NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Bhag 2 पतझड़ में टूटी पत्तियाँ प्रसंग 1 गिन्नी का सोना Important Question Answers Lesson 16

 

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सीबीएसई कक्षा 10 हिंदी स्पर्श भाग 2 पुस्तक पाठ 16 के लिए पतझड़ में टूटी पत्तियाँ प्रसंग 1 गिन्नी का सोना प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 10 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से बोर्ड परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे पतझड़ में टूटी पत्तियाँ प्रसंग 1 गिन्नी का सोना उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

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Class 10 Hindi पतझड़ में टूटी पत्तियाँ प्रसंग 1 गिन्नी का सोना Question Answers Lesson 16 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

 

पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –

 

(1) शुद्ध सोना अलग है और गिन्नी सोना अलग। गिन्नी के सोने में थोड़ा-सा ताँबा मिलाया हुआ होता है, इसलिए वह ज्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मज़बूत भी होता है। औरतें अकसर इसी सोने के गहने बनवा लेती हैं। फिर भी होता तो वह है गिन्नी का ही सोना।

शुद्ध आदर्श भी शुद्ध सोने के जैसे ही होते हैं। चंद लोग उनमें व्यवहारिकता का थोड़ा-सा ताँबा मिला देते हैं और चलाकर दिखाते हैं। तब हम लोग उन्हें ‘प्रेक्टिकल आइडियलिस्ट’ कहकर उनका बखान करते हैं। ये बात न भूलें कि बखान आदर्शों का नहीं होता, बल्कि व्यावहारिकता का होता है। और जब व्यावहारिकता का बखान होने लगता है तब ‘प्रेक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं और उनकी व्यवहारिक सूझबूझ ही आने लगती है।

सोना पीछे रहकर ताँबा ही आगे आता है।

चंद लोग कहते हैं, गाँधी जी ‘प्रेक्टिकल आइडियालिस्टों’ थे। व्यावहारिकता को पहचानते थे। उसकी कीमत जानते थे। इसलिए वे अपने विलक्षण आदर्श चला सके। वरना हवा में ही उड़ते रहते। देश उनके पीछे न जाता।

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हाँ, पर गाँधी जी कभी आदर्शों को व्यावहारिकता के स्तर पर उतरने नहीं देते थे। बल्कि व्यवहारिकता को आदर्शों के स्तर पर चढ़ाते थे। वे सोने में ताँबा नहीं बल्कि ताँबे में सोना मिलाकर उसकी कीमत बढ़ाते थे।

इसलिए सोना ही हमेशा आगे आता रहता था।

 

Q1. गद्यांश में सोने के कौन – कौन से रूपों के बारे में बताया गया है –

(क)  शुद्ध सोना व् गिन्नी सोना

(ख) मजबूत सोना व् आभूषण का सोना

(ग) शुद्ध सोना व् कमजोर सोना

(घ) मजबूत सोना व् खोटा सोना

उत्तर – (क)  शुद्ध सोना व् गिन्नी सोना

 

Q2. महिलाएँ गिन्नी के सोने के आभूषण क्यों बनवाती हैं –

(क) क्योंकि वह सस्ता होता है

(ख) क्योंकि वह चमकदार व् मजबूत होता है

(ग) क्योंकि वह सुंदर होता है

(घ) उपरोक्त सभी  

उत्तर – (ख) क्योंकि वह चमकदार व् मजबूत होता है

 

Q3. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।

कथन (A) – गिन्नी के सोने में थोड़ा-सा ताँबा मिलाया हुआ होता है, इसलिए वह ज्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मज़बूत भी होता है।

कारण (R) – शुद्ध सोना ज्यादा मजबूत नहीं होता। शुद्ध सोने के गहनों को मजबूती देने के लिए उसमें ताँबा मिलाया जाता है। यहाँ सोने को आदर्शों के साथ तथा ताँबे को व्यवहारिकता के समान बताया गया है। 

(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं

(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है

(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है

(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

उत्तर – (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

 

Q4. चंद लोग कहते हैं कि गाँधी जी ‘प्रेक्टिकल आइडियालिस्टों’ थे क्योंकि –

(क) व्यावहारिकता को पहचानते थे

(ख) वे व्यावहारिकता को पहचानते थे। उसकी कीमत जानते थे

(ग) इसलिए वे अपने विलक्षण आदर्श चला सके। वरना हवा में ही उड़ते रहते। देश उनके पीछे न जाता।

(घ) उपरोक्त सभी  

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी 

 

Q5. गद्यांश के अनुसार आदर्शों के साथ गाँधी जी क्या करते थे  –

(क) गाँधी जी कभी आदर्शों को व्यावहारिकता के स्तर पर उतरने नहीं देते थे। बल्कि व्यवहारिकता को आदर्शों के स्तर पर चढ़ाते थे।

(ख) वे सोने में ताँबा नहीं बल्कि ताँबे में सोना मिलाकर उसकी कीमत बढ़ाते थे।

(ग) गाँधी जी ‘प्रेक्टिकल आइडियालिस्टों’ थे। व्यावहारिकता को पहचानते थे।

(घ) (क) और (ख)

उत्तर – (घ) (क) और (ख)

 

 

(2) व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं पर क्या वे ऊपर चढ़ते हैं। खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर लें चलें, यही महत्व की बात है। यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है। समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है। व्यवहारवादी लोगों ने तो समाज को गिराया ही है। सबसे महत्वपूर्ण  बात तो यह है कि खुद भी तरक्की करो और अपने साथ-साथ दूसरों को भी आगे ले चलो और ये काम हमेशा से ही आदर्शो को सबसे आगे रखने वाले लोगो ने किया है। हमारे समाज में अगर हमेशा रहने वाले कई मूल्य बचे हैं तो वो सिर्फ आदर्शवादी लोगो के कारण ही बच पाए हैं। व्यवहारवादी लोग तो केवल अपने आप को आगे लाने में लगे रहते हैं । उनको कोई फर्क नहीं पड़ता अगर समाज को नुक्सान हो रहा हो।

 

Q1. गद्यांश में व्यवहारवादी लोगों के बारे में बताया गया है –

(क)  हमेशा सजग रहते हैं

(ख) लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं

(ग) वे जीवन में सफल होते हैं

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

Q2. गद्यांश में महत्त्व की बात कौन सी कही गई है –

(क) हमेशा सजग रहो

(ख) खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर लें चलें

(ग) लाभ-हानि का हिसाब लगाकर आगे बड़ो 

(घ) उपरोक्त सभी  

उत्तर – (ख) खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर लें चलें

 

Q3. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।

कथन (A) – समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है।

कारण (R) – सबसे महत्वपूर्ण  बात तो यह है कि खुद भी तरक्की करो और अपने साथ-साथ दूसरों को भी आगे ले चलो और ये काम हमेशा से ही आदर्शो को सबसे आगे रखने वाले लोगो ने किया है।

(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं

(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है

(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है

(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

उत्तर – (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

 

Q4. गद्यांश में व्यवहारवादी लोगों की कौन सी नकारात्मक बातें कही गई है –

(क) व्यवहारवादी लोगों ने तो समाज को गिराया ही है

(ख) व्यवहारवादी लोग तो केवल अपने आप को आगे लाने में लगे रहते हैं

(ग) उनको कोई फर्क नहीं पड़ता अगर समाज को नुक्सान हो रहा हो

(घ) उपरोक्त सभी  

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी 

 

Q5. गद्यांश के अनुसार हमारे समाज में अगर हमेशा रहने वाले कई मूल्य बचे हैं तो वो सिर्फ ————– के कारण ही बच पाए हैं –

(क) आदर्शवादी लोगो के कारण

(ख) व्यवहारवादी लोगो के कारण

(ग) आदर्शवादी और व्यवहारवादी दोनों के कारण

(घ) (क) और (ख)

उत्तर – (क) आदर्शवादी लोगो के कारण

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Class 10 Hindi Sparsh Lesson 16 पतझड़ में टूटी पत्तियाँ प्रसंग 1 गिन्नी का सोना बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

Q1- पतझर में टूटी पत्तियाँ का लेखक कौन है ?

A) रवीन्द्र केलेकर

B) खुशवंत सिंह

C) मुंशी प्रेम चंद

D) कोई नहीं

 

Q2- केलेकर का जन्म कब हुआ?

A) ७ मार्च १९२५ को

B) ४ मार्च १९२६ को

C) ५ मार्च १९७८ को

D) कोई नहीं

 

Q3- केलेकर का जन्म कहाँ हुआ ?

A) कोंकण में

B) मुंबई में

C) कर्नाटका

D) कोई नहीं

 

Q4- छात्र जीवन में केलेकर का झुकाव किस ओर था ?

A) गोवा मुक्ति आंदोलन में

B) भारत मुक्ति आंदोलन में

C) हरित क्रान्ति में

D) कोई नहीं

 

Q5- केलेकर किस दर्शन से प्रभावित थे ?

A) गाँधीवादी दर्शन से

B) भारत दर्शन से

C) गीता दर्शन से

D) दर्शन से

 

Q6- केलेकर ने हिंदी के अलावा और किन भाषाओं में लिखा ?

A) कोंकणी और मराठी

B) कोंकणी और गुजराती

C) कोंकणी और तेलगू

D) तेलगू और गुजराती

 

Q7- केलेकर की प्रमुख रचनाओं के नाम बताएं |

A) समिधा

B) सांगली ोथाबे

C) जापान जसा दिसला

D) सभी

 

Q8- पतझर में टूटी पत्तिओं में दो प्रसंगो के माध्यम से लेखक ने किस बात की प्रेरणा दी है ?

A) सक्रिय नागरिक बनने की

B) जागरूक रहने की

C) अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की

D) जागरूक रहने की

 

Q9- लेखक के अनुसार कुछ लोग गाँधी जी को क्या कहते हैं ?

A) गांधीवादी

B) प्रैक्टिकल आईडियलिस्ट

C) राष्ट्रपिता

D) आईडियलिस्ट

 

Q10- कौन से सोने को शुद्ध कहा जाता है ?

A) गिन्नी का

B) २४ कैरट का

C) आभूषणों का

D) २३ कैरट

 

Q11- शुद्ध सोना किस बात का प्रतीक है ?

A) नेताओ का

B) रहसयवादी लोगो का

C) आदर्शवादी लोगो का

D) अच्छा

 

Q12- गिन्नी किस लिए चमकती है ?

A) पीतल की मिलावट के कारण

B) ताम्बे की मिलावट के कारण

C) पारे की मिलावट के कारण

D) मिलावट के कारण

 

Q13- सोने के आभूषणों में किस चीज की मिलावट होती है ?

A) पारे की

B) चांदी की

C) ताम्बे की

D) पीतल की

 

 Q14- हमेशा सजग कौन रहता है ?

A) संतरी

B) सिपाही

C) व्यवहारवादी

D) आदर्शवादी

 

Q15- व्यवहारवादी लोगों का समाज को क्या योगदान है ?

A) आगे बढ़ने में मदद की

B) विकास में योगदान दिया

C) समाज को गिराया है

D) योगदान दिया

 

Q16- समाज को शाश्वत मूल्य किसने दिए हैं ?

A) व्यवहारवादी लोगों ने

B) आदर्शवादी लोगों ने

C) रहसयवादी लोगों ने

D) लोगों ने

 

Q17- शुद्ध सोने और गिन्नी के सोने में क्या अंतर है ?

A) गिन्नी शुद्ध होता है

B) शुद्ध सोने में मिलावट होती है

C) शुद्ध सोना बिना मिलावट के और गिन्नी ताम्बे की मिलावट के साथ होता है

D) सभी

 

Q18- शुद्ध आदर्शों की तुलना किसके साथ की गयी है ?

A) गिन्नी के साथ

B) ताम्बे के साथ

C) शुद्ध सोने के साथ

D) सोने के साथ

 

Q19- शाश्वत मूल्य कौन से हैं ?

A) ईमानदारी

B) सत्य एवं सदाचार

C) अहिंसा

D) सभी

 

Q20- प्रैक्टिकल आइडियलिस्ट किसे कहते हैं ?

A) आदर्श व्यक्ति को

B) शुद्ध आदर्शो के प्रयोग को

C) शुद्ध आदर्शों के साथ व्यवहारिकता के प्रयोग करने वाले को

D) आदर्शो के प्रयोग क

 

Answer Key for Class 10 Hindi Chapter 16 Patjhar mein Tooti Pattiyan MCQs

 

Question No.
Answer
1
A
2
A
3
A
4
A
5
A
6
A
7
D
8
A
9
B
10
B
11
C
12
A
13
C
14
C
15
C
16
B
17
C
18
C
19
D
20
C

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Class 10 Hindi पतझड़ में टूटी पत्तियाँ प्रसंग 1 गिन्नी का सोना प्रश्न और उत्तर Questions Answers (including questions from Previous Years Question Papers)

In this post we are also providing important questions for CBSE Class 10 Boards in the coming session. These questions have been taken from previous years class 10 Board exams and the year is mentioned in the bracket along with the question.

 

 

Q1. गिन्नी के सोने की क्या विशेषताएँ हैं?

उत्तर – गिन्नी का सोना शुद्ध सोना नहीं होता बल्कि इसमें तांबे का मिश्रण होता है। यही कारण है कि उसमें ज्यादा चमक होती है और शुद्ध सोने की अपेक्षा मजबूती अधिक होती है। अतः इसकी उपयोगिता भी अधिक होती है। गिन्नी के सोने की इन्ही विशेषताओं के कारण अधिकांशतः इसी सोने के आभूषण बनवाए जाते हैं।

 

Q2. प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट’  किन्हें कहा गया है? और व्यवहारवादी लोगों की क्या विशेषताएँ हैं?

उत्तर – प्रैक्टिकल आइडियालस्टि वे हैं, जो अपने आदर्शों में व्यावहारिकता रूपी ताँबे का मेल करते हैं और चलाकर दिखाते हैं। वे आदर्श और व्यावहारिकता का समन्वय करके चलते हैं।

व्यवहारवादी लोग अपनी उन्नति और अपने लाभ-हानि को अधिक महत्त्व देते हैं। वे आदर्शों और मानवीय मूल्यों को महत्त्व नहीं देते हैं। यही नहीं वे समाज के अन्य लोगों की उन्नति या कल्याण की चिंता नहीं करते हैं। उनका व्यवहार लाभ-हानि की गणना से प्रभावित रहता है।

 

Q3. गांधी जी प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट थे। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – गांधी जी भली-भाँति जानते थे कि शुद्ध आदर्शों को आचरण में नहीं लगाया जा सकता है फिर भी उनकी दृष्टि आदर्श से हटी नहीं। उन्होंने अपने आदर्शों से समझौता किए बिना व्यावहारिक आदर्शवाद को अपनाया तथा मर्यादित एवं श्रेष्ठ व्यवहार करते हुए जीवन बिताया।

 

Q4. गाँधी जी अपने विलक्षण आदर्श चलाने में सफल क्यों रहे? (CBSE 2012)

उत्तर – गाँधी जी ने अपने आदर्श के अनुरूप अपने व्यवहार को ढाला था। वे व्यवहारिकता को पहचानते थे और उसका मूल्य समझते थे। वे अपने व्यवहार को सदा ऊँचा , श्रेष्ठ तथा मर्यादित करने में लगे रहे। इस प्रकार वे अपने विलक्षण आदर्श चलाने में सफल रहे।

 

Q5. “गाँधी जी ताँबे में सोना मिलाकर उसकी कीमत बढ़ाते थे।” आशय स्पष्ट कीजिए। (CBSE 2016)

उत्तर – गाँधी जी कभी भी अपने आदर्शों को अपने व्यवहार पर हावी नहीं होने देते थे । बल्कि वे अपने व्यवहार में ही अपने आदर्शों को रखने की कोशिश करते थे। वे किसी भी तरह के आदर्शों में कोई भी व्यावहारिक मिलावट नहीं करते थे बल्कि व्यव्हार में आदर्शों को मिलाते  थे जिससे आदर्श ही सबको दिखे और सब आदर्शों का ही पालन करे और आदर्शों की कीमत बढ़े। वे शुद्ध सोने में तांबा नहीं, ताँबे में सोना मिलाकर उसकी कीमत बढ़ाते थे। उसी प्रकार आदर्श को क्रियान्वित करने के लिए व्यवहारिकता की आवश्यकता होती है।

 

Q6. समाज के उत्थान में आदर्शवादियों का योगदान स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – हर समाज के कुछ शाश्वत मूल्य होते हैं। इनमें सत्य, त्याग, प्रेम, सहभागिता परोपकार आदि प्रमुख हैं। आदर्शवादी लोग ही अपने व्यवहार द्वारा इन मूल्यों को बनाए रखते हैं और आने वाली पीढ़ी को हस्तांतरित कर जाते हैं जिससे समाज में ये मूल्य बने रहते हैं।

 

Q7. ‘व्यवहारवाद’ समाज के लिए किस प्रकार हानिकारी है?

उत्तर – ‘व्यवहारवाद’ अर्थात् ‘लाभ-हानि’ की गणना करके किया गया व्यवहार। इसे अवसरवादिता भी कहा जा सकता है। मनुष्य जब अपने लाभ, उन्नति और भलाई के लिए आदर्शों को त्याग दे तब मानवीय मूल्यों का पतन हो जाता है। ऐसा व्यवहारवाद समाज को पतनोन्मुख बनाता है।

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