NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 एक फूल की चाह Important Question Answers Lesson 10

Class 9 Hindi Ek Phool ki Chah Question Answers – Looking for Atamtran question answers for CBSE Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 Book Lesson 1? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

 

सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग 1 पुस्तक पाठ 10 एक फूल की चाह प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से बोर्ड परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे एक फूल की चाह प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

 

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.

 

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.

 

Class 9 Hindi Sparsh Lesson 10 एक फूल की चाह बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

 

प्रश्न 1 – कविता में ‘अश्रु-राशियाँ’ का क्या अर्थ है? 

(A) आँसुओं से रोशनी 

(B) आँसुओं की झड़ी

(C) आँसुओं की कीमत 

(D) आँसुओं की राशि 

उत्तर – (B) आँसुओं की झड़ी

 

प्रश्न 2 – ‘रविकर जाल’ से क्या तात्पर्य है? 

(A) सूर्य द्वारा बिछाया हुआ जाल 

(B) सूर्य की किरण

(C) चन्दमा की किरणों का समूह

(D) सूर्य-किरणों का समूह

उत्तर – (D) सूर्य-किरणों का समूह

 

प्रश्न 3 – सुखिया का पिता सुखिया को किससे बचाना चाहता था?

(A) बुरी नज़र से 

(B) महामारी से 

(C) चोट लगने से 

(D) मंदिर के भक्तों से

उत्तर – (B) महामारी से 

 

प्रश्न 4 – सुखिया के पिता के पैर घर की ओर क्यों नहीं उठ रहे थे?

(A) सुखिया की बीमारी के कारण

(B) सुखिया कहीं महामारी की चपेट में ना जाए इस कारण

(C) छुआछूत की समस्या के कारण

(D) किसी अनहोनी होने के डर के कारण 

उत्तर – (D) किसी अनहोनी होने के डर के कारण 

 

प्रश्न 5 – सुखिया अपने पिता को लेने बाहर क्यों नहीं आई थी?

(A) सुखिया की बिमारी के कारण 

(B) सुखिया सोई हुई थी 

(C) सुखिया की मृत्यु हो गई थी 

(D) सुखिया खेलने बाहर गई हुई थी 

उत्तर – (C) सुखिया की मृत्यु हो गई थी 

 

प्रश्न 6 – बिमारी के कारण सुखिया कैसे पड़ी हुई थी?

(A) चुप-चाप 

(B) अटल-शांति सी धारण करके 

(C) बिलकुल निर्जीव 

(D) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (D) उपरोक्त सभी 

 

प्रश्न 7 – देवी माँ का मंदिर कहाँ स्थित था?

(A) नदी के किनारे 

(B) खुले मैदान में 

(C) ऊँचे पर्वत की चोटी पर 

(D) सुखिया के घर के नजदीक 

 उत्तर – (C) ऊँचे पर्वत की चोटी पर 

 

प्रश्न 8 – कविता में सुखिया का स्वभाव कैसा दिखाया गया है?

(A) शांत 

(B) समझदार 

(C) चालाक 

(D) चंचल 

उत्तर – (D) चंचल

 

प्रश्न 9 – सुखिया के पिता को सबसे बड़ा दुःख किस बात का था?

(A) सुखिया की बिमारी का इलाज न कर पाने का 

(B) सुखिया की अंतिम इच्छा देवी माँ के प्रसाद के फूल को उसे न दे पाने का  

(C) छुआछूत की समस्या से 

(D) उपरोक्त सभी

उत्तर – (B) सुखिया की अंतिम इच्छा देवी माँ के प्रसाद के फूल को उसे न दे पाने का  

 

प्रश्न 10 – सुखिया के बीमार पड़ जाने के कारण पिता का चिंता के कारण कैसा हाल था?

(A) उसे पता नहीं चल पाता था कि कब दिन हुआ, कब दोपहर हो गई और कब रात बीत गई  

(B) वह भी बीमार पड़ गया 

(C) उसे पता नहीं चल पाता था कि दिन कब बीत गया 

(D) उसे पता नहीं चल पाता था कि रात कब बीत गई  

उत्तर – (A) उसे पता नहीं चल पाता था कि कब दिन हुआ, कब दोपहर हो गई और कब रात बीत गई  

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है –

(i) सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय काँप उठता था।

उत्तर – 

मेरा हृदय काँप उठता था,

बाहर गई निहार उसे; 

यही मनाता था कि बचा लूँ 

किसी भाँति इस बार उसे।

 

(ii) पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा।

उत्तर – 

ऊँचे शैल शिखर के ऊपर

मंदिर था विस्तीर्ण विशाल; 

स्वर्ण कलश सरसिज विहसित थे 

पाकर समुदित रवि कर जाल।

 

(iii) पुजारी से प्रसाद/पुष्प पाने पर सुखिया के पिता की मनःस्थिति।

उत्तर – 

भूल गया उसका लेना झट,

परम लाभ सा पाकर मैं। 

सोचा, बेटी को माँ के ये, 

पुण्य पुष्प दूँ जाकर मैं। 

 

(iv) पिता की वेदना और उसका पश्चाताप।

उत्तर – 

अंतिम बार गोद में बेटी,

तुझको ले न सका मैं हा! 

एक फूल माँ का प्रसाद भी

तुझको दे न सका मैं हा।

 

(ख) बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?

उत्तर – बीमार बच्ची ने अपने पिता के सामने इच्छा प्रकट की कि उसे देवी माँ के प्रसाद का फूल चाहिए।

 

(ग) सुखिया के पिता पर कौन सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?

उत्तर – सुखिया के पिता पर मंदिर को अशुद्ध करने का आरोप लगाया गया। वह अछूत जाति का था इसलिए उसे मंदिर में प्रवेश का अधिकार नहीं था। दंड स्वरूप सुखिया के पिता को सात दिन जेल में रहने की सजा दी गई।

 

(घ) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने बच्ची को किस रूप में पाया?

उत्तर – जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता को उसकी बच्ची कहीं नहीं दिखी तो उसके रिश्तेदारों से उसे पता चला कि उसकी बच्ची मर चुकी है और उसका अंतिम संस्कार किया जा चूका है। परन्तु जब वह शमशान पहुँचा तो उसे उसकी बच्ची राख के ढ़ेर के रूप में मिली।

 

(ड़)  इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – इस कविता में छुआछूत की प्रथा के बारे में बताया गया है। इस कविता का मुख्य पात्र एक अछूत है। उसकी बेटी एक महामारी की चपेट में आ जाती है। बेटी को ठीक करने के लिए वह मंदिर जाता है ताकि देवी माँ के प्रसाद का फूल ले आये। मंदिर में भक्त लोग उसकी जमकर धुनाई करते हैं। क्योंकि वह अछूत हो कर भी मंदिर में आया था।

फिर उसे दंड के रूप में सात दिन की जेल हो जाती है क्योंकि एक अछूत होने के नाते वह मंदिर को अशुद्ध करने का दोषी पाया जाता है। जब वह जेल से छूटता है तो पाता है कि उसकी बेटी स्वर्ग सिधार चुकी है और उसका अंतिम संस्कार भी हो चुका है। एक सामाजिक कुरीति के कारण एक व्यक्ति को इतना भी अधिकार नहीं मिलता है कि वह अपनी बीमार बच्ची की एक छोटी सी इच्छा पूरी कर सके। बदले में उसे जो मिलता है वह है प्रताड़ना और घोर दुख।

 


Class 9 Hindi एक फूल की चाह (including questions from Previous Years Question Papers)

25 से 30 Words Question Answers

प्रश्न 1 – लोगों के मन में कौन सा भयानक डर बैठा हुआ था?

उत्तर – एक बडे़ स्तर पर फैलने वाली बीमारी बहुत भयानक रूप से फैली हुई थी। उस महामारी ने लोगों के मन में भयानक डर बैठा दिया था। 

प्रश्न 2 – सुखिया का पिता उसे बाहर जाने से क्यों रोकता था?

उत्तर – सुखिया का पिता अपनी बेटी को बार-बार बाहर जाने से रोकता था। क्योंकि बाहर बडे़ स्तर पर फैलने वाली बीमारी बहुत भयानक रूप से फैली हुई थी और वह नहीं चाहता था कि उसकी बेटी उस भयानक बिमारी की चपेट में आ जाए। 

प्रश्न 3 – जब भी सुखिया पिता अपनी बेटी को बाहर जाते हुए देखता था तो वह क्या सोचता था?

उत्तर – सुखिया अपने पिता की एक भी बात नहीं मानती थी और खेलने के लिए बाहर चली जाती थी। जब भी सुखिया का पिता अपनी बेटी को बाहर जाते हुए देखता था तो उसका हृदय डर के मारे काँप उठता था। वह यही सोचता रहता था कि किसी तरह उसकी बेटी उस महामारी के प्रकोप से बच जाए। 

प्रश्न 4 – सुखिया के पिता को कितने दिन की सजा हुई थी और उसे सजा के दिन कैसे प्रतीत हो रहे थे?

उत्तर – सुखिया के पिता को सात दिन की सजा हुई थी। जेल के वे सात दिन सुखिया के पिता को ऐसे लगे थे जैसे कई सदियाँ बीत गईं हों। उसकी आँखें बिना रुके  बरसने के बाद भी बिलकुल नहीं सूखी थीं। क्योंकि उसे अपनी बेटी की याद आ रही थी। 

प्रश्न 5 – पापी ने मंदिर में घुसकर किया अनर्थ बड़ा भारी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – यह पंक्ति छुआछूत जैसी गंभीर समस्या को उजागर करती है। इस पंक्ति में ढोंगी भक्तों ने सुखिया के पिता पर मंदिर की पवित्रता नष्ट करने का भीषण आरोप लगाया है। वे कहते हैं-सुखिया का पिता पापी है। यह अछूत है। इसने मंदिर में घुसकर भीषण पाप किया है। इसके अंदर आने से मंदिर की पवित्रता नष्ट हो गई है।

प्रश्न 6 – बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – यह पंक्ति एक पिता का दुःख और बेबसी को दिखती है। जब सुखिया का पिता जेल से छूटा और घर गया तो उसे उसकी बेटी नहीं मिली बल्कि उसके मर जाने की खबर मिली, तो वह श्मशान में गया। उसने देखा कि वहाँ उसकी बेटी की चिता को उसके रिश्तेदारों ने अग्नि दे दी थी अब उसकी बेटी की जगह राख की ढेरी पड़ी थी। उसकी बेटी की चिता ठंडी हो चुकी थी। पर एक पिता के सीने के दुःख की आग धधक रही थी।

प्रश्न 7 – एक फूल की चाह कविता में न्यायालय द्वारा सुखिया के पिता को दंड क्यों दिया गया था?

उत्तर – न्यायालय द्वारा सुखिया के पिता को इसलिए दंड दिया गया था, क्योंकि उस पर आरोप था कि उसने अछूत होकर भी देवी के मंदिर में प्रवेश किया था। मंदिर को अपवित्र तथा देवी का अपमान करने के कारण सुखिया के पिता को न्यायालय ने सात दिन के कारावास का दंड देकर दंडित किया।

प्रश्न 8 – एक फूल की चाह कविता के आधार पर बताइए कि सुखिया के पिता किस सामाजिक बुराई के शिकार हुए थे? 

उत्तर – सुखिया का पिता समाज के उस वर्ग से सम्बन्ध रखता था, जिसे समाज के कुछ लोग अछूत कहते हैं, अछूत होने के कारण उसे मंदिर को अपवित्र करने और देवी का अपमान करने का आरोप लगाकर पीटा गया तथा उसे सात दिन की जेल मिली। इस कारण वह छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई का शिकार हो गया था।

प्रश्न 9 – मंदिर में भक्तों ने सुखिया के पिता के साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर – मंदिर में भक्त जो माता के गुणगान में लीन थे, उनमें से एक की दृष्टि माता के प्रसाद का फूल लेकर जाते हुए सुखिया के पिता पर पड़ी। उसने आवाज़ दी कि “यह अछूत कैसे अंदर आ गया। इसको पकड़ लो।” फिर क्या था, माता के अन्य भक्तगण पूजा-वंदना छोड़कर उसके पास आए और कोई बात सुने बिना उसे मारने लगे।

प्रश्न 10 – एक फूल की चाह कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर – इस कविता से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें सभी प्राणियों को एक समान मानना चाहिए। क्योंकि जब ईश्वर ने सभी प्राणियों को बनाने में कोई भेदभाव नहीं किया है तो हमें भी किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए और जन्म का आधार मानकर किसी को अछूत कहना एक निंदनीय अपराध है। यदि कोई यह अपराध करता है तो उसे दंड मिलना चाहिए। 

 60 से 70 Words Question Answers

प्रश्न 1 – पिता को सुखिया की अंतिम इच्छा पूरी करने में क्या-क्या कठिनाइयाँ आई? एक फूल की चाह कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर – पिता को सुखिया की अंतिम इच्छा पूरी करने में निम्नलिखित कठिनाइयाँ आई –

  • सुखिया के पिता को उसकी बेटी के लिए मंदिर के प्रसाद का एक फूल लाना था, परन्तु वह सामाजिक स्थिति को जानता था। जिस कारण उसकी पहली परेशानी यही थी कि वह कैसे अपनी बेटी की अंतिम इच्छा पूरी करे। 
  • मंदिर में जैसे ही उसने पुजारी से प्रसाद लिया तभी कुछ लोगों ने उसे पहचान लिया और उन्होंने उसे खूब मारा-पीटा। जिस कारण मंदिर में पुजारी से मिला प्रसाद नीचे बिखर गया।
  • अछूत होने के कारण मंदिर में प्रवेश करने के लिए उसे न्यायालय से दण्ड दिया गया।
  • वह अपनी बेटी को प्रसाद का फूल न दे सका और सजा ख़त्म करने के बाद जब वह घर पहुँचा तो उसे उसकी बेटी नहीं मिली क्योंकि वह पहले ही स्वर्ग सिधार गई थी।

प्रश्न 2 – कवि ने कविता में मंदिर का कैसे वर्णन किया है?

उत्तर – कवि ने कविता में मंदिर का बहुत ही सूंदर वर्णन किया है। कवि कहता है कि पहाड़ की चोटी के ऊपर एक विशाल मंदिर था। उस मंदिर के विशाल आँगन में कमल के फूल खिले हुए थे और वे कमल के फूल सूर्य की किरणों में इस तरह शोभा दे रहे थे जिस तरह सूर्य की किरणों में सोने के घड़े चमकते हैं। मंदिर का पूरा आँगन धूप और दीपकों की खुशबू से महक रहा था। मंदिर को देखने पर मंदिर के अंदर और बाहर का माहौल ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ कोई उत्सव या कोई त्यौहार हो। 

प्रश्न 3 – बिमारी के कारण सुखिया की हालत का वर्णन कविता के आधार पर कीजिए। 

उत्तर – एक दिन सुखिया के पिता ने पाया कि सुखिया का शरीर बुखार से तप रहा था। उस बच्ची ने अपने पिता से कहा कि वह तो बस देवी माँ के प्रसाद का एक फूल चाहती है ताकि वह ठीक हो जाए। सुखिया के शरीर का अंग-अंग कमजोर हो चूका था। सुखिया का पिता सुखिया की चिंता में इतना डूबा रहता था कि उसे किसी बात का होश ही नहीं रहता था। जो बच्ची कभी भी एक जगह शांति से नहीं बैठती थी, वही आज इस तरह न टूटने वाली शांति धारण किए चुपचाप पड़ी हुई थी।

प्रश्न 4 – जब सुखिया का पिता मंदिर गया तो वहाँ उनके साथ क्या – क्या हुआ?

उत्तर – जब सुखिया का पिता मंदिर गया तो वहाँ मंदिर में भक्तों के झुंड मधुर आवाज़ में एक सुर में भक्ति के साथ देवी माँ की आराधना कर रहे थे। सुखिया के पिता के मुँह से भी देवी माँ की स्तुति निकल गई। पुजारी ने सुखिया के पिता के हाथों से दीप और फूल लिए और देवी की प्रतिमा को अर्पित कर दिया। फिर जब पुजारी ने उसे दोनों हाथों से प्रसाद भरकर दिया तो एक पल को वह ठिठक सा गया।

क्योंकि सुखिया का पिता छोटी जाति का था और छोटी जाति के लोगों को मंदिर में आने नहीं दिया जाता था। सुखिया का पिता अपनी कल्पना में ही अपनी बेटी को देवी माँ का प्रसाद दे रहा था। सुखिया का पिता प्रसाद ले कर मंदिर के द्वार तक भी नहीं पहुँच पाया था कि अचानक किसी ने पीछे से आवाज लगाई, “अरे यह अछूत मंदिर के भीतर कैसे आ गया? इसे पकड़ो कही यह भाग न जाए।’ वे कह रहे थे कि सुखिया के पिता ने मंदिर में घुसकर बड़ा भारी अनर्थ कर दिया है और लम्बे समय से बनी मंदिर की पवित्रता को अशुद्ध कर दिया है।

प्रश्न 5 – जब लोग सुखिया के पिता पर मंदिर में घुसकर मंदिर को अशुद्ध करने का आरोप लगाते हैं तो सुखिया का पिता क्या जवाब देता है और उसके जवाब का लोगो पर क्या असर पड़ा?

उत्तर – जब लोग सुखिया के पिता पर मंदिर में घुसकर मंदिर को अशुद्ध करने का आरोप लगाते हैं तो सुखिया के पिता ने कहा कि जब माता ने ही सभी मनुष्यों को बनाया है तो उसके मंदिर में आने से मंदिर अशुद्ध कैसे हो सकता है। यदि वे लोग उसकी अशुद्धता को माता की महिमा से भी ऊँचा मानते हैं तो वे माता के ही सामने माता को नीचा दिखा रहे हैं। लेकिन उसकी बातों का किसी पर कोई असर नहीं हुआ। लोगों ने उसे घेर लिया और उसपर घूँसों और लातों की बरसात करके उसे नीचे गिरा दिया। लोग उसे न्यायलय ले गये। वहाँ उसे सात दिन जेल की सजा सुनाई गई।

प्रश्न 6 – जब सुखिया का पिता जेल से छूटा तो उसे सुखिया किस हालत में मिली? 

उत्तर – जब सुखिया का पिता जेल से छूटा तो उसके पैर उसके घर की ओर नहीं उठ रहे थे। सुखिया के पिता को घर पहुँचने पर जब सुखिया कहीं नहीं मिली तब उसे सुखिया की मौत का पता चला। वह अपनी बच्ची को देखने के लिए सीधा दौड़ता हुआ शमशान पहुँचा जहाँ उसके रिश्तेदारों ने पहले ही उसकी बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया था। अपनी बेटी की बुझी हुई चिता देखकर उसका कलेजा जल उठा। उसकी सुंदर फूल सी कोमल बच्ची अब राख  के ढ़ेर में बदल चुकी थी।

 

निम्नलिखित पंक्तियों का आश्य स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ सौंदर्य बताइए –

(क) अविश्रांत बरसा करके भी आँखें तनिक नहीं रीतीं 

उत्तर – उसकी आँखों से लगातार आँसू बरसने के बावजूद अभी भी आँखे सूखी हो गई थीं। यह पंक्ति शोक की चरम सीमा को दर्शाती है। कहा जाता है कि कोई कभी कभी इतना रो लेता है कि उसकी अश्रुधारा तक सूख जाती है।

 

(ख) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी

उत्तर – उधर चिता बुझ चुकी थी, इधर सुखिया के पिता की छाती जल रही थी। यहाँ एक पिता का दुःख दर्शाया गया है जो अंतिम बार भी अपनी बेटी को न देख सका।

 

(ग) हाय! वही चुपचाप पड़ी थी अटल शांति सी धारण कर

उत्तर – जो बच्ची कभी भी एक जगह स्थिर नहीं बैठती थी, आज वही चुपचाप पत्थर की भाँति पड़ी हुई थी। यहाँ बच्ची को महामारी से ग्रस्त दर्शाया गया है।

 

(घ) पापी ने मंदिर में घुसकर किया अनर्थ बड़ा भारी

उत्तर – सुखिया के पिता को मंदिर में देखकर एक भक्त कहता है कि इस पापी ने मंदिर में प्रवेश करके बहुत बड़ा अनर्थ कर दिया, मंदिर को अपवित्र कर दिया। क्योंकि वह  अछूत था और अछूत को मंदिर में आने का कोई अधिकार नहीं दिया गया था।

 

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