चंद्रशेखर वेंकट रमन का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Chandrashekhar Venkat Raman from CBSE Class 9 Hindi Chapter 4 वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन
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वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रमन नामक कृति धीरंजन मालवे की है। इस कृति में लेखक ने सर सीवी रमन के जिंदगी के महत्वपूर्ण पलों का वर्णन किया है।
चंद्रशेखर वेंकट रमन का चरित्र-चित्रण (Character sketch of Chandrashekhar Venkat Raman)
प्रकृति प्रेमी: लेखक के अनुसार सर सीवी रमन काफी प्रगति प्रेमी थे और समुद्र यात्रा के दौरान समुद्र के नीले रंग में घंटो खोए रहते थे।
जिज्ञासु: सर सीवी रमन काफी जिज्ञासु प्रकृति के व्यक्ति थे। वह हर चीज देखने के बाद खुद से यह प्रश्न करते थे कि आखिर यह चीज इसी रंग की क्यों है और किसी रंग की क्यों नहीं है। इस जिज्ञासा का नतीजा यह हुआ कि जब सन 1921 में समुद्र यात्रा कर रहे थे, तब उन्होंने खुद से यह प्रश्न किया कि आखिर समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है और इस प्रश्न के उत्तर के लिए उन्होंने काफी परिश्रम किया और रमन प्रभाव की खोज की।
बेहतर अवलोकनकर्ता: लेखक के अनुसार सर सीवी रमन काफी बेहतर अवलोकन कर्ता थे अपनी अवलोकन शक्ति के बल पर ही उन्होंने समुद्र के नीले रंग की वजह का पता लगाया।
प्रतिभावान: सर सीवी रमन अपने जमाने के सबसे प्रतिभावान व्यक्तियों में से एक थे अपनी प्रतिभा के दम पर ही उन्होंने सरकारी नौकरी हासिल की तथा रमन प्रभाव जैसी एक क्रांतिकारी वैज्ञानिक खोज की।
कठिन परिश्रमी: सर सीवी रमन काफी कठिन परिश्रमी व्यक्ति थे उन्होंने अपने अथक परिश्रम के बल पर ही सरकार के वित्त विभाग में अफसर का पद प्राप्त किया तथा सरकारी अफसर बनने के बाद भी उन्होंने अपना कठिन परिश्रम जारी रखा और रमन प्रभाव की खोज की।
दृढ़ संकल्प वाले: लेखक के अनुसार सर सीवी रमन काफी दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति थे तभी वह जब भी अपनी सरकारी नौकरी से समय पाए तो कोलकाता में स्थित कम सुविधाओं वाली लैब में पहुंच जाते। उन्होंने सफलता के बाद भी भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में कोई नई खोज करने का दृढ़ संकल्प नहीं छोड़ा।
भारतीय संस्कृति के प्रशंसक: लेखक के अनुसार सर सीवी रमन भारतीय संस्कृति के बहुत बड़े प्रशंसक थे, तभी उन्होंने वाद्य यंत्र पर किए गए शोध कार्य में देसी तथा विदेशी दोनों प्रकार के वाद्य यंत्रों को शामिल किया। उनके इस शोध कार्य का मुख्य उद्देश्य विश्व में फैली एक भ्रांति को तोड़ने का था वह भ्रांति यह थी कि भारत के वाद्य यंत्र विदेश के वाद्य यंत्र की अपेक्षा काफी घटिया हैं।
चंद्रशेखर वेंकट रमन के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Chandrashekhar Venkat Raman)
Vaigyanik Chetna ke Vahak Chandrashekhar Venkat Raman Summary
वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन धीरंजन मालवे की रचना है। इस पाठ में लेखक ने भारतीय भौतिक विज्ञानी सी.वी. रामन के जीवन और उनके वैज्ञानिक योगदान का वर्णन करता है।
सी.वी. रामन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने 1928 में प्रकाश के प्रकीर्णन पर महत्वपूर्ण शोध किया, जिसे ‘रामन प्रभाव’ के नाम से जाना जाता है। इस खोज के लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला, जो किसी भी भारतीय को विज्ञान के क्षेत्र में मिला पहला नोबेल पुरस्कार था।
लेखक कहते हैं कि रामन ने न केवल विज्ञान के क्षेत्र में बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कई वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना में मदद की और भारत में वैज्ञानिक शोध को प्रोत्साहित किया। रामन का जीवन सादगी और समर्पण का उदाहरण था। उन्होंने अपने समर्पण और मेहनत से यह सिद्ध किया कि किसी भी बाधा के बावजूद उच्चतम वैज्ञानिक मानकों को प्राप्त किया जा सकता है।
इस पाठ में लेखक ने रामन की वैज्ञानिक दृष्टि और उनके योगदान को मान्यता दिया है और यह दर्शाया है कि किस प्रकार उनकी उपलब्धियों ने भावी पीढ़ियों के वैज्ञानिकों को प्रेरित किया। उनका जीवन और कार्य भारतीय विज्ञान के इतिहास में एक मील का पत्थर है।
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