NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Bhag 1 ऐसे ऐसे Important Question Answers Lesson 6
Class 6 Hindi Aise Aise Question Answers – Looking for Aise Aise question answers for CBSE Class 6 Hindi Vasant Bhag 1 Book Chapter 6? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.
सीबीएसई कक्षा 6 हिंदी वसंत भाग 1 पुस्तक पाठ 6 के लिए ऐसे ऐसे प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 6 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे ऐसे ऐसे को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।
The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.
Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.
- Aise Aise Extract Based Questions
- Aise Aise Multiple Choice Questions
- Aise Aise Questions Answers
- Class 6 Hindi Chapter 6 Aise Aise MCQs
Class 6 Hindi ऐसे ऐसे Question Answers Lesson 6 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उनके नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर अपने शब्दों में दीजिए।
1.
सड़क के किनारे एक सुंदर फ्लैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़कवाले बरामदे में खुलता है, दूसरा अंदर के कमरे में, तीसरा रसोईघर में। आलमारियों में पुस्तकें लगी हैं। एक ओर रेडियो का सेट है। दो ओर दो छोटे तख्त हैं, जिन पर गलीचे बिछे हैं। बीच में कुरसियाँ हैं। एक छोटी मेज़ भी है। उस पर फ़ोन रखा है। परदा उठने पर मोहन एक तख्त पर लेटा है। आठ-नौ वर्ष के लगभग उम्र होगी उसकी। तीसरी क्लास में पढ़ता है। इस समय बड़ा बेचैन जान पड़ता है। बार-बार पेट को पकड़ता है। उसके माता-पिता
पास बैठे हैं।
i. ऐसे ऐसे नामक एकांकी में कहां का दृश्य है?
(क) मेला का
(ख) युद्ध भूमि का
(ग) दुकान का
(घ) सड़क किनारे स्थित एक सुंदर फ्लैट का
उत्तर: (घ) सड़क किनारे स्थित एक सुंदर फ्लैट का
ii.फ्लैट में कितने दरवाजे हैं
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 5
उत्तर: (ख) 3
iii. मोहन कितने साल का है?
(क) 11
(ख) 8
(ग) 10
(घ) 7
उत्तर: (ख) 8
iv. मोहन के पास कौन बैठा है?
(क) वैद्य
(ख) मोहन के पिता जी
(ग) मोहन के मास्टर जी
(घ) डॉक्टर
उत्तर: (ख) मोहन के पिता जी
2. माँ : (पुचकारकर) न-न, ऐसे मत कर! अभी ठीक हुआ जाता है। अभी डॉक्टर को बुलाया है। ले, तब तक सेंक ले। (चादर हटाकर पेट पर बोतल रखती। फिर मोहन के पिता की ओर मुड़ती है।) इसने कहीं कुछ अंट-शंट तो नहीं खा लिया?
पिता : कहाँ? कुछ भी नहीं। सिर्फ़ एक केला और एक संतरा खाया था। अरे, यह तो दफ़्तर से चलने तक कूदता फिर रहा था। बस अड्डे पर आकर यकायक बोला- पिता जी, मेरे पेट में तो कुछ ‘ऐसे-ऐसे ‘ हो रहा है।
माँ : कैसे?
पिता : बस ‘ऐसे-ऐसे’ करता रहा। मैंने कहा – अरे, गड़गड़ होती है? तो बोला – नहीं।
फिर पूछा -चाकू-सा चुभता है? तो जवाब दिया – नहीं। गोला-सा फूटता है? तो बोला-नहीं। जो पूछा उसका जवाब- नहीं। बस एक ही रट लगाता रहा, कुछ ‘ऐसे-ऐसे’ होता है।
माँ : (हँसकर) हँसी की हँसी, दुख का दुख, यह ‘ऐसे-ऐसे’ क्या होता है? कोई नयी बीमारी तो नहीं? बेचारे का मुँह कैसे उतर गया है! हवाइयाँ उड़ रही हैं।
पिता : अजी, एकदम सफ़ेद पड़ गया था। खड़ा नहीं रहा गया। बस में भी नाचता रहा – मेरे पेट में “ऐसे-ऐसे ‘ होता है। ‘ऐसे-ऐसे’ होता है।
i. मोहन ने अपने पिताजी के ऑफिस में किस का सेवन किया था?
(क) फल का
(ख) समोसे का
(ग) जलेबी का
(घ) रसगुल्ले का
उत्तर: (क) फल का
ii. ऊपर दिए गए गद्यांश में किसकी हवाइयां उड़ रही हैं?
(क) मोहन की माता की
(ख) वैद्य की
(ग) डॉक्टर की
(घ) मोहन की
उत्तर: (घ) मोहन की
iii. मोहन के पेट में बोतल कौन रखता है?
(क) माता जी
(ख) पिता जी
(ग) वैद्य
(घ) डॉक्टर
उत्तर: (क) माता जी
iv. कौन सफेद पड़ गया?
(क) माता
(ख) पिता
(ग) मोहन
(घ) पड़ोसी
उत्तर: (ग) मोहन
3. (डॉक्टर जाते हैं। मोहन के पिता दस का नोट लिए पीछे-पीछे जाते हैं और डॉक्टर साहब को देते हैं।)
माँ : सेंक तो दूँ, डॉक्टर साहब?
डॉक्टर : (दूर से) हाँ, गरम पानी की बोतल से सेंक दीजिए।
(डॉक्टर जाते हैं। माँ बोतल उठाती है। पड़ोसिन आती है।)
पड़ोसिन : क्यों मोहन की माँ, कैसा है मोहन?
माँ : आओ जी, रामू की काकी! कैसा क्या होता! लोचा-लोचा फिरे है। जाने वह “ऐसे-ऐसे ‘ दर्द क्या है, लड़के का बुरा हाल कर दिया।
पड़ोसिन : ना जी, इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं। देख लेना, यह भी कोई नया दर्द होगा। राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया। नए-नए बुखार निकल आए हैं। वह बात है कि खाना-पीना तो रहा नहीं।
माँ : डॉक्टर कहता है कि बदहज़मी है। आज तो रोटी भी उनके साथ खाकर गया था। वहाँ भी कुछ नहीं खाया। आजकल तो बिना खाए बीमारी होती है।
(बाहर से आवाज़ आती है ‘मोहन! मोहन!’। फिर मास्टर जी का प्रवेश होता है।)
माँ : ओह, मोहन के मास्टर जी हैं। (पुकारकर) आ जाइए!
मास्टर : सुना है कि मोहन के पेट में कुछ ‘ऐसे-ऐसे ‘ हो रहा है! क्यों, भाई? (पास आकर) हाँ, चेहरा तो कुछ उतरा हुआ है। दादा, कल तो स्कूल जाना है। तुम्हारे बिना तो क्लास में रौनक ही नहीं रहेगी। क्यों माता जी, आपने क्या
खिला दिया था इसे?
माँ : खाया तो बेचारे ने कुछ नहीं।
मास्टर : तब शायद न खाने का दर्द है। समझ गया, उसी में ‘ऐसे-ऐसे’ होता है।
माँ : पर मास्टर जी, वैद्य और डॉक्टर तो दस्त की दवा भेजेंगे।
i. डॉक्टर को 10 की नोट कौन देता है?
(क) माता
(ख) पिता
(ग) मोहन
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (ख) पिता
ii. “गरम पानी की बोतल से सेंक दीजिए” यह सलाह कौन देता है?
(क) मोहन की माता
(ख) वैद्य
(ग) मोहन के पिता
(घ) डॉक्टर
उत्तर: (घ) डॉक्टर
iii. डॉक्टर क्या बताता है?
(क) बदहजमी
(ख) कोलन कैंसर
(ग) एसिडिटी
(घ) कब्ज
उत्तर: (क) बदहजमी
iv. मोहन के पेट की दर्द की वजह कौन समझ जाता है?
(क) पड़ोसी काकी
(ख) डॉक्टर
(ग) वैद्य
(घ) मास्टर जी
उत्तर: (घ) मास्टर जी
4. मोहन : जी, सब नहीं हुआ।
मास्टर : हूँ! शायद सवाल रह गए हैं।
मोहन : जी!
मास्टर : तो यह बात है। ‘ऐसे-ऐसे’ काम न करने का डर हे।
माँ : (चौंक कर) क्या?
(मोहन सहसा मुँह छिपा लेता है।)
मास्टर : (हँसकर) कुछ नहीं, माता जी, मोहन ने महीना भर मौज की। स्कूल का काम रह गया। आज खयाल आया। बस डर के मारे पेट में ‘ऐसे-ऐसे ‘ होने लगा – ‘ऐसे-ऐसे ‘! अच्छा, उठिए साहब! आपके ‘ऐसे-ऐसे’ की दवा मेरे पास है। स्कूल से आपको दो दिन की छुट्टी मिलेगी। आप उसमें काम पूरा करेंगे और आपका ‘ऐसे-ऐसे’ दूर भाग जाएगा।( मोहन उसी तरह मुँह छिपाए रहता है।) अब उठकर सवाल शुरू कीजिए। उठिए, खाना मिलेगा।
(मोहन उठता है। माँ ठगी-सी देखती है। दूसरी ओर से पिता और दीनानाथ दवा लेकर प्रवेश करते हैं।)
माँ : क्यों रे मोहन, तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है। हमारी तो जान निकल गई। पंद्रह-बीस रुपए खर्च हुए, सो अलग। (पिता से) देखा जी आपने!
पिता : (चकित होकर) क्या-क्या हुआ?
माँ : क्या-क्या होता! यह ‘ऐसे-ऐसे’ पेट का दर्द नहीं है, स्कूल का काम न करने का डर है।
पिता : हें! (दवा की शीशी हाथ से छूटकर फ़र्श पर गिर पड़ती है। एक क्षण सब ठगे-से मोहन को देखते हैं। फिर हँस पड़ते हैं।)
दीनानाथ : वाह, मोहन, वाह!
पिता : वाह, बेटा जी, वाह! तुमने तो खूब छकाया!
(एक अट्टहास के बाद परदा गिर जाता है।)
i. ऊपर दिए गए गद्यांश में सहसा कौन मुंह छुपा लेता है?
(क) मोहन
(ख) मोहन के माता पिता
(ग) वैद्य
(घ) मास्टर जी
उत्तर: (क) मोहन
ii. ऊपर दिए गए गद्यांश में मोहन सहसा मुंह क्यों छुपा लेता है?
(क) मास्टर जी द्वारा रहस्योद्घाटन करने पर
(ख) माता जी के डांटने से
(ग) पिता जी के मारने से
(घ) डॉक्टर के इंजेक्शन को देखकर
उत्तर: (क) मास्टर जी द्वारा रहस्योद्घाटन करने पर
iii. मास्टर जी मोहन के पेट दर्द की क्या वजह बताते हैं?
(क) होमवर्क न करना पड़े
(ख) स्कूल ना जाना पड़े
(ग) हरी फल और सब्जियां न खानी पड़े
(घ) माता-पिता का घर के कामों में हाथ न बटाना पड़े
उत्तर: (क) होमवर्क न करना पड़े
iv. मास्टर जी द्वारा पेट दर्द के रहस्य का उद्घाटन करने पर माता-पिता की क्या प्रतिक्रिया रहती है?
(क) दोनों गुस्सा होते हैं
(ख) दोनो हतप्रभ रह जाते हैं
(ग) दोनों मोहन को मारते हैं
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (ख) दोनो हतप्रभ रह जाते हैं
5.
माँ : (हंसकर) हँसी की हँसी, दुख का दुख, यह ‘ऐसे-ऐसे’ क्या होता है? कोई नयी बीमारी तो नहीं? बेचारे का मुँह कैसे उतर गया है! हवाइयाँ उड़ रही हैं।
पिता : अजी, एकदम सफ़ेद पड़ गया था। खड़ा नहीं पका रहा गया। बस में भी नाचता रहा – मेरे पेट में “ऐसे-ऐसे ‘ होता है। ‘ऐसे-ऐसे’ होता है।
मोहन : (ज़ोर से कराहकर) माँ! ओ माँ!
माँ : न-न मेरे बेटे, मेरे लाल, ऐसे नहीं।
अजी, ज़रा देखना, डॉक्टर क्यों नहीं आया! इसे तो कुछ ज़्यादा ही तकलीफ़ जान पड़ती है। यह “ऐसे-ऐसे’ तो कोई बड़ी खराब बीमारी है। देखो न, कैसे लोट रहा है! ज़रा भी कल नहीं पड़ती। हींग, चूरन, पिपरमेंट-सब दे चुकी हूँ। वैद्य जी आ जाते!
(तभी फ़ोन की घंटी बजती है। मोहन के पिता उठाते हैं।)
पिता : यह 43332 है। जी, जी हाँ। बोल रहा हूँ…कौन? डॉक्टर साहब! जी हाँ, मोहन के पेट में दर्द है…जी नहीं, खाया तो कुछ नहीं.
i. मोहन की बीमारी सुनकर कौन हंस पड़ता है?
(क) मोहन की मां
(ख) मोहन के पिता
(ग) वैद्य
(घ) डॉक्टर
उत्तर: (क) मोहन की मां
ii. निम्नलिखित में से किसकी चेहरे की हवाइयां उड़ रही थी?
(क) मोहन के
(ख) मोहन के पिता के
(ग) वैद्य के
(घ) डॉक्टर के
उत्तर: (क) मोहन के
iii. निम्नलिखित में से कौन एकदम सफेद पड़ गया है?
(क) मोहन की मां
(ख) मोहन
(ग) वैद्य
(घ) डॉक्टर
उत्तर: (ख) मोहन
iv. मोहन की मां निम्नलिखित में से कौन सी दवा मोहन को देती हैं?
(क) पिपरमिंट
(ख) जीरा
(ग) मेथी
(घ) काला नमक
उत्तर: (क) पिपरमिंट
Class 6 Hindi Vasant Lesson 6 ऐसे ऐसे बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
- ऐसे ऐसे पाठ के रचनाकार का नाम बताइए?
(क) साहिर लुधियानवी
(ख) रामचंद्र शुक्ल
(ग) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(घ) विष्णु प्रभाकर
उत्तर: (घ) विष्णु प्रभाकर
- ऐसे ऐसे नामक पाठ हिंदी की किस विधा का उदाहरण है?
(क) कहानी
(ख) उपन्यास
(ग) नाटक
(घ) एकांकी
उत्तर: (घ) एकांकी
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में मोहन कौन है?
(क) विद्यार्थी
(ख) पड़ोसी
(ग) दीनानाथ का पिता
(घ) दीनानाथ के मास्टर जी
उत्तर: (क) विद्यार्थी
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में दीनानाथ कौन है?
(क) विद्यार्थी
(ख) पड़ोसी
(ग) मोहन का पिता
(घ) मास्टर जी
उत्तर: (ख) पड़ोसी
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में पर्दा खोलने पर मोहन के घर की आलमारी में क्या मिलता है?
(क) खिलौने
(ख) कपड़े
(ग) पुराने सामान
(घ) किताबे
उत्तर: (घ) किताबे
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में मोहन किस कक्षा में पढ़ता है?
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 5
उत्तर: (ख) 3
- ऐसे ऐसे नामक एकांकी में पर्दा खोलने पर क्या नजर आता है?
(क) मोहन के माता पिता
(ख) तख्त पर लेटा मोहन
(ग) मोहन के मास्टर जी
(घ) पड़ोसी
उत्तर: (ख) तख्त पर लेटा मोहन
- ऐसे ऐसे नामक एकांकी में मोहन बेचैन होने पर क्या करता है?
(क) अपना पेट पकड़ता है
(ख) माता पिता को पास बैठने को बोलता है
(ग) मास्टर जी को बुलाता है
(घ) वैद्य या डॉक्टर को बुलाने को कहता है
उत्तर: (क) अपना पेट पकड़ता है
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में वैद्य को कौन बुलाता है?
(क) मोहन की मां
(ख) मोहन के पिता जी
(ग) पड़ोसी काकी
(घ) मास्टर जी
उत्तर: (क) मोहन की मां
- ऐसे-ऐसे नामक पाठ में मोहन कैसा लड़का था?
(क) चंचल
(ख) शांत
(ग) पढ़ाकू
(घ) बिगड़ा
उत्तर: (क) चंचल
- ऐसे ऐसे नामक एकांकी का नाम “ऐसे ऐसे” क्यों पड़ा?
(क) मोहन के बहाने के कारण
(ख) लेखक के जिंदगी के किसी पहलू के कारण
(ग) मोहन के मास्टर जी के कारण
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (क) मोहन के बहाने के कारण
- मास्टर जी के अनुसार मोहन ने पिछले 1 महीने में क्या किया?
(क) खूब पढ़ाई की
(ख) मौज मस्ती की
(ग) खेल पर ज्यादा ध्यान दिया
(घ) कक्षा में शोर मचाया
उत्तर: (ख) मौज मस्ती की
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में मास्टर जी मोहन के पेट दर्द की क्या वजह बताते हैं?
(क) होमवर्क न करना पड़े
(ख) स्कूल ना जाना पड़े
(ग) हरी फल और सब्जियां न खानी पड़े
(घ) माता-पिता का घर के कामों में हाथ न बटाना पड़े
उत्तर: (क) होमवर्क न करना पड़े
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में फ्लैट का कौन सा दरवाजा सड़क वाले बरामदे में खुलता है?
(क) पहला
(ख) दूसरा
(ग) तीसरा
(घ) चौथा
उत्तर: (क) पहला
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में मोहन के पिता डॉक्टर को कितना रुपए देते हैं?
(क) 100
(ख) 1000
(ग) 10
(घ) 50
उत्तर: (ग) 10
- “वाह मोहन वाह” निम्न में से कौन बोलता है?
(क) पिता
(ख) मां
(ग) मास्टर
(घ) काकी
उत्तर: (क) पिता
- मां के अनुसार मोहन को किस चीज का डर था?
(क) स्कूल के होमवर्क का
(ख) स्कूल जाने का
(ग) मास्टर जी का
(घ) मां की पिटाई का
उत्तर: (क) स्कूल के होमवर्क का
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में किसके हाथ से दवा की शीशी गिरती है?
(क) मोहन
(ख) वैद्य
(ग) माता
(घ) पिता
उत्तर: (घ) पिता
- “आपके ‘ऐसे-ऐसे’ की दवा मेरे पास है” यह वाक्य निम्नलिखित में से कौन बोलता है?
(क) पिता
(ख) मां
(ग) मास्टर
(घ) काकी
उत्तर: (ग) मास्टर
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में निम्न में से कौन बेचैन जान पड़ता है?
(क) मोहन
(ख) मोहन की मां
(ग) मोहन के पिता
(घ) वैद्य
उत्तर: (क) मोहन
Class 6 Hindi ऐसे ऐसे प्रश्न और उत्तर Questions Answers
- मोहन की हालत देखकर उसकी मां क्यों ज्यादा परेशान रहती है?
उत्तर: मोहन की मां ने पहले बदहजमी का अंदाजा लगा कर उसको पिपरमेंट, हींग आदि का चूर्ण दिया लेकिन तब भी उसको कोई आराम नहीं हुआ मोहन बार-बार अपने पेट में हाथ रखकर ऐसे ऐसे कहे जा रहा था। मोहन की मां ने इससे पहले ऐसी कोई भी बीमारी का नाम नहीं सुना था और तमाम प्रयास करने के बावजूद भी मोहन की बीमारी ठीक नहीं हो रही थी इसलिए मोहन की मां ज्यादा परेशान थी क्योंकि उसको लगा कि कहीं मोहन को कोई नई बीमारी तो नहीं हो गई।
- ऐसे ऐसे नामक एकांकी के आधार पर वैद्य जी के अभिनय की व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक एकांकी में वैद्य जी कब प्रवेश तब होता है जब मोहन की मां सारे देसी तरीके आजमा लेते हैं लेकिन तब भी मोहन की पेट की बीमारी सही नहीं होती है। काफी देर तक चेक करने के बाद वैद्य जी मोहन के पेट दर्द का कारण बताते हुए कहते हैं कि इनको कब्ज हो गया है और पेट में मलके रुक जाने के कारण हवा भर गई है इसके बाद वह कुछ दवा की पुड़िया देते हैं और 30-30 मिनट के अंतराल पर गर्म पानी पीने को कहते हैं।
- ऐसे ऐसे नामक एकांकी के आधार पर मोहन की माताजी का चरित्र चित्रण अपने शब्दों के आधार पर कीजिए?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक एकांकी में मोहन की माताजी को एक साधारण भारतीय नारी के रूप में चित्रित किया गया है जिनको देसी दवा ऊपर भरोसा है इसीलिए उन्होंने वैद्य डॉक्टर को बुलाने के बाद यह सबसे पहले अपने देश की दवाओ का प्रयोग किया। विष्णु प्रभाकर ने मोहन की माता जी को बुद्धिमान साधारण व्यक्तित्व वाली और ममता से पूर्ण भारतीय नारी के रूप में चित्रित किया है।
- ऐसे ऐसे नामक एकांकी के आधार पर डॉक्टर के अभिनय की व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक एकांकी में वैद्य जी के जाने के बाद डॉक्टर का प्रवेश होता है। वह एक आदर्श डॉक्टर की तरह मोहन को दिलासा दिलाते हुए मोहन का पेट चेक करते करते उसको जीभ निकालने के लिए कहते हैं और जीभ देखकर बताते हैं कि मोहन को कुछ कब्ज की शिकायत है तथा थोड़ा अपच हो गया है। डॉक्टर कहते हैं कि यह एक नॉर्मल दिक्कत है और मेरी दवा के 1-2 खुराख से मोहन बिल्कुल ठीक हो जाएगा इसके अलावा मां के पूछने पर वह गर्म पानी की बोतल से पेट की सिकाई करने को भी बोलते हैं।
- ऐसे ऐसे नामक एकांकी के आधार पर मोहन की मां और पड़ोसी काकी के संवाद को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक एकांकी में डॉक्टर के जाने के बाद पड़ोसी काकी का प्रवेश होता है।
पड़ोसिन काकी पूछती हैं कि क्यों मोहन की माँ, कैसा है मोहन?
मोहन की माँ कहती हैं कि रामू की काकी! भगवान जाने यह “ऐसे-ऐसे ‘ दर्द क्या है, मेरे लड़के का बुरा हाल कर दिया।
तब पड़ोसिन काकी बोलती है कि ना जी, इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं। देख लेना, यह भी कोई नया दर्द होगा। राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया। नए-नए बुखार निकल आए हैं। वह बात है कि खाना-पीना तो रहा नहीं।
तब मोहन की माँ उत्तर देती हुई कहती हैं कि डॉक्टर आया था और बोला है कि बदहज़मी है लेकिन बदहजमी कैसे होगी मोहन ने आज तो रोटी भी उनके साथ खाकर गया था। वहाँ भी कुछ नहीं खाया।
- ऐसे ऐसे पाठ के आधार पर मास्टर जी के अभिनय का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक एकांकी में पड़ोसी काकी के जाने के बाद मास्टर जी का प्रवेश होता है वह बहुत ही हंसमुख सुलझे हुए और बुद्धिमान व्यक्ति हैं। प्रवेश करने के बाद वह सबसे पहले पूछते हैं कि मोहन ने ऐसा क्या खा लिया कि उसको पेट की बीमारी हो गई तब मोहन की मां कहती है कि उसने तो कुछ नहीं खाया। तब मास्टर जी बोलते हैं कि मैं समझ गया कि वह हमको ऐसे ऐसे की क्या बीमारी है, यह बीमारी अक्सर मोहन जैसे बच्चों को हो जाती है और किसी भी बजे डॉक्टर के पास भी इस बीमारी की दवा नहीं है।
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में मोहन की मां मोहन का पेट ठीक करने के लिए कौन कौन से घरेलू उपाय आजमाती हैं?
उत्तर: मोहन की मां जब यह देखती हैं कि मोहन से लेटा नहीं जा रहा है और उसने कुछ उल्टा सीधा भी नहीं खाया है तब वह हारी मान कर अंतिम में हींग पिपरमेंट आदि घरेलू नुस्खे प्रयोग करती हैं लेकिन यह सभी घरेलू नुस्खे मोहन की बीमारी पर असरदार नहीं साबित होते।
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में डॉक्टर को फोन करने पर डॉक्टर मोहन के पिताजी से कौन-कौन से प्रश्न पूछता है?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक पाठ में जब मां द्वारा तमाम प्रकार के घरेलू उपचार आजमाने के बाद मोहन का ऐसे ऐसे रोग नहीं ठीक होता है मोहन के पिता जी डॉक्टर को फोन करते हैं डॉक्टर को फोन करने पर डॉ मोहन के पिताजी से पूछता है कि मोहन ने क्या खाया था तथा मोहन को दस्त हुआ या नहीं और पेशाब करने पर पेशाब कर रंग कैसा है।
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में वैद्य मोहन को किस बीमारी से ग्रसित हुआ बताते हैं?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक पाठ में वैद्य जी मोहन की नारी पकड़कर कहते हैं कि पेट मे वात का प्रकोप है जिससे कि कब्ज की दिक्कत हो रही है और पेट अच्छे से साफ नहीं हुआ है जिससे पेट में मल इकट्ठा हो गया है तभी मोहन बार-बार अपने पेट को दबाकर ऐसे ऐसे कह रहा है।
- ऐसे ऐसे नामक पाठ में डॉक्टर मोहन को किस बीमारी से ग्रसित हुआ बताते हैं?
उत्तर: ऐसे ऐसे नामक पाठ में वैध जी के जाने के बाद तुरंत ही डॉक्टर का प्रवेश होता है डॉ मोहन की जीभ देखकर कहते हैं कि इसका चेहरा ही बताता है किसको काफी गंभीर दर्द है यह कोलिक पेन भी हो सकता है या फोड़ा भी लेकिन कुछ देर बाद जब डॉक्टर मोहन को फिर से जीभ दिखाने को कहता है तो जीभ देखने के बाद डॉक्टर फिर निष्कर्ष निकालता है कि एक साधारण-सा कब्ज या फिर बदहजमी है।
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