Mithaiwala question answers

 

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 मिठाईवाला Important Question Answers Lesson 5

 

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सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 पुस्तक पाठ 5 के लिए मिठाईवाला प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे मिठाईवाला प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

 Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

  • Mithaiwala Extract Based Questions
  • Mithaiwala Multiple Choice Questions
  • Mithaiwala Questions Answers
  • Mithaiwala Extra Question Answers
  • Class 7 Hindi मिठाईवाला Question Answers Lesson 5 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

    सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

    1) बहुत ही मीठे स्वरों के साथ वह गलियों में घूमता हुआ कहता – “बच्चों को बहलाने वाला, खिलौने वाला।” इस अधूरे वाक्य को वह ऐसे विचित्र, किन्तु मादक – मधुर ढंग से गाकर कहता कि सुनने वाले एक बार अस्थिर हो उठते। उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे – छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे – छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौने वाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता।

    प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का नाम बताएं।
    (क) भगवती प्रसाद वाजपेयी
    (ख) जैनेन्द्र कुमार
    (ग) चेतन भगत
    (घ) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
    उत्तर – (क) भगवती प्रसाद वाजपेयी

    प्रश्न 2. अपने बहुत ही मीठे स्वरों के साथ कौन गलियों में घूमता था?
    (क) बंदूक वाला
    (ख) बैलून वाला
    (ग) मिठाईवाला
    (घ) खिलौने वाला
    उत्तर – (घ) खिलौने वाला

    प्रश्न 3. किसके गानों से हलचल मच जाती थी?
    (क) पड़ोसियों के
    (ख) मिठाई वाले के
    (ग) खिलौने वाले के
    (घ) बच्चों के
    उत्तर – (ग) खिलौने वाले के

    प्रश्न 4. ‘चिक’ शब्द का क्या अर्थ है?
    (क) गाल
    (ख) घूँघट
    (ग) चेचक
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (ख) घूँघट

    प्रश्न 5. युवतियाँ किसको उठाकर छज्जों पर से नीचे झाँकती थी?
    (क) घूँघट को
    (ख) बच्चों को
    (ग) परदो को
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (क) घूँघट को

    2) नगरभर में दो – चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे – “भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो – दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा ? मेहनत भी तो न आती होगी !”
    एक व्यक्ति ने पूछ लिया – “कैसा है वह मुरली वाला, मैंने तो उसे नहीं देखा !”
    उत्तर मिला – “उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस – बत्तीस का होगा। दुबला – पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफा बाँधता है।”

    प्रश्न 1. नगरभर में किसके आने का समाचार फैल गया?
    (क) खिलौने वाले के
    (ख) मिठाईवाले के
    (ग) सब्जी वाले के
    (घ) मुरलीवाले के
    उत्तर – (घ) मुरलीवाले के

    प्रश्न 2. मुरलीवाला कितने पैसे में मुरली बेचता था?
    (क) दो – दो पैसे में
    (ख) एक पैसे में
    (ग) पचास पैसे में
    (घ) तीन पैसे में
    उत्तर – (क) दो – दो पैसे में

    प्रश्न 3. मुरलीवाला कैसे मुरली बेचता था?
    (क) मुरली बजाकर
    (ख) गाना सुनाकर
    (ग) क और ख दोनो
    (घ) दिखाकर
    उत्तर – (ग) क और ख दोनो

    प्रश्न 4. मुरलीवाले की उम्र कितने के आस-पास होगी ?
    (क) 28-30
    (ख) 30-32
    (ग) 29-31
    (घ) 30-31
    उत्तर – (ख) 30-32

    प्रश्न 5. मुरलीवाला कैसा साफा बाँधता था?
    (क) बीकानेरी रंगीन
    (ख) कोल्हापुरी ग्रीन
    (ग) जयपुरी सफेद
    (घ) महाराष्ट्रीयन रंगीन
    उत्तर – (क) बीकानेरी रंगीन

    3) विजय बाबू एक समाचार – पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरली वाले से बोले – ” क्यों भई , किस तरह देते हो मुरली ? ”
    किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया, और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटक आई है। इस तरह दौड़ते – हाँफते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे – ”अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली।”

    प्रश्न 1. समाचार पत्र कौन पढ़ रहा था?
    (क) विजय बाबू
    (ख) मुरली वाला
    (ग) लेखक
    (घ) मिठाई वाला
    उत्तर – (क) विजय बाबू

    प्रश्न 2. दौड़ते – हाँफते हुए बच्चों का झुंड कहाँ आ पहुँचा?
    (क) खिलौने वाले के पास
    (ख) विजय बाबू के पास
    (ग) लेखक के पास
    (घ) मुरली वाले के पास
    उत्तर – (घ) मुरली वाले के पास

    प्रश्न 3. किसका जूता पार्क में छूट गया?
    (क) लेखक का
    (ख) मुरलीवाले का
    (ग) बच्चों का
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (ग) बच्चों का

    4) आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरली वाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया , बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करने वाला फेरी वाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है ! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है , जो बेचारा इस तरह मारा – मारा फिरता है। पेट जो न कराए , सो थोड़ा !

    प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम बताएं।
    (क) आत्मत्राण
    (ख) मिठाईवाला
    (ग) पानी की कहानी
    (घ) पापा खो गए
    उत्तर – (ख) मिठाईवाला

    प्रश्न 2. अपने मकान में कौन बैठी हुई थी?
    (क) दादी मां
    (ख) लेखक की चाची
    (ग) रोहिणी
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (ग) रोहिणी

    प्रश्न 3. मुरली वाले की सारी बातें कौन सुन रहा था?
    (क) रोहिणी
    (ख) लेखक
    (ग) बच्चे
    (घ) गली के लोग
    उत्तर – (क) रोहिणी

    5) आठ मास बाद – सरदी के दिन थे। रोहिणी स्नान करके मकान की छत पर चढ़कर आजानुलंबित केश – राशि सुखा रही थी। इस समय नीचे की गली में सुनाई पड़ा – “बच्चों को बहलाने वाला, मिठाई वाला”। मिठाई वाले का स्वर उसके लिए परिचित था, झट से रोहिणी नीचे उतर आई।

    प्रश्न 1. रोहिणी स्नान करने के बाद मकान की छत पर चढ़कर क्या सुखा रही थी?
    (क) अपने कपड़े
    (ख) अपने लंबे बाल
    (ग) अपने जूते
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (ख) अपने लंबे बाल

    प्रश्न 2. ‘आजानुलंबित केश – राशि’ शब्द से क्या अर्थ है?
    (क) घुटनों तक लंबे बाल
    (ख) जांघों तक लंबे बाल
    (ग) कमर तक लंबे बाल
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (क) घुटनों तक लंबे बाल

    प्रश्न 3. मिठाई वाले का स्वर किसके लिए परिचित था?
    (क) दादी के लिए
    (ख) रोहिणी के लिए
    (ग) बच्चों के लिए
    (घ) लेखक के लिए
    उत्तर – (ख) रोहिणी के लिए

     

    Class 7 Hindi Vasant Lesson 5 मिठाईवाला बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

    बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

     

    प्रश्न 1. ‘मिठाईवाला’ शीर्षक पाठ के लेखक का नाम है।
    (क) मैथिलीशरण गुप्त
    (ख) सुभद्रा कुमारी चौहान
    (ग) भवानी प्रसाद मिश्र
    (घ) भगवती प्रसाद वाजपेयी
    उत्तर – (घ) भगवती प्रसाद वाजपेयी

    प्रश्न 2. किसके आने पर युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर से नीचे झाँकने लगती थी?
    (क) मिठाई वाले को
    (ख) खिलौने वाले के
    (ग) मुरली वाले को
    (घ) दादी माँ को
    उत्तर – (ख) खिलौने वाले के

    प्रश्न 3. मिठाई वाला रोहिणी के मोहल्ले में दूसरी बार क्या बेचने आया था?
    (क) मुरली
    (ख) खिलौने
    (ग) रंग – बिरंगी गोलियाँ
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (क) मुरली

    प्रश्न 4. चुन्नू – मुन्नू किसके बच्चे थे?
    (क) विजय बाबू के
    (ख) रोहिणी के
    (ग) क और ख दोनो
    (घ) दादी माँ के
    उत्तर – (ग) क और ख दोनो

    प्रश्न 5. बच्चे किसे देखकर पुलकित हो उठे।
    (क) खिलौने वाले को
    (ख) फेरी वाले को
    (ग) रोहिणी को
    (घ) दादी माँ को
    उत्तर – (क) खिलौने वाले को

    प्रश्न 6. राय विजय बहादुर के कितने बच्चे थे?
    (क) एक
    (ख) तीन
    (ग) दो
    (घ) एक भी नहीं
    उत्तर – (ग) दो

    प्रश्न 7. रोहिणी के पति निम्नलिखित में से कौन है?
    (क) लेखक
    (ख) राय विजय बहादुर
    (ग) मुरली वाला
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (ख) राय विजय बहादुर

    प्रश्न 8. मुरलीवाले के बारे में लोग क्या कहते थे?
    (क) वह अच्छा गाता है।
    (ख) मुरली बेचने में वह माहिर है।
    (ग) उसका कंठ बहुत मीठा है।
    (घ) वह मुरली बजाने में उस्ताद है।
    उत्तर – (घ) वह मुरली बजाने में उस्ताद है।

    प्रश्न 9. बीकानेरी रंगीन साफ़ा कौन बाँधता था?
    (क) खिलौने वाला
    (ख) विजय बाबू
    (ग) मुरलीवाला
    (घ) मिठाईवाला
    उत्तर – (ग) मुरलीवाला

    प्रश्न 10. ‘छुंदल’ शब्द का क्या अर्थ है?
    (क) सुन्दर
    (ख) दल
    (ग) शुभ
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (क) सुन्दर

    प्रश्न 11. मुरलीवाला दो – दो पैसे में क्या बेचता था ?
    (क) बीकानेरी भुजिया
    (ख) मुरली
    (ग) रंगीन साफ़ा
    (घ) उपर्युक्त सभी
    उत्तर – (ख) मुरली

    प्रश्न 12. बच्चों को समझाते हुए मुरलीवाला बोलता है इस समय उसके पास एक – दो नहीं बल्कि पूरी _____है।
    (क) अठावन मुरलियाँ
    (ख) एक हजार मुरलियाँ
    (ग) सत्तावन मुरलियाँ
    (घ) साठ मुरलियाँ
    उत्तर – (ग) सत्तावन मुरलियाँ

    प्रश्न 13. ‘साफ़ा’ शब्द का क्या अर्थ है?
    (क) सफाई
    (ख) गमछा
    (ग) सोफा
    (घ) पगड़ी
    उत्तर – (घ) पगड़ी

    प्रश्न 14. मुरलीवाले ने कितनी मुरलियाँ बनवाई थी ?
    (क) एक हजार
    (ख) चार हजार
    (ग) दो हजार
    (घ) तीन हजार
    उत्तर – (क) एक हजार

    प्रश्न 15. विजय बाबू ने मुरलीवाले से कितनी मुरलियाँ खरीदी?
    (क) चार
    (ख) दो
    (ग) एक
    (घ) तीन
    उत्तर – (ख) दो

    प्रश्न 16. मुरली बेचने वाले को रोहिणी के मोहल्ले में आए कितने महीने बीत गए थे?
    (क) आठ महीने
    (ख) तीन महीने
    (ग) सात महीने
    (घ) दस महीने
    उत्तर – (क) आठ महीने

    प्रश्न 17. मिठाई वाला रोहिणी के मोहल्ले में पहली बार क्या बेचने आया था?
    (क) मुरली
    (ख) रंग – बिरंगी गोलियाँ
    (ग) खिलौने
    (घ) इनमें से कोई नही
    उत्तर – (ग) खिलौने

    प्रश्न 18. मिठाई वाले के पास किस चीज की कमी नहीं थी?
    (क) मिठाई की
    (ख) धन की
    (ग) सुख शांति की
    (घ) अपनो की
    उत्तर – (ख) धन की

    प्रश्न 19. मिठाई बेचने वाले ने अपनी पूरी कहानी किसको सुना दी?
    (क) लेखक को
    (ख) रोहिणी और दादी माँ को
    (ग) फेरी वाले को
    (घ) विजय बाबू को
    उत्तर – (ख) रोहिणी और दादी माँ को

    प्रश्न 20. रोहिणी किसके निकट आकर बोली- चुन्नू – मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है?
    (क) दादी के
    (ख) विजय बाबू के
    (ग) मिठाई वाले के
    (घ) उपर्युक्त सभी
    उत्तर – (क) दादी के

     

    Class 7 Hindi मिठाईवाला प्रश्न और उत्तर Questions Answers

     

    कहानी से

    प्रश्न 1. मिठाईवाला अलग – अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था ?
    उत्तर – मिठाईवाला अलग – अलग चीजें इसलिए बेचता था, क्योंकि वह बच्चों का प्यार प्राप्त करना चाहता था। उसके बच्चों एवं पत्नी की असमय ही मृत्यु हो गई थी। वह अपने बच्चों और अपनी पत्नी को बहुत याद करता था और वह अपने बच्चों की झलक गली – मुहल्लों के बच्चों में देखता था। यही कारण था कि वह बच्चों की रुचि के अनुसार ही बेचने के लिए चीजें लाया करता था। बच्चों को भी पता था कि वह जब भी आएगा बदल – बदल कर चीजें लाएगा, इसलिए उसके आते ही बच्चे भी उसे घेर लिया करते थे। वह भी बच्चों को खूब प्यार करता था और बच्चों की सारी फरमाइशें पूरी करता रहता था। कभी कबार यदि किसी बच्चे के पास पैसे नहीं होते थे तो वह बिना पैसों के ही बच्चे को चीजें दे दिया करता था। वह कई महीनों के बाद इसलिए आता था क्योंकि उसे पैसों का कोई लालच नहीं था। वह एक समृद्ध परिवार से तलूक रखता था। इसके अलावा वह अलग – अलग चीज़ों को तैयार करवाता था क्योंकि वह बच्चों की उत्सुकता को बनाए रखना चाहता था। ताकि बच्चे उससे हमेशा प्यार करते रहें। इसके साथ ही साथ वह बहुत ही कम दाम पर चीजें बेचता था जिस कारण बच्चे उससे और भी अधिक प्यार किया करते थे और यही वह मिठाई बेचने वाला चाहता था।

    प्रश्न 2. मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
    उत्तर – मिठाई बेचने वाले बहुत ही मधुर आवाज में गा – गाकर अपनी चीजों की विशेषताएँ बताता था। जिससे सबका ध्यान उसकी ओर खिंचा चला जाता था। वह हमेशा ही बच्चों की मनपसंद चीजें लाया करता था, जिस कारण बच्चे उसके आते ही उसे घेर लेते थे। वह जो भी चीजें लाता था उनको बहुत ही कम दामों में बेचता था जिस वजह से बच्चों के माता – पिता भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे। वह बच्चों से बहुत भी अच्छे से अपनत्व की भावना के साथ बात करता था, जो सभी को अच्छा लगता था। ऐसी बहुत सी विशेषताएँ थीं जिस के कारण बच्चे तो बच्चे बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे।

    प्रश्न 3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने – अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं ?
    उत्तर – विजय बाबू एक ग्राहक थे जबकि मुरलीवाला एक विक्रेता। जब मुरली बेचने वाले ने यह कहा कि वैसे तो एक मुरली की कीमत तीन पैसे है लेकिन वह विजय बाबू को दो पैसे में दे देगा तो इस बात पर दोनों ने मोल – भाव के लिए अपने – अपने तर्क दिए। विजय बाबू ने अपने पक्ष में तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि सभी फेरीवालों की झूठ बोलने की आदत होती है। जैसे वह मुरली बेचने वाला मुरलियाँ देता तो सभी को दो – दो पैसे में ही होगा, पर उसे दो पैसे में दे कर उस पर अहसान का बोझ लाद रहा है।
    इसके विपरीत मुरली बेचने वाले ने अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि ग्राहकों को वस्तुओं की लागत का कुछ पता नहीं होता कि बेचने वाले को वस्तु किस कीमत में पड़ी है, ग्राहकों का तो दस्तूर ही होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर वस्तु क्यों न बेच रहा हो, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार उन्हें लूट रहा है।

    प्रश्न 4. खिलौने वाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?
    उत्तर – खिलौने बेचने वाले के आने पर बच्चे बहुत ज्यादा खुश हो जाते थे। बच्चे बहुत उत्साहित हो जाते थे क्योंकि खिलौने बेचने वाला उनके मनपसंद खिलौने ले कर आता था। जब भी खिलौने बेचने वाला आता था बच्चे खेलकूद भूलकर अपने सारा सामान जैसे जूते – चप्पल आदि को बाग़ – बगीचों में ही छोड़ कर खुद दौड़ कर खिलौने बेचने वाले को घेर लेते थे। बच्चे अपने – अपने घर से पैसे लाकर खिलौने का मोल – भाव करने लग जाते थे। खिलौने बेचने वाला भी सभी बच्चों को उनका मन चाहा खिलौने दे देता था और बच्चे उन्हें लेकर काफ़ी खुश हो जाते थे। कहने का तात्पर्य यह है कि खिलौने बेचने वाले के आने पर बच्चे खुशी से पागल हो जाते थे।

    प्रश्न 5. रोहिणी को मुरली वाले के स्वर से खिलौने वाले का स्मरण क्यों हो आया ?
    उत्तर – रोहिणी को मुरली बेचने वाले के स्वर से खिलौने बेचने वाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि खिलौने बेचने वाला जिस तरह के मीठे व् मधुर स्वर में गा – गाकर खिलौने बेचा करता था। मुरली बेचने वाला भी ठीक उसी तरह ही मीठे स्वर में गा – गाकर मुरलियाँ बेच रहा था। रोहिणी को दोनों के स्वर एक समान लग रहे थे।

    प्रश्न 6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था ? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?
    उत्तर – रोहिणी की बात सुनकर मिठाई बेचने वाला भावुक हो गया था। उसने अपने सभी व्यवसायों को अपनाने का कारण भावुक होते हुए बताया कि वह भी अपने नगर का एक सम्मान प्राप्त व्यापारी था। अर्थात उसके नगर में उसका बहुत आदर व् सम्मान किया जाता था। उसके पास भी मकान था, अपना व्यापार था, गाड़ी – घोडे़ थे, नौकर – चाकर सभी कुछ था। उसकी पत्नी थी, उसके छोटे – छोटे दो बच्चे भी थे। उसका वह छोटा सा परिवार उसे सोने का संसार लगता था। उसके पास जहाँ बाहर संपत्ति की शान-शौक़त थी, वहीं भीतर परिवार में पुरे संसार का सुख था। समय की गति और विधाता की लीला को कोई नहीं जान सकता। क्योंकि अब उसके परिवार में कोई नहीं रहा। कहने का तात्पर्य यह है कि किसी कारण वश मिठाई बेचने वाले के परिवार के सभी सदस्यों की मृत्यु हो गई थी केवल वह मिठाई बेचने वाला व्यक्ति ही अकेला रह गया था।
    उसने इन व्यवसायों को अपनाने के कारण निम्नलिखित है :- वह अपने उन बच्चों की खोज में निकला हुआ है। क्योंकि उसे उम्मीद है कि वे सब अंत में उसे यहीं कहीं मिल जाएँगे आखिर, कहीं तो उन्होंने जन्म लिया ही होंगा। कहने का तात्पर्य यह है कि मिठाई बेचने वाला विश्वास करता है कि जो मरता है वह दोबारा जन्म लेता है, इसलिए वह घूमता रहता है कि शायद कभी न कभी, कहीं न कहीं उसको अपना कोई मिल जाएगा। उसे ऐसा एहसास होता है कि जैसे उसके दोनों बच्चे इन्हीं बच्चों में उछल – उछलकर हँस – खेल रहे हैं। मिठाई बेचने वाला रोहिणी और दादी माँ को बताता है कि उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है, उनकी दया से पैसे तो काफी है। और जो चीज उसके पास नहीं है, उसे वह इस तरह बच्चों को खुश रख कर वह अपनी ख़ुशी उसी को पा जाता है।

    प्रश्न 7. ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा ’ – कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?
    उत्तर – मिठाई बेचने वाले के जीवन का रहस्य कोई नहीं जानता था लेकिन जब उसने अपने जीवन की सारी गाथा दादी और रोहिणी को बताई। उसी समय रोहिणी के छोटे – छोटे बच्चे चुन्नू – मुन्नू आकर मिठाई माँगने लगते हैं। वह दोनों को मिठाई से भरी एक – एक पुड़िया देता है। रोहिणी पैसे देती है तो उसका यह कहना कि अब इस बार ये पैसे न लूँगा। इस बात को दर्शाता है कि उसका मन भर आया और ये बच्चे उसे अपने बच्चे ही लगे। हम यह भी कह सकते हैं कि शायद बहुत समय बाद किसी ने उस मिठाई बेचने वाले से उसके बारे में कुछ पूछा था और इस संसार में कोई भी नहीं था जो उसके साथ उसका दुःख साँझा करता। रोहिणी और दादी माँ से बात करके आज उसे बहुत अच्छा लगा था, इसी कारण उस मिठाई बेचने वाले ने चुन्नू – मुन्नू को दिए मिठाइयों के पैसे नहीं लिए।

    प्रश्न 8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं ? यदि करती हैं तो क्यों ? आपकी राय में क्या यह सही है ?
    उत्तर – जब रोहिणी मिठाई वाले से चुन्नू – मुन्नू के लिए मिठाइयाँ लेना चाहती थी तो वह स्वयं न जा कर दादी माँ को मिठाई बेचने वाले के सामने भेजती है और खुद छिप कर देखती रहती है क्योंकि मिठाई बेचने वाला अनजान आदमी था और अपने पति के अलावा किसी अन्य आदमी के सामने न जाना पर्दा प्रथा को दर्शाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान ने स्त्री – पुरुष को समान अधिकार दिए हैं और आज शिक्षा के प्रसार व आधुनिकीकरण से भी समाज में बहुत अधिक बदलाव देखने को मिला है। आज स्त्रियाँ पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। लेकिन भारत के कुछ पिछड़े गाँव व स्थान ऐसे भी हैं जहाँ स्त्रियों को आज भी पर्दे में रहना पड़ता है। ऐसे में वे चिक के पीछे बात करने को मजबूर होती हैं। हमारी राय में यह पूर्णतया गलत है क्योंकि स्त्री – पुरुष दोनों समाज के आधार हैं। दोनों को समान दर्जा मिलना चाहिए। इन पिछड़े वर्गों में जागृति लाने हेतु सरकार व युवावर्ग को आगे आना होगा और लोगों की सोच बदलनी होगी जिससे साक्षर राष्ट्र का निर्माण किया जा सके।

    कहानी से आगे

    प्रश्न 1. मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?
    उत्तर – मिठाईवाले का परिवार जरूर किसी दुर्घटना का शिकार हुआ होगा। इसी आधार पर एक और कहानी निम्नलिखित है :-
    एक गाँव में एक सुनार की दुकान थी तथा उसका पूरा परिवार दुकान के पास ही एक घर में रहता था। सभी एक दूसरे के साथ हंसी खुशी से रहते थे। सुनार को अपने बच्चों से बहुत प्यार था। सुनार के द्वारा बनाए गहने की लोकप्रियता दूर- दूर तक फैली हुई थी तथा इसी सिलसिले में सुनार का आना जाना दूसरे शहरों से लगा रहता था। एक बार सुनार अपने काम के सिलसिले में दूसरे शहर को जा रहा था तथा उस शहर में एक बहुत बड़ा मेला लगा हुआ था तो उसके बच्चे भी उस मेले में जाने की जिद करने लगे फिर सुनार अपने बीवी और बच्चों को साथ ले लिया और वहाँ पहुंचकर सुनार ने अपना काम खत्म किया फिर वो अपने परिवार को लेकर मेले में गया बच्चे बहुत खुश थे सुनार ने उन्हे बैलून और खिलौने दिलाए, सभी ने तरह-तरह खाने का लुत्फ उठाया फिर अपने घर जाने के लिए गाड़ी से निकल पड़े रास्ते में उनकी गाड़ी दुर्घटना का शिकार हो गया । जब सुनार को होश आया तो उसने अपने को एक अस्पताल में पाया उसने अपने बीवी और बच्चों के बारे में पूछा तो सुनकर उसका होश उड़ गया क्योंकि उसका पूरा परिवार अब इस दुनिया में नहीं रहा। सुनार बहुत रोया और दुखी मन से घर चला आया इस हादसे वह बहुत टूट गया था। वह अपने बच्चों को याद करके दुखी हो जाता था फिर उसने अपने घर और दुकान बेचकर छोटे बच्चों के लिए सुन्दर पार्क बनवा दिया, जिसमें बच्चों को अच्छे व आकर्षित करने वाली खिलौने भी लगवा दी । उस पार्क में छोटे-छोटे बच्चे खेलते व खुश होते । यह सब देखकर सुनार का मन बहल जाता था । उन बच्चों में अपने बच्चों को दूढता, बच्चों को खुश देख खुद भी खुश हो जाता था।

    प्रश्न 2. हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीज़ें आपको सबसे ज़्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
    उत्तर – हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में निम्नलिखित चीज़ें हमारा ध्यान आकर्षित करती हैं। जैसे- मिठाइयाँ, खिलौने, झूले, चाट, पकौड़े, चाइनिज फूड इसके अलावा अन्य खाद्य पदार्थ आदि। मिठाइयाँ हलवाई द्वारा बनाए जाते हैं, खिलौने कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं तथा झूले एक से अधिक श्रमिक मिलकर लगाते हैं। मिठाईवाले, झूलेवाले, खिलौनेवाले तथा अन्य श्रमिक लोगों का ध्यान अपनी चीजों की तरफ आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते है तथा श्रमिक के चेहरे पर परिश्रम और उनकी व्यस्तता स्पष्ट झलकती है।

    अनुमान और कल्पना

    प्रश्न 1. आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।
    उत्तर- हमारे गली में कई अजनबी फेरीवाले आते हैं। जैसे- सब्जीवाला, खिलौनेवाला, कुल्फीवाला, कपड़ावाला आदि। ये सब बड़ी मीठी स्वर में पुकार-पुकार कर अपनी चीजें बेचते है। ये लोग कम पैसे में पूँजी के अभाव में घूम-घूम कर चीजें बेचते हैं। अगर इनके पास पूँजी होती तो ये भी बड़े दुकानदार होते। अगली बार गली में एक फेरीवाला आया और वह कपड़ा बेच रहा था तो मैंने उससे बातचीत करके यह जानने की कोशिश की वह कब से कब तक कपड़ा बेचता है और कहाँ-कहाँ जाता है। और एक दिन में कितने कपड़े बेच लेता है और उसको कितना फायदा होता है। तो फेरीवाले ने बताया कि वह सुबह से शाम तक कपड़े बेचता है वो हर एरिये में बारी-बारी से जाता है तथा किसी दिन पूरा माल बिक जाता है तो किसी दिन कम। और उसने बताया कि लोग बहुत मोल भाव करते है जिससे ठीक-ठाक फायदा हो जाता है बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

    प्रश्न 2. आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
    उत्तर – समय के साथ फेरी की आवाज़ों में काफी बदलाव आया है। जैसे – पहले फेरी वाले गाकर या कविता के माध्यम से मधुर आवाज में अपने उत्पाद के गुणों को लोगों तक पहुँचाते थे फिर बच्चों से लेकर बड़ों तक उसकी ओर खींचे चले आते थे। परन्तु आज के फेरीवालों के आवाज़ों में वैसी मधुरता सुनने को नहीं मिलती। साथ ही लाउडस्पीकर जैसे उपकरणों का भी प्रयोग होने लगा है। तथा अब बड़ों से लेकर बच्चों तक अपने अपने काम में व्यस्त रहते है और इन फेरी वालों के उत्पाद में इतनी रुचि नहीं लेते है।

    प्रश्न 3. आपको क्या लगता है- वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए है? कारण लिखिए।
    उत्तर – यह बात सही है कि वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए है क्योंकि लोग आजकल उत्पाद बेचने के लिए कई नये-नये तरीके अपनाते है जैसे – भारी छूट, एक समान पर एक समान फ्री, कूपन आदि। जिससे लोग आकर्षित हो जाते है तथा वही से चीजें लेना पसंद करते है। वहीं दूसरी ओर फेरी वाले गलियों में घुम – घुम कर थक जाते है लोग खरीदने में बहुत कम रुचि लेते है। इसलिए फेरी के स्वर कम हुए है।

    भाषा की बात

    प्रश्न 1.

    मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया
    • ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि-

    (क) ‘वाला’ से पहले आने वाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या है?
    (ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?
    उत्तर –
    (क) ‘मिठाई’ एक संज्ञा है और ‘बोलना’ एक क्रिया है।
    (ख) मिठाईवाला शब्द विशेषण है जबकि बोलनेवाली गुड़िया में गुड़िया संज्ञा है जबकि बोलनेवाली शब्द विशेषण है जो गुड़िया की विशेषता बता रहा है।

    प्रश्न 2. “अच्छा मुझे ज्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”

    • उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे, भोजपुरी में- एक ठो लइका, चार ठे आलू तीन ते बटुली।
    • ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।

    उत्तर – झारखंड की हिंदी, बंगला तथा असमी भाषा में भी ‘ठो’ का प्रयोग होता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बनारस में भी ऐसी भाषा बोली जाती है साथ ही इलाहाबाद और पूर्वांचल क्षेत्रों के भाषा में ‘ठो’ लगाकर बोला जाता है।
    बिहार के मिथिला क्षेत्र में जहाँ मैथिली बोली जाती है वहाँ ‘ठो’ ‘ठे’ के स्थान पर ‘टा’ का प्रयोग होता है। जैसे:- एक ठो कॉपी – एक टा कॉपी, चार ठो कलम – चार टा कलम
    ज्यादा जानकारी के लिए छात्र अपने आस-पास के बच्चों से पूछ कर पता कीजिए।

    प्रश्न 3.

    bhasha

    • भाषा का ये प्रयोग आजकल पढ़ने सुनने में नहीं आते। आप ये बातें कैसे कहेंगे?

    उत्तर – 

    • ऐसा लगता है कि वे भी पार्क में खेलने के लिए निकल गए है।
    • अरे भाई, ये मुरली कितने में दे रहे हो।
    • चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है दादी, जरा उसे कमरे तक बुलाओ।

     

    कुछ करने को

    प्रश्न 1. फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी? उनका घर-परिवार कहाँ होगा? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे? यह जानने के लिए तीन-तीन के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवाले से बात करें।
    उत्तर – फेरीवाले का जीवन काफी कठिन होता है। वह सुबह से शाम तक गलियों और सड़कों पर चक्कर लगाते रहते हैं। उनका घर-परिवार उनसे दुर अलग गाँव या दूसरे शहर में होता है उनके जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएँ आती है। जैसे पूरा सामान न बिकना, सामान का खराब हो जाना या सड़ जाना, तबीयत खराब होने से व्यवसाय रुक जाना, अधिक बारिश होने पर, या अधिक गर्मी पड़ने से घर से बाहर न निकल पाना। कभी-कभी इन्हें खरीद से कम में भी माल बेचना पड़ता है जिससे कि इनका मूल धन भी डूब जाता है, इस तरह की और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
    छात्र-छात्राएँ समूह बनाकर कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से स्वयं बातचीत करें।

    प्रश्न 2. इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए।
    उत्तर – जी हां, दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुख कम हो जाता है जैसे – किसी जरूरतमंद व्यक्ति या बच्चों के लिए किया कार्य मन को सुकून देता है। चाहे उस समय हमारे मन में किसी प्रकार का दुख ही क्यों न हो । पर उनके चेहरे की खुशी देखकर बहुत ही संतोष, धैर्य और सुख की अनुभूति होती है ।
    जैसे इस कहानी में – मिठाईवाले के बीवी और बच्चों के मृत्यु के बाद, वह दूसरे बच्चों को जब उनकी पसंद का खिलौने ला-लाकर बेचता तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर देखकर उसे संतोष और सुख की अनुभूति होती थी। वह उन्हीं में अपने बच्चों की झलक देखता था।

    प्रश्न 3. अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।
    उत्तर – मिठाईवाला, मीठी मुस्कान, हल्का मोटा शरीर, काली-काली आंखें, सिर पर टोकरी, पैरों में चप्पल, धोती-कुर्ता पहने, कंधे पर गमछा लिए चलता होगा। सिर पर पगड़ी बांधता होगा जिससे टोकरी रखने में आसानी होगी। और उसके पास ढेर सारी रंग-बिरंगी, काली मीठी गोलियाँ होती होंगी । जिसे देखकर बच्चे मीठाईवाले को घेर लेते होंगे।

     

    Class 7 Hindi मिठाईवाला अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)

     

    प्रश्न 1. मुरलीवाले का चित्रण अपने शब्दों में करें?
    उत्तर – मुरली वाला देखने में दुबला – पतला गोरा युवक था उसकी उम्र लगभग तीस – बत्तीस की थी वह बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता था। वह मुरली बजाकर, गाना सुनाकर मुरली दो – दो पैसे में बेचता था । उसके बारे में लोगों ने अंदाजा लगाया कि वह व्यक्ति पहले खिलौने बेचने शहर में आया करता था।

    प्रश्न 2. मिठाईवाला बच्चों के पसंद का ख्याल कैसे रखता था?
    उत्तर – बच्चे एक चीज से ऊब ना जाए इसलिए मिठाईवाला अलग-अलग चीजें लाकर बेचता था। कभी खिलौने, कभी मुरली तो कभी रंग-बिरंगी, काली-मीठी गोलियाँ । वह कई महीनों के अंतराल के बाद आता था ताकि बच्चे उसे देखकर उत्सुक हो जाए और अपनी पसंद की चीजें लेकर खुश हो जाए।

    प्रश्न 3. बच्चे उस फेरीवाले को क्यों पसंद करते थे?
    उत्तर – बच्चे उस फेरीवाले को इसलिए पसंद करते थे क्योंकि वह फेरी वाला, कभी खिलौनेवाला, कभी मुरलीवाला तो कभी मिठाईवाला बनकर बच्चों के बीच आता था और वह नए-नए खिलौने, मुरलियाँ, मिठाईयाँ कम कीमत पर बेचता था। जिसे बच्चे खरीद कर खुश होते थे।

    प्रश्न 4. राय विजय बहादुर कौन था? राय विजय बहादुर के कितने बच्चे थे और उनके बच्चे क्या लेकर घर आते हैं?
    उत्तर – राय विजय बहादुर रोहिणी के पति थे और वे बहुत ही विनम्र व्यक्ति थे । राय विजय बहादुर के दो बच्चे थे – चुन्नू और मुन्नू। दोनो बहुत ही प्यारे थे और वह दोनों खिलौने खरीद कर घर आते है I चुन्नू जब खिलौने लेकर घर आया तो अपनी तोतली जुबान से बोला कि मेला घोला कैछा छुंदल ऐ। अर्थात वह कहने लगा कि उसका घोड़ा बहुत सुंदर है। चुन्नू की बात सुनकर मुन्नू भी तोतली जुबान से बोल पड़ा कि औल देखो, मेला कैछा छुंदल ऐ ! अर्थात और देखो मेरा कैसा सुंदर है। दोनों ही बच्चे अपने – अपने हाथी – घोड़े वाली खिलौने लेकर पुरे घर में उछलने लगे।

    प्रश्न 5. रोहिणी चुन्नू और मुन्नू से खिलौनों के बारे में क्या पूछती हैं? और क्या सुनकर हैरान हो जाती है?
    उत्तर – रोहिणी के दोनों बच्चे चुन्नू और मुन्नू खिलौने खरीद कर घर ले आते है और दोनों अपने – अपने खिलौनों के साथ पुरे घर में खेलते है। रोहिणी दोनों बच्चों को खेलते हुए कुछ देर तक खड़े-खडे़ ही ध्यानपूर्वक देखती है। फिर दोनों बच्चों को बुलाकर पूछा कि अरे चुन्नू – मुन्नू , ये खिलौने तुमने कितने में लिए हैं तब मुन्नू बोला दो पैसे में I मुन्नू की बात सुनकर रोहिणी हैरान हो गई और सोचने लगी की इतने सस्ते में खिलौने वाला उन्हें खिलौने कैसे दे गया है।

    प्रश्न 6. मिठाईवाले की आवाज़ सुन रोहिणी छत से नीचे क्यों उतर आई ?
    उत्तर – सर्दी के दिन थे। रोहिणी स्नान करके अपने मकान की छत पर अपने लंबे बालों को सुखा रही थी। कि उसी समय नीचे की गली से रोहिणी को किसी के शब्द सुनाई पड़े कि बच्चों को बहलाने वाला, मिठाई वाला। मिठाई बेचने वाले के वो शब्द रोहिणी के लिए जाने पहचाने लगे, उन शब्दों को सुन कर झट से रोहिणी छत से नीचे उतर आई और दादी माँ के पास आकर बोली कि दादी, चुन्नू – मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। जरा उस मिठाई बेचने वाले को बुलाना।

    प्रश्न 7. रोहिणी के जिद करने पर मिठाई बेचने वाला अपने बारे में क्या बताया?
    उत्तर – रोहिणी के जिद करने पर मिठाई बेचने वाला अपने बारे में रोहिणी और दादी माँ को बहुत ही भारीपन के साथ बताने लगता है कि वह भी अपने नगर का एक सम्मान प्राप्त व्यक्ति था। उसके पास भी मकान, अपना व्यापार, गाड़ी – घोडे़, नौकर – चाकर सभी कुछ था। उसकी पत्नी और दो छोटे – छोटे बच्चे भी थे। उसका वह छोटा सा परिवार उसे सोने का संसार लगता था। उसके परिवार में पुरे संसार का सुख था। उसकी पत्नी बहुत ही सुंदर थी, उसमें उसका प्राण बसते थे। उसके बच्चे भी इतने सुंदर थे कि उनको देखने पर लगता था जैसे कोई सोने के खिलौने हों जिनमें प्राण भर दिए गए हों। मिठाईवाला आगे बताता है कि समय की गति और विधाता की लीला को कोई नहीं जान सकता। किसी कारण वश उसके परिवार के सभी सदस्यों की मृत्यु हो गई और वह दुनिया में अकेला रह गया।

     

     

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