NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 तुम कब जाओगे अतिथि Important Question Answers Lesson 3

Class 9 Hindi Tum Kab Jaoge Atithi Question Answers – Looking for Tum Kab Jaoge Atithi question answers for CBSE Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 Book Lesson 3? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

 सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग 1 पुस्तक पाठ 3 के लिए तुम कब जाओगे अतिथि प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे तुम कब जाओगे अतिथि प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

 The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

 Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

Class 9 Hindi तुम कब जाओगे अतिथि Question Answers Lesson 3 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)


गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –

1)

आज तुम्हारे आगमन के चतुर्थ दिवस पर यह प्रश्न बार-बार मन में घुमड़ रहा है- तुम कब जाओगे, अतिथि?
तुम जहाँ बैठे निस्संकोच सिगरेट का धुआँ फेंक रहे हो, उसके ठीक सामने एक कैलेंडर है। देख रहे हो ना! इसकी तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ाती रहती हैं। विगत दो दिनों से मैं तुम्हें दिखाकर तारीखें बदल रहा हूँ। तुम जानते हो, अगर तुम्हें हिसाब लगाना आता है कि यह चौथा दिन है, तुम्हारे सतत आतिथ्य का चौथा भारी दिन! पर तुम्हारे जाने की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती। लाखों मील लंबी यात्रा करने के बाद वे दोनों एस्ट्रॉनाट्स भी इतने समय चाँद पर नहीं रुके थे, जितने समय तुम एक छोटी-सी यात्रा कर मेरे घर आए हो। तुम अपने भारी चरण-कमलों की छाप मेरी ज़मीन पर अंकित कर चुके, तुमने एक अंतरंग निजी संबंध मुझसे स्थापित कर लिया। 

 

i. अतिथि कितने दिन तक लेखक के घर में रुका?
(क) 1
(ख) 2
(ग) 3
(घ) 4
उत्तर: (घ) 4

ii. अतिथि किसके सामने सिगरेट पी रहा था?
(क) लेखक के सामने
(ख) लेखक की पत्नी के सामने
(ग) लेखक के बच्चो के सामने
(घ) कैलेंडर के सामने
उत्तर: (घ) कैलेंडर के सामने

iii. लेखक ने अतिथि की तुलना किससे की?
(क) एस्ट्रोनॉट से
(ख) कैलेंडर से
(ग) सिगरेट से
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) एस्ट्रोनॉट से

iv. लेखक से अतरंग निजी संबंध किसने स्थापित किया?
(क) लेखक के दूर के दोस्त ने
(ख) अतिथि ने
(ग) लेखक के बचपन के दोस्त ने
(घ) लेखिका के मामा के लड़के ने
उत्तर: (ख) अतिथि ने

2)
तुमने मेरी आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्टान देख ली; तुम मेरी काफ़ी मिट्टी खोद चुके। अब तुम लौट जाओ, अतिथि! तुम्हारे जाने के लिए यह उच्च समय अर्थात हाईटाइम है। क्या तुम्हें तुम्हारी पृथ्वी नहीं पुकारती?
उस दिन जब तुम आए थे, मेरा हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा था। अंदर-ही-अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया। उसके बावजूद एक स्नेह-भीगी मुसकराहट के साथ मैं तुमसे गले मिला था और मेरी पत्नी ने तुम्हें सादर नमस्ते की थी। तुम्हारे सम्मान में ओ अतिथि, हमने रात के भोजन को एकाएक उच्च-मध्यम वर्ग के डिनर में बदल दिया था। तुम्हें स्मरण होगा कि दो सब्जियों और रायते के अलावा हमने मीठा भी बनाया था। इस सारे उत्साह और लगन के मूल में एक आशा थी।

 

i. किसने लेखक की आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्टान देख ली?
(क) लेखक की पत्नी की मां ने
(ख) लेखक के दोस्तों ने
(ग) लेखक के ममेरे भाई ने
(घ) अतिथि ने
उत्तर: (घ) अतिथि ने

ii. कौन लेखक की काफ़ी मिट्टी खोद चुका है?
(क) लेखक की पत्नी की मां ने
(ख) लेखक के दोस्तों ने
(ग) लेखक के ममेरे भाई ने
(घ) अतिथि ने
उत्तर: (घ) अतिथि ने

iii. किसके आने से हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा था?
(क) लेखक की पत्नी की मां के
(ख) अतिथि के
(ग) लेखक के ममेरे भाई के
(घ) लेखक के दोस्तों के
उत्तर: (ख) अतिथि के

iv. लेखक की पत्नी ने अतिथि के सत्कार के लिए डिनर में अतिरिक्त क्या बनाया?
(क) मीठा
(ख) चिकन
(ग) खीर
(घ) मैगी
उत्तर: (क) मीठा

3)
आशा थी कि दूसरे दिन किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाज़ी की छाप अपने हृदय में ले तुम चले जाओगे। हम तुमसे रुकने के लिए आग्रह करेंगे, मगर तुम नहीं मानोगे
और एक अच्छे अतिथि की तरह चले जाओगे। पर ऐसा नहीं हुआ! दूसरे दिन भी तुम अपनी अतिथि-सुलभ मुसकान लिए घर में ही बने रहे। हमने अपनी पीड़ा पी ली और प्रसन्‍न बने रहे। स्वागत-सत्कार के जिस उच्च बिंदु पर हम तुम्हें ले जा चुके थे, वहाँ से नीचे उतर हमने फिर दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की और रात्रि को तुम्हें सिनेमा दिखाया। हमारे सत्कार का यह आखिरी छोर है, जिससे आगे हम किसी के लिए नहीं बढे। इसके तुरंत बाद भावभीनी विदाई का वह भीगा हुआ क्षण आ जाना चाहिए था, जब तुम विदा होते और हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने जाते। पर तुमने ऐसा नहीं किया।तीसरे दिन की सुबह तुमने मुझसे कहा, “मैं धोबी को कपड़े देना चाहता हूँ।”

 

i.दोपहर के भोजन को किसकी गरिमा मिली?
(क) लंच
(ख) डिनर
(ग) मील
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (क) लंच

ii. लेखक अतिथि को रात्रि में क्या दिखाया?
(क) नाटक
(ख) सिनेमा
(ग) नौटंकी
(घ) रामलीला
उत्तर: (ख) सिनेमा

iii. लेखक के सत्कार का आखिरी छोर क्या था?
(क) शॉपिंग कराना
(ख) 5 स्टार होटल में डिनर करवाना
(ग) सिनेमा दिखाना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग) सिनेमा दिखाना

iv. तीसरे दिन की सुबह अतिथि ने लेखक से क्या कहा?
(क) धोबी को कपड़े देने के लिए
(ख) शॉपिंग करवाने के लिए
(ग) सिनेमा दिखाने के लिए
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) धोबी को कपड़े देने के लिए

 

4)
यह आघात अप्रत्याशित था और इसकी चोट मार्मिक थी। तुम्हारे सामीप्य की वेला एकाएक यों रबर की तरह खिंच जाएगी, इसका मुझे अनुमान न था। पहली बार मुझे लगा कि “किसी लॉण्ड्री पर दे देते हैं, जल्दी धुल जाएँगे।” मैंने कहा। मन-ही-मन एक विश्वास पल रहा था कि तुम्हें जल्दी जाना है।
“कहाँ है लॉण्ड्री?” “चलो चलते हैं।” मैंने कहा और अपनी सहज बनियान पर औपचारिक कुर्ता डालने लगा।
“कहाँ जा रहे हैं?” पत्नी ने पूछा।
“इनके कपड़े लॉण्ड्री पर देने हैं।” मैंने कहा।
मेरी पत्नी की आँखें एकाएक बड़ी-बड़ी हो गईं। आज से कुछ बरस पूर्व उनकी ऐसी आँखें देख मैंने अपने अकेलेपन की यात्रा समाप्त कर बिस्तर खोल दिया था। पर अब जब वे ही आँखें बड़ी होती हैं तो मन छोटा होने लगता है। वे इस आशंका और भय से बड़ी हुई थीं कि अतिथि अधिक दिनों ठहरेगा।

 

i. कौन सा आघात अप्रत्याशित था?
(क) जब अतिथि शॉपिंग करने को बोला
(ख) जब अतिथि लॉन्ड्री के लिए बोला
(ग) जब अतिथि फाइव स्टार होटल में खाना खाने के लिए बोलो
(घ) जब अतिथि सिनेमा दिखाने के लिए बोला
उत्तर: (ख) जब अतिथि लॉन्ड्री के लिए बोला

ii. लेखक की पत्नी की आखें बड़ी क्यों हो गई?
(क) लेखक के घायल हो जाने से
(ख) अतिथि के और दिन तक रुकने का सोचकर
(ग) बच्चे की शरारत से गुस्सा होकर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ख) अतिथि के और दिन तक रुकने का सोचकर

iii. किसके सामीप्य की बेला एकाएक रबड़ की तरह खींच रही थी?
(क) अतिथि की
(ख) लेखक की
(ग) लेखक की पत्नी की
(घ) लेखक के बच्चों की
उत्तर: (क) अतिथि की

iv. किसकी आखें बड़ी होने से लेखक का दिल छोटा होने लगा?
(क) अतिथि की
(ख) लेखक के दोस्त की
(ग) लेखक की पत्नी की
(घ) लेखक के बच्चों की
उत्तर: (ग) लेखक की पत्नी की

5)
तुम्हें देखकर फूट पड़नेवाली मुसकराहट धीरे-धीरे फीकी पड़कर अब लुप्त हो गई है। ठहाकों के रंगीन गुब्बारे, जो कल तक इस कमरे के आकाश में उड़ते थे, अब दिखाई नहीं पड़ते। बातचीत की उछलती हुई गेंद चर्चा के क्षेत्र के सभी कोनलों से टप्पे खाकर फिर सेंटर में आकर चुप पड़ी है। अब इसे न तुम हिला रहे हो, न मैं। कल से मैं उपन्यास पढ़ रहा हूँ और तुम फिल्‍मी पत्रिका के पन्‍ने पलट रहे हो। शब्दों का लेन-देन मिट गया और चर्चा के विषय चुक गए। परिवार, बच्चे, नौकरी, फिल्म, राजनीति, रिश्तेदारी, तबादले, पुराने दोस्त, परिवार-नियोजन, मँँहगाई, साहित्य और यहाँ तक कि आँख मार-मारकर हमने पुरानी प्रेमिकाओं का भी ज़िक्र कर लिया और अब एक चुप्पी है। सौहार्द अब शनै:-शने: बोरियत में रूपांतरित हो रहा है। भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण कर रही हैं, पर तुम जा नहीं रहे। किस अदृश्य गोंद से तुम्हारा व्यक्तित्व यहाँ चिपक गया है, मैं इस भेद को सपरिवार नहीं समझ पा रहा हूँ। बार-बार यह प्रश्न उठ रहा है- तुम कब जाओगे, अतिथि?
अपने बिस्तर को गोलाकार रूप नहीं प्रदान करते तो हमें उपवास तक जाना होगा। तुम्हारे-मेरे संबंध एक संक्रमण के दौर से गुज़र रहे हैं। तुम्हारे जाने का यह चरम क्षण है। तुम जाओ न अतिथि!

 

i. किसको देखकर लेखक की मुस्कुराहट फूट पड़ती थी?
(क) अतिथि को
(ख) अपनी पत्नी को
(ग) अपने बच्चों को
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) अतिथि की

ii. सौहार्द किसमे बदल गया?
(क) नफरत में
(ख) जलन में
(ग) दुख में
(घ) बोरियत में
उत्तर: (घ) बोरियत में

iii. भावनाएं किसका रूप ले रही?
(क) नफरत का
(ख) दुख का
(ग) गाली का
(घ) बोरियत में
उत्तर: (ग) गाली का

iv. लेखक के साथ किसके संबंध संक्रमण के दौर से गुज़र रहे?
(क) पत्नी के
(ख) अतिथि के
(ग) पड़ोसी के
(घ) बच्चों के
उत्तर: (ख) अतिथि के

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Class 9 Hindi Sparsh Lesson 3 तुम कब जाओगे अतिथि बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

 

Q1. भावनाएं किसका रूप ले रही?
(क) नफरत का
(ख) दुख का
(ग) गाली का
(घ) बोरियत में
उत्तर: (ग) गाली का

Q2. लेखक के साथ किसके संबंध संक्रमण के दौर से गुज़र रहे?
(क) पत्नी के
(ख) अतिथि के
(ग) पड़ोसी के
(घ) बच्चों के
उत्तर: (ख) अतिथि के

Q3. अतिथि किसके सामने सिगरेट पी रहा था?
(क) लेखक के सामने
(ख) लेखक की पत्नी के सामने
(ग) लेखक के बच्चो के सामने
(घ) कैलेंडर के सामने
उत्तर: (घ) कैलेंडर के सामने

Q4. किसकी आखें बड़ी होने से लेखक का दिल छोटा होने लगा?
(क) अतिथि की
(ख) लेखक के दोस्त की
(ग) लेखक की पत्नी की
(घ) लेखक के बच्चों की
उत्तर: (ग) लेखक की पत्नी की

Q5. अतिथि कितने दिन तक लेखक के घर में रुका?
(क) 1
(ख) 2
(ग) 3
(घ) 4
उत्तर: (घ) 4

Q6 किसको देखकर लेखक की मुस्कुराहट फूट पड़ती थी?
(क) अतिथि को
(ख) अपनी पत्नी को
(ग) अपने बच्चों को
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) अतिथि की

Q7. किसके सामीप्य की बेला एकाएक रबड़ की तरह खींच रही थी?
(क) अतिथि की
(ख) लेखक की
(ग) लेखक की पत्नी की
(घ) लेखक के बच्चों की
उत्तर: (क) अतिथि की

Q8 लेखक से अतरंग निजी संबंध किसने स्थापित किया?
(क) लेखक के दूर के दोस्त ने
(ख) अतिथि ने
(ग) लेखक के बचपन के दोस्त ने
(घ) लेखिका के मामा के लड़के ने
उत्तर: (ख) अतिथि ने

Q9 सौहार्द किसमे बदल गया?
(क) नफरत में
(ख) जलन में
(ग) दुख में
(घ) बोरियत में
उत्तर: (घ) बोरियत में

Q10. लेखक की पत्नी की आखें बड़ी क्यों हो गई?
(क) लेखक के घायल हो जाने से
(ख) अतिथि के और दिन तक रुकने का सोचकर
(ग) बच्चे की शरारत से गुस्सा होकर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ख) अतिथि के और दिन तक रुकने का सोचकर

Q11. कौन सा आघात अप्रत्याशित था?
(क) जब अतिथि शॉपिंग करने को बोला
(ख) जब अतिथि लॉन्ड्री के लिए बोला
(ग) जब अतिथि फाइव स्टार होटल में खाना खाने के लिए बोलो
(घ) जब अतिथि सिनेमा दिखाने के लिए बोला
उत्तर: (ख) जब अतिथि लॉन्ड्री के लिए बोला

Q12. तीसरे दिन की सुबह अतिथि ने लेखक से क्या कहा?
(क) धोबी को कपड़े देने के लिए
(ख) शॉपिंग करवाने के लिए
(ग) सिनेमा दिखाने के लिए
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) धोबी को कपड़े देने के लिए

Q13. लेखक के सत्कार का आखिरी छोर क्या था?
(क) शॉपिंग कराना
(ख) 5 स्टार होटल में डिनर करवाना
(ग) सिनेमा दिखाना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग) सिनेमा दिखाना

Q14. दोपहर के भोजन को किसकी गरिमा मिली?
(क) लंच
(ख) डिनर
(ग) मील
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (क) लंच

Q15. लेखक अतिथि को रात्रि में क्या दिखाया?
(क) नाटक
(ख) सिनेमा
(ग) नौटंकी
(घ) रामलीला
उत्तर: (ख) सिनेमा

Q16. किसने लेखक की आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्टान देख ली?
(क) लेखक की पत्नी की मां ने
(ख) लेखक के दोस्तों ने
(ग) लेखक के ममेरे भाई ने
(घ) अतिथि ने
उत्तर: (घ) अतिथि ने

Q17. कौन लेखक की काफ़ी मिट्टी खोद चुका है?
(क) लेखक की पत्नी की मां ने
(ख) लेखक के दोस्तों ने
(ग) लेखक के ममेरे भाई ने
(घ) अतिथि ने
उत्तर: (घ) अतिथि ने

Q18. किसके आने से हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा था?
(क) लेखक की पत्नी की मां के
(ख) अतिथि के
(ग) लेखक के ममेरे भाई के
(घ) लेखक के दोस्तों के
उत्तर: (ख) अतिथि के

Q19. लेखक की पत्नी ने अतिथि के सत्कार के लिए डिनर में अतिरिक्त क्या बनाया?
(क) मीठा
(ख) चिकन
(ग) खीर
(घ) मैगी
उत्तर: (क) मीठा

Q20. लेखक ने राक्षस किसको बोला?
(क) अपनी पत्नी को
(ख) बच्चो को
(ग) पड़ोसी को
(घ) अतिथि को
उत्तर: (घ) अतिथि को

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Class 9 Hindi तुम कब जाओगे अतिथि प्रश्न और उत्तर (including questions from Previous Years Question Papers)

Q1. अतिथि के 4 दिन तक रुकने से लेखक के मन में क्या विचार आ रहा था?
उत्तर: अतिथि के 4 दिन तक रुकने से लेखक सोच रहा था कि लाखों मील लंबी यात्रा करने के बाद वे दोनों एस्ट्रॉनाट्स भी इतने समय चाँद पर नहीं रुके थे, जितने समय एक उनके घर आए अतिथि छोटी-सी यात्रा कर लेखक के घर आए थे। अतिथि अपने भारी चरण-कमलों की छाप लेखक के ज़मीन पर अंकित कर चुके, उसने लेखक के साथ एक अंतरंग निजी संबंध स्थापित कर लिया, अतिथि ने लेखक की आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्टान देख ली; अतिथि लेखक की काफ़ी मिट्टी खोद चुके। अब अतिथि तुम लौट जाओ! अतिथि के जाने के लिए यह उच्च समय अर्थात हाईटाइम है। क्या अतिथि को उसकी पृथ्वी नहीं पुकारती?

Q2 लेखक अतिथि की तुलना एस्ट्रोनॉट से क्यों करता है?
उत्तर: लेखक अतिथि की तुलना एस्ट्रोनॉट से इसलिए करता है क्योंकि अतिथि को अपने घर से लेखक के घर तक छोटी सी यात्रा करके आए 4 दिन हो गए और लेखक के अनुसार एस्ट्रोनॉट लाखों मिल की लंबी यात्रा करने के बाद भी इतने समय तक चांद पर नहीं रुके थे। 

Q3. अतिथि के आने से लेखक की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर: लेखक बताते हैं कि उस दिन जब अतिथि उसके घर आए थे, तब उनका हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा था। अंदर-ही-अंदर कहीं लेखक का बटुआ काँप गया। इसके बावजूद एक स्नेह-भीगी मुसकराहट के साथ लेखक अतिथि से गले मिला था और लेखक की पत्नी ने अतिथि को सादर नमस्ते की थी। 

Q4. “अंदर-ही-अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया।” इस वाक्य का भाव बताइए?
उत्तर: लेखक बताते कि जब अतिथि उनके घर आए तब उनका बटुआ अंदर ही अंदर कांप गया अर्थात् इस आधुनिक मंहगाई के जमाने में जब खुद का खर्च नहीं संभाला होता तब एक अतिथि के आ जाने से उनके बटुए पर अब अतिरिक्त खर्च पड़ेगा इसलिए ही उनका बटुआ अंदर ही अंदर कांप रहा था। 

Q5. एक देवता और एक मनुष्य एक साथ अधिक समय तक नहीं रह सकते हैं? इस वाक्य का अर्थ बताइए?
उत्तर: लेखक बताते हैं कि हमारे भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान का दर्जा दिया गया है और अतिथि 4 दिन से लेखक के घर में रुका है इस बात से परेशान लेखक कहता है कि एक देवता और एक मनुष्य एक साथ अधिक समय तक नहीं रह सकते हैं। 

Q6. लेखक को दूसरे दिन किस बात की आशा थी?
उत्तर: लेखक को दूसरे दिन यह आशा थी कि दूसरे दिन किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाज़ी की छाप अपने हृदय में ले अतिथि चले जायेगे। लेखक अतिथि से रुकने के लिए आग्रह करेंगे, मगर अतिथि नहीं मानेगे और एक अच्छे अतिथि की तरह चले जायेगे। पर ऐसा नहीं हुआ!

Q7. लेखक को यह क्यों लगा कि अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है?
उत्तर: लेखक को यह इसलिए लगा कि अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है, क्योंकि लेखक अतिथि के जाने की आशा लगाए था लेकिन अतिथि जाने की वजह तीसरे दिन की सुबह ही लेखक को धोबी से कपड़े देने के लिए कहा। 

Q8. लेखक के अनुसार होम को स्वीट होम क्यों कहा गया है?
उत्तर: लेखक के अनुसार होम को स्वीट होम इसलिए कहा गया है कि लोग दूसरो के होम की स्वीटनेस को काटने ना दौड़े। लेखक अतिथि के चौथे दिन भी न जाने से कहते हैं कि दूसरो के यहां सब को अच्छा लगता है लेकिन अपने घर में किसी को नहीं अच्छा लगता इसलिए अपने घर की महत्ता के गीत गाए गए हैं। 

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