औपचारिक पत्र Formal Letter in Hindi format, Types, Examples
हिंदी पत्र लेखन – Hindi Letter Writing
Formal Letter in Hindi – औपचारिक पत्र – Hindi Letter writing or writing letters in any language is an art and we know that all these letters have a pre-specified format. Formal letters are specially written to authorities such as leave application to the school authorities, letter to the editor of a newspaper, or application to any government departments so that they stay on record. Here we have tried to let you know the correct format and language of formal letters in Hindi with examples.
- औपचारिक पत्र video
- पत्र-लेखन
- पत्र की आवश्यकता क्यों है?
- पत्रों के प्रकार
- Leave application samples (Hindi)
- Aupcharik patr FAQs
औपचारिक पत्र Letter writing in Hindi – See Video for Explanation and Summary of the Formal Letter
Letter Writing in Hindi – पत्र-लेखन
Formal Letter in Hindi – हिंदी में पत्र लेखन एक कला है इसलिए पत्र लिखते समय पत्र में सहज, सरल तथा सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग करना चाहिए, जिससे पत्र को प्राप्त करने वाला पत्र में व्यक्त भावों को अच्छी प्रकार से समझ सकें।
पत्र-लेखन के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों के माध्यम से एक व्यक्ति अपनी बातों को लिखकर दूसरों तक पहुँचा सकता है। जिन बातों को लोग कहने में हिचकिचाते हैं, उन बातों को पत्रों के माध्यम से आसानी से समझाया या कहा जा सकता है।
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पत्र की आवश्यकता क्यों है?
दूर रहने वाले अपने सबंधियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने के लिए और अपनी कुशलता का समाचार देने के लिए पत्र लिखे जाते हैं। आजकल हमारे पास बातचीत करने के लिए, हालचाल जानने के लिए अनेक आधुनिक साधन उपलब्ध हैं, जैसे- टेलीफ़ोन, मोबाइल फ़ोन, ईमेल आदि।
प्रश्न यह उठता है कि फिर भी पत्र-लेखन सीखना क्यों आवश्यक है? पत्र लिखना महत्वपूर्ण ही नहीं अत्यंत आवश्यक भी है, फ़ोन आदि पर बातचीत अस्थायी होती है, इसके विपरीत लिखित दस्तावेज स्थायी रूप ले लेता है। उदाहरण- जब आप विद्यालय नहीं जा पाते, तब अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र लिखना पड़ता है।
Type of Letters – पत्रों के प्रकार –
मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है –
(1) औपचारिक-पत्र
(2) अनौपचारिक-पत्र
औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों में अंतर- (Difference between formal and informal letter)
औपचारिक पत्र (Formal letter) –
औपचारिक पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्रों की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। इन पत्रों में केवल काम या अपनी समस्या के बारे में ही बात कही जाती है।
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अनौपचारिक पत्र (informal letter) –
अनौपचारिक पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनसे हमारा व्यक्तिगत सम्बन्ध रहता है। अनौपचारिक पत्र अपने परिवार के लोगों को जैसे माता-पिता, भाई-बहन, सगे-सम्बन्धिओं और मित्रों को उनका हालचाल पूछने, निमंत्रण देने और सूचना आदि देने के लिए लिखे जाते हैं। इन पत्रों में भाषा के प्रयोग में थोड़ी ढ़ील की जा सकती है। इन पत्रों में शब्दों की संख्या असीमित हो सकती है क्योंकि इन पत्रों में इधर-उधर की बातों का भी समावेश होता है।
औपचारिक पत्र किसे कहते हैं? ( formal letter)
यह पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। औपचारिक पत्रों में केवल काम से सम्बंधित बातों पर ध्यान दिया जाता है। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र लेखन में मुख्य रूप से संदेश, सूचना एवं तथ्यों को ही अधिक महत्व दिया जाता है। इसमें संक्षिप्तता अर्थात कम शब्दों ने केवल काम की बात करना, स्पष्टता अर्थात पत्र प्राप्त करने वालों को बात आसानी से समझ आये ऐसी भाषा का प्रयोग तथा स्वतः पूर्णता अर्थात पूरी बात एक ही पत्र में कहने की अपेक्षा (उम्मीद) की जाती है।
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Types of formal letter in Hindi – औपचारिक-पत्र के प्रकार
औपचारिक-पत्रों को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(1) प्रार्थना-पत्र – जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे ‘प्रार्थना-पत्र’ कहलाते हैं। प्रार्थना पत्र में अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। ये पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं।
(2) कार्यालयी-पत्र – जो पत्र कार्यालयी काम-काज के लिए लिखे जाते हैं, वे ‘कार्यालयी-पत्र’ कहलाते हैं। ये सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों और प्राचार्यों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचार पत्र के सम्पादक, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
(3) व्यवसायिक-पत्र – व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेन-देन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें ‘व्यवसायिक-पत्र’ कहते हैं। इन पत्रों में दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
औपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें –
(i) औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
(ii) इस प्रकार के पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशल-मंगल समाचार आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।
(iii) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
(iv) पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
(v) यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।
(vi) पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए (Margin Line) के साथ मिलाकर लिखें।
(vii) पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता/लयबद्धता बनी रहे।
(viii) प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।
औपचारिक-पत्र FORMAT (प्रारूप) के निम्नलिखित सात अंग होते हैं –
(1) ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
(2) विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
(3) संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
(4) विषय-वस्तु– इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
पहला अनुच्छेद – “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
(5) हस्ताक्षर व नाम– धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
(6) प्रेषक का पता– शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
(7) दिनांक।
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औपचारिक-पत्र की प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द), अभिवादन व समाप्ति में किन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए-
प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द) – श्रीमान, श्रीयुत, मान्यवर, महोदय आदि।
अभिवादन – औपचारिक-पत्रों में अभिवादन नहीं लिखा जाता।
समाप्ति – आपका आज्ञाकारी शिष्य/आज्ञाकारिणी शिष्या, भवदीय/भवदीया, निवेदक/निवेदिका, शुभचिंतक, प्रार्थी आदि।
Leave application samples (Hindi Letter Writing Examples)
हिंदी में पत्र लेखन के उदहारण
1. भाई के विवाह के लिए प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु आवेदन पत्र
2. कोविड होने के कारन प्रधानाचार्या को आकाश हेतु प्रार्थना पत्र
3. बीमार होने के कारण प्राचार्य को दो दिन के अवकाश का प्रार्थना पत्र
4. बहन की सगाई में शामिल होने के लिए दो दिन के अवकाश हेतु पत्र
5. मंकी पॉक्स वायरस से बीमार होने के कारण स्कूल टीचर द्वारा प्रधानध्याकपक को पत्र
6. शादी में शामिल होने के लिए दफ्तर को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र
7. मातृत्व अवकाश हेतु दफ्तर में प्रार्थना पत्र
8. लेक्चरर द्वारा कॉलेज प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु पत्र
9.भाई की सगाई में शामिल होने हेतु दफ्तर को अवकाश हेतु पत्र
10. स्वयं की शादी के लिए अवकाश हेतु दफ्तर को प्रार्थना पत्र
- आप निधि/नवीन ग्लोबल स्कूल, मेरठ की छात्रा हैं। दिल्ली में अपने चचेरे भाई के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानाध्यापक को एक आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रति,
श्रीमान प्रधानाध्यापक
ग्लोबल स्कूल
मेरठ
विषय- अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी,
विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 10वीं की छात्रा हूं। महोदय, मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि मेरी चचेरी बहन की शादी तय हो गई है और विवाह समारोह दिनांक 22/12/22 को दिल्ली में होना प्रस्तावित है। यह हमारे परिवार की पहली शादी हैं जिसमें परिवार के सभी छोटे-बड़े सदस्य आने वाले हैं, अतः मैं भी इस पारिवारिक प्रसंग में शामिल होना चाहती हूं। इसी कारणवश मैं दिनांक 15/12/22 से 25/12/22 तक अवकाश लेना चाहती हूं । मैं जानती हूं इस बार दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक है किंतु मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि विवाह समारोह से वापस आकर मैं मन लगाकर पढ़ाई करूंगी और दसवीं की परीक्षा उत्कृष्ट नंबरों से उत्तीर्ण करूंगी ।
अतः आपसे निवेदन है कि उक्त दिनांक तक मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
धन्यवाद
आपकी आज्ञाकारी छात्रा
नाम -निधि
कक्षा -दसवीं
रोल नंबर -1111111
दिनांक- 06/12/22
- . आप रमेश/राधा, पीपीएस, करनाल के छात्र हैं। प्रधानाचार्य को सूचित करें कि आप COVID पॉजिटिव हैं और दो सप्ताह के लिए चिकित्सा आधार पर अवकाश प्राप्त करना चाहते हैं, इस हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रति,
श्रीमान प्रधानाचार्य
पी पी एस स्कूल
करनाल, हरियाणा
विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी
सविनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा आठवीं में अध्ययनरत छात्र हूं। महोदय जी मेरा स्वास्थ्य कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा है, सर्दी-खांसी के लक्षण है। अतः डॉक्टर साहब से जांच करवाने गया, पर उन्होंने कोविड-19 टेस्ट करवाने की सलाह दी और कल ही मेरी रिपोर्ट आई है । माननीय मेरी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, मुझे कोरोना हो गया है । डॉक्टर साहब ने मुझे घर पर ही आइसोलेट रहने और आराम करने की सलाह दी है।
अतः इस कारणवश मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूं । इसी कारणवश मैं दिनांक 16/06/22 से 30/06/22 तक अवकाश लेना चाहती हूं ।अतः आपसे निवेदन है कि मुझे लगभग 2 सप्ताह का चिकित्सकीय अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
धन्यवाद
आपकी आज्ञाकारी छात्रा
नाम- राधा
कक्षा- दसवीं
रोल नंबर- 1111111
दिनांक- 16/06/22
- . आप दिल्ली के पलाश पब्लिक स्कूल के छात्र जीना है। आप बीमार हैं और आपको दो दिनों के लिए स्कूल से छुट्टी चाहिए। इसके लिए प्राचार्य को आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रति,
श्रीमान प्राचार्य महोदय
पलाश पब्लिक स्कूल
दिल्ली
विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी,
विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा नवमी का छात्र हूं । अचानक मेरा स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण, मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूं । मैंने डॉक्टर से जांच भी करवाई हैं और उन्होंने कुछ दवाइयां दी है और घर पर आराम करने को कहा है। अतः इस कारणवश मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूं।
अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे दिनांक 20/07/22 और 21/07/22 दो दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा ।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
नाम -जीना
कक्षा- नवमी अ
रोल नंबर 22522555
दिनांक 19/07/22
- आपकी चचेरी बहन की सगाई हो रही है और आपको जयपुर के समारोह में शामिल होना है। आप मोहन, जैन विद्यालय, आगरा के छात्र हैं। प्रधानाध्यापक को दो दिन की छुट्टी के लिए पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रति,
श्रीमान प्राचार्य महोदय
जैन विद्यालय
आगरा
विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में अध्यनरत छात्र हूं। मुझे यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि मेरी चचेरी बहन की सगाई तय हो गई हैं और यह कार्यक्रम जयपुर में होने जा रहा हैं । यह हमारे परिवार का पहला वैवाहिक प्रसंग हैं, जिसमें परिवार के सभी सदस्य मौजूद होंगे और दुल्हन का भाई होने के नाते मुझे भी कई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, सगाई की तैयारियों में मुझे भी मेरा दायित्व निभाना हैं। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि इस कार्यक्रम से मेरी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी। अपना कक्षा कार्य मैं समारोह से आने के पश्चात पूरा कर लूंगा । आपको शिकायत का कोई मौका नहीं मिलेगा।
अतः महोदय जी से निवेदन है कि मुझे दिनांक 09/08/22 और 10/08/22 दो दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
नाम- मोहन
कक्षा- ग्यारहवी
रोल नंबर 22522555
दिनांक 07/08/22
- आप एक स्कूल टीचर है जिनका नाम मधुलिका हैं । आप मंकी पॉक्स वायरस के कारण बीमार हैं और डॉक्टर ने दो सप्ताह के लिए क्वारंटाइन रहने की सलाह दी है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक को इस बारे में सूचित करते हुए अवकाश हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा में
प्रति
श्रीमान प्राचार्य महोदय
दिल्ली पब्लिक स्कूल
दिनांक 16/10/22
विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी
विनम्र निवेदन है मैं आपके विद्यालय में गणित विषय की प्राध्यापिका हूं। मैं कक्षा छठवीं से दसवीं तक के बच्चों को गणित पढ़ाती हूं । महोदय कुछ दिनों से मैं स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों का सामना कर रही हूं और शरीर पर जगह-जगह दाने निकल आए हैं। डॉक्टर से जांच करवाने पर पुष्टि हुई कि मुझे मंकी पॉक्स वायरस हुआ है और इस वजह से मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित हुई है। मेरी तरह किसी और को यह वायरस ना हो इसलिए मैं घर पर ही आराम करना चाहती हूं । डॉक्टर ने मुझे लगभग दो हफ्ते तक घर पर ही क्वारंटाइन रहने की सलाह दी है। अतः ऐसी अवस्था में विद्यालय आकर अध्यापन कार्य करने में असमर्थ हूं ।
अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे स्वास्थ्य लाभ हेतु 17/10/22 से 02/11/22 तक दो हफ्तों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
भवदीया
मधुलिका
गणित अध्यापिका
- आप भारत के महाधिवक्ता के कार्यालय में लेखाकार के रूप में कार्यरत हैं। आप 1 सप्ताह के लिए छुट्टी चाहते हैं क्योंकि आपको एक शादी समारोह में शामिल होना है। इसके लिए अपने कार्यालय प्रभारी को पत्र लिखिए।
सेवा में
प्रति
श्रीमान कार्यालय प्रभारी
महाधिवक्ता कार्यालय
दिल्ली
दिनांक 24/12/22
विषय – एक सप्ताह का अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी
विनम्र निवेदन है कि मैं आपके ऑफिस में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हूं। माननीय मेरे परिवार में एक मांगलिक कार्यक्रम होने जा रहा है, गत 10 वर्षों पश्चात पहली बार यह शुभ अवसर आया है कि परिवार के सभी गणमान्य सदस्य एक साथ होंगे। अतः मैं भी इस विवाह समारोह में शामिल होना चाहता हूं। जिस हेतु दिनांक 25/12/22 से 30/12/22 तक एक हफ्ते का अवकाश प्रार्थना पत्र आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। साथ ही आपको शादी का आमंत्रण पत्र प्रेषित कर रहा हूं, आपको सपरिवार आना हैं। इस मांगलिक कार्यक्रम में आपकी उपस्थिति मेरे लिए अनुकरणीय होगी ।
महोदय निवेदन हैं कि इस आवेदन पत्र पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाने की कृपा करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा।
धन्यवाद
भवदीय
श्रीकांत शर्मा
जूनियर अकाउंटेंट
- आप गरिमा हैं, XYZ सॉफ्टेक में सीनियर कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हैं। कंपनी पॉलिसी के अनुसार छह माह के मातृत्व अवकाश की मांग करते हुए एच आर डिपार्टमेंट को पत्र लिखिए। आवश्यक विवरण भी दें।
सेवा में
प्रति
श्रीमान एच आर
XYZ सॉफ्टेक कंपनी
बैंगलुरू
दिनांक 08/09/22
विषय – मातृत्व अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी,
सविनय निवेदन हैं कि मैं आपकी कंपनी में सीनियर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं । महोदय मैं आपको इस शुभ सूचना से अवगत कराना चाहती हूं कि मैं मां बनने वाली हूं। शादी के पांच साल बाद मैं अपनी पहली संतान को जन्म देने वाली हूं। मैंने कल ही डॉक्टर से जांच करवाई है, सब कुछ ठीक है और उन्होंने मुझे आराम करने की सलाह दी हैं । अब मैं कुछ माह अपने घर पर आराम करना चाहती हूं ताकि अपना और अपने आने वाले बच्चे की सेहत का अच्छे से ख्याल रख सकूं।
महोदय मैं आपका ध्यान अपनी कंपनी की पॉलिसी पर आकर्षित करवाना चाहती हूं जिसमें यह स्पष्ट लिखा हैं कि गर्भवती महिलाओं को न्यूनतम छः माह का मातृत्व अवकाश निश्चित दिया जाना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे इस अवकाश की मांग कर रही हूं।
आशा करती हूं आप मेरे इस आवेदन पत्र को स्वीकार करेंगे और मुझे छः माह (जुलाई से दिसंबर तक) का मातृत्व अवकाश देने की कृपा करेंगे।
धन्यवाद
भवदीया
गरिमा
सीनियर कंटेंट राइटर
- आप एबीसी हैं, गवर्नमेंट कॉलेज, मोहाली में लेक्चरर हैं। प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर सूचित करें कि आपके पास 6 अर्जित अवकाश हैं और सूरजकुंड मेले में भाग लेने के लिए एक सप्ताह की छुट्टी चाहते हैं जहाँ आपके भाई ने हस्तशिल्प की दुकान लगाई है।
सेवा में
प्रति
श्रीमान प्रधानाचार्य
गवर्नमेंट कॉलेज
मोहाली
दिनांक 28/11/22
विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी
सविनय निवेदन है कि मैं आपके कॉलेज में साइंस लेक्चरर के पद पर गत 2 वर्षों से कार्यरत हूं । महोदय मैं आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूं कि लेक्चर को शासन द्वारा साल भर के लिए दी गई कुल छुट्टियों में से अभी मेरे हिस्से में 6 छुट्टियां शेष है । जिनका मैं सदुपयोग करना चाहता हूं अर्थात मैं एक साथ 6 दिन का अवकाश लेना चाहता हूं। दरअसल मेरे छोटे भाई ने सूरजकुंड मेले में हस्तशिल्प कलाकृतियों का स्टॉल लगाया है। अतः मैं उस मेले में शामिल होकर अपने भाई का उत्साहवर्धन करना चाहती हूं। इस कारणवश 6 दिन का अवकाश लेना चाहता हूं। कॉलेज में अभी सेमेस्टर ब्रेक चल रहे हैं और रेगूलर कक्षाएं भी अभी शुरू नहीं हुई हैं ।
अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे दिनांक 29/11/22 से 04/12/22 तक अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा।
धन्यवाद
भवदीय
एबीसी
साइंस लेक्चरर
- आप कोला ड्रिंक्स कंपनी में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में काम कर रहे हैं। आपको अपने भाई की सगाई में शामिल होना है। दो दिन के अवकाश की मांग करते हुए एचआर को पत्र लिखिए।
सेवा में
प्रति
श्रीमान एचआर
कोला ड्रिंक्स कंपनी
हैदराबाद
दिनांक 20/12/22
विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी
सविनय निवेदन है कि मैं आपकी कंपनी में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के पद पर गत 5 वर्षों से कार्यरत हूं । महोदय मुझे आपको यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि मेरे बड़े भाई की सगाई तय हो गई है और पंडित जी ने इसी माह की 25 तारीख का शुभ मुहूर्त निकाला है। बहुत समय बाद परिवार में ऐसा शुभ प्रसंग होने जा रहा है। अतः मेरा इस कार्यक्रम में शामिल होना अत्यंत आवश्यक है । समय बहुत कम है और कई तैयारियां करनी हैं।
अतः महोदय से निवेदन है कि कृपया कर मुझे दिनांक 24/12/22 और 25/12/22 का अवकाश प्रदान करने का कष्ट करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा।
धन्यवाद
भवदीय
सौरभ भारद्वाज
मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव
- आप RIZ India Ltd में एक तकनीकी सहायक के रूप में कार्यरत हैं। आपको एक महीने की छुट्टी चाहिए क्योंकि आपकी शादी हो रही है। इसके लिए सभी आवश्यक विवरणों के साथ एक पत्र लिखें।
सेवा में
प्रति
श्रीमान एचआर
RIZ India Ltd
हैदराबाद
दिनांक 01/10/22
विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय जी
सविनय निवेदन है कि मैं आपकी कंपनी में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर गत 1 वर्ष से कार्यरत हूं । मुझे बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि मेरा विवाह तय हो गया है। कन्या, दिल्ली की रहने वाली है और हमें परिवार सहित बारात लेकर दिल्ली रवाना होना है और विवाह की ढेर सारी तैयारियां भी करनी है। महोदय मैं मेरे घर का इकलौता बेटा हूं और इस वजह से मेरे ऊपर कई जिम्मेदारियां भी है और विवाह की तैयारी हेतु बहुत ही कम समय शेष है ।
पंडित जी ने अगले महीने की 10 तारीख का शुभ मुहूर्त निकाला है । समय बहुत ही कम बचा है और कई सारी तैयारियां करनी है। इस कारणवश मैं एक माह का अवकाश लेना चाहता हूं । ताकि सारे काम अपनी देखरेख में सुचारू रूप से संपन्न करवा सकूं।
मैं आपको शादी का कार्ड भी भेजूंगा, आपको सपरिवार आना है। आप की उपस्थिति मेरे लिए अनुकरणीय होगी।
अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे एक माह का वैवाहिक अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
धन्यवाद
भवदीय
अ ज य
तकनीकी सहायक
औपचारिक-पत्र के उदाहरण – Examples of Formal Letter in Hindi
प्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र का प्रारूप-
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
विद्यालय का नाम व पता………….
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय जी,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
आपका आज्ञाकारी/आज्ञाकारिणी शिष्य/शिष्या,
क० ख० ग०
कक्षा………………….
दिनांक ………………….
Example – उदाहरण:
दीदी या बहन की शादी पर अवकाश के लिए आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र।
सेवा में,
प्रधानाचार्य मोहदय,
डी.ए.वी. स्कूल,
रामनगर (दिल्ली)
विषय – बहन की शादी के लिए अवकाश प्रदान हेतु प्रार्थना पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के कक्षा 10वीं का विद्यार्थी हूँ। मेरे घर में मेरी बहन की शादी है। जिसकी दिनांक 10/09/2018 और 11/09/2018 निश्चित हुई है, मैं अपने पिता का इकलौता पुत्र हूँ, अतः शादी में बहुत से कार्यों में मेरा होना अति आवश्यक है। इसी कारण मुझे 08/09/2018 से 12/09/2018 तक का अवकाश चाहिए।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका आभारी रहुँगा।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
नाम – स्वाधीन शर्मा
कक्षा – 10वीं
रोल नंबर – 34
दिनांक – 07/09/2018
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कार्यालयी-पत्र का प्रारूप–
सेवा में,
प्रबंधक/अध्यक्ष (प्रश्नानुसार),
कार्यालय का नाम व पता………….
दिनांक………….
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
समाप्ति (धन्यवाद/आभार)
भवदीय/भवदीया
(नाम,पता,फोन नम्बर)
Example – उदाहरण:
बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे। उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए।
सेवा में,
अध्यक्ष,
हिमाचल राज्य परिवहन निगम,
शिमला।
दिनांक- 25 अप्रैल, 2019
हिंदी में पत्र लेखन – औपचारिक पत्र के उदहारण
विषय – बस में छूटे बैग का वापस मिलना।
महोदय,
कल दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को मैंने चण्डीगढ़ में कार्य समाप्ति पर शिमला के लिए चण्डीगढ़ बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण हो जाने के बाद मैं बस से उतर कर शिमला चला गया।
मेरी ख़ुशी की उस समय कोई सीमा ना रही जब तीन घंटे के बाद बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब तक मुझे यह ज्ञात ही नहीं था कि मैं अपना जरुरी बैग बस में ही भूल आया था। इस बैग में मेरे बहुत जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार कार्ड था। उसी पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए थे। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो कर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर ताल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था।
मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा का फिर से आभार व्यक्त करता हूँ।
धन्यवाद।
भवदीय
रमेश कुमार
38/5 हीमुंडा कॉलोनी,
शिमला।
दूरभाष – xxxxxxxxxx
Example – उदाहरण:
आपके नाम से प्रेषित एक हजार रु. के मनीआर्डर की प्राप्ति न होने का शिकायत पत्र अधीक्षक पोस्ट आफिस को लिखिए।
सेवा में,
अधीक्षक,
मुख्य डाकघर, बरेली
दिनांक-25 अप्रैल, 2019
विषय- मनीआर्डर की प्राप्ति नहीं होने पर कार्यवाही हेतु पत्र।
महोदय,
मैं बरेली का रहने वाला हूँ। मेरे घर से मेरे पिताजी ने दिनांक 3 अप्रैल, 2019 को 1000 रुपये का मनीआर्डर (रसीद संख्या xxxx) किया था। परन्तु अभी तक यह मनीआर्डर मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। इस विषय पर मैंने अपने क्षेत्र के पोस्ट आफिस के स्टाफ से संपर्क किया। परन्तु उनका कहना है कि उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है। हमारा परिवार बहुत गरीब है और पिताजी दिहाड़ी की मजदूरी मेहनत करके मुझे पैसे भेजते हैं।
आपसे निवेदन है कि इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाएं और जल्द-से-जल्द मुझे मनीआर्डर वाले पैसे दिलवाएं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मेरी इस समस्या पर ध्यान देते हुए, उचित कार्यवाही करेंगे। मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा।
धन्यवाद।
भवदीय
रामप्रकाश
47, अशोक नगर
बरेली।
दूरभाष – 98723xxxxxx
यदि आप परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं तो पत्र का प्रारूप कुछ इस तरह से होगा –
परीक्षा भवन,
अ. ब. स.
दिनांक -……
सेवा में,
प्रबंधक/अध्यक्ष (प्रश्नानुसार),
कार्यालय का नाम व पता………….
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
समाप्ति (धन्यवाद/आभार)
भवदीय/भवदीया
(नाम,पता,फोन नम्बर)
Example – उदाहरण:
नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रबंधक को पत्र लिखकर हिंदी में प्रकाशित नवीनतम बाल साहित्य की पुस्तकें भेजने हेतु अनुरोध कीजिए।
परीक्षा भवन,
अ. ब. स.(परीक्षा भवन का नाम)
दिनांक -25 अप्रैल, 2019
सेवा में,
प्रबंधक नेशनल बुक ट्रस्ट
मुख्य डाकघर
नई दिल्ली।
Class 10 Hindi Literature Lessons | Class 10 Hindi Writing Skills |
Class 10 English Lessons |
विषय – पुस्तक मंगवाने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
हमने छोटे बच्चों के लिए एक सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत की है। जिसमें छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह, नेताओं की जीवनी, रामायण व महाभारत संबंधित पुस्तकों का संकलन होगा। मुझे निम्नलिखित दस पुस्तकें शीघ्र भिजवा दें। इस आर्डर की पुस्तकों की कीमत की राशि 2000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट नं xxxxx दिनांक 20 अप्रैल, 2019 इस पत्र के साथ भेज रहा हूँ। पुस्तकें भेजते हुए पहले यह सुनिश्चित कर लीजियेगा कि पुस्तकें अंदर से या बाहर से कटी-फटी न हों और सभी पुस्तकों पर कवर लगा हुआ हो।
आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध है कि सारी पुस्तकें बच्चों के सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए हैं, अतः हमारे द्वारा माँगी गई सभी किताबों, पत्र-पत्रिकाओं पर जितनी हो सके उतनी छूट दें।
आपसे विनम्र निवेदन है जितनी शीघ्र हो सके, निम्न पुस्तकों की 5-5 प्रतियाँ भिजवा दें –
1- मन्दाकिनी
2- अमन, प्रेम व आजादी
3- चम्पक
4- चन्द्रकान्ता
5- नन्दन
6- पंचतन्त्र की कहानियाँ
7- बच्चों की जातक कथाएँ
8- जंगल बुक
9- सिंहासन बत्तीसी
10- हितोपदेश
धन्यवाद।
सचिव, सार्वजनिक पुस्तकालय
मनीआर्डर भेजने का पता –
प्रकाश चौधरी
नई दिल्ली।
Example – उदाहरण:
विद्यालय में योग-शिक्षा का महत्त्व बताते हुए किसी समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
दैनिक जागरण,
सेक्टर 30,
दिनांक-26 अप्रैल, 2019
चण्डीग़ढ़, ज़िरखपूर।
विषय- योग-शिक्षा का महत्त्व।
महोदय,
जान-जान की आवाज, जान-जान तक पहुँचाने के लिए प्रसिद्ध आपके पत्र के माध्यम से मैं विद्यालय में योग-शिक्षा के महत्त्व को बताना चाहती हूँ और प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाना चाहती हूँ।
योग-शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगें। योग शिक्षा उनके स्वास्थय के लिए बहुत अधिक लाभदायक है। योग के माध्यम से वे अपने शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर सकते हैं। योग के जरिए वे अपने तन-मन दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं और उनके सर्वांगीण विकास में भी सहायता मिलती रहेगी।
आपसे विनम्र निवेदन है कि आप अपने समाचार-पत्र के माध्यम से पाठकों को योग के प्रति जागरूक करे और लोगों को योग-शिक्षा ग्रहण करने के लिए आग्रह करें।
धन्यवाद।
भवदीया
(नाम, पता, दूरभाष)
Aupcharik patr FAQs
Q1 औपचारिक पत्र किसे कहते हैं ?
उतर – किसी भी छात्र/व्यक्ति द्वारा प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र/आवेदन पत्र, व्यवसाय से संबंधी या सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र इत्यादि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। इन पत्रों में सरल एवं विनम्र भाषा का प्रयोग करते हुए सिर्फ काम या समस्याओं की बात की जाती है।
Q2 औपचारिक पत्र किसे भेजा जाता है ?
उतर – औपचारिक पत्र स्कूल के प्रिंसिपल, कॉलेज में प्रोफेसर या डीन और व्यवसाय में HR या मैनेजर को भेजा जाता है। अथवा किसी भी स्कूल/कॉलेज, दफ्तर/कार्यालय या संस्था के हेड व्यक्ति को औपचारिक पत्र भेजा जाता है।
Q3 औपचारिक पत्र का प्रारूप बताइये।
उतर – औपचारिक पत्र के प्रारूप निम्नलिखित हैं –
(1) सबसे पहले ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिखकर पत्र की शुरुआत करें।
(2) विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
(3) संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचार पूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
(4) विषय-वस्तु– इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
पहला अनुच्छेद – “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
(5) हस्ताक्षर व नाम– धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
(6) प्रेषक का पता– शहर का मोहल्ला/इलाका, शहर, पिन कोड आदि।
(7) दिनांक।
Q4 क्या मित्र को औपचारिक पत्र भेज सकते हैं ?
उतर – नहीं
Q5 औपचारिक पत्र के मुख्य विषय बताइये।
उतर – औपचारिक पत्र के मुख्य विषय निम्नलिखित है-
1. बहन/भाई के विवाह के लिए प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु आवेदन पत्र
2. अचानक कहीं जाना हो इसके लिए प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र
3. बीमार होने के कारण आचार्य को दो/तीन दिन के अवकाश का प्रार्थना पत्र
4. बहन की सगाई में शामिल होने के लिए एक दिन के अवकाश हेतु पत्र
5. चिकन पॉक्स/कोविड से संक्रमित होने पर स्कूल टीचर द्वारा प्रधानाध्यापक को पत्र
6. शादी समारोह में शामिल होने के लिए दफ्तर को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र
7. लेक्चरर द्वारा कॉलेज प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु पत्र
8. भाई की सगाई में शामिल होने हेतु दफ्तर को अवकाश हेतु पत्र
9. स्वयं की शादी के लिए अवकाश हेतु दफ्तर को प्रार्थना पत्र
10. मातृत्व अवकाश हेतु दफ्तर में प्रार्थना पत्र
Q6 क्लास १० में औपचारिक पत्र के प्रश्न के बारे में बताइये।
उतर – क्लास 10 में अभिव्यक्ति की क्षमता पर केंद्रित एक औपचारिक पत्र का प्रश्न पूछा जाता है जो 5 अंकों लिए होता है और लगभग 100 शब्दों में उत्तर देना होता है।
Q7 औपचारिक पत्र के कितने प्रकार हैं ?
उतर – औपचारिक पत्र तीन प्रकार के होते है।
(1) प्रार्थना-पत्र – जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे ‘प्रार्थना-पत्र’ कहलाते हैं। प्रार्थना पत्र में अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। ये पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं।
(2) कार्यालयी-पत्र – जो पत्र कार्यालयी कामकाज के लिए लिखे जाते हैं, वे ‘कार्यालयी-पत्र’ कहलाते हैं। ये सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों और आचार्यों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचार पत्र के सम्पादक, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
(3) व्यावसायिक-पत्र – व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेनदेन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें ‘व्यावसायिक-पत्र’ कहते हैं। इन पत्रों में दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
Q8 फॉर्मल लेटर कैसे लिखा जाता है ?
उतर – फॉर्मल लेटर में सबसे पहले ‘सेवा में’ लिख कर पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिखा जाता है। उसके बाद पत्र का विषय, फिर उसके नीचे संबोधन (महोदय/महोदया, माननीय) लिखा जाता है। फिर उसके नीचे ‘सविनय निवेदन यह है कि’ लिख कर अपनी समस्या के बारे में लिखा जाता है। अंत में अपना हस्ताक्षर और नाम लिख कर पत्र को समाप्त कर दिया जाता है।
Q9 इंग्लिश में औपचारिक पत्र को क्या कहते हैं ?
उतर – इंग्लिश में औपचारिक पत्र को फॉर्मल लेटर कहते हैं।
Q10 फॉर्मल लेटर का अंत कैसे लिखा जाता है ?
उतर – फॉर्मल लेटर का अंत अगर पत्र प्रिंसिपल को लिखा है तो आपका आज्ञाकारी छात्र/छात्रा, कार्यालय प्रभारी को पत्र लिखा है तो भवदीय/भवदीया लिखकर अपने हस्ताक्षर किया जाता है तथा उसके नीचे अपना नाम लिखा जाता है।
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