PSEB Class 10 Hindi Chapter 7 Mamta (ममता) Question Answers (Important) 

 

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PSEB Class 10 Chapter 7 Mamta Textbook Questions

 

अभ्यास

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए-

(1) ममता कौन थी?
उत्तर– ममता रोहतास दुर्गपति के मंत्री ब्राह्मण चूड़ामणि की विधवा पुत्री थी।

(2) मंत्री चूड़ामणि को किसकी चिंता थी?
उत्तर- मंत्री चूड़ामणि को अपने राज्य और अपनी बेटी की चिंता थी।

(3) मंत्री चूड़ामणि ने अपनी विधवा पुत्री ममता को उपहार में क्या देना चाहा ?
उत्तर– मंत्री चूड़ामणि ने अपनी पुत्री ममता को उपहार में सोने-चाँदी के आभूषणों से भरे थाल इत्यादि देना चाहा।

(4) डोलियों में छिपकर दुर्ग के अंदर कौन आये?
उत्तर– डोलियों में स्त्रीवेश में शेरशाह के पठान सैनिक छिपकर आए।

(5) ममता रोहतास दुर्ग छोड़ कर कहाँ रहने लगी?
उत्तर- ममता काशी के उत्तर में धर्मचक्र बिहार मौर्य और गुप्त सम्राटों की कीर्ति के खंडहर में रहने लगी।

(6) ममता से झोपड़ी में किसने आश्रय मांगा?
उत्तर– एक थका-हारा पथिक मुग़ल बादशाह हुमायूँ ने ममता से झोपड़ी में आश्रय माँगा।

(7) ममता पथिक को झोपड़ी में स्थान देकर स्वयं कहाँ चली गई?
उत्तर– पथिक को स्थान देकर ममता स्वयं बाहर खंडहर में जाकर सो गई।

(8) चौसा- युद्ध किन-किन के मध्य हुआ?
उत्तर– चौसा का युद्ध हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच हुआ।

(9) विश्राम के बाद जाते हुए पथिक ने मिरजा को क्या आदेश दिया?
उत्तर– पथिक ने मिरजा को क्या आदेश कि मिरजा उस स्त्री को मैं कुछ भी न दे सका। उसका घर बनवा देना, क्योंकि विपत्ति में उसने यहाँ आश्रय पाया था। यह स्थान भूलना मत।

(10) ममता की जीर्ण-कंकाल अवस्था में उसकी सेवा कौन कर रहीं थीं?
उत्तर- ममता की जीर्ण अवस्था में गाँव की स्त्रियाँ उसकी सेवा कर रही थीं।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए :-

(1) ब्राह्मण चूड़ामणि कैसे मारा गया?
उत्तर– एक दिन डोलियाँ किले के अंदर आ रही थीं, तब ब्राह्मण मंत्री चूड़ामणि को शक हुआ और वह अपने आप को रोक न सका। वह दौड़कर रोहतास दुर्ग के द्वार पर पहुँचा और डोलियों के कपड़े का आवरण हटवाना चाहता था। लेकिन पठानों ने उसे रोका और कहा कि ऐसा करना महिलाओं का अपमान है।
इस बात पर विवाद बढ़ गया और तलवारें निकल आईं। झगड़े में मंत्री चूड़ामणि वहीं मारे गए। इस प्रकार ब्राह्मण चूड़ामणि की मृत्यु हो गयी।

(2) ममता ने झोंपड़ी में आए व्यक्ति की सहायता किस प्रकार की?
उत्तर– ममता ने ‘अतिथि देवो भव’ का पालन करते हुए पथिक को झोपड़ी में रहने का आश्रय दिया जिससे उसकी जान बच पाई क्योंकि वह शेरशाह से युद्ध में हारकर अपनी जान बचाकर भागा था।

(3) ममता ने अपनी झोंपड़ी के द्वार पर आए अश्वारोही को बुलाकर क्या कहा?
उत्तर– ममता ने कहा कि वह नहीं जानती कि वह शाहंशाह था या साधारण मुगल, पर एक दिन इसी झोपड़ी के नीचे वह रहा था। उसने सुना था कि वह उसका घर बनाने की आज्ञा दे गया था। वह आजीवन अपनी झोंपड़ी खुदवाने के डर से भयभीत रही थी।
‘भगवान ने सुन लिया, मैं आज इसे छोड़े जाती हूँ। अब तुम इसका मकान बनाओ या महल; मैं अपने चिर विश्राम गृह में जाती हूँ।”

(4) हुमायूँ द्वारा दिए गए आदेश का पालन कितने वर्षों बाद तथा किस रूप में हुआ?
उत्तर– लगभग सैंतालीस वर्ष बाद हुमायूँ द्वारा दिए गए आदेश का पालन किया गया। जिस झोपड़ी में हुमायूँ रुका था वहाँ एक अष्टकोण मन्दिर बना और उस पर शिलालेख लगाया गया- “सातों देशों के नरेश हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था। उनके पुत्र अकबर ने उसकी स्मृति में यह गगनचुम्बी मंदिर बनवाया।”

(5) मंदिर में लगाए शिलालेख पर क्या लिखा गया?
उत्तर– मंदिर में लगाए शिलालेख पर लिखा गया- “सातों देशों के नरेश हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था। उनके पुत्र अकबर ने उसकी स्मृति में यह गगनचुम्बी मंदिर बनवाया।”

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए।

(1) ममता का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर-

  1. ईमानदार व्यक्तित्व- ममता ने अपने पिता द्वारा लिया गया रिश्वत का सोना ठुकरा दिया। इससे उसके ईमानदार व्यक्तित्व का पता चलता है।
  2. धार्मिक और आदर्शवादी– ममता ने कठिन परिस्थिति में भी ‘अतिथि देवो भव’ का पालन किया और थके पथिक को आश्रय दिया।
  3. दयालु और संवेदनशील– जब घायल और प्यासा सैनिक (हुमायूँ) उसके पास आया तो पहले विरोध करने के बाद भी उसने उसे पानी पिलाया और शरण दी।
  4. निस्वार्थ और परोपकारी– ममता ने कभी अपने उपकार का बदला नहीं माँगा। हुमायूँ उसके घर बनाने का आदेश देकर चला गया, पर ममता ने उसका लाभ नहीं उठाया।
  5. त्यागमयी और सहनशील– वह विधवा होकर भी अपमानित जीवन सहती रही। अपने दुखों को भूलकर वह हमेशा दूसरों के सुख-दुख में सहभागी बनी रही।

(2) ‘ममता’ कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर- इस कहानी से हमें त्याग, परोपकार और सेवा भावना की प्रेरणा मिलती है। ममता ने गरीबी और विपन्नता में भी धर्म का पालन किया और ‘अतिथि देवो भव’ के आदर्श को निभाते हुए थके और प्यासे पथिक का आदर किया। उसने यह दिखा दिया कि सच्चा धर्म केवल पूजा-पाठ में नहीं, बल्कि ज़रूरतमंद की मदद करने में है। परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें दूसरों की सहायता से पीछे नहीं हटना चाहिए। कहानी रिश्वत, स्वार्थ और लालच की निंदा करती है तथा भारतीय संस्कृति की उच्च परंपरा और मानवीय आदर्शों को सामने रखती है। इससे हमें सीखने को मिलता है कि सच्चा मनुष्य वही है जो निस्वार्थ भाव से सेवा करे और मानवता को सर्वोपरि माने।

(ख) भाषा बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखिए :-

विधवा _____________________
स्वस्थ _____________________
सुख _____________________
स्वीकार _____________________
प्राचीन _____________________
अपमान _____________________
उत्तर-

शब्द  विपरीत शब्द 
विधवा सधवा
स्वस्थ अस्वस्थ
सुख दुःख 
स्वीकार अस्वीकार 
प्राचीन अर्वाचीन
अपमान सम्मान 

II. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए :-

बरसात _____________________
चन्द्रमा _____________________
माता _____________________
पक्षी _____________________
रात _____________________
उत्तर-

शब्द पर्यायवाची 
बरसात वर्षा, बारिश
चन्द्रमा मयंक, चाँद 
माता माँ, जननी
पक्षी खग, विहग
रात रात्रि, रैन


 

PSEB Class 10 Hindi Lesson 7 ममता गद्यांश आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये-

1
रोहतास-दुर्ग के प्रकोष्ठ में बैठी हुई युवती ममता, शोण के तीक्ष्ण गम्भीर प्रवाह को देख रही थी। ममता विधवा थी। उसका यौवन शोण के समान ही उमड़ रहा था मन में वेदना, मस्तक में आँधी, आँखों में पानी की बरसात लिए वह सुख के कंटक शयन में विकल थी। वह रोहतास दुर्गपति के मंत्री चूड़ामणि की अकेली दुहिता थी। फिर उसके लिए कुछ अभाव का होना असंभव था, परंतु वह विधवा थी। हिंदू विधवा संसार में सबसे तुच्छ, निराश्रय प्राणी है तब विडम्बना का कहाँ अंत था ?
चूड़ामणि ने चुपचाप उस प्रकोष्ठ में प्रवेश किया। शोण के प्रवाह में वह अपना जीवन ‘मिलाने में बेसुध थी। पिता का आना न जान सकी। चूड़ामणि व्यथित हो उठे। स्नेहपालिता पुत्री के लिए क्या करें, यह स्थिर न कर सकते थे। लौटकर बाहर चले गये। ऐसा प्रायः होता, पर आज मंत्री के मन में बड़ी दुश्चिन्ता थी। पैर सीधे न पड़ते थे।
एक पहर रात बीत जाने पर फिर वे ममता के पास आये। उस समय उनके पीछे दस सेवक चाँदी के बड़े थालों में कुछ लिए खड़े थे, कितने ही मनुष्यों के पद-शब्द सुन ममता ने घूम कर देखा। मंत्री ने सब थालों के रखने का संकेत किया। अनुचर थाल रखकर चले गए।

1. ममता किसकी पुत्री थी?
(क) दुर्गपति की
(ख) मंत्री चूड़ामणि की
(ग) सेनापति की
(घ) एक साधारण ब्राह्मण की
उत्तर- (ख) मंत्री चूड़ामणि की

2. ममता को किस कारण समाज में तुच्छ और निराश्रित समझा जाता था?
(क) गरीब होने के कारण
(ख) सेविका होने के कारण
(ग) अनाथ होने के कारण
(घ) विधवा होने के कारण
उत्तर- (घ) विधवा होने के कारण

3. ममता के पास सेवकों ने किसमें सामान लाकर रखा?
(क) सोने का संदूक में
(ख) पीतल की परात में
(ग) चाँदी के थाल में
(घ) लकड़ी की पेटी में
उत्तर- (ग) चाँदी के थाल में

4. ममता शोण नदी को देखते हुए किस भावना में डूबी हुई थी?
उत्तर- ममता शोण नदी की तीव्र धारा में अपना जीवन मिलाने की कल्पना में डूबी हुई थी। वह अपने दुःख और पीड़ा से इतनी व्याकुल थी कि पिता के आने का भी ध्यान नहीं रख पाई।

5. मंत्री चूड़ामणि को अपनी पुत्री के संबंध में कैसी चिंता थी?
उत्तर- मंत्री चूड़ामणि अपनी विधवा पुत्री ममता की दुर्दशा से अत्यंत व्यथित थे। वे यह सोचकर चिंतित थे कि स्नेह से पाली-पोसी पुत्री का भविष्य कैसे सुरक्षित करें। इसी कारण वे समाधान खोजने में असमर्थ होकर दुश्चिंता में डूबे थे।

2
ममता ने पूछा- “यह क्या है पिता जी ?”
“तेरे लिए बेटी, उपहार है।” यह कहकर चूड़ामणि ने आवरण उलट दिया। सुवर्ण का पीलापन उस सुनहली संध्या में विकीर्ण होने लगा। ममता चौंक उठी ………….
“इतना स्वर्ण! यह कहाँ से आया ?”
“चुप रहो ममता! यह तुम्हारे लिए है।”
“तो क्या आपने म्लेच्छ का उत्कोच स्वीकार कर लिया ? पिताजी यह अर्थ नहीं अनर्थ है। लौटा दीजिए। पिता जी हम लोग ब्राह्मण हैं, इतना सोना लेकर क्या करेंगे ?”
“इस पतनोन्मुख प्राचीन सामंत वंश का अंत समीप है, बेटी, किसी भी दिन शेरशाह रोहतास पर अधिकार कर सकता है। उस दिन मंत्रीत्व न रहेगा, तब के लिए बेटी !”
“हे भगवान्! तब के लिए! विपद् के लिए इतना आयोजन! परम पिता की इच्छा के विरुद्ध इतना साहस ? पिता जी, क्या भीख न मिलेगी ? क्या कोई हिंदू भू-पृष्ठ पर न बचा रह जाएगा, जो ब्राह्मण को दो मुट्ठी अन्न दे सके ? असंभव है। फेर दीजिए पिता जी ! मैं काँप रही हूँ- इसकी चमक आँखों को अंधा बना रही है। “
“मूर्ख है” कहकर चूड़ामणि चले गये।

1.चूड़ामणि ने ममता को उपहार में क्या दिया?
(क) वस्त्र
(ख) सुवर्ण
(ग) रत्न
(घ) भूमि
उत्तर- (ख) सुवर्ण

2. ममता ने स्वर्ण देखकर पिता से क्या कहा?
(क) इसे रख लीजिए
(ख) इसे छिपा दीजिए
(ग) इसे लौटा दीजिए
(घ) इसे दान कर दीजिए
उत्तर- (ग) इसे लौटा दीजिए

3. चूड़ामणि ने स्वर्ण क्यों स्वीकार किया था?
(क) विपत्ति के समय के लिए
(ख) पुत्री के विवाह हेतु
(ग) मंत्रीत्व की रक्षा के लिए
(घ) स्वयं के ऐश्वर्य हेतु
उत्तर- (क) विपत्ति के समय के लिए

4. ममता ने स्वर्ण को देखकर उसे क्या कहा और क्यों अस्वीकार किया?
उत्तर– ममता ने स्वर्ण को ‘अनर्थ’ कहा और लौटा देने की बात कही। उसका मानना था कि ब्राह्मण को इतना धन शोभा नहीं देता और विपत्ति आने पर भी परमात्मा की इच्छा के विरुद्ध चलना उचित नहीं है।

5. चूड़ामणि ने स्वर्ण स्वीकार करने का कारण क्या बताया?
उत्तर– चूड़ामणि ने कहा कि प्राचीन सामंत वंश का अंत समीप है और किसी भी दिन शेरशाह रोहतास पर अधिकार कर सकता है। ऐसे में मंत्रीत्व समाप्त हो जाएगा, इसलिए आने वाली विपत्ति से निपटने के लिए यह स्वर्ण उन्होंने रखा है।

 

3
काशी के उत्तर धर्मचक्र बिहार मौर्य और गुप्त सम्राटों की कीर्ति का खंडहर था भग्नचूड़ा, तृणागुल्मों से ढके हुए प्राचीर ईटों के ढेर में बिखरी हुई भारतीय शिल्प की विभूति, ग्रीष्म रजनी की चद्रिका में अपने को शीतल कर रही थी।
जहाँ पंचवर्गीय भिक्षु गौतम का उपदेश ग्रहण करने के लिए पहले मिले थे, उसी स्तूप के भग्नावशेष की मलिन छाया में एक झोंपड़ी के दीपालोक में एक स्त्री पाठ कर रही थी-
“अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।” …………………..
पाठ रुक गया। एक भीषण और हताश आकृति दीप के मंद प्रकाश में सामने खड़ी थी। स्त्री उठी, उसने कपाट बंद करना चाहा, परंतु व्यक्ति ने कहा-
“माता! मुझे आश्रय चाहिए।”
“तुम कौन हो ?” स्त्री ने पूछा ।
“मैं मुगल हूँ। चौसा- युद्ध में शेरशाह से विपन्न होकर रक्षा चाहता हूँ। इस रात अब आगे चलने में असमर्थ हूँ।”
“क्या शेरशाह से?” स्त्री ने अपने होंठ काट लिये।
“हाँ, माता!”

1.काशी के उत्तर धर्मचक्र बिहार किसकी कीर्ति का खंडहर था?
(क) शुंग और सातवाहन सम्राटों का
(ख) मौर्य और गुप्त सम्राटों का
(ग) गुप्त और हर्ष सम्राटों का
(घ) कुषाण और शुंग सम्राटों का
उत्तर- (ख) मौर्य और गुप्त सम्राटों का

2. गौतम बुद्ध का उपदेश ग्रहण करने के लिए पंचवर्गीय भिक्षु सबसे पहले कहाँ मिले थे?
(क) नालंदा
(ख) वैशाली
(ग) धर्मचक्र बिहार
(घ) राजगृह
उत्तर- (ग) धर्मचक्र बिहार

3. मुगल व्यक्ति ने स्त्री से क्या कहा?
(क) मुझे भोजन चाहिए
(ख) मुझे धन चाहिए
(ग) मुझे पानी चाहिए
(घ) मुझे आश्रय चाहिए
उत्तर- (घ) मुझे आश्रय चाहिए

4. धर्मचक्र बिहार का वर्णन इस अंश में किस प्रकार किया गया है?
उत्तर- धर्मचक्र बिहार को मौर्य और गुप्त सम्राटों की कीर्ति का खंडहर बताया गया है। वहाँ की प्राचीरें तृण-गुल्मों से ढकी थीं और शिल्प-विभूति ईंटों के ढेर में बिखरी पड़ी थी। ग्रीष्म रात्रि की चंद्रिका में उसका वातावरण शीतल प्रतीत हो रहा था। यही वह स्थान था जहाँ पंचवर्गीय भिक्षुओं ने बुद्ध से सबसे पहले उपदेश ग्रहण किया था।

5. मुगल व्यक्ति ने स्त्री से आश्रय क्यों माँगा?
उत्तर- मुगल व्यक्ति चौसा के युद्ध में शेरशाह से पराजित होकर असहाय हो गया था। वह हताश और थका हुआ था, इसलिए रात में आगे चल पाने में असमर्थ था। अपनी रक्षा हेतु उसने स्त्री से शरण माँगी। उसने सम्मानपूर्वक स्त्री को ‘माता’ कहकर संबोधित किया और विनम्र भाव से कहा कि उसे आश्रय चाहिए।

4
ममता ने मन में कहा – “यहाँ कौन दुर्ग है। यही झोंपड़ी हैं, जो चाहे ले ले। मुझे तो अपना कर्त्तव्य करना पड़ेगा।” वह बाहर चली आयी और मुगल से बोली, “जाओ भीतर, थके हुए भयभीत पथिक ! तुम चाहे कोई हो, मैं तुम्हें आश्रय देती हूँ। मैं ब्राह्मण कुमारी हूँ, सब अपना धर्म छोड़ दें तो मैं भी क्यों छोड़ दूँ?”
मुगल ने चन्द्रमा के मंद प्रकाश में वह महिमामय मुखमंडल देखा। उसने मन ही मन नमस्कार किया। ममता पास की टूटी हुई दीवारों में चली गयी। भीतर थके पथिक ने झोंपड़ी में विश्राम किया।
प्रभात में खंडहर की संधि से ममता ने देखा, सैकड़ों अश्वारोही उस प्रांत में घूम रहे हैं। वह अपनी मूर्खता पर अपने को कोसने लगी।
अब उस झोंपड़ी से निकल कर उस पथिक ने कहा- “मिरजा ! मैं यहाँ हूँ।”
शब्द सुनते ही प्रसन्नता की चीत्कार ध्वनि से वह प्रांत गूँज उठा। ममता अधिक भयभीत हुई। पथिक ने कहा- “वह स्त्री कहाँ है? उसे खोज निकालो।” ममता छिपने के लिए अधिक सचेष्ट ‘हुई। वह मृगदाव में चली गयी। दिन भर उसमें से न निकली। संध्या को जब उनके जाने का उपक्रम हुआ, तो ममता ने सुना, पथिक घोड़े पर सवार होते हुए कह रहा था “मिरजा उस स्त्री को मैं कुछ भी न दे सका। उसका घर बनवा देना, क्योंकि विपत्ति में मैंने यहाँ आश्रय पाया था। यह स्थान भूलना मत।” इसके बाद वे चले गये।

1. ममता ने मुगल पथिक को आश्रय देते हुए क्या कहा?
(क) मैं ब्राह्मण कुमारी हूँ, अपना धर्म नहीं छोड़ूँगी
(ख) मैं ब्राह्मण कुमारी हूँ, धर्म छोड़ दूँगी
(ग) मैं ब्राह्मण कुमारी हूँ, पर भयभीत हूँ
(घ) मैं ब्राह्मण कुमारी हूँ, इसलिए मैं किसी को नहीं अपनाती
उत्तर- (क) मैं ब्राह्मण कुमारी हूँ, अपना धर्म नहीं छोड़ूँगी

2. प्रभात में ममता ने खंडहर की संधि से क्या देखा?
(क) सैकड़ों मुगल सैनिक
(ख) सैकड़ों ब्राह्मण
(ग) सैकड़ों अश्वारोही
(घ) सैकड़ों पथिक
उत्तर– (ग) सैकड़ों अश्वारोही

3. पथिक ने जाते समय मिरजा से क्या कहा?
(क) उस स्त्री को धन देना
(ख) उस स्त्री का घर बनवा देना
(ग) उस स्त्री को सजा देना
(घ) उस स्त्री को बंदी बना लेना
उत्तर- (ख) उस स्त्री का घर बनवा देना

4. ममता ने पथिक को आश्रय क्यों दिया?
उत्तर- ममता ने पथिक को आश्रय इसलिए दिया क्योंकि वह अपने धर्म और कर्तव्य को सबसे ऊपर मानती थी। ब्राह्मण कुमारी होने के नाते उसने ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा निभाई और थके-भयभीत पथिक को शरण देकर अपने कर्तव्य का पालन किया।

5. पथिक ने मिरजा को ममता के बारे में क्या आदेश दिया?
उत्तर– पथिक ने मिरजा से कहा कि जिस स्त्री ने उसे विपत्ति में शरण दी, वह उसे कुछ दे नहीं सका। इसलिए उसका घर बनवा देना और इस स्थान को मत भूलना।

 

PSEB Class 10 Hindi Lesson 7 ममता बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

1. ममता कहाँ बैठी हुई शोण के प्रवाह को देख रही थी?
(क) गंगा तट पर
(ख) झोंपड़ी में
(ग) रोहतास-दुर्ग के प्रकोष्ठ में
(घ) काशी के मंदिर में
उत्तर- (ग) रोहतास-दुर्ग के प्रकोष्ठ में

2. ममता का वैवाहिक जीवन कैसा था?
(क) अविवाहित
(ख) विधवा
(ग) विवाहित
(घ) तलाकशुदा
उत्तर- (ख) विधवा

3. ममता के पिता चूड़ामणि किस पद पर थे?
(क) सैनिक
(ख) मंत्री
(ग) पुजारी
(घ) शिक्षक
उत्तर- (ख) मंत्री

4. ममता ने सोने के थाल देखकर पिता से क्या कहा?
(क) इसे लौटा दीजिए
(ख) इसे रख लीजिए
(ग) इसे बेच दीजिए
(घ) इसे छिपा दीजिए
उत्तर- (क) इसे लौटा दीजिए

5. ममता ने पिता से कहा कि स्वर्ण की चमक कैसी लग रही है?
(क) सुखदायक
(ख) हृदयस्पर्शी
(ग) आँखों को अंधा करने वाली
(घ) जीवन को प्रकाशित करने वाली
उत्तर- (ग) आँखों को अंधा करने वाली

6. चूड़ामणि की मृत्यु कैसे हुई?
(क) बीमारी से
(ख) युद्ध में
(ग) शेरशाह के सैनिकों की तलवार से
(घ) आत्महत्या से
उत्तर– (ग) शेरशाह के सैनिकों की तलवार से

7. डोलियों में कौन छिपा हुआ था?
(क) ब्राह्मण
(ख) सैनिक
(ग) व्यापारी
(घ) साधु
उत्तर- (ख) सैनिक

8. ममता ने पहले मुगल को क्यों अस्वीकार किया?
(क) वह अजनबी था
(ख) उसने पिता की हत्या की थी
(ग) वह विधर्मी था
(घ) उसका चेहरा डरावना था
उत्तर- (ग) वह विधर्मी था

9. झोंपड़ी में ममता से आश्रय माँगने वाला कौन था?
(क) पठान
(ख) हुमायूँ
(ग) शेरशाह
(घ) अकबर
उत्तर– (ख) हुमायूँ

10. ममता ने अंततः पथिक को क्या दिया?
(क) भोजन
(ख) जल
(ग) वस्त्र
(घ) आश्रय
उत्तर- (घ) आश्रय

11. ममता ने पथिक को शरण देकर कौन सा आदर्श निभाया?
(क) अतिथि देवो भव
(ख) अहिंसा परमो धर्म
(ग) सत्यमेव जयते
(घ) कर्मण्येवाधिकारस्ते
उत्तर- (क) अतिथि देवो भव

12. वृद्धावस्था में ममता की आयु कितनी बताई गई है?
(क) 60 वर्ष
(ख) 65 वर्ष
(ग) 70 वर्ष
(घ) 75 वर्ष
उत्तर- (ग) 70 वर्ष

13. वृद्धावस्था में ममता की सेवा कौन कर रहा था?
(क) सैनिक
(ख) गाँव की स्त्रियाँ
(ग) उसके रिश्तेदार
(घ) राजा
उत्तर– (ख) गाँव की स्त्रियाँ

14. हुमायूँ की स्मृति में किसने मंदिर बनवाया?
(क) शेरशाह
(ख) अकबर
(ग) बाबर
(घ) जहाँगीर
उत्तर– (ख) अकबर

15. क्या मंदिर शिलालेख पर ममता का नाम अंकित हुआ?
(क) हाँ
(ख) अस्पष्ट
(ग) आंशिक
(घ) नहीं
उत्तर- (घ) नहीं

16. ममता की कहानी हमें किस शिक्षा से जोड़ती है?
(क) स्वार्थ की
(ख) लोभ की
(ग) अतिथि-सत्कार, परोपकार और त्याग की
(घ) सत्ता की
उत्तर- (ग) अतिथि-सत्कार, परोपकार और त्याग की

17. ‘ममता’ कहानी के रचनाकार कौन हैं?
(क) मुंशी प्रेमचंद
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) जयशंकर प्रसाद
(घ) भारतेन्दु हरिश्चंद्र
उत्तर- (ग) जयशंकर प्रसाद

18. अंत में ममता की मृत्यु कैसी हुई?
(क) युद्ध में
(ख) बुढ़ापे और बीमारी से
(ग) आत्महत्या से
(घ) दुर्घटना से
उत्तर- (ख) बुढ़ापे और बीमारी से

19. ‘विधर्मी’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
(क) विध
(ख) वि
(ग) र्मी
(घ) धर्मी
उत्तर- (ख) वि

20. ‘सुख – दुःख’ में कौन-सा समास है?
(क) द्वंद्व
(ख) अव्ययीभाव
(ग) तत्पुरुष
(घ) बहुब्रीहि
उत्तर– (क) द्वंद्व


 

PSEB Class 10 Hindi ममता प्रश्न और उत्तर (Extra Question Answers)

1.ममता कौन थी और वह कहाँ रहती थी?
उत्तर– ममता मंत्री चूड़ामणि की पुत्री थी। वह विधवा थी और रोहतास-दुर्ग के प्रकोष्ठ में रहती थी। उसका जीवन दुख और अकेलेपन से भरा हुआ था।

2. चूड़ामणि ने अपनी पुत्री के लिए क्या उपाय किया?
उत्तर- चूड़ामणि ने अपनी पुत्री ममता के लिए बहुत सारा सोना इकट्ठा किया ताकि भविष्य की विपत्ति में उसका सहारा बन सके।

3. मुगल ने ममता से क्या माँगा?
उत्तर– मुगल ने ममता से रात बिताने के लिए आश्रय माँगा, क्योंकि वह शेरशाह से पराजित होकर भागा हुआ और बहुत थक हुआ था।

4. ममता ने पहले मुगल को क्यों मना किया?
उत्तर- ममता ने पहले उसे मना किया क्योंकि मुगलों ने ही उसके पिता को मारा था और उसने उन्हें निर्दयी आततायी समझा।

5. हुमायूँ ने ममता के बारे में जाते समय क्या कहा?
उत्तर- हुमायूँ ने कहा कि वह स्त्री जिसने उसे विपत्ति में आश्रय दिया, उसके लिए एक घर बनवाया जाए और इस स्थान को भुलाया न जाए।

6. वृद्धावस्था में ममता ने अश्वारोही से क्या कहा?
उत्तर- ममता ने कहा कि एक दिन यहाँ एक मुगल ठहरा था, जिसने उसका घर बनवाने का वचन दिया था, पर वह जीवन भर अपनी झोंपड़ी खुदवाने के डर से भयभीत रही।

7. ममता के झोंपड़े की जगह क्या बनाया गया?
उत्तर– ममता के झोंपड़े की जगह अकबर ने एक अष्टकोण मंदिर बनवाया।

8. मंदिर के शिलालेख में किसका नाम अंकित हुआ?
उत्तर- मंदिर के शिलालेख में हुमायूँ और अकबर का नाम अंकित हुआ, पर ममता का कहीं उल्लेख नहीं किया गया।

9. रोहतास-दुर्ग में डोलियों के तांते आने पर चूड़ामणि की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर– जब डोलियों का तांता दुर्ग में आया, तो मंत्री चूड़ामणि ने संदेहवश उनका आवरण खुलवाना चाहा। पठानों ने इसे महिलाओं का अपमान बताया और विवाद बढ़ गया। तलवारें खिंच गईं और उसी संघर्ष में ब्राह्मण मंत्री चूड़ामणि मारे गए।

10. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर- इस कहानी से हमें त्याग, परोपकार, धर्मपालन और ‘अतिथि देवो भव’ की शिक्षा मिलती है। यह कहानी बताती है कि परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें अपना कर्तव्य और धर्म निभाना चाहिए।