Pad Parchay Class 10, Examples and Question Answers
Pad Parichay Class 10 – पद-परिचय – इस लेख में हम पद-परिचय की सम्पूर्ण जानकारी हासिल करेंगे।
- See Video of Pad Parichay in Hindi
- पद-परिचय की परिभाषा
- संज्ञा शब्द का पद परिचय
- सर्वनाम शब्द का पद परिचय
- विशेषण शब्द का पद परिचय
- क्रिया शब्द का पद परिचय
- अव्यय शब्द का पद परिचय
अव्यय शब्द का पद परिचय। इन सभी के बारे में विस्तार पूर्वक उदाहरणों के साथ जानेंगे –
Related – Learn Hindi Grammar
पद-परिचय की परिभाषा – Pad Parichay Definition
जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय, पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है।
व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है – वाक्य में उस पद की स्थिति बताना, उसका लिंग, वचन, कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
जैसे –
राजेश ने रमेश को पुस्तक दी।
राजेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘ने’के साथ कर्ता कारक, द्विकर्मक क्रिया ‘दी’के साथ।
रमेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
पुस्तक = संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक।
See Video of Pad Parichay Class 10 in Hindi
Top
Related – Shabdo ki Ashudhiya
पद पाँच प्रकार के होते हैं – Pad Parichay for Class 10
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय।
इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
पद | पद-परिचय | |
1 | संज्ञा | संज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक), लिंग, वचन, कारक, क्रिया का ‘कर्ता’है?/क्रिया का ‘कर्म’ है? |
2 | सर्वनाम | सर्वनाम के भेद (पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक, निजवाचक), लिंग, वचन, कारक, क्रिया का ‘कर्ता/क्रिया का ‘कर्म’। |
3 | विशेषण | विशेषण के भेद (गुणवाचक, संख्यावाचक, सार्वनामिक, परिमाणवाचक), अवस्था (मूलावस्था, उत्तरावस्था, उत्तमावस्था), लिंग, वचन, विशेष्य। |
4 | क्रिया | क्रिया के भेद, लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, वाच्य, क्रिया का ‘कर्ता’ कौन है? क्रिया का ‘कर्म’ कौन है? |
5 | अव्यय | क्रिया विशेषण भेद, उपभेद, विशेष्य-क्रिया का निर्देश। |
पद परिचय कैसे पहचानते है? –
सबसे पहले आपको संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, अवधारक (निपात), संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है-
1 – अगर शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पक्षी, भाव, जाति आदि के बारे में बताता है, तो वह शब्द संज्ञा है।
2 – अगर शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर शब्द का प्रयोग जैसे मेरा, मै, तुम, आपका, उस, वह आदि शब्द है, तो वह शब्द सर्वनाम है।
3 – अगर शब्द किसी वस्तु, स्थान, पशु, पक्षी आदि की विशेषता बताता है, अर्थात वह कैसा है – लंबा है, सुंदर है, डरावना है आदि, तो वह शब्द विशेषण है।
4 – अगर शब्द वाक्य में जो क्रिया है उसकी विशेषता बताता है, तो वह क्रिया विशेषण है। जैसे कि – क्रिया कब हो रही है (कल, अभी, दिनभर), क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप, अवश्य, तेजी से), क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर, ऊपर, आसपास), क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम, पर्याप्त, ज्यादा)
5 – अगर शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है, तो वह संबंधबोधक अव्यय है।
जैसे – के पास, के ऊपर, से दूर, के कारण, के लिए, की ओर।
6 – अगर शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है, तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है।
जैसे – और, अतएव, इसलिए, लेकिन।
7 – अगर शब्द किसी विस्मय, हर्ष, घृणा, दुःख, पीड़ा आदि भावों को प्रकट करते है, तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है।
जैसे – अरे!, वाह!, अच्छा! आदि।
8 – अगर शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है, तो वह निपात है।
जैसे – भी, तो, तक, केवल, ही।
उदाहरण के लिए कुछ वाक्य निचे दिए जा रहे हैं, जिनमें कुछ शब्द रेखांकित किए गए हैं। आपको इन रेखांकित पदों के पद परिचय दिया गया है।
1) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है।
विभीषणों (देशद्रोहियों) – संज्ञा (जातिवाचक), बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक (कारक ‘की)
2) रात में देर तक बारिश होती रहीं।
देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
3) हर्षिता निबंध लिख रही है।
लिख रही है – क्रिया (संयुक्त), स्त्रीलिंग, एकवचन, धातु ‘लिख’, वर्तमान काल, क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’, क्रिया का कर्म ‘निबंध’
4) इस पुस्तक में अनेक चित्र है ।
अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक), बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘चित्र ‘
5) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे ।
आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
Related – Anusvaar
संज्ञा शब्द का पद परिचय
किसी भी संज्ञा पद के पद परिचय हेतु निम्न 5 बातें बतलानी होती है –
(1) संज्ञा का प्रकार
(2) उसका लिंग
(3) वचन
(4) कारक तथा
(5) उस शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध
संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध ‘कारक’के अनुसार जाना जा सकता है।
राम पुस्तक पढ़ता है।
उक्त वाक्य में राम तथा ‘पुस्तक’शब्द संज्ञाएँ हैं। यहाँ इनका पद परिचय उक्त पाँचों बातों के अनुसार निम्नानुसार होगा –
राम – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एक वचन, कर्ता कारक, ‘पढ़ता है’क्रिया का कर्ता।
पुस्तक – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘पढ़ता है’क्रिया का कर्म।
सर्वनाम शब्द का पद परिचय
किसी सर्वनाम के पद परिचय निम्नलिखित बातों का उल्लेख करना होता है –
(1) सर्वनाम का प्रकार पुरुष सहित
(2) लिंग
(3) वचन
(4) कारक
(5) क्रिया के साथ सम्बन्ध आदि।
यह उसकी वही कार है, जिसे कोई चुराकर ले गया था।
इस वाक्य में ‘यह, ‘उसकी, ‘जिसे, तथा ‘कोई’पद सर्वनाम है। इनका पद परिचय इस प्रकार होगा-
यह – निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, स्त्रीलिंग, एक वचन, सम्बन्ध कारक, ‘कार’ संज्ञा शब्द से सम्बन्ध।
जिसे – सम्बन्धवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग, एकवचन कर्मकारक, ‘चुराकर ले गया’ क्रिया का कर्म।
कोई – अनिश्चयवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, पुल्लिंग एकवचन, कर्ता कारक, ‘चुराकर ले गया’ क्रिया का कर्ता।
विशेषण शब्द का पद परिचय
किसी विशेषण शब्द के पद परिचय हेतु निम्न बातों का उल्लेख करना होता है-
(1) विशेषण का प्रकार
(2) अवस्था
(3) लिंग
(4) वचन
(5) विशेष्य व उसके साथ सम्बन्ध।
वीर राम ने सब राक्षसों का वध कर दिया।
उक्त वाक्य में ‘वीर’तथा ‘सब शब्द विशेषण हैं, इनका पद-परिचय निम्नानुसार होगा –
वीर – गुणवाचक विशेषण, मूलावस्था, पुल्लिंग, एकवचन, ‘राम’ विशेष्य के गुण का बोध कराता है।
सब – संख्यावाचक विशेषण, मूलावस्था, पुल्लिंग, बहुवचन, ‘राक्षसों’ विशेष्य की संख्या का बोध कराता है।
क्रिया शब्द का पद परिचय
क्रिया शब्द के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, लिंग, वचन, वाच्य, काल तथा वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों के साथ सम्बन्ध को बतलाया जाता है।
राम ने रावण को मारा।
मारा – क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। ‘मारा’ क्रिया का कर्ता राम तथा कर्म रावण।
मैं सवेरे उठा।
उठा – क्रिया, अकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। उठा क्रिया का कर्ता मैं, कर्म अन्वित।
अव्यय शब्द का पद परिचय
अव्यय शब्द चूंकि लिंग, वचन, कारक आदि से प्रभावित नहीं होता, अतः इनके पद परिचय में केवल अव्यय शब्द के प्रकार, उसकी विशेषता या सम्बन्ध ही बताया जाता है।
(1) क्रियाविशेषण – क्रियाविशेषण के भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक) उस क्रिया का उल्लेख, जिसकी विशेषता बताई जा रही हो।
मैं भीतर बैठी थी और बच्चे धीरे-धीरे पढ़ रहे थे।
भीतर – क्रियाविशेषण, स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘बैठी’क्रिया के स्थान की विशेषता।
धीरे-धीरे – क्रियाविशेषण, रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘पढ़ रहे थे’क्रिया की रीति की विशेषता।
(2) संबंधबोधक – संबंधबोधक के भेद, किस संज्ञा/सर्वनाम से संबंद्ध है।
कुरसी के नीचे बिल्ली बैठी है।
के नीचे – संबंधबोधक, ‘कुरसी’ और ‘बिल्ली’ इसके संबंधी शब्द हैं।
(3) समुच्चयबोधक – भेदों का उल्लेख, जुड़ने वाले पदों का उल्लेख।
तुम कॉपी और किताब ले लो लेकिन फाड़ना नहीं।
और – समुच्चयबोधक (समानाधिकरण) कॉपी-किताब शब्दों का संबंध करने वाला।
लेकिन – भेद दर्शक (विरोध-दर्शक) तुम…………ले लो तथा ‘फाड़ना नहीं इन दो वाक्यों को जोड़ता है।
(4) विस्मयादिबोधक – भेदों और भावों का उल्लेख।
वाह! कितना सुंदर बग़ीचा है। ठीक! मैं रोज़ आऊँगा।
वाह! – विस्मयादिबोधक, हर्ष – उल्लास
ठीक! – विस्मयादिबोधक, स्वीकार बोधक
कुछ अतिरिक्त उदाहरण –
(1) अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया ।
अपने – विशेषण (सार्वनामिक), एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘गाँव’
गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक), एकवचन, पुल्लिंग, संबंधकारक (कारक ‘की’)
मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक)
मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष), एकवचन, पुल्लिंग, ‘तरस गया’क्रिया का कर्ता
तरस गया – क्रिया (अकर्मक, संयुक्त), भूतकाल, एकवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, कर्ता “मै”
(2) निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो ।
निर्धन – विशेषण (गुणवाचक), बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘लोगो’
लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक), बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक (कारक ‘की’)
ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक), कर्म कारक, ‘देखो’ क्रिया का कर्म
देखो – क्रिया (सकर्मक), बहुवचन, धातु ‘देख’, वर्तमानकाल, क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’
(3) यह पुस्तक मेरे मित्र की है।
यह – विशेषण (सार्वनामिक), एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘पुस्तक’
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक), एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक, ‘है’ क्रिया का कर्म
मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष), पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक
मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक), एकवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक (कारक ‘की), ‘है’ क्रिया से संबंध
है – क्रिया, वर्तमानकाल, एकवचन
(4) नेहा यहाँ इसी मकान में रहती है।
नेहा – संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा), स्त्रीलिंग,एकवचन, करता कारक, ‘नेहा’रहना क्रिया की कर्ता है
यहाँ – क्रिया विशेषण (स्थानवाचक क्रिया विशेषण)
इसी – विशेषण (सार्वनामिक), पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य – ‘मकान’
मकान में – संज्ञा (जातिवाचक), पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक (कारक ‘में), मकान ‘रहना’क्रिया का कर्म है
रहती है – क्रिया (सकर्मक), स्त्रीलिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य, ‘रहती है ‘क्रिया की कर्ता ‘नेहा’ और कर्म ‘मकान’है
(5) अरे वाह! तुम भी पुस्तक पढ़ सकते हो।
अरे वाह! – विस्मयादिबोधक, आश्चर्य का भाव
तुम – सर्वनाम (मध्यमपुरुष), एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, ‘पढ़ सकते हो’ क्रिया का कर्ता है
भी – निपात
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक), स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक, पुस्तक ‘पढ़ सकते हो’क्रिया का कर्म है
पढ़ सकते हो – क्रिया (सकर्मक), पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य, क्रिया का कर्ता तुम व कर्म पुस्तक
Top
Recommended Read
Also See :
- Raidas ke Pad Class 9 Hindi Sparsh Chapter 7 Explanation, Question Answer
- मीरा के पद Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 Notes, Summary, Question Answers
- Shabd aur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
- Surdas Ke Pad Class 10 Summary, Explanation, Question Answers
- Class 9 Raidas Ke Pad Important Questions, Extra Question Answers
- कबीर के पद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 9
- Surdas Ke Pad Question Answers Class 10 Hindi A Kshitij Book Chapter 1
- Surdas ke Pad Class 8 Chapter 15 Summary, Explanation, Question Answers
- Class 8 Hindi Surdas ke Pad Question Answers | Surdas ke Pad NCERT Solutions
- मीरा के पद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 10
- Class 10 Hindi Meera ke Pad Question Answers | Meera ke Pad NCERT Solutions