Class 9 NCERT Sparsh and Sanchayan Book Chapter Wise difficult word meanings
Here, the difficult words and their meanings of all the Chapters of CBSE Class 9 Hindi Sparsh and Sanchayan Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the Chapters from the NCERT Class 9 Hindi Sparsh and Sanchayan Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.
- Chapter 1 दुःख का अधिकार (Dukh Ka Adhikar)
- Chapter 2 एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा (Everest Meri Shikhar Yatra)
- Chapter 3 तुम कब जाओग (Tum Kab Jaoge Atithi)
- Chapter 4 वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन (Vaigyanik chetna ke vahak – Chandrashekhar Venkat Raman)
- Chapter 5 धर्म की आड़ (Dharm Ki Aad)
- Chapter 6 शुक्रतारे के समा (Shukra Tare Ke Saman)
- Chapter 7 पद (Pad)
- Chapter 8 दोहे (Dohe)
- Chapter 9 आदमी नामा (Aadmi Nama)
- Chapter 10 एक फूल की चाह (Ek Phool ki Chah)
- Chapter 11 गीत-अगीत Geet Ageet
- Chapter 12 अग्नि पथ (Agnipath)
- Chapter 13 नए इलाके में, खुशबू रचते हैं हाथ (Naye Ilake Mein, Khushboo Rachte Hain Haath)
- Chapter 1 गिल्लू (Gillu)
- Chapter 2 स्मृति (Smriti)
- Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी (Kallu Kumhar Ki Unakoti)
- Chapter 4 मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय (Mera Chota Sa Niji Pustakalaya)
- Chapter 5 हामिद खाँ (Hamid Khan)
- Chapter 6 दिये जल उठे (Diye Jal Uthe)
Sparsh Book
Chapter 1 दुःख का अधिकार (Dukh Ka Adhikar)
- अड़चन – बाधा
- अधेड़ – ढलती उम्र
- ओझा – झाड़–फूँक करने वाले
- कछियारी – सब्जियाँ उगाने का काम
- खसम – पति
- घृणा – नफ़रत
- छन्नी–ककना – ज़ेवर
- डलिया – टोकरी
- दफे – बार
- दियासलाई – माचिस
- निर्वाह – पालन पोषण
- नीयत – इरादा
- परचून की दुकान – दाल आदि की दुकान
- पुत्र–वियोग – पुत्र के बिछड़ने के दुःख
- पुत्र–वियोगिनी – पुत्र को खोने वाली
- पोशाक – पहरावा
- फफक–फफक कर – बिलख – बिलख कर
- बरकत – लाभ
- बरस – साल
- बावली– पागलों की तरह
- बेहया – बेशर्म
- मूर्छा – बेहोश
- मेड़ – दो खेतों की सीमा
- लुगाई – पत्नी
- विभिन्न – अलग –अलग
- विश्राम – आराम
- व्यथा – दुःख
- व्यवधान – समस्या
- सहूलियत – सुविधा
- सूझ – समझदारी
- सूतक – छूत
- हरदम – हमेशा
Chapter 2 एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा (Everest Meri Shikhar Yatra)
- अग्रिम – पहला
- अधिकांश – ज़्यादातर
- अनूठी – अलग
- अभियांत्रिकी – तकनीकी
- अभियान – चढ़ाई करने वाला
- अवसाद – उदासी
- अव्यवस्थित – बिना किसी व्यवस्था के
- आकर्षित – मुग्ध
- आनंदित – खुश
- आशाजनक – आशा उत्पन्न करने वाला
- उपलब्धि – प्राप्ति
- खंडों – टुकड़ों
- तत्काल – अचानक
- दुर्गम – कठिन
- दृश्यता शून्य – कुछ भी देख पाना संभव नहीं
- निहारा – देखा
- नौसिखिया – नया सीखने वाला
- भीषण गर्जना – भयानक आवाज़
- भौंचक्की – हैरान
- विचित्र – विशेष
- विस्तृत – विस्तार
- शंकु – नोक
- संतोषजनक – राहत भरा
- संपूर्ण प्रवास – पुरे सफर के दौरान
- साहसिक कार्य – साहस से भरा कार्य
- हक्का–बक्का – चौंकना
- हिमपात – बर्फ का गिरना
- हिमपुंज – बर्फ का टुकड़ा
- हिम–विदर – दरार
- हिम–स्खलन – बर्फ का खिसकना
Chapter 3 तुम कब जाओग (Tum Kab Jaoge Atithi)
- अंतरंग – घनिष्ट
- अज्ञात आशंका – अन्जान डर
- आघात अप्रत्याशित – अनसोचे प्रहार
- एस्ट्रॉनॉट्स – अन्तरिक्ष यात्री
- औपचारिक – दिखावटी
- कोनलों – कोनो
- गुंजायमान – गुँजित करने के
- चतुर्थ दिवस – चार दिन
- निर्मूल – बिना जड़ की
- निस्संकोच – बिना संकोच के
- भावभीनी – प्रेम से ओत–प्रोत
- सौहार्द – ह्रदय की सरलता
- स्नेह–भीगी – प्यार से भीगी
Chapter 4 वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन (Vaigyanik chetna ke vahak – Chandrashekhar Venkat Raman)
- अक्षुण्ण – अखंडित
- अतिशयोक्ति – बढ़ा–चढ़ा कर कहने की बात
- अध्ययन – पढ़ना
- अध्यापन – पढ़ाना
- असंख्य – अनगिनत
- आणविक – अणु का
- आभा – चमक
- आलोकित – प्रकाशित
- आह्वादित – आनंदित
- इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी – अवरक्त स्पेक्ट्रम विज्ञान
- कट्टर – दृढ़
- कृत्रिम – बनावटी
- क्रमशः – क्रम के अनुसार
- जाग्रत – जगाना
- जिज्ञासा – जानने की इच्छा
- ठोस रवों – बिल्लौर
- तीव्र धारा – तेज़ धारा
- नितांत अभाव – बहुत अधिक कमी
- नोबेल पुरस्कार – यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का सर्वोच्च पुरस्कार है
- परमाणविक – परमाणु का
- परिणति – प्रमाण
- परिहास – हँसी–मज़ाक
- पूर्ववर्ती – पहले के
- प्रतिभावान – तेज़ बुद्धि वाले
- प्रतिमूर्ति – अनुकृति, चित्रा, प्रतिमा
- प्रायोगिक – प्रयोग सम्बंधित
- प्रोटोन – प्रकाश का अंश
- भौतिकी – फ़िज़िक्स
- भ्रांति – संदेह
- रुझान – झुकाव
- वित्त–विभाग – आय–व्यय से संबंधित विभाग
- विराट – विशालकाय
- विश्वविख्यात – संसार में प्रसिद्ध
- शोधकार्य – अनुसंधान के कार्य
- संरचना – बनावट
- संश्लेषण – मिलान करना
- सटीक – सही
- समक्ष – सामने
- साधन – औजार
- सृजित – रचा हुआ
Chapter 5 धर्म की आड़ (Dharm Ki Aad)
- अट्टालिकाएँ – ऊँचे–ऊँचे मकान
- अनियंत्रित – जो नियंत्राण में न हो, मनमाना
- ईमान – सच्चाई
- उत्पात – खुरापात
- कसौटी – परख, जाँच
- खिलाफत – पैगंबर या बादशाह का प्रतिनिधि होना
- जाहिल – मूर्ख
- दोष – गलती
- धनाढ्य – धनवान
- धूर्त – छली, पाखंड
- निःसंदेह – बिना किसी शक के
- पग – कदम
- प्रपंच – छल, धोखा
- बेजा – गलत
- बोल्शेविज़्म – सोवियत क्रांति के बाद लेनिन के नेतृत्व में स्थापित व्यवस्था
- भलमनसाहत – सज्जनता, शराफत
- मज़हबी – धर्म विशेष से संबंध रखने वाला
- ला–मज़हब – जिसका कोई धर्म, मज़हब न हो, नास्तिक
- वाजिब – सही, उचित
- साम्यवाद – कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित राजनीतिक सिद्धांत जिसका उद्देश्य विश्व में वर्गहीन समाज की स्थापना करना है
- सुगम – आसान
- स्वाधीनता – स्वतंत्रता
- स्वार्थ सिद्धि – अपना स्वार्थ सिद्ध करना
Chapter 6 शुक्रतारे के समा (Shukra Tare Ke Saman)
- अनगिनत – जिसे गिना न जा सके
- अनवरत – लगातार
- अनायास – अचानक
- असह्य – सहन न की जाने वाली
- आभा–प्रभा – चमक
- आसेतुहिमाचल – सेतुबंध रामेश्वर से हिमाचल तक विस्तीर्ण
- खर – गधा, घास
- गाद – गाढ़ी चीज़, कीचड़
- चैथाई – चौथा भाग
- जिगरी दोस्त – घनिष्ट मित्र
- तालीम – शिक्षा
- नक्षत्र मंडल – तारा समूह
- पीर – महात्मा, सिद्ध
- फुलस्केप – कागज़ का एक आकार
- बावर्ची – खाना पकानेवाला, रसोइया
- भिश्ती – मशक से पानी ढोनेवाला व्यक्ति
- रूबरू – आमने–सामने
- विनोद – मज़ाक
- व्याख्यान – भाषण
- सराबोर – डूबा हुआ
- सिलसिला – क्रम
- हम्माल – बोझ उठाने वाला, कुली
Chapter 7 पद (Pad)
- कउनु – कौन
- गरीब निवाजु – दीन–दुखियों पर दया करने वाला
- गुसईआ – स्वामी, गुसाईं
- घन – बादल
- चकोर – तीतर की जाति का एक पक्षी जो चंद्रमा का परम प्रेमी माना जाता है
- चितवत – देखना, निरखना
- छोति – छुआछूत, अस्पृश्यता
- जगत कउ लागै – संसार के लोगों को लगती है
- जोति – ज्योति, देवता के प्रीत्यर्थ जलाया जाने वाला दीपक
- ता पर तुहीं ढरै – उन पर द्रवित होता है
- तिलोचनु (त्रिलोचन) – एक प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य, जो ज्ञानदेव और नामदेव के गुरु थे
- दासा – दास, सेवक
- नामदेव – महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध संत, इन्होंने मराठी और हिंदी दोनों भाषाओं में रचना की है
- नीचहु ऊच करै – नीच को भी ऊँची पदवी प्रदान करता है
- बरै – बढ़ाना, जलना
- बाती – बत्ती, रुई, जिसे तेल में डालकर दिया जलाते हैं
- बास – गंध, वास
- माथै छत्रु धरै – मस्तक पर मुकुट धारण करने वाला
- मोरा – मोर, मयूर
- राती – रात्रि
- लाल – स्वामी
- सधना – एक उच्च कोटि के संत जो नामदेव के समकालीन माने जाते हैं
- सभै सरै – सब कुछ संभव हो जाता है
- समानी – समाना (सुगंध का बस जाना), बसा हुआ (समाहित)
- सुहागा – सोने को शुद्ध करने के लिए प्रयोग में आने वाला क्षारद्रव्य
- सैनु – ये भी एक प्रसिद्ध संत हैं, आदि ‘गुरुग्रंथ साहब’ में संगृहीत पद के आधार पर इन्हें रामानंद का समकालीन माना जाता है
- हरिजीउ – हरि जी से
Chapter 8 दोहे (Dohe)
- अघाय – तृप्त
- अठिलैहैं – मज़ाक उड़ाना
- अरथ – अर्थ
- अवध – रहने लायक न होना
- आखर– अक्षर, शब्द
- आवे – आना
- उदधि – सागर
- कोय – कोई
- चटकाय – झटके से
- जलज – कमल
- थोरे – थोड़े, कम
- धनि – धन्य
- नाद – संगीत की ध्वनि
- निज – अपना
- निज – अपने
- पंक – कीचड़
- परि जाय – पड़ जाती है
- पिआसो – प्यासा
- फाटे दूध – फटा हुआ दूध
- बड़ेन – बड़ा
- बाँटि – बाँटना
- बिगरी – बिगड़ी
- बिथा – दर्द
- बिनु – बगैर, बिना
- बिपति – विपत्ति
- बिपदा – विपत्ति
- मथे – मथना
- मूलहिं – जड़ में
- रवि – सूर्य
- रीझि – मोहित हो कर, खुश हो कर
- लघु – छोटा
- लघु – छोटा
- सहाय – सहायता
- सींचिबो – सिंचाई करना
- सून – असंभव
Chapter 9 आदमी नामा (Aadmi Nama)
- अशराफ़ – शरीफ़ शब्द का बहुवचन
- इमाम – नमाज़ पढ़ने वाले
- कारे – काम
- खुतबाख्वाँ – कुरान शरीफ़ का अर्थ बताने वाला
- गदा – भिखारी
- जरदार – दौलतमंद
- जान वारना – प्राण न्योछावर करना
- ताड़ता – भाँप लेना
- दिलपजीर – जो दिल को अच्छा लगे
- नजीर – कवि का नाम, मिसाल
- पगड़ी उतारना – बेइज़्ज़ती करना, अपमान करना
- पीर – धर्मगुरु, संत, भगवान का भक्त
- बादशाह – राजा
- मुफलिस – निर्धन
- मुरीद – भक्त, शिष्य, चाहनेवाला
- वजीर – मंत्री
- शाह – राजा, सम्राट
Chapter 10 एक फूल की चाह (Ek Phool ki Chah)
- अंजलि – दोनों हाथों से
- अटल – जिसे हिलाया न जा सके
- अभागी – जिसका बुरा भाग्य हो
- अवयव – अंग
- अविश्रांत – बिना विश्राम के
- अश्रु–राशियाँ – आँसुओं की झड़ी
- आमोदित – आनंदपूर्ण
- उद्वेलित – भाव–विह्नल
- कलुषित – अशुद्ध
- कृश – पतला, कमज़ोर
- क्षीण – दबी आवाज़, कमज़ोर
- खोटा – बुरा, घटिया
- ग्रसना – निगलना
- चिरकालिक – लम्बे समय से
- जर्जर – थका
- ठेल – धकेलना
- ढिकला – धकेला गया
- तनु – शरीर
- ताप–तप्त – ज्वर से पीड़ित
- तिमिर – अंधकार
- दुर्दांत – जिसे दबाना या वश में करना कठिन हो
- नितांत – बिलकुल, अलग, अत्यंत
- निहार – देखना
- न्यायालय – न्याय करने का स्थान
- परिधान – वस्त्र
- प्रचंड – तीव्र
- बंधु – रिश्तेदार
- भाँति – तरह
- मरघट – शमशान
- महामारी – बडे़ स्तर पर फैलने वाली बीमारी
- मृतवत्सा – जिस माँ की संतान मर गई हो
- रविकर जाल – सूर्य–किरणों का समूह
- रुदन – रोना
- विस्तीर्ण – फैला हुआ
- शब्दार्थ –
- शिथिल – कमजोर, ढीला
- शुचिता – पवित्रता
- सभक्ति – भक्ति के साथ
- सम्मुख – सामने
- सरसिज – कमल
- सिंह पौर – मंदिर का मुख्य द्वार
- सुस्थिर – जो कभी न रुकता हो
- स्वर्ण घन – सुनहरे बादल
- स्वीकृत – स्वीकार कर
Chapter 11 गीत-अगीत Geet Ageet
- आल्हा – एक लोक–गीत का नाम
- उपलों – किनारों से
- कड़ी – वे छंद जो गीत को जोड़ते हैं
- खोंते – घोंसला
- गुनती – विचार करती है
- तटिनी – नदी, तटों के बीच बहती हुई
- निर्झरी – झरना, नदी
- पर्ण – पत्ता, पंख
- पाटल – गुलाब
- बिधना – भाग्य, विधाता
- विधाता – ईश्वर
- वेग – गति
- वेगवती – तेज़ गति से
- शुक – तोता
- शुकी – मादा तोता
Chapter 12 अग्नि पथ (Agnipath)
- अग्नि पथ – कठिनाइयों से भरा हुआ मार्ग, आगयुक्त मार्ग
- अश्रु – आँसू
- छाँह – छाया
- पत्र – पत्ता
- रक्त – खून, शोणित
- लथपथ – सना हुआ
- शपथ – कसम, सौगंध
- स्वेद – पसीना
Chapter 13 नए इलाके में, खुशबू रचते हैं हाथ (Naye Ilake Mein, Khushboo Rachte Hain Haath)
(नए इलाके में)
- अकसर – प्रायः, हमेशा
- अकास (आकाश) – गगन
- इलाका – क्षेत्र
- ठकमकाता – धीरे–धीरे, डगमगाते हुए
- ढहा – गिरा हुआ, ध्वस्त
- ताकता – देखता
- पतझड़ – एक ऋतु जब पेड़ों के पत्ते झड़ते हैं
- फाटक – दरवाजा
- भादों – सावन के बाद आने वाला महीना
- वसंत – छह ऋतुओं में से एक
- वैसाख (वैशाख) – चैत (चैत्र) के बाद आने वाला महीना
- स्मृति – याद
(खुशबू रचते हैं हाथ)
- कूड़ा–करकट – रद्दी, कचरा
- केवड़ा – एक छोटा वृक्ष जिसके फूल अपनी सुगंध के लिए प्रसिद्ध हैं
- खस – पोस्ता
- टोले – छोटी बस्त
- नालों – घरों और सड़कों के किनारे गंदे पानी के बहाव के लिए बनाया गया रास्ता
- मशहूर – प्रसिद्ध
- मुल्क – देश
- रातरानी – एक सुगंधित फूल
- शख्म – घाव, चोट
Sanchayan Book
Chapter 1 गिल्लू (Gillu)
- अद्भुत – अनोखी
- अनादरित – आदर का अभाव, तिरस्कार
- अनायास – अचानक
- अपवाद – सामान्य नियम को बाध्ति या मर्यादित करने वाला
- अवतीर्ण – प्रकट
- अवधि – समय
- आवश्यक – जरुरी
- आश्चर्य – हैरान
- आश्वस्त – निश्चिन्त
- आहत – ज़ख्मी, घायल
- उत्पन्न – पैदा
- उष्णता – गरमी
- कर्कश – कटु, कानों को न भाने वाली
- काकद्वय – दो कौए
- काकभुशुंडि – (रामायण) एक राम भक्त जो लोमश ऋषि के शाप से कौआ हो गए थे
- कार्यकलाप – दिन भर के काम
- खाद्य – भोजन
- गंध – खुशबू
- घोंसले – नीड़, रहने की जगह
- छूआ–छुऔवल – चुपके से छूकर छुप जाना और फिर छूना
- नित्य – हमेशा
- निश्चेष्ट – बिना किसी हरकत के
- परिचारिका – सेविका
- पीताभ – पीले रंग का
- प्रभात – सुबह
- मरणासन्न – मृत्यु के समीप पहुँच जाने वाला
- मुक्त – आजाद
- यातना – दुःख
- राह – रास्ता
- लघुगात – छोटा शरीर
- लघुप्राण – छोटा जीव
- विस्मित – आश्चर्यचकित
- संभवतः – अवश्य ही
- समस्या – परेशानी
- समादरित – विशेष आदर
- समीप – नजदीक
- सर्र से – तेज़ी से
- सर्वथा – सब प्रकार से
- सुलभ – आसान
- सोनजुही – जूही (पुष्प) का एक प्रकार जो पीला होता है
- स्निग्ध् – चिकना
- स्मरण – याद
- हरीतिमा – हरियाली
- हौले – धीरे
- हौले–हौले – धीरे–धीरे
Chapter 2 स्मृति (Smriti)
- अकस्मात् – अचानक
- अक्ल चकराना – हैरान होना
- अग्र – आगे
- अचूक – खाली न जाने वाला, निश्चित
- अवलंबन – सहारा
- आशंका – डर
- आश्वासन – भरोसा, दिलासा
- उझकने – उचकना, पंजे के बल उचककर झाँकना
- उद्वेग – बेचैनी, घबराहट
- उपहास – मजाक
- एकाग्रचित्तता – स्थिरचित्त, ध्यान
- कड़ी – पक्की
- कपोल – गाल
- कसूर – गलती
- किलोलें – क्रीड़ा
- गुंजल्क – गुलाटी
- चकित – हैरान
- चक्षुःश्रवा – आँखों से सुनने वाला
- चिल्ला – कड़ी सरदी
- चेष्टा – कोशिश
- छोर – किनारा
- ज्योंही – जैसे ही
- झुरे – तोड़ना
- डैने – पंख
- ढाढ़ें – जोर–जोर से रोना
- ताकीद – आग्रह
- त्योंही – वैसे ही
- दुधारी – दोनों तरफ से धर वाली, दो धरों वाली
- दुविधा – परेशानी
- दृढ़ संकल्प – पक्का विचार
- देह – शरीर
- धौंकनी – धड़कन
- पूर्व – पहले
- पैंतरों – मुद्रा, स्थिति
- प्रतिद्वंद्वी – शत्रु
- प्रतिध्वनि – किसी शब्द के उपरांत सुनाई पड़ने वाला उसी से उत्पन्न शब्द, गूँज
- प्रवृत्ति – मन का किसी विषय की ओर झुकाव
- प्रसन्नवदन – प्रसन्न चेहरा
- बिदककर – चौंककर
- भुँजाने – भुनवाना
- मज्जा – हड्डी के भीतर भरा मुलायम पदार्थ
- मिथ्या – झूठ
- मुठभेड़ – आमना–सामना
- मूक – गूंगा
- मृगशावक – हिरन का बच्चा
- विषधर – विष को धारण करने वाला
- शीत – ठण्ड
- सजीव – जिन्दा
- सहमा – उदास
- सहानुभूति – दया
- सूझ – तरीका, उपाय
Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी (Kallu Kumhar Ki Unakoti)
- अंतिम पड़ाव – आखिरी जगह
- अद्भुत – अनोखा
- अनुरोध् – प्रार्थना
- अलसायी – आलस से भरी हुई
- अलस्सुबह – तड़के, बिलकुल सुबह
- अवतरण – उतरना
- अवैध् आवक – बिना अनुमति के आना
- आकृष्ट – आकर्षित
- आश्वस्त – पूरा विश्वास होना
- इर्द–गिर्द – आस–पास
- ऊर्जादायी – शक्ति देने वाला
- कबीलाई – कबीलों से सम्बन्धित
- कानफाड़ू – कान को फाड़ कर रख देने वाली आवाज
- काफिला – दल
- खलल – बाधा, विघन
- चिह्नित – जिनकी अभी पहचान नहीं की जा सकी हैं
- तड़ित – बिजली
- तेशतर्रार – बहुत तेज
- दंतकथा – काल्पनिक कथा, जनश्रुति
- दुर्गम – ऐसी जगह जहाँ जाना आसान न हो
- निरक्षर – अनपढ़
- निर्यात – माल बाहर भेजना
- पारंपरिक – परम्परागत, काफी समय से चली आ रही कोई प्रथा
- पेयजल – पीने का पानी
- प्रतीकित – अभिव्यक्त करना
- प्रपात – झरना
- बहुधर्मिक – बहुत धर्मों वाला
- भयावना – भयानक, डरावना
- भोर – सुबह
- महज – सिर्फ
- मिथक – पौराणिक कथा
- मिलनसार – सभी से अच्छी तरह घुलने–मिलने वाला
- विक्षिप्त – पागल
- विशेषज्ञता – किसी काम को करने में निपूर्ण होना
- शब्दशः – प्रत्येक शब्द के अनुसार
- शैव तीर्थ – भगवान् शिव के तीर्थ
- समूची – पूरी
- सोहबत – संगति, साथ
- हथियारबंद – हथियारों के साथ
- हस्तांतरण – एक व्यक्ति के हाथ से दूसरे व्यक्ति के हाथ में जाना
- हिंसाग्रस्त – जहाँ हिंसा हो रही हो
Chapter 4 मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय (Mera Chota Sa Niji Pustakalaya)
- अदम्य – जिसे दबाया न जा सके
- अध्यापन – पढ़ाना
- अनिच्छा – बिना इच्छा के
- अनूदित – अनुवाद किए हुए
- अर्धमृत्यु – अधमरा
- अवरोध् – रुकावट
- असहाय – बेसहारा
- आरंभ – शुरू
- आर्थिक – रुपये–पैसे सम्बंधित
- आर्थिक – रूपए पैसे संबंधी
- आह्नान – पुकार, बुलावा
- इंटरमीडिएट – माध्यमिक
- कसक – रुक–रुक कर होने वाली पीड़ा
- कुंज – घने पेड़ों वाला स्थान
- कुल्हड़ – पात्र, बर्तन
- चाट – आदत
- जी–तोड़ – कठिन मेहनत
- तत्कालीन – उस समय का
- दर्जे – कक्षा
- दाम – मूल्य
- दिवंगत – स्वर्गीय
- देहावसान – देहांत, मृत्यु
- नापसंद – पसंद न होना
- नासमझ – जिसे समझ न हो
- निजी – अपनी
- नियमित – हर–रोज
- पाखंड – ढोंग
- पुनर्जीवन – मर कर दुबारा जीवित होना
- प्रख्यात – जाने–माने, प्रसिद्ध
- प्रतिमाएँ – मूर्तियाँ
- बरहाल – फिलहाल
- रूढ़ियाँ – प्रथाएँ
- रोचक – मनोरंजक
- रोमांचक – अद्भुत
- वरिष्ठ – बड़े
- विपन्न – गरीब
- विराजमान – उपस्थित
- विशेषज्ञ – किसी विषय को अच्छी तरह समझने वाला
- विश्राम – आराम
- शिद्दत – कठिनाई
- संकलन – इकट्ठे करना
- संकलन – इकठ्ठा करना
- संपादन – अच्छी तरह से पूरा करना, प्रस्तुत करना
- सनक – पागलपन
- सहसा – अचानक
- सुसज्जित – सज्जी हुई
- हजारहा – हजारों से अधिक
Chapter 5 हामिद खाँ (Hamid Khan)
- अधेड़ उम्र – ढलती उम्र
- अब्बाजान – पिता
- अलमस्त – मस्त
- आगजनी – उपद्रवियों द्वारा लगाई गई आग
- आततायियों – अत्याचार करने वाले
- ईमान – धर्म पर विश्वास
- औलादें – संताने
- क्षुध – भूख
- चाव से – शौक से
- जहान – संसार
- जालिमों – अत्याचार करने वाले
- ज्योंही – जैसे ही
- तश्तरी – प्लेट
- तृप्त – संतोष
- दढ़ियल – दाढ़ी वाला
- धैंस जमाकर – गुस्सा दिखा कर, जबरदस्ती
- ध्यानपूर्वक – पूरे ध्यान से
- नियति – भाग्य
- परदेश – दूसरे देश
- पश्तो – प्राचीन भाषा
- पौराणिक – जिसका उल्लेख पुराणों में हुआ हो
- फ़ख्र – गर्व
- बेखटके – बिना किसी हिचकिचाहट के
- बेतरतीबी – बिना किसी तरीके के
- बेपरवाही – बिना किसी परवाह के
- मुल्क – देश
- मोल – खरीदना
- विनती – प्रार्थना
- सकुचा – हिचकिचाना
- सालन – गोश्त या सब्जी का मसालेदार शोरबा
- सेंकना – पकाना
- हस्तरेखा – हाथ की रेखाएँ
Chapter 6 दिये जल उठे (Diye Jal Uthe)
- अगुवाई – नेतृत्व
- अभिव्यक्ति – प्रकट करना
- आग्रह – प्रार्थना, विनती
- आधिपत्य – अधिकार
- आबादी – जनसंख्या
- आशंका – संदेह, शक
- आश्वस्त – विश्वास
- कठिनतम – बहुत अधिक कठिन
- कबूल – स्वीकार
- कुशासन – गलत शासन
- क्षुब्ध – अशांत, नाराज
- गंभीर – भयानक, खतरनाक
- जरा भी – थोड़ा भी
- जाने–परखे – विश्वास पात्र
- तहत – अनुसार
- तुच्छ – मूल्यहीन
- दांडिया – एक प्रकार का नृत्य
- नज़रा – दृश्य
- नजीर – उदाहरण
- निपुण – कुशल
- निर्धारित – निश्चित
- निषेधाज्ञा – निषेध सम्बंधित आज्ञा, मनाही का आदेश
- पुश्तैनी – पीढ़ियों से चला आ रहा
- प्रतिक्रिया – बदला, प्रतिकार
- प्रतिध्वनि – किसी शब्द के उपरान्त सुनाई पड़ने वाला उसी से उत्पान्न शब्द, गूँज
- प्रयाण – यात्रा
- बयार – हवा
- भर्त्सना – निंदा
- भव्य – शानदार
- भिन्न – अलग
- मजिस्ट्रेट – फ़ौजदारी अदालत का अफ़सर
- मुखी और तलाटी – गंदगी पर मक्खी की तरह
- रियासतदार – रियासत या इलाके के मालिक
- लज्जा – शर्म
- वरिष्ठ – बड़े
- विश्राम – आराम
- शब्दार्थ –
- संक्षिप्त – छोटी सी
- संदेशवाहक – संदेश लेने और पहुँचाने वाला व्यक्ति
- संभवतः – मुमकिन है
- संहार – नाश
- स्थगित – टालना
- स्वराज – अपना राज्य
- स्वाभाविक – प्राकृतिक
- हुक्मरान – शासक