CBSE Class 9 Hindi Chapter 10 Naye Ilake Mein, Khushboo Rachte Hain Haath (नए इलाके में, खुशबू रचते हैं हाथ) Question Answers (Important) from Sparsh Book

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नए इलाके में, खुशबू रचते हैं हाथ NCERT Solutions

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1 – नए बसते इलाके में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है?
उत्तर
– नये बसते इलाके में रोज रोज नये-नये मकान बनते हैं। कवि के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वह अपना रास्ता ढूँढ़ने के लिए पीपल के पेड़ को खोजता है परन्तु हर जगह मकानों के बनने के कारण उस पीपल के पेड़ को काट दिया गया है। इससे आसपास का नजारा बदल जाता है और पुराने निशान गायब हो जाते हैं। इसलिए कवि रास्ता भूल जाता है।

प्रश्न 2 – कविता में कौन-कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर
– पीपल का पेड़, ढ़हा हुआ मकान, लोहे का बिना रंगवाला गेट

प्रश्न 3 – कवि एक घर पीछे या दो घर आगे क्यों चल देता है?
उत्तर –
कवि हर दिन नए-नए घर बन जाने से अपने घर को नहीं ढ़ूँढ़ पाता है और इसलिए एक घर पीछे या दो घर आगे चल देता है।

प्रश्न 4 – ‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर
– ‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से अभिप्राय महीनों बाद लौटने से है।

प्रश्न 5 – कवि ने इस कविता में ‘समय की कमी’ की ओर क्यों इशारा किया है?
उत्तर
– जल्दी से सही पता न मिलने पर हो सकता है कि कवि की परेशानियाँ बढ़ जाएँ। हो सकता है उसे बिना वजह किसी होटल में किराये पर कमरा लेना पड़े, या प्लेटफॉर्म पर रात बितानी पड़े। हो सकता है कि कवी के घर में कोई महत्वपूर्ण काम चल रहा हो। इसलिए कवि ने इस कविता में ‘समय की कमी’ की ओर इशारा किया है।

प्रश्न 6 – इस कविता में कवि ने शहरों की किस विडंबना की ओर संकेत किया है?
उत्तर
– इस कविता में कवि ने शहरों के लगातार बदलते स्वरूप की ओर संकेत किया है। शहर में कुछ भी स्थाई नहीं होता। सब कुछ इतनी तेजी से बदलता है कि लोग हक्के बक्के रह जाते हैं और अपने घर का रास्ता भी भूल जाते हैं।

व्याख्या कीजिए –

प्रश्न 1 – यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं, एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
उत्तर
– एक ही दिन में सबकुछ इतना बदल जाता है कि एक दिन पहले की दुनिया पुरानी लगने लगती है। ऐसे में कोई पता ढ़ूँढ़ने के लिए याददाश्त पर भरोसा करने से कोई लाभ नहीं होता।

प्रश्न 2 – समय बहुत कम है तुम्हारे पास, आ चला पानी ढ़हा आ रहा अकास, शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर
उत्तर
– जल्दी से सही पता न मिलने पर हो सकता है कि कवि की परेशानियाँ बढ़ जाएँ। हो सकता है उसे बिलावजह किसी होटल में किराये पर कमरा लेना पड़े, या प्लेटफॉर्म पर रात बितानी पड़े। हो सकता है कि कवी के घर में कोई महत्वपूर्ण काम चल रहा हो। ऐसे में यदि कोई परिचित देख ले और आवाज लगा दे तो कवि का काम आसान हो जाएगा।

प्रश्न अभ्यास (खुशबू रचते हैं हाथ)-

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1 – ‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ कहाँ रहते हैं?
उत्तर
– ‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ अर्थात अगरबत्ती बनाने वाले गरीब तबके के लोग होते हैं। ऐसे लोग तंग गलियों में, बदबूदार नाले के किनारे और कूड़े के ढ़ेर के बीच रहते हैं। बड़े शहरों की किसी भी झोपड़पट्टी में आपको ऐसा ही नजारा आसानी से देखने को मिलेगा।

प्रश्न 2 – कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?
उत्तर
– अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ तरह-तरह के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही के फूल की डाल की तरह खुशबूदार होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और चोट के कारण फटे हुए भी होते हैं।

प्रश्न 3 – कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’?
उत्तर
– अगरबत्ती का काम है खुशबू फैलाना। ये अगरबत्तियाँ हाथों से बनाई जाती हैं। इसलिए कवि ने कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’।

प्रश्न 4 – जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?
उत्तर –
जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल अगरबत्ती की मोहक खुशबू के ठीक विपरीत होता है। अगरबत्ती निर्माण एक कुटीर उद्योग है। ज्यादातर कारीगर किसी झोपड़पट्टी में रहते हैं; जहाँ बहुत ज्यादा गंदगी और बदबू होती है।

प्रश्न 5 – इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर
– इस कविता के माध्यम से कवि ने कामगारों और मजदूरों की भयावह जिंदगी को उजागर किया है। कवि ने यह दिखाने की कोशिश की है कि ऐसे मजदूर जो दूसरों के लिए खुशबू या खुशहाली का निर्माण करते हैं खुद कितनी बदहाली में रहते हैं और कितनी विषम परिस्थिति में काम करते हैं।

व्याख्या कीजिए –

प्रश्न 1 – पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ, जूही की डाल से खुशबूदार हाथ
उत्तर
– अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ तरह-तरह के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही के फूल की डाल की तरह खुशबूदार होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और चोट के कारण फटे हुए भी होते हैं।

प्रश्न 2 – दुनिया की सारी गंदगी के बीच, दुनिया की सारी खुशबू रचते रहते हैं हाथ
उत्तर
– जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल अगरबत्ती की मोहक खुशबू के ठीक विपरीत होती है। यह एक विडंबना ही है कि दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है।

प्रश्न 3 – कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है?
उत्तर
– अगरबत्ती हम जब भी खरीदते हैं तो हम कभी एक अगरबत्ती नहीं बल्कि एक पूरा अगरबत्ती का पैकेट खरीदते हैं। उसी तरह, अगरबत्ती बनाने वाले झुंड में काम करते हैं। उनकी समस्याएँ भी अनेक होती हैं। इसलिए कवि ने इस कविता में बहुवचन का प्रयोग अधिक किया है।

प्रश्न 4 – कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है?
उत्तर
– अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं और उनका वर्णन करने के लिए कवि ने तरह तरह के विशेषणों का उपयोग किया है। कवि ने किसी हाथ की उभरी हुई नसें दिखाई है, तो किसी के घिसे नाखून। किसी हाथ की कोमलता दिखाई है तो किसी की कठोरता।

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Class 9 Hindi नए इलाके में, खुशबू रचते हैं हाथ Question Answers Lesson 10 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

पद्यांश को पढ़कर पूंछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –

1)
इन नए बसते इलाकों में
जहाँ रोज़ बन रहे हैं नए-नए मकान
मैं अकसर रास्ता भूल जाता हूँ।

धोखा दे जाते हैं पुराने निशान
खोजता हूँ ताकता पीपल का पेड़
खोजता हूँ ढहा हुआ घर
और ज़मीन का खाली टुकड़ा जहाँ से बाएँ
मुड़ना था मुझे
फिर दो मकान बाद बिना रंगवाले लोहे के फाटक का
घर था इकमंज़िला

और मैं हर बार एक घर पीछे
चल देता हूँ
या दो घर आगे ठकमकाता

यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है
रोज़ कुछ घट रहा है
यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं।

i. प्रस्तुत पद्यांश में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है?
(क) नए नए मकान बनने से
(ख) नए इलाके बसने से
(ग) कवि की स्मृति घट रही है
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (ख) नए इलाके बसने से

ii. “यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है
रोज़ कुछ घट रहा है
यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं” यह पंक्ति कवि किसके लिए कह रहा है?
(क) स्वयं के लिए
(ख) नए इलाके के लिए
(ग) इस नई दुनिया के लिए
(घ) अपने गांव के लिए
उत्तर: (ख) नए इलाके के लिए

iii. प्रस्तुत पद्यांश में कवि को कौन धोखा दे जाता है?
(क) नई गलियां
(ख) पुराने निशान
(ग) एकमंजिला घर
(घ) ढहा हुआ घर
उत्तर: (ख) पुराने निशान

iv. प्रस्तुत पद्यांश में कवि किसको खोज रहा है?
(क) अपने परिवार को
(ख) ढहे हुए घर को
(ग) अपने नगर को
(घ) अपने घर को
उत्तर: (ख) ढहे हुए घर को

2)
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ
जैसे बैसाख का गया भादों को लौटा हूँ
अब यही है उपाय कि हर दरवाज़ा खटखटाओ
और पूछो- क्‍या यही है वो घर?

समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर।

i. एक दिन में कौन पुरानी पड़ जाती है?
(क) कवि का गांव
(ख) गलियां
(ग) इलाके
(घ) दुनिया
उत्तर: (घ) दुनिया

ii. निम्न पद्यांश में कवि किस ऋतु का वर्णन कर रहे हैं?
(क) सावन
(ख) कार्तिक
(ग) भादो
(घ) कुंवार
उत्तर: (ग) भादो

iii. निम्न पद्यांश में कवि किस मौसम का वर्णन कर रहे हैं?
(क) गर्मी
(ख) सर्दी
(ग) बारिश
(घ) बसंत
उत्तर: (घ) बसंत

iv. प्रस्तुत पद्यांश में “अकास” शब्द का क्या अर्थ है?
(क) आसमान
(ख) मौसम
(ग) दिन
(घ) रात
उत्तर: (क) आसमान

3)
उभरी नसोंवाले हाथ
घिसे नाखूनोंवाले हाथ
पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ
जूही की डाल-से खुशबूदार हाथ

गंदे कटे-पिटे हाथ
ज़ख्म से फटे हुए हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ।

यहीं इस गली में बनती हैं
मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ
इन्हीं गंदे मुहल्लों के गंदे लोग
बनाते हैं केवड़ा गुलाब खस और रातरानी
अगरबत्तियाँ
दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ।

i.कवि “उभरी नसोंवाले हाथ
घिसे नाखूनोंवाले हाथ” किसके लिए कहा है?
(क) अगरबत्तियां बनाने वालो के
(ख) खुद के
(ग) नए इलाके के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (क) अगरबत्तियां बनाने वालो के

ii.प्रस्तुत पद्यांश में कवि किसकी बात कर रहे हैं?
(क) गंदे मोहल्लों की
(ख) गंदे लोगों के
(ग) केवड़ा गुलाब खस और रातरानी
अगरबत्तियों की
(घ) उपर्युक्त में से सब कुछ
उत्तर: (घ) उपर्युक्त में से सब कुछ

iii. केवड़ा गुलाब खस और रातरानी अगरबत्तियाँ कौन बनाता है?
(क) अमीर लोग
(ख) गरीब लोग
(ग) गंदे लोग
(घ) इंजीनियर
उत्तर: (ग) गंदे लोग

iv.खुश्बू से रचते हैं हाथ में कवि किसकी बात कर रहा?
(क) अगरबत्तियां बनाने वाले लोगों की
(ख) किसानों की
(ग) बागान मालिकों की
(घ) माली की
उत्तर: (क) अगरबत्तियां बनाने वाले लोगों की

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Class 9 Hindi नए इलाके में, खुशबू रचते हैं हाथ (including questions from Previous Years Question Papers)

1. कवि बदलती हुई दुनिया को जानने के लिए कौन सा उपाय बताते हैं?
उत्तर: कवि बदलती हुई दुनिया को जानने के लिए उपाय बताते हुए कहते हैं कि अब हर दरवाजा खटखटाना पड़ेगा और पूछना पड़ेगा कि क्या यह वही घर है?

2. कवि नए इलाके में पहुंचने के बाद क्या खोज रहा है?
उत्तर: कवि ने इलाके में पहुंचने के बाद उस ताकते हुए पीपल के पेड़ को ढहे हुए घर को और उस जमीन के खाले टुकड़े को ढूंढते हैं जहां से उनको बाय मुड़ना था और बाएं मुड़ने के बाद उनको दो मकान बाद एक बिना रंग वाले लोहे के फाटक का एक मंजिला घर मिलता है। 

3. कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में किसका वर्णन कर रहे हैं?
उत्तर: कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में देश की मशहूर अगरबत्तियां बनाने वाले लोगों की एक टोली की बात कर रहे हैं। 

4. कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में किस-किस अगरबत्तियां की बात कर रहे है?
उत्तर: कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में जूही, केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी अगरबत्तियां की बात कर रहे है। 

5. कवि “खुशबू रचते हैं हाथ” नामक कविता में अगरबत्तियां बनाने वालो का किस प्रकार वर्णन कर रहे हैं?
उत्तर: कवि “खुशबू से रचते हैं हाथ” नामक कविता में अगरबत्तियां बनाने वालो का वर्णन करते हुए कहते हैं कि इन अगरबत्तियां बनाने वालो का हाथ उभरी हुई नसों से युक्त है और इनके नाखून घिसे हुए हैं।
इनके गंदे-गंदे कटे फटे हाथ और जख्म से भरे हुए हाथ हैं। इनके हाथों में पीपल के पत्ते लगे हुए हैं और जूही की डाल से इनके हाथ सुगंधित हो रहे हैं। 

6. नए इलाके कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: कवि बता रहे हैं कि दिन-प्रतिदिन दुनिया बदलती जा रही है जहां पहले पीपल का पेड़ था ढहा हुआ घर था और जमीन का खाली टुकड़ा था, वहां आज नए नए मकान बन रहे हैं कि आज वह गली पहचानना भी मुश्किल हो गया है। इंसान रोज करो जो बदल रहा है और अब तो अपनों से भी ये पूछना पड़ रहा है कि क्या तुम वही इंसान हो? 

7. खुशबू रचते हाथ का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: कवि बता रहे हैं कि कुछ दूर आगे चलने पर उनको एक गली दिखाई दे जहां पर लोगों के हाथ कटे फटे थे, उनके नाखून घिसे हुए थे और नसें दिख रही थी। ये वही लोग हैं तो भारत की सबसे सुगंधित अगरबत्तियां बनाते हैं। 

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Sparsh Bhag 1 and Sanchayan Bhag 1 Book Important Questions

 

 

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