दिवाकर का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Diwakar from PSEB Class 10 Hindi Book Chapter 11 (Part 2) Ahsaas
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दिवाकर का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Diwakar)
- संकोची और मन में सोचने वाला- दिवाकर हाल ही में स्कूल में नया-नया आया था। पिता के ट्रांसफर और दुर्घटना के कारण उसे अकेलापन और हीनभावना महसूस होती थी। बस में मस्ती के बीच भी वह खामोश बैठा रहता है। उसका स्वाभाव संकोची और अंतर्मुखी है।
- खुद को अलग समझने वाला- पिछले साल की दुर्घटना में उसकी एक टाँग चली गई थी। बैसाखियों के सहारे चलने के कारण वह स्वयं को अधूरा और अपने साथियों से अलग मानता था।
- साहसी और वीर- साँप जैसी भयावह स्थिति में जहाँ सब बच्चे और अध्यापिका डर गए थे, वहीं दिवाकर निडर रहा। उसने अपनी बैसाखी से साँप को उठाकर दूर फेंक दिया और सबकी जान बचाई।
- सूझबूझ वाला और तेज़ी से निर्णय लेने वाला- खतरे की घड़ी में दिवाकर ने घबराहट में समय बर्बाद नहीं किया। बिना हड़बड़ाए उसने तुरंत सही निर्णय लिया और साँप को दूर हटाकर अपनी समझदारी का परिचय दिया।
- आत्मविश्वासी और प्रेरणादायी- साँप को दूर फेंकने के बाद जब सबने उसकी बहादुरी की सराहना की, तब उसे अपनी पूर्णता का अहसास हुआ। उसमें आत्मविश्वास लौटा और उसने समझा कि शारीरिक कमी उसके साहस और प्रतिभा को कम नहीं कर सकती।
- सम्मानित और सच्चा हीरो- नीरू मैडम ने उसे ‘असली हीरो’ कहा और प्राचार्य ने सभा में उसकी बहादुरी के लिए पुरस्कृत किया। इससे पता चलता है कि दिवाकर साधारण लड़का नहीं, बल्कि साहस और धैर्य का प्रतीक है।
निष्कर्ष- दिवाकर एक ऐसा विद्यार्थी है, जो शारीरिक कमी के बावजूद साहस, सूझबूझ और आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची ताकत शरीर में नहीं, बल्कि हिम्मत और आत्मविश्वास में होती है।