CBSE Class 6 Hindi Chapter 6 Meri Maa (मेरी माँ) Question Answers (Important) from Malhar Book

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Meri Maa Chapter 6 NCERT Solutions

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए–
(1) ‘किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती।’
बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी?

  • भारत माता के साथ रहने की
  • अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने की
  • अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की
  • भोग विलास तथा ऐश्वर्य भोगने की

उत्तर- अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की (*) 

(2) रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था?

  • देश की सेवा करें
  • कभी किसी के प्राण न लेना
  • कभी किसी से छल न करना
  • सदा सच बोलना

उत्तर- कभी किसी के प्राण न लेना (*) 

(ख) अब अपने मित्रों के साथ तर्कपूर्ण चर्चा कीजिए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुने?
उत्तर-
(1) पहले प्रश्न में बिस्मिल अपनी माँ की सेवा करना चाहते थे, लेकिन क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें यह संभव नहीं लग रहा था। लेखक को लगता था कि वे अंत समय में माँ से नहीं मिल पाएँगे। अंत में मृत्यु का समाचार ही मेरी माँ के पास पहुँचेगा।
(2) दूसरे प्रश्न में उनकी माँ ने उन्हें कभी किसी के प्राण न लेने का आदेश दिया था, जिससे उनकी अहिंसा और नैतिकता की भावना झलकती है। सत्यनिष्ठ, कर्त्तव्य परायण और नैतिकता को मानने वाली थीं। 

 

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।”
(ख) “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।”

उत्तर-
(क) “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।” –
इसका अर्थ है कि यदि बिस्मिल की माता इतनी प्रेरणादायक न होतीं, तो वे भी आम लोगों की तरह साधारण जीवन जीते और देश के लिए बलिदान देने की भावना उनमें न आती
(ख) “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।” –
इसका अर्थ है कि उनकी माँ ने उन्हें किसी के प्राण न लेने का आदेश दिया था, लेकिन क्रांतिकारी संघर्ष में परिस्थितियाँ ऐसी आईं कि उन्हें अपनी प्रतिज्ञा तोड़नी पड़ी।

 

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

शब्द अर्थ और संदर्भ
1. देवनागरी 1. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।
2. आर्यसमाज 2. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति; इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा।
3. मेजिनी 3. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था।
4. गोबिंद सिंह 4. भारत की एक भाषा-लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।

उत्तर-

शब्द अर्थ और संदर्भ
1. देवनागरी 4. भारत की एक भाषा-लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।
2. आर्यसमाज 3. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था।
3. मेजिनी 2. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति; इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा।
4. गोबिंद सिंह 1. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।

 

 

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

1. बिस्मिल की माता जी जब ब्याह कर आईं तो उनकी आयु काफ़ी कम थी।
(क) फिर भी उन्होंने स्वयं को अपने परिवार के अनुकूल कैसे ढाला?
(ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को कैसे शिक्षित किया?
उत्तर-
(क) बिस्मिल की माता जी ने परिवार के रीति-रिवाजों को अपनाया और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाया। बिस्मिल जी की दादी ने अपनी छोटी बहन को बुलाया, जिन्होंने उनकी माताजी को घर के काम-काज सिखाए। धीरे-धीरे, उन्होंने सारे घरेलू काम सीख लिए और घर की अच्छी देखभाल करने लगीं।
(ख) उन्हें पढ़ाई का बहुत शौक था। मोहल्ले में जो महिलाएँ शिक्षित थीं, उनसे वे अक्षर पहचानना सीखती थीं। दिनभर घर का काम करने के बाद जो भी समय बचता, उसमें वे पढ़ाई करती थीं। उनकी मेहनत और लगन से वे जल्द ही देवनागरी लिपि में लिखी किताबें पढ़ने लगीं। इसके बाद, उन्होंने अपनी छोटी बेटियों को भी पढ़ाना शुरू कर दिया।

2. बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने कैसे सहयोग दिया?
उत्तर- रामप्रसाद बिस्मिल की माता जी ने उन्हें साहसी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सत्य, न्याय और कर्तव्यपरायणता की शिक्षा देकर बिस्मिल को अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने की प्रेरणा दी। देशभक्ति की भावना जगाते हुए उन्होंने निडरता और बलिदान का पाठ पढ़ाया। कठिन परिस्थितियों में भी उनका मनोबल बढ़ाया और संकटों का धैर्यपूर्वक सामना करने की सीख दी। उनकी प्रेरणा से ही बिस्मिल एक साहसी और निडर क्रांतिकारी बने।

3. आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं, बताइए कैसे?
उत्तर- रामप्रसाद बिस्मिल की माता जी ने शिक्षा के महत्व को बहुत पहले ही समझ लिया था। अपने विवाह के बाद उन्होंने स्वयं शिक्षित होने का प्रयास किया और घर के कार्यों के साथ-साथ पढ़ाई भी की। उन्होंने अपनी बेटियों को भी प्रारंभिक शिक्षा दी। बिस्मिल की उच्च शिक्षा और स्वतंत्र विचारों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने यह सिद्ध किया कि शिक्षा व्यक्ति के विकास और समाज की उन्नति के लिए आवश्यक है।

4. हम कैसे कह सकते हैं कि बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं?
उत्तर- बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं क्योंकि उन्होंने सामाजिक मान्यताओं से हटकर अपने बेटे को देशसेवा और उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। जहाँ पिता और दादी विवाह के लिए जोर दे रहे थे, वहीं उन्होंने पहले शिक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने न केवल स्वयं शिक्षा प्राप्त की बल्कि अपनी बेटियों को भी पढ़ाया। वे अपने बेटे के क्रांतिकारी विचारों को समझती थीं और उनका साथ देती थीं, लेकिन उन्होंने अहिंसा का संदेश भी दिया। उनका यह दृष्टिकोण उनकी स्वतंत्रता और उदारता को बताता है।

 

आत्मकथा की रचना

यह पाठ रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा का एक अंश है। आत्मकथा यानी अपनी कथा। दुनिया में अनेक लोग अपनी आत्मकथा लिखते हैं, कभी अपने लिए, तो कभी दूसरों के पढ़ने के लिए।
(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की ऐसी पंक्तियों की सूची बनाइए जिनसे पता लगे कि लेखक अपने बारे में कह रहा है।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर- (क)

  • “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।”
  • “मैंने कभी यह न समझा कि माता जी अशिक्षित हैं।”
  • “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।”

(ख)
उपर्युक्त उत्तर को अपनी कक्षा में साझा कीजिए। 

 

शब्द-प्रयोग तरह-तरह के

(क) “माता जी उनसे अक्षर-बोध करतीं।” इस वाक्य में अक्षर-बोध का अर्थ है– अक्षर का बोध या ज्ञान।
एक अन्य वाक्य देखिए– “जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करतीं।” इस वाक्य में पढ़ना-लिखना अर्थात पढ़ना और लिखना।
हम लेखन में शब्दों को मिलाकर छोटा बना लेते हैं जिससे समय, स्याही, कागज़ आदि की बचत होती है। संक्षेपीकरण मानव का स्वभाव भी हैं। इस पाठ से ऐसे शब्द खोजकर सूची बनाइए।
उत्तर- 

संक्षिप्त शब्द पाठ में प्रयुक्त सम्बंधित वाक्य
सेवासमिति उसी समय शाहजहाँपुर में सेवासमिति का आरंभ हुआ था।
कामकाज थोड़े दिनों में माताजी ने घर के सब कामकाज को समझ लिया
ठीकठीक ठीकठीक भोजनादि का ठीकठीक प्रबंध करने लगीं।
सखीसहेली मुहल्ले की सखीसहेली जो घर पर आया करती थीं
डाँटफटकार जिसके कारण उन्हें अक्सर पिताजी की डाँटफटकार तथा दंड सहन करना पड़ता था।
देशसेवा तुम्हारी दया से ही मैं देशसेवा में संलग्न हो सका।
पालनपोषण तुमने इस शरीर को जन्म देकर केवल पालनपोषण ही नहीं किया
जन्मजन्मांतर जन्मजन्मांतर परमात्मा ऐसी ही माता दें।
भोगविलास इस संसार में मेरी किसी भी भोगविलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं
बलिदेवी अपने जीवन को बलिदेवी की भेंट कर गया
धर्मरक्षार्थ  धर्मरक्षार्थ अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटीं थी।

 

पाठ से आगे

शब्दों की बात
आप अपनी माँ को क्या कहकर संबोधित करते हैं? अन्य भाषाओं में माँ के लिए प्रयुक्त संबोधन और माँ के लिए शब्द ढूँढ़िए।
क्या उनमें कुछ समानता दिखती है? हाँ, तो क्या?
उत्तर- मैं अपनी माँ को ‘माँ’ कहकर सम्बोधित करता हूँ।
माँ को अलग-अलग भाषाओं में विभिन्न नामों से पुकारा जाता है:
हिंदी: माँ, अम्मा
संस्कृत: मातृ, जननी
तमिल: अम्मा)
अंग्रेज़ी: मॉम
इनमें “माँ” या “मा” जैसी ध्वनि मिलती है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक ध्वनि है जो बच्चे सहज रूप से बोल सकते हैं।

 

आज की पहेली

यहाँ दी गई वर्ग पहेली में पाठ से बारह विशेषण दिए गए हैं। उन्हें छाँटकर पाठ में रेखांकित कीजिए।

मं यी
प्र त्ये नो छो टी
धा ग्या खू
र्मि सा धा ड़ा
दु री
हा स्वा धी

उत्तर- 

Meri Maa QNA Image 1

Class 6 Hindi Meri Maa– Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)

 

निम्नलिखित गद्याँशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1
ग्यारह वर्ष की उम्र में माताजी विवाह कर शाहजहाँपुर आई थीं। उस समय वह नितांत अशिक्षित एक ग्रामीण कन्या के समान थीं। शाहजहाँपुर आने के थोड़े दिनों बाद दादीजी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया। उन्होंने माताजी को गृहकार्य की शिक्षा दी। थोड़े दिनों में माताजी ने घर के सब काम-काज को समझ लिया और भोजनादि का ठीक-ठीक प्रबंध करने लगीं। मेरे जन्म होने के पाँच या सात वर्ष बाद उन्होंने हिंदी पढ़ना आरंभ किया। पढ़ने का शौक उन्हें खुद ही पैदा हुआ था। मुहल्ले की सखी-सहेली जो घर पर आया करती थीं, उन्हीं में जो शिक्षित थीं, माताजी उनसे अक्षर-बोध करतीं। इस प्रकार घर का सब काम कर चुकने के बाद जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करती। परिश्रम के फल से थोड़े दिनों में ही वह देवनागरी पुस्तकों का अध्ययन करने लगीं। मेरी बहनों को छोटी आयु में माताजी ही शिक्षा दिया करती थीं।

1.माताजी को गृहकार्य की शिक्षा किसने दी?
(क) दादीजी की बहन
(ख) मुहल्ले की सहेलियाँ
(ग) शाहजहाँपुर के शिक्षक
(घ) पिता जी
उत्तर- (क) दादीजी की बहन

2. माताजी ने हिंदी पढ़ना कब आरंभ किया?
(क) विवाह के तुरंत बाद
(ख) मेरे जन्म के पाँच या सात वर्ष बाद
(ग) शाहजहाँपुर आने के बाद
(घ) कभी नहीं
उत्तर– (ख) मेरे जन्म के पाँच या सात वर्ष बाद

3. माताजी किस लिपि में पुस्तकों का अध्ययन करने लगी थीं?
(क) उर्दू
(ख) रोमन
(ग) देवनागरी
(घ) ब्राह्मी
उत्तर– (ग) देवनागरी

4. माताजी को पढ़ने की रुचि कैसे उत्पन्न हुई?
उत्तर– माताजी को पढ़ने की रुचि स्वयं उत्पन्न हुई। मुहल्ले की शिक्षित सखियों से उन्होंने अक्षर-बोध प्राप्त किया और घर के कामों से समय निकालकर अध्ययन किया।

5. माताजी गृहकार्य में दक्ष कैसे बनीं?
उत्तर– शाहजहाँपुर आने के बाद दादीजी ने अपनी छोटी बहन को बुलाया, जिन्होंने माताजी को गृहकार्य की शिक्षा दी। थोड़े ही दिनों में उन्होंने घर के सभी कार्य सीख लिए और भोजनादि का प्रबंधन करने लगीं।

 2
एक समय मेरे पिताजी दीवानी मुकदमे में किसी पर दावा करके वकील से कह गए थे कि जो काम हो वह मुझसे करा लें। कुछ आवश्यकता पड़ने पर वकील साहब ने मुझे बुला भेजा और कहा कि मैं पिताजी के हस्ताक्षर वकालतनामे पर कर दूँ। मैंने तुरंत उत्तर दिया कि यह तो धर्म विरुद्ध होगा, इस प्रकार का पाप मैं कदापि नहीं कर सकता। वकील साहब ने बहुत समझाया कि मुकदमा खारिज हो जाएगा। किंतु मुझ पर कुछ भी प्रभाव न हुआ, न मैंने हस्ताक्षर किए। अपने जीवन में हमेशा सत्य का आचरण करता था, चाहे कुछ हो जाए, सत्य बात कह देता था।

1. पिताजी ने वकील से क्या कहा था?
(क) मुकदमा खारिज कर दें
(ख) जो काम हो, वह मुझसे करा लें
(ग) मैं स्वयं हस्ताक्षर कर दूँगा
(घ) मुकदमे की तारीख बढ़वा दें
उत्तर- (ख) जो काम हो, वह मुझसे करा लें

2. वकील साहब ने लेखक से क्या करने को कहा?
(क) मुकदमे की सुनवाई में शामिल होने को कहा
(ख) गवाह बनने को कहा
(ग) वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने को कहा
(घ) न्यायाधीश से मिलने को कहा
उत्तर– (ग) वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने को कहा

3. लेखक ने हस्ताक्षर क्यों नहीं किए?
(क) उसे लिखना नहीं आता था
(ख) वह वकील से डर गया था
(ग) उसे मुकदमे में रुचि नहीं थी
(घ) उसने इसे धर्म विरुद्ध और पाप माना
उत्तर- (घ) उसने इसे धर्म विरुद्ध और पाप माना

4. वकील ने लेखक से क्या करने के लिए कहा, और उसका उत्तर क्या था?
उत्तर– वकील ने लेखक से वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने को कहा। लेखक ने तुरंत उत्तर दिया कि यह धर्म विरुद्ध होगा और वह ऐसा पाप नहीं करेगा।

5. लेखक के सत्य के प्रति समर्पण का उदाहरण क्या है?
उत्तर- लेखक ने सत्य का पालन करते हुए वकालतनामे पर झूठे हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, भले ही वकील ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की और मुकदमे के खारिज होने की चेतावनी दी।

3
जब से मैंने आर्यसमाज में प्रवेश किया, माताजी से खूब वार्तालाप होता। उस समय की अपेक्षा अब उनके विचार भी कुछ उदार हो गए हैं। यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता। शिक्षादि के अतिरिक्त क्रांतिकारी जीवन में भी उन्होंने मेरी वैसी ही सहायता की है, जैसी मेजिनी को उनकी माता ने की थी। माताजी का सबसे बड़ा आदेश मेरे लिए यही था कि किसी की प्राणहानि न हो। उनका कहना था कि अपने शत्रु को भी कभी प्राणदंड न देना। उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मजबूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग करनी पड़ी थी।

1. लेखक की माता के विचार कब अधिक उदार हुए?
(क) जब लेखक ने विवाह किया
(ख) जब लेखक ने आर्यसमाज में प्रवेश किया
(ग) जब लेखक ने नौकरी शुरू की
(घ) जब लेखक ने क्रांतिकारी जीवन अपनाया
उत्तर– (ख) जब लेखक ने आर्यसमाज में प्रवेश किया

2. लेखक की माता ने उन्हें सबसे बड़ा आदेश क्या दिया था?
(क) हमेशा सत्य बोलना
(ख) क्रांति में भाग न लेना
(ग) किसी की प्राणहानि न करना
(घ) शिक्षा ग्रहण करना
उत्तर- (ग) किसी की प्राणहानि न करना

3. लेखक की माता ने उनकी क्रांतिकारी जीवन में कैसे सहायता की?
उत्तर– लेखक की माता ने उन्हें क्रांतिकारी जीवन में वैसे ही सहायता की, जैसी मेजिनी की माता ने की थी।

4. यदि लेखक को अपनी माता जैसी माता न मिलतीं, तो उनका जीवन कैसा होता?
उत्तर– यदि लेखक को अपनी माता जैसी माता न मिलतीं, तो वे अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन बिताते।

5. लेखक की माता के विचार समय के साथ कैसे बदले?
उत्तर- जब लेखक ने आर्यसमाज में प्रवेश किया, तो उनकी माता से अधिक बातचीत होने लगी, जिससे समय के साथ उनके विचार भी अधिक उदार हो गए।

4
तुम्हारी दया से ही मैं देश-सेवा में संलग्न हो सका। धार्मिक जीवन में भी तुम्हारे ही प्रोत्साहन ने सहायता दी। जो कुछ शिक्षा मैंने ग्रहण की उसका भी श्रेय तुम्हीं को है। जिस मनोहर रूप से तुम मुझे उपदेश करती थीं, उसका स्मरण कर तुम्हारी मंगलमयी मूर्ति का ध्यान आ जाता है और मस्तक झुक जाता है। तुम्हें यदि मुझे ताड़ना भी देनी हुई, तो बड़े स्नेह से हर बात को समझा दिया। यदि मैंने धृष्टतापूर्ण उत्तर दिया तब तुमने प्रेम भरे शब्दों में यही कहा कि तुम्हें जो अच्छा लगे, वह करो, किंतु ऐसा करना ठीक नहीं, इसका परिणाम अच्छा न होगा। जीवनदात्री! तुमने इस शरीर को जन्म देकर केवल पालन-पोषण ही नहीं किया बल्कि आत्मिक, धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में तुम्हीं मेरी सदैव सहायक रहीं। जन्म-जन्मांतर परमात्मा ऐसी ही माता दें।

1. लेखक को देश-सेवा में संलग्न होने की प्रेरणा किससे मिली?
(क) गुरु से
(ख) पिता से
(ग) माता से
(घ) मित्रों से
उत्तर– (ग) माता से

2. जब लेखक को ताड़ना दी जाती थी, तो माता का व्यवहार कैसा होता था?
(क) कठोर दंड देतीं थीं
(ख) प्रेमपूर्वक समझातीं थीं
(ग) नाराज होकर बात नहीं करतीं थीं
(घ) उन्हें घर से निकाल देतीं थीं
उत्तर– (ख) प्रेमपूर्वक समझातीं थीं

3. लेखक ने अपनी माता के उपदेशों को कैसे याद किया?
उत्तर– लेखक जब अपनी माता के मनोहर उपदेशों को याद करते हैं, तो उनकी मंगलमयी मूर्ति का ध्यान आ जाता है और उनका सर झुक जाता है।

4. लेखक की माता ने उनके जीवन में किन-किन क्षेत्रों में सहायता की?
उत्तर- लेखक की माता ने उनकी आत्मिक, धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में सदैव सहायता की और उन्हें प्रेरित किया।

5. लेखक ने अपनी माता के लिए जन्म-जन्मांतर क्या कामना की?
उत्तर– लेखक ने कामना की कि जन्म-जन्मांतर परमात्मा उन्हें ऐसी ही माता दें।

 

Class 6 Hindi Malhar Lesson 4 Meri Maa Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)

 

1.रामप्रसाद बिस्मिल के अनुसार उनके जीवन में सबसे अधिक प्रेरणा किससे मिली?
(क) गुरुदेव सोमदेव जी से
(ख) उनके मित्रों से
(ग) उनकी माताजी से
(घ) गाँधीजी से
उत्तर- (ग) उनकी माताजी से

2.माताजी का उनके पुत्र को सबसे बड़ा आदेश क्या था?
(क) शिक्षा प्राप्त करना
(ख) सत्य बोलना
(ग) विवाह करना
(घ) किसी की प्राणहानि न करना
उत्तर– (घ) किसी की प्राणहानि न करना

3.लेखक ने अपने जीवन में कौन-सा महत्वपूर्ण सिद्धांत अपनाया था?
(क) असत्य से भी काम निकालना
(ख) सत्य और निष्ठा का पालन करना
(ग) अंग्रेजों से मित्रता करना
(घ) विवाह के बाद ही क्रांति में भाग लेना
उत्तर- (ख) सत्य और निष्ठा का पालन करना

4. रामप्रसाद बिस्मिल के अनुसार माताजी का स्वभाव कैसा था?
(क) स्नेहमयी और दृढ़
(ख) कठोर और अनुशासनप्रिय
(ग) निष्ठुर और क्रूर
(घ) लालची और स्वार्थी
उत्तर- (क) स्नेहमयी और दृढ़

5. पाठ में गुरु गोबिंद सिंह जी की धर्मपत्नी का उल्लेख किस संदर्भ में किया गया है?
(क) धार्मिक शिक्षा के रूप में
(ख) स्वतंत्रता संग्राम के उदाहरण के रूप में
(ग) मातृ-साहस के उदाहरण के रूप में
(घ) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के रूप में
उत्तर- (ग) मातृ-साहस के उदाहरण के रूप में

6. लेखक को लखनऊ कांग्रेस में जाने का विरोध किसने किया?
(क) माताजी और पिताजी ने
(ख) दादीजी और पिताजी ने
(ग) माताजी और दादीजी ने
(घ) लेखक के मित्रों ने
उत्तर- (ख) दादीजी और पिताजी ने

7. शाहजहाँपुर में किसका आरंभ हुआ था?
(क) सेवा समिति का
(ख) आर्य समाज का
(ग) कांग्रेस दल का
(घ) क्रांतिकारी सभा का
उत्तर– (क) सेवा समिति का

8. माताजी को पिताजी की डाँट-फटकार क्यों सहनी पड़ती थी?
(क) वे पिताजी की बातों का विरोध करती थीं
(ख) वे घर का काम नहीं करती थीं
(ग) वे लेखक का समर्थन करती थीं
(घ) वे सेवा समिति में शामिल थीं
उत्तर– (ग) वे लेखक का समर्थन करती थीं

9. माताजी का विवाह को लेकर क्या मत था?
(क) जितनी जल्दी हो, विवाह कर लेना चाहिए
(ख) शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही विवाह करना उचित है
(ग) विवाह अनावश्यक है
(घ) माता-पिता को विवाह तय करने का अधिकार है
उत्तर- (ख) शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही विवाह करना उचित है

10. लेखक ने अपनी माताजी के उपदेश को किस नाम से संबोधित किया है?
(क) कठोर अनुशासन
(ख) देववाणी
(ग) सामान्य शिक्षा
(घ) प्रेममयी डाँट
उत्तर- (ख) देववाणी

11. लेखक ने अपने जीवन को सुधारने का श्रेय किसे दिया?
(क) अपने पिता को
(ख) अपने मित्रों को
(ग) अपनी माताजी को
(घ) अपने गुरु को
उत्तर- (ग) अपनी माताजी को

12. लेखक की माताजी की शादी कितनी उम्र में हुई थी?
(क) नौ वर्ष
(ख) दस वर्ष
(ग) बारह वर्ष
(घ) ग्यारह वर्ष
उत्तर- (घ) ग्यारह वर्ष

13. लेखक की माताजी ने पढ़ाई की शुरुआत कैसे की?
(क) उन्होंने एक स्कूल में दाखिला लिया
(ख) उनके पति ने उन्हें पढ़ाया
(ग) शिक्षित सखी-सहेलियों से अक्षर-बोध किया
(घ) वे विद्यालय जाकर पढ़ती थीं
उत्तर– (ग) शिक्षित सखी-सहेलियों से अक्षर-बोध किया

14. लेखक की बहनों को किसने पढ़ाया?
(क) लेखक की माताजी ने
(ख) लेखक की दादीजी ने
(ग) लेखक के पिताजी ने
(घ) विद्यालय के शिक्षक ने
उत्तर- (क) लेखक की माताजी ने

15. लेखक परमात्मा से क्या प्रार्थना करते हैं?
(क) शिक्षा का अवसर मिले
(ख) वह देश के लिए बलिदान करते रहें
(ग) जन्म-जन्मांतर उन्हें ऐसी ही माँ मिलें
(घ) स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ते रहें
उत्तर- (ग) जन्म-जन्मांतर उन्हें ऐसी ही माँ मिलें

16. लेखक की अंतिम इच्छा क्या थी?
(क) माताजी के चरणों की श्रद्धापूर्वक सेवा करना
(ख) ऐश्वर्य और भोग-विलास प्राप्त करना
(ग) युद्ध में विजय प्राप्त करना
(घ) स्वतंत्रता संग्राम से दूर रहना
उत्तर– (क) माताजी के चरणों की श्रद्धापूर्वक सेवा करना

17. लेखक अपनी मृत्यु को किस रूप में स्वीकार कर रहे हैं?
(क) एक दुखद घटना
(ख) माताओं की माता या भारत माता की सेवा में बलिदान
(ग) असफलता का परिणाम
(घ) एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग
उत्तर- (ख) माताओं की माता या भारत माता की सेवा में बलिदान

18. ‘अधीर’ का विलोम क्या है?
(क) चंचल
(ख) अस्थिर
(ग) धीर
(घ) नधीर
उत्तर- (ग) धीर

19. ‘माता’ का पर्यायवाची शब्द है-
(क) रमा, कमला
(ख) जननी, मातृ
(ग) भार्या, नारी
(घ) जाह्नवी, सुरसरि
उत्तर– (ख) जननी, मातृ

20. प्रस्तुत पाठ ‘मेरी माँ’ किसके द्वारा रचित है?
(क) धर्मवीर भारती
(ख) जयशंकर प्रसाद
(ग) मुंशी प्रेमचंद
(घ) रामप्रसाद ‘बिस्मिल’
उत्तर- (घ) रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

Meri Maa Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)

1. पिताजी और दादीजी को लेखक के कार्य क्यों पसंद नहीं थे?
उत्तर: पिताजी और दादीजी को सेवा-समिति में लेखक की भागीदारी अच्छी नहीं लगती थी।

2. माताजी लेखक को किस प्रकार प्रेरित करती थीं?
उत्तर: माताजी लेखक का उत्साह बनाए रखती थीं, भले ही उन्हें पिताजी की डाँट सहनी पड़े।

3. लेखक ने सत्य का पालन कैसे किया?
उत्तर: लेखक ने वकील के कहने पर भी पिताजी के हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह उनके लिए गलत था।

4. लेखक को वकील द्वारा किस कार्य के लिए बुलाया गया था, और उन्होंने उसे करने से क्यों इनकार कर दिया?
उत्तर: लेखक को वकील साहब ने बुलाकर वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने के लिए कहा। उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि यह धर्म विरुद्ध होगा और इस प्रकार का पाप वह बिलकुल भी नहीं कर सकते।

5. माताजी की शिक्षा कैसे हुई?
उत्तर: माताजी अशिक्षित थीं, लेकिन उन्होंने खुद पढ़ाई करने का शौक पैदा किया और आस -पड़ौस की स्त्रियों से सीखना शुरू किया।

6. लेखक माताजी की तुलना किससे करता है?
उत्तर: लेखक अपनी माताजी की तुलना मेजिनी की माता से करता है, जिन्होंने अपने पुत्र का समर्थन किया।

7. लेखक की माँ ने उसे कठिन समय में कैसे सहारा दिया?
उत्तर: लेखक की माँ ने कठिन समय में प्रेम भरी वाणी से उसे सांत्वना दी और कभी अधीर नहीं होने दिया।

8. लेखक अपनी माँ को किस दुखद समाचार के लिए तैयार करता है?
उत्तर: लेखक कहता है कि उसकी मृत्यु का दुखद समाचार उसकी माँ को सुनाया जाएगा इसलिए उस समय वह धीरज रखें।

9. लेखक अपनी माँ के गर्व की बात कैसे करता है?
उत्तर: लेखक कहता है कि उसने अपनी माँ की कोख को कलंकित नहीं किया और अपनी प्रतिज्ञा पर अडिग रहा।

10. लेखक ने स्वाधीन भारत के इतिहास से अपनी माता को कैसे जोड़ा?
उत्तर- लेखक का मानना है कि जब स्वाधीन भारत का इतिहास लिखा जाएगा, तब उसकी माता का नाम भी उज्ज्वल अक्षरों में लिखा जाएगा, क्योंकि उन्होंने अपने पुत्र को देश सेवा के लिए प्रेरित किया।