तोप Class 10 Hindi Lesson Explanation, Summary, Question Answers

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‘तोप’ Explanation, Summary, Question and Answers and Difficult word meaning

 
 

तोप CBSE Class 10 Hindi Lesson summary with detailed explanation of the lesson ‘TOP’ along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with summary and all the exercises, Question and Answers given at the back of the lesson

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कक्षा 10 हिंदी पाठ 7 तोप ( कविता )

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कवि परिचय

कवि – वीरेन डंगवाल
जन्म – 5 अगस्त 1947 (उत्तराखंड)

 

तोप पाठ प्रवेश

‘प्रतीक’ अर्थात निशानी और ‘धरोहर’ अर्थात विरासत दो तरह की होती हैं । एक वे जिन्हें देखकर या जिनके बारे में जानकर हम अपने देश और समाज की प्राचीन उपलब्धियों के बारे में जान सकते हैं और दूसरी वे जो हमें बताती हैं कि हमारे पूर्वजों से कब क्या गलती हुई थी जिसके कारण देश की कई पीढ़ियों को गहरे दुःख और कष्टों को झेलना पड़ा।

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प्रस्तुत पाठ में ऐसी ही दो निशानियों का वर्णन किया गया है। पाठ हमें याद दिलाता है कि कभी ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के इरादे से आई थी। भारत में उसका स्वागत किया गया था परन्तु धीरे – धीरे वो हमारी शासक बन गई।

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अगर उन्होंने कुछ बाग़ – बगीचे बनाये तो उन्होंने तोपें भी तैयार की। देश को फिर से आज़ाद करने का सपना देखने वाले जाबाजों को इन तोपों ने मौत के घाट उतार दिया। पर एक दिन ऐसा भी आया जब हमारे पूर्वजों ने उस सत्ता को उखाड़ फैंका। तोप को बेकार कर दिया। फिर भी हमें इन निशानियों के माध्यम से याद रखना होगा की भविष्य में कोई और इस तरह हम पर हुक्म ना जमा पाए जिसके इरादे अच्छे ना हो और यहाँ फिर से वही परिस्थितियाँ बने जिनके घाव आज तक हमारे दिलों में हरे हैं। भले ही अंत में उनकी तोप भी उसी काम क्यों ना आये जिस काम इस पाठ की तोप आ रही है।

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तोप पाठ सार

प्रस्तुत पाठ हमें याद दिलाता है कि कभी ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के इरादे से आई थी। भारत में उसका स्वागत किया गया था परन्तु धीरे – धीरे वो हमारी शासक बन गई। अगर उन्होंने कुछ बाग़ – बगीचे बनाये तो उन्होंने तोपें भी तैयार की। कवि कहते हैं कि यह जो 1857 की तोप आज कंपनी बाग़ के प्रवेश द्वार पर रखी गई है इसकी बहुत देखभाल की जाती है। जिस तरह यह कंपनी बाग़ हमें विरासत में अंग्रेजों से मिला है उसी तरह यह तोप भी हमें अंग्रेजों से ही विरासत में मिली है। सुबह और शाम को बहुत सारे व्यक्ति कंपनी के बाग़ में घूमने के लिए आते हैं। तब यह तोप उन्हें अपने बारे में बताती है कि मैं अपने ज़माने में बहुत ताकतवर थी। अब तोप की स्थिति बहुत बुरी है- छोटे बच्चे इस पर बैठ कर घुड़सवारी का खेल खेलते हैं। चिड़ियाँ इस पर बैठ कर आपस में बातचीत करने लग जाती हैं। कभी – कभी शरारती चिड़ियाँ खासकर गौरैयें तोप के अंदर घुस जाती हैं। वह हमें बताना चाहती है कि ताकत पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि ताकत हमेशा नहीं रहती।

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तोप पाठ की व्याख्या

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काव्यांश 1

कंपनी बाग़ के मुहाने पर
धर रखी गई है यह 1857 की तोप
इसकी होती है बड़ी सम्हाल, विरासत में मिले
कंपनी बाग़ की तरह
साल में चमकाई जाती है दो बार।

शब्दार्थ
मुहाने –
प्रवेश द्वार पर
धर रखी –  रखी गई
सम्हाल – देखभाल
विरासत – पूर्व पीढ़ियों से प्राप्त वस्तुएँ

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प्रसंग -: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि वीरेन डंगवाल  हैं। इन पंक्तियों में कवि ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में इस्तेमाल की गई तोप का वर्णन किया है।

व्याख्या -: कवि कहते हैं कि यह जो 1857 की तोप आज कंपनी बाग़ के प्रवेश द्वार पर रखी गई है इसकी बहुत देखभाल की जाती है। जिस तरह यह कंपनी बाग़ हमें विरासत में अंग्रेजों से मिला है, उसी तरह यह तोप भी हमें अंग्रेजों से ही विरासत में मिली है। जिस तरह कंपनी बाग़ की साल में दो बार अच्छे से देखरेख की जाती है उसी तरह इस तोप को भी साल में दो बार चमकाया जाता है।

काव्यांश 2

सुबह शाम आते हैं कंपनी बाग़ में बहुत से सैलानी
उन्हें बताती है यह तोप
कि मैं बड़ी जबर
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे – अच्छे सूरमाओं के धज्जें
अपने ज़माने में

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शब्दार्थ
सैलानी –
दर्शनीय स्थलों पर आने वाले यात्री
जबर – ताकतवर
सूरमाओं – वीर
धज्जें – चिथड़े – चिथड़े करना

प्रसंग -: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि वीरेन डंगवाल  हैं। इन पंक्तियों में कवि बताना चाहता है कि तोप का प्रयोग कहाँ हुआ था !

व्याख्या -: कवि कहते हैं कि सुबह और शाम को बहुत सारे व्यक्ति कंपनी के बाग़ में घूमने के लिए आते हैं। तब यह तोप उन्हें अपने बारे में बताती है कि मैं अपने ज़माने में बहुत ताकतवर थी। मैंने अच्छे अच्छे वीरों के चिथड़े उड़ा दिए थे। अर्थात उस समय तोप का डर हर इंसान को था

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काव्यांश 3

अब तो बहरहाल
छोटे बच्चों की सवारी से अगर यह फारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती है गपशप
कभी -कभी शैतानी में वे इसके भीतर भी घुस जाती हैं
खासकर गौरैयें
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।

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शब्दार्थ
बहरहाल –
बुरी स्थिति
फारिग –
मुक्त, खाली

प्रसंग -: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि वीरेन डंगवाल  हैं। इन पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि किसी भी बुराई को हिम्मत और होंसलों के सहारे खत्म किया जा सकता है।

व्याख्या -: कवि कहते हैं कि अब तोप की स्थिति बहुत बुरी है। छोटे बच्चे इस पर बैठ कर घुड़सवारी का खेल खेलते हैं। जब बच्चे इस पर नहीं खेल रहे होते तब चिड़ियाँ इस पर बैठ कर आपस में बातचीत करने लग जाती हैं। कभी – कभी शरारती चिड़ियाँ खासकर गौरैयें तोप के अंदर घुस जाती हैं। वो छोटी सी चिड़िया ऐसा करके हमें बताना चाहती हैं कि  कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो एक ना एक दिन उसका भी अंत निश्चित होता है।

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तोप प्रश्न अभ्यास (महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर )

(क ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1 -: विरासत में मिली चीजों की बड़ी संभाल क्यों होती है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -: विरासत में मिली चीजों की बडी संभाल इसलिए होती है क्योंकि ये हमें अपने पूर्वजों , परम्पराओं और इतिहास की जानकारी देते हैं और इसी के साथ हमें सीख भी देते हैं। इसलिए इन्हें अमूल्य माना जाता है।

प्रश्न 2 -: इस कविता से आपको तोप के बारे में क्या जानकारी मिलती है ?

उत्तर -: इस कविता में हमें तोप के विषय के बारे में यह जानकारी मिलती है कि यह तोप 1857 में एक शक्तिशाली हथियार था जिसकी सहायता से कई वीरों के प्राण लिए गए थे परन्तु आज यह तोप केवल देखने की वस्तु मात्र रह गई है अब बच्चे इस पर घुड़सवारी करते हैं और चिड़ियाँ इस पर गपशप करती है।

प्रश्न 3 -: कंपनी बाग़ में राखी तोप क्या सीख देती है ?

उत्तर -: कंपनी बाग़ में रखी तोप हमें अंग्रेजों के अत्याचारों और हमारे शहीदों की याद दिलाती है और सावधान रहने की सलाह देती है ताकि कोई दोबारा हम पर राज ना करे। इसी के साथ तोप यह सीख भी देती है कि चाहे कोई कितना भी अधिक शक्तिशाली क्यों न हो एक ना एक दिन उसका अंत हो ही जाता है।

प्रश्न 4 -: कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात कही गई है। ये दो अवसर कौन से होंगे ?

उत्तर -: भारत की स्वतंत्रता के प्रतिक दो दिन 15 अगस्त और 26 जनवरी हैं। इन्ही दो उपलक्ष्यों पर कंपनी बाग़ को सजाया जाता है और तोप को चमकाया जाता है।

(ख ) निम्नलिखित के भाव स्पष्ट कीजिए -:
(1)-: अब तो बहरहाल

छोटे बच्चों की सवारी से अगर यह फारिग हो

तो उसके ऊपर बैठकर

चिड़ियाँ ही अकसर करती है गपशप

उत्तर -: इन पंक्तियों में कवि ने तोप की वर्तमान स्थिति का वर्णन किया है ,एक समय में जहाँ तोप ने सबको डरा कर रखा था वही आज बच्चे उस पर घुड़सवारी कर रहे हैं और चिड़ियाँ उस पर बैठ कर गपशप कर रही हैं।

(2)-: वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप

एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।

उत्तर -: आज कम्पनी बाग़ में रखी तोप किसी का कुछ नई बिगाड़  सकती । छोटी छोटी चिड़ियें भी उस पर खेलती फुदकती रहती हैं । यह ये बात दर्शाता है कि कोई कितना भी शक्तिशाली और क्रूर क्यों ना, हो एक दिन उसे शांत होना ही पड़ता है।

(3)-: उड़ा दिए थे मैंने

अच्छे – अच्छे सूरमाओं के धज्जें

उत्तर -:  इन पंक्तिओं में तोप अपनी प्रशंसा कर रही है की 1857 में उससे ज्यादा शक्तिशाली कोई नहीं था उसने कई  वीरों को मारा था।

 

प्रश्न 5 – तोप कविता किस कवी द्वारा लिखी गई है ?

उत्तर – तोप कविता के कवि श्री वीरेन डंगवाल जी है। 

 

प्रश्न 6 – तोप को साल में दो बार चमकाया जाता है। वे दो अवसर कौन – कौन से हैं ?

उत्तर – कविता में जिन दो अवसरों पर तोप को चमकाने की बात कही गई है, वे दो अवसर हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं अर्थात् 15 अगस्त को मनाया जाने वाला पर्व स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को मनाया जाने वाला पर्व गणतंत्र दिवस। ये दोनों तिथियाँ हमारे देश के लिए ऐतिहासिक दिवस की प्रतीक हैं। इन्हें हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इन दिनों पर पूरा राष्ट्र देश की आजादी को याद करता है। इन्हीं दोनों तिथियों पर इस तोप को भी चमकाया जाता है क्योंकि यह तोप हमारे विजेता और आज़ादी की प्रतीक होने के कारण एक राष्ट्रीय महत्त्व की वस्तु बन चुकी है। इसलिए राष्ट्रीय महत्त्व को ध्यान में रखते हुए इस तोप को चमकाया जाता है ताकि लोगों के मन में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा मिले और लोगों को स्वतंत्रता दिलाने वाले वीरों की याद दिलाई जा सके।

प्रश्न 7 – कविता में तोप की कौन – कौन सी विशेषताएँ बताई गई हैं ?

उत्तर – 1857 की क्रांति में इस्तेमाल की गई थी। उस ज़माने में बहुत ताकतवर थी। वह अच्छे – अच्छे वीरों के चिथड़े उड़ा देती थी। उस समय तोप का डर हर इंसान को था।

तोप ईस्ट इंडिया कंपनी की थी। 

राष्ट्रीय पर्वों के अवसर पर तोप का विशेष रख – रखाव किया जाता था। 

 

प्रश्न 8 – तोप को कहाँ रखा गया है ?

उत्तर – तोप को कंपनी बाग़ के प्रवेश द्वार पर रखा गया है। 

 

प्रश्न 9 – तोप कविता क्या सन्देश देती है ?

उत्तर – इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि कोई भी चीज कितनी भी बड़ी क्यों न हो , कितनी भी ताकतवर क्यों न हो , उसकी दशा एक समान नही रहती। उसका मुंह एक दिन बंद होना ही है। जैसे तोप ने भी बड़े – बड़े सूरमाओं की धज्जियां उड़ाई थी परन्तु समय गुजरने के साथ ही सब नष्ट हो गया। इसके अलावा यह हमें अंग्रेज़ों के शोषण और अत्याचारों की याद दिलाती है और बतलाती है कि सुरक्षा और हितों के प्रति सचेत रहें। यह हमारे उन तमाम शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने तथा उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है। तोप – गोले बम – बारूद कितने भी विनाशकारी हों , वे मानव के सामने टिक नहीं सकते। आखिरकार मनुष्यता की शक्ति ही विजयी होती है।

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CBSE Class 10 Hindi Lessons

Chapter 1 Saakhi Chapter 2 Meera ke Pad Chapter 3 Dohe
Chapter 4 Manushyata Chapter 5 Parvat Pravesh Mein Pavas Chapter 6 Madhur Madhur Mere Deepak Jal
Chapter 7 TOP Chapter 8 Kar Chale Hum Fida Chapter 9 Atamtran
Chapter 10 Bade Bhai Sahab Chapter 11 Diary ka Ek Panna Chapter 12 Tantara Vamiro Katha
Chapter 13 Teesri Kasam ka Shilpkaar Chapter 14 Girgit Chapter 15 Ab Kaha Dusre Ke Dukh Se Dukhi Hone Wale
Chapter 16 Pathjhad ki Patiya Chapter 17 Kartoos

 

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