PSEB Class 10 Hindi Chapter 2 Padavali (पदावली) Question Answers (Important)
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- Padavali Textbook Questions
- Padavali Extract Based Questions
- Padavali Multiple Choice Questions
- Padavali Extra Question Answers
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PSEB Class 10 Chapter 2 Padavali Textbook Questions
अभ्यास
(क) विषय-बोध
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए-
(1) श्री कृष्ण ने कौन-सा पर्वत धारण किया था ?
उत्तर– श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत धारण किया था।
(2) मीरा किसे अपने नयनों में बसाना चाहती हैं ?
उत्तर– मीरा नन्दलाल को अपने नयनों में बसाना चाहती हैं।
(3) श्री कृष्ण ने किस प्रकार का मुकुट और कुंडल धारण किए हैं?
उत्तर– श्री कृष्ण ने मोर पंखों का मुकुट और मकराकार कुंडल धारण किए हैं।
(4) मीरा किसे देखकर प्रसंन हुई और किसे देखकर दुःखी हुई?
उत्तर– मीरा भक्तों को देखकर प्रसन्न हुई और संसार को देखकर दुःखी हुई।
(5) संतों की संगति में रहकर मीरा ने क्या छोड़ दिया ?
उत्तर– संतों की संगति में रहकर मीरा ने लोक-लाज को छोड़ दिया।
(6) मीरा अपने आँसुओं के जल से किस बेल को सींच रही थी?
उत्तर– मीरा अपने आँसुओं के जल से कृष्ण-प्रेम की बेल को सींच रही थीं।
(7) पदावली के दूसरे पद में मीराबाई गिरिधर से क्या चाहती है?
उत्तर- पदावली के दूसरे पद में मीराबाई गिरिधर से अपने उद्धार की प्रार्थना करती हैं।
II. निम्नलिखित पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(1) बसौ मेरे नैनन में नन्द लाल ।
मोहनि मूरति साँवरी सूरति नैना बनै विसाल ।
मोर मुकुट मकराकृत कुंडल अरुण तिलक दिये भाल।
अधर सुधारस मुरली राजति उर वैजन्ती माला।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित नुपूर शब्द रसाल।
मीरा प्रभु सन्तन सुखदाई भक्त बछल गोपाल ।।
प्रसंग– प्रस्तुत पद में मीराबाई जी ने अपने आराध्य प्रभु श्रीकृष्ण के सौंदर्य का वर्णन किया है।
व्याख्या- मीरा बड़ी आत्मीयता से कहती हैं कि हे नन्दलाल कृष्ण! आप सदा मेरी आँखों के सामने बने रहें और मेरी दृष्टि में बसे रहें, ताकि आपकी मोहक छवि निरंतर मेरे हृदय में अंकित हो। वे कृष्ण के सौन्दर्य का वर्णन करती हुईं कहती हैं कि प्रभु आपका रूप मन को मोहने वाला है। आपका श्यामवर्ण रूप और विशाल नेत्र अत्यंत आकर्षक हैं।
आपके अधरों पर रखी मुरली से सुधामृत बरसता है और वक्षस्थल पर वैजयंती माला की शोभा अपूर्व है।
आपके सिर पर मोर के पंखों का मुकुट, कानों में मछली के आकार के कुण्डल, और माथे पर लाल रंग का तिलक मन को आनंदित करते हैं।
कमर में बंधी करधनी की छोटी-छोटी घण्टिकाएँ और चरणों में झंकारती पायल आपकी छवि को और भी अनुपम बना देती हैं। अंत में मीरा कहती हैं कि हे गोपाल! आप भक्तवत्सल हैं, संतों को सुख प्रदान करने वाले हैं और अपने भक्तों पर सदैव कृपा दृष्टि बरसाते हैं।
(2) मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई।
तात मात भ्रात बंधु, आपनो न कोई।
छोड़ि दई कुल की कानि, कहा करे कोई।
संतन ढिग बैठि बैठि, लोक लाज खोई।
असुअन जल सींचि सींचि, प्रेम बेलि बोई।
अब तो बेलि फैल गई, आनंद फल होई।
भगत देखि राजी भई, जगत देखि रोई।
दासी मीरा लाल गिरधर, तारौ अब मोही।
प्रसंग– इस पद में मीराबाई का अद्वितीय वैराग्य और अनन्य भक्ति भाव प्रकट होता है। वे जगत के सभी रिश्तों-नातों को त्यागकर केवल अपने आराध्य गिरिधर गोपाल को ही अपना सर्वस्व मानती हैं।
व्याख्या– मीराबाई अत्यंत दृढ़ निश्चय के साथ कहती हैं कि मेरे लिए तो श्रीकृष्ण ही सबकुछ हैं, उनके सिवा मेरा कोई नहीं है। मोर-मुकुट धारण करने वाले वही श्रीकृष्ण मेरे सच्चे पति हैं। पिता, माता, भाई तथा अन्य सभी रिश्तेदार अब मेरे नहीं रहे। मैंने कुल-परिवार की मान-मर्यादा त्यागकर केवल श्री कृष्ण को ही अपना लिया है, इसलिए अब मुझे संसार की कोई परवाह नहीं। मीरा आगे कहती हैं कि उन्होंने लोक-लाज की चिंता छोड़ दी है और संतों की संगति में बैठकर प्रभु प्रेम का रस पिया है। आँसुओं के जल से सींच-सींचकर उन्होंने कृष्ण प्रेम की बेल बोई है, जो अब फैलकर फल देने लगी है और जिसका नाश संभव नहीं। मीराबाई कहती हैं कि वह प्रभु भक्त को देखकर प्रसन्न होती हैं, परंतु संसार को देखकर रो उठती हैं। भाव यह है कि संसार में मोह-माया में फँसे जीवों का दुखद अंत देखकर उनका हृदय पीड़ा से भर जाता है। अंत में मीरा स्वयं को कृष्ण की दासी मानकर उनसे अपने उद्धार की प्रार्थना करती हैं।
(ख) भाषा-बोध
(1) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :
भाल : _________________________
प्रभु : _________________________
जगत : _________________________
वन : _________________________
उत्तर-
| शब्द | पर्यायवाची |
| भाल | मस्तक, ललाट |
| प्रभु | ईश्वर, भगवान |
| जगत | संसार, दुनिया |
| वन | जंगल, अरण्य |
(2) निम्नलिखित भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
कुल : _________________________
कूल : _________________________
कटि : _________________________
कटी : _________________________
उत्तर-
| भिन्नार्थक शब्द | अर्थ |
| कुल | वंश, खानदान, परिवार |
| कूल | किनारा, तट, तीर |
| कटि | कमर |
| कटी | गुजरी, बीती, |
PSEB Class 10 Hindi Lesson 2 पदावली पद्यांश-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
1
बसौ मेरे नैनन में नन्द लाल ।
मोहनि मूरति साँवरी सूरति नैना बनै विसाल ।
मोर मुकुट मकराकृत कुंडल अरुण तिलक दिये भाला
1. “बसौ मेरे नैनन में नन्द लाल” पंक्ति में ‘नन्द लाल’ से अभिप्राय है –
(क) बलराम
(ख) श्रीकृष्ण
(ग) अर्जुन
(घ) भीम
उत्तर– (ख) श्रीकृष्ण
2. श्रीकृष्ण के सिर पर किस प्रकार का मुकुट सुशोभित है?
(क) फूलों का मुकुट
(ख) स्वर्ण मुकुट
(ग) मोर पंखों का मुकुट
(घ) रत्नजड़ित मुकुट
उत्तर- (ग) मोर पंखों का मुकुट
3. मीराबाई अपने नयनों में किसे बसाना चाहती हैं?
(क) नन्दलाल श्री कृष्ण को
(ख) शिव को
(ग) राम को
(घ) विष्णु को
उत्तर- (क) नन्दलाल कृष्ण
4. मीरा किस प्रकार की मूर्ति का वर्णन करती हैं?
उत्तर– मीरा कहती हैं कि श्रीकृष्ण की मूर्ति अत्यन्त मोहक है। उनका श्यामवर्ण रूप और बड़े-बड़े नेत्र मन को आकर्षित करते हैं। सिर पर मोर मुकुट, कानों में मकराकार कुंडल और माथे पर लाल तिलक उनकी छवि को और भी सुन्दर बनाते हैं।
5. मीरा श्रीकृष्ण से क्या प्रार्थना करती हैं?
उत्तर- मीरा प्रार्थना करती हैं कि हे नन्दलाल! आप सदैव मेरी आँखों में बसे रहें। आपकी छवि मेरे नयनों में निरंतर बसी रहे, ताकि मैं हर समय आपके दर्शन कर सकूँ और आपका स्मरण करती रहूँ।
2
अधर सुधारस मुरली राजति उर वैजन्ती माल ।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित नुपूर शब्द रसाल।
मीरा प्रभु संतन सुखदाई भक्त बछल गोपाल ।।
1. “अधर सुधारस मुरली राजति” का अर्थ है-
(क) श्रीकृष्ण के अधरों पर सुधामृत से भरी मुरली सुशोभित है
(ख) श्रीकृष्ण ने सुधा पान किया
(ग) श्रीकृष्ण ने रस से भरा करघा धारण किया
(घ) श्रीकृष्ण ने शंख बजाया
उत्तर– (क) श्रीकृष्ण के अधरों पर सुधामृत से भरी मुरली सुशोभित है
2. मीरा के अनुसार श्रीकृष्ण की कमर पर क्या सुशोभित है?
(क) मोर मुकुट
(ख) करधनी की छोटी-छोटी घंटियाँ
(ग) स्वर्ण करधनी
(घ) रत्नजड़ित तलवार
उत्तर– (ख) करधनी की छोटी-छोटी घंटियाँ
3. मीरा अपने प्रभु श्रीकृष्ण को किस रूप में देखती हैं?
(क) क्रोधित देवता
(ख) युद्ध में विजय पाने वाले योद्धा
(ग) संतों को सुख देने वाले और भक्तवत्सल गोपाल
(घ) लोकपाल देवता
उत्तर– (ग) संतों को सुख देने वाले और भक्तवत्सल गोपाल
4. मीरा के अनुसार श्रीकृष्ण के हृदय पर क्या सुशोभित है?
उत्तर– मीरा कहती हैं कि श्रीकृष्ण के हृदय पर वैजयंती माला सुशोभित है, जो उनके रूप और सौंदर्य को और भी आकर्षक बनाती है।
5. मीराबाई ने श्रीकृष्ण को किस रूप में पुकारा है?
उत्तर– मीराबाई ने श्रीकृष्ण को संतों को सुख देने वाले और भक्तों की रक्षा करने वाले “भक्तवत्सल गोपाल” के रूप में पुकारा है।
3
मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई।
तात मात भ्रात बंधु, आपनो न कोई।
छांड़ि दई कुल की कानि, कहा करै कोई।
संतन ढिग बैठि बैठि लोक लाज खोई।
1. “मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई” में मीरा किसे अपना सर्वस्व मानती हैं?
(क) राम
(ख) कृष्ण
(ग) शिव
(घ) विष्णु
उत्तर– (ख) कृष्ण
2. मीरा किसके सिर पर मोर मुकुट सुशोभित मानती हैं?
(क) इन्द्रदेव
(ख) विष्णु
(ग) श्रीकृष्ण
(घ) अर्जुन
उत्तर- (ग) श्रीकृष्ण
3. “संतन ढिग बैठि बैठि लोक लाज खोई” से क्या अभिप्राय है?
(क) मीरा ने संतों की संगति में लोक-लाज छोड़ दी
(ख) मीरा ने लोक-लाज की रक्षा की
(ग) मीरा ने कुल की मर्यादा निभाई
(घ) मीरा ने अपने पति को त्याग दिया
उत्तर– (क) मीरा ने संतों की संगति में लोक-लाज छोड़ दी
4. मीरा ने किन रिश्तों को त्याग दिया था?
उत्तर– मीरा ने पिता, माता, भाई तथा सभी सगे संबंधियों को त्यागकर केवल श्रीकृष्ण को ही अपना सर्वस्व माना था।
5. “छांड़ि दई कुल की कानि” से मीरा का क्या तात्पर्य है?
उत्तर– इस पंक्ति का तात्पर्य है कि मीरा ने कुल-परिवार की मान-मर्यादा छोड़ दी थी और केवल श्रीकृष्ण को ही अपने जीवन का आधार बनाया।
4
असुअन जल सींचि सींचि, प्रेम बेलि बोई।
अब तो बेलि फैल गई, आनंद फल होई ।
भगत देखि राजी भई, जगत देखि रोई ।
दासी मीरा लाल गिरधर, तारौ अब मोही।
1. “असुअन जल सींचि सींचि, प्रेम बेलि बोई” पंक्ति में “प्रेम बेलि” से आशय है-
(क) भक्ति की बेल
(ख) बगीचे की बेल
(ग) धन की बेल
(घ) यश की बेल
उत्तर- (क) भक्ति की बेल
2. “अब तो बेलि फैल गई, आनंद फल होई” का भाव है-
(क) मीरा के जीवन में दुख बढ़ गया
(ख) मीरा को भक्ति से आनंद प्राप्त हुआ
(ग) संसार का सुख फैल गया
(घ) फल से जीवन दुखी हुआ
उत्तर– (ख) मीरा को भक्ति से आनंद प्राप्त हुआ
3. “दासी मीरा लाल गिरधर, तारौ अब मोही” से मीरा ने क्या प्रार्थना की है?
(क) धन-संपत्ति की
(ख) राज्य की वृद्धि की
(ग) परिवार की समृद्धि की
(घ) मोक्ष की
उत्तर– (घ) मोक्ष की
4. “असुअन जल सींचि सींचि, प्रेम बेलि बोई” से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- यहाँ मीरा कहती हैं कि उन्होंने अपने आँसुओं के जल से प्रेम रूपी बेल बोई है। भक्ति के आँसू से सींचने पर यह बेल अब फल-फूल गई है और इससे उन्हें आनंद का फल प्राप्त हो रहा है। इसका अर्थ है कि सच्ची भक्ति आँसुओं और समर्पण से पल्लवित होती है।
5. “दासी मीरा लाल गिरधर, तारौ अब मोही” पंक्ति का क्या भाव है?
उत्तर– इस पंक्ति में मीरा स्वयं को भगवान श्रीकृष्ण की दासी मानती हैं और उनसे प्रार्थना करती हैं कि वे उन्हें संसार के बंधनों से तार दें। यह उनकी ईश्वर पर पूर्ण आस्था और मोक्ष की आकांक्षा को व्यक्त करता है।
PSEB Class 10 Hindi Lesson 2 पदावली बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
1. “दासी मीरा लाल गिरधर” से मीरा का क्या भाव है?
(क) वे स्वयं को कृष्ण की दासी मानती हैं
(ख) वे अपने पति की दासी हैं
(ग) वे राजा की सेविका हैं
(घ) वे संतों की दासी हैं
उत्तर– (क) वे स्वयं को कृष्ण की दासी मानती हैं
2. मीरा संसार को देखकर कैसी प्रतिक्रिया देती हैं?
(क) हँसती हैं
(ख) रोती हैं
(ग) चुप रहती हैं
(घ) उपदेश देती हैं
उत्तर- (ख) रोती हैं
3. मीरा किसे देखकर प्रसन्न होती हैं?
(क) राजा
(ख) परिवार
(ग) धनवान
(घ) संत और भक्त
उत्तर– (घ) संत और भक्त
4. ‘प्रेम बेलि’ से तात्पर्य है-
(क) भक्तिभाव की बेल
(ख) प्रेम की लता
(ग) संसार की बेल
(घ) कुल की परंपरा
उत्तर- (क) भक्तिभाव की बेल
5. मीरा के अनुसार उनके सच्चे पति कौन हैं?
(क) भोजराज
(ख) श्रीकृष्ण
(ग) राणा सांगा
(घ) दूदा जी
उत्तर- (ख) श्रीकृष्ण
6. ‘भगत’ का तत्सम रूप है-
(क) भक्त
(ख) भकत
(ग) भक्ति
(घ) भाव
उत्तर– (क) भक्त
7. मीरा ने किसका त्याग किया?
(क) कुल की मान मर्यादा
(ख) कृष्ण प्रेम
(ग) संतों की संगति
(घ) भक्ति मार्ग
उत्तर- (क) कुल की मान मर्यादा
8. मीरा ने कृष्ण के वक्ष पर किसकी शोभा बताई है?
(क) रत्न हार
(ख) वैजयंती माला
(ग) मोतियों की माला
(घ) पुष्प माला
उत्तर– (ख) वैजयंती माला
9. मीराबाई किस काल की कवयित्री थीं?
(क) ऋतिकाल
(ख) भक्तिकाल
(ग) रीति काल
(घ) आधुनिक काल
उत्तर- (ख) भक्तिकाल
10. मीराबाई का जन्म कब हुआ था?
(क) 1503 ई.
(ख) 1512 ई.
(ग) 1480 ई.
(घ) 1498 ई.
उत्तर– (घ) 1498 ई.
11. मीराबाई का पालन-पोषण किसने किया?
(क) राणा सांगा
(ख) भोजराज
(ग) दादा दूदा जी
(घ) खुद माता
उत्तर- (ग) दादा दूदा जी
12. मीराबाई का विवाह किससे हुआ?
(क) राणा सांगा
(ख) भोजराज
(ग) दूदा जी
(घ) महाराणा प्रताप
उत्तर- (ख) भोजराज
13. मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई।
– पंक्ति में रस है-
(क) श्रृंगार
(ख) हास्य
(ग) शान्त
(घ) करुण
उत्तर– (क) श्रृंगार
14. विधवा होने के बाद मीराबाई का जीवन किस ओर मुड़ गया?
(क) राजनीति
(ख) संसार
(ग) भक्ति
(घ) युद्ध
उत्तर– (ग) भक्ति
15. ‘मोर मुकुट मकराकृत कुंडल’- पंक्ति में अलंकार है-
(क) रूपक
(ख) यमक
(ग) अनुप्रास
(घ) उपमा
उत्तर- (ग) अनुप्रास
16. मीराबाई किस स्थान पर जाकर अंत में रही थीं?
(क) मेवाड़
(ख) वृन्दावन और द्वारका
(ग) आगरा
(घ) अयोध्या
उत्तर– (ख) वृन्दावन और द्वारका
17. ‘मुरली’ का पर्यायवाची शब्द है-
(क) तबला
(ख) सितार
(ग) बाँसुरी
(घ) वीणा
उत्तर- (ग) बाँसुरी
18. मीराबाई के देवर ने क्या किया?
(क) उनकी मदद की
(ख) उनकी हत्या करने की कोशिश की
(ग) उनका विवाह कराया
(घ) उन्हें आश्रम दिलवाया
उत्तर- (ख) उनकी हत्या करने की कोशिश की
19. मीराबाई ने किस प्रकार का जीवन चुना?
(क) साधु-संतों के बीच भक्ति और कीर्तन
(ख) महल में वैभव
(ग) राजनीति
(घ) युद्ध-नीति
उत्तर– (क) साधु-संतों के बीच भक्ति और कीर्तन
20. ‘बैठि बैठि’ और ‘सींचि सींचि’- में कौन-सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास
(ख) पुनरुक्ति
(ग) यमक
(घ) रूपक
उत्तर– (ख) पुनरुक्ति
PSEB Class 10 Hindi पदावली प्रश्न और उत्तर (Extra Question Answers)
1. मीराबाई कौन थीं और वे किसकी भक्त कवयित्री थीं?
उत्तर– मीराबाई हिंदी भक्तिकाल की प्रमुख कृष्ण भक्त कवयित्री थीं। उनके काव्य में गहरी कृष्ण भक्ति दिखाई देती है।
2. मीराबाई का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर– मीराबाई का जन्म सन् 1498 ईस्वी में राजस्थान के जोधपुर जिले के कुड़की गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम राव रत्नसिंह राठौर था। बचपन में ही उनकी माता का निधन हो गया था, इसलिए उनका पालन-पोषण उनके दादा दूदा जी ने किया। दादा जी कृष्ण भक्त थे और उनकी भक्ति का प्रभाव मीरा पर बचपन से ही पड़ा।
3. मीराबाई का विवाह किससे हुआ और आगे उनके जीवन में क्या हुआ?
उत्तर– मीराबाई का विवाह मेवाड़ के राजा राणा साँगा के बड़े पुत्र भोजराज के साथ हुआ था। लेकिन विवाह के कुछ वर्ष बाद ही भोजराज का निधन हो गया और मीरा विधवा हो गईं। इस दुखद घटना ने उन्हें संसार से विरक्त कर दिया। इसके बाद वे पूरी तरह श्रीकृष्ण की भक्ति में डूब गईं और सांसारिक बंधनों से अलग हो गईं।
4. मीराबाई के अंतिम जीवन की घटनाएँ क्या थीं?
उत्तर– परिवार के लोगों के व्यवहार से दुखी होकर मीराबाई ने मेवाड़ छोड़ दिया और पहले वृन्दावन तथा बाद में द्वारका चली गईं। उन्होंने वहीं रहकर अपना जीवन प्रभु भक्ति में समर्पित किया और अंततः वहीं देह त्याग दी।
5. मीराबाई का भक्ति भाव किस प्रकार प्रकट होता है?
उत्तर- दूसरे पद में मीराबाई का गहरा भक्ति भाव स्पष्ट दिखाई देता है। वे कहती हैं कि उनके लिए केवल गिरिधर गोपाल ही सर्वस्व हैं। पिता, माता, भाई, परिवार और समाज की मान-प्रतिष्ठा उन्होंने त्याग दी है। वे लोकलाज छोड़कर केवल कृष्ण को ही अपना पति और आराध्य मानती हैं। उनके जीवन का आधार केवल कृष्ण-भक्ति है।
6. बसौ मेरे नैनन में नन्द लाल ।
मोहनि मूरति साँवरी सूरति नैना बनै विसाल ।
पद में मीराबाई श्रीकृष्ण से क्या प्रार्थना करती हैं?
उत्तर- उपर्युक्त पद में मीराबाई श्रीकृष्ण से प्रार्थना करती हैं कि वे सदा उनकी आँखों में बसें और उनकी दृष्टि में बने रहें। वे चाहती हैं कि नन्दलाल की मोहक छवि हर समय उनके हृदय में अंकित रहे। कृष्ण का श्यामवर्ण रूप, विशाल नेत्र और मनमोहक स्वरूप मीरा अपने नैनों में बसाना चाहती हैं।
7. मीराबाई ने श्रीकृष्ण के सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर– मीराबाई के अनुसार कृष्ण के सिर पर मोरपंख का मुकुट, कानों में मकराकार कुण्डल और माथे पर अरुण तिलक उनकी शोभा बढ़ाते हैं। उनके अधरों पर मुरली से मधुर स्वर निकलते हैं और वक्षस्थल पर वैजयंती माला अद्भुत सौंदर्य प्रदान करती है।
8. दूसरे पद में “असुअन जल सींचि सींचि, प्रेम बेलि बोई” से क्या अभिप्राय है?
उत्तर– इस पंक्ति में मीरा कहती हैं कि उन्होंने आँसुओं के जल से कृष्ण-प्रेम की बेल बोई है। अपने दुख, पीड़ा और विरह के आँसुओं से उन्होंने इस भक्ति-बेल को सींचा है। यह बेल अब फैल चुकी है और आनंदरूप फल देने लगी है।
9. मीराबाई की संसार के प्रति दृष्टि कैसी है?
उत्तर- मीराबाई संसार के प्रति निराशा और करुणा प्रकट करती हैं। वे कहती हैं कि जब वे भक्तों को देखती हैं तो प्रसन्न हो जाती हैं, परंतु जगत को देखकर रो पड़ती हैं। कारण यह है कि लोग मोह-माया और सांसारिक बंधनों में फँसकर अपने जीवन को व्यर्थ कर रहे हैं। मीरा चाहती हैं कि प्रभु कृपा कर उन्हें इस संसार से तार दें।
10. मीरा के पदों की काव्य शैली क्या है?
उत्तर- मीरा ने अपने पदों में गीतात्मक शैली का प्रयोग किया है और भाव माधुर्य है। इनके पदों में अनुप्रास अलंकार, रूपक अलंकार, पुनरुक्ति अलंकार और श्रृंगार रस देखने को मिलता है।