मनोहर सिंह और तेजा सिंह का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Manohar Singh and Teja Singh from PSEB Class 10 Hindi Book Chapter 8 Ashikshit Ka Hriday

 

 

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मनोहर सिंह का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Manohar Singh)

 

आकर्षक व्यक्तित्व – ‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी में मनोहर सिंह का व्यक्तित्व सबसे अधिक आकर्षक करने वाला है। पूरी कहानी मनोहर के इर्द-गिर्द ही घूमती है। मनोहर सिंह की आयु 55 वर्ष के लगभग थी। उसने अपनी जवानी फौज में बिताई थी। अब वह संसार में अकेला था। गाँव में दूर के संबंधी थे, उन्हीं के यहाँ अपना भोजन बनवा लेता था और जैसे-तैसे जीवन की गाड़ी को खींच रहा था। वह कहीं आता जाता नहीं। दिन-रात अपने टूटे-फूटे मकान में पड़ा ईश्वर का भजन करता रहता है।

स्वाभिमान तथा अहं का भाव – मनोहर सिंह में स्वाभिमान तथा अहं का भाव एक साथ थे। तेजा सिंह से बात करते हुए यह बात स्पष्ट होती है। जब वह तेजा सिंह को बताता है कि उसने सारी उमर फौज में बिताई है। बड़ी-बड़ी लड़ाई और मैदान देखे हैं। ये बेचारे हैं किस खेत की मूली हैं। आज शरीर में बल होता, तो इनकी मजाल नहीं थी कि उसके पेड़ के लिए ऐसा कहते। वह सबके मुँह नोच लेता। उसने कभी नाक पर मक्खी नहीं बैठने दी। वह बड़े-बड़े साहब-बहादुरों से लड़ पड़ता था। तो गाँव के लोग उसके सामने क्या हैं?

मेहनती – मनोहर सिंह बहुत मेहनती व्यक्ति है। वह खेती करना चाहता था। जिस वजह से वह ठाकुर से लगान पर जमीन लेता है। वह बहुत मेहनत करता है परन्तु उस साल वर्षा न होने के कारण फसल नहीं होती और वह कर्ज में डूब जाता है। 

विनम्र – मनोहर सिंह में विनम्रता का भाव भी था। वह पेड़ देने को तैयार था पर उसे कटवाना नहीं चाहता था। वह ठाकुर से लड़ने व् अपनी जान तक देने को तैयार था। वह बड़ी विनम्रता से अंत तक ठाकुर को समझाने का प्रयास करता रहता है। 

भावुक – मनोहर बहुत ही भावुक व्यक्ति है। पहले तो वह पेड़ से बड़ी भावुकता के साथ जुड़ा हुआ था। और अंत में जब तेजा ने पेड़ को बचाने में उसकी सहायता की तो वह अपने बाद पेड़ का उत्तराधिकारी तेजा को बना देता है। 


 

मनोहर सिंह के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the Character of Manohar Singh)

Q1. कैसे पता चलता है कि मनोहर सिंह विनम्र स्वाभाव के हैं ?
Q2. मनोहर सिंह की भावुकता दर्शाने  वाली घटनाओं को उजागर करो। 


 

तेजा सिंह का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Teja Singh)

 

तेजा सिंह पंद्रह-सोलह वर्ष का बालक था। वह संपन्न परिवार से संबंधित था। वह भावुक, दयालू, साहसी और समझदार था। 

भावुक – वह मनोहर सिंह को चाचा कहकर पुकारता था। जब मनोहर सिंह ने उसे अपने और नीम के पेड़ के बारे में बताया तो तेजा बड़ा प्रभावित हुआ। वह मनोहर की बातों को सुन कर भावुक हो गया था। 

दयालू – तेजा को जब पता चला कि मनोहर की किसी ने कोई मदद नहीं की है और उसका पेड़ बिना पैसे दिए नहीं बच सकता। तो मनोहर के पेड़ की रक्षा के लिए वह अपने घर से 25 रुपए चुरा कर लाया था। 

साहसी – चोरी का भेद खुलने पर भी तेजा बड़े ही साहस के साथ मनोहर की सहायता के लिए आगे बढ़ता है। वह अपने हाथ की अंगूठी, जो उसकी नानी ने दी थी, उसे देकर पेड़ को कटने से बचाने का प्रयास करता है। तेजा सिंह ने अपने साहस से अपने पिता को ही नहीं सभी उपस्थित लोगों को भी प्रभावित कर दिया था। उसके इसी साहस से प्रभावित होकर मनोहर सिंह सबके सामने यह घोषणा करती थी कि उस नीम के पेड़ पर तेजा का अधिकार होगा।


 

तेजा सिंह के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the character of Teja Singh)

Q1. तेजा सिंह और मनोहर सिंह के स्वाभाव में क्या समानताएँ देखने को मिलती हैं ?
Q2. तेजा सिंह के चरित्र के बारे में लिखिए।