10 Lines on Bharat Ratna Puraskar (भारत रत्न पुरस्कार  ) in Hindi

 

भारत रत्न पुरस्कार  पर 10 लाइन –  अक्सर स्कूल  के छात्रों को भारत रत्न पुरस्कार  पर 10 लाइन लिखने को कहा जाता है। इसलिए हम आपके लिए इस लेख में भारत रत्न पुरस्कार (Bharat Ratna Puraskar) पर Hindi में 10 लाइन लेकर आये हैं।भारत रत्न’ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस सम्मान की स्थापना २ जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। अपने क्षेत्र में अहम कार्य और योगदान से देश का गौरव बढ़ाने वाले लोगों को भारत रत्न दिया जाता है।

 

भारत रत्न पुरस्कार पर 10 लाइन (10 Lines on Bharat Ratna Puraskar in Hindi)

 

  • भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने देश की प्रगति और कल्याण में उत्कृष्ट योगदान दिया हो, जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, वैज्ञानिक, खेल, सार्वजनिक सेवा और सामाजिक कार्य इत्यादि क्षेत्र में।

 

  • यह सम्मान देने की शुरुआत 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी।

 

  • भारत रत्न पुरस्कार में राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाणपत्र) और एक तग्मा (पदक) होता है। यह पदक तांबे धातु का बना एक पीपल की पत्ती के आकार का होता है और इस पर चमकते हुए सूर्य की कलाकृति बनी होती है। फिर इसके नीचे देवनागरी भाषा हिंदी में ‘भारत रत्न’ लिखा होता है। 

 

  • इस पुरस्कार को हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा चुने हुए व्यक्ति को दिया जाता है। इस पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं दिया जाता है। लेकिन इसे पाने के बाद कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती है जैसे भारत रत्न पाने वालों को अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के न्योता मिलता है, सरकार उन्हें वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है।

 

  • भारत रत्न के लिए सिफारिश स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है। इसके लिए कोई औपचारिक सिफारिश आवश्यकता नहीं है। भारत रत्न प्राप्त करने वालों की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर की जाती है।

 

  • यह भारत रत्न सम्मान एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही दिया जा सकता है। लेकिन इस वर्ष यानी 2024 में पांच व्यक्तियों कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत), लालकृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह (मरणोपरांत), पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव (मरणोपरांत),  एम॰ एस॰ स्वामीनाथन (मरणोपरांत) को यह सम्मान देने की घोषणा की गयी है।

 

  • प्रारम्भ में भारत रत्न सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में जोड़ा गया। 

 

  • आमतौर पर यह भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है, लेकिन मदर टेरेसा और दो गैर-भारतीयों, पाकिस्तान के राष्ट्रीय खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को प्रदान किया गया है।

 

  • सबसे पहला भारत रत्न सम्मान 1954 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और डॉक्टर चन्‍द्रशेखर वेंकटरमण को दिया गया था। 

 

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार, इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले अपने नाम के आगे या पीछे  ‘भारत रत्न’ का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। लेकिन यदि कोई पुरस्कार प्राप्तकर्ता आवश्यक समझता है तो वे अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में ‘राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’ जोड़ सकता हैं।