौतियां और भविष्य के रुझान कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अनावरण किया गया था। इसे हिंदी और अंग्रेजी बोलने और कई कार्य करने के लिए प्रोग्राम किया गया है। सेंसर, कैमरा और माइक्रोफोन इस रोबोट को मानवीय गतिविधियों तथा अपने आस-पास के वातावरण को समझने में मदद करते हैं। 

 

व्योममित्र रोबोट पर 10 लाइन (10 Lines on Vyommitra Robot in Hindi)

 

‘व्योममित्र’ एक इंसान जैसा दिखने वाला रोबोट है।  व्योममित्र नाम संस्कृत शब्द “व्योम” जिसका अर्थ है अंतरिक्ष और “मित्र” जिसका अनुवाद मित्र होता है, से मिलकर बना है।  

 

रोबोट को महिला अंतरिक्ष यात्री की शक्ल दी गई है।

 

व्योममित्र नाम इस रोबोट की भूमिका का प्रतीक है जो की अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक विश्वसनीय साथी के रूप में कार्य करेगा।

 

इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की मदद से बनाया है। 

 

इस रोबोट का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष अभियानों में अंतरिक्ष यात्रियों की सहायता करना और विभिन्न कार्यों को कुशलतापूर्वक करना है। 

 

व्योममित्र को पहली बार 22 जनवरी 2020 को बेंगलुरु में मानव अंतरिक्ष उड़ान और अन्वेषण संगोष्ठी में  दिखाया गया था।

 

व्योममित्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सुसज्जित है और ये मानव जैसी कई कार्य करने में सक्षम है। जैसे अंतरिक्ष यात्रियों को पहचानना और प्रतिक्रिया देना, समझना और बोलना और स्वाभाविक बातचीत बनाए रखना और चेहरे के भावों के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करना।

 

इसरो ने अपने मुख्य गगनयान मिशन से पहले इस साल की तीसरी तिमाही में व्योममित्र रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने का फैसला किया है। व्योममित्र की सफलता के बाद अंतरिक्ष में यात्रियों को भेजा जा सकेगा।

 

मुख्य “गगनयान” मिशन अगले साल यानी 2025 में भेजा जाएगा। इसमें तीन अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिन के लिए पृथ्वी से 400 किमी ऊंचाई पर भेजा जाएगा।

 

यह व्योममित्र रोबोट अपने अभियान के दौरान अंतरिक्ष के वातावरण और गगनयान के यंत्रों की निगरानी करेगी तथा इससे संबंधित सटीक जानकारी नियंत्रण केंद्र से साझा करेगी।