CBSE Class 6 Hindi Chapter 4 Haar Ki Jeet (हार की जीत) Question Answers (Important) from Malhar Book

Class 6 Hindi Haar Ki Jeet Question Answers and NCERT Solutions– Looking for Haar Ki Jeet question answers for CBSE Class 6 Hindi Malhar Book Chapter 4? Look no further! Our comprehensive compilation of important question answers will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 6 हिंदी मल्हार के पाठ 4 हार की जीत प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 6 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे हार की जीत प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract-based questions, multiple choice questions, short answer and long answer questions.

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

 

Related: 

 

Haar Ki Jeet Chapter 4 NCERT Solutions

 

पाठ से (मेरी समझ से)

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए—
प्रश्न 1 – सुलतान के छीने जाने का बाबा भारती पर क्या प्रभाव हुआ?
• बाबा भारती के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया।
• बाबा भारती ने गरीबों की सहायता करना बंद कर दिया।
• बाबा भारती ने द्वार बंद करना छोड़ दिया।
• बाबा भारती असावधान हो गए। (★)
उत्तर – • बाबा भारती असावधान हो गए।

प्रश्न 2 – “बाबा भारती भी मनुष्य ही थे।” इस कथन के समर्थन में लेखक ने कौन-सा तर्क दिया है?
• बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया। (★)
• बाबा भारती घोड़े की प्रशंसा दूसरों से सुनने के लिए व्याकुल थे।
• बाबा भारती को घोड़े से अत्यधिक लगाव और मोह था।
• बाबा भारती हर पल घोड़े की रखवाली करते रहते थे।
उत्तर – • बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर – सुलतान के छीने जाने का बाबा भारती असावधान हो गए। क्योंकि बाबा भारती पहले ही अपनी सभी चीजों का त्याग कर चुके थे। वे केवल सुलतान को ही अपना सबकुछ मानते थे। अब जब सुलतान ही उनके पास नहीं था तो वे और किसी भी चीज़ के चोरी होने से नहीं डरते थे।
बाबा भारती भी मनुष्य ही थे। इस कथन के समर्थन में लेखक ने तर्क दिया कि बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया। क्योंकि मनुष्य अपनी पसंदीदा चीज़ का जिक्र घमंड के साथ करते हैं और यहाँ तो सुलतान की सुंदरता और शक्ति के चर्चे हर जगह थे जिस कारण बाबा भारती को और अधिक घमंड था कि सुलतान जैसा घोड़ा और किसी के पास नहीं है।

 

शीर्षक

(क) आपने अभी जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम सुदर्शन ने ‘हार की जीत’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी को यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।
उत्तर – इस कहानी का नाम सुदर्शन ने ‘हार की जीत’ रखा है। इस कहानी का यह नाम कारण यह रहा होगा कि बाबा भारती पहले तो अपने घोड़े को खड्गसिंह से न बचा पाए किन्तु उनके नेक विचारों के कारण खड्गसिंह घोड़ा जीतकर भी उसे अपने पास न रख सका और बाबा भारती को घोड़ा लौटा आया। इस वजह से बाबा भारती हार कर भी जीत गए।

(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए ।
उत्तर – यदि हम इस कहानी को कोई अन्य नाम देते तो वह नाम – हृदय बदलाव होता। क्योंकि बाबा भारती के नेक विचारों का खड्गसिंह पर इतना प्रभाव पड़ा कि एक डाकू होते हुए भी उसका हृदय परिवर्तन हुआ और वह चुपचाप जा कर घोड़े को बाबा भारती को वापस दे आया। वापिस आते हुए उसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू भी थे।

(ग) बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कौन-सा वचन लिया?
उत्तर – बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से यह वचन लिया कि उसने जिस तरह दुखियारे का वेश बनाकर घोड़े को छीना है वह इस घटना को किसी के सामने प्रकट नहीं करेगा।

 

पंक्तियों पर चर्चा

कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार लिखिए-

1. “भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता।”
उत्तर – बाबा भारती का भगवान् का भजन करने के बाद जो समय बचता था, वह समय उनके घोड़े को समर्पित हो जाता। अर्थात पूजा पाठ के अलावा सारा समय बाबा भारती अपने घोड़े के साथ ही गुजारते थे।

2. “बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से ।”
उत्तर – बाबा ने खड्गसिंह को बड़े ही अभिमान से अपना घोड़ा दिखाया। खड्गसिंह ने बड़े आश्चर्य के साथ घोड़ा देखा। उसने सैकेड़ों घोड़े देखे थे, परंतु ऐसा सुन्दर व् अच्छा घोड़ा उसकी आँखों के सामने से कभी नहीं गुजरा था। अर्थात खड्गसिंह ने अपनी जिंदगी में ऐसा सुंदर घोड़ा नहीं देखा था।

3. “वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर अपना अधिकार समझता था।”
उत्तर – खड्गसिंह डाकू था, जिसके कारण जिस भी वस्तु को वह पसंद करता था, उस पर वह अपना ही अधिकार समझता था। अर्थात खड्गसिंह अपने आप को सबसे शक्तिशाली समझता था जिस कारण वह किसी दूसरे की वस्तु को भी छीन लेता था।

4. “बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है।”
उत्तर – बाबा भारती ने नजदीक जाकर खड्गसिंह की ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे एक बकरा कसाई की ओर देखता है क्योंकि बकरे को भी पता होता है कि कसाई उसे छोड़ने वाला नहीं है उसी कारण बाबा भी खड्गसिंह से उम्मीद नहीं रखते थे कि वह उनका घोड़ा उन्हें वापिस करेगा। इसलिए उन्होंने कहा कि अब यह घोड़ा उसका हो चुका है। वे उससे घोड़ा वापस करने के लिए नहीं कहेंगे।

5. “उनके पाँव अस्तबल की ओर मुड़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई।”
उत्तर – बाबा भारती आदत से मजबूर बिना कुछ सोचे रोज की तरह सुलतान की ओर जाने लगे। क्योंकि उनकी रोज़ की आदत थी कि वे हर सुबह सुलतान के पास जाय करते थे। परंतु दरवाजे पर पहुँचकर उनको अपनी भूल का एहसास हुआ। इसके साथ ही उन्हें अत्यधिक दुःख भी हुआ और उनके पाँव को उनके दुःख ने अत्यधिक भारी बना दिया। वे दरवाजे पर ही रुक गए।

सोच-विचार के लिए

कहानी को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित पंक्ति के विषय में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
“दोनों के आँसुओं का उस भूमि की मिट्टी पर परस्पर मेल हो गया।”

(क) किस-किस के आँसुओं का मेल हो गया था?
उत्तर – बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसुओं का मेल हो गया था।

(ख) दोनों के आँसुओं में क्या अंतर था ?
उत्तर – दोनों के आँसुओं में यह अंतर था कि बाबा भारती के आँसू खुशी के आँसू थे और खड्गसिंह के आँसू पश्चाताप के आँसू थे।

दिनचर्या

(क) कहानी पढ़कर आप बाबा भारती के जीवन के विषय में बहुत कुछ जान चुके हैं। अब आप कहानी के आधार पर बाबा भारती की दिनचर्या लिखिए। वे सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक क्या-क्या करते होंगे, लिखिए। इस काम में आप थोड़ा-बहुत अपनी कल्पना का सहारा भी ले सकते हैं।
उत्तर:- सुबह चौथा पहर के आरंभ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल कर ठंडे पानी से स्नान करते थे। स्नान आदि करने के उपरांत मंदिर में जाकर भगवत भजन करते थे। उसके बाद सारा समय वे अपने घोड़े की देखभाल करने में लगे रहते थे। वे अपने हाथ से घोड़े को कँघी आदि करके साफ करते और दाना खिलाते थे। जब तक शाम के समय सुलतान पर चढ़कर बाबा भारती आठ-दस मील का चक्कर नहीं लगाते थे, उन्हें आराम अथवा सुकून नहीं मिलता था।रात के समय वे जागकर घोड़े की रखवाली करते थे। पुनः सुबह जागकर अपनी दिनचर्या में लग जाते थे।

(ख) अब आप अपनी दिनचर्या भी लिखिए।
उत्तर – मैं सुबह पांच बजे उठकर सैर करने उद्यान में जाता हूँ। उसके बाद आकर स्नान, नित्यकर्म आदि करके पूजा पाठ करता हूँ। फिर नाश्ता करके विद्यालय जाता हूँ। विद्यालय में पढ़ाई, खेल आदि के साथ-साथ अध्यापकों द्वारा दी गई सीख ग्रहण करता हूँ। विद्यालय से लौट कर घर में माता-पिता के कार्यों में भी सहायता करता हूँ। शाम के समय अपने मित्रों के साथ उद्यान में खेलने जाता हूँ। रात में विद्यालय से दिए गए कार्य को पूर्ण कर के रात के भोजन के उपरान्त थोड़ी पढ़ाई करके, ईश्वर को स्मरण करके सो जाता हूँ।

 

कहानी की रचना

(क) इस कहानी की कौन-कौन सी बातें आपको पसंद आई? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर – इस कहानी में सरल व् सीधी भाषा का प्रयोग हुआ है। जिसके कारण विद्यार्थियों को कहानी समझने में सरलता होती है। इस कहानी में दी गई सीख विद्यार्थियों में नैतिकता का प्रभाव डालती है। एक डाकू होते हुए भी खड्गसिंह का मन परिवर्तन होना और उसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू आना अत्यधिक रोचक था।

(ख) कोई भी कहानी पाठक को तभी पसंद आती है जब उसे अच्छी तरह लिखा गया हो । लेखक कहानी को अच्छी तरह लिखने के लिए अनेक बातों का ध्यान रखते हैं, जैसे- शब्द, वाक्य, संवाद आदि। इस कहानी में आए संवादों के विषय में अपने विचार लिखें।
उत्तर – कहानी में शब्द, वाक्य, संवाद आदि बहुत अच्छे से लिखे गए हैं। जैसे खड्गसिंह का एक प्रसिद्ध डाकू होते हुए भी बाबा से चालाकी पूर्वक संवाद करना और उन्हें अपनी बातों में फसाना अत्यधिक रोमांचक हैं। जैसे –
बाबा भारती ने पूछा, “खड्गसिंह, क्या हाल है?”
खड्गसिंह ने सिर झुकाकर उत्तर दिया, “आपकी दया है।”
“कहो, इधर कैसे आ गए?”
“सुलतान की चाह खींच लाई।”
“विचित्र जानवर है। देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।”
“मैंने भी बड़ी प्रशंसा सुनी है।”
“उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी!”
“कहते हैं देखने में भी बहुत सुंदर है।”
“क्या कहना! जो उसे एक बार देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है।”
“बहुत दिनों से अभिलाषा थी, आज उपस्थित हो सका हूँ।

मुहावरे कहा

(क) कहानी से चुनकर कुछ मुहावरे नीचे दिए गए हैं— लट्टू होना, हृदय पर साँप लोटना, फूले न समाना, मुँह मोड़ लेना, मुख खिल जाना, न्योछावर कर देना। कहानी में इन्हें खोजकर इनका प्रयोग समझिए।
उत्तर:
लट्टू होना – बाबा भारती घोड़े की चाल पर लट्टू थे।
हृदय पर साँप लोटना – घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया ।
फूले न समाना – घोड़े के शरीर तथा उसके रंग को देखकर बाबा भारती फूले न समाते थे।
मुँह मोड़ लेना – बाबा भारती ने अपने घोड़े की ओर से इस तरह मुँह मोड़ लिया जैसे उनका उससे कोई संबंध ही न रहा हो।
मुख खिल जाना – घोड़े को देखकर बाबा भारती का मुख फूल की नाईं खिल जाता था ।
न्योछावर कर देना – बाबा भारती ने अपना सब कुछ घोड़े पर न्योछावर कर दिया।

(ख) अब इनका प्रयोग करते हुए अपने मन से नए वाक्य बनाइए।
उत्तर- लट्टू होना (मोहित होना) – चित्रकार ने प्रकृति का ऐसा अनोखा चित्र बनाया था कि मैं उस पर लट्टू हो गया।
हृदय पर साँप लोटना (ईर्ष्या करना) – राम की सफलता देखकर उसके सभी शत्रुओं के हृदय पर साँप लेटने लगे ।
फूले न समाना (बहुत खुश होना ) – बहुत दिनों के बाद अपने पुत्र को देखते ही पिता फूला न समाया ।
मुँह मोड़ लेना ( साथ छोड़ देना ) – गोविन्द को व्यापार में घाटा हुआ तो उसके सभी मित्रों ने उससे मुँह मोड़ लिया।
मुख खिल जाना ( प्रसन्न होना ) – बेटे की सफलता देखकर पिता का मुख खिल गया ।
न्योछावर कर देना ( अर्पण करना) – सैनिक अपने प्राण भारत-माता पर न्योछावर कर देते हैं।

कैसे-कैसे पात्र
इस कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं— बाबा भारती, डाकू खड्गसिंह और सुलतान घोड़ा। इनके गुणों को बताने वाले शब्दों से दिए गए शब्द चित्रों को पूरा कीजिए

Haar-ki Jeet QNA Image 1

उत्तर:
बाबा भारती – दयालु, परोपकारी, त्यागी, ईश्वर-भक्त, पशु-प्रेमी, पशु-सेवक
डाकू खड्गसिंह – बाहुबली, स्वार्थी, अधीर, लालची, कुशल अभिनेता, प्रायश्चित्कर्ता
सुलतान घोड़ा – सुन्दर, शक्तिशाली, समझदार, स्वामिभक्त, तेज़ दौड़ने वाला, मस्त चाल वाला

 

Class 6 Hindi Haar Ki Jeet– Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)

1 –
माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती उसे सुलतान कह कर पुकारते, अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते और देख-देखकर प्रसन्न होते थे। उन्होंने रुपया, माल, असबाब, ज़मीन आदि अपना सब-कुछ छोड़ दिया था, यहाँ तक कि उन्हें नगर के जीवन से भी घृणा थी। अब गाँव से बाहर एक छोटे-से मंदिर में रहते और भगवान का भजन करते थे। “मैं सुलतान के बिना नहीं रह सकूँगा”, उन्हें ऐसी भ्रांति-सी हो गई थी। वे उसकी चाल पर लट्टू थे।

प्रश्न 1 – बाबा भारती घोड़े को कैसे प्यार करते थे?
(क) किसी परिवार के सदस्य की तरह
(ख) माँ का अपने बेटे की तरह
(ग) मित्र का दूसरे मित्र की तरह
(घ) मालिक का पशु की तरह
उत्तर – (ख) माँ का अपने बेटे की तरह

प्रश्न 2 – बाबा भारती का अधिकतर समय किसमें गुजरता था?
(क) भगवत भजन में
(ख) खेती बाड़ी में
(ग) घोड़े की देख-रेख में
(घ) घर के कामों में
उत्तर – (ग) घोड़े की देख-रेख में

प्रश्न 3 – सुलतान कैसा घोड़ा था?
(क) सुन्दर व् बलवान
(ख) आलसी व् कामचोर
(ग) भुख्खड़ व् मोटा
(घ) तेज़ व् शरारती
उत्तर – (क) सुन्दर व् बलवान

प्रश्न 4 – बाबा भारती ने सुलतान के लिए क्या त्याग किया था?
(क) रुपया, माल
(ख) सम्पति व् नगर का जीवन
(ग) अपनी ज़मीन
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 5 – बाबा भारती को क्या भ्र्म था?
(क) कि सुलतान उन्हें छोड़ कर चला जाएगा
(ख) कि वे सुलतान के बिना नहीं रह सकते
(ग) कि कोई सुलतान को चुरा लेगा
(घ) कि सुलतान उनसे प्यार नहीं करता
उत्तर – (ख) कि वे सुलतान के बिना नहीं रह सकते

2 –
खड्गसिंह उस इलाके का प्रसिद्ध डाकू था। लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे। होते-होते सुलतान की कीर्ति उसके कानों तक भी पहुँची। उसका हृदय उसे देखने के लिए अधीर हो उठा। एक दिन वह दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँचा और नमस्कार करके बैठ गया। बाबा भारती ने पूछा, “खड्गसिंह, क्या हाल है?”
खड्गसिंह ने सिर झुकाकर उत्तर दिया, “आपकी दया है।”
“कहो, इधर कैसे आ गए?”
“सुलतान की चाह खींच लाई।”
“विचित्र जानवर है। देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।”
“मैंने भी बड़ी प्रशंसा सुनी है।”
“उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी!”
“कहते हैं देखने में भी बहुत सुंदर है।”
“क्या कहना! जो उसे एक बार देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है।”
“बहुत दिनों से अभिलाषा थी, आज उपस्थित हो सका हूँ।

प्रश्न 1 – खड्गसिंह कौन था?
(क) प्रसिद्ध अभिनेता
(ख) प्रसिद्ध व्यक्ति
(ग) प्रसिद्ध यात्री
(घ) प्रसिद्ध डाकू
उत्तर – (घ) प्रसिद्ध डाकू

प्रश्न 2 – खड्गसिंह बाबा से मिलने क्यों आया?
(क) बाबा के विचारों को सुनने
(ख) बाबा को घमकाने
(ग) सुलतान को देखने
(घ) बाबा की प्रशंसा करने
उत्तर – (ग) सुलतान को देखने

प्रश्न 3 – गद्यांश में विचित्र जानवर किसे कहा गया है?
(क) घोड़े को
(ख) शेर को
(ग) मनुष्य को
(घ) डाकू को
उत्तर – (क) घोड़े को

प्रश्न 4 – खड्गसिंह ने किसकी प्रशंसा सुनी थी?
(क) बाबा भारती की
(ख) स्वयं खुद की
(ग) सुलतान की
(घ) गाँव की
उत्तर – (ग) सुलतान की

प्रश्न 5 – बाबा भारती के अनुसार सुलतान की कौन सी चीज़ सबका मन मोह लेती है?
(क) सुंदरता
(ख) चाल
(ग) कद-काठी
(घ) आँखे
उत्तर – (ख) चाल

3 –
बाबा भारती और खड्गसिंह दोनों अस्तबल में पहुँचे। बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से। उसने सैकेड़ों घोड़े देखे थे, परंतु ऐसा बाँका घोड़ा उसकी आँखों से कभी न गुजरा था। सोचने लगा, ‘भाग्य की बात है। ऐसा घोड़ा खड्गसिंह के पास होना चाहिए था। इस साधु को ऐसी चीज़ों से क्या लाभ?’ कुछ देर तक आश्चर्य से चुपचाप खड़ा रहा। इसके पश्चात उसके हृदय में हलचल होने लगी। बालकों की-सी अधीरता से बोला, “परंतु बाबाजी, इसकी चाल न देखी तो क्या?”
बाबा भारती भी मनुष्य ही थे। अपनी चीज़ की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय भी अधीर हो गया। घोड़े को खोलकर बाहर लाए और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगे। एकाएक उचककर सवार हो गए, घोड़ा हवा से बातें करने लगा। उसकी चाल को देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया। वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर वह अपना अधिकार समझता था। उसके पास बाहुबल था, आदमी थे और बेरहमी थी। जाते-जाते उसने कहा, “बाबाजी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा।”

प्रश्न 1 – बाबा ने खड्गसिंह को घोड़ा कैसे दिखाया?
(क) ख़ुशी से
(ख) घमंड से
(ग) डर से
(घ) नफ़रत से
उत्तर – (ख) घमंड से

प्रश्न 2 – खड्गसिंह को घोड़ा देखकर आश्चर्य क्यों हुआ?
(क) उसने सैकेड़ों घोड़े देखे थे
(ख) उसने ऐसा शरारती घोड़ा नहीं देखा था
(ग) उसने ऐसा बाँका घोड़ा नहीं देखा था
(घ) उसने ऐसा बनावटी घोड़ा नहीं देखा था
उत्तर – (ग) उसने ऐसा बाँका घोड़ा नहीं देखा था

प्रश्न 3 – खड्गसिंह घोड़े को देखकर क्या सोचने लगा?
(क) ऐसा घोड़ा किसी के पास होना भाग्य की बात है
(ख) ऐसा घोड़ा खड्गसिंह के पास होना चाहिए था
(ग) इस साधु को ऐसे घोड़े से क्या लाभ
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4 – बाबा का हृदय क्यों अधीर हो गया?
(क) सुलतान को दूर जाता देख कर
(ख) अपनी चीज़ की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए
(ग) सुलतान को किसी दूसरे से प्यार करता देखकर
(घ) किसी दूसरे को सुलतान की परवाह करता देखकर
उत्तर – (ख) अपनी चीज़ की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए

प्रश्न 5 – सुलतान की चाल को देखकर खड्गसिंह के हृदय पर क्या लोट गया?
(क) बादल
(ख) ईर्ष्या
(ग) पानी
(घ) साँप
उत्तर – (घ) साँप

4 –
किसी समय वहाँ बाबा भारती स्वयं लाठी लेकर पहरा देते थे, परंतु आज उन्हें किसी चोरी, किसी डाके का भय न था। खड्गसिंह ने आगे बढ़कर सुलतान को उसके स्थान पर बाँध दिया और बाहर निकलकर सावधानी से फाटक बंद कर दिया। इस समय उसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू थे।
रात्रि का तीसरा पहर बीत चुका था। चौथा पहर आरंभ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल ठंडे जल से स्नान किया। उसके पश्चात, इस प्रकार जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो, उनके पाँव अस्तबल की ओर बढ़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई। साथ ही घोर निराशा ने पाँव को मन-मन-भर का भारी बना दिया। वे वहीं रुक गए। घोड़े ने अपने स्वामी के पाँवों की चाप को पहचान लिया और ज़ोर से हिनहिनाया। अब बाबा भारती आश्चर्य और प्रसनता से दौड़ते हुए अंदर घुसे और अपने घोड़े के गले से लिपटकर इस प्रकार रोने लगे मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछ्ड़े पुत्र से मिल रहा हो। बार-बार उसकी पीठ पर हाथ फेरते, बार-बार उसके मुँह पर थपकियाँ देते। और कहते थे, “अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।”

प्रश्न 1 – किसी समय अस्तबल के फाटक पर बाबा भारती स्वयं लाठी लेकर पहरा देते थे, परंतु सुलतान के जाने के बाद वे क्यों पहरा नहीं देते थे?
(क) उन्हें किसी चोरी का भय न था
(ख) उन्हें किसी डाके का भय न था
(ग) उन्हें किसी लूट का भय न था
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 2 – अंतिम भाग में खड्गसिंह की आँखों में किसके आँसू थे?
(क) पश्चाताप के
(ख) दुःख के
(ग) ख़ुशी के
(घ) दर्द के
उत्तर – (क) पश्चाताप के

प्रश्न 3 – ठंडे जल से स्नान करने के पश्चात, किस प्रकार बाबा के पाँव अस्तबल की ओर बढ़े?
(क) जैसे कोई तेज चल रहा हो
(ख) जैसे कोई बर्फ में चल रहा हो
(ग) जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो
(घ) जैसे कोई कीचड़ में चल रहा हो
उत्तर – (ग) जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो

प्रश्न 4 – घोड़ा ज़ोर से क्यों हिनहिनाया?
(क) अपने स्वामी के पाँवों की चाप को पहचान कर
(ख) अपने स्वामी को पहचान कर
(ग) अपने स्वामी की आवाज को पहचान कर
(घ) अपने स्वामी की साँसों को पहचान कर
उत्तर – (क) अपने स्वामी के पाँवों की चाप को पहचान कर

प्रश्न 5 – अपने घोड़े के गले से लिपटकर बाबा भारती किस प्रकार रोने लगे?
(क) मानो कोई माता बहुत दिन से बिछ्ड़े पुत्र से मिल रही हो
(ख) मानो कोई मित्र बहुत दिन से बिछ्ड़े मित्र से मिल रहा हो
(ग) मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछ्ड़े पुत्र से मिल रहा हो
(घ) मानो कोई मालिक बहुत दिन से बिछ्ड़े नौकर से मिल रहा हो
उत्तर – (ग) मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछ्ड़े पुत्र से मिल रहा हो

Class 6 Hindi Malhar Lesson 4 Haar Ki Jeet Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)

 

प्रश्न 1 – बाबा भारती किस बात पर आनंदित होते थे?
(क) अपने बेटे को देखकर
(ख) अपने खेत को देखकर
(ग) अपने घोड़े को देखकर
(घ) लहलहाती फसल को देखकर
उत्तर – (ग) अपने घोड़े को देखकर

प्रश्न 2 – बाबा भारती अपने घोड़े का कौन सा काम करते थे?
(क) अपने हाथ से खरहरा करते थे
(ख) खुद उसे दाना खिलाते थे
(ग) दिन बार उसकी देखभाल करते थे
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 3 – बाबा भारती को क्या भ्र्म हो गया था?
(क) वे सुलतान के बिना नहीं रह पाएंगे
(ख) सुलतान उनके बिना नहीं रह पाएगा
(ग) सुलतान की चाल अनोखी है
(घ) उनके सिवा सुलतान का कोई नहीं है
उत्तर – (क) वे सुलतान के बिना नहीं रह पाएंगे

प्रश्न 4 – घोड़ा देखकर किसको आनंद आता था?
(क) बाबा भारती को
(ख) माँ को
(ग) किसान को
(घ) भगवान को
उत्तर – (क) बाबा भारती को

प्रश्न 5 – बाबा भारती ने घोड़े का नाम क्या रखा था?
(क) सलमान
(ख) सुलतान
(ग) मुलतान
(घ) चेतक
उत्तर – (ख) सुलतान

प्रश्न 6 – गाँव के बाहर एक छोटे से मंदिर में कौन रहता था?
(क) डाकू खड़गसिंह
(ख) सुलतान
(ग) बाबा भारती
(घ) लेखक
उत्तर – (ग) बाबा भारती

प्रश्न 7 – खड्गसिंह कौन था?
(क) डाकू
(ख) संत
(ग) सज्जन
(घ) महात्मा
उत्तर – (क) डाकू

प्रश्न 8 – हृदय पर साँप लोटना, मुहावरे का क्या अर्थ है?
(क) दुखी होना
(ख) प्रसन्न होना
(ग) ईर्ष्या करना
(घ) मन खराब होना
उत्तर – (ग) ईर्ष्या करना

प्रश्न 9 – घोड़े की चाल को देखकर किसके हृदय पर साँप लोट गया?
(क) सुलतान के
(ख) अपाहिज के
(ग) बाबा भारती के
(घ) खड्गसिंह के
उत्तर – (घ) खड्गसिंह के

प्रश्न 10 – अपाहिज व्यक्ति ने अपने बारे में बाबा को क्या बताया?
(क) वह एक दुखियारा है
(ख) उसे रामवाला जाना है
(ग) वह दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई है
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर –(घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 11 – परेशानी के कारण रात को नींद किसे नहीं आ रही थी?
(क) खड्गसिंह को
(ख) बाबा भारती को
(ग) सुलतान को
(घ) घोड़े को
उत्तर – (ख) बाबा भारती को

प्रश्न 12 – रात भर अस्तबल की रखवाली कौन कर रहा था?
(क) बाबा भारती
(ख) खड्गसिंह
(ग) सुलतान
(घ) अपाहिज व्यक्ति
उत्तर – (क) बाबा भारती

प्रश्न 13 – अपाहिज व्यक्ति असल में कौन था?
(क) बाबा भारती
(ख) डाकू खड्गसिंह
(ग) एक साधारण व्यक्ति
(घ) सुलतान
उत्तर – (ख) डाकू खड्गसिंह

प्रश्न 14 – अचानक झटका लगने से किसके हाथ से लगाम छूट गई?
(क) अपाहिज के
(ख) खड्गसिंह के
(ग) सुलतान के
(घ) बाबा भारती के
उत्तर – (घ) बाबा भारती के

प्रश्न 15 – बाबा भारती ने किससे कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना?
(क) खड्गसिंह से
(ग) सुलतान से
(ख) दुर्गादत्त से
(घ) पथिक से
उत्तर – (क) खड्गसिंह से

प्रश्न 16 – खड्गसिंह का मुँह किसकी बात सुनकर आश्चर्य से खुला रह गया?
(क) सुलतान की
(ख) दुर्गादत्त की
(ग) अपाहिज की
(घ) बाबा भारती की
उत्तर – (घ) बाबा भारती की

प्रश्न 17 – पाठ में ‘स्वीकार’ का विलोम शब्द क्या प्रयुक्त हुआ है?
(क) असंतुष्ट
(ख) अस्वीकार
(ग) अपवित्र
(घ) आगमन
उत्तर – (ख) अस्वीकार

प्रश्न 18 – किसके कानों में बाबा भारती के शब्द गूँज रहे थे?
(क) सुलतान के
(ख) दुर्गादत्त के
(ग) खड्गसिंह के
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर – (ग) खड्गसिंह के

प्रश्न 19 – अपने स्वामी के पाँवों की चाप को किसने पहचान लिया?
(क) सुलतान ने
(ख) खड्गसिंह ने
(ग) बाबा भारती ने
(घ) दुर्गादत्त ने
उत्तर – (क) सुलतान ने

प्रश्न 20 – किसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू थे?
(क) दुर्गादत्त की
(ख) बाबा भारती की
(ग) सुलतान की
(घ) खड्गसिंह की
उत्तर – (घ) खड्गसिंह की

Haar Ki Jeet Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)

प्रश्न 1 – बाबा भारती अपने घोड़े को देखकर कैसे खुश होते थे?
उत्तर – जिस तरह माँ को अपने बेटे को देखकर ख़ुशी होती हैं और किसान को अपने फसल से भरे लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद व् ख़ुशी बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर होती थी। बाबा भारती का भगवान् का भजन करने के बाद जो समय बचता था, वह समय उनके घोड़े को समर्पित हो जाता। अर्थात पूजा पाठ के अलावा सारा समय बाबा भारती अपने घोड़े के साथ ही गुजारते थे।

प्रश्न 2 – बाबा भारती के लिए सुलतान सब कुछ था। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – बाबा भारती का घोड़ा बहुत सुंदर था और साथ ही साथ बहुत शक्तिशाली भी था। उस घोड़े के जैसा कोई दूसरा घोड़ा सारे इलाके में नहीं था। बाबा भारती ने उसका नाम सुलतान रखा था, वे अपने हाथों से ही अपने घोड़े की कँघी भी करते थे, वे स्वयं ही उसे दाना खिलाते और उसको देख-देखकर ही खुश होते रहते थे। बाबा भारती ने अपना रुपया, क्रय-विक्रय की वस्तुएँ, सामान-सामग्री एवं संपत्ति, ज़मीन आदि अपना सब-कुछ छोड़ दिया था, यहाँ तक कि उन्हें नगर के जीवन से भी नफ़रत हो गई थी। कहने का आशय यह है कि बाबा भारती ने अपना सब कुछ अपने घोड़े के लिए त्याग दिया था। अपना सब कुछ छोड़कर वे गाँव से बाहर अब एक छोटे-से मंदिर में रहते थे और भगवान का भजन करते रहते थे। उन्हें एक भ्र्म अथवा संदेह हो गया था कि वे सुलतान अर्थात अपने घोड़े के बिना नहीं रह सकेंगे। वे अपने घोड़े के चलने के ढंग पर मोहित थे। वे कहते थे कि उनका घोडा ऐसे चलता है जैसे मोर बादल को देखकर नाच रहा हो। जब तक शाम के समय सुलतान पर चढ़कर बाबा भारती आठ-दस मील का चक्कर नहीं लगाते थे, उन्हें आराम अथवा सुकून नहीं मिलता था।

प्रश्न 3 – खड्गसिंह बाबा भारती के पास क्यों आया?
उत्तर – जिस इलाके में बाबा भारती रहते थे उस इलाके का प्रसिद्ध डाकू खड्गसिंह था। खड्गसिंह का नाम सुनकर ही लोग काँप जाते थे। सुलतान की प्रशंसा फैलते-फैलते खड्गसिंह के कानों तक भी पहुँच गई। उसका मन भी सुलतान को देखने के लिए व्याकुल होने लगा। इसी वजह से एक दिन खड्गसिंह दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँच गया।

प्रश्न 4 – खड्गसिंह ने बाबा भारती को सुलतान से मिलाने के लिए कैसे मनाया?
उत्तर – बाबा भारती के पूछने पर कि खड्गसिंह उनके पास क्यों आया है। तो खड्गसिंह कहता है कि सुलतान को देखने की इच्छा उसे उनके पास खींच लाई है। बाबा भारती कहते हैं कि सुलतान एक अनोखा जानवर है। खड्गसिंह उसे देखेगा तो खुश हो जाएगा। खड्गसिंह ही कहता है कि उसने भी सुलतान की बहुत प्रशंसा सुनी है। बाबा भारती सुलतान की चाल की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि सुलतान की चाल से खड्गसिंह को स्नेह हो जाएगा। खड्गसिंह कहता है कि उसने सुना है सुलतान देखने में भी बहुत सुंदर है। इस पर बाबा भारती कहते हैं कि जो सुलतान को एक बार देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी सूरत चिह्नित हो जाती है। अर्थात एक बार देखने से ही लोगों के मन में सुल्तान का चित्र बस जाता है। खड्गसिंह भी कहता है कि उसकी बहुत दिनों से सुलतान को देखने की इच्छा थी, लेकिन वह आज हाजिर हो सका है। खड्गसिंह के घोड़े को देखने की इच्छा पूर्ति के लिए बाबा भारती और खड्गसिंह दोनों घोड़ों को बाँधने के स्थान पर पहुँचे। बाबा ने खड्गसिंह को बड़े ही अभिमान से अपना घोड़ा दिखाया।

प्रश्न 5 – घोड़े को देखकर खड्गसिंह की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर – खड्गसिंह ने बड़े आश्चर्य के साथ घोड़ा देखा। उसने सैकेड़ों घोड़े देखे थे, परंतु ऐसा सुन्दर व् अच्छा घोड़ा उसकी आँखों के सामने से कभी नहीं गुजरा था। अर्थात खड्गसिंह ने अपनी जिंदगी में ऐसा सुंदर घोड़ा नहीं देखा था। उसे देखकर वह सोचने लगा कि यह सब भाग्य की बात है। क्योंकि ऐसा घोड़ा तो खड्गसिंह के पास होना चाहिए था। इस साधु अर्थात बाबा भारती को ऐसी चीज़ों से कोई लाभ नहीं है। कुछ देर तक खड्गसिंह आश्चर्य से चुपचाप खड़ा रहा। उसकी चाल को देखकर खड्गसिंह के हृदय में ईर्ष्या जागने लगी। वह डाकू था, जिसके कारण जिस भी वस्तु को वह पसंद करता था, उस पर वह अपना ही अधिकार समझता था। उसके पास मज़बूत भुजाओं वाले कई आदमी थे, जो बहुत ही निर्दयी थे। जिनके बल पर जाते-जाते उसने बाबा भारती से कहा कि वह उस घोड़े को उनके पास नहीं रहने देगा। अर्थात वह सुलतान को उनसे छीन लेगा।

प्रश्न 6 – बाबा भारती भी इंसान ही थे। वाक्य का आशय क्या है?
उत्तर – छोटे बच्चों की तरह धैर्यहीन होकर जब खड्गसिंह बाबा से बोला कि अगर यहाँ आकर भी सुलतान की चाल नहीं देखी तो कोई फायदा नहीं होगा। बाबा भारती भी इंसान ही थे। अपनी चीज़ की प्रशंसा दूसरे के मुँह से सुनने के लिए उनका हृदय भी बैचैन हो गया। उन्हें खड्गसिंह के इरादे समझ में नहीं आए और वे भावनाओं में बह गए।

प्रश्न 7 – खड्गसिंह का सुलतान को बाबा से छीनने की बात करने के बाद बाबा का व्यवहार कैसा था?
उत्तर – सुलतान की चाल को देखकर खड्गसिंह के हृदय में ईर्ष्या जागने लगी। वह डाकू था, जिसके कारण जिस भी वस्तु को वह पसंद करता था, उस पर वह अपना ही अधिकार समझता था। जाते-जाते उसने बाबा भारती से कहा कि वह उस घोड़े को उनके पास नहीं रहने देगा। अर्थात वह सुलतान को उनसे छीन लेगा। बाबा भारती उसकी इन बातों से डर गए। अब उन्हें रात को नींद नहीं आती थी। उनकी सारी रात घोड़े को बाँधने के स्थान पर सुलतान की रखवाली में कटने लगी थी। हर पल उन्हें खड्गसिंह का भय लगा रहता था।

प्रश्न 8 – खड्गसिंह ने बाबा से किस प्रकार सुलतान को छीन लिया?
उत्तर – एक शाम को बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। अचानक एक ओर से आवाज़ आई कि बाबा इस बेचारे गरीब दुखयारे की सुनते जाओ। उस आवाज़ में दर्द भारा था। उस आवाज को सुनकर बाबा ने घोड़े को रोक लिया। उन्होंने देखा कि एक अपाहिज एक वृक्ष की छाया में पड़ा दर्द से चिल्ला रहा था। बाबा के पूछने पर कि उसे क्या तकलीफ है, उस अपाहिज ने हाथ जोड़कर कहा कि वह दुःख का मारा व्यक्ति है। बाबा उस पर दया करें।क्योंकि उसे रामावाला जाना था जो वहाँ से तीन मील दूर था। बाबा भारती घोड़े से उतर गए और अपाहिज को घोड़े पर सवार कर दिया। वे स्वयं घोड़े की लगाम पकड़कर धीरे-धीरे चलने लगे। अचानक उन्हें एक झटका-सा लगा और लगाम उनके हाथ से छूट गई। जब उन्होंने देखा कि अपाहिज घोड़े की पीठ पर तनकर बैठा है और घोड़े को दौड़ाए लिए जा रहा है, तब उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। वह अपाहिज कोई और नहीं डाकू खड्गसिंह ही था।

प्रश्न 9 – खड्गसिंह के द्वारा धोखे से सुलतान को छीनने के बाद बाबा ने खड्गसिंह से क्या वचन लिया और क्यों?
उत्तर – बाबा भारती ने चिल्लाकर खड्गसिंह को रुकने के लिए कहा। खड्गसिंह ठहर कर उनकी बात सुनने लगा। खड्गसिंह ने कहा कि वह यह घोड़ा वापिस नहीं करेगा। बाबा ने प्रार्थना की कि खड्गसिंह इस घटना को किसी के भी सामने प्रकट न करें। खड्गसिंह को समझ नहीं आ रहा था कि बाबा की इस प्रार्थना का उद्देश्य क्या हो सकता है और इससे उनने क्या हासिल होगा। बाबा भारती ने उससे कहा कि यदि लोगों को इस घटना का पता चला तो वे किसी गरीब पर विश्वास नहीं करेंगे। यह कहते-कहते उन्होंने सुलतान की ओर से इस तरह मुँह मोड़ लिया जैसे उनका उससे कभी कोई संबंध ही न रहा हो। कहने का आशय यह है कि खड्गसिंह ने एक गरीब दुखयारे का वेश धारण करके बाबा के साथ छल किया था और अगर लोगों को पता चलता तो वे कभी भविष्य में किसी गरीब दुखयारे की सहायता करने से भी कतराएंगे।

प्रश्न 10 – बाबा के विचारों का खड्गसिंह पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर – खड्गसिंह के कानों में बाबा के परोपकारी विचार बार-बार किसी प्रतिध्वनि की तरह सुनाई पड़ रहे थे। वह सोच रहा था कि बाबा के कैसे ऊँचे विचार हैं, कैसा पवित्र भाव है! क्योंकि बाबा को सुलतान से बहुत अधिक प्रेम था, परंतु आज सुलतान को छोड़ते समय उनके मुख पर दुःख की एक रेखा तक दिखाई नहीं पड़ी थी। उन्हें केवल यह विचार था कि कहीं लोगों को इस घटना का पता चल गया तो लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़ न दे। यह सब सोचता हुआ रात के अँधेरे में खड्गसिंह बाबा भारती के मंदिर में पहुँचा। वह धीरे-धीरे घोड़े को बाँधने के स्थान पर पंहुचा और उसके दरवाज़े को खोलने लगा। दरवाजा खुला पड़ा था। एक समय था जब बाबा भारती खुद लाठी लेकर वहाँ पहरा देते थे, परंतु आज उन्हें किसी चोरी, किसी डाके का कोई डर नहीं था। खड्गसिंह ने आगे बढ़कर सुलतान को उसके स्थान पर बाँध दिया और बाहर निकलकर सावधानी से दरवाजा बंद कर दिया। इस समय खड्गसिंह की आँखों में अपनी गलती का एहसास होने पर मन में होने वाला दुःख के आँसू थे।