CBSE Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज Important Questions Answers from Vasant Bhag 2 Book

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सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 पुस्तक पाठ 18 के लिए संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.
 

 

सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions

सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

 

(1) बचपन मुश्किलों से भरा रहा। हम बहुत गरीब थे। मेरे दोनों बड़े भाई हॉकी खेलते थे। उन्हीं के चलते मुझे भी उसका शौक हुआ। पर , हॉकी – स्टिक खरीदने तक की हैसियत नहीं थी मेरी। इसलिए अपने साथियों की स्टिक उधार माँगकर काम चलाता था। वह मुझे तभी मिलती , जब वे खेल चुके होते थे। इसके लिए बहुत धीरज के साथ अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ता था। मुझे अपनी पहली स्टिक तब मिली , जब मेरे बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुन लिया गया। उसने मुझे अपनी पुरानी स्टिक दे दी। वह नयी तो नहीं थी लेकिन मेरे लिए बहुत कीमती थी , क्योंकि वह मेरी अपनी थी।

प्रश्न 1. धनराज का बचपन कैसा रहा ?
(क) मुश्किलों से भरा
(ख) सुखमय से भरा
(ग) वैभव से परिपूर्ण
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) मुश्किलों से भरा

प्रश्न 2. धनराज को हॉकी खेलने का शौक कहॉं से लगा?
(क) अपने शिक्षक से
(ख) अपने दोस्तों से
(ग) अपने भाइयों से
(घ) अपने पिता से
उत्तर – (ग) अपने भाइयों से

प्रश्न 3. धनराज को पहली हॉकी स्टिक कब मिली?
(क) अपने बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुने जाने पर
(ख) अभ्यास के लिए कैंप जाने पर
(ग) स्कुल की टीम में चुने जाने पर
(घ) अच्छा खेलने पर शिक्षक की तरफ से
उत्तर – (क) अपने बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुने जाने पर

प्रश्न 4. धनराज के लिए क्या चीज कीमती और नयी थी ?
(क) नई हॉकी स्टिक
(ख) अपने बड़े भाई की पुरानी हॉकी स्टिक
(ग) शिक्षक की तरफ भेंट किया पेन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) अपने बड़े भाई की पुरानी हॉकी स्टिक

(2) मैंने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी सन् 1985 में मणिपुर में खेली। तब मैं सिर्फ 16 साल का था – देखने में दुबला – पतला और छोटे बच्चे जैसा चेहरा …। अपनी दुबली कद – काठी के बावजूद मेरा ऐसा दबदबा था कि कोई मुझसे भिड़ने की कोशिश नहीं करता था। मैं बहुत जुझारू था – मैदान में भी और मैदान से बाहर भी। 1986 में मुझे सीनियर टीम में डाल दिया गया और मैं बोरिया – बिस्तरा बाँधकर मुंबई चला आया। उस साल मैंने और मेरे बड़े भाई रमेश ने मुंबई लीग में बेहतरीन खेल खेला – हमने खूब धूम मचाई।

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(क) ‘मनुष्यता’ से
(ख) ‘संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज’ से
(ग) ‘अपूर्व अनुभव’ से
(घ) ‘कर चले हम फ़िदा’ से
उत्तर – (ख) ‘संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज’ से

प्रश्न 2. किसने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी सन् 1985 में मणिपुर में खेली?
(क) धनराज
(ख) धनराज के बड़े भाई रमेश
(ग) धनराज के दोस्त
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) धनराज

प्रश्न 3. सीनियर टीम में पहुंचने के बाद धनराज कब बोरिया-बिस्तर बॉंधकर मुंबई चले आए?
(क) सन् 1987 में
(ख) सन् 1983 में
(ग) सन् 1985 में
(घ) सन् 1986 में
उत्तर – (घ) सन् 1986 में

प्रश्न 4. धनराज ने किसके साथ मुंबई लीग में बेहतरीन खेल खेला?
(क) अपने सीनियर के साथ
(ख) अपने दोस्तों के साथ
(ग) अपने भाई रमेश के साथ
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) अपने भाई रमेश के साथ

बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1. ‘संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाजी हो गया’ पाठ किस विधा पर आधारित है?
(क) कहानी
(ख) साक्षात्कार
(ग) जीवनी
(घ) निबंध
उत्तर – (ख) साक्षात्कार

प्रश्न 2. हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै का साक्षात्कार किसने लिया है?
(क) विनीता पाण्डेय
(ख) अनिता पाण्डेय
(ग) कविता पाण्डेय
(घ) विनीत पाण्डेय
उत्तर – (क) विनीता पाण्डेय

प्रश्न 3. धनराज पिल्लै अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी कब और कहॉं खेली?
(क) सन् 1986, मणिपुर में
(ख) सन् 1985, इम्फाल में
(ग) सन् 1984, मणिपुर में
(घ) सन् 1985, मणिपुर में
उत्तर – (घ) सन् 1985, मणिपुर में

प्रश्न 4. धनराज का बचपन कहाँ बीता?
(क) मणिपुर एक गाँव में
(ख) मुंबई के पवई इलाके में
(ग) पुणे के खिड़की नामक गाँव में
(घ) दिल्ली में
उत्तर – (ग) पुणे के खिड़की नामक गाँव में

प्रश्न 5. धनराज पिल्लै ने किस उम्र में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली?
(क) 15 साल की उम्र में
(ख) 14 साल की उम्र में
(ग) 16 साल की उम्र में
(घ) 17 साल की उम्र में
उत्तर – (ग) 16 साल की उम्र में

प्रश्न 6. धनराज पिल्लै के कितने भाई हॉकी खेलते थे?
(क) चार
(ख) दो
(ग) एक
(घ) तीन
उत्तर – (ख) दो

प्रश्न 7. ‘ बैचलर ऑफ हॉकी ’ कहने का अभिप्राय निम्नलिखित में से किससे है?
(क) हॉकी सिखाने वाला
(ख) वरिष्ठ खिलाड़ी
(ग) हॉकी खेल में पारंगत
(घ) हॉकी में ग्रेजुएट
उत्तर – (ग) हॉकी खेल में पारंगत

प्रश्न 8. धनराज शुरू में कहीं आने-जाने के लिए किस वाहन का प्रयोग करते थे?
(क) मुंबई की लोकल ट्रेन और बस
(ख) मुंबई की टैक्सी और कार
(ग) मुम्बई की लोकल ट्रेन और कार
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (क) मुम्बई की लोकल ट्रेन और बस

प्रश्न 9. धनराज पिल्लै ने पहली बार कृत्रिम घास पर हॉकी कब और कहॉं खेली ?
(क) सन् 1984, नयी दिल्ली में
(ख) सन् 1988, नयी दिल्ली में
(ग) सन् 1995, नयी दिल्ली में
(घ) सन् 1985, मणिपुर में
उत्तर – (ख) सन् 1988, नयी दिल्ली में

प्रश्न 10. धनराज कितने कक्षा तक पढ़ाई की है?
(क) स्नातक तक
(ख) बारहवीं तक
(ग) ग्यारहवीं तक
(घ) दसवीं तक
उत्तर – (घ) दसवीं तक

प्रश्न 11. धनराज पिल्लै ने फ़ोर्ड आइकॉन कार कब खरीदी?
(क) सन् 2000 में
(ख) सन् 2002 में
(ग) सन् 2003 में
(घ) सन् 1999 में
उत्तर – (क) सन् 2000 में

प्रश्न 12. धनराज पिल्लै के दोनों बड़े भाई क्या खेलते थे?
(क) हॉकी
(ख) क्रिकेट
(ग) गोल्फ
(घ) कबड्डी
उत्तर – (क) हॉकी

प्रश्न 13. ‘ फिसड्डी ’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) अकुशल
(ख) निकम्मा
(ग) किसी काम में पिछड़ा हुआ
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 14. सन् 1999 में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से धनराज पिल्लै को क्या मिला?
(क) एक कार
(ख) पवई में एक फ़्लैट
(ग) स्वर्ण पदक
(घ) एक मोटर साइकिल
उत्तर – (ख) पवई में एक फ़्लैट

प्रश्न 15. धनराज पिल्लै को सीनियर टीम में कब डाला गया?
(क) सन् 1994 में
(ख) सन् 1985 में
(ग) सन् 1986 में
(घ) सन् 1988 में
उत्तर – (ग) सन् 1986 में

प्रश्न 16. धनराज का सरनेम क्या है?
(क) शर्मा
(ख) वर्मा
(ग) पाण्डेय
(घ) पिल्लै
उत्तर – (घ) पिल्लै

प्रश्न 17. सन् 1994 में धनराज ने कहॉं पर फ़्लैट खरीदा?
(क) पुणे के खिड़की नामक गाँव में
(ख) पवई रोड पर
(ग) पुणे के भाऊ पाटिल रोड पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) पुणे के भाऊ पाटिल रोड पर

प्रश्न 18. ‘ जुझारू ’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) जूझने वाला
(ख) लड़ने वाला
(ग) संघर्षशील
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 19. धनराज को सबसे ज्यादा प्रेरणा किससे मिली?
(क) मॉं से
(ख) भाई से
(ग) बहन से
(घ) पिता से
उत्तर – (क) मॉं से

प्रश्न 20. सीनियर टीम में सिलेक्शन होने के बाद धनराज बोरिया-बिस्तर बॉंधकर कहॉं गए?
(क) दिल्ली
(ख) मुंबई
(ग) मणिपुर
(घ) कोलकता
उत्तर – (ख) मुंबई

प्रश्न और उत्तर Questions Answers

साक्षात्कार से

प्रश्न 1. साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर – धनराज पिल्लै का साक्षात्कार पढ़कर उनके बारे में यही छवि उभरती है कि वे सीधा – सरल जीवन व्यतीत करने वाले मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखने वाले हैं। वे देखने में बहुत सुंदर नहीं हैं। हॉकी के खेल में इतनी प्रसिद्धि प्राप्त करने का जरा भी अभिमान उनमें नहीं है। आम लोगों की भाँति लोकल ट्रेनों में सफर करने में भी कतराते नहीं। विशेष लोगों से मिलकर बहुत प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। उन्हें माँ से बहुत लगाव है। इतनी प्रसिद्धि पाने पर भी आर्थिक समस्याओं से जूझते रहें है । वे आपको कभी हँसाते है , कभी रुलाते है , कभी उनकी बातों से आपका मन आश्चर्य से भर सकता है , तो कभी आपको उनकी बातों से क्रोध आ सकता है परन्तु उनके व्यक्तित्व के कारण वह क्रोध मन – ही – मन रह जाता है। उसके व्यक्तित्व में कई रंग हैं और कई भाव हैं जिन्हें कोई आम इंसान नहीं समझ सकता। वे ऐसी ज़मीन से उठकर आए हैं जिसमें कोई बनावटीपन नहीं है और वे उस ज़मीन से उठ कर आसमान का सितारा बन कर उभेे हैं। लोग भले ही उनको तुनुकमिज़ाज समझे लेकिन वे बहुत सरल हृदय मनुष्य हैं।

प्रश्न 2. धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।
उत्तर – धनराज पिल्लै का बचपन काफी आर्थिक संकटों के बीच गुजरा है। उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है। धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक का सफर तय किया है। उनके पास अपने लिए एक हॉकी स्टिक तक खरीदने के पैसे नहीं थे। शुरुआत में मित्रों से उधार लेकर और बाद में अपने बड़े भाई की पुरानी स्टिक से उन्होंने काम चलाया लेकिन आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। अंत में मात्र 16 साल की उम्र में उन्हें मणिपुर में 1985 में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेलने का मौका मिला। इसके बाद इन्हें सन् 1986 में सीनियर टीम में स्थान मिला। उस वर्ष अपने बड़े भाई के साथ मिलकर उन्होंने मुंबई लीग में अपने बेहतरीन खेल से खूब धूम मचाई। मुंबई लीग में अच्छा प्रदर्शन के कारण धनराज जी के अंदर एक आशा जागी कि उन्हें ओलंपिक (1988) के लिए नेशनल कैंप से बुलावा ज़रूर आएगा, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनका नाम 57 खिलाड़ियों की लिस्ट में भी नहीं था। उस समय उन्हें बहुत निराशा महसूस हुई थी। मगर एक साल बाद ही ऑलविन एशिया कप के कैंप के लिए उन्हे चुन लिया गया। तब से लेकर आज तक उन्होनें पीछे मुड़कर नहीं देखा।

प्रश्न 3. ‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है’–धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
उत्तर – धनराज पिल्लै का यह कहना ‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है। का तात्पर्य है कि मनुष्य चाहे कितनी भी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ जाए उसे कभी घमंड नहीं करना चाहिए और किसी को अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए। माँ की इसी सीख को उन्होंने जीवन में अपनाया है।

साक्षात्कार से आगे

प्रश्न 1. ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर – ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर इसलिए कहा जाता है क्योंकि जैसे जादूगर अपने दांव पेंचों से हमारी ही आँखों के सामने न जाने क्या-क्या करतब कर दिखाता है और हम दाँतों तले उँगली दबा लेते हैं वैसे ही ध्यानचंद हॉकी खेलने में माहिर थे। कोई भी ऐसा दावपेंच नहीं था जो उन्हें न आता हो। कोई भी हॉकी में उन्हें मात नहीं दे सकता था। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। ध्यानचंद जी का जन्म 29 अगस्त, 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। वे भारतीय हॉकी टीम के भूतपूर्व खिलाड़ी और कप्तान थे। वे भारत और विश्व स्तर पर हॉकी के लिए मशहूर थे। वो ओलम्पिक में तीन बार स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। वे और उनकी टीम 1928 का एम्सटर्डम ओलम्पिक, 1932 का लोस एजेल्स ओलम्पिक एवं 1936 का बर्लिन ओलंपिक में भी शामिल हुए थे। उनकी जन्मतिथि को भारत में “राष्ट्रीय खेल दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 2. किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल कहा जाता है?
उत्तर – हॉकी का खेल काफ़ी पहले ज़माने से भारत में खेला जाता रहा है। इसे राजा-महाराजाओं से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी बड़े चाव से खेला करते थे। आज भी इस खेल के प्रति रुचि देश एवं विदेशों में बना हुआ है। और इसी खेल से हमारे भारत देश ने सन् 1928 से 1956 तक लगातार स्वर्ण-पदक जीते हैं। उस समय भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने वास्तव में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए उनकी लगातार जीत और उनकी अद्भुत योग्यता ही हॉकी खेल को भारत देश के राष्ट्रीय खेल के रूप में चुनने का कारण बनी।

प्रश्न 3. आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।
उत्तर – छात्र स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. ‘ यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए ’ – क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर – हम धनराज पिल्लै के इस बात से सहमत हैं कि ‘यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’। उनका यह कथन बिलकुल सच है क्योंकि धनराज को स्वयं जितनी शोहरत मिली उतना पैसा नहीं मिला। वे काफ़ी समय तक आम लोगों की भाँति लोकल ट्रेनों और बस में सफ़र करते रहे, जिसे देखकर लोग हैरान होते थे । आज के मुकाबले पहले के खिलाड़ियों को सफलता और प्रसिद्धि तो मिलती थी लेकिन पैसा ज्यादा नहीं मिलता था। आज भी समाज में ऐसे कई कलाकार है, जो अपने कार्य व रचना से प्रसिद्ध अवश्य हैं, किन्तु उन्हें आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 2. (क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं?
(ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता है या माफ़ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर –
(क) जब हमें अपनी गलती का एहसास हो जाए कि हमने गलती की है तो उस परिस्थिति में माफ़ी माँगना आसान होता है।
(ख) मेरे आसपास के कुछ लोग अपनी गलती के लिए माफ़ी माँग लेते हैं। परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी गलती मानने को तैयार नहीं होते हैं, साथ ही साथ अकड़ दिखाते हैं।
(ग) माफ़ी माँगना आसान है, जबकि माफ़ करना उससे ज्यादा कठिन है। माफ़ी माँगना इसलिए आसान है अगर आपको अपनी गलती का एहसास हो जाए तो माफ़ी माँग लेना चाहिए और मेरे अनुभव से माफ़ करना ज्यादा मुश्किल होता है। क्योंकि अगर कोई आपको मानसिक यातना देता है तो उस यातना को भूल कर माफ़ करना बहुत कठिन होता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1. नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिसमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए?

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उत्तर –
i) प्रेरणा – प्रेरक – प्रेरित
प्रेरणा – हमें गांधी जी के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रेरक – महापुरुषों का जीवन सदैव जन-जन के प्रेरक रहे हैं।
प्रेरित – अध्यापक की बातों से प्रेरित होकर बंटी पढ़ाई में जुट गया।
ii) संभव – संभावित – संभवतः
संभव – आज बारिश में बाहर जाना संभव नहीं है।
संभावित – अपनी संभावित बैंगलोर यात्रा के लिए मुझे तैयारियाँ तो करनी ही होगी।
संभवतः – संभवतः आज यह कार्य पूर्ण नहीं होगा।
iii) उत्साह – उत्साहित – उत्साहवर्धक
उत्साह – खेल के मैदान में खिलाड़ियों का उत्साह देखते बनता है।
उत्साहित – मैं डिज़्नीलैंड जाने के लिए काफी उत्साहित हूँ।
उत्साहवर्धक – मंच पर अभिनय कर रहे कलाकारों के लिए श्रोताओं की तालियाँ उत्साहवर्धक होती है।

प्रश्न 2. तुनुकमिज़ाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है? क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम से कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर –
i) मातृ, माता, माँ
ii) चाँद, चंद्र, चंदा
iii) वर्षा, बरखा, बारिश
iv) समुद्र, समंदर, सागर

प्रश्न 3. हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे–फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं – गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर – क्रिकेट :- पिच, बल्ला, गेंद, विकेट, अम्पायर, रन, चौका, छक्का और आउट इत्यादि।

Sangharsh Ke Karan Main Tunukmizaz Ho Gaya : Dhanraj – Extra Question Answers

प्रश्न 1. धनराज पिल्लै किस खेल से संबंधित है?
उत्तर – धनराज पिल्लै हॉकी खेल से संबंधित है।

प्रश्न 2. धनराज किस उम्र में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली?
उत्तर – धनराज 16 साल की उम्र में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली।

प्रश्न 3. धनराज के बड़े भाई का नाम और वे कौन से खेल से जुड़े थे?
उत्तर – धनराज के बड़े भाई का नाम रमेश और वे हॉकी खेल से जुड़े थे।

प्रश्न 4. धनराज पिल्लै सीनियर टीम में कब गए थे?
उत्तर – धनराज पिल्लै सन् 1986 में सीनियर टीम में गए थे।

प्रश्न 5. धनराज ने कृत्रिम घास पर सबसे पहले हॉकी कब खेली?
उत्तर – सन् 1988 में जब धनराज राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने दिल्ली गए थे।

प्रश्न 6. धनराज की पहली कार कौन-सी थी?
उत्तर – धनराज की पहली कार एक सेकेंड हैंड अरमाडा थी जो उनको उनके पहले के इम्लॉयर ने दी थी।

प्रश्न 7. धनराज पढ़ने में कैसे थे?
उत्तर – धनराज पढ़ने में कुछ ज्यादा अच्छे नहीं थे। वह बड़ी मुश्किल से परीक्षा में पास हो पाते थे। धनराज का मन हमेशा से खेलकूद में रहता था।

प्रश्न 8. धनराज की पहली ज़िम्मेदारी क्या थी?
उत्तर – धनराज की पहली ज़िम्मेदारी थी। अपने परिवार की आर्थिक तंगी को दूर करना तथा उन्हें बेहतर जिंदगी देना।

प्रश्न 9. महाराष्ट्र सरकार ने धनराज पिल्लै को तोहफे में क्या दिया ?
उत्तर – महाराष्ट्र सरकार ने सन् 1999 में धनराज पिल्लै को मुंबई के पवई में एक फ्लैट तोहफे में दिया।

प्रश्न 10. साक्षात्कार का क्या अर्थ है?
उत्तर – साक्षात्कार में दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी विशिष्ट व निश्चित उद्देश्य को सामने रखकर आमने-सामने की परिस्थिति में बातचीत करते हैं ।

प्रश्न 11. धनराज ने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी कब खेली? उस समय वो कैसे दिखते थे?
उत्तर – धनराज ने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी सन् 1985 में मणिपुर में खेली। उस समय उनका शरीर बहुत दुबला-पतला था और चेहरा छोटे बच्चे जैसा था।

प्रश्न 12. धनराज के व्यक्तित्व की क्या विशेषता है?
उत्तर – धनराज के व्यक्तित्व की यह विशेषता है कि वे बहुत भावुक इंसान हैं वह किसी को तकलीफ़ में नहीं देख सकते है। वे अपने मित्रों और अपने परिवार का बहुत सम्मान करते हैं। वे अपनी गलती पर माफ़ी भी माँग लेते हैं।

प्रश्न 13. किससे मिलकर धनराज को खुद पर गर्व हुआ?
उत्तर – धनराज जब भारत के राष्ट्रपति से मिले तो उन्हें बहुत गर्व महसूस हुआ क्योंकि राष्ट्रपति से मिलना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है। धनराज हॉकी के बड़े खिलाड़ी थे और भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी थे। धनराज के लिए वह क्षण बहुत ही गर्व का था। एक हॉकी ही है जिससे उन्हें हर जगह सम्मान मिला।

प्रश्न 14. धनराज के बचपन के बारे में लिखें?
उत्तर – धनराज पिल्लै का बचपन काफी आर्थिक संकटों के बीच गुजरा है। उनका एवं अन्य भाइयों के पालन-पोषण में उनकी माँ को काफ़ी संघर्ष करना पड़ा था। धनराज इतने गरीब थे कि उनके पास खुद के लिए एक हॉकी स्टिक तक खरीदने के पैसे नहीं होते थे। वे अपने साथियों से हॉकी स्टिक उधार मॉंगकर हॉकी खेलते थे। वे पढ़ाई में भी काफी कमजोर थे। उनका ज्यादा मन खेल में लगता था?

प्रश्न 15. धनराज को पहली हॉकी स्टिक कहाँ से मिली थी?
उत्तर – धनराज एक गरीब परिवार से थे इसलिए उनके पास खुद के लिए हॉकी स्टिक खरीदने के पैसे नहीं थे। धनराज के बड़े भाई रमेश भी एक हॉकी प्लेयर थे और हॉकी खेला करते थे। अपने बड़े भाई को देखकर ही धनराज ने भी हॉकी खेलना शुरू किया। जब रमेश को भारतीय कैंप में चयनित कर लिया गया तो उन्होंने अपनी पुरानी हॉकी स्टिक अपने छोटे भाई धनराज को दे दी। उसी हॉकी स्टिक से धनराज ने अपना हॉकी का सुनहरा सफर शुरू किया।

प्रश्न 16. धनराज को किस बात पर निराशा महसूस हुई थी?
उत्तर – धनराज सन् 1986 में अपने बड़े भाई के साथ मिलकर मुंबई लीग में अपने बेहतरीन खेल से खूब धूम मचाई। मुंबई लीग में अच्छा प्रदर्शन के कारण धनराज पिल्लै के अंदर एक आशा जागी थी कि उन्हें ओलंपिक (1988) के लिए नेशनल कैंप से बुलावा ज़रूर आएगा, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनका नाम 57 खिलाड़ियों की लिस्ट में भी नहीं था। उस समय उन्हें बहुत निराशा महसूस हुई थी।

प्रश्न 17. धनराज को कब लगा की वो एक मशहूर चेहरा बन चुके हैं?
उत्तर – धनराज जी अपनी मेहनत के बलबूते पर मशहूर तो हो गए थे परन्तु इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वे तब भी मुंबई की लोकल ट्रेनों और बसों में सफ़र किया करते थे। क्योंकि उस समय भी टैक्सी में चढ़ना उनकी आर्थिक स्थिति के बाहर था। एक बार किसी फ़ोटोग्राफ़र ने एक भीड़ से भरे रेलवे स्टेशन पर उनकी तस्वीर खींचकर अगली सुबह अखबार में छाप दी थी और उसके साथ ही यह खबर भी छापी गई कि ‘हॉकी का सितारा पिल्लै अभी भी मुंबई की लोकल ट्रेनों में सफ़र करता है।’ उस दिन उन्होंने महसूस किया कि अब वे एक मशहूर चेहरा बन चुके हैं और उन्हें लोकल ट्रेनों में सफ़र करने से अब बचना चाहिए।

प्रश्न 18. धनराज पिल्लै तुनुकमिज़ाज क्यों हो गए थे ?
उत्तर – धनराज को तुनुकमिज़ाज होने के पीछे अपने जीवन के संघर्ष है। धनराज अपने इंटरव्यू में बताया है कि वे हमेशा से ही अपने आपको बहुत असुरक्षित महसूस करते रहे थे। उन्होंने अपनी माँ को देखा है कि किस तरह उनका और उनके भाइयों का पालन – पोषण करने के लिए संघर्ष किया है। वे अपनी तुनुकमिज़ाजी के पीछे कई वजहें बताते हैं। वे कहते हैं कि उनके मन में जो आता है वे सीधे – सीधे कह देते हैं और इसी कारण बाद में उन्हें कई बार अपनी बेपाकि पर पछताना भी पड़ता है। अपने गुस्से के बारे में वे कहते हैं कि उनसे अपना गुस्सा रोका नहीं जाता और दूसरे लोगों को भी उन्हें उकसाने में मज़ा आता है। धनराज जी कहते हैं कि उन्हें अपनी जिंदगी में उनकी जरूरत की हर छोटी – बड़ी चीज़ों के लिए संघर्ष करना पड़ा, जिसका परिणाम यह हुआ की वे चिड़चिड़े हो गए। साथ – ही – साथ वे बहुत भावुक इनसान भी हैं। वे किसी को भी तकलीफ़ में नहीं देख सकते। वे अपने दोस्तों और अपने परिवार का भी बहुत कद्र करते हैं। और अगर उनसे कोई गलती भी हो जाती है तो उन्हें अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगने में भी कोई शर्म महसूस नहीं होती है।

 

 

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