CBSE Class 9 Hindi Chapter 9 Agnipath (अग्निपथ) Question Answers (Important) from Sparsh Book

 

Class 9 Hindi Agnipath Question Answers – Looking for Agnipath Important question answers for CBSE Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 Book Lesson 9? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge. 

सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग 1 पुस्तक पाठके लिए अग्निपथ प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे अग्निपथ प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

 Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

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अग्निपथ NCERT Solutions

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1 – कवि ने ‘अग्नि पथ’ किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है?
उत्तर
– जीवन में जब कठिनाई का दौर चलता है तभी किसी की असली परीक्षा होती है। ऐसे ही दौर को कवि ने अग्नि पथ के रूप में देखा है।

प्रश्न 2 – ‘माँग मत, ‘कर शपथ, ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर –
‘माँग मत, ‘कर शपथ, ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार बार प्रयोग करके कवि कई ऐसी भावनाओं को उजागर करता है जो मंजिल को हासिल करने के लिए जरूरी होती हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति और लाख गिरने के बावजूद किसी से मदद की गुहार न करना ही ऐसे समय में सफलता की कुंजी होती है।

प्रश्न 3 – ‘एक पत्र छाँह भी माँग मत’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– हो सकता है कि कठिन दौर में आपकी मदद के लिए कई लोग आगे आएँ। जो हर तरह से आपकी मदद के लिए सक्षम हो लेकिन हमेशा यह याद रखना चाहिए कि यदि आपको जीवन में सफल होना है तो कभी भी किसी भी कठिन समय में किसी की मदद नहीं लेनी चाहिए। स्वयं ही अपने रास्ते पर कड़ी मेहनत साथ बढ़ते रहना चाहिए।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए –

प्रश्न 1 – तू न थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी
उत्तर
– जब कठिन रास्ते पर चलना हो तो मनुष्य को एक प्रतिज्ञा करनी चाहिए। वह कभी नहीं थकेगा, कभी नहीं रुकेगा और कभी पीछे नहीं मुड़ेगा।

प्रश्न 2 – चल रहा मनुष्य है, अश्रु, स्वेद, रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ
उत्तर
– जब कोई किसी कठिन रास्ते से होते हुए अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ता है तो उसका वह संघर्ष देखने योग्य होता है अर्थात दूसरों के लिए प्रेरणा दायक होता है। वही मनुष्य मंजिल पर पहुँच पाते हैं जो आँसू, पसीने और खून से सने हुए अर्थात कड़ी मेहनत कर के आगे बढ़ते हैं।

प्रश्न 3 – इस कविता का मूलभाव क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– इस कविता का मूलभाव यह है की जब कठिन दौर आता है तभी मनुष्य की असली परीक्षा होती है। ऐसे में उसे किसी से मदद नहीं माँगनी चाहिए। ऐसे समय में उसे न तो थकना चाहिए, न ही रुकना चाहिए और न ही पीछे मुड़ना चाहिए। इस प्रयास में हो सकता है कि मनुष्य अपने खून-पसीने से नहा जाए लेकिन उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति ही उसको उसकी मंजिल तक पहुँचा सकती है।

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Class 9 Hindi Agmnipath Question Answers Lesson 9 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

पद्यांश को पढ़कर पूंछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –

 

1)
अग्नि पथ
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
वृक्ष हों भले खडे,
हों घने, हों बडे,
एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

तू  न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी!-कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!  

यह महान दृश्य है-
चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

i. कवि क्या मांगने को मना कर रहे हैं?
(क) छांह
(ख) अग्नि पथ
(ग) सहायता
(घ) पैसे
उत्तर: (क) छांह 

ii. प्रस्तुत पद्यांश में पत्र शब्द का क्या अर्थ है?
(क) वृक्ष
(ख) पत्ती
(ग) फूल
(घ) छाया
उत्तर: (ख) पत्ती 

iii.  प्रस्तुत पदयांश में कवि किसकी शपथ लेने को बोल रहा?
(क) न रुकने का
(ख) न थकने का
(ग) विकल्प क और ख दोनों
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (ग) विकल्प क और ख दोनों

iv. प्रस्तुत पदयांश में स्वेद का क्या अर्थ है?
(क) पसीना
(ख) आंसू
(ग) खून
(घ) पानी
उत्तर: (क) पसीना

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Class 9 Hindi अग्निपथ (including questions from Previous Years Question Papers)

1. एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत! पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में कवि यह बताना चाह रहे हैं कि हे मनुष्य तुझे चाहे जितनी विपत्ति आ जाए तू किसी से एक पत्ते की छाया बराबर भी सहायता नहीं मांगेगा।

2. कवि ने इस कविता का नाम अग्निपथ क्यों रखा है?
उत्तर: कवि ने इस कविता का नाम अग्निपथ इसलिए रखा है क्योंकि यह कविता मनुष्य के जीवन में आने वाले संकट और इस संकट में दृढ़ता से खड़े होने का उपदेश देती है। 

3. कवि ने मनुष्य को किस की शपथ लेने के लिए कहा है?
उत्तर: कवि ने मनुष्य को कभी न थकने कभी न रुकने और कभी पीछे न मुड़ने की शपथ लेने के लिए कहा है। 

4. कवि महान दृश्य किसको बोल रहा है?
उत्तर: जीवन के अग्निपथ में दृढ़ता से चलता हुआ मनुष्य आंसू, पसीना और खून से लथपथ है लेकिन फिर भी हार नहीं मान रहा है। कवि इसी दृश्य को महान दृश्य बोल रहा है। 

5. अग्निपथ कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: कवि ने अग्निपथ कविता के माध्यम से जीवन रूपी अग्नि से युक्त पथ की व्याख्या की है और बताया है कि चाहे जितनी बड़ी समस्याएं हो और चाहे जो भी आपकी सहायता के लिए खड़ा हो लेकिन आपको उन सभी समस्याओं को पार करना है और किसी की भी सहायता नहीं लेनी है।
हे! मनुष्य तू इस अग्निपथ पर चलते हुए शपथ खा कि तू कभी रुकेगा नहीं, ना कभी थकेगा न ही तू पीछे मुड़कर देखेगा। इस महान अग्निपथ में जो भी साहसी मनुष्य आंसू, पसीना और खून से लथपथ होकर अपने पथ में आगे बढ़ता  है वही सफलता प्राप्त करता है। कवि के अनुसार यही जीवन का सबसे बड़ा और महान दृश्य है। 

6. कवि ने अग्निपथ शब्द किसके लिए इस्तेमाल किया है?
उत्तर: कवि ने अग्निपथ शब्द मनुष्य के जीवन में आने वाली कठिनाइयों के लिए इस्तेमाल किया है। 

7. “अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!” पंक्ति का अर्थ अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: कवि ने अश्रु स्वेद रक्त शब्द मनुष्य के जीवन के तीन प्रमुख स्थितियों और भाव के बारे में इस्तेमाल किया है।
कवि कहते हैं कि हे! मनुष्य तू इस अग्निपथ पर चलते हुए शपथ खा कि तू कभी रुकेगा नहीं, ना कभी थकेगा न ही तू पीछे मुड़कर देखेगा। इस महान अग्निपथ में जो भी साहसी मनुष्य आंसू, पसीना और खून से लथपथ होकर अपने पथ में आगे बढ़ता  है वही सफलता प्राप्त करता है। 

8. कवि इस कविता में मनुष्य से क्या अपेक्षा कर रहा है?
उत्तर: कवि इस कविता के माध्यम से मनुष्य को उपदेश देते हुए बता रहे हैं कि हे मनुष्य चाहे तेरी जिंदगी में जितनी भी विपत्तियां आए तुझे किसी की सहायता लिए बिना और बिना पीछे मुड़े ही उन सभी विपत्तियों का साहस पूर्वक सामना करना है। 

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Sparsh Bhag 1 and Sanchayan Bhag 1 Book Important Questions

 

 

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