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Informal Letter Writing in Hindi  Examples for CBSE Class 10 ( based on previous years  Question Paper Hindi Course A and B)

 

अनौपचारिक पत्र के उदाहरण – आपकी परीक्षा की तैयारी को और सुगम बनाने के लिए, हम पेश करते हैं ” 8 अनौपचारिक पत्र के उदाहरण” जो पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों (Previous years Question papers)  पर आधारित हैं। इस लेख संग्रह में, आपको विभिन्न विषयों पर बनाए गए अनौपचारिक पत्रों के उत्कृष्ट उदाहरण मिलेंगे, जो आपको सही दिशा में बढ़ने में मदद करेंगे। इन उदाहरणों के माध्यम से, आप औपचारिक पत्र लेखन की कला को सीख सकते हैं और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के अनुसार अपनी तैयारी को मजबूत कर सकते हैं। इसमें हम जरूरी विषयों पर आधारित “अनौपचारिक पत्र उदाहरण” को संग्रहित करने का प्रयास करते हैं ताकि आप अपनी परीक्षा में अधिकतम संभावना प्राप्त कर सकें। इसे भी देखें – अनौपचारिक पत्र  Formal Letter in Hindi format, Types, Examples

 

 

अनौपचारिक पत्र 

 
 
आपका नाम दिशा/दक्ष है। आप अपने आसपास अनेक अशिक्षित प्रौढ़ों को देखते हैं और उन्हें साक्षर बनाने हेतु कुछ प्रयास करते हैं। इस विषय में जानकारी देते हुए अपने मित्र मानव को पत्र लिखिए। (Hindi Course A-SQP 2023-24)

उत्तर –

सुभाष नगर ,

नई दिल्ली।

दिनांक – 25/11/2023

 

प्रिय मित्र मानव,

आशा है कि तुम अच्छे होंगे। मै अपने इस पत्र द्वारा तुमसे अशिक्षित प्रौढ़ों को साक्षर करने के विषय में बात करना चाहती हूँ। मित्र, मैं जहाँ पर रहती हूं वहां पर बहुत से प्रौढ़ अशिक्षित है और मैं यह चाहती हूँ कि कुछ समय निकालकर उन्हें मैं शिक्षित करूं। इसके लिए मैंने अपनी दिनचर्या के 2-3 घंटे समय निकालकर उन्हें शिक्षित करने के विषय में सोचा है अतः मैं चाहती हूँ कि तुम भी कुछ समय निकाल कर उन्हें शिक्षित करने में मेरी सहायता करो। इससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे तथा वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। मुझे तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा। 

 

तुम्हारी मित्र

दिशा

 

 
 
आप श्रेयस राजपूत/ श्रेयसी सिंह हैं। आप छात्रावास में रहते हैं। आपको पिता जी से पता चला है कि आपकी माता जी पूरे परिवार का तो ध्यान रखती हैं, किंतु अपने स्वास्थ्य की अक्सर अनदेखी करती हैं। माता जी को समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।  (Hindi CourseA-SQP 2022-23)

उत्तर –

अ.ब.स छात्रावास,

बैंगलोर।

दिनांक – 16/11/2023

 

आदरणीय माताजी,

चरण स्पर्श।

मां, मुझे कल पिता जी का पत्र मिला और पता चला कि आप पूरे परिवार का तो ध्यान रखती हैं, लेकिन अपने स्वास्थ्य की अक्सर अनदेखा करती है। मां, जब मै पिछली बार घर आया था तभी आप बहुत कमजोर लग रही थी। आप देर रात तक घर का काम करती हैं और सुबह भी जल्दी उठ जाती है। मां आप पूरे परिवार की धुरी है, यदि आप ही स्वस्थ नहीं रहेंगी तो पूरे परिवार का ध्यान कैसे रख पाएंगी? इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य का पूरा-पूरा ध्यान रखें। अच्छी नींद लीजिए और हल्का – फुल्का नियमित व्यायाम के साथ, समय पर भोजन कीजिए। अभी एक महीने के बाद मेरी छुट्टियां शुरू होने वाली है। अत: जब मै घर जाऊँगा तो आशा करता हूं कि आप स्वस्थ मिलेंगीं। अच्छा मां पिताजी को मेरा चरण स्पर्श कहीएगा।

 

आपका पुत्र

श्रेयस राजपूत

 

 
 
आपकी चचेरी दीदी कॉलेज में दाखिला लेना चाहती हैं, किंतु आपके चाचा जी आगे की पढ़ाई न करवाकर उनकी शादी करवाना चाहते हैं। इस बारे में अपने चाचा जी को समझाते हुए लगभग 120 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (Hindi CourseA-SQP 2021-22)

उत्तर –

अनमोल नगर,

राजस्थान।

दिनांक – 01/11/2023

 

आदरणीय चाचा जी,

सादर प्रणाम।

आशा है आप कुशल होंगे। मुझे आज ही पता चला है कि आप दीदी की आगे की पढ़ाई न करवाकर उनकी शादी करवाना चाहते हैं। चाचा जी हम सब जानते है कि दीदी पढ़ने लिखने में कितनी तेज है। वह अपने विद्यालय के सभी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त की है और वह कॉलेज में दाखिला लेकर आगे पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती है। फिर भी आप उनकी शादी इतनी जल्दी करवाना चाहते है। चाचा जी आजकल लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। पत्रकारिता, बिजनेस, डॉक्टरी, इंजीनियरिंग, साइंटिस्ट, हर क्षेत्र में लड़कियां अपना लोहा मनवा चुकी है। 

अत: चाचा जी, मै आपसे अनुरोध करती हूं कि आप दीदी की शादी न कराकर उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने का अवसर प्रदान करें। मुझे यकीन है कि दीदी आपका नाम जरूर रोशन करेंगी।

 

आपकी प्यारी भांजी

क.ख.ग.

 

 
 
छात्रावास में रहने वाले अपने छोटे भाई को एक पत्र 80-100 शब्दों में लिखकर प्रातःकाल नियमित रूप से योग एवं प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए प्रेरित कीजिए। (Hindi CourseA-SQP 2020-21)

उत्तर –

अ.ब.स. छात्रावास

धन्यवाद।

दिनांक : 30 अगस्त, 2023

 

प्रिय अनुज,

शुभाशीवार्द।

मै आशा करता हूं कि तुम अच्छे होंगे। तुम्हारे इम्तेहान के दिन नजदीक आ रहे है इसलिए मै चाहता हूं कि तुम प्रातःकाल नियमित रूप से योग एवं प्राणायाम का अभ्यास करना शुरू कर दो। इससे तुम्हें अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी, क्योंकि घर से दूर रहने पर खानपान अनियमित हो जाने के कारण  सबसे बड़ा नुकसान स्वास्थ्य का ही होता है। इसलिए तुम नियमित रूप से प्रात:काल खुले स्थान में एक घंटा व्यायाम किया करो। इससे तुम्हारी शारीरिक और मानसिक थकावट दूर होगी व स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और पढ़ने में और अधिक मन लगेगा। अत: आशा है कि तुम मेरे इस विचार को महत्व दोगें और कल से ही व्यायाम करना शुरू कर दोगे।

तुम्हारा अग्रज

क.ख.ग.

 

 
 
आपकी कक्षा में एक नए अध्यापक पढ़ाने आए हैं जो कि बहुत अच्छा पढ़ाते हैं। उनके विषय में परिचयात्मक सूचना देते हुए अपने मित्र को लगभग 80-100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (Hindi CourseA-SQP 2019-20)

उत्तर – 

आजादगंज,

नई दिल्ली।

दिनांक: 09.08.2023

 

प्रिय मित्र अ.ब.स.,

सादर नमस्ते।

मैं यहां कुशल हूं और आशा करता हूं कि तुम भी वहां कुशल होंगे। मै यह पत्र तुम्हें एक गणित के नए अध्यापक के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूं। जो कि हमारे विद्यालय में पिछले सप्ताह ही पढ़ाने के लिए आए हैं। उनके पढ़ाने के तरीक़े ने गणित विषय को रोचक और सहज बना दिया है। उनके ट्रिक्स और समझाने के तरीके इतना अच्छा है कि मै क्या बताऊं? मुझे गणित का विषय बहुत टफ लगता था। इम्तिहान में भी इसी विषय में मुझे कम नंबर आते थे। लेकिन लगता इस नए सर के मार्गदर्शन से मै आगामी गणित के इम्तिहान में अच्छे नंबर ला पाऊंगा। उनके ज्ञान और सहज व्यक्तित्व से अन्य सभी बच्चे भी बहुत प्रभावित हुए हैं। मैं तुम्हें भी उनके कुछ ट्रिक्स अगले पत्र में साझा करूँगा।

तुम्हारा मित्र

क.ख.ग.

 

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आपके जन्म-दिवस के अवसर पर आपके मामाजी उपहार भेजते है इसके लिए  उन्हें आभार-पत्र लिखिए।

उतर – 

20, प्रेमनगर

दिल्ली।

दिनांक 10/10/2022

 

आदरणीय मामाजी,

सादर प्रणाम।

आज ही आपका स्नेहपूर्ण पत्र मिला। यह जानकार अत्यंत हर्ष हुआ कि आप स्वस्थ और सानन्द है तथा प्रिय भाई गगन त्रैमासिक परीक्षा में प्रथम रहा है।

मामाजी, पत्र के साथ ही मेरे जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आपके द्वारा उपहार स्वरूप घड़ी भी प्राप्त हो गई है। वस्तुत: घड़ी की मुझे अत्यंत आवश्यकता भी थी। इधर परीक्षा के दिन निकट आ रहे है, उधर मुझे समय का ठीक ज्ञान न होने से विद्यालय पहुँचने में विलंब हो जाता था।  इस कारण अनुपस्थिति तो लग ही जाती थी। साथ ही गुरुजी की डांट भी सहनी पड़ती थी।

अब घड़ी के रहने पर मैं विद्यालय में यथा समय पहुंच ही जाऊँगा। अन्य कार्य भी निर्धारित समय पर हो सकेंगे।

ऐसा उपयुक्त और  सुन्दर उपहार भेजने के लिए मैं आपका अत्यंत आभारी हूं और आपको हार्दिक धन्यवाद देता हूं। विश्वास है कि सदैव आप अपने स्नेहपूर्ण आशीर्वाद से कृतार्थ करते रहेंगे। मेरी ओर से पूज्य मामाजी को प्रणाम कहें।

आपका प्रिय भांजा

मनु

 

 
 
विद्यालय के छात्रों के साथ समाज सेवार्थ जाने के लिए पिता से अनुमति मांगते हुए पिता को पत्र लिखिए।

उतर – 

अ. ब. स. विद्यालय

छात्रावास, दिल्ली।

दिनांक – 22/9/2023

 

आदरणीय पिताजी,

सादर प्रणाम।

मैं यहां कुशल हूं। आशा करता हूं आप भी कुशल होंगे। पिताजी, आपने समाचार पत्रों में पढ़ा ही होगा कि आजकल यमुना नदी में भयंकर बाढ़ आई हुई है। बाढ़ के कारण पचासों गांव जलमग्न हो गए है। अनेक मनुष्य और पशु बाढ़ में घिर कर नष्ट हो गए हैं। इस भयंकर बाढ़ के कारण गांवों के लोग कुछ तो बचकर बाहर आ गए हैं और कुछ पक्के घरों की छतों पर या कुछ ऊँचे पेड़ों पर ही शरण लिए हुए है। उनकी स्थिति प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है।

इन बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए शिक्षा विभाग की ओर से नरेला में शिविर लगा हुआ है। हमारे विद्यालय के पांच अध्यापकों की देखरेख में बीस छात्र सेवा के लिए वहां जाने वाले हैं। मेरा भी नाम उनमें है। मेरी स्वयं की इच्छा भी पीड़ित लोगों की सेवा करने की है। 

अत: आपसे अनुरोध है कि आप मानवता की सेवा के इस पुण्य कार्य के लिए मुझे वहां जाने की तुरंत ही अनुमति देकर कृतार्थ करें।

आपका आज्ञाकारी पुत्र

हरीश

 

 
 
आपका मित्र परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया है। इस विषय पर मित्र को सांत्वना देते हुए पत्र लिखिए।

उतर – 

शास्त्री नगर,

दिल्ली।

दिनांक – 24/9/2023

 

प्रिय मित्र पवन

नमस्कार।

आज ही तुम्हारा पत्र मिला। तुम हायर सेकेण्डरी परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए हो, यह पढ़कर मुझे अत्यंत ही दुख हुआ। तब तुम्हें कितना दुख इसका है, यह कल्पना मैं सहज ही कर सकता हूं।

मित्र, मै जानता हूं कि तुमने अपना समय यथासंभव नष्ट नहीं किया और अध्ययन में लगे ही रहे। तब इस असफलता के दोषी तुम नहीं हो। मैं जानता हूं कि तुम्हारे पूज्य पिताजी की असामयिक मृत्यु और माता जी की बीमारी आदि ऐसी दैवी विपत्तियां तुम पर आई; जिनके कारण तुम्हारा मन विचलित और व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। वस्तुत: इन्हीं कारणों से तुम्हें असफलता का मुंह देखना पड़ा।

मित्र, जीवन संघर्षमय है। इसके पथ पर अनेक टेढ़े-मेढ़े मोड़ और कांटे-कंकड़ आया ही करते है; किन्तु साहसी यात्री उनके कारण रुकते नहीं हैं। वे बाधाओं की चिंता न करते हुए पथ पर बढ़ते ही जाते हैं। क्योंकि हम सब जानते हैं कि रथ के पहिए के समान जीवन की दशा बदलती ही रहती है।

अत: मुझे विश्वास है कि इन बातों को ध्यान में रखकर तुम धैर्य और साहस से काम लेकर अपना अध्ययन जारी रखोंगे। ईश्वर निश्चित ही तुम्हारी सहायता करेंगे।

तुम्हारा मित्र

महेश।