CBSE Class 7 Hindi Chapter 20 विप्लव गायन Important Questions Answers from Vasant Bhag 2 Book

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सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 पुस्तक पाठ 20 के लिए आश्रम का अनुमानित व्यय प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे आश्रम का अनुमानित व्यय प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.
 

 

सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions

सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

1)
कवि , कुछ ऐसी तान सुनाओ –
जिससे उथल पुथल मच जाए ,
एक हिलोर इधर से आए ,
एक हिलोर उधर से आए।
सावधान ! मेरी वीणा में ,
चिनगारियाँ आन बैठी हैं ,
टूटी हैं मिजराबें , अंगुलियाँ
दोनों मेरी ऐंठी हैं।

प्रश्न 1. समाज में बदलाव लाने की इच्छा से कवि से क्या सुनाने का अनुरोध किया जा रहा है ?
(क) तान
(ख) धून
(ग) गीत
(घ) भाषण
उतर – (क) तान

प्रश्न 2. ‘तान’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) विस्तार
(ख) ज्ञान का विषय
(ग) संगीत में स्वरों का कलात्मक विस्तार
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 3. वीणा में क्या प्रवेश कर चुकी हैं?
(क) झनकार
(ख) चिंगारियाँ
(ग) ध्वनी
(घ) आवेश
उतर – (ख) चिंगारियाँ

प्रश्न 4. ‘हिलोर’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) हलचल
(ख) जल में उठने वाली तरंग या लहर
(ग) हिल्लोल
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 5. वीणा बजाने वाले की उँगलियाँ कैसे हो गई है?
(क) अकड़ गई हैं।
(ख) टूट गई है।
(ग) सुन पड़ गई हैं।
(घ) ढीली हो गई है।
उतर – (क) अकड़ गई हैं।

2)
कण – कण में है व्याप्त वही स्वर
रोम – रोम गाता है वह ध्वनि ,
वही तान गाती रहती है ,
कालकूट फणि की चिंतामणि ।
आज देख आया हूँ – जीवन के
सब राज़ समझ आया हूँ ,
भ्रू – विलास में महानाश के
पोषक सूत्र परख आया हूँ।

प्रश्न 1. संसार के हर एक कण – कण में कौन-सा गीत समा गया है?
(क) खुशी का
(ख) मुक्ति का
(ग) क्रांति का
(घ) शोक का
उतर – (ग) क्रांति का

प्रश्न 2. शेषनाग किसकी चिंता में डूबा रहता है ?
(क) विष की
(ख) मणि की
(ग) विश्व की
(घ) ईश्वर की
उतर – (ख) मणि की

प्रश्न 3. ‘भ्रू’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) भौं
(ख) आँखों के ऊपर के बाल
(ग) भौंह
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 4. महानाश के पोषक सूत्र कहां स्थित है?
(क) उदारता में
(ख) प्रेम में
(ग) क्रोध में
(घ) घृणा में
उतर – (ग) क्रोध में

 

बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1. ‘विप्लव गायन’ शीर्षक पाठ के रचयिता है?
(क) महादेवी वर्मा
(ख) जितेन्द्र वर्मा
(ग) बालकृष्ण शर्मा ‘ नवीन ’ जी
(घ) सूर्यकांत त्रिपाठी
उतर – (ग) बालकृष्ण शर्मा ‘ नवीन ’ जी

प्रश्न 2. जब बदलाव होता है तो क्या मचती है?
(क) उथल – पुथल
(ख) विद्रोह
(ग) भागमभाग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (क) उथल – पुथल

प्रश्न 3. ‘ऐंठी’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) तनना
(ख) खींचना
(ग) अकड़ना
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 4. ‘रुद्ध’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) अवरुद्ध
(ख) रोका हुआ
(ग) घेरा हुआ
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 5. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘कंठ रुका है ____ का मारक गीत रुद्ध होता है”।
(क) महानाश
(ख) आवाज
(ग) विनाश
(घ) स्वर
उतर – (क) महानाश

प्रश्न 6. कवि के दिल में सामाजिक बुराइयों और वर्तमान व्यवस्था के प्रति क्या है ?
(क) खुशी
(ख) ज्ञान
(ग) रोष
(घ) कुछ नहीं
उतर – (ग) रोष

प्रश्न 7. क्रांति गीत से क्या नष्ट हो जाता है ?
(क) सारे रोग
(ख) समस्त अवरोध
(ग) सारे दर्द
(घ) सारे दुख
उतर – (ख) समस्त अवरोध

प्रश्न 8. कवि के अनुसार क्रांति का गीत कहाँ-कहाँ समा जाता है ?
(क) जिगर में
(ख) लोगों में
(ग) कण-कण में
(घ) भावनाओं में
उतर – (ग) कण-कण में

प्रश्न 9. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘कण – कण में है ___ वही स्वर”।
(क) व्याप्त
(ख) पूर्ण
(ग) रखा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (क) व्याप्त

प्रश्न 10. कवि के अनुसार परिवर्तन आने पर क्या आरम्भ हो जाएगा ?
(क) अभिलाषा
(ख) परिवर्तन
(ग) महाविनाश
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
उतर – (ग) महाविनाश

प्रश्न 11. कवि के अनुसार लोगों के कंठ से कोमल स्वरों की जगह कैसे स्वर मुखरित होंगे ?
(क) भड़कीले स्वर
(ख) कड़वे स्वर
(ग) मीठे स्वर
(घ) क्रांति के स्वर
उतर – (घ) क्रांति के स्वर

प्रश्न 12. कवि विप्लव गायन के माध्यम से क्या लाना चाहते है ?
(क) तुफान
(ख) बारिश
(ग) क्रांति
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (ग) क्रांति

प्रश्न 13. ‘विप्लव गायन’ कविता में वीणा किसका प्रतीक है ?
(क) कवि के जीवन का
(ख) संगीत का
(ग) ध्वनि का
(घ) लोगों के जीवन का
उतर – (क) कवि के जीवन का

प्रश्न 14. कवि अत्यंत आवेश से कौन सा गीत गाना चाहता है ?
(क) कठोर
(ख) विनाशक
(ग) भडकीली
(घ) मधुर
उतर – (ख) विनाशक

प्रश्न 15. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘रुद्ध गीत की क्रुद्ध ____ है”।
(क) मान
(ख) सान
(ग) तान
(घ) कान
उत्तर – (ग) तान

प्रश्न 16. ‘हृत्तल ’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) कलेजा
(ख) दिल
(ग) हृदय
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 17. हृदय किससे भर गया है?
(क) क्रोध से
(ख) ग्लानि से
(ग) खुशी से
(घ) घमंड से
उतर – (क) क्रोध से

 

प्रश्न और उत्तर Questions Answers

कविता से

प्रश्न 1. ‘ कण – कण में है व्याप्त वही स्वर ……… कालकूट फणि की चिंतामणि ’
(क) ‘ वही स्वर ’ , ‘ वह ध्वनि ’ एवं ‘ वही तान ’ आदि वाक्यांश किसके लिए किस भाव के लिए प्रयुक्त हुए हैं ?
(ख) वही स्वर , वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘ रुद्ध – गीत की क्रुद्ध तान है / निकली मेरी अंतरतर से ‘ – पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है ?
उत्तर –
(क) ‘ वही स्वर ’ , ‘ वह ध्वनि ’ एवं ‘ वही तान ’ नवनिर्माण का रास्ते खोलने के लिए तथा लोगों में जागरूकता का आह्वान करने के लिए प्रयोग किया गया है। इसके अलावे इन वाक्यांश का प्रयोग लोगों में क्रांति की भावना को जगाने के लिए किया गया हैं , जो हर ओर पहले से व्याप्त है , केवल उसे जागृत करने की आवश्यकता है।
(ख) हाँ , वही स्वर , वही ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव ‘ रुद्ध – गीत की क्रुद्ध तान है / निकली मेरे अंतरतर से ‘ – पंक्तियों से सही संबंध बनता है क्योंकि कवि की इस कविता की इन पंक्तियों में वर्तमान व्यवस्था के प्रति आक्रोश है , वही आक्रोश क्रांति गीत के रूप में निकल रहा है। वही क्रांति रोम – रोम में घुलकर प्रतिध्वनित होने लगती है।

प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए –
‘ सावधान ! मेरी वीणा में .……… दोनों मेरी ऐंठी हैं। ’
उत्तर – ‘ सावधान ! मेरी वीणा में .……… दोनों मेरी ऐंठी हैं। ’ कविता की इन पंक्तियों का भाव यह है कि कवि लोगों को परिवर्तन के प्रति सावधान करता है और वीणा से कोमल स्वर निकालने की बजाय कठोर स्वर निकालने के कारण उसकी उँगलियों से वीणा की मिज़राबें टूटकर गिर गईं , जिससे उसकी उँगलियाँ ऐंठकर घायल हो जाती हैं। अर्थात बदलाव लाना आसान नहीं होता उसके लिए कई बलिदान करने पड़ते हैं और न जाने कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है।

 

कविता से आगे

प्रश्न 1. स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करने वाली ओजपूर्ण कविताएं लिखी। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियां इकट्ठा कीजिए, जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं।
उत्तर – माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कविताओं की चार-चार पंक्तियां निम्नलिखित है-

जैसे हम हैं वैसे ही रहे,
हाथ लिए एक दूसरे का,
अतिशय सुख के सागर में बहे।
मुंडे पलक, केवल देखें उर में,
सुने सब कथा परिमल-सुर में,
जो चाहे, करे वे ।।-सूर्यकांत त्रिपाठी

मानस भवन में आर्यजन जिसकी उतारें आरती,
भगवान! भारतवर्ष में गूंजे हमारी भारती।
हो भद्रभावोभ्दाविनी वह भारती हे भवगते!
सीतापते! सीतापते! गीतामते! गीतामते।।-मैथिलीशरण गुप्त

प्यारे भारत देश
गगन-गगन तेरा यश फहरा
पवन-पवन तेरा बल गहरा
क्षिति-जल-नभ पर डाल हिंडोले
चरण-चरण संचरण सुनहरा।।-माखनलाल चतुर्वेदी

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. कविता की मूल भाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक ‘विप्लव-गायन ‘क्यों रखा गया होगा?
उत्तर – कवि ने समाज में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से यह कविता लिखी है। समाज को कुसंस्कार, गलत रीति रिवाज से मुक्त करके समाज में परिवर्तन लाने के लिए कवि ने इस कविता के द्वारा लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है। इसलिए कविता की मूल भाव को ध्यान में रखते हुए इसका शीर्षक ‘विप्लव-गायन’ रखा गया होगा।

 

भाषा की बात

प्रश्न 1. कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है जैसे – ‘ जिससे उथल-पुथल मत जाए ’ एवं ‘ कण- कण में है व्याप्त वही स्वर ’ । इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कभी ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर – कवि ने दो शब्दों के बीच (-) का प्रयोग करके शब्दों को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए इस्तेमाल किया है। जैसे कि ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर्ग’ इसमें ‘कण- कण ‘ में इन दोनों शब्दों का प्रभाव बढ़ाने के लिए (-) का प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 2. कविता में (,-। आदि) विराम चिन्हों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिन्ह का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गध में आमतौर पर (है) शब्दों का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे – देशराज जाता है। अब कविता की निम्नलिखित पंक्तियों को देखिए-
‘ कण-कण में है व्याप्त…….. वही तान तान गाती रहती है,’
इन पंक्तियों में (है) शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगह पर किया गया है।
कविता में अगर आपको आगे ऐसे अन्य शब्द मिले तो उनको छाँटकर लिखिए।
उत्तर –

  • टूटी हैं मिजराबें
  • कंठ रुका है महानाश का
  • रोम – रोम गाता है वह ध्वनि
  • वही तान गाती रहती है

प्रश्न 3. निम्नलिखित पंक्तियों को ध्यान से देखिए-
‘कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ….. एक हिलोर उधर से आए,’
इस पंक्तियों के अंत में (आए, जाए) जैसे तुक मिलानेवाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे तुकबंदी या अंत्यानुप्रास कहते हैं। कविता से तुकबंदी के अन्य शब्दों को छाँटकर लिखिए। छाँटें गए शब्दों से अपनी कविता बनाने की कोशिश कीजिए।
उत्तर – कविता में तुकबंदी या अंत्यानुप्रास पद निम्नलिखित है-
i) परख – समझ
ii) युद्ध – रुद्ध
iii) फणि – मणि
iv) ऐंठी हैं – बैठी है
v) मानस के – जीवन के
vi) अंतरतर से – स्वर से
इन पदों के आधार पर छात्र स्वयं कविता बनाने का प्रयास करें।

 

Viplav Gayan – Extra Question Answers

प्रश्न 1. ‘ विप्लव गायन’ के माध्यम से कवि क्या बताने चाहते हैं?
उत्तर – कवि बालकृष्ण शर्मा जी ‘विप्लव गायन’ कविता के माध्यम से लोगों से सामाजिक बुराईयों और पाखंडों की ज़ंजीरें तोड़कर प्रगति के मार्ग पर बढ़ने का आह्वान किया है।

प्रश्न 2. कवि ने ‘ विप्लव गायन ’ कविता कब लिखी थी?
उत्तर – कवि ने ‘ विप्लव गायन ’ कविता उस समय लिखी थी जब भारत का स्वाधीनता आंदोलन अपने चरम पर था। कवि ने भी असहयोग आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।

प्रश्न 3. कवि के कंठ से निकले ‘ विप्लव गायन’ गीत से समाज पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
उत्तर – ‘विप्लव गायन’ गीत से समाज पर बहुत ही बड़ा प्रभाव पड़ेगा। कवि के मुख से निकले हुए गीत को सुनकर, समाज के रूढ़िवादी और जीर्ण-शीर्ण विचारधाराओं वाले रीति का नाश होगा। समाज के लोगों का सोच बदलेगा।

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों के शब्दार्थ लिखिए – झंखाड़, रुद्ध, रुद्ध, ज्वलंत, मिजराबें, ऐंठी।
उत्तर –
झंखाड़ – घनी और काँटेदार झाड़ियों का समूह , वन में पौधों – लताओं का घना समूह , बेकार या रद्दी चीज़ों का समूह या ढेर
रुद्ध – घेरा हुआ , रोका हुआ , अवरुद्ध
ज्वलंत – चमकता हुआ , प्रकाशित , जलता हुआ , स्पष्ट , साफ़
मिजराबें – तार को छेड़ने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला छोटा उपकरण
ऐंठी – तनना , खींचना , कसना , अकड़ना

प्रश्न 5. ‘विप्लव गायन’ कविता के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – ‘विप्लव गायन’ कविता समाज के प्रति बदलाव लाने के लिए लिखा गया था। यह एक क्रांतिकारी कविता है। यह कविता, जीवन और समाज में फैले हुए कूटनीति और अंधविश्वास पर प्रकाश डालती है। इस कविता के द्वारा कवि ने बताया है कि गतिशीलता और विकास में बाधा बनने वाली प्रवृत्ति से संघर्ष करके ही रूढ़िवादी मानसिकता, अंधविश्वास और जड़ता जैसे काली को समाज से मिटा कर दूर फेंका जा सकता है। कवि ने इस कविता में, इन सभी रुकावट को समाप्त करके, एक नए समाज की स्थापना की कल्पना की है। इस कविता का प्रमुख उद्देश्य, समाज में फैली बुराइयों को दूर करना है।

प्रश्न 6. “कवि , कुछ ऐसी तान सुनाओ –
जिससे उथल पुथल मच जाए ,
एक हिलोर इधर से आए ,
एक हिलोर उधर से आए।”
इन पंक्तियों से कवि का आशय व्यक्त कीजिए।
उत्तर – समाज में बदलाव लाने की इच्छा से इन पंक्तियों में कवि से अनुरोध किया जा रहा है कि वह कोई ऐसी तान सुनाए जिससे हर तरफ उथल पुथल मच जाए , जिससे सब जगह हलचल हो जाए। कहने का तात्पर्य यह है कि कवि ऐसा जोशीला गीत गाना चाहते हैं जिससे लोगों के अंदर बुराई को समाप्त करने की ताकत आ पाए। कवि चाहते हैं कि यह बदलाव केवल एक तरफ न हो बल्कि यह हर जगह हो। इस बदलाव की एक लहर एक दिशा से आए और दूसरी अलग दिशा से ताकि हर जगह बुराई के खिलाफ आवाज़ उठे।

प्रश्न 7. “झाड़ और झंखाड़ दग्ध हैं –
इस ज्वलंत गायन के स्वर से
रुद्ध गीत की क्रुद्ध तान है
निकली मेरे अंतरतर से !”
इन पंक्तियों से कवि का आशय व्यक्त कीजिए।
उत्तर – कविता की इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि जिस तरह काँटेदार झाड़ियों या बेकार या रद्दी चीज़ों के समूह को आग जला कर भस्म कर देती है , उसी प्रकार अपने डर को समाप्त कर जब सारे बंधनों को तोड़कर , गाने वाले के स्वर फूटते हैं तो उससे जो अग्नि निकलती है उससे हर तरफ आग लग जाती है। जब कवि भी जब अपने अवरुद्ध गले से क्रोधित होकर गीत निकलता है तो कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है। अर्थात जब कई वर्षों तक दबाए जाने के बाद क्रान्ति आती है तो वो भी अपने आस – पास की सभी बेड़ियों को जिसने उसे रोक रखा था उसे अपने अंदर की क्रोध की आग से जला कर भस्म कर देती है।

 

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