PSEB Class 9 Hindi Chapter 3 Karmveer (कर्मवीर) Question Answers (Important)
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- Karmveer Textbook Questions
- Karmveer Extract Based Questions
- Karmveer Multiple Choice Questions
- Karmveer Extra Question Answers
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PSEB Class 9 Chapter 3 Karmveer Textbook Questions
अभ्यास
(क) विषय-बोध
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए-
(i) जीवन में बाधाओं को देखकर वीर पुरुष क्या करते हैं ?
उत्तर– जीवन में बाधाओं को देखकर वीर पुरुष घबराते नहीं हैं।
(ii) कठिन से कठिन काम के प्रति कर्मवीर व्यक्ति का दृष्टिकोण कैसा होता है ?
उत्तर– कठिन से कठिन काम के प्रति कर्मवीर व्यक्ति कभी उकताते नहीं हैं अर्थात् तंग नहीं आते।
(iii) सच्चे कर्मवीर व्यक्ति समय का सदुपयोग किस प्रकार करते हैं ?
उत्तर- सच्चे कर्मवीर व्यक्ति आज का काम आज ही कर लेते हैं, वे फालतू बातों में कभी समय नष्ट नहीं करते। इस प्रकार वे समय का सदुपयोग करते हैं।
(iv) मुश्किल काम करके वे दूसरों के लिए क्या बन जाते हैं ?
उत्तर- मुश्किल काम करके वे दूसरों के लिए आदर्श अर्थात् प्रेरणा बन जाते हैं।
(v) कवि ने कर्मवीर व्यक्ति के कौन-कौन से गुण इस कविता में बताए हैं ?
उत्तर- कवि ने बताया है कि कर्मवीर व्यक्ति निडर, साहसी, कर्मठ, दृढ़ निश्चयी एवं समय का सदुपयोग करने वाले होते हैं।
2. निम्नलिखित पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(i) आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही
सोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही
मानते जो भी है सुनते हैं सदा सबकी कही
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही
भूल कर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं ।।
(ii) जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं
काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं
आज कल करते हुए जो दिन गंवाते हैं नहीं
यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं
बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिए
बे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिए।।
उत्तर-
i. आज करना है ………………………………………………………………….जिसे सकते नहीं।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मवीर व्यक्ति के गुणों का वर्णन किया है। वह बताते हैं कि जो लोग कर्मठ, सक्रिय और आत्मनिर्भर होते हैं, वही जीवन में सफल होते हैं। ऐसे लोग समय का महत्त्व समझते हैं, अपने निर्णय स्वयं लेते हैं और अपने कार्य को पूरा करने के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहते।
व्याख्या- कवि कहते हैं कि सच्चे कर्मवीर वह हैं जो आज के कार्य को कभी कल पर नहीं टालते। वे जो संकल्प करते हैं, उसे पूर्ण करने की क्षमता रखते हैं और अपने विचारों को कर्म के रूप में सिद्ध कर दिखाते हैं। वे दूसरों की बात अवश्य सुनते हैं, पर निर्णय अपने विवेक से करते हैं। ऐसे लोग किसी की सहायता की प्रतीक्षा नहीं करते, बल्कि अपनी शक्ति और प्रयास से ही कार्य को पूरा करते हैं। उनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं होता, क्योंकि वे आत्मविश्वास, मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर हर लक्ष्य को हासिल करने की क्षमता रखते हैं।
ii. जो कभी अपने……………………………………………………………………..औरों के लिए।
प्रसंग– प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मठ और अनुशासित व्यक्तियों के आदर्श जीवन-चरित्र का वर्णन किया है। कवि यह बताना चाहते हैं कि जो लोग समय का सम्मान करते हैं, परिश्रम से नहीं घबराते और प्रत्येक कार्य को दृढ़ निश्चय के साथ करते हैं, वे न केवल स्वयं सफल होते हैं बल्कि समाज के लिए प्रेरणा-स्त्रोत भी बन जाते हैं।
व्याख्या- कवि बताते हैं कि सच्चे कर्मवीर अपना समय कभी यूँ ही व्यर्थ नहीं गंवाते। वे कार्य के समय केवल बातों में समय नष्ट नहीं करते, बल्कि हर क्षण का उपयोग सार्थक कार्य में लगाते हैं। ऐसे लोग ‘आज नहीं कल’ कहकर समय को टालते नहीं, बल्कि तुरंत और पूरी निष्ठा से काम में लग जाते हैं। वे परिश्रम से कभी नहीं कतराते और प्रयास करने से जी नहीं चुराते, क्योंकि उनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं होता। अपने इसी दृढ़ संकल्प, नियमितता और कर्मठता के कारण वे स्वयं एक आदर्श बन जाते हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा बनकर उभरते हैं।
ख) भाषा-बोध
| ‘क’ (संस्कृत भाषा के शब्द) | ‘ख’ (हिंदी भाषा के शब्द ) |
| कर्म | काम |
| मुख | मुँह |
उपर्युक्त ‘क‘ भाग में ‘कर्म’ और ‘मुख’ शब्द संस्कृत भाषा के शब्द हैं। इनका हिंदी भाषा में भी ज्यों का त्यों प्रयोग होता है। इन शब्दों को ‘तत्सम’ शब्द कहते हैं। तत् सम अर्थात् इसके समान।’ इसके समान’ से अभिप्राय है-‘स्रोत भाषा के समान’ हिंदी की ‘स्रोत भाषा’ संस्कृत हैं, अतः जो शब्द संस्कृत भाषा से हिंदी में ज्यों के त्यों अर्थात् बिना किसी परिवर्तन के ले लिए गए हैं उन्हें ‘ तत्सम’ शब्द कहते हैं। जैसे: कर्म, मुख।
उपर्युक्त ‘ख’ भाग में ‘कर्म’ के लिए ‘काम’ व ‘मुख’ के लिए ‘मुँह’ शब्दों का प्रयोग किया गया है। ये शब्द (काम, मुँह) संस्कृत से हिंदी में कुछ परिवर्तन के साथ आए हैं। इन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। तद् भव अर्थात् ‘उससे होने वाले ”उससे होने वाले’ से अभिप्राय है – संस्कृत भाषा से विकसित होने वाले। अतः ‘वे’ संस्कृत शब्द जो हिंदी में कुछ परिवर्तन के साथ आते हैं उन्हें ‘तद्भव’ शब्द कहते हैं। जैसे – काम, मुँह।
1. पाठ में आए निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए-
तद्भव – तत्सम
भाग – ________________________
आठ – ________________________
पहर – ________________________
आग – ________________________
उत्तर-
| तद्भव | तत्सम |
| भाग | भाग्य |
| आठ | अष्ट |
| पहर | प्रहर |
| आग | अग्नि |
2. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उन्हें अपने बाक्यों में प्रयुक्त कीजिए-
मुहावरा अर्थ वाक्य
1. एक ही आन में – तुरंत, शीघ्र ही ___________________
2. फूलना फलना – सम्पन्न होना ___________________
3. मुँह ताकना – दूसरों पर निर्भर रहना ___________________
4. बातें बनाना – गप्पें मारना ___________________
5. जी चुराना – काम से बचना ___________________
6. नमूना बनना – आदर्श / उदाहरण बनना ___________________
7. कलेजा काँपना – भय से विचलित होना, दिल दहल जाना ___________________
उत्तर-
| मुहावरा | अर्थ | वाक्य |
| एक ही आन में | तुरंत, शीघ्र ही | उसने समस्या समझते ही एक ही आन में समाधान बता दिया। |
| फूलना फलना | सम्पन्न होना | मेहनत और ईमानदारी से काम करने वालों का जीवन अवश्य फूलता-फलता है। |
| मुँह ताकना | दूसरों पर निर्भर रहना | कर्मशील व्यक्ति कभी दूसरों का मुँह ताकना पसंद नहीं करते। |
| बातें बनाना | गप्पें मारना | जो लोग केवल बातें बनाते हैं, वे कभी बड़ा काम नहीं कर पाते। |
| जी चुराना | काम से बचना | परीक्षा के समय पढ़ाई से जी चुराना ठीक नहीं है। |
| नमूना बनना | आदर्श / उदाहरण बनना | अपने साहस और सफलता से वह समाज के लिए नमूना बन गया। |
| कलेजा काँपना | भय से विचलित होना, दिल दहल जाना | तेज भूकंप का झटका महसूस होते ही सभी का कलेजा काँप उठा। |
PSEB Class 9 Hindi Lesson 3 कर्मवीर सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
निम्नलिखित पद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
1
देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं
रह भरोसे भाग्य के दुख भोग पछताते नहीं
काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं
हो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले।
1.कवि के अनुसार सच्चा कर्मवीर कौन होता है?
(क) भाग्य के भरोसे बैठने वाला
(ख) कठिनाइयों से घबराने वाला
(ग) परिश्रमी और दृढ़ निश्चयी व्यक्ति
(घ) भीड़ में चंचल रहने वाला
उत्तर– (ग) परिश्रमी और दृढ़ निश्चयी व्यक्ति
2. कर्मवीर व्यक्ति कैसा नहीं होता है?
(क) संकट में विचलित होने वाला
(ख) कठिन कार्य में भी न उकताने वाला
(ग) लक्ष्य के प्रति समर्पित
(घ) साहसी और कर्मठ
उत्तर– (क) संकट में विचलित होने वाला
3. पाठ के अनुसार किन व्यक्तियों के ‘बुरे दिन भी भले’ हो जाते हैं?
(क) आलसी व्यक्तियों के
(ख) कर्मवीरों के
(ग) केवल भाग्य पर विश्वास रखने वालों के
(घ) शिकायत करने वालों के
उत्तर- (ख) कर्मवीरों के
4. भाग्य और परिश्रम के विषय में कवि क्या संदेश देते हैं?
उत्तर– कवि बताते हैं कि सच्चे कर्मवीर केवल भाग्य पर विश्वास नहीं करते, बल्कि अपने परिश्रम को ही सफलता की कुंजी मानते हैं।
5. पाठ में वर्णित ‘कर्मवीर’ समाज के लिए कैसे आदर्श बनते हैं?
उत्तर- पाठ के अनुसार कर्मवीर व्यक्ति बाधाओं से न घबराने, कठिन कार्य से न उकताने और संकट में भी शांत रहकर संघर्ष करने की क्षमता रखते हैं। उनकी दृढ़ निष्ठा और सतत प्रयास उन्हें सफलता दिलाती है। ऐसे लोग हर परिस्थिति में आगे बढ़ते हैं और उनका बुरा समय भी अच्छा हो जाता है। उनकी यही कर्मठता उन्हें समाज का आदर्श और प्रेरणा-स्त्रोत बनाती है।
2
आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही
सोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही
मानते जी की हैं, सुनते हैं सदा सबकी कही
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही
भूल कर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं ।
1.सच्चे कर्मवीर की प्रमुख विशेषता क्या है?
(क) वे आज का काम आज ही करते हैं
(ख) वे केवल सोचते हैं, करते नहीं
(ग) वे कार्य को कल पर टालते हैं
(घ) वे दूसरों पर निर्भर रहते हैं
उत्तर– (क) वे आज का काम आज ही करते हैं
2. पाठ के अनुसार कर्मवीर किस पर निर्भर नहीं रहते?
(क) अपने परिश्रम पर
(ख) दूसरों की मदद पर
(ग) अपने निर्णय पर
(घ) अपने आत्मविश्वास पर
उत्तर– (ख) दूसरों की मदद पर
3. कर्मवीर व्यक्ति किस प्रकार निर्णय लेते हैं?
(क) केवल दूसरों की कही मानकर
(ख) भाग्य के भरोसे
(ग) अपने विवेक से
(घ) क्रोधित होकर
उत्तर– (ग) अपने विवेक से
4. कवि के अनुसार कर्मवीर व्यक्ति समय का महत्व कैसे समझते हैं?
उत्तर- कवि बताते हैं कि कर्मवीर व्यक्ति समय को अत्यंत मूल्यवान मानते हैं। वे आज के कार्य को कभी कल पर नहीं टालते।
5. आत्मनिर्भरता कर्मवीर की पहचान कैसे बनती है?
उत्तर– कर्मवीर व्यक्ति किसी की सहायता की प्रतीक्षा नहीं करते, बल्कि अपनी शक्ति और परिश्रम के बल पर कार्य पूरा करते हैं। वे दूसरों पर निर्भर न रहने में विश्वास रखते हैं।
3
जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं
काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं
आज कल करते हुए जो दिन गँवाते हैं नहीं
यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं
बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिए
वे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिए ।
1. सच्चे कर्मवीर समय के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
(क) उसे व्यर्थ बिताते हैं
(ख) उसे बातों में नष्ट करते हैं
(ग) उसका सदुपयोग करते हैं
(घ) उसे व्यर्थ मानते हैं
उत्तर– (ग) उसका सदुपयोग करते हैं
2. कर्मवीर व्यक्ति किससे कभी नहीं कतराते?
(क) आराम से
(ख) परिश्रम और प्रयास से
(ग) दूसरों की सलाह से
(घ) टालमटोल से
उत्तर– (ख) परिश्रम और प्रयास से
3. पाठ के अनुसार कर्मवीर व्यक्ति समाज में क्या बन जाते हैं?
(क) उपेक्षित
(ख) सामान्य व्यक्ति
(ग) प्रतियोगी
(घ) आदर्श और प्रेरणा
उत्तर- (घ) आदर्श और प्रेरणा
4. सच्चे कर्मवीर समय का उपयोग किस प्रकार करते हैं?
उत्तर– सच्चे कर्मवीर समय को सबसे मूल्यवान धन मानते हैं। वे कार्य के समय व्यर्थ बातें नहीं करते, बल्कि हर क्षण को सार्थक बनाने का प्रयास करते हैं। ‘आज का काम आज’ की नीति पर चलते हुए वे कार्य को कभी टालते नहीं।
5. कर्मवीर समाज के लिए कैसे आदर्श बनते हैं?
उत्तर- कर्मवीर अपने अनुशासन, परिश्रम और समय के सही उपयोग के कारण दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। इस प्रकार वे स्वयं ‘नमूना’ बनकर दूसरों को कर्मठता का संदेश देते हैं।
4
व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखर
वे घने जंगल जहाँ रहता है तम आठों पहर
गर्जते जल-राशि की उठती हुई ऊँची लहर
आग की भयदायिनी फैली दिशाओं में लपट
ये कँपा सकती कभी जिसके कलेजे को नहीं
भूलकर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं ।
1.’दुर्गम’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
(क) र्गम
(ख) दुग
(ग) गम
(घ) दुर्
उत्तर- (घ) दुर्
2. कर्मवीर किससे नहीं डरता?
(क) हल्की बारिश से
(ख) घने जंगल और अंधकार से
(ग) परिवार से
(घ) साधारण समस्याओं से
उत्तर- (ख) घने जंगल और अंधकार से
3. आग की भयदायिनी लपटें कर्मवीर पर क्या प्रभाव डालती हैं?
(क) वह डरकर पीछे हट जाता है
(ख) वह रुक जाता है
(ग) वह चिंतित हो जाता है
(घ) उसका हृदय नहीं कांपता
उत्तर– (घ) उसका हृदय नहीं कांपता
4. कवि दुर्गम पहाड़ों और घने जंगलों का उल्लेख क्यों करते हैं?
उत्तर– कवि दुर्गम पर्वत-शिखरों और घने अंधकारमय जंगलों का उल्लेख करके यह बताना चाहते हैं कि कर्मवीर अत्यंत कठिन परिस्थितियों से भी नहीं घबराते। जहाँ सामान्य व्यक्ति डरकर पीछे हट जाता है, वहीं कर्मवीर साहस के साथ आगे बढ़ता है। ये प्राकृतिक बाधाएँ उनके संकल्प को डिगा नहीं पातीं। कवि इन्हीं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के माध्यम से कर्मवीर की निडरता को दर्शाते हैं।
5. ऊँची जल-लहरों और आग की लपटों का वर्णन किस बात का प्रतीक है?
उत्तर– ऊँची जल-लहरें और आग की भयदायिनी लपटें जीवन की विकट और भयंकर चुनौतियों का प्रतीक हैं। कवि यह बताना चाहते हैं कि कितनी भी कठिन और भयावह परिस्थितियाँ क्यों न हों, कर्मवीर उनसे विचलित नहीं होता। उसका हृदय नहीं काँपता और वह निराश भी नहीं होता। वह हर परिस्थिति का सामना साहस, धैर्य और दृढ़ निश्चय के साथ करता है।
PSEB Class 9 Hindi Lesson 3 कर्मवीर बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
1.कवि के अनुसार इतिहास में कौन फूले-फले हैं?
(क) कायर
(ख) आलसी
(ग) टालमटोल करने वाले
(घ) कर्मवीर
उत्तर– (घ) कर्मवीर
2. कर्मवीर दूसरों का मुँह क्यों नहीं ताकता?
(क) शर्मीला होने के कारण
(ख) उसे डर लगता है
(ग) वह आत्मनिर्भर है
(घ) वह अकेला रहना चाहता है
उत्तर– (ग) वह आत्मनिर्भर है
3. कर्मवीर कठिन काम देखकर क्या करता है?
(क) पीछे हटता है
(ख) उकता जाता है
(ग) सामना करता है
(घ) टाल देता है
उत्तर- (ग) सामना करता है
4. कविता के अनुसार सच्चा वीर किसे कहा गया है?
(क) जो केवल बात करे
(ख) जो परिश्रम करे
(ग) जो दया करे
(घ) जो सोचे
उत्तर– (ख) जो परिश्रम करे
5. कर्मवीर किन बातों को महत्त्व देता है?
(क) आलोचना
(ख) गपशप
(ग) परिश्रम और समय
(घ) मनोरंजन
उत्तर- (ग) परिश्रम और समय
6. कर्मवीर किस प्रकार के व्यक्ति नहीं होते?
(क) परिश्रमी
(ख) दृढ़
(ग) चंचल
(घ) साहसी
उत्तर– (ग) चंचल
7. कर्मवीर किस पर भरोसा नहीं करता?
(क) मेहनत पर
(ख) भाग्य पर
(ग) ज्ञान पर
(घ) मित्रों पर
उत्तर– (ख) भाग्य पर
8. कर्मवीर व्यक्ति बाधाओं को देखकर कैसी प्रतिक्रिया देता है?
(क) घबरा जाता है
(ख) भाग जाता है
(ग) घबराता नहीं है
(घ) दूसरों पर निर्भर हो जाता है
उत्तर– (ग) घबराता नहीं है
9. “काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं”- यह किसका गुण है?
(क) कर्मवीर का
(ख) कायर का
(ग) आलसी का
(घ) सपने देखने वाले का
उत्तर- (क) कर्मवीर का
10. कर्मवीर के बुरे दिन कैसे हो जाते हैं?
(क) और खराब
(ख) समान
(ग) लंबे
(घ) अच्छे
उत्तर- (घ) अच्छे
11. कर्मवीर सब जगह और सब काल में कैसे मिलते हैं?
(क) दुखी
(ख) परेशान
(ग) फूले-फले
(घ) असफल
उत्तर- (ग) फूले-फले
12. सच्चा कर्मवीर किस कार्य को कभी कल पर नहीं टालता?
(क) सोने का
(ख) आज का काम
(ग) खेलने का
(घ) आराम करने का
उत्तर- (ख) आज का काम
13. कर्मवीर निर्णय किसके आधार पर करता है?
(क) दूसरों के कहने पर
(ख) भाग्य पर
(ग) अपने विवेक से
(घ) अनुमान से
उत्तर– (ग) अपने विवेक से
14. कर्मवीर समय को कैसे बिताते हैं?
(क) व्यर्थ नहीं गंवाते
(ख) सोकर
(ग) बातें करके
(घ) खेलकर
उत्तर- (क) व्यर्थ नहीं गंवाते
15. कर्मवीर किससे नहीं डरता?
(क) घने जंगल
(ख) छोटी बातें
(ग) बड़ों से
(घ) मित्रों से
उत्तर- (क) घने जंगल
16. कौन सा व्यक्ति नाकाम नहीं रहता?
(क) आलसी
(ख) कर्मवीर
(ग) भाग्यवादी
(घ) कायर
उत्तर- (ख) कर्मवीर
17. कर्मवीर किस परिस्थिति में भी नहीं घबराता?
(क) सरल
(ख) सामान्य
(ग) विकट
(घ) आराम की
उत्तर- (ग) विकट
18. ‘व्योम’ का पर्यायवाची निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(क) आकाश
(ख) शशि
(ग) नीर
(घ) शैल
उत्तर– (क) आकाश
19. ‘आज करना है जिसे’- यह पंक्ति किस आदत पर जोर देती है?
(क) समय पर काम करना
(ख) टालमटोल
(ग) देर करना
(घ) बातों में समय बिताना
उत्तर- (क) समय पर काम करना
20. ‘कर्मवीर’ पाठ किसके द्वारा रचित है?
(क) महादेवी वर्मा
(ख) रामधारी सिंह दिनकर
(ग) गजानन माधव मुक्तिबोध
(घ) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
उत्तर- (घ) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
PSEB Class 9 Hindi कर्मवीर प्रश्न और उत्तर (Extra Question Answers)
1. कवि के अनुसार सच्चा कर्मवीर बाधाओं को देखकर क्यों नहीं घबराता?
उत्तर- कवि बताते हैं कि सच्चा कर्मवीर बाधाओं को देखकर घबराता नहीं क्योंकि उसके भीतर अटल विश्वास, साहस और मजबूत इच्छाशक्ति होती है। वह जानता है कि कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं और उनसे डरने के बजाय उनका सामना करना चाहिए। वह भाग्य के भरोसे नहीं बैठता, बल्कि अपने परिश्रम से परिस्थितियों को बदल देता है। इसी दृढ़ निश्चय के कारण वह हर संकट को पार कर लेता है।
2. कठिन काम होने पर भी कर्मवीर क्यों नहीं उकता जाता?
उत्तर- कठिन कार्य होने पर भी कर्मवीर इसलिए नहीं उकताता है क्योंकि वह कार्य को चुनौती के रूप में स्वीकार करता है। उसके मन में दृढ़ संकल्प और लक्ष्य प्राप्ति की तीव्र इच्छा होती है। कठिनाई उसे थकाती नहीं, बल्कि प्रेरित करती है। वह यह मानता है कि निरंतर प्रयास से असंभव भी संभव हो जाता है, इसलिए वह अंत तक प्रयास करना नहीं छोड़ता।
3. भीड़ में चंचल होकर वीरता दिखाने वालों को कवि क्यों असली वीर नहीं मानते?
उत्तर- कवि कहते हैं कि सच्ची वीरता भीड़ में दिखावा करने से सिद्ध नहीं होती। कर्मवीर अपनी पहचान काम से बनाता है, न कि दूसरों को प्रभावित करने के लिए चंचल व्यवहार से। दिखावा करने वाले लोग केवल बाहरी रूप से वीर लगते हैं, पर उनके भीतर स्थिरता और दृढ़ता नहीं होती। इसलिए कवि उन्हें सच्चा वीर नहीं मानते।
4. “उनके बुरे दिन भी भले हो जाते हैं” से कवि क्या समझाना चाहते हैं?
उत्तर– कवि कहना चाहते हैं कि कर्मवीर अपने परिश्रम, धैर्य और लगन से मुश्किल समय को भी अच्छे समय में बदल देता है। संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, कर्मवीर अपने प्रयासों से स्थिति को सुधारने की क्षमता रखता है। उसका आत्मविश्वास उसे कभी हारने नहीं देता। इसलिए उसके बुरे दिन भी मेहनत के दम पर अच्छे दिनों में बदल जाते हैं।
5. “आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही” पंक्ति से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर– इस पंक्ति से यह शिक्षा मिलती है कि कार्य को टालना नहीं चाहिए। जो लोग आज का काम तुरंत और पूरे मन से करते हैं, वही जीवन में सफल होते हैं। टालमटोल आदत व्यक्ति को पीछे कर देती है। कर्मवीर जानते हैं कि समय अमूल्य है, इसलिए वे हर कार्य को समय पर पूरा कर भविष्य के अवसरों को भी सुरक्षित रखते हैं।
6. “यत्न करने से कभी जो जी चुराते नहीं” इस पंक्ति का आशय क्या है?
उत्तर- इस पंक्ति का आशय है कि सच्चे कर्मवीर परिश्रम से कभी नहीं भागते। वे हर कठिन कार्य को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास करते हैं। वे थकान, परेशानी या असफलता से भयभीत नहीं होते। निरंतर प्रयास ही उनकी सफलता का आधार है। ऐसे लोग प्रयास करने में आनंद महसूस करते हैं और कभी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटते।
7. कर्मवीर दूसरों की बात क्यों सुनता है, पर निर्णय स्वयं लेता है?
उत्तर– कर्मवीर दूसरों का आदर करते हुए उनकी बातों को ध्यान से सुनता है। लेकिन उसका निर्णय विवेक, अनुभव और उद्देश्य पर आधारित होता है। वह किसी के दबाव या सुझाव पर अंधविश्वास नहीं करता। वह यह मानता है कि उसकी सफलता उसके अपने निर्णयों पर निर्भर है, इसलिए वह विचार तो सबका लेता है पर अंतिम निर्णय स्वयं करता है।
8. समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति को समाज आदर्श क्यों मानता है?
उत्तर– समय का सही उपयोग करने वाला व्यक्ति कर्मठ, अनुशासन का पालन करने वाला होता है। वह कार्यों को समय पर पूरा करता है और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है। उसकी उपलब्धियाँ लोगों को प्रभावित करती हैं और वे उसे सफलता का उदाहरण मानते हैं। इसलिए समाज ऐसे व्यक्ति को आदर्श मानता है।
9. दुर्गम पहाड़, अंधकारमय जंगल और ऊँची लहरें कर्मवीर को क्यों नहीं डरा पातीं?
उत्तर- कर्मवीर का हृदय साहस और दृढ़ निश्चय से भरा होता है, इसलिए ये कठिन परिस्थितियाँ उसके मन में भय उत्पन्न नहीं करतीं। वह हर चुनौती से जीतना चाहता है। इसलिए वह कभी भयभीत नहीं होता।
10. “भूलकर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर- इस पंक्ति का अर्थ है कि सच्चा कर्मवीर कभी असफल नहीं रहता। हो सकता है कि उसे कुछ समय लगे, पर वह लक्ष्य से पीछे नहीं हटता। उसका लगातार प्रयास, धैर्य और संघर्ष अंततः उसे सफलता दिलाते हैं। वह हार मानना नहीं जानता, इसलिए हर क्षेत्र में सफल होकर ही लौटता है। यही उसकी सबसे बड़ी पहचान है।