Vishesh Lekhan-Swaroop aur Prakar Question Answers

 

CBSE Class 12 Hindi Core Abhivyakti Aur Madhyam Book  Chapter 5 विशेष लेखन-स्वरूप और प्रकार Question Answers 

 

Vishesh Lekhan-Swaroop aur Prakar Class 12 – CBSE Class 12 Hindi Core Abhivyakti Aur Madhyam Book Chapter 5 Vishesh Lekhan-Swaroop aur Prakar Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter, extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions. 

 

सीबीएसई कक्षा 12 हिंदी अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक पाठ 5 विशेष लेखन-स्वरूप और प्रकार प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर  तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है। 

 

Also See  : विशेष लेखन-स्वरूप और प्रकार पाठ सार Class 12 Chapter 5 

 

विशेष लेखन-स्वरूप और प्रकार पाठ पर आधारित प्रश्नोत्तर (Question and Answers)   

 

प्रश्न 1 – विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही भारत की पाँच संस्थाओं के नाम लिखें।

उत्तर विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही भारत की पाँच संस्थाएँ हैं

  • साहा नाभिकीय भौतिक संस्थान, कोलकाता।
  • भौतिक अनुसंधानशाला, अहमदाबाद।
  • गणित एवं विज्ञान संस्थान, चेन्नई।
  • अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला, तिरुवनंतपुरम।
  • मेहता अनुसंधान संस्थान, इलाहाबाद।

 

प्रश्न 2 – पर्यावरण पर छपने वाली किन्हीं तीन पत्रिकाओं के नाम लिखें।

उत्तर पर्यावरण पर छपने वाली तीन पत्रिकाएँ हैं

  • पर्यावरण एवं प्रदुषण।
  • हमारा जीवन।
  • पर्यावरण बचाओ।

 

प्रश्न 3 – व्यावसायिक शिक्षा के दस विभिन्न पाठ्यक्रमों के नाम लिखें और उनका ब्योरा एकत्र करें।

उत्तर व्यावसायिक शिक्षा के दस पाठ्यक्रमों के नाम हैं

  • जीवन बीमा संबंधी पाठ्यक्रम
  • शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
  • बैंकिंग पाठ्यक्रम
  • टंकण एवं आशुलिपि पाठ्यक्रम
  • होटल मैनेजमेंट पाठ्यक्रम
  • फूड टेक्नॉलोजी पाठ्यक्रम
  • पुस्तक छपाई पाठ्यक्रम
  • बुक बाइंडिग पाठ्यक्रम
  • टूरिज्म प्रबंधन पाठ्यक्रम
  • मोटर मेकैनिक पाठ्यक्रम

 

प्रश्न 4 –

निम्न में से किसी एक विषय पर अपने शब्दों में आलेख लिखें 

() सानिया मिर्जा के खेल के तकनीकी पहलू

() शिक्षा की मौलिक अधिकार बनाए जाने के परिणाम

() सर्राफ में आई तेजी

() फिल्मों में हिंसा

() पल्स पोलियो अभियानसफलता या असफलता

() कटते जंगल

() ग्रहों पर जीवन की खोज

 

उत्तर

() कटते जंगलवर्तमान में जनसंख्या वृद्धि के कारण जंगल तीव्र गति से कट रहे हैं। लोगों के आवासयोग्य मकानों के लिए, ईंधन, इमारती लकड़ी, फर्नीचर, उद्योगधन्धों की जरूरतों के लिए वनों को काटा जा रहा है। उद्योगों की स्थापना तथा सड़कों के निर्माण में वनों की भूमि का विदोहन तीव्र गति से हुआ है। मकानों के लिए पत्थर, लकड़ी आदि की पूर्ति के लिए वन उजाड़े गये हैं। इन सभी कारणों से आज कटते जंगल पर्यावरण के लिए एक भारी समस्या बन गये हैं।कटते जंगलों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा अनेक कानूनी उपाय किये जा सकते हैं। सामाजिक संगठनचिपको आन्दोलनकी तरह अपनेअपने क्षेत्र में आन्दोलन चलाकर जनजागरण के द्वारा वनों के . विनाश को रोक सकते हैं। सरकार इस सम्बन्ध में कठोर दण्डव्यवस्था प्रारम्भ करे और वृक्षारोपण को प्राथमिकता देकर पर्यावरण की स्वच्छता पर पूरा ध्यान दे। इस प्रकार के अन्य उपाय करने से धरती को वृक्षावलियों से हराभरा रखा जा सकता है। 

 

विशेष लेखन-स्वरूप और प्रकार पाठ पर आधारित अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर – (Important Question Answers)

 

प्रश्न 1 – समाचारपत्रों और दूसरे जनसंचार माध्यमों को सामान्य समाचारों से अलग हटकर विशेष क्षेत्रों या विषयों के बारे में भी निरंतर और पर्याप्त जानकारी क्यों देनी पड़ती है?

उत्तरएक समाचारपत्र या पत्रिका तभी संपूर्ण लगती है जब उसमें विभिन्न विषयों और क्षेत्रों के बारे में घटने वाली घटनाओं, समस्याओं और मुद्दों के बारे में नियमित रूप से  जानकारी दी जाए। इससे समाचारपत्रों में एक विविधता आती है और उनका कलेवर व्यापक होता है। पाठकों की रुचियाँ बहुत व्यापक होती हैं और वे साहित्य से लेकर विज्ञान तक तथा कारोबार से लेकर खेल तक सभी विषयों पर पढ़ना चाहते हैं। इसलिए समाचारपत्रों और दूसरे जनसंचार माध्यमों को सामान्य समाचारों से अलग हटकर विशेष क्षेत्रों या विषयों के बारे में भी निरंतर और पर्याप्त जानकारी देनी पड़ती है।

 

प्रश्न 2 – बीट किसे कहते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर खबरें भी कई तरह की होती हैंराजनीतिक, आर्थिक, अपराध, खेल, फ़िल्म, कृषि, कानून, विज्ञान या किसी भी और विषय से जुड़ी हुई। संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन आमतौर पर उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। मीडिया की भाषा में इसे बीट कहते हैं। एक संवाददाता की बीट अगर अपराध है तो इसका अर्थ यह है कि उसका कार्यक्षेत्र अपने शहर या क्षेत्र में घटनेवाली आपराधिक घटनाओं की रिपोर्टिंग करना है। अखबार की ओर से वह इनकी रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह भी है।

 

प्रश्न 3 – विशेष लेखन क्या है? और इसमें पत्रकार को क्या ध्यान रखना होता है?

उत्तर विशेष लेखन अर्थात किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हटकर किया गया लेखन। विशेष लेखन केवल बीट रिपोर्टिंग नहीं है। यह बीट रिपोर्टिंग से आगे एक तरह की विशेषीकृत रिपोर्टिंग है जिसमें सिर्फ़ उस विषय की गहरी जानकारी होनी चाहिए बल्कि उसकी रिपोर्टिंग से संबंधित भाषा और शैली पर भी आपका पूरा अधिकार होना चाहिए। सामान्य बीट रिपोर्टिंग के लिए भी एक पत्राकार को काफी तैयारी करनी पड़ती है। उदाहरण के तौर पर जो पत्राकार राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं या किसी खास राजनीतिक पार्टी को कवर करते है तो पत्राकार को उस पार्टी के भीतर गहराई तक अपने संपर्क बनाने चाहिए और खबर हासिल करने के नएनए स्रोत विकसित करने चाहिए। किसी भी स्रोत या सूत्र पर आँख मूँदकर भरोसा नहीं करना चाहिए और जानकारी की पुष्टि कई और स्रोतों के ज़रिये भी करनी चाहिए। यानी उस पत्राकार को ज्यादा से ज़्यादा समय अपने क्षेत्र के बारे में हर छोटी बड़ी जानकारी इकट्टी करने में बिताना पड़ता है तभी वह उस बारे में विशेषज्ञता हासिल कर सकता है और उसकी रिपोर्ट या खबर विश्वसनीय मानी जाती है।

 

प्रश्न 4 – बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग में क्या फर्क है?

उत्तर बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग में फर्क है। दोनों के बीच सबसे महत्त्वपूर्ण फर्क यह है कि अपनी बीट की रिपोर्टिंग के लिए संवाददाता में उस क्षेत्र के बारे में जानकारी और दिलचस्पी का होना पर्याप्त है। इसके अलावा एक बीट रिपोर्टर को आमतौर पर अपनी बीट से जुड़ी सामान्य खबरें ही लिखनी होती हैं। लेकिन विशेषीकृत रिपोर्टिंग का तात्पर्य यह है कि आप सामान्य खबरों से आगे बढ़कर उस विशेष क्षेत्र या विषय से जुड़ी घटनाओं, मुद्दों और समस्याओं का बारीकी से विश्लेषण करें और पाठकों के लिए उसका अर्थ स्पष्ट करने की कोशिश करें।

 

प्रश्न 5 – बीट कवर करने वाले रिपोर्टर को संवाददाता और विशेषीकृत रिपोर्टिंग करने वाले रिपोर्टर को विशेष संवाददाता का दर्जा क्यों दिया जाता है?

उत्तर मान लीजिए शेयर बाजार में भारी गिरावट आती है तो उस बीट पर रिपोर्टिंग करने वाला संवाददाता उसकी एक तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसमें सभी ज़रूरी सूचनाएँ और तथ्य शामिल होंगे। लेकिन विशेषीकृत रिपोर्टिंग करने वाला संवाददाता इसका विश्लेषण करके यह स्पष्ट करने की कोशिश करेगा कि बाजार में गिरावट क्यों और किन कारणों से आई है और इसका आम निवेशकों पर क्या असर पडे़गा। यही कारण है कि बीट कवर करने वाले रिपोर्टर को संवाददाता और विशेषीकृत रिपोर्टिंग करने वाले रिपोर्टर को विशेष संवाददाता का दर्जा दिया जाता है।

 

प्रश्न 6 – विशेष लेखन की भाषा और शैली कैसी होनी चाहिए?

उत्तर विशेष लेखन का संबंध जिन विषयों और क्षेत्रों से है, उनमें से अधिकांश तकनीकी रूप से जटिल क्षेत्र हैं और उनसे जुड़ी घटनाओं और मुद्दों को समझना आम पाठकों के लिए कठिन होता है। इसलिए इन क्षेत्रों में विशेष लेखन की ज़रूरत पड़ती है जिससे पाठकों को समझने में मुश्किल हो। विशेष लेखन की भाषा और शैली कई मामलों में सामान्य लेखन से अलग है। उनके बीच सबसे बुनियादी फर्क यह है कि हर क्षेत्र विशेष की अपनी विशेष तकनीकी शब्दावली होती है जो उस विषय पर लिखते हुए आपके लेखन में आती है। विशेष लेखन की कोई निश्चित शैली नहीं होती। लेकिन अगर आप अपने बीट से जुड़ा कोई समाचार लिख रहे हैं तो उसकी शैली उलटा पिरामिड शैली ही होगी। लेकिन अगर आप समाचार फीचर लिख रहे हैं तो उसकी शैली कथात्मक हो सकती है। इसी तरह अगर आप लेख या टिप्पणी लिख रहे हों तो इसकी शुरुआत भी फीचर की तरह हो सकती है।

 

प्रश्न 7 –  विशेष लेखन के क्षेत्र कौन से हैं?

उत्तर विशेष लेखन के क्षेत्र

  • अर्थ-व्यापार
  • खेल
  • विज्ञान-प्रौद्योगिकी
  • कृषि
  • विदेश
  • रक्षा
  • पर्यावरण
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • फ़िल्म-मनोरंजन
  • अपराध
  • सामाजिक मुद्दे
  • कानून, आदि।

 

प्रश्न 8 – पत्रकारिता में विशेषज्ञता को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर पत्रकारिता में विशेषज्ञता का अर्थ थोड़ा अलग होता है। यहाँ विशेषज्ञता से हमारा तात्पर्य एक तरह की पत्रकारीय विशेषज्ञता से है। पत्रकारीय विशेषज्ञता का अर्थ यह है कि व्यावसायिक रूप से प्रशिक्षित होने के बावजूद उस विषय में जानकारी और अनुभव के आधार पर अपनी समझ को इस हद तक विकसित करना कि उस विषय या क्षेत्र में घटने वाली घटनाओं और मुद्दों की आप सहजता से व्याख्या कर सकें और पाठकों के लिए उनके मायने स्पष्ट कर सकें।

 

प्रश्न 9 – किसी विषय में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए क्या आवश्यक है?

उत्तर इस सिलसिले में सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप जिस भी विषय में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं, उसमें आपकी वास्तविक रुचि होनी चाहिए।

आप उच्चतर माध्यमिक (+2) और स्नातक स्तर पर उसी या उससे जुड़े विषय में पढ़ाई करें।

अपनी रुचि के विषय में पत्रकारीय विशेषज्ञता हासिल करने के लिए आपको उन विषयों से संबंधित पुस्तकें खूब पढ़नी चाहिए।

विशेष लेखन के क्षेत्र में सक्रिय लोगों के लिए खुद को अपडेट रखना बेहद ज़रूरी होता है। इसके लिए उस विषय से जुड़ी खबरों और रिपोर्टों की कटिंग करके फाइल बनानी चाहिए।

उस विषय के प्रोफेशनल विशेषज्ञों के लेख और विश्लेषणों की कटिंग भी सहेजकर रखनी चाहिए।

एक तरह से आपको उस विषय में जितनी संभव हो, संदर्भ सामग्री जुटाकर रखनी चाहिए। इसके अलावा उस विषय का शब्दकोश और इनसाइक्लोपीडिया भी आपके पास होनी चाहिए।

जिस विषय में आप विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं, उससे जुड़े सरकारी और गैरसरकारी संगठनों और संस्थाओं की सूची, उनकी वेबसाइट का पता, टेलीफोन नंबर और उसमें काम करने वाले विशेषज्ञों के नाम और फोन नंबर अपनी डायरी में ज़रूर रखिए।

एक पत्राकार की विशेषज्ञता कुछ हद तक उसके अपने सूत्रों और स्रोतों पर निर्भर करती है।

 

प्रश्न 10 – समाचारपत्र में अगर आर्थिक और खेल का पृष्ठ हो तो वह संपूर्ण समाचारपत्र नहीं माना जाएगा, ऐसा क्यों?

उत्तर समाचारपत्र में कारोबार और अर्थ जगत से जुड़ी खबरों के लिए अलग से एक पृष्ठ होता है। कुछ अखबारों में आर्थिक खबरों के दो पृष्ठ प्रकाशित होते हैं। यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि समाचारपत्र में अगर आर्थिक और खेल का पृष्ठ हो तो वह संपूर्ण समाचारपत्र नहीं माना जाएगा। इसकी वजह यह है कि अर्थ यानी धन हर आदमी के जीवन का मूल आधार है। हमारे रोज़मर्रा के जीवन में इसका खास महत्त्व है।

 

प्रश्न 11 – कारोबार, व्यापार और अर्थ जगत से जुड़ी खबरों में पाठकों की रुचि क्यों होती है?

उत्तरहम बाजार से कुछ खरीदते हैं, बैंक में पैसे जमा करते हैं, बचत करते हैं, किसी कारोबार के बारे में योजना बनाते हैं या कुछ भी ऐसा सोचते या करते हैं जिसमें आर्थिक फायदे, नफानुकसान आदि की बात होती है तो इन सबका कारोबार और अर्थ जगत से संबंध जुड़ता है। यही कारण है कि कारोबार, व्यापार और अर्थ जगत से जुड़ी खबरों में काफी पाठकों की रुचि होती है।

 

प्रश्न 12 – अखबारों और दूसरे माध्यमों में खेलों को बहुत अधिक महत्त्व क्यों मिलता है?

उत्तरखेल का क्षेत्र ऐसा है जिसमें अधिकांश लोगों की रुचि होती है। खेल हर आदमी के जीवन में नयी ऊर्जा का संचार करता है। बचपन से ही हमारी विभिन्न खेलों में रुचि होती है और हममें से अधिकांश के भीतर एक खिलाड़ी ज़रूर होता है। कई खेल तो देश की संस्कृति में रचबस जाते हैं और इसलिए उन खेलों के बारे में पढ़ने वालों और उसे देखने वालों की संख्या काफी ज्यादा होती है। इसलिए हैरत की बात नहीं है कि अखबारों और दूसरे माध्यमों में खेलों को बहुत अधिक महत्त्व मिलता है। सभी समाचारपत्रों में खेल के एक या दो पृष्ठ होते हैं और कोई भी टी.वी. और रेडियो बुलेटिन खेलों की खबर के बिना पूरा नहीं होता है। यही नहीं, समाचार माध्यमों में खेलों का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है। समाचारपत्र और पत्रिकाओं में खेलों पर विशेष लेखन, खेल विशेषांक और खेल परिशिष्ट प्रकाशित हो रहे हैं। इसी तरह टी.वी. और रेडियो पर खेलों के विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे हैं।

 

प्रश्न 13 – किसी भी लेखन को विशिष्टता कैसे प्रदान होती हैं?

उत्तर विशेष लेखन के जब भी हम किसी खास विषय को उठाते हैं, उसके बारे में लिखते या बात करते हैं तो इस बात का ध्यान रखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि हमारा पाठक, दर्शक या श्रोता कौन है, हमारी बात उसे समझ में रही है या नहीं, हम अपनी बातों की अभिव्यक्ति ठीक से कर पा रहे हैं या नहीं, हमारे तथ्य और तर्क में तालमेल है या नहीं। ये तमाम बातें ऐसी हैं जो किसी भी लेखन को विशिष्टता प्रदान करती हैं।

 

 

विशेष लेखन-स्वरूप और प्रकार पाठ पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)

 

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

 

प्रश्न 1 – विशेष लेखन क्या है? 

(क) किसी खास विषय पर किया गया लेखन

(ख) किसी खास विषय पर सामान्य लेखन 

(ग) किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हटकर किया गया लेखन

(घ) किसी खास विषय पर तर्कसंगत लेखन 

उत्तर –  (ग) किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हटकर किया गया लेखन

 

प्रश्न 2 – संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन आमतौर पर कैसे किया जाता है?

(क) उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए

(ख) उनकी योग्यता और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए

(ग) उनकी शैक्षिणता और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए

(घ) उनकी दिलचस्पी और तर्कसंगत व्यवहार को ध्यान में रखते हुए

उत्तर –  (क) उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए

 

प्रश्न 3 – संवाददाताओं के बीच काम का विभाजन आमतौर पर उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। मीडिया की भाषा में इसे क्या  कहते हैं?

(क) विट 

(ख) बाइट 

(ग) वाइट 

(घ) बीट

उत्तर – (घ) बीट

 

प्रश्न 4 – विशेष लेखन केवल बीट रिपोर्टिंग नहीं है। यह बीट रिपोर्टिंग से आगे एक तरह की —————- रिपोर्टिंग है। 

(क) विदेषीकृत 

(ख) कृत्रिम  

(ग) विशेषीकृत 

(घ) मानवकृत 

उत्तर –  (ग) विशेषीकृत 

 

प्रश्न 5 – किसी भी क्षेत्र पर विशेष लेखन करने के लिए क्या ज़रूरी है? 

(क) उस क्षेत्र के बारे में आपको ज्यादा से ज़्यादा पता हो

(ख) उस विषय की ताजा से ताजा सूचना आपके पास हो, आप उसके बारे में लगातार पढ़ते हों,

(ग) उस क्षेत्र की जानकारियाँ और तथ्य इकट्टे करते हों और उस क्षेत्र से जुड़े लोगों से लगातार मिलते रहते हों

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर –  (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 6 – आर्थिक मामलों की पत्रकारिता सामान्य पत्रकारिता की तुलना में क्यों जटिल होती है? 

(क) क्योंकि आम लोगों को इसकी शब्दावलियों के मतलब के बारे में ठीक से पता नहीं होता

(ख) क्योंकि आम लोगों को इसकी विशेषता के बारे में ठीक से पता नहीं होता

(ग) क्योंकि आम लोगों को इसकी महत्वता के बारे में ठीक से पता नहीं होता

(घ) क्योंकि आम लोगों को इसमें कोई रूचि नहीं होती 

उत्तर – (क) क्योंकि आम लोगों को इसकी शब्दावलियों के मतलब के बारे में ठीक से पता नहीं होता

 

प्रश्न 7 – आर्थिक मामलों के पत्रकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या होती है? 

(क) कि उसे राजनितिक लोगों की समझ में आने लायक कैसे बनाया जाए

(ख) कि उसे आम लोगों की समझ में आने लायक कैसे बनाया जाए

(ग) कि उसे सांस्कृतिक लोगों की समझ में आने लायक कैसे बनाया जाए

(घ) कि उसे बच्चों की समझ में आने लायक कैसे बनाया जाए

उत्तर –  (ख) कि उसे आम लोगों की समझ में आने लायक कैसे बनाया जाए

 

प्रश्न 8 – कोई भी टी.वी. और रेडियो बुलेटिन किसके बिना पूरा नहीं होता है?

(क) मनोरंजन की खबर के बिना

(ख) फिल्मों की खबर के बिना

(ग) खेलों की खबर के बिना

(घ) राजनितिक खबर के बिना

उत्तर –  (ग) खेलों की खबर के बिना

 

प्रश्न 9 – पत्र-पत्रिकाओं में खेलों के बारे में लिखने वालों के लिए क्या ज़रूरी है? 

(क) कि वे खेल की तकनीक और उससे जुड़ी तमाम बातों से भलीभाँति परिचित हों

(ख) कि वे खेल की उसके नियमों से भलीभाँति परिचित हों

(ग) कि वे खेल की बारीकियों से भलीभाँति परिचित हों

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर –  (घ) उपरोक्त सभी 

 

प्रश्न 10 – विशेषीकृत रिपोर्टिंग करने वाले रिपोर्टर को क्या कहते हैं?

(क) संवाददाता 

(ख) विशेष संवाददाता

(ग) डेस्क संवाददाता

(घ) स्तंभ संवाददाता 

उत्तर – (ख) विशेष संवाददाता

 

प्रश्न 11 – ‘निवेश’ शब्द का सम्बन्ध किस खबर से है?

(क) खेल की ख़बरों से 

(ख) मौसम की ख़बरों से   

(ग) व्यपारिक ख़बरों से 

(घ) पर्यावरण  की ख़बरों से 

उत्तर –  (ग) व्यपारिक ख़बरों से

 

प्रश्न 12 – ‘ग्लोबल वार्मिंग’ शब्द का सम्बन्ध किस खबर से है?

(क) खेल की ख़बरों से 

(ख) मौसम की ख़बरों से   

(ग) व्यपारिक ख़बरों से 

(घ) पर्यावरण  की ख़बरों से 

उत्तर – (घ) पर्यावरण  की ख़बरों से 

 

प्रश्न 13 – विशेष लेखन की मूल बात क्या है? 

(क) कि किसी खास विषय पर लिखा गया आपका आलेख सामान्य लेख जैसा होना चाहिए

(ख) कि किसी खास विषय पर लिखा गया आपका आलेख सामान्य लेख से अलग होना चाहिए

(ग) कि किसी खास विषय पर लिखा गया आपका आलेख विशेष शैली में होना चाहिए

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर –  (ख) कि किसी खास विषय पर लिखा गया आपका आलेख सामान्य लेख से अलग होना चाहिए

 

प्रश्न 14 – किसी विषय में विशेषज्ञता कैसे हासिल करें?

(क) उसमें आपकी वास्तविक रुचि होनी चाहिए

(ख) उस विषय से जुड़ी खबरों और रिपोर्टों की कटिंग करके फाइल बनानी चाहिए

(ग) उससे जुड़े सरकारी और गैरसरकारी संगठनों और संस्थाओं की सूची, उनकी वेबसाइट का पता, टेलीफोन नंबर और उसमें काम करने वाले विशेषज्ञों के नाम और फोन नंबर अपनी डायरी में ज़रूर रखिए

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर –  (घ) उपरोक्त सभी 

 

प्रश्न 15 – कारोबार, व्यापार और अर्थ जगत से जुड़ी खबरों में काफी पाठकों की रुचि होती है। ऐसा क्यों?

(क) अर्थ यानी धन हर आदमी के जीवन का मूल आधार है 

(ख) हमारे रोज़मर्रा के जीवन में इसका खास महत्त्व है

(ग) हम जब किसी कारोबार के बारे में योजना बनाते हैं, जिसमें आर्थिक फायदे, नफा-नुकसान आदि की बात होती है तो इन सबका कारोबार और अर्थ जगत से संबंध जुड़ता है। 

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर –  (घ) उपरोक्त सभी