Utsah Aur At Nahi Rahi Hai Question Answers

 

NCERT Solutions for Class 10 Hindi A Kshitij Bhag 2 Book Chapter 4 उत्साह और अट नहीं रही है Question Answers

 

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Class 10 Hindi Utsah Aur At Nahi Rahi Hai Lesson 4– Extract Based Questions (पठित काव्यांश)

 

उत्साह पाठ पर आधारित पठित काव्यांश – 

1 –

बादल , गरजो !

घेर घेर घोर गगन , धाराधर ओ !

ललित ललित , काले घुंघराले ,

बाल कल्पना के – से पाले ,

विद्युत छबि उर में , कवि नवजीवन वाले !

वज्र छिपा , नूतन कविता

फिर भर दो –

बादल गरजो !

विकल विकल , उन्मन थे उन्मन

विश्व के निदाघ के सकल जन ,

आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन !

तप्त धरा , जल से फिर

शीतल कर दो

बादल , गरजो !

 

प्रश्न 1 – “घेर घेर घोर गगन” में कौन सा अलंकार है?

(क) अनुप्रास अलंकार

(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार

(ग) रूपक अलंकार

(घ) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

उत्तर – (क) अनुप्रास अलंकार

 

प्रश्न 2 – कवि ने बादलों की तुलना किससे की है?

(क) कल्पनाओं

(ख) बच्चों

(ग) कवि

(घ) समय

उत्तर – (ग) कवि

 

प्रश्न 3 – किसके जरिए कवि निराश , हताश लोगों के मन में एक नई आशा का संचार करने को कहता है?

(क) कल्पना 

(ख) प्रोत्साहन 

(ग) लेखन

(घ) कविता

उत्तर – (घ) कविता

 

प्रश्न 4 – संसार के सभी लोग किसके कारण बेहाल है?

(क) अत्यधिक सर्दी 

(ख) अत्यधिक गर्मी

(ग) अत्यधिक वर्षा 

(घ) अत्यधिक ठण्ड 

उत्तर – (ख) अत्यधिक गर्मी

 

प्रश्न 5 – बादलों को अज्ञात दिशा से आये हुए क्यों कहा गया है?

(क) क्योंकि बादलों के आने की एक निश्चित दिशा होती हैं

(ख) क्योंकि बादलों के आने का कोई समय नहीं होता हैं

(ग) क्योंकि बादलों के आने की कोई निश्चित दिशा नहीं होती हैं

(घ) क्योंकि बादलों अपनी मर्ज़ी के मालिक होते हैं

उत्तर – (ग) क्योंकि बादलों के आने की कोई निश्चित दिशा नहीं होती हैं

 

 

अट नहीं रही है पाठ पर आधारित पठित काव्यांश –

 

1

अट नहीं रही है

आभा फागुन की तन

सट नहीं रही है।

कहीं साँस लेते हो ,

घर – घर भर देते हो ,

उड़ने को नभ में तुम

पर – पर कर देते हो ,

आँख हटाता हूँ तो

हट नहीं रही है।

पत्तों से लदी डाल

कहीं हरी , कहीं लाल ,

कहीं पड़ी है उर में

मंद गंध पुष्प माल ,

पाट – पाट शोभा श्री

पट नहीं रही है।

 

प्रश्न 1 – अट नहीं रही है, कविता में किसका वर्णन किया गया है?

(क) चैत्र माह में आने वाली वसंत ऋतु का वर्णन

(ख) फागुन माह में आने वाली वसंत ऋतु का वर्णन

(ग) फागुन माह में आने वाली सावन ऋतु का वर्णन

(घ) चैत्र माह में आने वाली सावन ऋतु का वर्णन

उत्तर – (ख) फागुन माह में आने वाली वसंत ऋतु का वर्णन

 

प्रश्न 2 – कवि का मन किससे नजर हटाने को नहीं करता?

(क) फागुन में होने वाली बादलों की गर्जना से

(ख) सावन की आभा अर्थात सुंदरता से

(ग) फागुन की आभा अर्थात सुंदरता से

(घ) प्रकृति की सुंदरता से

उत्तर – (ग) फागुन की आभा अर्थात सुंदरता से

 

प्रश्न 3 – कवि ने वसंत ऋतू का वर्णन किस प्रकार किया है?

(क) वसंत ऋतु में हर ओर हरियाली और फूलों की खुशबु फैल जाती है

(ख) वसंत ऋतु में ऐसा लगता हैं मानो जैसे फागुन ख़ुद सांस ले रहा हो और सुगन्धित वातावरण से हर घर को महका रहा हो

(ग) वसंत ऋतु में ऐसा एहसास होता है जैसे फागुन माह आसमान में उड़ने के लिए अपने पंख फड़फड़ा रहे हो

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 4 – फागुन माह में प्रकृति में क्या परिवर्तन होता है?

(क) पेड़ों पर नए पत्ते निकल आते हैं , जो कई रंगों के होते हैं

(ख) कहीं – कहीं पर कुछ पेड़ों में लगता है कि धीमी – धीमी खुशबू देने वाले फूलों की माला लटकी हुई है

(ग) हर तरफ सुंदरता बिखरी पड़ी है और वह इतनी अधिक है कि धरा पर समा नहीं रही है

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 5 – ‘अट नहीं रही है’, कविता की क्या विशेषता है?

(क) यह प्रकृति की सुंदरता को दिखती है

(ख) इसमें फागुन माह का मानवीकरण किया गया है

(ग) यह एक शृंगार रस प्रधान कविता है

(घ) कवि ने अपनी कल्पनाओं को रचा है

उत्तर – (ख) इसमें फागुन माह का मानवीकरण किया गया है

 

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Class 10 Hindi Utsah Aur At Nahi Rahi Hai Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)

 

उत्साह पाठ पर आधारित कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

 

प्रश्न 1 – कवि बादलों से क्या निवेदन कर रहे हैं?

उत्तर – कवि बादलों से जोर – जोर से गरजने का निवेदन कर रहे हैं और बादलों से कहते हैं कि हे बादल ! तुम जोरदार गर्जना अर्थात जोरदार आवाज करो और आकाश को चारों तरफ से , पूरी तरह से घेर लो यानि इस पूरे आकाश में भयानक रूप से छा जाओ और फिर जोरदार तरीके से बरसो क्योंकि यह समय शान्त होकर बरसने का नहीं हैं।

 

प्रश्न 2 – कवि ने बादलों के रूप-सौंदर्य का वर्णन किस प्रकार किया है?

उत्तर – कवि ने बाड़नों के रूप सौंदर्य का वर्णन अत्यधिक सुंदरता से किया हैं। कवि कहते हैं किबादल  सुंदर – सुंदर , काले घुंघराले अर्थात  गोल – गोल छल्ले के आकार के समान हैं। बादल किसी छोटे बच्चे की कल्पना की तरह होते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि जैसे छोटे बच्चों की कल्पनाएँ ( इच्छाएँ )  पल – पल बदलती रहती हैं तथा हर पल उनके मन में नई – नई बातें या कल्पनाएँ जन्म लेती हैं। ठीक उसी प्रकार बादल भी आकाश में हर पल अपना रूप यानि आकार बदलते रहते हैं।

 

प्रश्न 3 – कवि ने बादलों की तुलना कवि से क्यों की है?

उत्तर – कवि बादलों से चाहते हैं कि वे अपने हृदय में बिजली के समान ऊर्जा वाले विचारों को जन्म दें और फिर उनसे एक नई कविता का सृजन करें। कवि ने बादलों की तुलना कवि से की है क्योंकि जिस प्रकार बादल धरती के सभी प्राणियों को नया जीवन प्रदान करते हैं , उसी प्रकार कवि भी हमारे अंदर के सोये हुए साहस को जगाते हैं। कवि बादलों से यह भी निवेदन करते हैं कि बादल अपनी कविता से निराश, हताश लोगों के मन में एक नई आशा का संचार करें। बादल जोरदार आवाज के साथ गरजें ताकि लोगों में फिर से नया उत्साह भर जाए।

 

प्रश्न 4 – अत्यधिक गर्मी से लोगों की क्या स्थिति है और कवि बादलों से इसका कैसे निवारण करने को कहतें हैं?

उत्तर – अत्यधिक गर्मी से संसार के सभी लोग बेहाल है, व्याकुल है और अत्यधिक गर्मी के कारण अब उनका मन कहीं नहीं लग रहा है। अज्ञात दिशा से आये हुए और पूरे आकाश पर छाये हुए घने काले बादलों से कवि कहते हैं कि वे घनघोर वर्षा करें, तपती धरती को अपने जल से शीतल करें। वे जोरदार आवाज के साथ गरज़े और लोगों के मन में नया उत्साह भर दें।

 

प्रश्न 5 – उत्साह कविता का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – उत्साह कविता में कवि बादलों को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि तुम जोरदार गर्जना करो और अपनी गर्जना से सोये हुए लोगों को जागृत करो , उनके अंदर एक नया उत्साह , एक नया जोश भर दो। कवि बादलों को एक कवि के रूप में देखते हैं जो अपनी कविता से धरती को नवजीवन देते हैं क्योंकि बादलों के बरसने के साथ ही धरती पर नया जीवन शुरु होता हैं। पानी मिलने से बीज अंकुरित होते हैं और नये – नये पौधें उगने शुरू हो जाते हैं। धरती हरी – भरी होनी शुरू हो जाती हैं। लोगों की सोई चेतना भी जागृत होती है। अत्यधिक गर्मी से परेशान लोग जब धरती पर वर्षा हो जाने के बाद भीषण गर्मी से राहत पाते हैं , तो उनका मन फिर से नये उत्साह व उमंग से भर जाता है। इसी कारण कवि बादलों से निवेदन करते हैं कि वो जोरदार बरसात कर धरती को ठंडक दें और लोगों में नया उत्साह भर दे।

 

अट नहीं रही है पाठ पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर –

 

प्रश्न 1 – फागुन माह का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर – होली के वक्त जो मौसम होता है, उसे फागुन कहते हैं। उस समय प्रकृति अपने चरम सौंदर्य पर होती है और मस्ती से इठलाती है। फागुन के समय पेड़ हरियाली से भर जाते हैं और उन पर रंग-बिरंगे सुगन्धित फूल उग जाते हैं। इसी कारण जब हवा चलती है, तो फूलों की नशीली ख़ुशबू उसमें घुल जाती है। इस हवा में सारे लोगों पर भी मस्ती छा जाती है, वो काबू में नहीं कर पाते और मस्ती में झूमने लगते हैं। फागुन माह में ऐसा लगता हैं मानो प्रकृति एक बार फिर दुल्हन की तरह सज धज कर तैयार हो गयी हैं क्योंकि वसंत ऋतु के आगमन से सभी पेड़-पौधे नई-नई कोपलों व रंग-बिरंगे फूलों से लद जाते हैं। और जब भी हवा चलती हैं तो सारा वातावरण उन फूलों की मधुर खुशबू से महक उठता हैं। हर तरफ सुंदरता बिखरी पड़ी होती है और वह इतनी अधिक होती है कि उस पर से नजर हटाने को मन ही नहीं करता।

 

प्रश्न 2 – कवि वसंत ऋतू से क्यों कहते हैं कि ‘मैं अपनी आँखें तुमसे हटाना तो चाहता हूँ लेकिन मेरी आँखें तुम पर से हट ही नहीं रही हैं।’?

उत्तर – जब वसंत ऋतु में हर ओर हरियाली और फूलों की खुशबु फैल जाती है। उस समय कवि को ऐसा लगता हैं मानो जैसे फागुन ख़ुद सांस ले रहा हो और सुगन्धित वातावरण से हर घर को महका रहा हो। कवि आगे कहते हैं कि कभी – कभी मुझे ऐसा एहसास होता है जैसे तुम ( फागुन माह ) आसमान में उड़ने के लिए अपने पंख फड़फड़ा रहे हो। कवि वसंत ऋतु की सुंदरता पर मोहित हैं। इसीलिए वो कहते हैं कि मैं अपनी आँखें तुमसे हटाना तो चाहता हूँ लेकिन मेरी आँखें तुम पर से हट ही नहीं रही हैं।

 

प्रश्न 3 – वसंत ऋतु में प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन आते है?

उत्तर – वसंत ऋतु में चारों ओर मनमोहक वातावरण होता हैं। सभी पेड़ – पौधों की शाखाओं में नये – नये – कोमल पत्ते निकल आते हैं , जिसके कारण चारों तरफ के पेड़ हरे एवं लाल दिखाई देते हैं क्योंकि पेड़ों पर हरे पत्तों के बीच लाल फूल उग आते हैं। उस समय ऐसा लगते हैं मानो जैसे प्रकृति ने अपने हृदय पर रंग – बिरंगी धीमी खुशबू देने वाली कोई सुंदर सी माला पहन रखी हो। वसंत ऋतु में प्रकृति के कण – कण में अर्थात जगह – जगह इतनी सुंदरता बिखरी पड़ी है कि अब वह इस पृथ्वी में समा नहीं पा रही है। फागुन के महीने में यहाँ प्रकृति में होने वाले बदलावों से सभी प्राणी बेहद ख़ुश हो जाते हैं।

 

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Class 10 Hindi A Kshitij Lesson 4 Utsah Aur At Nahi Rahi Hai Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)

 

उत्साह पाठ पर आधारित कुछ बहुविकल्पात्मक प्रश्नोत्तर

 

प्रश्न 1 – कवि, बादल रूपी कवि को क्यों बुला रहे हैं?

(क) लोगों की प्यास बुझाने के लिए

(ख) लोगों को गर्मी में राहत देने के लिए

(ग) लोगों को फिर से जागृत करने के लिए

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (ग) लोगों को फिर से जागृत करने के लिए

 

प्रश्न 2 – उत्साह कविता में “धराधर”, किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

(क) बादलों के लिए

(ख) धरती के लिए

(ग) पेड़ो के लिए

(घ) मिट्टी के लिए

उत्तर – (क) बादलों के लिए

 

प्रश्न 3 – “घेर घेर” में कौन सा अलंकार है?

(क) अनुप्रास अलंकार

(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार

(ग) रूपक अलंकार

(घ) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

उत्तर – (घ) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

 

प्रश्न 4 – छोटे बच्चों की कल्पनाओं की तरह आकाश में हर पल अपना रूप या आकार कौन बदल रहा हैं?

(क) हवा

(ख) बादल

(ग) सूरज

(घ) गर्मी

उत्तर – (ख) बादल

 

प्रश्न 5 – “वज्र-छिपा है”, में “वज्र” का क्या अर्थ हैं?

(क) बादलों से बरसने वाले ओले

(ख) बादलों के बीच कड़कने वाली बिजली

(ग) बादलों से बरसने वाला तेज़ पानी

(घ) बादलों से आने वाली गर्जन की आवाज

उत्तर – (ख) बादलों के बीच कड़कने वाली बिजली

 

प्रश्न 6 – पूरे आकाश पर छाये हुए घने काले बादल किस दिशा से आते हैं?

(क) अज्ञात दिशा से

(ख) पूर्व दिशा से

(ग) निश्चित दिशा से

(घ) दक्षिण दिशा से

उत्तर – (क) अज्ञात दिशा से

 

प्रश्न 7 – संसार के सभी लोग क्यों व्याकुल एवं परेशान है?

(क) तर्ज़ वर्षा के कारण

(ख) भयंकर गर्मी के कारण

(ग) कवि की कविताओं के कारण

(घ) बादलों के कारण

उत्तर – (ख) भयंकर गर्मी के कारण

 

प्रश्न 8 – कवि ने बादलों को गरज कर बरसने के लिए क्यों कहा?

(क) ताकि समाज में सुख और शांति फैल सके

(ख) ताकि समाज में गर्मी का प्रकोप शांत हो सके

(ग) ताकि समाज में जोश और क्रांति फैल सके

(घ) ताकि समाज में लोग एक दूसरे को समझ सके

उत्तर – (ग) ताकि समाज में जोश और क्रांति फैल सके

 

प्रश्न 9 – उत्साह कविता में, कवि ने बादलों को किसका प्रतीक बताया है?

(क) नवचेतना का

(ख) क्रांति का

(ग) जागृति का

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 10 – कवि के अनुसार नूतन कविता कैसी होनी चाहिए?

(क) संसार के लोगों में जोश भर देने वाली

(ख) संसार के लोगों को शांति देने वाली

(ग) संसार में सुख-शांति देने वाली

(घ) संसार में नया प्राण भरने वाली

उत्तर – (क) संसार के लोगों में जोश भर देने वाली

 

 

अट नहीं रही है पाठ पर आधारित कुछ बहुविकल्पात्मक पतश्नोतर –

 

प्रश्न 1 – “अट नहीं रही है” , कविता में किस मास का वर्णन किया है?

(क) चैत्र मास का

(ख) सावन मास का

(ग) फाल्गुन मास का

(घ) पोष मास का

उत्तर – (ग) फाल्गुन मास का

 

प्रश्न 2 – “अट” शब्द का क्या अर्थ है?

(क) समाना

(ख) सिमटना

(ग) खंडित

(घ) अटकना

उत्तर – (क) समाना

 

प्रश्न 3 – कवि के अनुसार प्रकृति में क्या “अट नहीं रही है”?

(क) सावन मास की प्राकृतिक सुंदरता

(ख) चैत्र मास की प्राकृतिक सुंदरता

(ग) आषाढ़ मास की प्राकृतिक सुंदरता

(घ) फागुन मास की प्राकृतिक सुंदरता

उत्तर – (घ) फागुन मास की प्राकृतिक सुंदरता

 

प्रश्न 4 – फाल्गुन माह में पेड़-पौधे कैसे लगते हैं? हरे -भरे पेड़ -पौधे व रंग -बिरंगे फूल पत्तों से शुशोभित अति सुंदर

(क) हरे-भरे

(ख) रंग-बिरंगे फूल शुशोभित

(ग) रंग-बिरंगे पत्तों से शुशोभित

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 5 – इस कविता में “साँस लेते हो” का क्या अर्थ है?

(क) सुगंधित हवाओं का बहना

(ख) प्रकृति का जीवित होना

(ग) पेड़-पौधों का हिलना

(घ) हवा का चलना 

उत्तर – (क) सुगंधित हवाओं का बहना

 

प्रश्न 6 – “कहीं साँस लेते हो , घर-घर भर देते हो ” , पंक्ति में कौन सा अलंकार हैं?

(क) अनुप्रास अलंकार

(ख) रूपक अलंकार

(ग) मानवीकरण अलंकार

(घ) पुनरुक्ति अलंकार

उत्तर – (ग) मानवीकरण अलंकार

 

प्रश्न 7 – कवि का मन कहाँ से आंख हटाने का नहीं कर रहा है?

(क) हरे भरे पेड़ पौधे से

(ख) रंग बिरंगी फूल-पत्तों से

(ग) प्राकृतिक सुंदरता से

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 8 – ‘पाट-पाट’ का क्या अर्थ है?

(क) पतला सा

(ख) जगह-जगह

(ग) बैठने की जगह

(घ) पटकना

उत्तर – (ख) जगह-जगह

 

प्रश्न 9 – “शोभाश्री” का क्या अर्थ है?

(क) सौंदर्य

(ख) सुशोभित

(ग) शोभनीय

(घ) सुंदर स्त्री

उत्तर – (क) सौंदर्य

 

प्रश्न 10 – कवि के अनुसार आसमान में उड़ने के लिए कौन अपने पंख फड़फड़ा रहा हैं?

(क) कवि की कविता

(ख) बसंत ऋतु

(ग) फागुन माह

(घ) प्राकृतिक सुंदरता

उत्तर – (ग) फागुन माह

 

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