दीवान सरदार सुजान सिंह का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Diwan Sardar Sujan Singh from CBSE Class 6 Hindi Malhar Book Chapter 10 परीक्षा
Related:
दीवान सरदार सुजान सिंह का चरित्र-चित्रण Character Sketch Diwan Sardar Sujan Singh
सरदार सुजानसिंह प्रेमचंद की कहानी “परीक्षा” के एक प्रमुख पात्र हैं। वे देवगढ़ रियासत के दीवान थे और अपनी कर्तव्यनिष्ठा, नीतिपूर्ण व्यवहार और गहरी समझ के कारण राजा के प्रिय थे। उनके चरित्र की विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं—
- अनुभवी और नीतिज्ञ- सरदार सुजानसिंह ने देवगढ़ रियासत की चालीस वर्षों तक सेवा की। वे प्रशासनिक कार्यों में अत्यंत निपुण थे और अपनी नीति-कुशलता के लिए प्रसिद्ध थे। राजा भी उनकी बुद्धिमत्ता और निर्णय लेने की क्षमता का सम्मान करता था।
- ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ- वे अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूर्णतः सजग थे। बूढ़े होने पर जब उन्हें लगा कि अब वे राज-काज संभाल नहीं पाएँगे, तो उन्होंने खुद दीवान पद से हटने की अनुमति माँगी ताकि किसी भूल-चूक से उनकी प्रतिष्ठा पर दाग न लगे।
- परखने की अद्भुत क्षमता- सुजानसिंह केवल डिग्री या बाहरी दिखावे को नहीं, बल्कि व्यक्ति के असली गुणों को परखने में सक्षम थे। उन्होंने दीवान के चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनाई, वह दिखावटी योग्यता से अधिक चरित्र और नैतिकता पर केंद्रित थी।
- व्यवहार-कुशल और न्यायप्रिय- उन्होंने उम्मीदवारों को एक महीने तक परखा, लेकिन केवल आचरण और चरित्र को महत्त्व दिया। अंत में उन्होंने पंडित जानकीनाथ को दीवान चुना क्योंकि उन्होंने आत्मबल, साहस और दयालुता का परिचय दिया था।
- करुणाशील और नैतिकता के प्रति दृढ़- वे सच्चे नेता की तरह व्यक्ति की करुणा और नैतिकता को सबसे ऊपर मानते थे। उनके अनुसार, एक अच्छा प्रशासक वही हो सकता है जो जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर हो।
सरदार सुजानसिंह एक अच्छे प्रशासक और समझदार नेता थे। वे न केवल शासन चलाने में कुशल थे, बल्कि ईमानदारी, दया और इंसानियत को भी बहुत महत्व देते थे। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची योग्यता केवल पढ़ाई में नहीं, बल्कि अच्छे काम, अच्छे स्वभाव और दूसरों की मदद करने में होती है।
दीवान सरदार सुजानसिंह के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Deewan Sardar Sujan Singh)
Q1. सरदार सुजान सिंह दूसरों के साथ कैसा व्यव्हार करते थे ?
Q2. सरदार सुजान सिंह क्या काम करते थे ? वे राजा के प्रिय क्यों थे ?