Kancha question answers

 

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 कंचा Important Question Answers Lesson 12

Class 7 Hindi Kancha Question Answers- Looking for Kancha question answers for CBSE Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Book Chapter 12? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 पुस्तक पाठ 12 के लिए कंचा प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे कंचा प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.

 

 

 

 

Class 7 Hindi कंचा Question Answers Lesson 12 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

 

1) वह नीम के पेड़ों की घनी छाँव से होता हुआ सियार की कहानी का मज़ा लेता आ रहा था। हिलते – डुलते उसका बस्ता दोनों तरफ झूमता – खनकता था। स्लेट कभी छोटी शीशी से टकराती तो कभी पेंसिल से। यों वे सब उस बस्ते के अंदर टकरा रहे थे। मगर वह न कुछ सुन रहा था , न कुछ देख रहा था। उसका पूरा ध्यान कहानी पर केंद्रित था। कैसा मज़ेदार कहानी ! कौए और सियार की।
सियार कौए से बोला – “प्यारे कौए , एक गाना गाओ न, तुम्हारा गाना सुनने के लिए तरस रहा हूँ।”
कौए ने गाने के लिए मुँह खोला तो रोटी का टुकड़ा जमीन पर गिर पड़ा। सियार उसे उठाकर नौ दो ग्यारह हो गया।
वह जोर से हँसा। बुद्धू कौआ।

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम और लेखक का नाम लिखिए।
(क) पाठ का नाम- पापा खो गए , लेखक- विजय तेंदुलकर
(ख) पाठ का नाम- दादी माँ , लेखक का नाम- शिव प्रसाद सिंह
(ग) पाठ का नाम- कंचा , लेखक- टी. पद्मनाभन
(घ) पाठ का नाम- मिठाईवाला , लेखक- भगवती प्रसाद वाजपेयी
उतर – (ग) पाठ का नाम- कंचा , लेखक- टी. पद्मनाभन

प्रश्न 2. स्लेट कभी छोटी शीशी से टकराती तो कभी __ से ?
(क) लंचबॉक्स
(ख) किताब
(ग) कलम
(घ) पेंसिल
उतर – (घ) पेंसिल

प्रश्न 3. किसका पूरा ध्यान कहानी पर केंद्रित था?
(क) अप्पू का
(ख) लेखक का
(ग) अन्य बच्चे का
(घ) मल्लिका का
उतर – (क) अप्पू का

प्रश्न 4. किसके मुँह खोलने पर रोटी का टुकड़ा जमीन पर गिर पड़ा?
(क) सियार के
(ख) कौए के
(ग) अप्पू के
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ख) कौए के

प्रश्न 5. ‘नौ दो ग्यारह होना’ मुहावरे का क्या अर्थ है?
(क) भाग जाना
(ख) डर जाना
(ग) डरकर भाग जाना
(घ) डरा कर भगा देना
उतर – (क) भाग जाना

2) स्कूल की घंटी सुनकर वह बस्ता थामे हुए दौड़ पड़ा।
देर से पहुँचने वाले लड़कों को पीछे बैठना पड़ता है। उस दिन वही सबके बाद पहुँचा था। इसलिए वह चुपचाप पीछे की बेंच पर बैठ गया।
सब अपनी – अपनी जगह पर हैं। रामन अगली बेंच पर है। वह रोज समय पर आता है। तीसरी बेंच के आखिर में मल्लिका के बाद अम्मु बैठी है।
जॉर्ज दिखाई नहीं पड़ता।

प्रश्न 1. स्कूल देर से पहुँचने वाले लड़कों को कहां बैठना पड़ता है?
उतर – स्कूल देर से पहुँचने वाले लड़कों को पीछे बेंच पर बैठना पड़ता है।

प्रश्न 2. उस दिन किसे पीछे बैठना पड़ा ?
उतर – अप्पू को

प्रश्न 3. अप्पू कक्षा में किसे ढूंढ रहा था?
उतर – जॉर्ज को

प्रश्न 4. तीसरी बेंच के आखिर में कौन कौन बैठा था?
उतर – तीसरी बेंच के आखिर में मल्लिका के बाद अम्मु बैठी थी।

3) मास्टर जी !
उसने हड़बड़ी में पुस्तक खोलकर सामने रख ली। रेलगाड़ी का सबक था। रेलगाड़ी … रेलगाड़ी। पृष्ठ सैंतीस। घर पर उसने यह पाठ पढ़ लिया है। मास्टर जी बीच – बीच में बेंत से मेज ठोकते हुए ऊँची आवाज में कह रहे थे – बच्चों ! तुममें से कई ने रेलगाड़ी देखी होगी। उसे भाप की गाड़ी भी कहते हैं क्योंकि उसका यंत्र भाप की शक्ति से ही चलता है। भाप का मतलब पानी से निकलती भाप से है। तुम लोगों के घरों के चूल्हे में भी …। ”
अप्पू ने भी सोचा – रेलगाड़ी ! उसने रेलगाड़ी देखी है। छुक – छुक … यही रेलगाड़ी है। वह भाप की भी गाड़ी का मतलब …।

प्रश्न 1. ‘हड़बड़ी’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) जल्द, जल्दबाज़ी
(ख) शीघ्रता, आतुरता
(ग) उतावलापन, उतावली
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 2. रेलगाड़ी का पाठ पुस्तक के कौन से पृष्ठ पर है?
(क) पृष्ठ पैंतिस (35) पर
(ख) पृष्ठ सैंतीस (37) पर
(ग) पृष्ठ चालीस (40) पर
(घ) पृष्ठ उनतालीस (39) पर
उतर – (ख) पृष्ठ सैंतीस (37) पर

प्रश्न 3. मास्टर जी बच्चों को पढ़ाते समय बीच – बीच में किस चीज से मेज को ठोकते थे ?
(क) बेंत की छड़ी से
(ख) लोहे की छड़ी से
(ग) चॉक से
(घ) हाथ से
उतर – (क) बेंत की छड़ी से

प्रश्न 4. रेलगाड़ी किसकी शक्ति से चलता है?
(क) बिजली की शक्ति से
(ख) पेट्रोल से
(ग) यंत्र भाप की शक्ति से
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ग) यंत्र भाप की शक्ति से

4) एकाएक उसे शक हुआ।
क्या सब कंचों में लकीर होगी ?
उसने पोटली खोलकर देखने का निश्चय किया। बस्ता नीचे रखकर वह धीरे से पोटली खोलने लगा। पोटली खुली और सारे कंचे बिखर गए। वे सड़क के बीचों – बीच पहुँच रहे हैं।
क्षणभर सकपकाने के बाद वह उन्हें चुनने लगा। हथेली भर गई। वह चुने हुए कंचे कहाँ रखे ?

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम बताएं।
(क) एक तिनका
(ख) मिठाईवाला
(ग) दादी मां
(घ) कंचा
उतर – (घ) कंचा

प्रश्न 2. अप्पू को कंचों को लेकर क्या शक हुआ?
(क) क्या सभी कंचे काले है।
(ख) क्या सभी कंचों में लकीर है।
(ग) क्या सभी कंचों में लकीर नहीं है।
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ख) क्या सभी कंचों में लकीर है।

प्रश्न 3. पोटली खोलकर देखने का निश्चय किसने किया?
(क) अप्पू ने
(ख) दुकानदार ने
(ग) रामन ने
(घ) जॉर्ज ने
उतर – (क) अप्पू ने

प्रश्न 4. अप्पू ने चुने हुए कंचे कहाँ रखे ?
(क) जेब में
(ख) हाथ में
(ग) बस्ते में
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ग) बस्ते में

 

 

Class 7 Hindi Vasant Lesson 12 कंचा बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1. ‘कंचा’ पाठ के लेखक कौन है?
(क) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ख) टी. पद्मनाभन
(ग) विजय तेंदुलकर
(घ) शिव प्रसाद सिंह
उत्तर – (ख) टी. पद्मनाभन

प्रश्न 2. अप्पू बस्ता लिए कहाँ जा रहा था?
(क) घर
(ख) स्कूल
(ग) बाजार
(घ) दोस्त के घर
उत्तर – (ख) स्कूल

प्रश्न 3. तीसरी बेंच के आखिर में मल्लिका के बाद ___ है?
(क) अम्मु बैठी
(ख) रामन बैठा
(ग) जॉर्ज बैठा
(घ) अप्पू बैठा
उत्तर – (क) अम्मु बैठी

प्रश्न 4. लड़कों के बीच कौन सबसे अच्छा कंचे का खिलाड़ी है?
(क) अप्पू
(ख) जॉर्ज
(ग) रामन
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (ख) जॉर्ज

प्रश्न 5. दुकान के अलमारी में काँच के बड़े – बड़े जार में क्या-क्या रखा था?
(क) चॉकलेट
(ख) पिपरमेंट
(ग) बिस्कुट
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 6. जार में ऐसा क्या था जो अप्पू के मन को मोह लिया ?
(क) मिठाइयां
(ख) रंग-बिरंगी गोलियां
(ग) चोकलेट
(घ) सफ़ेद गोल कंचे
उत्तर – (घ) सफ़ेद गोल कंचे

प्रश्न 7. कंचों पर किस रंग की लकीरें थी?
(क) नीले रंग की
(ख) पीले रंग की
(ग) हरे रंग की
(घ) लाल रंग की
उत्तर – (ग) हरे रंग की

प्रश्न 8. जार में रखे बढ़िया सफ़ेद गोल कंचे अप्पू को किसके जैसे दिखाई दे रहे थे?
(क) नींबू जैसे
(ख) बड़े आँवले जैसे
(ग) बड़े बेर जैसे
(घ) संतरे जैसे
उत्तर – (ख) बड़े आँवले जैसे

प्रश्न 9. ‘कच्चा खा जाना’ मुहावरे का अर्थ बताइए।
(क) सब्र न होना
(ख) बरबाद करना
(ग) मार डालेंगे
(घ) मार ड़ालना
उत्तर – (घ) मार ड़ालना

प्रश्न 10. अप्पू के स्कूल की फीस कितनी थी?
(क) डेढ़ रुपया
(ख) तीन रुपया
(ग) दो रुपया
(घ) एक रुपया
उत्तर – (क) डेढ़ रुपया

प्रश्न 11. जॉर्ज का घर किसके घर के रास्ते में पड़ता है?
(क) अम्मु के घर
(ख) मल्लिका के घर
(ग) अप्पू के घर
(घ) रामन के घर
उत्तर – (घ) रामन के घर

प्रश्न 12. मास्टर जी ! उस दिन स्कूल में कौन सा सबक पढ़ा रहे थे?
(क) समय का सबक
(ख) पैसों का सबक
(ग) रेलगाड़ी का सबक
(घ) अनुशासन का सबक
उत्तर – (ग) रेलगाड़ी का सबक

प्रश्न 13. रेलगाड़ी में पानी रखने के लिए खास जगह होती है जिसे अंग्रेजी में ___ कहते हैं?
(क) बयलर
(ख) बॉयलर
(ग) बास्केट
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (ख) बॉयलर

प्रश्न 14. राजन ने जाते – जाते अप्पू के कहां चिकोटी काट ली?
(क) पीठ में
(ख) पैर में
(ग) हाथ में
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (ख) पैर में

प्रश्न 15. ‘निषेध’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) मना करना
(ख) रोक
(ग) बाधा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 16. कक्षा में ध्यान नहीं होने के कारण अप्पू को चॉक से किसने मारा?
(क) हेडमास्टर जी
(ख) चपरासी
(ग) मास्टर जी
(घ) रामन
उत्तर – (ग) मास्टर जी

प्रश्न 17. अप्पू ने दुकानदार से कितने पैसे के कंचे खरीदे?
(क) एक रुपया और पचास पैसे के
(ख) दो रुपया और पचास पैसे के
(ग) एक रुपया और पचीस पैसे के
(घ) एक रुपया और पचासी पैसे के
उत्तर – (क) एक रुपया और पचास पैसे के

प्रश्न 18. अप्पू के पिता जी ने अप्पू को डेढ़ रुपया किसके लिए दिया था?
(क) स्कूल की फीस देने के लिए
(ख) किताब खरीदने के लिए
(ग) मिठाई खरीदने के लिए
(घ) कपड़े खरीदने के लिए
उत्तर – (क) स्कूल की फीस देने के लिए

प्रश्न 19. अप्पू ने किन पैसों से कंचे खरीदे?
(क) स्कूल फीस के पैसों से
(ख) माँ के पैसों से
(ग) अपने जेब खर्च के पैसों से
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (क) स्कूल फीस के पैसों से

प्रश्न 20. घर आकर अप्पू ने सबसे पहले कंचे किसको दिखाए थे?
(क) दादा जी को
(ख) माँ को
(ग) पिता जी को
(घ) बहन को
उत्तर – (ख) माँ को

 

 

 

Class 7 Hindi कंचा प्रश्न और उत्तर Questions Answers

कहानी से

प्रश्न 1. कंचे जब ज़ार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं , तब क्या होता है ?
उत्तर – कंचे जब ज़ार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं , तब वह जार और कंचों के अलावा और कुछ नहीं सोचता है। अप्पू को अपनी कल्पना की दुनिया में लगता है कि जैसे कंचों का ज़ार बड़ा होकर आसमान जैसा बड़ा हो गया है और वह उसके अंदर समा गया है। उसके आलावा उसे उस जार के अंदर कोई और नजर नहीं आता। वह अकेला ही कंचे चारों ओर बिखेरता हुआ मज़े से खेल रहा था। उसे कंचे आँवले जितने बड़े – बड़े और गोल लग रहे थे। हरी लकीर वाले सफ़ेद गोल कंचे उसके दिमाग में पूरी तरह छा गए थे। कंचे अप्पू के मन की कल्पना में इतने समा चुके थे कि जब मास्टर जी कक्षा में पाठ में ‘ रेलगाड़ी ’ के बारे में पढ़ा रहे थे, तब भी उसका ध्यान पढ़ाई में नहीं था। वह तो केवल कंचों के बारे में सोच रहा था, इसके लिए उसने मास्टर जी से डाँट भी खाई थी और उसे सज़ा भी मिली थी।

प्रश्न 2. दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है ? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं , फिर हँसते हैं। कारण बताइए।
उत्तर – दुकानदार व ड्राइवर के सामने अप्पू एक छोटा बच्चा है जो अपनी ही दुनिया में मस्त है। दुकानदार उसे देखकर पहले परेशान होता है क्योंकि वह कंचे देख तो रहा था लेकिन खरीद नहीं रहा था। फिर जैसे ही अप्पू ने अपनी पूरी फीस के पैसों के कंचे खरीदे तो दुकानदार ने उससे इतने सारे कंचे खरीदने का कारण जब पूछा तो अप्पू ने बताने से इंकार कर दिया , जिस कारण दुकानदार को अपना बचपन याद आ गया और वह हँस दिया। ऐसे ही जब अप्पू कंचे देखने के लिए थैली से निकालता है तो वे सब सड़क में बिखर जाते हैं और तेज़ रफ़्तार से आती कार का ड्राइवर यह देखकर परेशान हो जाता है कि वह दुर्घटना की परवाह किए बिना , सड़क पर कंचे उठाने में व्यस्त है। लेकिन जैसे ही अप्पू उसे इशारा करके अपना कंचा दिखाता है और उस ड्राइवर से पूछता है कि कंचे अच्छे है न ? तो वह अप्पू की बचपन की शरारत और मासूमियत को समझकर हँसने लगता है।

प्रश्न 3. मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे। मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी ? लिखिए।
उत्तर – जब मास्टर जी ने कक्षा के बच्चों को रेलगाड़ी का पाठ पढ़ाना शुरू किया था , तब उनकी आवाज ऊँची थी क्योंकि वे सभी बच्चों का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे ताकि वे सभी बच्चे ध्यानपूर्वक पाठ को सुन सकें। जब पाठ शुरू हो गया तब बच्चे ध्यानपूर्वक उनकी बातें सुनने लगे , लेकिन अप्पू का ध्यान पाठ से हट कर कंचों की ओर चला गया था जिस कारण उसे अब मास्टर जी की आवाज कम सुनाई दे रही थी और कहानी में लेखक अप्पू के दृष्टिकोण से हमें कहानी सुना रहा है इसलिए लेखक ने कहा है कि मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी।

कहानी से आगे

प्रश्न 1. कंचे, गिल्ली-डंडा, गेंदतड़ी (पिट्ठू ) जैसे गली-मोहल्लों के कई खेल ऐसे हैं जो बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं। आपके इलाके में ऐसे कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं? उनकी एक सूची बनाइए।
उत्तर – हमारे इलाके में अब कंचे, गेंदतड़ी (पिट्ठू), बैडमिंटन, क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस आदि अधिक खेले जाते हैं।

प्रश्न 2. किसी एक खेल को खेले जाने की विधि को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – क्रिकेट खेलने की विधि निम्नलिखित है।
क्रिकेट का मैच दो टीमें खेलती हैं। दोनों टीमों में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी टीम गेंदबाजी व क्षेत्ररक्षण। इस खेल में तीन निर्णायक होते हैं, दो मैदान में व एक दूर बैठकर कृत्रिम यंत्र कैमरे से निरीक्षण करता है। इस खेल में बल्लेबाज जीतने हेतु रन बनाते हैं। खिलाड़ी एक रन, दो रन, चौका व छक्का मारकर रनों की संख्या बढ़ाते हैं। दोनों टीमें बारी-बारी से खेलती हैं। जो टीम अधिक रन बनाती है वह जीत जाती है। आज के समय में क्रिकेट एक विश्व का लोकप्रिय खेल बन चुका है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. जब मास्टर जी अप्पू से सवाल पूछते हैं तो वह कौन सी दुनिया में खोया हुआ था? क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी दिन क्लास में रहते हुए भी क्लास से गायब रहे हों? ऐसा क्यों हुआ और आप पर उस दिन क्या गुजरी? अपने अनुभव लिखिए।
उत्तर – जब मास्टर जी कक्षा में रेलगाड़ी का पाठ पढ़ा रहे थे तो अप्पू तो कंचों की दुनिया में खोया था उसका ध्यान मास्टर जी के द्वारा पढ़ाए जाने वाले पाठ में बिलकुल न था।
मेरा अनुभव- पिछले साल की बात है जब मेरी बहन की शादी थी। घर में सब मेहमान आ गए थे। घर के बाहर तंबू लगा था। हमारे घर आने वाले रिश्तेदारों के बच्चे उसमें खेल रहे थे लेकिन मेरी परीक्षा नजदीक होने के कारण माँ ने मुझे स्कूल भेज दिया। लेकिन स्कूल में मेरा मन नहीं लग रहा था जब पीरियड लगने शुरू हुए तो अंग्रेजी की अध्यापिका पढ़ा रही थी। मेरे दिमाग में कुछ नहीं आ रहा था क्योंकि मेरी आँखों के आगे तो घर का माहौल छाया था। इतने में अध्यापिका मेरे पास आई और पूछा कि तुम्हें समझ आ रहा है तो मैंने हाँ में उत्तर दे दिया लेकिन अध्यापिका ने उस अध्याय में से कुछ पूछा तो मै बता नहीं पाई। सच में! मुझे बहुत शर्म आई। मैंने खड़े होकर सच अध्यापिका को बता दिया तो वे भी हँसने लगीं और बोली कि स्कूल के बाद तो घर ही जाना है अभी पढ़ाई पर ध्यान दो।

प्रश्न 2. आप कहानी को क्या शीर्षक देना चाहेंगे?
उत्तर – हम इस कहानी का शीर्षक देना चाहेंगे- ‘अप्पू के कंचे’।

प्रश्न 3. गुल्ली-डंडा और क्रिकेट में कुछ समानता है और कुछ अंतर। बताइए कौन-सी समानताएँ हैं और क्या-क्या अंतर हैं?
उत्तर – गुल्ली-डंडा ग्रामीण क्षेत्र का खेल है। गुल्ली डंडा में एक खिलाड़ी गुल्ली को डंडे से उछाल कर दूर तक फेंकने का प्रयास करता है। अन्य खिलाड़ी उस गुल्ली को कैच करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। क्रिकेट में बैट से गेंद को उछाला जाता है। बल्लेबाज के द्वारा बल्ले से मारी गई गेंद को अन्य खिलाड़ी द्वारा कैच करने का प्रयास किया जाता है। गुल्ली डंडा में मैदान और समय का कोई निश्चित पैमाना नहीं होता है। इसके अतिरिक्त क्रिकेट में ओवरों की संख्या निश्चित कर खेला जाता है और भारत के अलावे अन्य देशों में भी क्रिकेट खेला जाने वाला लोकप्रिय खेल है।

भाषा की बात

प्रश्न 1. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित मुहावरे किन भावों को प्रकट करते हैं? इन भावों से जुड़े दो-दो मुहावरे बताइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

  • माँ ने दाँतों तले उँगली दबाई ।
  • सारी कक्षा साँस रोके हुए उसी तरफ़ देख रही है।

उत्तर –
दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्य प्रकट करना
हक्का-बक्का रह जाना – (सकते में आना) – अपने बचपन के मित्र को आज गरीब अवस्था में देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया।
दंग रह जाना – (आश्चर्य में पड़ जाना) – सर्कस में हाथी को दो टांग पर खड़ा हो नाचते हुए देख मैं तो दंग रह गया।
साँस रोके हुए – (भयभीत होना)
दम साधे हुए – (चुपचाप बैठना)- सभी छात्र दम साधे हुए परीक्षा परिणाम का इंतज़ार कर रहे हैं।
प्राण सूख जाना – (बहुत अधिक डर जाना)- सामने शेर को देखते ही शिकारी के प्राण सूख गए।

प्रश्न 2. विशेषण कभी-कभी एक से अधिक शब्दों के भी होते हैं। नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित हिस्से क्रमशः रकम और कंचे के बारे में बताते हैं, इसलिए वे विशेषण हैं।

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इसी प्रकार के कुछ विशेषण नीचे दिए गए हैं इनका प्रयोग कर वाक्य बनाएँ-

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उत्तर –
1) ठंडी अंधेरी रात :- शिमला की ठंडी अँधेरी रात में मैं ठीक से सो नहीं पाया।
2) खट्टी-मीठी गोलियाँ :- खट्टी-मीठी गोलियाँ बच्चों को बहुत लुभाती हैं।
3) ताज़ा स्वादिष्ट भोजन :- हमें हमेशा ताज़ा स्वादिष्ट भोजन खाना चाहिए।
4) स्वच्छ रंगीन कपड़े :- राधा हमेशा स्वच्छ रंगीन कपड़े पहनती है।

कुछ करने को

प्रश्न 1. मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘ईदगाह’ खोजकर पढ़िए। ‘ईदगाह’ कहानी में हामिद चिमटा खरीदता है और कंचा कहानी में अप्पू कंचे। इन दोनों बच्चों में से किसकी पसंद को आप महत्त्व देना चाहेंगे? हो सकता है, आपके कुछ साथी चिमटा खरीदनेवाले हामिद को पसंद करें और कुछ अप्पू को। अपनी कक्षा में इस विषय पर वाद-विवाद का आयोजन कीजिए।
उत्तर – ‘ईदगाह’ कहानी में मेला देखने के लिए दादी के द्वारा दिए गए तीन पैसों से हामिद उनके लिए ही एक चिमटा खरीदता है जबकि मेले में जब उसके साथी खिलौने खरीद रहे थे, लेकिन वह अपने लिए कुछ नहीं लेता है। उसे बस यही याद आता है कि रोटी बनाते समय दादी के हाथ जल जाते हैं और वह चिमटा खरीद लेता है।
दूसरी तरफ़ कंचा कहानी में अप्पू का कंचा के प्रति इतना लगाव है कि वह कक्षा की फ़ीस न जमा कर उन पैसों से ढेर सारे कंचे खरीद लेता है।
इन दोनों बच्चों में से मैं हामिद की पसंद को महत्व देना चाहूँगा।
इस विषय पर कक्षा के छात्र स्वयं वाद-विवाद का आयोजन करें।

 

Class 7 Hindi कंचा अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)

प्रश्न 1. वह नीम के पेड़ों की घनी छाँव से होता हुआ सियार की कहानी का मज़ा लेता आ रहा था। वह शब्द किसके लिए है?
उत्तर – वह शब्द ‘अप्पू’ के लिए प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 2. अप्पू का पूरा ध्यान किस कहानी पर केंद्रित था?
उत्तर – अप्पू का पूरा ध्यान कौए और सियार की कहानी पर केंद्रित था।

प्रश्न 3. दुकान के जारों में क्या-क्या रखा था?
उत्तर – दुकान के अलमारी में काँच के बड़े – बड़े जार कतार में रखे थे। उनमें चॉकलेट, पिपरमेंट और बिस्कुट इत्यादि समान रखे हुए थे।

प्रश्न 4. ज़ार में कैसे कंचे थे?
उत्तर – कंचे का आकार बड़े आँवले जैसा था और वे गोल और सफ़ेद थे। उनमें हरी लकीरें थीं। वह देखने में बहुत सुंदर लग रहे थे।

प्रश्न 5. स्कूल में देर से पहुँचने पर क्या सज़ा मिलती थी?
उत्तर – यदि कोई बच्चा स्कूल में देर से पहुंचता था तो उस बच्चे को सजा के रूप में कक्षा में सबसे पीछे बैठना पड़ता था।

प्रश्न 6. रोज समय पर स्कूल कौन आता था? और वह कहाँ बैठता था?
उत्तर – रामन रोज समय पर स्कूल आता था इसलिए वही हमेशा सबसे अगली बेंच पर बैठता था।

प्रश्न 7. जॉर्ज स्कूल क्यों नहीं आया था?
उत्तर – बुखार होने के कारण जॉर्ज स्कूल नहीं आया था ।

प्रश्न 8. लड़कों के बीच कौन सबसे अच्छा कंचे का खिलाड़ी है?
उत्तर – लड़कों के बीच जॉर्ज सबसे अच्छा कंचे का खिलाड़ी है।

प्रश्न 9. अप्पू अकेला क्यों खेलता था?
उत्तर – अप्पू की छोटी बहन की किसी कारणवश मृत्यु हो गई थी जिस वजह से वह हमेशा अकेले ही खेला करता था।

प्रश्न 10. अप्पू क्यों सुबक रहा था?
उत्तर – अप्पू इसलिए सुबक रहा था क्योंकि कक्षा में पाठ पर ध्यान न देने के कारण मास्टर जी ने उसे डाँटकर बेंच पर खड़ा कर दिया था, इसलिए अप्पू सुबक रहा था।

प्रश्न 11. निम्नलिखित मुहावरो का अर्थ बताएं।

  • आँखों में चिंगारियां सुलगना
  • कच्चा खा जाना
  • गुस्सा हवा हो जाना
  • दाँतों तले उँगली दबाना
  • नौ दो ग्यारह होना

उत्तर –
आँखों में चिंगारियां सुलगना – (मुहावरे का अर्थ) – बहुत गुस्सा आना
कच्चा खा जाना (मुहावरे का अर्थ) – मार ड़ालना , नष्ट करना
गुस्सा हवा हो जाना (मुहावरे का अर्थ) – क्रोध जाता रहना
दाँतों तले उँगली दबाना (मुहावरे का अर्थ) – दंग रह जाना या हैरान हो जाना
नौ दो ग्यारह होना (मुहावरे का अर्थ) – भाग जाना

प्रश्न 12. निम्नलिखित शब्दों का अर्थ बताएं – रक़म , मग्न , सकपकाना , पोटली , चिपटना , सींखचे , सुबकना , पीपा।
उत्तर – शब्दों का अर्थ निम्नलिखित है।
रक़म का अर्थ – संपत्ति , दौलत , रुपया , पैसा
मग्न का अर्थ – डूबा हुआ , तन्मय , लीन
सकपकाना का अर्थ – चकित होना , चकपकाना , हिचकना , चकित करना , असमंजस में डालना
पोटली का अर्थ – छोटी गठरी , छोटी थैली
चिपटना का अर्थ – चिपकना , सटना , चिमटना
सींखचे का अर्थ – लोहे या इस्पात की लंबी – मोटी छड़ , छोटी सलाख़ , सरिया
सुबकना का अर्थ – हिचकियाँ लेते हुए रोना
पीपा का अर्थ – काठ , लोहे का ढोल के आकार का बना हुआ बड़ा पात्र

प्रश्न 13. कहानी में सियार ने कौए को कैसे बेवकूफ बनाया?
उत्तर – सियार कौए से कहा – “प्यारे कौए, एक गाना गाओ न, तुम्हारा गाना सुनने के लिए तरस रहा हूँ”। जैसे ही कौए ने गाना गाने के लिए मुँह खोला तो उसके मुँह से रोटी गिर गयी और सियार उसकी रोटी लेकर भाग गया। इस तरह सियार ने कौए को बेवकूफ बनाया।

प्रश्न 14. अप्पू कंचों को देखकर किस दुनिया में खो गया?
उत्तर – अप्पू ने जब कंचों से भरे ज़ार को देखा तो उसी दुनिया में खो गया। पूरे जार में कंचे हैं। हरी लकीर वाले बढ़िया सफ़ेद गोल कंचे। बड़े आँवले जैसे। कितने खूबसूरत हैं ! उसके देखते – देखते जार बड़ा होने लगता है। वह आसमान – सा बड़ा हो गया तो वह भी उसके भीतर आ गया। वहाँ और कोई लड़का उसके साथ खेलनेवाला नहीं था। फिर भी वह खुश था। वह कंचे चारों तरफ बिखेरता मजे में खेलता रहा।

प्रश्न 15. मास्टर जी रेलगाड़ी के बारे में क्या जानकारी दे रहे थे?
उत्तर – मास्टर जी रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे कि इसे भाप की गाड़ी भी कहते हैं क्योंकि इसका इंजन भाप की शक्ति से चलता है। भाप का मतलब पानी से निकलती भाप से है। रेलगाड़ी में पानी रखने के लिए खास जगह होती है। इसे अंग्रेजी में बॉयलर कहते हैं। यह लोहे का ढोल के आकार का बना हुआ बड़ा पात्र होता है।

प्रश्न 16. अप्पू के कंचे सड़क पर कैसे बिखर गए?
उत्तर – दुकानदार ने कंचे को कागज की पोटली में बाँधकर अप्पू को दे दिया। जब वह पोटली छाती से लगाए जा रहा था तो एकाएक उसे शक हुआ। क्या सब कंचों में लकीर होगी । यही देखने के लिए बस्ता नीचे रखकर जैसे ही उसने पोटली खोली तो सारे कंचे सड़क पर बिखर गए।

प्रश्न 17. कंचे देखकर अप्पू का मन कक्षा में क्यों नहीं लग रहा था?
उत्तर – अप्पू विद्यालय दुकान के सामने से होकर जा रहा था तब उसकी नजर जार में रखे कंचों पर गया। हरी लकीर वाले बढ़िया सफ़ेद गोल कंचे थे जो अप्पू को बहुत अच्छे लगे । लेकिन स्कूल की घंटी सुनकर वह बस्ता थामे हुए दौड़ पड़ा। उसका ध्यान कक्षा में नहीं था क्योंकि उसका दिल और दिमाग कंचों में ही खो हुआ था । वह सोचता है कि जॉर्ज के आते ही वह कंचे खरीदने जाएगा और उसके साथ खेलेगा।

प्रश्न 18. बेंच पर खड़े – खड़े अप्पू क्या सोच रहा था ?
उत्तर – जब कक्षा के सभी बच्चे अप्पू की तरफ देख – देखकर उसकी हँसी उड़ा रहे हैं तो बेंच पर खड़े – खड़े अप्पू सोच रहा था कि वह सब बच्चों से उस पर हँसने का बदला लेगा। वह सोच रहा था कि एक बार बस जॉर्ज को आने दो। जॉर्ज जब आएगा तो वह जॉर्ज के आने पर कंचे खरीदेगा। और वह कक्षा में मौजूद किसी भी बच्चे को अपने साथ कंचे खेलने नहीं बुलाएगा। ये सब बच्चे उसके कंचे को देख कर ललचाएँगे और देखेंगे कि उसके कंचे कितने खूबसूरत है। हरी लकीर वाले सफ़ेद गोल कंचे, वो भीआँवले जैसे बड़े – बड़े।

प्रश्न 19. जॉर्ज कौन था? वह किस खेल का अच्छा खिलाड़ी था ?
उत्तर – जार्ज अप्पू का ही कक्षा का एक सहपाठी था। जिस कक्षा में अप्पू पढ़ता था जॉर्ज भी उसी कक्षा में पढ़ता था। सभी लड़कों के बीच जॉर्ज ही सबसे अच्छा कंचे का खिलाड़ी था। कितना भी बड़ा लड़का उसके साथ में कंचे क्यों न खेले, वह अवश्य ही जॉर्ज से हार जाता था। जॉर्ज हारने वाले को ऐसे ही नहीं जाने देता था। हारे हुए खिलाड़ी को अपनी बंद मुट्ठी जमीन पर रखनी पड़ती थी। तब जॉर्ज कंचे से बंद मुट्ठी के जोड़ों की हड्डी पर वार करता था।

प्रश्न 20. ड्राइवर को अप्पू की किस बात पर हँसी आयी.?
उत्तर – जब अप्पू ने दुकानदार द्वारा दी गई कंचों से भरी छोटी थैली को हिलाकर देखा तो अचानक उसे कुछ संदेह हुआ कि क्या सब कंचों में लकीर होगी या नहीं ? यही देखने के लिए बस्ता नीचे रखकर जैसे ही उसने पोटली खोली तो सारे कंचे सड़क पर बिखर गए। जब अप्पू कंचे उठा रहा था तो वह सड़क के बीचों बीच था जिस वजह से एक कार सड़क पर ब्रेक लगा रही थी। परन्तु अप्पू उस पर ध्यान नहीं दे रहा था वह उस वक्त भी कंचे उठाने में व्यस्त था। अप्पू को इस तरह देख कर कार के ड्राइवर को बहुत गुस्सा आ गया और कार से बाहर झाँककर देखा कि आखिर अप्पू सड़क के बीचों – बीच क्या कर रहा है ? जब ड्राइवर ने अप्पू को हटाने के लिए हॉर्न बजाया तो हॉर्न की आवाज सुन कर कंचे उठाते हुए अप्पू ने बीच में सिर उठाकर सामने देखा। अप्पू ने देखा कि उसके सामने एक मोटर है और उसके भीतर एक ड्राइवर है। अप्पू ने सोचा कि क्या ड्राइवर को भी कंचे अच्छे लग रहे हैं ? शायद इसलिए वह भी उन कंचों को देखकर मजा ले रहा है। इसलिए अप्पू ने एक कंचा उठाकर उस ड्राइवर को दिखाया और हँसते हुए कहा कि वह कांचा बहुत अच्छा है न ! अप्पू की ऐसी मासूमियत को देखकर ड्राइवर का सारा गुस्सा धीरे – धीरे चला गया और वह भी हँस पड़ा।

 

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