Class 10 NCERT Sparsh and Sanchayan Book Chapter Wise difficult word meanings
Here, the difficult words and their meanings of all the Chapters of CBSE Class 10 Hindi Sparsh and Sanchayan Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the Chapters from the NCERT Class 10 Hindi Sparsh and Sanchayan Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.
- Chapter 1 साखी (Sakhi)
- Chapter 2 मीरा के पद (Meera Ke Pad)
- Chapter 3 दोहे (Bihari Ke Dohe)
- Chapter 4 मनुष्यता (Manushyta)
- Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस (Parvat Pradesh Mein Pavas)
- Chapter 6 मधुर मधुर मेरे दीपक जल (Madhur Madhur Mere Deepak Jal)
- Chapter 7 तोप (Top)
- Chapter 8 कर चले हम फ़िदा (Kar Chale Hum Fida)
- Chapter 9 आत्मत्राण (Atamtran)
- Chapter 10 बड़े भाई साहब (Bade Bhai Sahab)
- Chapter 11 डायरी का एक पन्ना (Diary Ka Ek Panna)
- Chapter 12 तताँरा वामीरो कथा Tatara Vamiro Katha
- Chapter 13 तीसरी क़सम के शिल्पकार शैलेंद (Teesri Kasam ke Shilpkaar Shailendra)
- Chapter 14 गिरगिट (Girgit)
- Chapter 15 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले (Ab Kaha Dusre ke Dukh Se Dukhi hone Wale)
- Chapter 16 पतझर की टूटी पत्तियाँ (Pathjhad Mein Tooti Patiya)
- Chapter 17 कारतूस (Kartoos)
- Chapter 1 हरिहर काका (Harihar Kaka)
- Chapter 2 सपनों के-से दिन (Sapno Ke Se Din)
- Chapter 3 टोपी शुक्ला (Topi Shukla)
Sparsh Book
Chapter 1 साखी (Sakhi)
- अँधियारा – अंधकार
- अरु – अज्ञान रूपी अंधकार
- अषिर – अक्षर
- आँगणि – आँगन
- आपणाँ – अपना
- आपा – अहम् (अहंकार )
- औरन – दूसरों को
- कुंडली – नाभि
- खोइ – त्याग करना
- घटि घटि – कण कण
- जालौं – जलाऊं
- जाल्या – जलाया
- तास का – उसका
- दुखिया – दुःखी
- निंदक – निंदा करने वाला
- निरमल – साफ़
- नेड़ा – निकट
- पीव – प्रिय
- पोथी – पुस्तक
- बाँणी – बोली
- बिरह – बिछड़ने का गम
- बौरा – पागल
- भया – बनना
- भुवंगम –भुजंग , सांप
- मुराड़ा – जलती हुई लकड़ी , ज्ञान
- मुवा – मरना
- मृग – हिरण
- मैं – अहम् ( अहंकार )
- रोवै – रो रहे
- साबण – साबुन
- सीतल – शीतल ( ठंडा ,अच्छा )
- सुखिया – सुखी
- सुभाइ – स्वभाव
- सोवै – सोये हुए
- हरि – परमेश्वर
- होइ –होना
Chapter 2 मीरा के पद (Meera Ke Pad)
- अधीरा – व्याकुल होना
- काटी – मारना
- कुंज – संकरी
- कुञ्जर – हाथी
- गजराज – हाथियों का राजा ऐरावत
- चाकर – नौकर
- चीर – साड़ी , कपडा
- जन – भक्त
- जागीरी –जागीर , साम्राज्य
- तीरा – किनारा
- दरसण – दर्शन
- धेनु – गाय
- नरहरि – नरसिंह अवतार
- नित – हमेशा
- पहर – पहन कर
- पीताम्बर – पीले वस्त्र
- बारी – बगीचा
- बिन्दरावन –वृन्दावन
- भीर – दुख– दर्द
- म्हारी – हमारी
- रहस्यूँ – रह कर
- लाज – इज्जत
- लाल गिरधर – श्री कृष्ण
- सरीर – शरीर
- स्याम – श्री कृष्ण
- हरि – श्री कृष्ण
Chapter 3 दोहे (Bihari Ke Dohe)
- अहि – साँप
- आतपु – धूप
- एकत – इकठ्ठे
- ओढ़ैं – ओढ़ कर
- कहत – कहना ,बात करना
- कहिहै – कह देगा
- कागद – कागज़
- केसव – श्री कृष्ण
- केसवराइ – बिहारी कवि के पिता
- खिलत – प्रसन्न होना
- खीझत – बनावटी गुस्सा करना
- गात – शरीर
- छाँहौं – छाया भी
- छापैं – छापा
- जपमाला – जपने की माला
- जेठ – जून का महीना
- तपोबन – वह वन जहाँ तपस्वी रहते हैं
- दीरघ – दाघ — भयंकर गर्मी
- द्विजराज – 1) चन्द्रमा, 2) ब्राह्मण
- नटत – इंकार करना
- नटि जाइ – मना कर देना
- नाचै – नाचना
- निदाघ – ग्रीष्म
- नीलमनि –सैल — नीलमणि का पर्वत
- नैननु – नेत्रों से
- पटु – कपड़ा
- पितु – पीला
- पैठि – घुसना
- प्रभात– सुबह
- बतरस – बातचीत का आनंद
- बन – जंगल
- बसत –रहते हैं
- बृथा – बेकार में
- भौंहनु – भौंह से
- भौन – भवन
- मन काँचै – कच्चा मन ,बिना सच्ची भक्ति वाला
- मिलत – मिलना
- मुरली – बाँसुरी
- मृग – हिरण
- रांचै – प्रसन्न होना
- रीझत – मोहित होना
- लजात – लज्जा आना
- लजियात – शर्माना
- लाल – श्री कृष्ण
- लिखत न बनत – लिखा नहीं जाता
- लुकाइ – छुपाना
- सँदेसु – सन्देश
- सघन – घना
- सदन–तन —भवन में
- सरै – पूरा होना
- सांचै – सच्ची भक्ति वाला
- सुबस – अपनी इच्छा से
- सोहत – अच्छा लगना
- सौंह – शपथ
- हिय – ह्रदय
Chapter 4 मनुष्यता (Manushyta)
- अंतरिक्ष – आकाश
- अंतरैक्य – आत्मा की एकत, अंतःकरण की एकता
- अखण्ड – जिसके टुकड़े न किए जा सकें
- अतर्क – तर्क से परे
- अधीर – उतावलापन
- अनंत – जिसका कोई अंत न हो
- अनाथ – जिसका कोई न हो
- अपंक – कलंक रहित
- अभीष्ट – इच्छित
- अमर्त्य –अंक — देवता की गोद
- असीम – पूरा
- अस्थिजाल – हड्डियों का समूह
- उदार – महान ,श्रेष्ठ
- उशीनर क्षितीश – उशीनर देश के राजा शिबि
- करस्थ – हाथ की
- कूजती – करना
- कृतघ्न – ऋणी , आभारी
- क्षुधार्त – भूख से परेशान
- चित्त – मन में
- तुच्छ – बेकार
- त्रिलोकनाथ – ईश्वर
- दीनबंधु – ईश्वर
- धरा – धरती
- परस्परावलंब – एक दूसरे का सहारा
- परार्थ – पूरा
- प्रमाणभूत – साक्षी
- प्रवृनि – प्रवृति
- बखानती – गुण गान करना
- बन्धु – भाई बंधु
- मदांघ – घमण्ड
- मर्त्य – मृत्यु
- महाविभूति – सब से बड़ी सम्पति
- मही – ईश्वर
- मार्ग – रास्ता
- यों – ऐसे
- वशीकृता – वश में करने वाला
- विपत्ति,विघ्न – संकट ,बाधाएँ
- विरुद्धवाद – खिलाफ होना
- विवेक – समझ
- वृथा – बेकार
- व्यथा – दुःख,कष्ट
- शरीर चर्म – शरीर का कवच
- सजीव – जीवित
- सतर्क – सावधान यात्री
- सनाथ – जिसके पास अपनों का साथ हो
- समक्ष – सामने
- सहर्ष – ख़ुशी से
- सहर्ष –अपनी खुशी से
- सहानुभूति – दया,करुणा
- स्वयंभू – परमात्मा,स्वयं उत्पन्न होने वाला
Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस (Parvat Pradesh Mein Pavas)
- अनिमेष – एक टक
- अवलोक – देखना
- इंद्रजाल – जादूगरी
- उच्चांकाक्षा – ऊँच्चा उठने की कामना
- उर – हृदय
- गिरि – पहाड़
- जलद –यान – बादल रूपी विमान
- झग – फेन
- तरुवर –पेड़
- ताल – तालाब
- दर्पण – आईना
- दृग –सुमन – पुष्प रूपी आँखे
- नीरव नभ शांत – शांत आकाश
- पारद * के पर– पारे के समान धवल एवं चमकीले पंख
- भूधर – पहाड़
- मद – मस्ती
- महाकार – विशाल आकार
- मेखलाकार – करघनी के आकर की पहाड़ की ढाल
- रव –शेष – केवल आवाज का रह जाना
- विचर– घूमना
- शाल– एक वृक्ष का नाम
- सभय – भय के साथ
- सहस्र – हज़ार
Chapter 6 मधुर मधुर मेरे दीपक जल (Madhur Madhur Mere Deepak Jal)
- अपरिमित – असीमित ,अपार
- असंख्यक – अनेक
- आलोकित – प्रकाशित
- उर – ह्रदय
- ज्वाला कण – आग की लपट
- नूतन – नया
- पुलक – रोमांच
- प्रतिक्षण – हर घडी
- प्रतिपल – हर पल
- प्रियतम – आराध्य , ईश्वर
- मृदुल – कोमल
- विद्युत – बिजली
- विपुल – विस्तृत
- विहँस – भलाई
- शलभ – पतंगा
- सिर धुन – पछताना
- सिहर – कांपना
- सौरभ – सुगंध
- स्नेहहीन – प्रेम से रहित
Chapter 7 तोप (Top)
- जबर – ताकतवर
- धज्जें – चिथड़े – चिथड़े करना
- धर रखी – रखी गई
- फारिग – मुक्त, खाली
- बहरहाल – बुरी स्थिति
- मुहाने – प्रवेश द्वार पर
- विरासत – पूर्व पीढ़ियों से प्राप्त वस्तुएँ
- सम्हाल – देखभाल
- सूरमाओं – वीर
- सैलानी – दर्शनीय स्थलों पर आने वाले यात्री
Chapter 8 कर चले हम फ़िदा (Kar Chale Hum Fida)
- काफ़िलें – यात्रिओं के समूह
- कुर्बानियाँ – बलिदान
- खूँ – खून
- जमीं – जमीन
- जश्न – ख़ुशी
- फतह – जीत
- फ़िदा – न्योंछावर
- बाँकपन – वीरता का भाव
- रुत – मौसम
- रुस्वा – बदनाम
- लक़ीर – रेखा
- वीरान – सुनसान
- हवाले – सौंपना
- हुस्न – सुन्दरता
Chapter 9 आत्मत्राण (Atamtran)
- अनामय – रोग रहित
- अनुदिन – प्रतिदिन
- अनुनय– – विनय
- करुणामय – दूसरों पर दया करने वाला
- क्षय – नाश
- चित्त – मन
- तरने – पार करना
- त्राण – भय निवारण , बचाव
- दुःख–ताप – कष्ट की पीड़ा
- दुःख–रात्रि – दुःख से भरी रात
- नत शिर – सिर झुका कर
- निखिल – सम्पूर्ण
- निर्भय – बिना डर के
- पौरुष – पराक्रम
- लघु – कम
- वंचना – वंचित
- वहन – सामना करना
- विपदा – विपत्ति ,मुसीबत
- व्यथित – दुःखी
- संशय – संदेह
- सहायक – मददगार
- सांत्वना – दिलासा
- सांत्वना – हौसला , तसली देना
Chapter 10 बड़े भाई साहब (Bade Bhai Sahab)
- अँधा चोट निशाना – अनजाने में सही निशाना लगाना
- अंधे के हाथ बटेर लगना – बिना प्रयास बड़ी चीज पा लेना
- अचरज – हैरानी
- अज्ञात – जिसे जानते न हो
- अदब – इज्जत
- अध्ययनशील – पढ़ाई को महत्त्व देने वाला
- अनर्थ – अर्थहीन
- अनिवार्य – जरुरी
- अनुचित – गलत
- अपराध – गलती
- अभिमान – घमण्ड
- अभिमान – घमण्ड
- अमल करना – पालन करना
- अवहेलना – तिरस्कार
- अव्वल – प्रथम
- आंतक – भय
- आटे –दाल का भाव – सारी बाते पता चलना
- आधिपत्य – गुलामी
- आलीशान – बहुत सुन्दर
- इबारत – लेख
- इम्तिहान – परीक्षा
- उग्र – क्रोध
- ऐरा – गैरा नत्थू –खैरा – बेकार आदमी
- कंकरियाँ – पत्थर के छोटे टुकड़े
- कनकौए – पतंग
- कसूर – गलती
- कांड – घटना
- कांतिहीन – बिना किसी चमक के
- किफ़ायत – बचत से
- कुकर्म – बुरा काम
- कुटिल भावना –बुरा विचार
- कुटुम्ब – परिवार
- खुराफ़ात – व्यर्थ की बातें
- खून जलाना – कड़ी मेहनत करना
- गरूर – घमंड
- गाढ़ी कमाई – मेहनत की कमाई
- घुड़कियाँ – गुस्से से भरी बातें सुनना
- घोंघा – आलसी जीव
- चटपट – फटाफट
- चरित्र – व्यवहार
- चेष्टा – कोशिश
- चेष्टा – कोशिश
- जन्मदाता – जन्म देने वाले
- जन्मसिद्ध – जन्म से ही प्राप्त
- जमात – कक्षा
- जमात – कक्षा
- जलील – बेशर्म
- ज़हीन – प्रतिभावान
- जानलेवा – जान के लिए खतरा
- ज़ाहिर – स्पष्ट
- जिगर –हृदय,दिल
- ज्यों की त्यों – जैसे की तैसी
- टहलना – घूमना
- टाइम टेबल – समय सारणी
- तजुरबा – अनुभव
- तमीज़ – अच्छे –बुरे की पहचान
- तम्बीह – डाँट –डपट
- ताज्जुब – आश्चर्य
- तालीम – शिक्षा
- तिरस्कार – अपमान
- दबे पाँव – बिना आवाज़ के
- दरजा – कक्षा
- दर्जा – कक्षा
- दाँतों पसीना आ जाना – बहुत मेहनत करना
- दुरूपयोग – अनुचित उपयोग
- नसीहत – सलाह
- निःस्वाद – बिना स्वाद का
- निगरानी – देखरेख
- निपूर्ण – बहुत अच्छे
- निराशा – दुःख
- निर्दयी – जिसमें दया न हो
- पनाह – शरण
- पापड बेलना – कठिन काम
- पायेदार – ऐसी वस्तु जिसके पैर हो ,मज़बूत
- पुख्ता – सही
- पोज़िशन – पदवी
- प्रयोजन – उद्देश्य
- प्राण सूख जाना – बुरी तरह डर जाना
- प्राणांतक – बहुत अधिक कठिन परिश्रम
- प्रातः काल – सुबह का समय
- फ़जीहत – अपमान
- फ़ज़ीहत – बेज्ज़ती
- फटकार – डाँट
- बदहवास – बोखलाना
- बुनियाद – नींव
- बूते – बस
- बे –सिर –पैर – बिना अर्थ का
- बेतहाशा – जिसे किसी की खबर न हो
- बेतहाशा– बिना सोचे समझे
- बेराह – रास्ते से भटकना
- भाँप लिया – जान लिया
- भूमण्डल – पूरी धरती
- मंज़ूर – स्वीकार
- मरज़ – बीमारी
- मसलन – उदाहरणतः
- महज़ – सिर्फ
- महज़ – सिर्फ
- महीप – राजा
- मातहती – कहे अनुसार
- मिडिलचियों – दसवीं पास
- मुठभेड़ –आमना –सामना
- मुमतहिनों – परीक्षक
- मुहताज – दूसरों पर आश्रित
- मौन – चुप
- युक्ति – योजना
- रूद्र रूप – भयानक या घुसे वाला रूप
- रोष – गुस्सा
- रौब – डर
- लज्जास्पद – शर्मनाक
- लताड़ – डाँट फटकार
- लिहाज – शर्म
- लुप्त – गायब
- लोहे के चने चबाना – कठोर परिश्रम करना
- विधि – किस्मत
- विपत्ति – मुसीबत
- शरीक – शामिल
- शालीनता – समझदारी
- संध्या – शाम का समय
- सजल – नमी वाली
- सत्कार – स्वागत
- सफ़ाचट – बिलकुल साफ़
- सबक – सीखना
- समकक्ष – एक ही कक्षा में
- सर फिर गया – लापरवाह होना
- सहज बुद्धि – सामान्य बुद्धि
- सहिष्णुता –सहनशीलता
- सामंजस्य – ताल मेल
- सालाना – वार्षिक
- सिफ़र – शून्य
- सूक्ति–बाण – व्यंग्यात्मक कथन, चुभती बातें
- स्कीम – योजना
- स्नेह – प्रेम
- स्वच्छंदता – स्वतंत्रता
- स्वाधीन – स्वतंत्र
- हर्फ़ – अक्षर
- हस्ती – अस्तित्व
- हाथ –पाँव फूल जाना – परेशान हो जाना
- हाशियों – किनारों
- हिमाकत – बेवकूफ़ी
- हुक्म – आज्ञा,आदेश
- हेकड़ी – घमण्ड
Chapter 11 डायरी का एक पन्ना (Diary Ka Ek Panna)
- अपना/अपने – हम /हमारे /मेरा (लेखक द्वारा अपने लिए प्रयोग किये गए शब्द )
- अमर दिन – जिसे हमेशा याद रखा जायेगा
- कार्यकर्ता – स्वयंसेवक
- कौंसिल – परिषद
- चौरंगी – कलकत्ता शहर में एक जगह का नाम
- जुलूस – जनसमूह या भीड़
- झण्डोत्सव – झंडा फहराने का समारोह
- टोलियाँ – समूह
- निराली – अनोखी
- पुनरावृत्ति – फिर से आना
- भोर – सुबह
- मोनुमेंट – स्मारक
- लारियाँ – गाड़ियाँ
- वालेंटियर – स्वयंसेवी
- संगीन – बहुत गंभीर
- सारजेंट – सेना का एक पद
Chapter 12 तताँरा वामीरो कथा Tatara Vamiro Katha
- अंतिम – आखरी
- अचंभित – आश्चर्यचकित
- अचेत – बेहोश
- अडिग – डटे रहना
- अथक – कठोर
- अद्भुत – अनोखी
- अनवरत – जिसे रोका न जा सके
- अनायास – अचानक
- अन्यमनस्कतापूर्वक – बिना सोचे समझे
- असंगत – अनुचित
- असहनीय– जो सहन न हो सके
- आँचरहित – बिना गर्मी का
- आत्मीय – अपना
- आदिम – प्राचीन
- आमंत्रित – बुलाना
- आशंका – शक
- आस – उम्मीद
- ऊबाऊ – बेकार
- किंकर्तव्यविमूढ़ – हका बका होना
- क्षितिज – जहाँ धरती और आसमान मिलते हुए प्रतीत हों
- क्षोभ – बहुत अधिक गुस्सा
- खीझ – चीड़
- गायन – गीत
- चेष्टा – कोशिश
- चैतन्य – होश में आना
- छटपटाने – तड़फने
- झल्लाहट – बौखलाहट
- झुँझला – चिढ़ना
- ढीठता – दुःसाहस
- तत्पर – तैयार
- तन्द्रा – नींद आने से पहले की अवस्था
- दुर्भाग्यवंश – बदकिस्मती
- निःशब्द – जो कुछ न बोल रहा हो
- नियमतः – नियम के अनुसार
- निर्निमेष – एकटक
- निर्निमेष – बिना पालक झपकाए
- निश्चल – जो अपने स्थान से हटे नहीं
- निषेध – जो न किया जा सके
- निहारना – देखना
- निहारना – देखना
- परम्परा – रीति रिवाज
- पोर्ट ब्लेयर – अंदमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी
- प्रदर्शन – दिखाना
- बयारें – हवाएँ
- बलिष्ठ – बलवान
- बाध्य – विवश
- बेरुखी – नाराजगी
- बेसुध – जिसे कोई ख़बर न हो
- भूखंड – भूमि का टुकड़ा
- मूर्तिवत – मूर्ति की तरह
- याचना – प्रार्थना
- रहस्य – राज,जो कोई न जानता हो
- विकल – बैचेन
- विचलित – अस्थिर
- विनय – प्रार्थना
- विभक्त – अलग
- विभक्त – अलग –अलग
- विलक्षण – जिज्ञासा उत्पन्न करने वाला
- विलग – अलग
- विवश – मजबूर
- विवशता – लाचारी
- विशेष – मुख्य
- विस्मित – आश्चर्यचकित
- विह्वल – भावुक
- व्यथित – अप्रसन्न
- व्याकुल – परेशान
- शनैः शनैः – धीरे धीरे
- शब्दहीन – जो कुछ न बोल सके
- शमन –शांत
- श्रृंखला – सीमा
- श्रेयस्कर – कल्याणकर
- सचेत – होश में आना
- सदियों पूर्व – बहुत समय पहले
- सदैव – हमेशा
- समूचे – सारे
- सम्मुख – सामने
- सम्मोहित – मुग्ध किया हुआ
- सहसा – अचानक
- साहसिक कारनामें – सहस से पूर्ण कार्य
- सुध बुध – होश हवास
- स्मरण – याद
- हष्ट पुष्ट – हटे कटे
Chapter 13 तीसरी क़सम के शिल्पकार शैलेंद (Teesri Kasam ke Shilpkaar Shailendra)
- अंतराल – समय
- अद्भुत – आश्चर्यजनक
- अद्वितीय – अनोखा
- अनन्य – एकमात्र / परम
- अभिजात्य – परिष्कृत
- अभिनीत – अभिनय
- अभिलाषा– इच्छा
- अभिव्यक्ति – प्रकट करना
- आगाह – सचेत
- आदमियता – इंसानियत
- उकड़ू – घुटने मोड़कर पैर के तलवों के सहारे बैठना
- कलात्मकता – कला से परिपूर्ण
- कला–मर्मज्ञ – कला की परख करने वाला
- कल्पना – मन की उपज
- कामना – इच्छा
- किंवदंती – कहावत
- खालिस – शुद्ध
- गहन – गहरा
- ग्लोरिफ़ाई – गुणगान करना
- घोषणा – सार्वजानिक बात
- चकाचौंध – चमक दमक
- चर्मोत्कर्ष – ऊँचाई के शिखर पर
- जीवन–सापेक्ष – जीवन के प्रति
- टप्पर–गाडी – अर्धगोलाकार छप्परयुक्त बैलगाड़ी
- तन्मयता – तल्लीनता
- त्रासद – दुखद
- दुरूह – कठिन
- दृष्टिकोण – देखने, सोचने–समझने का पहलू
- देहाती – गाँव में रहने वाला
- धन–लिप्सा – धन की अत्यधिक चाह
- नामज़द – विख्यात
- नावाकिफ़ – अनजान
- पटकथा – मुख्य कथा
- पराजित – हारना
- परिष्कार – सुंदर एवं स्वच्छ बनाना
- पारिश्रमिक – मेहनताना
- प्रक्रिया – प्रणाली
- बगैर – बिना
- बमुश्किल – बहुत कठिनाई से
- भाव–प्रणव – भावनाओं से भरा हुआ
- भावुक – सज्जन आदमी / भावनाओं में बहने वाला
- भुच्च – गवाँर/मुर्ख
- मंतव्य – इच्छा
- मार्मिक – जो दिल या मर्म को छू जाए
- मुकाम – पड़ाव / जगह
- मौजूद – उपस्थित
- याराना मस्ती – दोस्ताना अंदाज
- लोक–तत्व – लोक सम्बन्धी
- वितरक – प्रसारित करने वाले लोग
- वीभत्स – भयावह
- व्यथा – बहुत अधिक दुःख
- शिद्द्त – तीव्रता
- संकेत – इशारा
- संभवतः – संभव / मुमकिन है कि
- संवेदनशीलता – भावुकता
- संवेदना – सहानुभूति
- समीक्षक – समीक्षा/परीक्षण करने वाला
- सर्वोत्कृष्ट – सर्वोश्रेष्ठ / सबसे अच्छा
- सार्थकता – सफलता के साथ
- सूक्ष्मता – बारीकी
- सैल्यूलाइड – कैमरे की रील में उतार चित्र पर प्रस्तुत करना
- हसीन – खूबसूरत
- हुजूम – भीड़
- हैसियत – रंग–ढंग / नाते
Chapter 14 गिरगिट (Girgit)
- अकारण – बिना किसी कारण
- आदमखोर – आदमियों को खाने वाला
- आवारा – फालतू
- आह्लाद – प्रसन्नता
- इल्म – जानकारी / ज्ञान
- ऊँघ – हल्की नींद में होने की अवस्था
- ऐंठना – दबाव डालकर पैसे वसूल करना
- ओवरकोट – बड़ा कोट
- कम्बख्त – कमसमझ
- कलफ़ – मांड लगाया हुआ कपड़ा
- काठगोदाम – लकड़ी के गोदाम
- काना – अन्धा
- किकियाना – कष्ट में होने पर कुत्ते द्वारा की जाने वाली आवाज़
- किस्सा – कहानी / घटना
- खँखारना – गला साफ़ करना
- गाँठ बाँध लेना – स्मरण या याद रखना
- गुजारिश – प्रार्थना
- घुरना – देखना
- जनशांति भंग – लोगों की शान्ति में दखल
- जब्त – कब्ज़ा करना या हथिया लेना
- झरबेरियाँ – बेर की एक किस्म
- टिप्पणी – संक्षिप्त रूप
- तत्काल – अचानक
- तनिक – थोड़ा
- तबाह – बर्बाद
- त्योरियाँ – भौहें चढ़ाना
- दिलचस्पी – शौक
- धमकाया – डराना / भय दिखाना
- धारण – पहनना
- नतीज़ा – परिणाम
- नस्ल – जाति / वंश
- नाज़ुक – कोमल
- निपटाना – ख़त्म करना था
- निबटना – समाधान
- पसारना – फैलाना
- पेचीदा – जटिल / कठिन
- प्रदर्शन – दिखाना
- बंडल – गठ्ठा
- बखूबी – अच्छी तरह से
- बरदाश्त – झेलना
- बारज़ोई – कुत्ते की एक प्रजाति
- बावर्ची – खाना बनाने वाला
- भद्दा – बदसूरत / गन्दा
- मरियल – कमज़ोर
- लहूलुहान – खून से लतपथ
- वगैरह – आदि, इत्यादि
- विनती – प्रार्थना
- विहीन – बिना
- सभ्य – शिष्ट / भला आदमी
- सम्मत – माना गया / सहमत
- हरज़ाना – हानि होने पर उसके बदले में दिया जानेवाला धन
- हश्र – हाल
Chapter 15 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले (Ab Kaha Dusre ke Dukh Se Dukhi hone Wale)
- अज़ीज़ – प्यारा
- आत्मकथा – जीवनी /अपने बारे में लिखना
- आशियाना – घर
- इज़ाज़त – आज्ञा
- उकड़ूं – घुटने मोड़ कर बैठना
- उचककर – उछलकर
- एक दफा – एक बार
- एकांत – अकेला
- औंधे मुँह – मुँह के बल
- काबिल – योग्य /लायक
- कुरआन – इस्लाम का पवित्र ग्रन्थ
- कौर – ग्रास /टुकड़ा
- खामोश – चुप–चाप
- गुनाह – पाप
- गुम्बद – गोलकार शिखर
- च्योंटा – एक प्रकार का कीड़ा
- ज़लज़ले – भूकंप
- जिक्र – वर्णन करना
- डेरा – अस्थाई घर
- दरिया – नदी
- दालान – बरामदा
- दालान – बरामदा
- दुआ – प्रार्थना
- दुआ – प्रार्थना
- दुत्कार – अपमान, तिरस्कार
- नेचर – प्रकृति
- परिंदे – पक्षी
- पावन – पवित्र
- पैगंबर – ईश्वर का सन्देश वाहक
- प्रतीकात्मक – प्रतिक के रूप में
- बद्दुआ – श्राप
- बस्ती – गाँव
- बाइबिल – ईसाईयों का पवित्र ग्रन्थ
- बेघर – जिसका घर न हो
- बेवक्त – जिसका कोई समय न हो
- मचान – बाँस आदि की सहायता से बनाया गया ऊँचा स्थान /मंच
- मज़ार – दरगाह
- मुद्दत – बहुत अधिक लम्बा समय
- रेंगना – धीरे–धीरे चलना
- रोज़ा – उपवास
- लक़ब – ख़िताब, ऐसा नाम जिससे व्यक्ति के गुणों का पता चले
- लश्कर – सेना
- वजूद – अस्तित्व
- सरकाना – धकेलना
- सलाम – नमस्कार
- सिमटने – संकुचित /सिकुड़ना
- हथियाना – कब्ज़ा करना
- हाकिम– राजा /मालिक
- हिस्सेदारी – अपने– अपने हिस्से पर अधिकार
Chapter 16 पतझर की टूटी पत्तियाँ (Pathjhad Mein Tooti Patiya)
- अनंतकाल – कभी ख़त्म न होने वाला समय
- आदर्श – उच्चतम चरित्र
- उलझन – असमंजस की स्थिति
- खदबदाना – उबलना
- गरिमापूर्ण – सलीके से
- गिन्नी – सिक्का
- चानीज़ – जापानी विधि में चाय पिलाने वाला
- चा–नो–यू – जापान ने टी–सेरेमनी का नाम
- चुसकी – होंठों से कोई तरल पदार्थ थोड़ा–थोड़ा तथा धीरे–धीरे करके पीने की क्रिया का भाव
- जयजयवंती – एक राग का नाम
- झेन परंपरा – ध्यान लगाने की परंपरा
- टी–सेरेमनी – जापान में चाय पिने का विशेष आयोजन
- तनाव – द्वेष की स्थिति /टेंशन
- दफ़्ती – लकड़ी की खोखली सरकने वाली दीवार जिस पर चित्रकारी होती है
- पर्णकुटी – पत्तों की बनी कुटिया
- प्रतिस्पर्धा – प्रतियोगिता /मुकाबला
- फीसदी – प्रतिशत
- बखान – वर्णन
- बेढब–सा – बेडौल–सा
- भंगिमा – मुद्रा
- मनोरुग्ण – मानसिक रोग /मानसिक बिमारी
- मिथ्या – झूठ
- रफ़्तार – तेज़ी
- विलक्षण – अत्यंत लक्षणों वाला
- विस्तृत – बहुत अधिक फैला हुआ
- व्यवहारिकता – व्यावहारिक रूप में होने वाली स्थितियाँ
- शाश्वत – सदा रहने वाला
- सजग – सतर्क, सावधान
- सन्नाटा – मौन /शांति
- सिलसिला – क्रम
- सूझबूझ – सोचने समझने की शक्ति
- हिसाब – लेखा–जोखा
Chapter 17 कारतूस (Kartoos)
- अफ़साने – कहानियाँ
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना
- उम्मीद – आशा / भरोसा
- ऐश पसंद – भोग–विलास को पसंद करने वाला
- काफ़िला – एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों का समूह
- कारतूस – पीतल और दफ़्ती आदि की एक नली जिसमे गोली तथा बारूद भरी जाती है
- कारवाँ – पैदल चलने वाले यात्रियों का समूह / काफ़िला
- किस्सा – कहानी / घटना
- खामोश – चुप
- खेमा – डेरा या तम्बू
- गर्द – धूल
- गुंजाइश – सम्भावना / स्थान
- चंद – थोड़े
- छिटकी – फैली हुई
- जाँबाज़ – अपनी जान से खेल जाने वाला
- जाँबाज़ – जान की बाज़ी लगाने वाला
- तक़रीबन – लगभग
- तख़्त – राजसिंहासन
- तन्हाई – एकांत
- तलब – ख़ोज /तलाश
- दमखम – शक्ति और दृढ़ता
- दीवार हमगोश दारद – दीवारों के भी कान होते हैं
- पाक – साफ़
- पैदाइश – जन्म
- बरस – साल
- मसरूफ़ – संलग्न / काम में लगा हुआ
- मसलेहत – रहस्य
- मुकर्रर – निश्चित
- मुकाम – जगह / स्थान
- मुठ्ठी भर – बहुत कम
- राज़ेदिल – जो भी दिल में हो
- लावलश्कर – सेना और उसके साथ रहने वाली तमाम सामग्री / संगी–साथी
- वक्फ़े – समय
- वज़ीफा – सहायता / वृति
- शुक्रिया – धन्यवाद
- शुब्हे – संदेह / शक
- सरपट – तेज़ दौड़ते हुए
- स्कीम – योजना
- हक्का–बक्का – घबराया सा
- हिफ़ाजत – देख–रेख
- हुकूमत – शासन
- हुक्म – आदेश
- हुक्मरां – शासक
- हुज़ूर – जनाब / मालिक
Sanchayan Book
Chapter 1 हरिहर काका (Harihar Kaka)
- अकारथ – अकारण
- अखंड – निर्विघ्न
- अखरने – बुरा लगना
- अगउम – प्रयोग में लाने से पहले देवता के लिए निकाला गया अंश
- अचल – गतिहीन
- अतिरिक्त – सिवाय
- अधिकांश – ज्यादातर
- अपेक्षा – तुलना
- अफ़सोस – दुःख
- अर्जित –इकठ्ठा
- अवगत – जाना हुआ
- असमर्थ – योग्यता न होना
- अहाता – चारों ओर से दीवारों से घिरा हुआ मैदान
- आगमन – आने पर
- आच्छादित – छाया हुआ
- आत्मसमर्पण – हथियार डाल देना
- आदरणीय – आदर के योग्य
- आलावा – अतिरिक्त
- आवभगत – सत्कार
- आशंका – संदेह / शक
- आसक्ति – लगाव
- आहाट – किसी के आने–जाने, बात करने की मंद आवाज
- इंचार्ज – प्रभारी
- इंतज़ाम – प्रबंध
- इत्मीनान – तसल्ली
- उक्ति – कथन / वाक्य
- उगल – बोलना
- उपलक्ष्य – संकेत
- उबारना – पार करना / निकलना
- एकत्र – इकठ्ठे
- एकमात्र – केवल एक
- एकांत – खाली
- कलेवर – शरीर / देह / ऊपरी ढाँचा
- कान खड़े होना – सावधान होना
- कीर्ति – प्रसिद्धि / ख्याति
- कीर्ति – प्रसिद्धि /ख्याति
- कुंजी – चाबी
- कुकर्मी – बुरे काम करने वाले
- क्लर्की – लिपिक / कर्मचारी
- खूँखार – अत्यधिक क्रूर / निर्दयी
- खून खौल उठना – बहुत क्रोध आना
- गिद्ध–दृष्टि – तेज़ नज़र
- गुहार – रक्षा के लिए गुहार
- गोपनीयता – जो सभी को न बता कर कुछ लोगो को ही बताया जाए
- घनिष्ठ – अत्यधिक निकटता
- घृणा – घिन
- घृणित – घिनौना
- घृणित – बुरा
- चंद – कुछ
- चंपत – गायब हो जाना
- चपेट – आघात / प्रहार
- चर्चनीय – चर्चा के योग्य
- चिंतामग्न – सोच में पड़ना
- चिकनी–चुपड़ी बातें – खुशामद भरी
- चेत – ध्यान
- छल, बल, कल – युक्ति / बुद्धि
- जबरदस्ती – बलपूर्वक
- जबरन – जबरदस्ती
- जागरूक – सावधान
- जाग्रत – जगाना
- जायदादहीन – धन–दौलत के बिना
- टोह – खोज
- ठाकुरबारी – देवस्थान
- ड्यूटी – कर्तव्य / काम
- तत्काल – उसी समय
- तत्क्षण – उसी पल
- तत्क्षण – उसी समय
- तत्परता – दक्षता / निपूर्णता
- तथ्य – वास्तविक घटना
- तनिक – थोड़े भी
- तबियत – शरीर की स्थिति / मन की स्थिति
- तबीयत – शरीर की स्थिति / मन की स्थिति
- तितर–बितर – अस्त–व्यस्त
- दबंग – प्रभावशाली
- दरोगा – इंस्पेक्टर
- दल–बल – संगी–साथी
- दवनी – गेंहूँ / धान निकालने की प्रक्रिया
- दस्तक – दरवाजा खटखटाना
- दालान – बरामदा
- दुराचारी – दुष्ट / बुरा आचरण करने वाला
- दुर्गति – बुरी हालत
- दुलार – प्यार
- दूध की मक्खी – तुच्छ समझना / बेकार समझना
- दोनों जून – दोनों वक्त
- धमाचौकड़ी – उछल–कूद
- धर दबोचना – पकड़ लेना
- नकार – मना करना
- नियुक्ति – तैनाती / लगाया गया
- निरंतर – लगातार
- निर्वाह – निभाना / आज्ञानुसार कार्य करना
- निश्चिंत – बेफिक्र
- निष्कर्ष – परिणाम
- नेक – भला
- नेपथ्य – रंग–मंच के पीछे की जगह
- पखारना – धोना
- परंपरा – प्रथा / प्रणाली
- परदाफ़ाश –भेद प्रकट कर देना
- परिणत – जिसमें परिवर्तन हुआ हो
- परिवर्तित – बदला हुआ
- परिस्थितिवश – परिस्थितियों के कारण
- परोक्ष – जो सामने दिखाई न दे
- पसीज़ – मन में दया का भाव जागना
- पाँव पखारना – पाँव धोना
- पुनः – फिर से
- पैरवी – खुशामद / अनुगमन
- प्रचलित – चलनसार
- प्रतिकार – विरोध
- प्रतिक्रिया – प्रतिकार / बदला
- प्रतिक्रिया – प्रतिकार / बदला / क्रिया के विरोध में होनेवाली घटना
- प्रतीक्षा – इंतज़ार
- प्रतीक्षारत – इंतज़ार करना
- प्रत्यक्ष – जो सामने दिखाई दे
- प्रयत्नशील – प्रयास में लगे रहना
- प्रवचन – वेद, पुराण आदि का उपदेश करना
- प्रस्ताव – योजना
- प्रस्थान – जाना
- प्रहार – हमला
- फ़रार – भाग जाना
- फ़िलहाल – अभी / इस समय
- फुरती – तेज़ी
- फूटी आँखों न सुहाना – थोड़ा भी अच्छा न लगना
- बदतर – अत्यधिक बुरा
- बय – वसीयत
- बयान – हाल / वृतांत
- बरामद – हासिल करना
- बहुमूल्य – बहुत ज्यादा कीमती
- बाने – वेश में
- बूते – अपने बल पर
- बेचैन – व्याकुल
- बेचैन – व्याकुल
- बैकुंठ – स्वर्ग
- भनक – उड़ती खबर
- भयावनी – डरावनी
- भावी आशंका – भविष्य की चिंता
- मँडरा – घूमते
- मझधार – बीच में (जल प्रवाह या भवसागर के मध्य में)
- मथना – बार–बार सोचना
- मध्य – बीच में
- मनःस्थिति – मन की स्थिति
- मनौती – मन्नत
- मय – युक्त / भरा हुआ
- मशगूल – व्यस्त
- महटिया – नजरअंदाज कर देना
- माध्यम – सहारा
- मिष्टान्न – मिठाई
- मुस्तैद – कमर कस कर तैयार रहना
- मोहभंग – प्रेम की भ्रान्ति का नाश
- यंत्रणा – यातना / कलेश / कष्ट
- याचना – माँगना
- रँगे हाथों पकड़ना – जुर्म करते हुए पकड़े जाना
- रहस्यात्मक – राज से भरी हुई
- राजी – सहमत
- रोड़ा – छोटा पत्थर
- वय – उम्र
- वरन – सामना
- वशिष्ट – ख़ास
- वाकिफ – परिचित
- वास्तविक – असल में
- विकल्प – उपाय
- विकल्प – दूसरा उपाय
- विचारणीय – विचार करने योग्य
- विमुख – प्रतिकूल
- विराजमान – उपस्थित
- विलम्ब – देर
- विलीन – लुप्त हो जाना
- विस्फोट – फूट कर बाहर निकलना
- वैचारिक – विचार सम्बन्धी
- व्यंजन – अच्छा खाना
- व्यंजन – तरह–तरह का भोजन
- व्यक्त – स्पष्ट / साफ़
- व्याप्त – पूरी तरह फैला और समाया हुआ
- व्यावहारिक – व्यावहार सम्बन्धी
- शंकालु – संदेह करने वाला
- शुभचिंतक – भलाई चाहने वाला
- श्रद्धा – आदरपूर्ण आस्था या विश्वास
- श्रद्धेय – श्रद्धा के योग्य
- सँजोना – सँभाल कर रखना
- संकोच – झिझक
- संतोष – तृप्ति / प्रसन्नता / हर्ष
- संयोग – किस्मत
- सञ्चालन – नियंत्रण / चलाना
- सतर्क – सावधान
- सदभाव – अच्छा व्यवहार
- सन्नाटा – चुपी / मौन
- समक्ष – सामने
- समाधान – उपाय
- समाधान – हल
- समिति – संस्था
- समूचे – पुरे
- सम्भावना – हो सकने का भाव
- सम्मिलित – सामूहिक
- सयाना – व्यस्क / बुद्धिमान / समझदार
- सराहना – प्रशंसा
- सार्थक – उद्देश्य वाला
- सिवाय – अलावा
- सीमित – सीमा के अंदर
- सुरमा – योद्धा / बहादुर
- स्वतः – अपने आप
- स्वार्थ – अपना मतलब
- हड़प लेना – बेईमानी से ले लेना
- हरजाने – हानि के बदले दिया जाने वाला धन
- हस्तगत – अपने हाथों में
- हाथापाई – मारपीट
- हिमायती – तरफदारी करने वाला / पक्षपाती
- हुमाध – हवन में प्रयुक्त होने वाली सामग्री
Chapter 2 सपनों के-से दिन (Sapno Ke Se Din)
- अकड़ – घमण्ड
- अठे – यहाँ
- अलियार – गली की तरह का लंबा सीधा रास्ता
- अलौकिक – अद्भुत या अपूर्व
- आढ़तिये – जो किसानों की फसलों को खरीदते और बेचते हैं
- आदेश – आज्ञा
- उठै – वहाँ
- कतार – पंक्ति
- खाल उधेड़ना – कड़ा दंड देना, बहुत अधिक मारना–पीटना
- खेडण – खेलने के
- गंदले – गंदा, मटमैला
- गठीला – पुष्ट
- गुडविल – साख, प्रख्याति
- गुर्राए – गुस्से में चिल्लाना
- गुस्सैल – गुस्से वाला
- घुड़की – धमकी भरी डाँट
- चपड़ासी – चपरासी `
- चाव – शौक, इच्छा
- चौबारा – वह कमरा जिसमें चारों और से खिड़कियाँ और दरवाजें हों
- ज़बानी – केवल जुबान के द्वारा
- ज़िक्र – चर्चा
- ट्रेनिंग – प्रशिक्षण
- ठिगना – छोटा
- ठिगने – छोटे कद का
- ठुट्टों – लात–घुस्से
- डिसीप्लिन – अनुशासन
- ढाँढ़स – धीरज दिलाना, हौसला देना
- तमगा – पदक, मैडल
- दफ़्तर – कार्यालय, ऑफिस
- दिलचस्पी – रूचि
- दुम – पूँछ
- दोपहरी – दिन में ही
- धनाढ्य – अधिक धन वाले
- ननिहाल – नानी के घर
- परचूनिये – राशन की दुकान वाला
- पिंडलियाँ – घुटने और टखने के बीच का पिछला मांसल भाग
- पिछड़ा – जो उन्नति न कर सका हो।
- फटकारना – डाँटना
- बर्बरता – असभ्यता एवं जंगलीपन
- बहियाँ – खाता
- बाल–मनोविज्ञान – बच्चों के मन का विज्ञान या ज्ञान
- बालिश्त – बित्ता
- बिल्ला – पट्टी या डंडा
- बूट – जूते
- मंजूरी – स्वीकृति
- मसखरे – विदूषक या हँसी–मजाक करने वाले व्यक्ति
- महकमाए–तालीम – शिक्षा विभाग
- मुअत्तल – निलंबित या निकाल देना
- मुनीमी – दुकानदारी
- रंगरूट – सेना या पुलिस आदि में नया भर्ती होने वाला सिपाही
- रकम – सम्पति, दौलत
- रति भर – थोड़ी सी भी
- लंडे – हिसाब–किताब लिखने की पंजाबी प्राचीन लिपि
- लीतर – फटे–पुराने खस्ताहाल जूते
- लोकोक्ति – लोगों के द्वारा कही गयी उक्ति/बात
- विलायत – प्रदेश
- शामियाना – तम्बू
- श्रेणी – कक्षा
- सतिगुर – सतगुरु
- सयाने – समझदार
- सलाह – विचार–विमर्श,परामर्श
- स्वाभाविक – प्राकृतिक
- हरफनमौला – सर्वगुण सम्पन्न, हर क्षेत्र में आगे रहे वाला
- हाँड़ी – मटका
- हिसाब के मास्टर जी – गणित के अध्यापक
- ह्विसल – सीटी
Chapter 3 टोपी शुक्ला (Topi Shukla)
- अकड़ – घमंड
- अटूट – जिसे तोड़ा न जा सके
- अमावट – पके आम के रस को सूखाकर बनाई गई मोटी परत
- अय्यसा – ऐसा
- अलबत्ता – बल्कि
- असलियत – सच्ची बात
- आत्म–इतिहास – जीवन के इतिहास
- आसमान सिर पर उठाना – बहुत अधिक शोर मचाना
- इन्टरमीडिएट – माध्यमिक
- इम्तिहान – परीक्षा
- उतरन – किसी के द्वारा पहनकर उतारे हुए वे पुराने कपड़े जिनका उपयोग अब वह न करता हो
- कचहरी – न्यायालय
- करबला – इस्लाम का एक पवित्र स्थान
- कस्टोडियन – जिस सम्पति पर किसी का मालिकाना हक़ न हो उसका सरक्षण करने वाला विभाग
- काफ़िर – गैर मुस्लिम
- कुटाई – पिटाई
- क्लम्ज़ी – भद्दा
- गज़ब – मुसीबत
- गाउदी – मुर्ख, मन्दबुद्धि
- गीली मिट्टी का लौंदा – गीली मिट्टी का पिंड
- घपला – गड़बड़
- घिन्न – नफ़रत
- चुगलखोर – शिकायत करने वाला
- चुभलाना – मुँह में कोई खाद्य पदार्थ रखकर उसे जीभ से बार–बार हिलाकर इधर–उधर करना
- चौका – चार वस्तुओं का समूह
- छठी – जन्म के छठे दिन का स्नान/पूजन/उत्सव
- ज़बान की नोक पर रखना – लगातार किसी की बात करना
- जश्न – उत्सव/ख़ुशी का जलसा
- जाड़ा – ठण्ड
- जुग़राफ़िया – भूगोल शास्त्र
- डेवलपमेंट – विकास
- डोलने – हिलने
- तबादला – बदली, स्थानांतरण
- तमाम – सभी
- तिलवा – तिल के बने व्यंजन
- तोहरी – तुम्हारी
- दर्जे – कक्षा
- दाज – बराबरी
- दुर्गति – बुरी दशा
- नमाजी – नियमित रूप से नमाज पढ़ने वाला
- नाक–नक्शा – रूप–रंग
- परमिट – अनुमति जो सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर लिखित रूप में दी जाती है
- परम्पराएँ – रीती रिवाज़
- परवरदिगार – परमेश्वर
- पाक – पवित्र
- पापड़ बेलना – बहुत मेहनत करना
- पाबंद – नियम, वचन आदि का पालन करनेवाला
- पारसाल – आने वाला साल
- पुरसा – सहानुभूति
- पैगम्बर – पैगाम देने वाला
- फ़िकर – चिंता
- बदतमीज़ी – अपमान
- बदन – शरीर
- बरस – साल
- बाज़ी – बड़ी बहन
- बिलबिला– बहुत अधिक गुस्से में आना
- बीजू पेड़ – गुठली की सहायता से उगाया गया पेड़
- बेशुमार – बहुत सारी
- भुकीं – चुभी
- मसहूर – प्रसिद्ध
- मियाँ – पति
- मिसाल – उदाहरण
- मुलुक – देश
- मॉनीटर – मुखिया
- मौलवी – इस्लाम धर्म का आचार्य
- रिसेज़ – लंच, स्कूल में दोपहर के भोजन का समय
- रुख – चेहरा
- लप्पड़ – थपड़
- लफ़्ज़ – शब्द
- वसीयत – अपनी मृत्यु से पहले ही अपनी सम्पति या उपभोग की वस्तुओं को लिखित रूप से विभाजित कर देना
- वास्ते – नाते, लिए
- सकत्यो – सकता
- सदका – एक टोटका
- सन्नाटा – शांति
- सन्नाटा – शांति
- सरक गए – निकल गए
- सितम – ज़ुल्म
- हाँडियाँ – मिट्टी का वह छोटा गोलाकार बरतन