Laghu Katha Lekhan Examples ( लघुकथा लेखन के 10 उदाहरण) based on Previous Years’ Question Papers
Laghu Katha Lekhan Examples – लघु-कथा छोटी कहानी का अति संक्षिप्त रूप है। लघुकथा आमतौर पर केवल एक या कुछ महत्वपूर्ण प्रसंगों या दृश्यों में संप्रेषित एकल प्रभाव से संबंधित होती है। हमारी यह पोस्ट सीबीएसई एसक्यूपी, अभ्यास प्रश्न और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के आधार पर 10 लघुकथा लेखन उदाहरण प्रदान करती है। लघुकथा लेखन के ये उदाहरण आपको इस प्रकार के लेखन में प्रयुक्त प्रारूप, स्वर और भाषा को समझने में मदद कर सकते हैं। आप लघुकथा लेखन के इन उदाहरणों का उपयोग अपने स्वयं के स्ववृत्त लिखने के संदर्भ के रूप में या अपने लेखन कौशल को बेहतर बनाने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कर सकते हैं। तो, हमारे ब्लॉग पोस्ट को देखें और लघुकथा लेखन के सभी उदाहरणों के बारे में जानें।
लघुकथा लेखन के 10 उदाहरण
Examples of Short Story Writing (Laghu Katha Lekhan) in Hindi – Sample Questions
1. “यदि मैं समाचार पत्र होता” विषय पर लगभग 100 से 120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए। (CBSE class 10th Hindi B SQP 2020-21)
यदि मैं समाचार पत्र होता
उत्तर: मैं एक बहुत ही रोमांचक समाचार पत्र हूँ, जिसमें समाचार, रिपोर्ट, तर्क, बहस, संपादकीय पृष्ठ, सुंदर विज्ञापन और बहुत कुछ भरा हुआ है। रेडियो और टेलीविज़न के आविष्कार से पहले, मैं यहाँ था।
मैं पाठक को जानकारी देता हूँ और आपको दुनिया के हर हिस्से से जोड़ता हूँ।
मेरा मुख्य कर्तव्य आपको ताज़ा समाचार प्रदान करना है और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहा हूँ।
मैं अपने देश की रीढ़ की हड्डी हूं। हम ही हैं जो सरकार की गतिविधियों पर नज़र रखते हैं और अगर वह लोकतांत्रिक तरीके से भटकती है तो उसकी विफलताओं को उजागर करते हैं। इसके लिए प्रेस को पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए। मेरे रास्ते में सबसे बड़ी बाधा व्यावसायीकरण के अलावा और कुछ नहीं है। आजकल, अच्छी तरह से विश्लेषित और शोध की गई खबरें दुर्लभ हो गई हैं, सस्ती लोकप्रियता और प्रसार पर नज़र रखने के लिए हम भी सनसनीखेज खबरों का अनुसरण करने के लिए मजबूर हैं।
2. “गंगा और मैं” विषय पर लगभग 100 से 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए (CBSE class 10th Hindi B SQP 2020-21)
उत्तर:
गंगा और मैं
गंगा हमारे देश की सबसे पुरानी तथा पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है की गंगा में स्नान करने के बाद एक प्राणी के जीवन से सभी पाप हट जाते हैं। हमारे देश में गंगा स्नान का एक बहुत बड़ा महत्व है, फिर चाहे वह वर्ष का पहला दिन हो, विवाह के बाद या मृत्यु के बाद के दिन हो। इन सभी अवसरों में गंगा स्नान जरूरी है।
मैं बचपन में संगम गया था। मैंने गंगा में डुबकी लगाई तो काफी शांति मिली और गंगाजल भी पिया तथा बोतल में भी भर लाया। वास्तव में वह काफी अच्छा पल था लेकिन मैने यह देखा कि गंगा का पानी किनारों में कम हो गया है और उसमें काले रंग के धब्बे नजर आ रहे हैं।
मैं जब से बड़ा हुआ हूं तब से रोज अखबारों में यह सुन रहा हूं कि हमारी पवित्र गंगा माता नगरीकरण की चपेट में आकर प्रदूषित होती जा रही है। जो गंगा मैया पहले सभी पाप हटाने के लिए जानी जाती थी, उसमें आज नहाने से पहले सोचा जाता है क्योंकि गंगा का जल अब प्रयोग करने लायक नहीं रहा है और इसकी प्रमुख वजह हम लोग खुद हैं।
सरकार को जल्द ही गंगा सहित देश की प्रमुख नदियों की पवित्रता बनाए रखने हेतु कुछ ना कुछ बहुत बड़ा कदम उठाना चाहिए, इससे न केवल हमारी भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा होगी बल्कि प्रदूषित वातावरण को और प्रदूषित होने से हम बचा सकते हैं।
3. परोपकार का परिणाम विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए (CBSE class 10th Hindi B term 2 SQP 2020-21)
उत्तर:
परोपकार का परिणाम
एक बार की बात है गांव में एक संत आए और उन्होंने देखा की बहुत सारे लोग मिलकर एक सर्प को मार रहे हैं। संत ने उन लोगों को कहा कि आप लोग इस बेचारे निरीह प्राणी को क्यों मार रहे हैं? इसने आपका क्या बिगाड़ा है? तब गांव वालों ने कहा कि अगर हम इसको नहीं मारेंगे तो यह हमको नुकसान पहुंचाएगा?
यह सुनते ही संत ने उन लोगों को समझाते हुए कहा कि यह तब तक आप लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, जब तक कि आप लोग इसको नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
कुछ दिनों बाद संत जी पास के ही एक तालाब में नहाने जा रहे थे तो उन्होंने रास्ते में एक सर्प को देखा वह सर्प संत की ओर फन काढ़े है बैठा था। संत ने उस सर्प को देखकर अपना रास्ता बदल लिया और तालाब की दूसरी ओर जाकर नहाने लगे।
कुछ देर बाद जब वह आए तो देखा कि तालाब के जिस तरफ वह नहाने जा रहे थे। उसी तरफ बारिश की वजह से बहुत बड़ा गड्ढा हो गया था। अगर सर्प ने उनका रास्ता नहीं रोका होता तो संत उस गड्ढे में समा जाते, इसीलिए कहा गया है कि परोपकार इस दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है और यह कभी भी खाली नहीं जाता।
अगर आपने किसी व्यक्ति या प्राणी पर परोपकार किया है तो भगवान आपकी भी मुख्य समय पर सहायता करेंगे।
4. अपूर्व संतोष पर लगभग 120 शब्दो की एक लघुकथा लिखिए? (CBSE class 10th Hindi B term 2 SQP 2020-21)
उत्तर:
अपूर्व संतोष
एक बार की बात है एक अमीर उद्योगपति ने एक गरीब मछुआरे को आराम से अपनी नाव के किनारे बैठकर सिगरेट पीते हुए देखा। तब उस अमीर उद्योगपति ने मछुआरे से पूछा कि तुम इतने आराम से क्यों बैठे हो जाओ जाकर अपना काम करो और मछली पकड़ो।
मछुआरे ने यह सुनकर बड़े ही सरलता से उत्तर दिया कि मैं आज के कोटा की सारी मछलियां पकड़ ली है अब और मछली पकड़ के क्या करूंगा। तब उद्योगपति ने झल्लाते हुए बोला कि और मछली पकड़ के तू बहुत ज्यादा धन कमा सकता है। यह सुनकर मछुआरे ने कहा कि साहब क्या करूंगा, इतना ज्यादा धन कमा कर, उससे क्या ही होगा?
तब उद्योगपति ने उसको समझते हुए कहा कि ज्यादा धन से तू और अधिक नाव तथा मोटरबोट खरीद सकता है। उद्योगपति ने कहा कि फिर तू आराम से जिंदगी गुजार सकेगा। तब मछुआरे ने कहा कि अभी मैं क्या कर रहा हूं अभी भी तो मैं आराम से ही अपनी जिंदगी गुजार रहा हूं।
मैं आपको देखता हूं, आप रोज थके हुए रहते हैं। ना चेहरे पर कोई मुस्कुराहट ना कोई आनंद। आप मुझे देखिए मेरे चेहरे पर आपको रोज मुस्कुराहट दिखाई देगी क्योंकि मेरे अंदर संतोष का धन है।
5. जैसा करोगे वैसा भरोगे विषय पर लगभग 100 शब्दो की लघु कथा लिखिए? (SQP class 10th Hindi B 2022-23)
उत्तर:
जैसा करोगे वैसा भरोगे
एक बार की बात है भीष्म पितामह रास्ते से गुजर रहे थे तो उन्होंने एक गिरगिट को तड़पते हुए देखा। यह देखकर उन्होंने गिरगिट पर दया दिखाते हुए अपने बाण से उस गिरगिट को एक किनारे कर दिया। दरअसल उन्होंने गिरगिट को रास्ते से तो किनारे कर दिया था लेकिन वह गिरगिट जाकर कांटों पर गिर गया था।
इसी का परिणाम यह हुआ कि भीष्म पितामह को अपनी जिंदगी का अंतिम समय बाणों की सैय्या पर बिताना पड़ा और बाणों की सैय्या पर ही उन्होंने अपने जीवन का त्याग उसी गिरगिट की तरह ही कर दिया, इसीलिए कहा गया है कि जैसा आप कर्म करते हैं वैसा ही आपका भाग्य बनता है।
अगर आप अच्छा भाग्य और जिंदगी चाहते हैं तो कर्म भी उसी प्रकार से कीजिए। वास्तव में भाग्य आपके कर्म का एक दर्पण ही है।
6. बहादुर रामू विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक कहानी लिखिए। (CBSE Hindi B 2023 compartment set 1)
उत्तर:
बहादुर रामू
रामू, रमेश और मनोहर तीन दोस्त थे। वे तीनों एक दिन एक पिकनिक में गए। राम ने रमेश और मनोहर से पहले ही कह दिया था कि उसको आग से बहुत डर लगता है। यह बात सुनकर रमेश और मनोहर उसके ऊपर खूब हंसे थे।
एक रात को पिकनिक में रमेश, मनोहर और राम तीनों लोग खाना खा रहे थे तभी हवा के चलने के कारण तंबू के अंदर बैठे रमेश और मनोहर के चूल्हे में आग लग गई इससे वह दोनों रामू से मदद को चिल्लाने लगे। देखते देखते आग ने सारे तंबू को अपनी गिरफ्त में ले लिया। रामू यह देखकर घबराया नहीं अपितु पास में ही रखे अपने कंबल को ओढ़कर अंदर फंसे रमेश और मनोहर को आग से बाहर निकाल लाया।
7. संगति का फल शीर्षक पर लगभग 100-120 शब्दो में एक लघुकथा लिखिए? (CBSE class 10th Hindi B 2023)
उत्तर:
संगति का फल
एक बार की बात है एक बूढी मां के दो बच्चे थे। वह मां बहुत अमीर थी। बड़ा बेटा संतों की संगत में रहता था तो छोटा बेटा गलत व्यक्तियों की संगत में रहता था। आए दिन ही उस के पास छोटे बेटे की शिकायत लेकर लोग पहुंच जाते थे। जब मां बेटे से उन लोगों के बारे में बताती तो वह मां को उल्टा ही डांटना लगता था। इस संगत का यह परिणाम हुआ कि बड़े बेटे ने व्यापार में खूब उन्नति की तथा अपने लिए नया घर बनवा लिया जबकि गलत संगति वाले छोटे बेटे ने मिली संपत्ति को नशे और इधर उधर के कामों में उड़ा डाला और भीख मांगने लगा। उसकी गलत संगति और गंदे आदतों की वजह से उसके भाई और मां ने कोई सहायता नहीं की।
8. सच्ची मित्रता शीर्षक पर लगभग 100-120 शब्दो की एक लघुकथा लिखिए? (CBSE class 10th Hindi B 2022 compartment)
उत्तर:
सच्ची मित्रता
एक बार एक खूबसूरत जंगल में चार सबसे अच्छे दोस्त थे- एक हिरण, एक कौआ, एक चूहा और एक कछुआ एक दिन, एक शिकारी जंगल में आया और एक पेड़ के नीचे आराम कर रहे हिरण को पकड़ लिया। हिरण ने जाल से बचने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हिरण की मदद के लिए पुकार सुनकर हिरण के दोस्त दौड़े-दौड़े आए। उन्होंने देखा कि हिरण जाल में फंसा हुआ बेसुध पड़ा है और तुरंत उसकी मदद करने की योजना बनाई।
सबसे पहले, कछुए ने शिकारी का ध्यान भटकाया। जब शिकारी कछुए के पीछे गया। तो कौआ हिरण को चोंच मारने का नाटक कर रहा था, जैसे वह मरा हुआ हो। यह सिर्फ़ एक नाटक था ताकि शिकारी को लगे कि हिरण मर चुका है। इस बीच, चूहे ने जाल को चबा लिया। कुछ ही मिनटों में हिरण आज़ाद हो गया और सभी दोस्त भाग निकले।
9. लोभ दुख का कारण शीर्षक पर लगभग 100-120 शब्दो की एक लघुकथा लिखिए? (CBSE class 10th Hindi B 2022 compartment)
उत्तर:
लोभ दुख का कारण
एक बार की बात है एक लकड़हारा जंगल में लकड़ी काट रहा था तो उसको एक सोने का अंडा दिखा। उसने लोभवश वह सोने का अंडा अपने घर ले आया। थोड़ी दिन बाद उस अंडा से जब बच्चा निकला तो वह एक मगरमच्छ था। उसने इस डर से यह बात किसी को नहीं बताई कि सब लोग उसके सोने के अंडे के पीछे पड़ जाएंगे।
मगरमच्छ के बच्चे को देखकर उसने रात में उस मगर को वापस जंगल छोड़ने की योजना बनाई और जंगल गया लेकिन तभी वहां मगरमच्छ आ गया और उसको मार डाला।
10. पूर्णिमा की रात में चांदनी से नहाई हुई लहलहाती फसल! वह आनंदमग्न चला जा रहा था कि अचानक… (CBSE class 10th Hindi B 2022)
उत्तर:
पूर्णिमा की रात
पूर्णिमा की वह रात थी और मेरी फसल चांदनी से पूरी तरह से नहाई हुई थी। मैं भी रात को फसल की निगरानी करने निकल पड़ा लेकिन जैसे ही मैं खेत के बीच में पहुंचा मुझे एक बहुत बड़ी परछाई दिखाई दी और आवाज सुनाई दी। मैं बड़ा साहस करके परछाई के पास गया तो मुझे एक बूढ़ा आदमी दिखाई दिया। वह उस ठंड में जोर-जोर से हाफ रहा था। उस बूढ़े व्यक्ति ने अपना नाम अशोक बताया तथा उसने यह भी बताया कि वह पास के ही गांव में रहता है।
फिर मैंने उससे इस ठंड में घर के बाहर आने का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसके बच्चों ने उसको इस भारी ठंड में घर से निकाल दिया है। मैं उसको अपने घर ले आया और सुबह होते ही उसके गांव जाकर उसके बच्चों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
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