CBSE Class 6 Hindi Chapter 11 Chetak Ki Veerta (चेतक की वीरता) Question Answers (Important) from Malhar Book
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सीबीएसई कक्षा 6 हिंदी मल्हार के पाठ 11 चेतक की वीरता प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 6 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे चेतक की वीरता प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।
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- Chetak Ki Veerta NCERT Solutions
- Chetak Ki Veerta Extract Based Questions
- Chetak Ki Veerta Multiple Choice Questions
- Chetak Ki Veerta Extra Question Answers
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Chetak Ki Veerta Chapter 11 NCERT Solutions
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए –
प्रश्न 1 – चेतक शत्रुओं की सेना पर किस प्रकार टूट पड़ता था?
- चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था।
- चेतक शत्रु की सेना को चारों ओर से घेरकर उस पर टूट पड़ता था ।
- चेतक हाथियों के दल के समान बादल के रूप में शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था।
- चेतक नदी के उफान के समान शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था ।
उत्तर – • चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था। (★)
प्रश्न 2 – ‘लेकर सवार उड़ जाता था।’ इस पंक्ति में ‘सवार’ शब्द किसके लिए आया है?
- चेतक
- महाराणा प्रताप
- कवि
- शत्रु
उत्तर – • महाराणा प्रताप (★)
(ख) अब अपने मित्रों के साथ तर्कपूर्ण चर्चा कीजिए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुने ?
उत्तर – चेतक बादल की तरह शत्रु की सेना पर वज्रपात बनकर टूट पड़ता था। चेतक अपनी तेज गति के कारण एक जगह से दूसरी जगह क्षण भर में पहुँच जाता था और पूरी युद्धभूमि में हर जगह बिना डर के पहुँच जाता था। हवा के हल्के स्पर्श से ही वह अपने ऊपर सवार हुए राणा प्रताप को ले कर तेज़ गति से एक जगह से दूसरी जगह पहुँच जाता था। चेतक राणा प्रताप का घोड़ा था जिस कारण हमने सवार शब्द राणा प्रताप के लिए चुना है।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
(क) “निर्भीक गया वह ढालों में, सरपट दौड़ा करवालों में। ”
उत्तर – राणा प्रताप का घोड़ा चेतक युद्धभूमि में अपनी चाल के हुनर का परिचय देते हुए भयानक भालों के बीच से भी मानो उड़कर निकल जाता था। वह बिना डरे ढालों की परवाह किए बिना उनमें से निकल जाता था। वह तलवारों के बीच में भी तेज़ी से दौड़ कर निकल जाता था। कहने का आशय यह है कि चेतक को कहीं भी कोई बाधा रोक नहीं पाती थी। वह युद्धभूमि में अपना पूरा युद्ध-कौशल दिखाता था।
(ख) “ भाला गिर गया, गिरा निषंग, हय-टापों से खन गया अंग । ”
उत्तर – चेतक शत्रु-सेना पर भयानक बादल बनकर बज्र के सामान टूट पड़ता था अर्थात वह तो शत्रु सेना पर बादल की तरह छा जाता था। शत्रुओं के भाले और तरकश युद्धभूमि में गिर गए थे क्योंकि घोड़े के पैरों की टापों से उनका सारा शरीर घायल हो गया था।
मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही भावार्थ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
| पंक्तियाँ | भावार्थ |
| 1. राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा काे पाला था। | 1. शत्रु की सेना पर भयानक बज्रमय बादल बनकर टूट पड़ता और शत्रुओं का नाश करता। |
| 2. वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर, या आसमान पर घोड़ा था। | 2. हवा से भी तेज दौड़ने वाला चेतक ऐसे दौड़ लगा रहा था मानो हवा और चेतक में प्रतियोगिता हो रही हो। |
| 3. जो तनिक हवा से बाग हिली लेकर सवार उड़ जाता था। | 3. शत्रुओं के सिर के ऊपर से होता हुआ एक छोर से दूसरे छोर पर ऐसे दौड़ता जैसे आसमान में दौड़ रहा हो। |
| 4. राणा की पुतली फिरी नहीं, तब तक चेतक मुड़ जाता था। | 4. चेतक की फुर्ती ऐसी कि लगाम के थोड़ा-सा हिलते ही सरपट हवा में उड़ने लगता था। |
| 5. विकराल बज्र-मय बादल-सा अरि की सेना पर घहर गया। | 5. वह राणा की पूरी निगाह मुड़ने से पहले ही उस ओर मुड़ जाता अर्थात वह उनका भाव समझ जाता था। |
उत्तर –
| पंक्तियाँ | भावार्थ |
| 1. राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा काे पाला था। | 2. हवा से भी तेज दौड़ने वाला चेतक ऐसे दौड़ लगा रहा था मानो हवा और चेतक में प्रतियोगिता हो रही हो। |
| 2. वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर, या आसमान पर घोड़ा था। | 3. शत्रुओं के सिर के ऊपर से होता हुआ एक छोर से दूसरे छोर पर ऐसे दौड़ता जैसे आसमान में दौड़ रहा हो। |
| 3. जो तनिक हवा से बाग हिली लेकर सवार उड़ जाता था। | 4. चेतक की फुर्ती ऐसी कि लगाम के थोड़ा-सा हिलते ही सरपट हवा में उड़ने लगता था। |
| 4. राणा की पुतली फिरी नहीं, तब तक चेतक मुड़ जाता था। | 5. वह राणा की पूरी निगाह मुड़ने से पहले ही उस ओर मुड़ जाता अर्थात वह उनका भाव समझ जाता था। |
| 5. विकराल बज्र-मय बादल-सा अरि की सेना पर घहर गया। | 1. शत्रु की सेना पर भयानक बज्रमय बादल बनकर टूट पड़ता और शत्रुओं का नाश करता। |
शीर्षक
यह कविता ‘हल्दीघाटी’ शीर्षक काव्य कृति का एक अंश है। यहाँ इसका शीर्षक ‘चेतक की वीरता’ दिया गया है। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर – ‘चेतक की वीरता’ शीर्षक ही इस कविता का सार्थक शीर्षक है क्योंकि चेतक बिना डरे युद्धभमि में अपनी वीरता का प्रदर्शन कर रहा था जिसे देखकर शत्रु सेना भी दंग रह गई थी।
कविता की रचना
“चेतक बन गया निराला था।”
“पड़ गया हवा काे पाला था।”
“राणा प्रताप का कोड़ा था।”
“या आसमान पर घोड़ा था।”
रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ये शब्द बोलने-लिखने में थोड़े मिलते-जुलते हैं। इस तरह की तुकांत शैली प्रायः कविता में आती है। कभी-कभी कविता अतुकांत भी होती है। इस कविता में आए तुकांत शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर – उड़ – मुड़
चालों -भालों
यहाँ – वहाँ
जहाँ -कहाँ
ढ़ालों – करवालों
लहर – ठहर
निषंग – अंग
दंग – रंग
शब्द के भीतर शब्द
“या आसमान का घोड़ा था।”
‘आसमान’ शब्द के भीतर कौन-कौन से शब्द छिपे हैं—
आस, समान, मान, सम, आन, नस आदि।
अब इसी प्रकार कविता में से कोई पाँच शब्द चुनकर उनके भीतर के शब्द खोजिए।
उत्तर –
- चौकड़ी – कड़ी, चौक, चौड़ी
- सवार – सर, रस, वार
- दिखलाया – दिख, दिया, लाया
- बादल – दल, बाद, बाल
- करवाल – कर, कल, वाल
समानार्थी शब्द
कुछ शब्द समान अर्थ वाले होते हैं, जैसे— हय, अश्व और घोड़ा। इन्हें समानार्थी शब्द कहते हैं।
यहाँ पर दिए गए शब्दों से उस शब्द पर घेरा बनाइए जो समानार्थी न हों—
| 1. | हवा | अनल | पवन | बयार |
| 2. | रण | तुरंग | युद्ध | समर |
| 3. | आसमान | आकाश | गगन | नभचर |
| 4. | नद | नाद | सरिता | तटिनी |
| 5. | करवाल | तलवार | असि | ढाल |
उत्तर –

आज की पहेली
बूझो तो जानें
• तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा सीधा एक समान ।
दिन में जगता, रात में सोता यही मेरी पहचान ।।
उत्तर – नयन
• एक पक्षी ऐसा अलबेला, बिना पंख उड़ रहा अकेला ।
बाँध गले में लंबी डोर पकड़ रहा अंबर का छोर ।
उत्तर – पतंग
• रात में हूँ दिन में नहीं दीये के नीचे हूँ ऊपर नहीं
बोलो बोलो – मैं हूँ कौन?
उत्तर – परछाई
• मुझमें समाया फल, फूल और मिठाई
सबके मुँह में आया पानी मेरे भाई ।
उत्तर – गुलाब जामुन
• सड़क है पर गाड़ी नहीं, जंगल है पर पेड़ नहीं
शहर है पर घर नहीं, समंदर है पर पानी नहीं ।
उत्तर – नक्शा
Class 6 Hindi Chetak Ki Veerta – Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)
1 –
रण-बीच चौकड़ी भर-भरकर
चेतक बन गया निराला था।
राणा प्रताप के घोड़े से
पड़ गया हवा को पाला था।
गिरता न कभी चेतक-तन पर
राणा प्रताप का कोड़ा था।
वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर
या आसमान पर घोड़ा था।
प्रश्न 1 – काव्यांश के अनुसार किसने अपनी कौशलता और वीरता का परिचय दिया?
(क) चेतक
(ख) राणा प्रताप
(ग) सैनिक
(घ) चाबुक
उत्तर – (क) चेतक
प्रश्न 2 -‘चौकड़ी’ का क्या अर्थ है?
(क) दौड़ना
(ख) छलांग
(ग) बैठना
(घ) तेज़ भागना
उत्तर – (ख) छलांग
प्रश्न 3 – चेतक कैसा था ?
(क) घमंडी
(ख) सुंदर
(ग) सुस्त
(घ) समझदार
उत्तर – (घ) समझदार
प्रश्न 4 – किसका कोड़ा चेतक के तन पर नहीं गिरता था?
(क) राणा प्रताप का
(ख) शत्रु का
(ग) सैनिक का
(घ) हवा का
उत्तर – (क) राणा प्रताप का
प्रश्न 5 – ‘अरि’ का क्या अर्थ है?
(क) मित्र
(ख) शत्रु
(ग) सैनिक
(घ) राजा
उत्तर – (ख) शत्रु
2 –
जो तनिक हवा से बाग हिली
लेकर सवार उड़ जाता था।
राणा की पुतली फिरी नहीं
तब तक चेतक मुड़ जाता था।
कौशल दिखलाया चालों में
उड़ गया भयानक भालों में।
निर्भीक गया वह ढालों में
सरपट दौड़ा करवालों में।
प्रश्न 1 – सवार लेकर कौन उड़ जाता था?
(क) चेतक
(ख) शत्रु
(ग) सैनिक
(घ) राणा प्रताप
उत्तर – (क) चेतक
प्रश्न 2 – चेतक किसके हर इशारे को भली-भाँति समझ जाता था?
(क) शत्रु के
(ख) राणा प्रताप के
(ग) सैनिक के
(घ) सवार के
उत्तर – (ख) राणा प्रताप की
प्रश्न 3 – काव्यांश में ‘लगाम’ के लिए किस पर्यायवाची शब्द का प्रयोग हुआ है?
(क) बाग
(ख) सवार
(ग) तनिक
(घ) हिली
उत्तर – (क) बाग
प्रश्न 4 – युद्धभूमि में चेतक ने अपनी कौशलता किसके द्वारा दिखायी?
(क) हाल द्वारा
(ख) चाल के द्वारा
(ग) भय के द्वारा
(घ) ढाल के द्वारा
उत्तर – (ख) चाल के द्वारा
प्रश्न 5 – ‘सरपट’ का क्या अर्थ है?
(क) अचानक से
(ख) दौड़कर
(ग) धीरे-धीरे
(घ) बहुत तेज गति से
उत्तर – (घ) बहुत तेज गति से
3 –
है यहीं रहा, अब यहाँ नहीं
वह वहीं रहा है वहाँ नहीं।
थी जगह न कोई जहाँ नहीं
किस अरि-मस्तक पर कहाँ नहीं।
बढ़ते नद-सा वह लहर गया
वह गया गया फिर ठहर गया।
प्रश्न 1 – एक स्थान से दूसरे स्थान पर कौन चला जाता था ?
(क) शत्रु
(ख) चेतक
(ग) राणा प्रताप
(घ) सैनिक
उत्तर – (ख) चेतक
प्रश्न 2 – काव्यांश में ‘सिर’ के लिए किस पर्यायवाची शब्द को प्रयुक्त किया गया है?
(क) अरि
(ख) मस्तक
(ग) नद
(घ) लहर
उत्तर – (ख) मस्तक
प्रश्न 3 – कौन नदी की लहरों की भाँति आगे बढ़ता गया?
(क) राणा प्रताप
(ख) शत्रु
(ग) चेतक
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) चेतक
प्रश्न 4 – कुछ क्षण के लिए कौन रुक जाता था?
(क) चेतक
(ख) राणा प्रताप
(ग) सैनिक
(घ) हवा
उत्तर – (क) चेतक
प्रश्न 5 – ‘नद’ का क्या अर्थ है?
(क) नाद
(ख) किनारा
(ग) नदी
(घ) शोर
उत्तर – (ग) नदी
4 –
विकराल बज्र-मय बादल-सा
अरि की सेना पर घहर गया।
भाला गिर गया, गिरा निषंग,
हय-टापों से खन गया अंग।
वैरी-समाज रह गया दंग
घोड़े का ऐसा देख रंग।
प्रश्न 1 – चेतक कैसा रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता था?
(क) नदी का
(ख) आग का
(ग) बादल का
(घ) सेना का
उत्तर – (ग) बादल का
प्रश्न 2 – किसकी टापों से दुश्मन के अंग पूरी तरह से घायल हो गए थे?
(क) घोड़े की
(ख) शत्रु की
(ग) रथ की
(घ) सैनिक की
उत्तर – (क) घोड़े की
प्रश्न 3 – काव्यांश में ‘घोड़े’ के लिए किस पर्यायवाची शब्द को प्रयुक्त किया है?
(क) वैरी
(ख) हय
(ग) निषंग
(घ) दंग
उत्तर – (ख) हय
प्रश्न 4 – वैरी दल का क्या अर्थ है?
(क) सेना का दल
(ख) बेर का दल
(ग) जंगल
(घ) दुश्मन का दल
उत्तर – (घ) दुश्मन का दल
प्रश्न 5 – चेतक की वीरता का पराक्रम देखकर कौन दंग रह गए?
(क) वैरी दल
(ख) सैनिक दल
(ग) हय-टाप
(घ) राणा प्रताप
उत्तर – (क) वैरी दल
Class 6 Hindi Malhar Lesson 11 Chetak Ki Veerta Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
प्रश्न 1 – चेतक किसका घोड़ा था ?
(क) राणा प्रताप का
(ख) शत्रु का
(ग) सैनिक का
(घ) अरि का
उत्तर – (क) राणा प्रताप का
प्रश्न 2 -‘तन’ का क्या अर्थ है?
(क) शत्रु
(ख) शरीर
(ग) हवा
(घ) बादल
उत्तर – (ख) शरीर
प्रश्न 3 – कविता में किसकी पुतली फिरने की बात कही है?
(क) चेतक की
(ख) शत्रु की
(ग) बादल की
(घ) राणा प्रताप की
उत्तर – (घ) राणा प्रताप की
प्रश्न 4 – राणा प्रताप का घोड़ा कैसे निराला बन गया था?
(क) युद्ध-भूमि के बीच चौकड़ी भर-भरकर
(ख) हवा से बातें करते हुए
(ग) युद्ध में शत्रु का साथ देकर
(घ) युद्धभूमि में टहल कर
उत्तर – (क) युद्ध-भूमि के बीच चौकड़ी भर-भरकर
प्रश्न 5 – ‘अरि’ का क्या अर्थ है?
(क) मित्र
(ख) शत्रु
(ग) सैनिक
(घ) राजा
उत्तर – (ख) शत्रु
प्रश्न 6 -‘आसमान पर घोड़ा था’ – से क्या आशय है?
(क) वह आसमान का ही घोड़ा था
(ख) वह ऐसे दौड़ता था मानो आसमान में दौड़ लगा रहा हो
(ग) वह आसमान की तरह नीले रंग का था
(घ) वह आसमान की ओर मुँह करके दौड़ता था
उत्तर – (ख) वह ऐसे दौड़ता था मानो आसमान में दौड़ लगा रहा हो
प्रश्न 7 – चेतक किसके हर इशारे को भली-भाँति समझ जाता था?
(क) शत्रु के
(ख) राणा प्रताप के
(ग) सैनिक के
(घ) सवार के
उत्तर – (ख) राणा प्रताप की
प्रश्न 8 – कविता में ‘लगाम’ का पर्यायवाची क्या है?
(क) बाग
(ख) सवार
(ग) तनिक
(घ) हिली
उत्तर – (क) बाग
प्रश्न 9 – चेतक की क्या विशेषता थी?
(क) वह युद्धभूमि में घूमता रहता था
(ख) वह किसी एक जगह टिकता नहीं था
(ग) वह सभी जगह डर जाता था
(घ) वह बहुत धीरे चलता था
उत्तर – (ख) वह किसी एक जगह टिकता नहीं था
प्रश्न 10 – सरपट’ का क्या अर्थ है?
(क) अचानक से
(ख) दौड़कर
(ग) धीरे-धीरे
(घ) बहुत तेज गति से
उत्तर – (घ) बहुत तेज गति से
प्रश्न 11 – कविता में चेतक की चाल की तुलना किससे की गई है?
(क) हवा
(ख) बादल
(ग) नदी
(घ) अरि
उत्तर – (क) हवा
प्रश्न 12 – कविता में ‘सिर’ का पर्यायवाची शब्द क्या है?
(क) अरि
(ख) मस्तक
(ग) नद
(घ) लहर
उत्तर – (ख) मस्तक
प्रश्न 13 – चेतक का व्यवहार शत्रुओं के प्रति किस प्रकार के बादलों की तरह था?
(क) शांत-मय बादल-सा
(ख) वर्षा-मय बादल-सा
(ग) विकराल बज्र-मय बादल-सा
(घ) विकराल शीत-मय बादल-सा
उत्तर – (ग) विकराल बज्र-मय बादल-सा
प्रश्न 14 – चेतक युद्धभूमि में किससे बचकर तेज़ी से दौड़ कर निकल जाता था?
(क) भयानक भालों के बीच से
(ख) बिना डरे ढालों की परवाह किए बिना
(ग) तलवारों के बीच में
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 15 – ‘नद’ का क्या अर्थ है?
(क) नाद
(ख) किनारा
(ग) नदी
(घ) शोर
उत्तर – (ग) नदी
प्रश्न 16 – चेतक कैसा रूप धारण करके अपने दुश्मनों पर प्रहार करता था?
(क) नदी का
(ख) आग का
(ग) बादल का
(घ) सेना का
उत्तर – (ग) बादल का
प्रश्न 17 – किसकी टापों से दुश्मन के अंग पूरी तरह से घायल हो गए थे?
(क) घोड़े की
(ख) शत्रु की
(ग) रथ की
(घ) सैनिक की
उत्तर – (क) घोड़े की
प्रश्न 18 – कविता में ‘घोड़े’ का पर्यायवाची शब्द क्या है?
(क) वैरी
(ख) हय
(ग) निषंग
(घ) दंग
उत्तर – (ख) हय
प्रश्न 19 – भालों और तलवारों के बीच में जाकर शत्रुओं पर कौन प्रहार करता था?
(क) राणा प्रताप
(ख) चेतक
(ग) सैनिक
(घ) शत्रु दल
उत्तर – (ख) चेतक
प्रश्न 20 – चेतक की वीरता का पराक्रम देखकर कौन दंग रह गए?
(क) वैरी दल
(ख) सैनिक दल
(ग) हय-टाप
(घ) राणा प्रताप
उत्तर – (क) वैरी दल
Chetak Ki Veerta Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
प्रश्न 1 – महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक युद्धभूमि में सबसे विशेष क्यों बन गया था?
उत्तर – महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक युद्धभूमि में चौकड़ी भरकर अर्थात छलाँगे मारकर सबसे विशेष बन गया था। अर्थात चेतक युद्धभूमि में सबसे विशेष प्रदर्शन कर रहा था जिस कारण वह सबसे अनोखा घोड़ा प्रतीत हो रहा था।
प्रश्न 2 – चेतक को दौड़ता हुआ देखकर कैसा प्रतीत होता था?
उत्तर – चेतक इतनी तेज दौड़ लगाता था कि लगता था जैसे उसकी हवा के साथ प्रतियोगिता हो रही हो। अर्थात वह हवा से भी तेज दौड़ता था। चेतक को दौड़ता हुआ देखकर ऐसा प्रतीत होता था जैसे वह शत्रुओं के मस्तक पर दौड़ लगा रहा हो। वह आसमान का घोड़ा प्रतीत होता था। कहने का आशय यह है कि चेतक शत्रुओं के सिर पर से ऐसे एक छोर से दूसरे छोर तक ऐसे दौड़ता था मानो वह आसमान में दौड़ लगा रहा हो। अर्थात वह इतना तेज़ दौड़ता था कि कोई भी उसका मुकाबला नहीं कर पता था।
प्रश्न 3 – चेतक के शरीर पर कभी भी राणा प्रताप का चाबुक क्यों नहीं पड़ता था?
उत्तर – चेतक के शरीर पर कभी भी राणा प्रताप का चाबुक नहीं पड़ता था क्योंकि वह सदैव सावधान रहता था और अपने स्वामी की आज्ञा को भली भाँति समझता था जिस कारण राणा प्रताप को कभी उसके शरीर पर चाबुक मारने की नौबत ही नहीं आती थी। हवा के कारण लगाम के हिलने को चेतक राणा प्रताप का इशारा समझता था और हवा से भी तेज़ दौड़ लगाना शुरू कर देता था। चेतक इतना समझदार था कि राणा प्रताप की आँख की पुतली के घूमने को उनका इशारा समझकर मुड़ जाता था।
प्रश्न 4 – युद्धभूमि में चेतक ने अपना पूरा युद्ध-कौशल दिखाया था। कैसे?
उत्तर – राणा प्रताप का घोड़ा चेतक युद्धभूमि में अपनी चाल के हुनर का परिचय देते हुए भयानक भालों के बीच से भी मानो उड़कर निकल जाता था। वह बिना डरे ढालों की परवाह किए बिना उनमें से निकल जाता था। वह तलवारों के बीच में भी तेज़ी से दौड़ कर निकल जाता था। कहने का आशय यह है कि चेतक को कहीं भी कोई बाधा रोक नहीं पाती थी। वह युद्धभूमि में अपना पूरा युद्ध-कौशल दिखाता था।
प्रश्न 5 – चेतक युद्धभूमि में एक जगह नहीं टिकता था। आशय स्पष्ट कीजि।
उत्तर – राणा प्रताप के घोड़े चेतक की एक महत्पूर्ण विशेषता यह थी कि वह युद्धभूमि में एक जगह नहीं टिकता था। कभी वह युद्धभूमि में एक क्षण एक जगह दिखता तो दूसरे क्षण वहाँ नहीं मिलता। वह जहाँ दिखा था दूसरे ही क्षण वह वहाँ नहीं होता। युद्ध-भूमि में ऐसी कोई जगह नहीं होती थी जहाँ वह नहीं होता अर्थात् वह युद्धभूमि में बिना डरे सभी जगह पहुँच जाता था। ऐसा प्रतीत होता था जैसे युद्धक्षेत्र में वह प्रत्येक शत्रु के मस्तक पर विराजमान हो।
प्रश्न 6 – शत्रुओं का दल क्यों हैरान रह गया?
उत्तर – जब चेतक दौड़ता था तब वह तेज बढ़ती नदी के समान लहराता हुआ प्रतीत होता था। युद्धभूमि में कभी कभी दौड़ते-दौड़ते वह कहीं-कहीं ठहर भी जाता था। फिर वह शत्रु-सेना पर भयानक बादल बनकर बज्र के सामान टूट पड़ता था अर्थात वह तो शत्रु सेना पर बादल की तरह छा जाता था। शत्रुओं के भाले और तरकश युद्धभूमि में गिर गए और घोड़े के पैरों की टापों से उनका सारा शरीर घायल हो गय़ा। घोड़े के ऐसे रंग-ढंग देखकर शत्रुओं का दल भी हैरान रह गया।