लेखक (के.विक्रम सिंह), हेमन्त कुमार जमातिया, मंजू ऋषिदास और कल्लू कुम्हार का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Writer (K.Vikram Singh), Hemant Kumar Jamatia, Manju Rishidas and Kallu Kumhar from CBSE Class 9 Hindi Chapter 3 कल्लू कुमार की उनाकोटी
- Character Sketch of the Writer
- Questions related to Character of the Writer
- Character Sketch of Hemant Kumar Jamatia
- Questions related to Character of Hemant Kumar Jamatia
- Character Sketch of Manju Rishidas
- Questions related to Character of Manju Rishidas
- Character Sketch of Kallu Kumhar
- Questions related to Character of Kallu Kumhar
Related:
- Kallu Kumhar Ki Unakoti Summary, Explanation, Word Meanings
- Kallu Kumhar Ki Unakoti Question Answers
- Kallu Kumhar Ki Unakoti MCQs
लेखक (के.विक्रम सिंह) का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of the Writer)
कल्लू कुमार की उनाकोटी पाठ में लेखक के. विक्रम सिंह ने अपनी उनाकोटी की यात्रा का वर्णन किया है। एक दिन लेखक को दिल्ली की एक सुबह के भयानक मौसम को देख कर अचानक उनाकोटी की याद आ गई थी। लेखक ने बहुत ही अद्भुत तरीके से इस पाठ में अपनी पूरी यात्रा का वर्णन किया है। इस यात्रा के दौरान लेखक के व्यक्तित्व के बारे में निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है–
दूसरों से बिलकुल अलग – लेखक उन लोगों में से नहीं है जो सुबह चार बजे उठते हैं, पाँच बजे तक सुबह की सैर के लिए तैयार हो जाते हैं और फिर लोधी गार्डन पहुँच कर वहाँ बने मकबरों को निहारते रहते है और अपनी मेम साहबों के साथ में लंबी सैर पर निकल जाते हैं। लेखक तो आमतौर पर सूर्योदय के साथ उठता है और फिर अपनी चाय खुद बनाता है और फिर चाय और अखबार लेकर लंबी आलस से भरी हुई सुबह का मजा लेता है।
अद्धभुत कल्पनात्मक सोच – एक सुबह जब लेखक की शांतिपूर्ण दिनचर्या में, कान को फाड़ कर रख देने वाली तेज आवाज के कारण बाधा पड़ गई। उसका वर्णन लेखक ने कुछ इस प्रकार किया कि वह आवाज तोप दगने और बम फटने जैसी लग रही थी, उस आवाज को सुनकर लेखक को लगा कि गोया जार्ज डब्लू. बुश और सद्दाम हुसैन की मेहरबानी से तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत हो चुकी हो। दरअसल वह तो सिर्फ स्वर्ग में चल रहा देवताओं का कोई खेल था, जिसकी झलक बिजलियों की चमक और बादलों की गरज के रूप में देखने को मिल रही थी। लेखक ने देखा कि आकाश बादलों से भरा था जिसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे सेनापतियों द्वारा छोड़ दिए गए सैनिक आतंक में एक–दूसरे से टकरा रहे हो। पागलों की तरह आकाश को भेद–भेद देने वाली बिजली के अलावा जाड़े की उस बिल्कुल सुबह का ठंडा भूरा आकाश था, जो प्रकृति के तांडव को एक पृष्ठभूमि तैयार कर के दे रहा था।
जगह, स्थान व् इतिहास की आश्चयजनक जानकारी – जिस प्रकार पाठ में लेखक ने त्रिपुरा के क्षेत्र व् वहाँ की समस्यायों को दर्शाया है उससे स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि लेखक को जगह व् स्थान की अच्छे से जानकारी प्राप्त थी। जिस तरह से लेखक ने अगरतला के उज्जयंत महल व् उससे सम्बंधित इतिहास को पाठकों के समक्ष रखा है, उससे उनके इतिहास की जानकारी का पता चलता है।
अपने काम के प्रति लगन – त्रिपुरा के उस मुख्य भाग में प्रवेश करने से पहले जहाँ पर हिंसा हो रही थी, टीलियामुरा वहाँ की आखिरी जगह थी। वहाँ से मनु तक की यात्रा के दौरान ट्रैफिक सी.आर.पी.एफ. की सुरक्षा में यात्रियों के दलों की शक्ल में चलता था। मुख्य सचिव और आई.जी., सी.आर.पी.एफ. से लेखक ने निवेदन किया था। पहले तो वे तैयार नहीं हुए परन्तु फिर थोड़ी ना–नुकुर करने के बाद वे इसके लिए तैयार हो गए लेकिन उन्होंने लेखक के सामने एक शर्त रखी। वह शर्त थी कि लेखक और लेखक के कैमरामैन को सी.आर.पी.एफ. की हथियारों से भरी गाड़ी में चलना होगा और यह काम लेखक और लेखक के कैमरामैन को अपने जोखिम पर करना होगा। लेखक अपनी शूटिंग के काम में ही इतना व्यस्त था कि उस समय तक डर के लिए कोई गुंजाइश ही नहीं थी।
प्राकृतिक सुंदरता को मनमोहक तरीके से दर्शाने की कला – लेखक मनु कस्बे के बारे में बताता हुआ कहता है कि त्रिपुरा की प्रमुख नदियों में से एक मनु नदी है। जिसके किनारे स्थित मनु एक छोटा सा कस्बा है। जिस वक्त लेखक और लेखक की यूनिट मनु नदी के पार जाने वाले पुल पर पहुँची, तब शाम हो रही थी और लेखक उस शाम का सुन्दर वर्णन करता हुआ कहता है कि उस शाम को सूर्य की सुनहरी किरणें को मनु नदी के जल पर बिखरा हुआ देखकर ऐसा लग रहा था जैसे सूर्य मनु नदी के पानी में अपना सोना उँड़ेल रहा था। वहाँ लेखक को एक और यात्रियों का दल दिखा। एक साथ बँधे हजारों बाँसों के उस समूह को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे लेखक कोई विशाल ड्रैगन देख रहा हो और जैसे वह नदी पर बहा चला आ रहा था। जैसे डूबते सूरज की सुनहरी रोशनी उसे सुलगा रही थी।
लेखक (के.विक्रम सिंह) के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of the Writer)
प्रश्न 1 – लेखक अपने आपको दूसरों से कैसे अलग बताता है?
प्रश्न 2 – लेखक दुनिया को समझने में खुद को क्यों असमर्थ मानता है?
प्रश्न 3 – लेखक की शांतिपूर्ण दिनचर्या में बाधा पड़ने का क्या कारण था?
प्रश्न 6 – पाठ के किस दृश्य से लेखक के काम के प्रति लगन का पता चलता है?
Top
हेमन्त कुमार जमातियाका चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Hemant Kumar Jamatia)
हेमंत कुमार जमातिया की मुलाक़ात लेखक से टीलियामुरा कस्बे में हुई थी।
हेमंत कुमार जमातिया टीलियामुरा के एक बहुत ही प्रसिद्ध लोक–गायक थे और उन्हें 1996 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कार भी दिए गए हैं।
हेमंत टीलियामुरा की ही एक बोली–कोकबारोक बोली में गीत गाते हैं। यह बोली त्रिपुरा में मौजूद कबीलों की बोलियों में से एक है।
जवानी के दिनों में हेमंत कुमार जमातिया पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के कार्यकर्ता थे। लेकिन जब उनसे लेखक की मुलाकात हुई तब वे हथियारों के साथ संघर्ष का रास्ता छोड़ चुके थे और चुनाव लड़ने के बाद अब वे जिला परिषद के सदस्य बन गए थे।
हेमंत कुमार जमातिया व् जिला परिषद ने लेखक की शूटिंग यूनिट के लिए एक भोज का प्रबंध किया था। यह एक सीध–सादा खाना था जिसे जिला परिषद के सदस्यों ने सम्मान और लगाव के साथ उन लोगों के सामने परोसा था।
लेखक ने हेमंत कुमार जमातिया से एक गीत सुनाने की प्रार्थना की और उन्होंने अपनी धरती पर बहती शक्तिशाली नदियों, ताजगी भरी हवाओं और शांति से भरा एक गीत गाया।
हेमन्त कुमार जमातिया के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Hemant Kumar Jamatia)
प्रश्न 1 – हेमंत कुमार जमातिया कौन थे?
मंजू ऋषिदास का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Manju Rishidas)
टीलियामुरा शहर के वार्ड नं. 3 में लेखक की मुलाकात गायिका मंजु ऋषिदास से हुई। ऋषिदास मोचियों के एक समुदाय का नाम है। लेकिन जूते बनाने के अलावा इस समुदाय के कुछ लोग थाप वाले वाद्यों जैसे तबला और ढोल के निर्माण और उनकी मरम्मत के काम में भी बहुत ज्यादा अच्छे थे।
मंजु ऋषिदास एक बहुत ही आकर्षक महिला थीं और वह एक रेडियो कलाकार भी थी। रेडियो कलाकार होने के अलावा वे नगर पंचायत में अपने वार्ड का प्रतिनिधित्व भी करती थीं।
मंजु ऋषिदास भले ही पढ़ी–लिखी नहीं थीं। लेकिन वे अपने वार्ड की सबसे बड़ी आवश्यकता यानी साफ पीने के पानी के बारे में उन्हें पूरी जानकारी थी। नगर पंचायत को वे अपने वार्ड में नल का पानी पहुँचाने और इसकी मुख्य गलियों में ईंटें बिछाने के लिए पैसों का इंतज़ाम कर चुकी थीं।
मंजु ऋषिदास ने भी लेखक और उनकी यूनिट के लिए दो गीत गाए और इसमें उनके पति ने शामिल होने की कोशिश की क्योंकि लेखक उस समय उनके गाने की शूटिंग भी कर रहा था।
गाना गाने के बाद वे तुरंत एक गृहिणी की भूमिका में भी आ गईं और बिना किसी हिचक के उन सब के लिए चाय बनाकर ले आईं। लेखक इस बात को लेकर पूरे विश्वास से कह सकता है कि किसी उत्तर भारतीय गाँव में ऐसा होना संभव नहीं है क्योंकि जिस समय की बात लेखक कर रहा है उस समय स्वच्छता के नाम पर एक नए किस्म की अछूत–प्रथा उत्तर भारतीय के प्रत्येक गाँव में अब भी चल रही थी।
Top
मंजू ऋषिदास के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Manju Rishidas)
प्रश्न 1 – मंजु ऋषिदास ने नगर पंचायत में अपने वार्ड के लिए किस तरह के योगदान दिए?
Top
कल्लू कुम्हार का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Kallu Kumhar)
उनाकोटी में बनी आधार–मूर्तियों का निर्माण स्थानीय आदिवासियों के अनुसार कल्लू कुम्हार ने किया था।
कल्लू कुम्हार माता पार्वती का भक्त था और भगवान् शिव–माता पार्वती के साथ उनके निवास स्थान कैलाश पर्वत पर जाना चाहता था। परन्तु भगवान शिव उसे अपने साथ नहीं लेना चाहते थे। पार्वती के जोर देने पर शिव कल्लू को कैलाश ले चलने को तैयार तो हो गए लेकिन इसके लिए उन्होंने कल्लू के सामने एक शर्त रखी और वह शर्त थी कि उसे एक रात में शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बनानी होंगी। कल्लू अपनी धुन का पक्का व्यक्ति था इसलिए वह शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बनाने के काम में जुट गया। लेकिन जब सुबह हुई तो कल्लू के द्वारा बनाई गई मूर्तियाँ एक करोड़ से एक कम निकलीं। कल्लू नाम की इस मुसीबत से पीछा छुड़ाने पर अड़े भगवान् शिव ने इसी बात को बहाना बनाते हुए कल्लू कुम्हार को उसके द्वारा बनाई गई मूर्तियों के साथ उनाकोटी में ही छोड़ दिया और खुद माता पार्वती के साथ कैलाश की ओर चलते बने।
Top
कल्लू कुम्हार के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Kallu Kumhar)
प्रश्न 1 – उनाकोटी नाम से कल्लू कुमार का क्या सम्बन्ध है?
Character Sketch of Class 9 Hindi Course B Sparsh Bhag 1 and Sanchayan Bhag 1 Book
- Character Sketch of Poor Old Woman, Rich Woman and Author | Dukh Ka Adhikar
- Character Sketch of the Writer, Colonel Khullar and Angdorji | Everest: Meri Shikhar Yatra
- Character Sketch of Author and Atithi | Tum Kab Jaoge Atithi
- Character Sketch of Chandrashekhar Venkat Raman | Vaigyanik Chetna ke Vahak Chandrashekhar Venkat Raman
- Character Sketch of Mahadev Desai and Mahatma Gandhi | Shukratare ke Saman
- Character Sketch of Gillu and the Writer | Gillu
- Character Sketch of Writer, his Elder and Younger Brother | Smriti
- Character Sketch of Writer (K.Vikram Singh), Hemant Kumar Jamatia, Manju Rishidas and Kallu Kumhar | Kallu Kumhar Ki Unakoti
- Character Sketch of Writer (Dharamvir Bharti), his Father and Mother | Mera Chota Sa Niji Pustakalaya
Also See: