Class 6 NCERT Malhar Book Chapter Wise difficult word meanings
Here, the difficult words and their meanings of all the Chapters of CBSE Class 6 Hindi Malhar (Bhag-2) Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the Chapters from the NCERT Class 6 Hindi Malhar Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.
- Chapter 1 – मातृभूमि (कविता)
- Chapter 2 – गोल (संस्मरण)
- Chapter 3 – पहली बूँद (कविता)
- Chapter 4 – हार की जीत (कहानी)
- Chapter 5 – रहीम के दोहे (दोहे)
- Chapter 6 – मेरी माँ
- Chapter 7 – जलाते चलो
- Chapter 8 – सत्रिया और बिहू नृत्य
- Chapter 9 – मैया मैं नहिं माखन खायो
- Chapter 10 – परीक्षा
- Chapter 11 – चेतक की वीरता
- Chapter 12 – हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान
- Chapter 13 – पेड़ की बात
Chapter 1 – मातृभूमि (Maatribhoomi)
- हिमालय – भारत का एक बड़ा पर्वत (बर्फ से ढका पर्वत)
- चरण तले – पैरों के नीचे
- सिंधु – समुद्र
- झूमता है – लहरों के साथ हिलता हुआ
- गंगा यमुन त्रिवेणी – गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन
- लहर रही हैं – बह रही हैं
- जगमग – चमकती हुई
- छटा निराली – सुंदर दृश्य
- पग-पग – हर स्थान पर
- छहर रही हैं – फैल रही हैं
- पुण्य-भूमि – पवित्र भूमि, धार्मिक एवं महापुरुषों की भूमि
- स्वर्ण-भूमि – समृद्ध एवं कीमती भूमि, सोने के समान मूल्यवान देश
- जन्मभूमि – जहाँ जन्म हुआ हो, अपना देश
- मातृभूमि – माँ के समान पूज्य देश
- झरने – पहाड़ों से गिरने वाले जलप्रवाह
- झरते – गिरते
- पहाड़ियाँ – छोटे-छोटे पर्वत
- चहक रही हैं – मधुर स्वर में गा रही हैं
- मस्त – आनंदित, खुश
- झाड़ियाँ – छोटे-छोटे पेड़-पौधे
- अमराइयाँ – आम के पेड़ों का बगीचा
- घनी – बहुत अधिक, सघन
- पुकारती है – आवाज़ देती है, गाती है
- मलय पवन – दक्षिण से बहने वाली ठंडी सुगंधित हवा
- तन-मन सँवारती है – शरीर और मन को तरोताजा कर देती है
- धर्मभूमि – धर्म का पालन करने वाली भूमि
- कर्मभूमि – परिश्रम और कर्तव्य पालन की भूमि
- जन्मभूमि – जन्म लेने की भूमि, अपना देश
- पुनीत – पवित्र, शुद्ध
- सुयश – प्रसिद्धि
- वंशी – बाँसुरी
- गीता – श्रीमद्भगवद्गीता, श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया ज्ञान
- गौतम – महात्मा बुद्ध, जिन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की
- दया – करुणा
- युद्ध-भूमि – युद्ध होने का स्थान (जैसे महाभारत का कुरुक्षेत्र)
- बुद्ध-भूमि – बुद्ध के जन्म और उनके ज्ञान की भूमि
- मातृभूमि – माँ के समान पूज्य देश
Related:
- नोंक-झोंक – चुभने वाली बात, छेड़छाड़, वाद-विवाद, झड़प
- स्टिक – छड़ी, लकड़ी
- झटपट – अति शीघ्र, तुरंत ही, बहुत जल्दी, तेज़ी से
- पीठ थपथपाना – प्रशंसा या तारीफ करना
- शर्मिदा – लज्जित, शर्मसार, शरमाया हुआ
- लगन – किसी काम में पूरी तरह से ध्यान लगाना, निष्ठा, धुन
- साधना – एकाग्र तप, कठिन परिश्रम
- छावनी – सैनिकों या पुलिस का निवासस्थान
- नौसिखिया – नया-नया सीखने वाला या नया-नया सीखा हुआ
- तरक्की – उन्नती
Related:
- पावस – वर्षा ऋतु
- प्रथम दिवस – पहला दिन
- धरा – पृथ्वी, धरती
- अंकुर – बीज से निकला छोटा पौधा
- फूट पड़ा – बाहर निकल आया
- नव-जीवन – नया जीवन
- अँगड़ाई –शरीर को खींचकर फैलाने की क्रिया
- अधर – होंठ
- वसुंधरा – धरती, पृथ्वी
- रोमावलि – शरीर के रोमों की पंक्ति
- हरी दूब – हरी घास
- पुलकी-मुसकाई – प्रसन्न होकर खिल उठी
- सागर – समुद्र
- स्वर्णिम – सुनहरा, सोने जैसा
- नगाड़े – एक बजाने वाला यंत्र, डंका
- तरुणाई – युवा अवस्था
- नीले नयनों-सा यह अंबर – आकाश नीली आँखों के समान दिख रहा है
- काली पुतली-से ये जलधर – काले बादल आँखों की काली पुतली के जैसे लग रहे हैं
- करुणा-विगलित अश्रु बहाकर – दया से पिघलकर वर्षा रूपी आँसू बहाकर
- धरती की चिर-प्यास बुझाई – धरती की लंबे समय की प्यास बुझा दी
- बूढ़ी धरती – सूखी और बंजर हो चुकी धरती
- शस्य-श्यामला – फसलों से हरी-भरी
- ललचाई – इच्छा हुई
Related:
- आनंद – ख़ुशी
- भगवत – परमेश्वर, भगवान
- भजन – पूजा, उपासना
- अर्पण – दान, प्रदान, बलिदान
- बलवान – शक्तिशाली, हष्टपुष्ट, बलशाली
- खरहरा – लोहे से बनाई जाने वाली चौकोर आकार की कंघी जिससे घोड़े के शरीर की धूल साफ़ की जाती है
- माल – क्रय-विक्रय की वस्तुएँ
- असबाब – सामान एवं सामग्री, माल एवं संपत्ति
- घृणा – नफ़रत
- भ्रांति-सी – संदेह, संशय, शक, भ्र्म
- लट्टू – मोहित
- घटा – बादल
- संध्या – शाम
- चैन – आराम
- कीर्ति – ख्याति , बड़ाई
- अधीर – बेचैन , व्याकुल , विह्वल, चंचल , अस्थिर
- चाह – इच्छा
- विचित्र – अनोखा
- मोह – प्रेम, प्यार
- छवि – आकृति, सौंदर्य
- अंकित – चिह्नित
- अभिलाषा – इच्छा
- उपस्थित – विद्यमान, मौजूद, हाज़िर
- अस्तबल – घोड़े को रखने का स्थान
- घमंड – अहंकार, अभिमान
- आश्चर्य – अचरज, अचंभा, हैरानी
- बाँका – अच्छा
- पश्चात – बाद में
- हलचल – ख़लबली, घबराहट, तोड़-फोड़, उपद्रव
- अधीरता – आतुर, धैर्यहीन
- अधीर – व्याकुल
- उचककर – उछलकर
- हृदय पर साँप लोटना – ईर्ष्या करना , किसी से जलन होना
- बाहुबल – मज़बूत बाँहोंवाला, जिसकी भुजाएँ शक्तिशाली हों
- बेरहमी – निर्दयता, दयाशून्यता, निष्ठुरता
- प्रतिक्षण – हर पल
- मास – महीना
- नाईं मिथ्या – डराने के लिए बोला गया झूठ
- संध्या – शाम
- फूले न समाना – अत्यधिक प्रसन्न होना
- सहसा – अचानक
- कंगले – अभागा, गरीब, दरिद्र, बेचारा
- करुणा – दर्द, पीड़ा
- अपाहिज – काम करने के अयोग्य, जो काम न कर सके
- कराहना – दर्द में चिलाना
- कष्ट – दुख, तकलीफ़
- दुखियारा – दुखी, दुःख का मारा
- लगाम – घोड़े के मुँह में लगाया जाने वाला वह ढाँचा जिसके दोनों ओर रस्से या चमड़े के तस्मे बँधे रहते हैं, बागडोर
- विस्मय – आश्चर्य से भरपूर, आश्चर्यचकित
- प्रयोजन – उद्देश्य, अभिप्राय, मतलब, गरज, आशय
- सिद्ध – प्राप्त, सफल, हासिल, उपलब्ध
- बहुत सिर मारना – बहुत दिमाग लगाकर परेशान होना या बहुत प्रयत्न करना
- गूँज – प्रतिध्वनि
- नाईं – तरह
- खयाल – विचार
- सन्नाटा – गहरी शान्ति
- टिमटिमाना – जगमगाना
- बाग – लगाम
- फाटक – दरवाजा
- पश्चाताप – अपनी गलती का एहसास होने पर मन में होने वाला दुःख
- पहर – समय की एक इकाई
- कुटिया – झोंपड़ी
- मन-मन-भर – (मन-तौल मापक) अत्यधिक भारी
- घोर – अत्यधिक
- पाँवों की चाप – पाँव की आहट
- हिनहिनाना – घोड़े की आवाज
- परस्पर – एक दूसरे के साथ, आपस में
Related:
- रहिमन – रहीम (कवि का नाम)
- देखि – देखकर
- बड़ेन – बड़े लोगों को
- लघु – छोटा, तुच्छ
- न दीजिये डारि – मत छोड़िए, त्याग मत कीजिए
- काम आवे – उपयोग में आता है
- कहा करे तलवारि – तलवार क्या कर सकती है (तलवार से सिलाई नहीं हो सकती)
- तरुवर – वृक्ष (पेड़)
- फल नहिं खात हैं – अपने फल खुद नहीं खाते
- सरवर – तालाब
- पियहिं न पान – अपना पानी खुद नहीं पीते
- कहि रहीम – रहीम कहते हैं
- पर काज हित – दूसरों के हित के लिए
- संपति सँचहि सुजान – बुद्धिमान लोग धन-संपत्ति को इकट्ठा परोपकार के लिए करते हैं
- छिटकाय – झटके से खींचकर
- टूटे से फिर ना मिले – टूटने के बाद पहले जैसा नहीं जुड़ता
- मिले गाँठ परि जाय – यदि जोड़ भी लिया जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है
- पानी राखिये – पानी (सम्मान, विनम्रता, जल) बनाए रखो
- बिनु पानी सब सून – पानी के बिना सब कुछ व्यर्थ हो जाता है
- पानी गए न ऊबरै – पानी (सम्मान, विनम्रता, जल) एक बार चला जाए तो वापस नहीं आता
- चून – आटा
- बिपदाहू – विपत्ति (मुसीबत)
- भली – अच्छी
- थोरे दिन होय – थोड़े समय की
- हित अनहित – अच्छे और बुरे, लाभ और हानि
- जगत में – संसार में
- जानी परत – जानने पर (समझने पर)
- सब कोय – सभी लोग
- जिह्वा – जीभ
- बावरी – बावली, मूर्ख, पागल
- कहि गइ – कह गई
- सरग पताल – स्वर्ग और नर्क (स्वर्ग और नर्क दोनों ही हो सकते हैं)
- आपु – खुद
- कहि भीतर रही – भीतर ही कहे रहती है (चुपचाप कहती रहती है)
- खात – खाती
- कपाल – सिर
- कहि रहीम – रहीम कहते हैं
- संपति – धन
- सगे – रिश्तेदार
- बनत – बनते हैं, बनाना
- बहु रीत – कई तरीके
- बिपति – विपत्ति, मुसीबत
- कसौटी – कसौटी, परखने का तरीका
- जे कसे – जो कसते हैं, जो परखते हैं
- ते ही – वही
- साँचे – असली, सच्चे
- मीत – मित्र, दोस्त
Related:
- कांग्रेस – एक राजनीतिक संगठन
- विरोध – असहमति
- सेवा-समिति – समाज सेवा के लिए बनाई गई संस्था।
- उत्साह – जोश
- सहयोग – मदद
- उत्साह भंग होना – हिम्मत टूट जाना
- डाँट-फटकार – कठोर शब्दों में डाँटना।
- दंड – सज़ा
- परिणाम – फल
- कृपा – दया
- अनुरोध – विनती
- उचित – सही
- प्रोत्साहन – हिम्मत देना
- सद्व्यवहार – अच्छा व्यवहार।
- दृढ़ता – मजबूती
- आपत्ति – परेशानी
- संकट – मुश्किल
- संकल्प – पक्का इरादा।
- त्यागना – छोड़ना
- दीवानी मुकदमा – संपत्ति या धन संबंधी कानूनी मामला।
- दावा – कानूनी अधिकार जताना
- वकील – न्यायालय में मुकदमा लड़ने वाला व्यक्ति
- वकालतनामा – किसी वकील को मुकदमा लड़ने की अनुमति देने वाला कागज़
- धर्म विरुद्ध – धार्मिक सिद्धांतों के खिलाफ
- पाप – बुरा कार्य
- कदापि – कभी भी नहीं
- खारिज होना – अस्वीकृत होना
- प्रभाव – असर
- आचरण – व्यवहार, जीवन में अपनाई जाने वाली नीति।
- सत्य – सच्चाई
- नितांत – पूरी तरह
- अशिक्षित – जिसे शिक्षा न मिली हो
- ग्रामीण कन्या – गाँव की लड़की
- गृहकार्य – घर के कामकाज
- भोजनादि – भोजन और उससे संबंधित
- शौक – रुचि
- अक्षर-बोध – पढ़ने-लिखने की शुरुआती समझ
- परिश्रम – मेहनत
- देवनागरी – हिंदी, संस्कृत आदि भाषाओं की लिखने की लिपि
- अध्ययन – पढ़ाई
- सखी-सहेली – दोस्त, महिला मित्र।
- आर्यसमाज – स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित एक धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन
- वार्तालाप – बातचीत
- अपेक्षा – तुलना में
- उदार – खुले विचारों वाला
- संसार-चक्र – जीवन की सामान्य दिनचर्या
- जीवन निर्वाह – जीने का तरीका
- क्रांतिकारी जीवन – स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा जीवन
- मेजिनी – इटली के क्रांतिकारी नेता ग्यूसेपे मेजिनी, जिन्होंने इटली की आज़ादी में योगदान दिया
- प्राणहानि – किसी की जान लेना
- प्राणदंड – किसी को मार डालने की सजा
- आदेश की पूर्ति – आज्ञा का पालन करना
- मजबूरन – मजबूरी में
- प्रतिज्ञा भंग – अपनी कसम तोड़ना
- जन्मदात्री – जन्म देने वाली
- जननी – माता, माँ
- ऋण – कर्ज, उपकार
- उतारने – चुकाने, समाप्त करने।
- उऋण – कर्जमुक्त, किसी के उपकार से मुक्त होना
- प्रयत्न – कोशिश
- तुच्छ – छोटा
- अवर्णनीय – जिसे शब्दों में बताया न जा सके
- जीवन की प्रत्येक घटना – जीवन की हर घटना, हर अनुभव
- स्मरण – याद
- देववाणी – ज्ञान से भरपूर शब्द
- उपदेश – सीख, शिक्षा
- दया – कृपा
- संलग्न – जुड़ा हुआ
- प्रोत्साहन – हौसला देना
- ग्रहण – प्राप्त करना
- श्रेय – सम्मान
- मनोहर – सुंदर
- स्मरण – याद
- मंगलमयी – शुभ, पवित्र
- मूर्ति – रूप, छवि
- मस्तक झुकाना – सिर झुकाना, सम्मान देना
- ताड़ना – डाँटना
- धृष्टतापूर्ण – अभिमान से भरा, असभ्य
- परिणाम – नतीजा, असर
- पालन-पोषण – देखभाल, परवरिश
- आत्मिक – आत्मा से संबंधित
- धार्मिक – धर्म से जुड़ा हुआ
- सामाजिक – समाज से संबंधित
- उन्नति – विकास, प्रगति
- सदैव – हमेशा
- जन्म-जन्मांतर – हर जन्म में
- महान – बहुत बड़ा
- संकट – कठिनाई
- अधीर – धैर्यहीन
- सदैव – हमेशा
- प्रेम भरी वाणी – प्यार से कही गई बातें
- सांत्वना – दिलासा
- दया की छाया – कृपा और संरक्षण
- कष्ट – दुख, परेशानी
- भोग-विलास – ऐशो-आराम, सुख-सुविधा
- ऐश्वर्य – धन-वैभव, संपत्ति
- श्रद्धापूर्वक – सम्मान और आदर के साथ
- चरणों की सेवा – माँ की सेवा करना, आदरपूर्वक देखभाल करना
- सफल – सार्थक
- इच्छा – चाह, अभिलाषा
- पूर्ण – पूरा होना
- दुखभरी खबर – शोकपूर्ण समाचार
- धैर्य धारण करना – हिम्मत रखना
- माताओं की माता – भारत माता, देश
- बलि-देवी – बलिदान की देवी
- कोख कलंकित करना – परिवार या माँ का नाम बदनाम करना
- प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहना – अपने वचन या संकल्प को निभाना
- स्वाधीन – आज़ाद
- इतिहास – बीते हुए समय की घटनाओं की बात
- पृष्ठ – पन्ना
- उज्ज्वल अक्षर – चमकते हुए शब्द
- गुरु गोबिंद सिंह जी – सिखों के दसवें गुरु
- धर्मपत्नी – पत्नी, जीवन संगिनी
- धर्म-रक्षार्थ – धर्म की रक्षा के लिए
- बलिदान – त्याग, समर्पण
- मिठाई बाँटना – खुशी प्रकट करने का तरीका
- वर दो – आशीर्वाद दो
- अंतिम समय – जीवन का अंतिम पल, मृत्यु-समय
- हृदय विचलित होना – मन डगमगाना, डरना
- चरण कमल – पूजनीय चरण, सम्माननीय पैर
- प्रणाम – नमस्कार, श्रद्धा प्रकट करना
- परमात्मा – ईश्वर, भगवान
- स्मरण – याद करना, ध्यान करना
- शरीर त्यागना – मृत्यु को प्राप्त होना
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- जलाते चलो – प्रकाशित करना
- स्नेह – प्रेम
- धरा – धरती
- अँधेरा – अँधकार, निराशा, बुराई
- निहित – विध्यमान
- विश्व – संसार
- दिवस – दिन
- निशा – रात
- विधुत – बिजली
- पथ – रास्ता
- तिमिर – अँधेरा
- चुनौती – ललकार
- सरित – नदी
- निरंतर – लगातार
- शिला – पत्थर, चटान
- अनगिनत – जिनकी कोई गिनती न हो
- साक्षी – गवाह
- पवन – हवा
- उजेला – उजाला
- लौ – ज्योति, प्रकाश
- स्वर्ण-सी – सोने के सामान
- निशा – रात
- सवेरा – सुबह
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Chapter 8 – सत्रिया और बिहू नृत्य
- जाने-माने – प्रसिद्ध
- इलाका – क्षेत्र, स्थान
- सगा – निकट संबंधी
- काल्पनिक – कल्पना से जुड़ा, जो असली न हो
- पात्र – कहानी या नाटक में भूमिका निभाने वाला व्यक्ति
- दूर-दराज़ – बहुत दूर स्थित
- यात्रा – सफर
- अंदाजा – अनुमान
- साबित होना – सच या सही सिद्ध होना
- डॉक्यूमेंट्री – किसी विषय पर आधारित तथ्यात्मक फ़िल्म
- फ़िल्म निर्माता – फ़िल्म बनाने वाला व्यक्ति
- ब्रिटिश अकादमी – ब्रिटेन की एक प्रतिष्ठित संस्था जो कला, फ़िल्म और संस्कृति से संबंधित कार्य करती है
- नृत्य परंपरा – किसी स्थान विशेष की पारंपरिक नृत्य शैली
- वित्तीय मदद – आर्थिक सहायता
- पेचीदा – जटिल, कठिन
- अनुमति – इजाज़त
- जल्दबाजी – बिना अधिक देर किए
- योजना – कार्य करने की पहले की तैयारी
- उड़ान – हवाई यात्रा, विमान से यात्रा
- वन्य-जीवन – जंगल में रहने वाले जीव-जंतु और प्रकृति
- रेशम – एक मुलायम और चमकदार कपड़ा जो रेशम के कीड़ों से प्राप्त होता है
- चाय के बागान – चाय की खेती के लिए लगाए गए बड़े-बड़े खेत
- समृद्ध परंपरा – किसी स्थान की पुरानी और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत
- जनजीवन – आम लोगों का जीवन, समाज का रहन-सहन
- महत्व – किसी चीज़ की खासियत या उपयोगिता
- बसंत – वसंत ऋतु, जब प्रकृति में नई बहार आती है
- बिहू – असम का प्रमुख त्योहार, जो नए साल और खेती से जुड़ा होता है
- कृषि आधारित – खेती से संबंधित
- त्योहार – विशेष अवसर पर मनाया जाने वाला उत्सव
- जनसंख्या – किसी स्थान पर रहने वाले लोगों की कुल संख्या
- किसान – खेती करने वाला व्यक्ति
- बिहू – असम का प्रसिद्ध त्योहार, जो कृषि से जुड़ा हुआ है
- बीज बोना – खेत में फसल उगाने के लिए बीज डालना
- धान रोपना – धान की फसल के पौधों को खेत में लगाना
- उत्सव – त्योहार, आनंद और खुशी का अवसर
- हतप्रभ – हैरान होना
- मंच – किसी कार्यक्रम या नृत्य प्रदर्शन के लिए बना ऊँचा स्थान
- मंत्रमुग्ध – किसी चीज़ को देख या सुनकर मोहित हो जाना
- वाद्ययंत्र – संगीत बजाने के उपकरण, जैसे ढोल, बांसुरी आदि
- डिजाइन – कपड़ों पर बने सुंदर और विशेष आकार या पैटर्न
- मौज-मस्ती – आनंद और खुशी से भरा समय
- हलचल – गति, गतिविधि
- अचंभित – हैरान, आश्चर्यचकित
- लजीज – स्वादिष्ट, बहुत अच्छा लगने वाला
- पकवान – विशेष रूप से बनाए गए व्यंजन
- उत्सव – त्योहार, खुशी का अवसर
- भावनाएँ – मन की अनुभूतियाँ, एहसास
- संस्कृति – किसी देश या समाज की परंपराएँ, रीति-रिवाज और जीवन जीने का तरीका
- बहुतायत – अधिक मात्रा में
- ग्रामीण जनजीवन – गाँव में रहने वाले लोगों का जीवन
- फसल – खेतों में उगाई गई कृषि उपज
- आगमन – किसी चीज़ का आना, आगमन होना
- तथ्य – सच्ची जानकारी
- साक्षात्कार – बातचीत के माध्यम से जानकारी लेना
- गौर करना – ध्यानपूर्वक देखना और समझना
- महसूस करना – अनुभव करना, एहसास होना
- गर्व – अभिमान, सम्मान का भाव
- वैज्ञानिक-कहानीकार – ऐसा व्यक्ति जो विज्ञान और कहानियों को जोड़कर प्रस्तुत करता है
- फ़िल्म – चलचित्र, देखकर और सुनकर कहानी या तथ्य दिखाने का साधन
- उत्तरी असम – असम राज्य का उत्तरी भाग
- सत्र – असम के वैष्णव मठ, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र
- पीठ – किसी परंपरा या धर्म से जुड़ा प्रतिष्ठित स्थान
- फ़िल्मांकन – किसी दृश्य या घटना को कैमरे में रिकॉर्ड करना
- दक्षिणापथ सत्र – असम में स्थित एक प्रसिद्ध वैष्णव मठ
- बिटिया – बेटी
- असमिया – असम राज्य की भाषा और संस्कृति से संबंधित
- नारियल की जटा – नारियल के बाहरी रेशे
- अनोखे – विचित्र, अद्भुत
- तीर-कमान – धनुष और बाण
- विरोधी – दुश्मन
- शक्तिशाली – ताकतवर
- कूद-फाँद – उछल-कूद
- वैष्णव मठ – धार्मिक स्थल
- सभागार – बड़ा हॉल या कमरा, जहाँ लोग एकत्र होते हैं
- युवा साधु – युवा संन्यासी या धार्मिक व्यक्ति
- फ़िल्मांकन – कैमरे द्वारा दृश्य रिकॉर्ड करना
- आश्चर्य – हैरानी
- सत्रिया नृत्य – असम का पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य
- छद्म युद्ध – दिखावटी युद्ध, खेल-युद्ध
- बीसवीं शताब्दी – 1901 से 2000 के बीच का समय
- मध्य – बीच का समय
- सत्रिया कलाकार – सत्रिया नृत्य करने वाला व्यक्ति
- नृत्यांगना – महिला नर्तकी
- आधुनिक दौर – वर्तमान समय
- मंच – स्टेज, प्रस्तुति देने की जगह
- उत्साहित – बहुत ख़ुश और जोश से भरा हुआ
- आग्रह – अनुरोध, ज़ोर देकर कहना
- स्वीकृति – अनुमति, सहमति
- द्वारपाल – किसी के द्वार की रक्षा करने वाला
- परदा उठा – नाटक या प्रस्तुति की शुरुआत हुई
- पगड़ीनुमा टोपी – पगड़ी जैसी दिखने वाली टोपी
- अभिनय – किसी किरदार को नाटक या नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करना
- ऋषि – संत, तपस्वी
- नाराज़ – ग़ुस्सा होना
- श्राप – शाप, बद्दुआ
- वचन – प्रतिज्ञा, वादा
- असुर – दानव, राक्षस
- भगवान विष्णु – हिंदू धर्म में पालनहार देवता
- कमाल का – अद्भुत, शानदार
- नाटकीय – नाटक जैसा, जिसमें भावनाएँ और घटनाएँ बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत की गई हों।
- दिलचस्प – रोचक, जिसे देखकर या सुनकर आनंद आए।
- शक्ति – ताकत
- आकर्षण – किसी चीज़ की ओर ध्यान खींचने की विशेषता, सुंदरता या प्रभाव।
- प्रस्तुति – किसी चीज़ को प्रस्तुत करने या दिखाने का तरीका।
- ख्यालों में घूमना – किसी चीज़ के बारे में बार-बार सोचना, उसके प्रभाव में रहना।
- स्वर्ग – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवताओं या पुण्यात्माओं का रहने का स्थान।
- हथियार – युद्ध या रक्षा में उपयोग किये जाने साधन, जैसे तलवार, ढाल आदि।
- उत्सुकता – जानने की तीव्र इच्छा, जिज्ञासा।
- मुद्रा – नृत्य या योग में शरीर की विशेष भंगिमा या स्थिति।
- बारीकी – किसी कला या विषय के सूक्ष्म और महत्वपूर्ण पहलू।
- अत्यधिक – बहुत ज्यादा
- प्रसन्न – खुश
- रिकॉर्डिंग – किसी दृश्य, ध्वनि या घटना को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सुरक्षित रखना।
- समृद्ध – संपन्न
- रंग-बिरंगा – बहुत से रंगों वाला
- आनंदित – खुशी से भरपूर
- गहरी – गहन, बहुत अधिक।
- रुचि – किसी चीज़ के प्रति लगाव या दिलचस्पी।
- शानदार – बहुत अच्छा, भव्य, प्रभावशाली।
- सहपाठी – वही कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी।
- शिक्षक – पढ़ाने वाला, अध्यापक।
- रोमांचित – उत्साहित, आनंद से भर जाना।
- झलक – किसी चीज़ का थोड़ा-सा दृश्य।
- मनोरंजन – समय बिताने या आनंद प्राप्त करने का तरीका।
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Chapter 9 – मैया मैं नहिं माखन खायो
- मैया – माता
- माखन – मक्खन
- भोर – प्रातः, सुबह भयो – होने पर
- गैयन – गौ, गाय
- पाछे – पीछे
- मधुबन – ब्रजभूमि के एक वन का नाम
- मोहि – मुझे
- पठायो – भेजना
- बंसीवट – बरगद का वह पेड़ जिसके नीचे श्रीकृष्ण बांसुरी बजाते थे
- साँझ – साँयकाल, शाम का समय
- बहियन – हाथ, बाँह
- छोटो – छोटा
- छीको – खूँटी आदि में लटकाया जाने वाला एक उपकरण ,जैसे – हँड़िया या मटका छीका पर लटका देना
- केहि – कैसे
- बिधि – उपाय
- पायो – ग्रहण करना
- ग्वाल – अहीर, गोपालक
- बैर – शत्रु, दुश्मन
- बरबस – जबरदस्ती, बलपूर्वक किया गया कार्य
- लपटायो – लगाना
- भोरी – भोली
- कहे – कहने में
- पतियायो – विश्वास करना, सच समझ लेना
- जिय – हृदय
- भेद – संशय, शंका
- उपजि – उत्पन्न होना
- पराया – दूसरा
- लकुटि – लाठी
- कमरिया – छोटा कम्बल
- बहुतहिं – बहुत ही
- बिहँसि – हँसकर
- उर – हृदय
- कंठ – गला
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- रियासत – राज्य, प्रदेश
- दीवान – मंत्री, उच्च प्रशासनिक अधिकारी
- परमात्मा – ईश्वर, भगवान
- विनय – प्रार्थना, निवेदन
- दीनबंधु – गरीबों का मित्र, राजा को संबोधित करने का आदरसूचक शब्द
- अवस्था – उम्र, स्थिति
- राज-काज – शासन का कार्य, प्रशासन
- भूल-चूक – गलती
- नेकनामी – अच्छी प्रतिष्ठा, सम्मान
- नीतिकुशल – नीति में निपुण
- आदर – सम्मान
- प्रार्थना – निवेदन, विनती
- स्वीकार – मान लेना
- शर्त – नियम
- खोजना – ढूँढना
- प्रसिद्ध – मशहूर, ख्याति प्राप्त
- विज्ञापन – सूचना, घोषणा
- सुयोग्य – योग्य, उपयुक्त
- सज्जन – भले, अच्छे आचरण वाले व्यक्ति
- योग्य – काबिल, उपयुक्त
- वर्तमान – अभी का समय
- सरकार – शासक, प्रशासन
- सेवा में उपस्थित हों – सामने आएं, हाजिर हों
- अनिवार्य – ज़रूरी, आवश्यक
- ग्रेजुएट – स्नातक
- हृष्ट-पुष्ट – स्वस्थ, बलवान
- मंदाग्नि – कमजोर पाचन शक्ति, अपच रोग
- कष्ट – तकलीफ़, कठिनाई
- रहन-सहन – जीवनशैली, दिनचर्या
- आचार-विचार – व्यवहार और सोच
- निरीक्षण – देखभाल, परख
- कर्तव्य – दायित्व, जिम्मेदारी
- उच्च पद – बड़ा ओहदा, ऊँचा स्थान
- सुशोभित होंगे – शोभा बढ़ाएंगे, सम्मान पाएंगे
- मुल्क – देश
- तहलका मचा देना – हलचल पैदा करना, सनसनी फैलाना
- कैद – बंधन
- नसीब का खेल – भाग्य पर निर्भर होने वाली बात
- भाग्य परखना – किस्मत आज़माना
- रंग-बिरंगे मनुष्य – अलग-अलग प्रकार के लोग
- रेलगाड़ी से उम्मीदवारों का मेला उतरना – बड़ी संख्या में लोगों का आना
- नए फैशन का प्रेमी – आधुनिकता को पसंद करने वाला व्यक्ति
- पुरानी सादगी पर मिटा हुआ – पुराने रीति-रिवाजों और सरल जीवनशैली को पसंद करने वाला
- एमामे – पगड़ी या सिर पर बाँधा जाने वाला वस्त्र
- चोगा – ढीला-ढाला परिधान
- अंगरखा – एक पारंपरिक परिधान
- कंटोप – विशेष प्रकार की टोपी
- सनद – डिग्री या प्रमाणपत्र
- परदा ढकना – किसी कमी या बात को छिपाना
- महानुभाव – सम्माननीय व्यक्ति, प्रतिष्ठित लोग
- आदर-सत्कार – सम्मानपूर्वक सेवा, स्वागत
- प्रबंध – व्यवस्था, आयोजन
- ऊषा का दर्शन – सुबह-सुबह सूर्योदय देखना
- नाक में दम करना – बहुत परेशान करना
- जनाब – सम्मानसूचक शब्द, आदर से बुलाने का तरीका
- घृणा – नफरत
- नम्रता – विनम्रता, शिष्टाचार
- सदाचार – अच्छे आचरण, नैतिकता
- झंझट – परेशानी, कठिनाई
- कार्य सिद्ध होना – उद्देश्य की पूर्ति होना, मनचाही चीज़ मिलना
- बगुलों में हंस – ढोंगियों के बीच असली गुणी व्यक्ति
- बूढ़ा जौहरी – अनुभवी व्यक्ति जो असली और नकली में फर्क कर सके
- नए फैशनवाले – आधुनिक जीवनशैली अपनाने वाले लोग
- सूझी – विचार आया
- हॉकी के मँजे हुए खिलाड़ी – अनुभवी और निपुण हॉकी खिलाड़ी
- विद्या – ज्ञान, कला या हुनर
- हाथों की सफाई – कुशलता, चतुराई, चालाकी
- फील्ड – मैदान, खेल का स्थान
- दफ्तर के अप्रेंटिस – कार्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाला व्यक्ति
- ठोकरें खाना – मुश्किलों का सामना करना
- भलेमानस – सज्जन, सम्माननीय लोग
- गंभीर खेल – ध्यान और रणनीति से खेले जाने वाले खेल (जैसे शतरंज, ताश)
- दौड़-कूद के खेल – शारीरिक श्रम से जुड़े खेल
- बिल्कुल निराली बात – एकदम नया और अनोखा अनुभव
- उत्साह – उमंग
- धावे के लोग – आक्रमण करने वाले खिलाड़ी (जो गेंद को लेकर आगे बढ़ते हैं)।
- लोहे की दीवार – बहुत मजबूत और अडिग प्रतिरोध
- संध्या – शाम, दिन का अंतिम भाग।
- धूमधाम – उत्साह और जोश भरा माहौल।
- खून की गरमी – जोश, उत्साह और ऊर्जा।
- हाँफते-हाँफते बेदम हो गए – बहुत थक जाना, सांस फूल जाना।
- निर्णय – फैसला
- पथिकों – यात्रियों, राहगीरों।
- ललकारता – ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ देकर हिम्मत बंधाना।
- झुंझलाकर – गुस्से और हताशा में आकर।
- निराश होकर ताकता – हताश होकर चारों ओर देखना, किसी मदद की उम्मीद करना।
- सहमी हुई आँखों से – डर और घबराहट से भरी दृष्टि।
- सहानुभूति – दया, हमदर्दी।
- स्वार्थ – केवल अपने लाभ की चिंता।
- मद – अहंकार, घमंड।
- उदारता – दूसरों की मदद करने की भावना।
- वात्सल्य – स्नेह, दया और प्रेम।
- अकस्मात – अचानक, सहसा।
- ठिठक गया – अचानक रुक गया, चलते-चलते ठहर जाना।
- सूरत – चेहरा, हाव-भाव।
- ज्ञात हो गई – समझ में आ गई, पता चल गया।
- गठे हुए बदन का – मजबूत और ताकतवर शरीर वाला।
- झुककर बोला – आदर और विनम्रता से बोला।
- साधो – संभालो, काबू में रखो।
- उकसाया – ज़ोर लगाकर आगे बढ़ाया।
- हिम्मत न हारी – हार नहीं मानी, साहस बनाए रखा।
- ललकारा – ऊँची आवाज़ में प्रेरित किया, पुकारा।
- हाथ जोड़कर – आदर या कृतज्ञता प्रकट करने की मुद्रा।
- उबार लिया – बचा लिया, कठिनाई से निकाल दिया।
- गंभीर भाव से – गहरी सोच से।
- गौर से देखा – ध्यानपूर्वक देखा।
- संदेह हुआ – शक हुआ।
- चेहरा-मोहरा – शक्ल-सूरत, हाव-भाव।
- तीव्र दृष्टि से – पैनी नजर से, गहराई से देखना।
- भाँप गया – समझ गया, स्थिति को महसूस कर लेना।
- गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है – कठिनाइयों का सामना करने से ही सफलता मिलती है।
- निदान – अंत में, आखिरकार।
- प्रातःकाल – सुबह का समय, भोर।
- किस्मतों का फैसला – भाग्य का निर्णय, नसीब का निर्णय।
- दिन काटना पहाड़ हो गया – समय बहुत कठिनाई से बीतना, बेचैनी महसूस होना।
- आशा और निराशा के रंग आना – उम्मीद और हताशा का अनुभव होना।
- लक्ष्मी की कृपादृष्टि – धन और सौभाग्य की देवी की कृपा, भाग्य का साथ देना।
- रईस – अमीर, धनवान व्यक्ति।
- धनाढ्य – अत्यधिक धनी व्यक्ति।
- राज्य के कर्मचारी – शासन में कार्य करने वाले अधिकारी।
- दरबारी – राजा के दरबार से जुड़े हुए व्यक्ति।
- सज-धज – भव्य पोशाक और आभूषण पहनकर तैयार होना।
- कलेजे धड़कना – घबराहट और बेचैनी होना, तनाव महसूस करना।
- उम्मीदवार – प्रत्याशी, जो किसी पद के लिए आवेदन करता है।
- कष्ट – पीड़ा, परेशानी, कठिनाई।
- क्षमा – माफ़ी, दोषमुक्त करना।
- आवश्यकता – ज़रूरत
- हृदय – मन, दिल।
- उदार – दयालु, परोपकारी।
- आत्मबल – आत्मविश्वास, स्वयं की शक्ति।
- आपत्ति – कठिनाई, समस्या, संकट।
- वीरता – बहादुरी, साहस।
- सौभाग्य – अच्छा भाग्य, सफलता।
- गुणवाले – जिनमें अच्छे गुण हों, श्रेष्ठ व्यक्ति।
- कीर्ति – यश, प्रसिद्धि।
- मान – सम्मान, प्रतिष्ठा।
- शिखर – चोटी, उच्च स्थान।
- बधाई – शुभकामना, बधाई देना।
- कर्मचारी – नौकर, अधीनस्थ कार्यकर्ता।
- सत्कार – सम्मान, आदर।
- ईर्ष्या – जलन, द्वेष।
- फरमाया – कहा, आदेश दिया (सम्मानसूचक शब्द)।
- स्वीकार – मान लेना।
- आपत्ति – विरोध, असहमति।
- पुरुष – व्यक्ति, मनुष्य।
- जख्मी – घायल, चोटिल।
- दलदल – कीचड़, गीली मिट्टी, जहाँ चलना कठिन हो।
- साहस – हिम्मत, वीरता।
- वास – निवास, रहना।
- संकल्प – दृढ़ निश्चय, ठानना।
- चित्त – मन, हृदय।
- स्थिर – अटल, शांत, अडिग।
- धोखा – छल, कपट।
- दया – करुणा, सहानुभूति।
- धर्म – कर्तव्य, नैतिकता।
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- रण – युद्ध
- चौकड़ी भर-भरकर – छलाँग लगाकर
- निराला – विशेष
- पाला – प्रतियोगिता
- तन – शरीर
- कोड़ा – चाबुक
- अरि – शत्रु
- मस्तक – माथा
- तनिक – जरा सा, थोडा
- बाग –लगाम
- सवार – वह जो घोड़े पर चढ़ा हो, अश्वारोही
- पुतली – आँख का काल भाग
- फिरी – घूमना
- कौशल -कुशलता
- भाला – एक शस्त्र
- निर्भीक – निडर
- ढाल – हथियार का वार रोकने वाला अस्त्र
- सरपट – घोड़े के भागने की बहुत तेज़ गति
- करवाल – तलवार
- अरि-मस्तक – शत्रु का माथा
- नद -नदी
- विकराल – भीषण, भयंकर
- बज्र-मय – पत्थर-सा कठोर, उग्र
- घहर – गरज, गंभीर आवाज
- निषंग – तरकश, तूणीर
- हय – घोड़ा
- टाप – घोड़े के पैरों का निचला हिस्सा
- खन गया – घायल हो गया
- वैरी – शत्रु
- दंग – हैरान
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Chapter 12 – हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान
- रवाना हुआ – यात्रा के लिए निकला
- लोभ – लालच
- मौका – अवसर
- मुलाकात – भेंट, मिलने की क्रिया
- जहाज़ (विमान) – हवाई जहाज़
- नेशनल पार्क – राष्ट्रीय उद्यान, जहाँ वन्यजीव संरक्षित होते हैं
- चिड़ियाघर – पशु-पक्षियों को प्रदर्शनी के लिए रखा जाने वाला स्थल
- पर्यटक – घूमने-फिरने वाले व्यक्ति, यात्री
- सर्वत्र – चारों ओर, हर जगह
- तुर्रा यह कि – आश्चर्य की बात यह कि
- दृष्टिपात – देखना, निगाह डालना
- तुच्छातितुच्छ – अत्यंत नीच
- जम्हाई – मुँह खोलकर आलस्य में साँस लेना
- देह को तानना – शरीर को खींचना या फैलाना
- खरपात – अनावश्यक और छोटे पौधे
- बदतर – बुरा
- मील-भर की दूरी – लगभग 1.609344 किलोमीटर की दूरी
- झुंड – समूह, टोली
- मोर्चे पर आगे बढ़ना – छिपते हुए शिकार की ओर बढ़ना
- ताड़ लिया – भाँप लिया, समझ लिया
- चरना – घास खाना
- चौकन्ने हो उठे – सतर्क हो गए
- ठिठकना – रुक जाना, झिझकना
- सहज प्रवृत्ति – प्राकृतिक स्वभाव, नैसर्गिक आदत
- खतरा – जोखिम, भय
- निरापद – सुरक्षित
- सूर्यास्त – सूरज का डूबना, शाम का समय
- रक्तचाप – रक्त (खून) का दबाव
- तय कर लिया – निश्चय कर लिया
- बी.ओ.ए.सी. – ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कॉरपोरेशन, एक विमान सेवा
- निरंतर उड़ान – बिना रुके लगातार यात्रा
- स्वागत का समाँ – स्वागत का दृश्य या माहौल
- भाव – एहसास
- छोटे पैमाने पर भारत – भारत की तरह ही किंतु छोटे रूप में
- भूमध्य रेखा – पृथ्वी के मध्य में स्थित काल्पनिक रेखा
- देशांतर रेखा – पूर्व-पश्चिम दिशा में खींची गई काल्पनिक रेखाएँ
- दक्खिन – दक्षिण दिशा
- पच्छिम – पश्चिम दिशा
- रकबा – क्षेत्रफल
- हिंद महासागर का मोती – बहुत सुंदर द्वीप
- भारत-समुद्र का सितारा – हिंद महासागर का सबसे सुंदर स्थान
- खानदान – वंश, परिवार की पीढ़ी
- राजधानी – मुख्य शहर जहाँ सरकार स्थित होती है
- पोर्टलुई – मॉरिशस की राजधानी
- मोहल्ला – नगर या शहर का एक भाग, कॉलोनी
- रिवाज़ – परंपरा, प्रथा
- माध्यमिक स्कूल – हाई स्कूल स्तर का विद्यालय
- कॉलेज कहने का रिवाज़ – परंपरा कि स्कूलों को कॉलेज कहा जाता है
- विस्तृत प्रचार – व्यापक प्रसार, अधिक प्रचलन
- राजभाषा – आधिकारिक भाषा
- क्रेयोल – फ्रेंच से विकसित एक स्थानीय भाषा
- प्रायः – अक्सर
- बखूबी – अच्छी तरह से
- शाहाबाद, सारन – बिहार के ज़िले, जहाँ शुद्ध भोजपुरी बोली जाती है
- संज्ञापद – संज्ञा शब्द
- ऊख – गन्ना
- व्यवसाय – व्यापार, धंधा
- कृषि-प्रधान – कृषि आधारित, खेती पर निर्भर
- प्रमुख – मुख्य, सबसे महत्वपूर्ण
- टापू – द्वीप, समुद्र से घिरा हुआ भूभाग
- असंभव – जो संभव न हो, कठिन
- कारखाने – फैक्ट्री, मिल
- प्राणवती – जीवंत, ऊर्जा से भरी
- चिरायु – लम्बे समय तक जीवित रहने वाली
- प्राणवत्ता – जीवंतता, सजीवता
- क्रिस्तान – ईसाई धर्म अपनाने वाले
- अत्याचार – अन्याय
- प्रलोभन – लालच
- ठुकराना – अस्वीकार करना, मना करना
- गर्व – सम्मान, अभिमान
- प्रत्येक – हर एक
- प्रमुख ग्राम – मुख्य गाँव
- शिवालय – शिव मंदिर
- तुलसीकृत रामायण – गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस
- पाठ – ग्रंथ का वाचन
- झाँझ – एक प्रकार का वाद्य यंत्र
- सुरम्य – सुंदर, रमणीय
- तीर्थ स्थान – धार्मिक स्थल
- प्रचलित – प्रचलन में, प्रायः मनाया जाने वाला
- सर्वश्रेष्ठ – सबसे उत्तम, श्रेष्ठतम
- शिवरात्रि – भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख हिंदू त्योहार
- झील – तालाब, जलाशय
- पिकनिक का स्थान – घूमने और आनंद लेने का स्थल
- अपवित्रता – अशुद्धता, धर्म-विरुद्ध आचरण
- व्यापार – गतिविधि, कार्य
- श्वेत वस्त्र – सफेद कपड़े
- धारण करना – पहनना, अपनाना
- काँवर – कंधे पर रखकर जल या प्रसाद ले जाने के लिए लकड़ी का ढाँचा
- जुलूस बाँधकर – समूह में एकत्र होकर यात्रा करना
- भक्ति-भावना – श्रद्धा और समर्पण की भावना
- पवित्रता – शुद्धता, धार्मिक शुद्धता
- वयस्क – बड़े लोग
- गाँधी टोपी – महात्मा गाँधी के नाम पर प्रसिद्ध सफेद टोपी
- मेला – धार्मिक या सांस्कृतिक उत्सव
- प्रमुख आकर्षण – मुख्य देखने योग्य चीज
- अन्य धर्मों के लोग – विभिन्न समुदायों के व्यक्ति
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- महीना-दर-महीना – महीने के बाद महीना, लगातार कई महीने
- वसंत – ऋतुओं में एक, जिसे बसंत भी कहते हैं (फरवरी-मार्च)
- शिशु – छोटा बच्चा
- आहिस्ता-आहिस्ता – धीरे-धीरे
- दरकना – फटना, टूटना, हल्का सा खुलना
- सुकोमल – नाजुक
- अंकुर – बीज से निकलने वाला नया पौधा, नन्हा पौधा
- अंश – भाग, हिस्सा
- भेदना – छेद करना, पार करना
- आश्चर्य – हैरानी
- नई दुनिया – यहाँ इसका अर्थ है नया वातावरण, प्रकृति की नई झलक
- माटी – मिट्टी, धरती
- जड़ – पौधे का वह भाग जो मिट्टी के अंदर रहता है
- तना – पौधे का वह भाग जो ऊपर की ओर बढ़ता है
- औंधा – उल्टा, सिर के बल रखा हुआ
- लटकाना – ऊपर से टांग देना, झूलने देना
- परीक्षण – जाँच, परखने की प्रक्रिया
- भेद – रहस्य, जानकारी
- बोना – बीज या पौधा जमीन में रोपना
- कठोर – सख्त, मजबूत
- नन्हें – छोटे
- द्रव्य – तरल पदार्थ
- रस-पान – पौधों द्वारा मिट्टी से पोषक तत्व ग्रहण करना
- सोखना – अवशोषित करना, अंदर लेना
- सूक्ष्मदर्शी – बहुत छोटे पदार्थों को देखने का यंत्र
- स्पष्ट – साफ़, स्पष्ट रूप से दिखने वाला
- संचार – प्रवाह, गति, फैलाव
- गलना – घुलना, पिघलना
- यंत्र – उपकरण, मशीन
- पोषक तत्व – आवश्यक आहार
- नलिकाएँ – पतली ट्यूब जैसी आकृति जिनमें से पौधों में जल व पोषण प्रवाहित होते हैं
- आहार – भोजन, पोषण
- विषाक्त – ज़हरीला, हानिकारक
- अंगारक वायु – कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- सेवन – ग्रहण करना, लेना
- नष्ट – समाप्त, ख़त्म
- विधाता – भगवान, सृष्टिकर्ता
- करुणा – दया
- चमत्कार – अद्भुत घटना
- निःशेष करना – पूरी तरह से समाप्त करना
- संवर्द्धन – विकास, वृद्धि
- सर्वाधिक – सबसे अधिक
- होड़ – प्रतिस्पर्धा, प्रतियोगिता
- सचेष्ट – प्रयासरत, प्रयत्नशील
- बेल-लताएँ – लताओं वाली वनस्पति, जो सहारे से बढ़ती है
- अग्रसर होना – आगे बढ़ना
- मूलमंत्र – आधारभूत सिद्धांत, मूल नियम
- सूर्य-किरण – सूरज की रोशनी
- स्पर्श – छूना, संपर्क
- पल्लवित – हरा-भरा होना, विकसित होना
- रेशे-रेशे – तंतु, बहुत छोटे-छोटे भाग
- आबद्ध – बंधा हुआ, समाहित
- ईंधन – जलने वाली सामग्री, जैसे लकड़ी, कोयला
- प्रकट – प्रकट होना, दिखना
- ऊर्जा – शक्ति, बल
- हथियाना – प्राप्त करना, लेना
- पशु-डाँगर – पालतू पशु
- निर्वाह – जीवनयापन, गुज़ारा
- समाहित – शामिल, संग्रहित
- जंतु – जीव, प्राणी
- खुराक – भोजन, पोषण
- व्यग्र – चिंतित, अधीर
- संतान – बच्चा
- सार-सँभाल – देखभाल, पालन-पोषण
- आच्छादित – ढका हुआ, आवृत
- पंखुड़ियाँ – फूल की छोटी-छोटी पत्तियाँ
- मटमैली – हल्की गंदी, धूल-धूसरित
- अपरूप उपादान – साधारण सामग्री, अजीब तत्व
- स्पर्शमणि – पारस पत्थर, छूने से मूल्यवान बनाने वाला रत्न
- स्नेह न्योछावर – प्रेम अर्पित करना, पूरी तरह प्यार देना
- खिलखिलाना – प्रसन्न होना, हँसना
- ममता – मातृस्नेह, माँ का प्यार
- अंगारक – विषाक्त वायु, दूषित हवा
- पारस पत्थर – वह पत्थर जो लोहे को सोना बना दे (कहावत के अनुसार)
- प्रफुल्लित – आनंदित, खुश
- निमंत्रित – बुलाना, आमंत्रित करना
- बंधन-बांधव – रिश्तेदार, मित्र
- स्नेहसिक्त – प्रेम से भरी हुई
- पुकारना – बुलाना
- रंग-बिरंगे – अलग-अलग रंगों वाले
- निशान – पहचान, चिह्न
- पंखुड़ियाँ – फूल की रंगीन पत्तियाँ
- चिरकाल – बहुत लंबे समय से, अनादि काल से
- घनिष्ठता – गहरी मित्रता, घनिष्ठ संबंध
- दल-बल सहित – अपने समूह के साथ
- पतंगे – रात में उड़ने वाले छोटे-छोटे कीट
- सुगंध – खुशबू, महक
- घिरना – फैल जाना, आ जाना
- शहद – मधुमक्खियों द्वारा संचित मीठा रस
- संचय – एकत्र करना, संग्रह
- मधुपान – शहद या मधु पीना
- आगमन – आना, उपस्थित होना
- उपकार – भला, सहायता
- पराग-कण – फूलों में पाया जाने वाला महीन पीला चूर्ण
- पोषण – पालन-पोषण, वृद्धि करना
- मोह-माया – सांसारिक लालसा
- लोभ – लालच
- तिल-तिल – धीरे-धीरे
- लुटा देना – सब कुछ समर्पित कर देना
- क्षीण – कमजोर, नष्ट
- क्रीड़ा – खेल, मस्ती
- आघात – चोट, झटका
- थर-थर काँपना – बहुत ज्यादा डर या कंपन होना
- अकस्मात – अचानक
- जड़ सहित – पूरे रूप में, पूरी जड़ समेत
- न्योछावर – बलिदान करना, समर्पित करना
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