Apurv Anubhav question answers

 

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 अपूर्व अनुभव Important Question Answers Lesson 10

Class 7 Hindi Apurv Anubhav Question Answers- Looking for Apurv Anubhav question answers for CBSE Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Book Chapter 10? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 पुस्तक पाठ 10 के लिए अपूर्व अनुभव प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे अपूर्व अनुभव प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

 Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

 

 

 

Class 7 Hindi अपूर्व अनुभव Question Answers Lesson 10 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

1) तोमोए में हरेक बच्चा बाग के एक – एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। तोत्तो – चान का पेड़ मैदान के बाहरी हिस्से में कुहोन्बुत्सु जाने वाली सड़क के पास था। बड़ा सा पेड़ था उसका, चढ़ने जाओ तो पैर फिसल – फिसल जाते। पर, ठीक से चढ़ने पर जमीन से कोई छह फुट की ऊँचाई पर एक द्विशाखा तक पहुँचा जा सकता था। बिलकुल किसी झूले सी आरामदेह जगह थी यह। तोत्तो – चान अकसर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद ऊपर चढ़ी मिलती। वहाँ से वह सामने दूर तक ऊपर आकाश को या नीचे सड़क पर चलते लोगों को देखा करती थी।

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम और लेखक का नाम लिखिए।
(क) पाठ का नाम- अपूर्व अनुभव, लेखिका- तेत्सुको कुरियानागी
(ख) पाठ का नाम- क्या निराश हुआ जाए, लेखक- हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ग) पाठ का नाम- दादी माँ, लेखक- शिव प्रसाद सिंह
(घ) पाठ का नाम- गिल्लू, लेखिका- महादेवी वर्मा
उतर – (क) पाठ का नाम- अपूर्व अनुभव, लेखिका- तेत्सुको कुरियानागी

प्रश्न 2. तोमोए क्या है?
(क) तोमोए एक गली का नाम है
(ख) तोमोए एक बगीचा का नाम है
(ग) जापान का एक गाँव है
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ग) जापान का एक गाँव है

प्रश्न 3. कुहोन्बुत्सु जाने वाली सड़क के पास किसका पेड़ था?
(क) तोत्तो – चान का
(ख) तोमोए के किसी बच्चे का
(ग) यासुकी – चान का
(घ) तोत्तो – चान के मित्र का
उतर – (क) तोत्तो – चान का

प्रश्न 4. पेड़ की द्विशाखा जमीन से कितनी फुट की ऊँचाई पर थी?
(क) चार फुट की ऊँचाई पर
(ख) छह फुट की ऊँचाई पर
(ग) तीन फुट की ऊँचाई पर
(घ) सात फुट की ऊँचाई पर
उतर – (ख) छह फुट की ऊँचाई पर

प्रश्न 5. तोत्तो – चान अकसर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद कहां ऊपर चढ़ी मिलती ?
(क) सीढ़ी के ऊपर चढ़ी मिलती
(ख) झूले के ऊपर चढ़ी मिलती
(ग) छत के ऊपर चढ़ी मिलती
(घ) पेड़ के ऊपर चढ़ी मिलती
उतर – (घ) पेड़ के ऊपर चढ़ी मिलती

2) यासुकी – चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। अतः तोत्तो – चान ने उसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था। पर यह बात उन्होंने किसी से नहीं कही, क्योंकि अगर बड़े सुनते तो जरूर डाँटते। घर से निकलते समय तोत्तो – चान ने माँ से कहा कि वह यासुकी – चान के घर डेनेनचोफु जा रही है। चूँकि वह झूठ बोल रही थी, इसलिए उसने माँ की आँखों में नहीं झाँका। वह अपनी नज़रें जूतों के फीतों पर ही गड़ाए रही। रॉकी उसके पीछे – पीछे स्टेशन तक आया। जाने से पहले उसे सच बताए बिना तोत्तो – चान से रहा नहीं गया।

प्रश्न 1. किसको पोलियो था?
उतर – यासुकी – चान को

प्रश्न 2. तोत्तो – चान ने किसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था?
उतर – यासुकी – चान को

प्रश्न 3. कौन अपनी नज़रें जूतों के फीतों पर ही गड़ाए रही।
उतर – तोत्तो – चान

प्रश्न 4. रॉकी कौन है?
उतर – तोत्तो – चान का भाई

प्रश्न 5. किससे सच बताए बिना तोत्तो – चान से रहा नहीं गया?
उतर – अपने भाई रॉकी से

3) यासुकी – चान के हाथ – पैर इतने कमजोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के चढ़ नहीं पाया। इस पर तोत्तो – चान नीचे उतर आई और यासुकी – चान को पीछे से धकियाने लगी। पर तोत्तो – चान थी छोटी और नाजुक – सी, इससे अधिक सहायता क्या करती ! यासुकी – चान ने अपना पैर सीढ़ी पर से हटा लिया और हताशा से सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो – चान को पहली बार लगा कि काम उतना आसान नहीं है जितना वह सोचे बैठी थी। अब क्या करे वह ?

प्रश्न 1. यासुकी – चान के हाथ – पैर इतने कमजोर क्यों थे?
उतर – पोलियो के कारण

प्रश्न 2. तोत्तो – चान किसे पीछे से धकियाने लगी?
उतर – यासुकी – चान को

प्रश्न 3. कौन हताशा से अपना सिर झुकाकर खड़ा हो गया?
उतर – यासुकी – चान

4) वह तिपाई – सीढ़ी को घसीटकर ले आई तो अपनी शक्ति पर हैरान होने लगी। तिपाई की ऊपरी सीढ़ी द्विशाखा तक पहुँच रही थी।
“देखो, अब डरना मत,” उसने बड़ी बहन की – सी आवाज में कहा, “यह डगमगाएगी नहीं।”
यासुकी – चान ने घबराकर तिपाई – सीढ़ी और पसीने से तरबतर तोत्तो – चान की ओर देखा। उसे भी काफी पसीना आ रहा था। उसने पेड़ की ओर देखा और तब निश्चय के साथ पाँव उठाकर पहली सीढ़ी पर रखा।

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम लिखिए।
उतर – अपूर्व अनुभव

प्रश्न 2. कौन तिपाई – सीढ़ी को घसीटकर ले आया?
उतर – तोत्तो – चान

प्रश्न 3. कौन-सी चीज पेड़ के द्विशाखा तक पहुँच रही थी?
उतर – तिपाई की ऊपरी सीढ़ी

प्रश्न 4. कौन अपना पाँव उठाकर पहली सीढ़ी पर रखा?
उतर – यासुकी – चान

 

Class 7 Hindi Vasant Lesson 10 अपूर्व अनुभव बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1. ‘अपूर्व अनुभव’ शीर्षक पाठ के लेखक कौन हैं?
(क) मीरी यू
(ख) तेत्सुको कुरियानागी
(ग) पूर्वा याज्ञिक कुशवाहा
(घ) श्री कोबायाशी
उत्तर – (ख) तेत्सुको कुरियानागी

प्रश्न 2. ‘अपूर्व अनुभव’ किस विश्व प्रसिद्ध पुस्तक का एक अंश है?
(क) ‘साइलेंस’ नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक
(ख) ‘द रीजन’ नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक
(ग) ‘तोत्तो – चान’ नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक
(घ) ‘आफ्टर डार्क’ नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक
उत्तर – (ग) ‘तोत्तो – चान’ नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक

प्रश्न 3. यासुकी – चान को क्या था?
(क) डायबिटीज
(ख) पोलियो
(ग) मलेरिया
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (ख) पोलियो

प्रश्न 4. बच्चे अपने – अपने पेड़ को क्या मानते थे?
(क) घर
(ख) दुश्मन
(ग) मित्र
(घ) निजी संपत्ति
उत्तर – (घ) निजी संपत्ति

प्रश्न 5. हाथ – पैर किसके कमजोर थे ?
(क) यासुकी – चान के
(ख) तोत्तो – चान के
(ग) यासुकी – चान दूसरे मित्र के
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (क) यासुकी – चान के

प्रश्न 6. यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता किसने दिया था?
(क) तोत्तो – चान के दूसरे मित्र ने
(ख) तोत्तो – चान की बहन ने
(ग) तोत्तो – चान ने
(घ) तोत्तो – चान के भाई ने
उत्तर – (ग) तोत्तो – चान ने

प्रश्न 7. तोत्तो – चान का पेड़ मैदान के बाहरी हिस्से में _____ जाने वाली सड़क के पास था?
(क) डेडेनचोफू
(ख) कुहोन्बुत्सु
(ग) हिरोशिमा
(घ) तोमोए
उत्तर – (ख) कुहोन्बुत्सु

प्रश्न 8. यासुकी-चान का घर इनमें से कहाँ था?
(क) कुहोन्बुत्सु में
(ख) डेनेनचोफु में
(ग) तोमोए में
(घ) हिरोशिमा में
उत्तर – (ख) डेडेनचोफू में

प्रश्न 9. ‘हताशा’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) निराशा
(ख) दुःख
(ग) निष्फलता
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 10. ‘तोत्तो – चान’ नामक पुस्तक मूलतः किस भाषा में लिखी गई है?
(क) तेलगू भाषा
(ख) मराठी भाषा
(ग) हिन्दी भाषा
(घ) जापानी भाषा
उत्तर – (घ) जापानी भाषा

प्रश्न 11. तोत्तो – चान जापान के कौन से गाँव की रहने वाली थी?
(क) डेनेनचोफु
(ख) कुहोन्बुत्सु
(ग) तोमोए
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (ग) तोमोए

प्रश्न 12. ‘तोत्तो – चान’ नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक का हिंदी में अनुवाद किसने किया है?
(क) पूर्वा याज्ञिक कुशवाहा ने
(ख) चेतन भगत ने
(ग) सूर्यकांत त्रिपाठी ने
(घ) बालवीर ने
उत्तर – (क) पूर्वा याज्ञिक कुशवाहा ने

प्रश्न 13. तोत्तो – चान ने किससे कहा कि वह यासुकी – चान के घर डेनेनचोफु जा रही है?
(क) अपने भाई से
(ख) अपने पिता से
(ग) अपनी माँ से
(घ) अपनी बहन से
उत्तर – (ग) अपनी माँ से

प्रश्न 14. ‘जोखिम’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) घाटे की संभावना
(ख) हानि,अनिष्ट
(ग) ख़तरा, संकट
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 15. ‘तोत्तो – चान’ पेड़ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी कहां से लाई?
(क) अपने दोस्त के घर से
(ख) चौकीदार के छप्पर की ओर से
(ग) अपने घर से
(घ) अपने स्कूल से
उत्तर – (ख) चौकीदार के छप्पर की ओर से

प्रश्न 16. यासुकी – चान तोत्तो – चान से कितने साल बड़ा था?
(क) एक वर्ष
(ख) चार वर्ष
(ग) सिक्स वर्ष
(घ) तीन वर्ष
उत्तर – (क) एक वर्ष

प्रश्न 17. पेड़ पर चढ़ने के लिए यासुकी – चान को पीछे से कौन धकियाने लगा?
(क) तोत्तो – चान का मां
(ख) चौकीदार
(ग) तोत्तो – चान
(घ) तोत्तो – चान की बहन
उत्तर – (ग) तोत्तो – चान

प्रश्न 18. दूसरी बार ‘तोत्तो – चान’ कैसी सीढ़ी लाई?
(क) सिंपल-सीढ़ी
(ख) तिपाई-सीढ़ी
(ग) चोपाई-सीढ़ी
(घ) दोपाई-सीढ़ी
उत्तर – (ख) तिपाई-सीढ़ी

प्रश्न 19. पेड़ पर चढ़ कर यासुकी – चान ने क्या देखा?
(क) बहुत सारे फल
(ख) बहुत सारे पक्षी
(ग) लहराते खेत
(घ) दुनिया की एक नयी झलक
उत्तर – (घ) दुनिया की एक नयी झलक

प्रश्न 20. तिपाई की ऊपरी सीढ़ी कहां तक पहुँच रही थी?
(क) पेड़ के द्विशाखा तक
(ख) पेड़ के ऊपरी छोर तक
(ग) पेड़ के पहली शाखा तक
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (क) पेड़ के द्विशाखा तक

 

Class 7 Hindi अपूर्व अनुभव प्रश्न और उत्तर Questions Answers

 

पाठ में

प्रश्न 1. यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो – चान ने अथक प्रयास क्यों किया ? लिखिए।
उत्तर – यासुकी – चान तोत्तो – चान का एक बहुत अच्छा मित्र था। यासुकी – चान को पोलियो था, जिस कारण दूसरे बच्चों की तरह वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। इसका अर्थ यह हुआ कि यासुकी – चान का अपना कोई पेड़ नहीं था। जबकि जापान के शहर तोमोए में हर बच्चे का एक निजी पेड़ था, लेकिन यासुकी – चान ने शारीरिक अपंगता के कारण किसी पेड़ को निजी नहीं बनाया था। तोत्तो – चान की अपनी इच्छा थी कि वह यासुकी – चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित कर एक नयी दुनिया दिखाए, जो यासुकी – चान में अब तक नहीं देखी थी। यही कारण था कि उसने यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया।

 

प्रश्न 2. दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो – चान और यासुकी – चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग – अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे ? लिखिए।
उत्तर – दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से पेड़ पर चढ़ने की सफलता पाने के बाद तोत्तो – चान और यासुकी – चान को अपूर्व अनुभव मिला। इन दोनों के अपूर्व अनुभव का अंतर निम्न रूप में कह सकते हैं –

तोत्तो – चान = तोत्तो – चान खुद तो रोज़ ही अपने निजी पेड़ पर चढ़ी हुई मिलती थी। लेकिन पेड़ की उस शाखा तक जहाँ से पेड़ की दो मोटी शाखाएँ मिलती थी और तोत्तो – चान जहाँ बैठ कर आनंद लेती थी, वहां पर यासुकी – चान को पहुँचाने से उसे अपूर्व आत्म – संतुष्टि व खुशी प्राप्त हुई क्योंकि उसके इस जोखिम भरे कार्य से यासुकी – चान को अत्यधिक प्रसन्नता मिल थी। मित्र को प्रसन्न करने में ही वह प्रसन्न थी। साथ – ही – साथ उसका अपने मित्र को पेड़ पर से दुनिया दिखने का लक्ष्य भी सफल हो गया था।

यासुकी – चान = यासुकी – चान को पेड़ पर चढ़कर अपूर्व खुशी मिली। तोत्तो – चान ने उसके मन की चाह पूरी कर दी थी। पेड़ पर चढ़ना तो दूर वह तो निजी पेड़ बनाने के लिए भी शारीरिक रूप से सक्षम नहीं था। उसे ऐसा सुख पहले कभी न मिला था। तभी तो जब वह पहली बार पेड़ पर चढ़ा तो उसके मुँह से निकला कि तो ऐसा होता है पेड़ पर चढ़ना।

 

प्रश्न 3. पाठ में खोजकर देखिए – कब सूरज का ताप यासुकी – चान और तोत्तो – चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार, इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है ?
उत्तर – पहली सीढ़ी से यासुकी – चान का पेड़ पर चढ़ने का प्रयास जब असफल हो जाता है तो तोत्तो – चान तिपाई – सीढी खींचकर ले आती है। वह किसी भी कीमत पर यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ाना चाहती थी। अपने अथक प्रयास से उसे ऊपर चढ़ाने का प्रयास करने लगी तो दोनों तेज़ धूप में पसीने से पूरी तरह भीग गए थे। दोनों के इस अथक संघर्ष के बीच बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया कर उन्हें कड़कती धूप से बचाने लगा। शायद भगवान् भी उन दोनों की कड़ी मेहनत को देख कर खुश हो गए थे, इसीलिए उन्हें सूरज की कड़कड़ाती धूप से बचाने के लिए बादल का बड़ा सा टुकड़ा आसमान में भेज दिया था।

 

प्रश्न 4. ‘यासुकी – चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह ………अंतिम मौका था।’  इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा ?
उत्तर – ‘यासुकी – चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह अंतिम मौका था ’ लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि यासुकी – चान पोलियो ग्रस्त था। उसके लिए पेड़ पर चढ़ जाना असंभव था। यासुकी – चान का यह पहले मौका था जब वह पेड़ पर चढ़ा था और आखरी इसलिए क्योंकि उन दोनों को बहुत मेहनत करनी पड़ी थी और साथ – ही – साथ यह बहुत खतरे वाला काम भी था। तोत्तो – चान के अथक परिश्रम और साहस के बदौलत वह पहली बार पेड़ पर चढ़ पाया था। यह अवसर मिलना और कभी असंभव था। अगर उनके माता – पिता को इसकी जानकारी मिल जाती तो कभी यह काम करने नहीं देते। शायद दोबारा ऐसा कभी नहीं कर पाते।

 

पाठ के आगे

 

प्रश्न 1. तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन मे यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं?
उत्तर – किसी भी काम में सफलता पाने के लिए तीव्र इच्छा, लगन, कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है। हमें भी किसी जरूरतमंद के लिए ऐसे ही लगन से काम करना चाहिए ताकि उसे खुशी मिले या फिर हमें किसी आगामी परीक्षा की तैयारी ऐसे ही लगन से करना चाहिए । जिससे हमें उस परीक्षा में उच्च कोटि की सफलता मिले।

प्रश्न 2. हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन ‘अपूर्व अनुभव’, कहानी एक मामूली बहादुरी और जोखिम की ओर हमारा ध्यान खींचती है। यदि आपको अपने आसपास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर – अगर मुझे अपने आसपास कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिले तो मैं ऋषिकेश के गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग करना चाहूंगा। 

 

अनुमान और कल्पना


प्रश्न 1. अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नजरें नीचे क्यों थी?
उत्तर – तोत्तो – चान ने यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का निमंत्रण दिया था। किन्तु इस राज़ का पता किसी को नहीं था। न तो तोत्तो – चान के माता – पिता को और न ही यासुकी – चान के माता – पिता को। अगर दोनों के घर के बड़े लोग इस बात को सुनते तो उन्हें जरूर डाँटते क्योंकि यासुकि – चान अपने पोलियो के कारण पेड़  पर नहीं चढ़ सकता था और तोत्तो – चान भी अभी छोटी बच्ची ही थी। इसी वजह से घर से निकलते समय तोत्तो – चान ने अपनी माँ से कहा कि वह यासुकी – चान के घर डेनेनचोफु जा रही है। चूँकि वह झूठ बोल रही थी, इसलिए वह अपनी माँ की आँखों में नहीं देख रही थी क्योंकि उसे मालूम था कि उसकी माँ यह जोखिम भरा कार्य नहीं करने देगी। इसके साथ ही उसे यह डर भी था कि शायद वह माँ से नजरें मिलाकर जब यह बात कहेगी तो उसका झूठ पकड़ा जाएगा।

प्रश्न 2. यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुज़रने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधावाली जगहों की सूची बनाइए।
उत्तर – कई जगहों पर अपंगो के चढ़ने उतरने के लिए लिफ्ट और तकनीकी सीढ़ियों की सुविधा है। जैसे-मेट्रो स्टेशन और शॉपिंग माल में अपनों को ध्यान में रखते हुए ये सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अस्पतालों में व्हील चेयर होती है। हवाई अड्डों पर भी यह सुविधा उपलब्ध है। स्कूलों में दिव्यांग बच्चों की सुविधा के लिए रैंप और रेलिंग बनी होती है।

 

भाषा की बात

प्रश्न 1. द्विशाखा शब्द द्वि और शाखा के योग से बना है। द्वि का अर्थ है-दो और शाखा का अर्थ है- डाल। द्विशाखा पेड़ के तने का वह भाग है जहाँ से दो मोटी-मोटी डालियाँ एक साथ निकलती हैं। द्वि की भाँति आप त्रि से बननेवाला शब्द त्रिकोण जानते होंगे। त्रि का अर्थ है तीन। इस प्रकार, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ और दस संख्यावाची संस्कृत शब्द उपयोग में अकसर आते हैं। इन संख्यावाची शब्दों की जानकारी प्राप्त कीजिए और देखिए कि क्या इन शब्दों की ध्वनियाँ अंग्रेज़ी संख्या के नामों से कुछ-कुछ मिलती-जुलती हैं, जैसे – हिंदी-आठ, संस्कृत-अष्ट, अंग्रेज़ी-एट।
उत्तर

class 7 chapter 10 भाषा की बात

प्रश्न 2. पाठ में ‘ठिठियाकर हँसने लगी’, ‘पीछे से धकियाने लगी’ जैसे वाक्य आए हैं। ठिठियाकर हँसने के मतलब का आप अवश्य अनुमान लगा सकते हैं। ठी-ठी-ठी हँसना या ठठा मारकर हँसना बोलचाल में प्रयोग होता है। इनमें हँसने की ध्वनि के एक खास अंदाज को हँसी का विशेषण बना दिया गया है। साथ ही ठिठियाना और धकियाना शब्द में ‘आना’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इस प्रत्यय से फ़िल्माना शब्द भी बन जाता है। ‘आना’ प्रत्यय से बननेवाले चार सार्थक शब्द लिखिए।
उत्तर – खिलाना, पिलाना, दिखाना, दौड़ाना, घराना, चलाना, सुनाना, जुर्माना, रोजाना, शर्माना।

 

Class 7 Hindi अपूर्व अनुभव अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)

 

प्रश्न 1. तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता किसे दिया था?
उत्तर – तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता यासुकी-चान को दिया था।

प्रश्न 2. तोत्तो – चान का पेड़ कहाँ था?
उत्तर – तोत्तो – चान का पेड़ मैदान के बाहरी हिस्से में कुहोन्बुत्सु जाने वाली सड़क के पास था।

प्रश्न 3. तोत्तो – चान अपने पेड़ पर बैठ कर क्या करती थी?
उत्तर – तोत्तो – चान अपने पेड़ पर बैठ कर वहाँ से सामने दूर तक ऊपर आकाश को या नीचे सड़क पर चलते लोगों को देखा करती थी।

प्रश्न 4. तोत्तो-चान ने कौन सा साहस भरा काम किया?
उत्तर – तोत्तो-चान ने अपने पोलियो ग्रस्त मित्र यासुकी – चान को पेड़ पर चढ़ा कर साहस भरा काम किया।

प्रश्न 5. किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने का क्या नियम था?
उत्तर – बच्चे अपने – अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। इसलिए किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ना हो तो उससे पहले पूरी शिष्टता से, “माफ कीजिए, क्या मैं अंदर आ जाऊँ?” उससे ऐसा पूछना पड़ता था।

प्रश्न 6. तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता यासुकी-चान को क्यों दिया था।
उत्तर – यासुकी – चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। इसलिए तोत्तो – चान ने उसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था।

प्रश्न 7. तोत्तो-चान किससे सच बताए बिना नहीं रह सकी।
उत्तर – तोत्तो-चान झूठ बोलने के वजह से बेचैन थी। जब उसका भाई रॉकी उसे यासुकी – चान के घर छोड़ने उसके पीछे – पीछे स्टेशन तक आया तो जाने से पहले तोत्तो – चान को अपने भाई रॉकी से सच बताए बिना नहीं रहा गया। अर्थात तोत्तो – चान ने उसे बता दिया कि वह यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ने देने वाली है।

प्रश्न 8. तोत्तो – चान ने बड़ो से कौन-सी बात छुपायी थी और क्यों ?
उत्तर – तोत्तो – चान ने यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ने के लिए आमंत्रित किया था। किन्तु इस राज़ का पता किसी को नहीं था। न तो तोत्तो – चान के माता – पिता को और न ही यासुकी – चान के माता – पिता को। क्योंकि यासुकी – चान को पोलियो था। अगर यह बात बड़ों को पता चल जाती, तो उसको डांट पड़ती और यह जोखिम भरा कार्य बिल्कुल नहीं करने देते। इसलिए तोत्तो – चान ने यह बात बड़ो से छुपायी थी।

प्रश्न 9. तोत्तो – चान द्वारा यासुकी – चान को पेड़ की ओर खींचते अगर कोई बड़ा देखता तो क्या होता? स्पष्ट में लिखिए?
उत्तर – जब तोत्तो – चान यासुकी – चान को पेड़ पर चढ़ने में मदद करते हुए खींच रही थी तो उस समय उस पेड़ की शाखा पर खड़ी तोत्तो – चान द्वारा यासुकी – चान को पेड़ की ओर खींचते हुए अगर कोई बड़ा देख लेता तो वह जरूर डर के मारे चीख उठता। कहने का तात्पर्य यह है कि तोत्तो – चान यासुकी – चान से बहुत छोटी थी और यासुकी – चान बहुत बड़ा था, जिस कारण तोत्तो – चान को अगर कोई अपने से बड़े यासुकी – चान का पूरा भार खींच कर पेड़ पर चढ़ाते हुए देखता तो उसे वे सच में बहुत बड़ा खतरा उठाते ही दिखाई देते। क्योंकि यासुकी – चान बड़ा होने के साथ ही शारीरिक रूप से अस्वस्थ भी था जिस कारण अगर थोड़ी सी भी गलती के कारण वो सीढ़ी से निचे गिर जाता तो उसे बहुत चोट लग सकती थी।

प्रश्न 10. तोत्तो – चान अपने पेड़ पर यासुकी – चान का कैसे स्वागत किया?
उत्तर – काफी मेहनत करने के बाद दोनों आमने – सामने पेड़ की उस शाखा पर खड़े थे, जहाँ से पेड़ की दो मोटी शाखाएँ जुड़ रही थी। पसीने से पूरी तरह भीगे हुए अपने बालों को अपने चेहरे पर से हटाते हुए तोत्तो – चान ने सम्मान के साथ झुककर यासुकी – चान का अपने पेड़ पर स्वागत किया। यासुकी – चान डाल के सहारे खड़ा था। क्योंकि पोलियो के कारण उसका शरीर बिना किसी सहारे के खड़े रहने में असमर्थ था। तोत्तो – चान के द्वारा अपना स्वागत करते देख यासुकी – चान थोड़ा सा मुसकराया।

प्रश्न 11. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़कर कैसा लगा?
उत्तर – जब यासुकी – चान तोत्तो – चान के पेड़ पर चढ़ा तो उस दिन यासुकी – चान ने दुनिया की एक नयी झलक देखी थी, जिस दुनिया को उसने पहले कभी नहीं देखा था। कहने का तात्पर्य यह है कि यासुकी – चान कभी पेड़ पर नहीं चढ़ा था तो उसे नहीं पता था कि पेड़ के ऊपर से सारी दुनिया कैसी दिखती है, जिस कारण जब वह पेड़ पर चढ़ता है तो वह हैरानी से और ख़ुशी से बोल पड़ता है कि तो ऐसा होता है पेड़ पर चढ़ना। वे दोनों बड़ी देर तक पेड़ पर बैठे – बैठे इधर – उधर की गप्पें लड़ाते रहे।

प्रश्न 12. पेड़ पर बैठे-बैठे यासुकी-चान और तोत्तो-चान क्या बाते करते रहे?
उत्तर – यासुकी-चान और तोत्तो-चान दोनों बड़ी देर तक पेड़ पर बैठे – बैठे इधर – उधर की गप्पें लड़ाते रहे। यासुकी – चान ख़ुशी से भरा हुआ था और तोत्तो – चान को बता रहा था कि उसकी बहन अमरीका में है, और उसने यासुकी – चान को बताया है कि वहाँ एक चीज होती है – टेलीविजन। टेलीविजन के बारे में वह कहती है कि जब टेलीविजन जापान में आ जाएगा तो सब घर बैठे – बैठे ही सूमो – कुश्ती देख सकेंगे। वह कहती है कि टेलीविजन एक डिब्बे जैसा होता है। तोत्तो – चान उस समय यह तो न समझ पाई कि यासुकी – चान के लिए, जो कहीं भी दूर तक चल नहीं सकता था, घर बैठे चीजों को देख लेने के क्या अर्थ होगा? क्योंकि यासुकी – चान जिस टेलीविजन के बारे में बता रहा था वह जापान में किसी ने नहीं देखा था। यासुकी – चान की बातें सुन कर वह तो यह ही सोचती रही कि कोई सूमो पहलवान घर में रखे किसी डिब्बे में कैसे समाजाएँगे ? क्योंकि सूमो पहलवान का आकार तो बड़ा होता है। परन्तु फिर भी उसे यासुकी – चान की बात बहुत मनमोहक लगी।

 

 

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