Clauses in Hindi (Upvakya) | Clause meaning in Hindi, Types, Examples

Clause meaning in Hindi | Clauses definition, उपवाक्य की परिभाषा, उपवाक्य के भेद और उदाहरण

Clauses in Hindi, Upvakya Meaning – इस लेख में हम उपवाक्य और उपवाक्य के भेदों को उदहारण सहित जानेंगे।

 

 

उपवाक्य किसे कहते हैं?

उपवाक्य के कितने भेद हैं?

इन प्रश्नों को सरल भाषा में विस्तार पूर्वक हम इस लेख में जानेंगे –

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उपवाक्य की परिभाषा – Clauses Definition

ऐसा पदसमूह, जिसका अपना अर्थ हो, जो एक वाक्य का भाग हो और जिसमें उदेश्य और विधेय हों, उपवाक्य कहलाता हैं।
उपवाक्यों के आरम्भ में अधिकतर कि, जिससे, ताकि, जो, जितना, ज्यों-त्यों, चूँकि, क्योंकि, यदि, यद्यपि, जब, जहाँ इत्यादि होते हैं।

 
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उपवाक्य दो तरह के होते हैं – Clauses are of 2 types

 

upvakya

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  1. प्रधान उपवाक्य
    किसी वाक्य में जो उपवाक्य किसी पर आश्रित नहीं होता अर्थात् स्वतंत्र होता है एवम् उसकी क्रिया मुख्य होती है, वह मुख्य या प्रधान उपवाक्य कहलाता है।
    जैसे –
    मोदी जी ने कहा कि अच्छे दिन आएँगे।
    इस वाक्य में ‘मोदी जी ने कहा’प्रधान उपवाक्य है।

 

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आश्रित उपवाक्य
आश्रित उपवाक्य दूसरे उपवाक्य पर आश्रित होता है। आश्रित उपवाक्य क्योंकि, कि, यदि, जो, आदि से आरंभ होते हैं।

जैसे –
मोदी जी ने कहा कि अच्छे दिन आएँगे।

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इस वाक्य में "कि अच्छे दिन आएँगे।" आश्रित उपवाक्य है क्योंकि यह उपवाक्य "मोदी जी ने कहा" उपवाक्य पर आश्रित है।

 

 

आश्रित उपवाक्य के प्रकार
आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं –

 

aashrit upvakya

 

संज्ञा उपवाक्य

जो आश्रित उपवाक्य संज्ञा की तरह व्यवहृत हों, उसे ‘संज्ञा-उपवाक्य’ कहते हैं।
दूसरे शब्दों में – जो गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य का उद्देश्य (कर्ता), कर्म या पूरक बनकर संज्ञा अथवा सर्वनाम के स्थान पर प्रयुक्त हो, वह संज्ञा उपवाक्य कहलाता है।
यह कर्म (सकर्मक क्रिया) या पूरक (अकर्मक क्रिया) का काम करता है, जैसा संज्ञा करती है। ‘संज्ञा-उपवाक्य’ की पहचान यह है कि इस उपवाक्य के पूर्व ‘कि’ होता है।
जैसे –

  1. ‘राम ने कहा कि मैं पढूँगा’
  2. यहाँ ‘मैं पढूँगा’ संज्ञा-उपवाक्य है।
  3. ‘मैं नहीं जानता कि वह कहाँ है’
  4. इस वाक्य में ‘वह कहाँ है’ संज्ञा-उपवाक्य है।
  5. "गाँधी जी ने कहा कि सदा सत्य बोलो।"
  6. इस वाक्य में कि "सदा सत्य बोलो।" संज्ञा उपवाक्य है।

 

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विशेषण उपवाक्य

जो आश्रित उपवाक्य विशेषण की तरह व्यवहृत हो, उसे विशेषण-उपवाक्य कहते हैं।

दूसरे शब्दों में – जो गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की संज्ञा, सर्वनाम या संज्ञा पदबंध की विशेषता बताए, वह विशेषण उपवाक्य कहलाता है।
इसमें ‘जो’, ‘जैसा’, ‘जितना’ इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता हैं।
जैसे –

  1. वह आदमी, जो कल आया था, आज भी आया है।
  2. यहाँ ‘जो कल आया था’ विशेषण-उपवाक्य है।
  3. यह वही लड़का है जो कक्षा में प्रथम आया था।
  4. इस वाक्य में "जो कक्षा में प्रथम आया था।" विशेषण-उपवाक्य है।

 

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क्रिया-विशेषण उपवाक्य
जो उपवाक्य क्रियाविशेषण की तरह व्यवहृत हो, उसे क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं।
दूसरे शब्दों में – जो गौण या आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की क्रिया की काल या स्थान आदि से सम्बद्ध विशेषता बताएँ, उन्हें क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं।
इसमें प्रायः जब, जहाँ, जिधर, ज्यों, यद्यपि इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता हैं। इसके द्वारा समय, स्थान, कारण, उद्देश्य, फल, अवस्था, समानता, मात्रा इत्यादि का बोध होता हैं।
जैसे-
जब पानी बरसता है, तब मेढक बोलते हैं।
यहाँ ‘जब पानी बरसता है’ क्रियाविशेषण-उपवाक्य हैं।
यदि मोहन मेहनत करता, तो अवश्य उत्तीर्ण होता।
इस वाक्य में ‘तो अवश्य उत्तीर्ण होता’ क्रियाविशेषण-उपवाक्य हैं।

 
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