PSEB Class 10 Hindi Chapter 17 Shri Guru Nanak Dev Ji (श्री गुरु नानक देव जी ) Question Answers (Important) 

 

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PSEB Class 10 Chapter 17 Shri Guru Nanak Dev Ji Textbook Questions

अभ्यास

(क) विषय-बोध
I. निम्नलिखिति प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1 – गुरु नानक देव जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी का जन्म सन् 1469 ई० को शेखूपुरा के तलवंडी गाँव में कार्तिक पूर्णिमा में हुआ था, जो वर्तमान में पाकिस्तान में है।

प्रश्न 2 – गुरु नानक देव जी के माता और पिता का क्या नाम था?
उत्तर – गुरु नानक देव जी की माता का नाम तृप्ता देवी जी और पिता का नाम मेहता कालू जी था।

प्रश्न 3 – गुरु नानक देव जी ने छोटी आयु में ही कौन-कौन-सी भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया था ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी ने छोटी-सी आयु में ही पंजाबी, फारसी, हिंदी और संस्कृत भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया था।

प्रश्न 4 – गुरु नानक देव जी को किस व्यक्ति ने दुनियावी तौर पर जीविकोपार्जन संबंधी कार्यों में लगाने का प्रयास किया था?
उत्तर – गुरु नानक देव जी को उनके पिता मेहता कालू जी ने दुनियावी तौर पर जीविकोपार्जन कार्यों में लगाने का प्रयास किया था।

प्रश्न 5 – गुरु नानक देव जी को दुनियादारी में बांधने के लिए इनके पिता जी ने क्या किया?
उत्तर – गुरु नानक देव जी को दुनियादारी में बांधने के लिए उनके पिता जी ने उनकी शादी देवी सुलक्खनी से कर दी।

प्रश्न 6 – गुरु नानक देव जी के कितनी संतानें थीं और उनके नाम क्या थे?
उत्तर – गुरु नानक देव जी के दो संतानें थीं। एक का नाम लखमीदास और दूसरे का नाम श्रीचंद था।

प्रश्न 7 – इस्लामी देशों की यात्रा के दौरान आप ने किस धर्म की शिक्षा दी?
उत्तर – मुस्लिम देशों की यात्रा के दौरान गुरु नानक देव जी ने ‘सांझे धर्म’ की शिक्षा दी।

प्रश्न 8 – ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ में गुरु नानक देव जी के कुल कितने पद और श्लोक हैं?
उत्तर – श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु नानक देव जी के 974 पद और श्लोक हैं।

प्रश्न 9 – श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य कितने राग हैं?
उत्तर – श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य 31 राग हैं।

प्रश्न 10 – गुरु नानक देव जी के जीवन के अंतिम वर्ष कहाँ बीते?
उत्तर – श्री गुरु नानक देव जी के जीवन के अंतिम वर्ष करतारपुर में बीते थे।

प्रश्न 11 – गुरु नानक देव जी के जन्म के संबंध में भाई गुरदास जी ने कौन-सी तुक लिखी?
उत्तर – गुरु नानक देव जी के जन्म के संबंध में भाई गुरदास जी ने लिखा है –
‘सुनी पुकार दातार प्रभु,
गुरु नानक जगि माहिं पठाया।’

प्रश्न 12 – गुरु नानक देव जी पढ़ने के लिए किन-किन के पास गए थे?
उत्तर – मौलवी सैय्यद हुसैन और पंडित ब्रजनाथ से भी गुरु नानक देव जी ने शिक्षा प्राप्त की थी।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1 – साधुओं की संगति में रहकर गुरु नानक देव जी ने कौन-कौन से ज्ञान प्राप्त किए?
उत्तर – लगभग अठारह वर्ष की आयु तक गुरु नानक देव जी अनेक मतों के साधुओं की संगति में रहे। इन साधुओं की संगति से उन्हें भारतीय धर्म, सम्प्रदाय और भारतीय धर्म ग्रंथों व शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त हुआ। इसी समय के दौरान गुरु नानक देव जी ने भूखे साधुओं को 20 रुपए से खाना खिलाकर सच्ची सेवा व सच्चा सौदा किया। राग विद्या भी आपने इन्हीं दिनों प्राप्त की थी।

प्रश्न 2 – गुरु नानक देव जी ने यात्राओं के दौरान कौन-कौन से महत्त्वपूर्ण शहरों की यात्रा की?
उत्तर – अपनी यात्राओं में गुरु नानक देव जी ने आसाम, मक्का-मदीना, लंका, ताशकंद आदि शहरों की यात्रा की थी। उन्होंने हिमालय पर स्थित योगियों के केंद्रों की यात्रा भी की। गुरु नानक देव जी ने उन्हें सही धर्म सिखाया। गुरु नानक देव जी इस्लामिक देशों की यात्रा करते हुए मुसलमानों को सही मार्ग दिखाया।

प्रश्न 3 – गुरु नानक देव जी ने तत्कालीन भारतीय जनता को किन बुराइयों से स्वतंत्र कराने का प्रयास किया?
उत्तर – गुरु नानक देव जी के समय में समाज की राजनैतिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति बहुत चिंताजनक थी। उस समय के राजा शोषण करने वाले किसी व्यक्ति का रूप धारण कर चुके थे। उस समय लोग जाति, सम्प्रदाय, धर्म आदि में बँट चुके थे। धार्मिक तौर पर पाखंडों, अंधविश्वासों तथा कर्मकांडों को अत्यधिक महत्त्व दिया जा रहा था। ऊँच-नीच और अस्पृश्यता का जहर भारतीय लोगों के हर हिस्से में फैल चुका था तथा राजाओं की लूटमार से जनता बहुत दुखी हो रही थी। गुरु नानक देव जी ने उन्हें इन रूढ़ियों और आडंबरों से मुक्त कराने के लिए सद्-उपदेश दिया। उन्हें सही रास्ता दिखाया। गुरु नानक देव जी के उपदेश सहज और सरल थे।

प्रश्न 4 – गुरु नानक देव जी की रचनाओं के नाम लिखें।
उत्तर – गुरु नानक देव जी की रचनाएँ जपुजी, आसा दी वार, सिद्ध गोसटि, पट्टी, दक्खनी ऊँकार, पहरे-तिथि, बारह माह, सुचज्जी-कुचज्जी, आरती आदि हैं। गुरु जी की इन रचनाओं के अतिरिक्त वाणी, श्लोक, पद, अष्टपदियां, सोहले, छन्द आदि के रूप में विद्यमान हैं।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1 – जिस समय गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ उस समय भारतीय समाज की क्या स्थिति थी?
उत्तर – जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था उस समय भारत या भारत के लोग कई तरह की बुरी आदतों के गिरफ़्त में थे। उस समय के समाज की राजनैतिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति बहुत चिंताजनक थी। उस समय के राजा शोषण करने वाले किसी व्यक्ति का रूप धारण कर चुके थे। अर्थात उस समय के राजा जनता के हित व् कल्याण के लिए नहीं बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जीते थे। उस समय समाज अनेक जातियों, संप्रदायों और धर्मों में विभाजित हो चुका था। अर्थात उस समय लोग जाति, सम्प्रदाय, धर्म आदि में बँट चुके थे। धार्मिक तौर पर पाखंडों, अंधविश्वासों तथा कर्मकांडों को अत्यधिक महत्त्व दिया जा रहा था। ऊँच-नीच और अस्पृश्यता का जहर भारतीय लोगों के हर हिस्से में फैल चुका था तथा राजाओं की लूटमार से जनता बहुत दुखी हो रही थी। ऐसे समय में लोगों की पुकार सुनकर परमात्मा ने दुनिया का सुधार करने के लिए गुरु नानक देव जी को इस संसार में भेजा

प्रश्न 2 – गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्राओं के दौरान कहाँ-कहाँ और किन-किन लोगों को क्या-क्या उपदेश दिए?
उत्तर – गुरु नानक देव जी ने 1499 ई. से लेकर 1522 ई. के समय में पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण दिशाओं में चार उदासियां अर्थात यात्राएँ कीं। इन यात्राओं में उन्होंने पहले आसाम, फिर मक्का मदीना, फिर लंका, तथा फिर ताशकन्द तक की यात्राएँ की। इन यात्रियों के समय के दौरान ही उन्होंने करतारपुर नगर बसाया था। यात्राओं के दौरान ही उन्होंने कई स्थानों पर उचित उपदेश द्वारा भटके हुए लोगों को सही मार्ग दिखलाया था। उन दौरान कश्मीर विद्वानों का गढ़ मान जाता था। गुरु नानक देव जी ने वहाँ के पंडितों से विचार-विमर्श किया। हिमालय पर योगियों के केंद्र थे। गुरु नानक देव जी ने उनको सही धर्म सिखाया तथा योगी सिद्धों को जन सेवा का उपदेश भी दिया। हिन्दुस्तान में घूमते समय गुरु नानक देव जी का अनेक पीरों-फकीरों, सूफी-संतों के साथ भी तर्क-वितर्क हुआ। मौलवी व मुसलमानों को भी गुरु नानक देव जी ने सही रास्ता दिखाया। गुरु नानक देव जी ने इस्लामी देशों में यात्राओं के द्वारा मानव धर्म की शिक्षा दी।

प्रश्न 3 – गुरु नानक देव जी की वाणी की विशेषता अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – गुरु नानक देव जी एक महान कवि तथा संगीत के आचार्य भी थे। उनकी वाणी सिक्खों के धार्मिक ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में संकलित है।’ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में 974 पद और श्लोक गुरु नानक देव जी द्वारा रचित हैं। इनमें बहुत से अलग-अलग विषयों की चर्चा की गई है। खास तौर पर गुरु नानक देव जी द्वारा सृष्टि, जीव और ब्रह्म के संबंध, अकाल पुरुष का रूप और स्थान, माया का बंधन काटने की प्रेरणा, निर्विकार एवं शुद्ध मन से प्रभु का नाम जपने का प्रोत्साहन आदि विषय उनके द्वारा रचित पद और श्लोक में लिए गये हैं। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में मुख्य 31 राग हैं और उनमें उन्नीस का प्रयोग गुरु नानक देव जी ने अपनी वाणी में किया है। गुरु नानक देव जी ने प्रातः कालीन प्रार्थना के लिए ‘जपुजी’ की रचना की, जो वर्तमान में आज सिक्ख सिद्धांतों का सार कही जा सकती है। इसके अतिरिक्त गुरु नानक देव जी की अन्य रचनाओं में, आसा की वार, सिद्ध गोसटि, पट्टी, दक्खनी ऊँकार, पहरे-तिथि, बारह माह, सुचच्ची-कुचब्बी, आरती आदि प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। इनके अलावा भी गुरु नानक देव जी की अन्य वाणी श्लोक, पद, अष्टपदियों, सोहले, छन्द आदि के रूप में हैं।

(ख) भाषा-बोध
I. निम्नलिखित की संधिविच्छेद कीजिए:
परमात्मा ________________ पतनोन्मुखी _______________
जीविकोपार्जन _______________ संगीताचार्य _______________
देवोपासना _______________ परमेश्वर _______________

उत्तर –
परमात्मा – परम + आत्मा
पतनोन्मुखी – पतन + उन्मुखी
जीविकोपार्जन – जीविका + उपार्जन
संगीताचार्य – संगीत + आचार्य
देवोपासना – देव + उपासना
परमेश्वर – परम + ईश्वर

II. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाइए :-
शब्द विशेषण शब्द विशेषण
समाज ____________ धर्म ____________
अर्थ ____________ परस्पर ____________
राजनीति ____________ पंडित ____________
सम्प्रदाय ____________ भारत ____________
अध्यात्म ____________ पंजाब ____________

उत्तर –
शब्द – विशेषण
समाज – सामाजिक
धर्म – धार्मिक
अर्थ – आर्थिक
परस्पर – पारस्परिक
राजनीति – राजनैतिक
पंडित – पांडित्य
सम्प्रदाय – साम्प्रदायिक
भारत – भारतीय
अध्यात्म – आध्यात्मिक
पंजाब – पंजाबी

III. निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए :-
महान ____________ सरल ____________
सहज ____________ हरा ____________
समान ____________ शांत ____________

उत्तर –
शब्द – भाववाचक संज्ञा
महान् – महानता
सरल – सरलता
सहज – सहजता
हरा – हरियाली
समान – समानता
शांत – शांति

 

PSEB Class 10 Hindi Lesson 17 श्री गुरु नानक देव जी गद्यांश आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

निम्नलिखित गद्याँशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये-

1 –
जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब भारत अनेक प्रकार के कुसंस्कारों से ग्रस्त था। तत्कालीन समाज की राजनैतिक, सामाजिक तथा आर्थिक दशा बहुत शोचनीय थी। उस समय के राजा शोषक का रूप धारण कर चुके थे। समाज अनेक जातियों, संप्रदायों और धर्मों में विभाजित हो चुका था। धार्मिक तौर पर पाखंडों, अंधविश्वासों तथा कर्मकांडों का बोलबाला था। ऊँच-नीच और छुआछूत का जहर भारतीय लोगों की नस-नस में फैल चुका था तथा राजाओं की लूटमार से जनता कराह रही थी। ऐसे समय में लोगों की पुकार सुनकर परमात्मा ने दुनिया का सुधार करने के लिए गुरु नानक देव जी को इस संसार में भेजा जिस पर भाई गुरदास जी लिखते हैं:
‘सुनी पुकार दातार प्रभु,
गुरु नानक जाग माहि पठाया।’

प्रश्न 1 – जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब भारत अनेक प्रकार के ————-से ग्रस्त था।
(क) रोगों
(ख) कष्टों
(ग) कुसंस्कारों
(घ) आपदाओं
उत्तर – (ग) कुसंस्कारों

प्रश्न 2 – जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब तक समाज किसमें विभाजित हो चुका था?
(क) अनेक जातियों में
(ख) अनेक धर्मों में
(ग) अनेक संप्रदायों में
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 3 – ऊँच-नीच और छुआछूत का जहर भारतीय लोगों की ———- में फैल चुका था।
(क) मानसिकता
(ख) रगों
(ग) नस-नस
(घ) आदत
उत्तर – (ग) नस-नस

प्रश्न 4 – ————– की लूटमार से जनता कराह रही थी।
(क) लुटेरों
(ख) नेताओं
(ग) व्यापारियों
(घ) राजाओं
उत्तर – (घ) राजाओं

प्रश्न 5 – लोगों की पुकार सुनकर परमात्मा ने दुनिया का सुधार करने के लिए किसको इस संसार में भेजा?
(क) गुरु नानक देव जी
(ख) गुरु गोविन्द जी
(ग) गुरु रामदास जी
(घ)गुरु हरगोबिंद देव जी
उत्तर – (क) गुरु नानक देव जी

2 –
ऐसी महान विभूति पंजाब के भक्ति आंदोलन के प्रवर्त्तक तथा पतनोन्मुखी तत्कालीन समाज के पथ-दर्शक गुरु नानक देव जी का जन्म जिला शेखपुरा के तलवंडी (अब पाकिस्तान) गाँव में कार्तिक पूर्णिमा को सन् 1469 ई. में हुआ था तलवंडी गाँव अब ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है। जन्म से क्षत्रिय, प्रकृति से भ्रमणशील, कर्म से शील, चतुर्दिक ज्ञान के भंडार, उदात्त भावनाओं के सागर, आध्यात्मिक पथ के अविचलित पथिक गुरु नानक देव महान व्यक्तित्व लेकर संसार में आए। आपके पिता का नाम मेहता कालू व माता का नाम तृप्ता था। आपकी बहन बीबी नानकी जी भी महान व्यक्तित्व वाली थी। आप बचपन से ही आध्यात्मिक विचारों के थे। आपका बचपन हरियाली से घिरी हुई तलवंडी में बीता। सात वर्ष की आयु में आपको गाँव की पाठशाला पढ़ने के लिए भेजा गया परंतु आपने आध्यात्मिक विचारों से अपने अध्यापक को प्रभावित किया। आधुनिक इतिहासकारों के अनुसार आपको एक मौलवी सैयद हुसैन और एक पंडित बृजनाथ ने भी शिक्षा दी। आपने छोटी आयु में ही पंजाबी, फारसी, हिंदी, संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर लिया। परंतु ये शिक्षा आपके लिए अल्प थी। इसलिए और ज्ञान के लिए आपने अनुभवी साधुओं से मेल-मिलाप बढ़ाया, ताकि मन की पिपासा शांत हो सके। मेहता कालू ने आपको दुनियावी तौर पर जीविकोपार्जन के कार्यों में जैसे कृषि कार्य, व्यापार आदि में लगाने का यत्न किया परंतु आप इन कार्यों में प्रवृत्त न होकर साधुओं की सेवा में लीन रहे। लगभग अठारह वर्ष की आयु तक आप अनेक मतों के साधुओं की संगति में रहे।

प्रश्न 1 – गुरु नानक देव जी का जन्मकहाँ हुआ था ?
(क) जिला शेखपुर के तलवंडी गाँव में
(ख) जिला शेखपुरा के तलवाडी गाँव में
(ग) जिला शेखपुरा के तलवंडी गाँव में
(घ) जिला शेखपुरी के तलवंडी गाँव में
उत्तर – (ग) जिला शेखपुरा के तलवंडी गाँव में

प्रश्न 2 – गुतलवंडी गाँव अब ——————— के नाम से प्रसिद्ध है।
(क) ननकाना साहिब
(ख) ननकना साहिब
(ग) ननकान साहिब
(घ) नानकाना साहिब
उत्तर – (क) ननकाना साहिब

प्रश्न 3 – गुरु नानक देव जी बचपन से ही कैसे विचारों के थे?
(क) राजनैतिक
(ख) सांस्कृतिक
(ग) आध्यात्मिक
(घ) उपरोक्त तीनों
उत्तर – (ग) आध्यात्मिक

प्रश्न 4 – आपने छोटी आयु में ही गुरु नानक देव जी ने किसका ज्ञान प्राप्त कर लिया?
(क) पंजाबी, फारसी
(ख) पंजाबी, हिंदी
(ग) हिंदी, संस्कृत
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 5 – मन की पिपासा शांत करने के लिए गुरु जी ने किससे मेल-मिलाप बढ़ाया ?
(क) अनुभवी साधुओं से
(ख) अनुभवी राजनेताओं से
(ग) अनुभवी बुजुर्गों से
(घ) अनुभवी राजाओं से
उत्तर – (क) अनुभवी साधुओं से

3 –
गुरु जी के जीवन से संबंधित बहुत सी करामातों का वर्णन भी मिलता है जैसे मक्का मदीना में मक्का को घुमा देना, वली कंधारी का अहंकार तोड़ना, गिरते हुए पहाड़ को हाथ का पंजा लगाकर गिरने से रोक देना, कड़वे रीठे मीठे कर देना आदि।
गुरु नानक देव जी एक महान कवि तथा संगीताचार्य भी थे। आपकी वाणी सिक्खों के धार्मिक ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में संकलित है।’ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में 974 पद और श्लोक गुरु नानक देव जी द्वारा रचित हैं। इनमें विभिन्न विषयों की चर्चा है। मुख्यतः गुरु जी द्वारा सृष्टि, जीव और ब्रह्म के संबंध, अकाल पुरुष का रूप और स्थान, माया का बंधन काटने की प्रेरणा, निर्विकार एवं शुद्ध मन से प्रभु का नाम जपने का प्रोत्साहन आदि विषय लिए गये हैं। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में मुख्य 31 राग हैं और उनमें उन्नीस का प्रयोग गुरु नानक देव जी ने अपनी वाणी में किया है। गुरु नानक देव जी के प्रातः कालीन प्रार्थना के लिए ‘जपुजी’ की रचना की, जो आज सिक्ख सिद्धांतों का सार कही जा सकती है। इसके अतिरिक्त आपकी अन्य रचनाओं में, आसा की वार, सिद्ध गोसटि, पट्टी, दक्खनी ऊँकार, पहरे-तिथि, बारह माह, सुचच्ची-कुचब्बी, आरती आदि प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। इनके अतिरिक्त गुरु नानक देव जी की अन्य वाणी श्लोक, पद, अष्टपदियों, सोहले, छन्द आदि के रूप में हैं।

प्रश्न 1 – गुरु जी के जीवन से संबंधित कौन सी करामातों का वर्णन मिलता है?
(क) जैसे मक्का मदीना में मक्का को घुमा देना, वली कंधारी का अहंकार तोड़ना
(ख) जैसे गिरते हुए पहाड़ को हाथ का पंजा लगाकर गिरने से रोक देना
(ग) जैसे कड़वे रीठे मीठे कर देना
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 2 – गुरु नानक देव जी की वाणी किसमें संकलित है ?
(क) सिक्खों के धार्मिक ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’
(ख) सिक्खों के राजनैतिक पुस्तकों में
(ग) सिक्खों के धार्मिक स्थलों में
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) सिक्खों के धार्मिक ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’

प्रश्न 3 – श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में कितने पद और श्लोक गुरु नानक देव जी द्वारा रचित हैं?
(क) 964
(ख) 954
(ग) 974
(घ) 1974
उत्तर – (ग) 974

प्रश्न 4 – श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में मुख्य 31 राग हैं और उनमें कितनों का प्रयोग गुरु नानक देव जी ने अपनी वाणी में किया है?
(क) उन्नतीस
(ख) उन्नीस
(ग) पच्चीस
(घ) सत्तरह
उत्तर – (ख) उन्नीस

प्रश्न 5 – गुरु नानक देव जी के प्रातः कालीन प्रार्थना के लिए ———— की रचना की, जो आज सिक्ख सिद्धांतों का सार कही जा सकती है।
(क) नाम जाप
(ख) जपजी
(ग) जपुजी
(घ) जपनामजी
उत्तर – (ग) जपुजी

PSEB Class 10 Hindi Lesson 17 श्री गुरु नानक देव जी बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न 1 – जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब भारत किससे ग्रस्त था?
(क) अनेक प्रकार के संस्कारों
(ख) अनेक प्रकार के कुसंस्कारों
(ग) अनेक प्रकार के कुरीतियों
(घ) अनेक प्रकार के आर्थिक संकटों
उत्तर – (ख) अनेक प्रकार के कुसंस्कारों

प्रश्न 2 – श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के समय के समाज की कौन सी स्थिति बहुत चिंताजनक थी?
(क) राजनैतिक
(ख) सामाजिक
(ग) आर्थिक
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 3 – श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के समय का समाज किसमें विभाजित हो चुका था?
(क) अनेक जातियों
(ख) अनेक धर्मों
(ग) अनेक संप्रदायों
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4 – पाखंडों, अंधविश्वासों तथा कर्मकांडों को अत्यधिक महत्त्व किसके तौर पर दिया जा रहा था?
(क) धार्मिक तौर पर
(ख) सामाजिक तौर पर
(ग) आर्थिक तौर पर
(घ) राजनैतिक तौर पर
उत्तर – (क) धार्मिक तौर पर

प्रश्न 5 – किसका जहर भारतीय लोगों के हर हिस्से में फैल चुका था?
(क) आर्थिक और सांस्कृतिक
(ख) धार्मिक और राजनैतिक
(ग) रूढ़िवादी और छुआछूत
(घ) ऊँच-नीच और अस्पृश्यता
उत्तर – (घ) ऊँच-नीच और अस्पृश्यता

प्रश्न 6 – उस समय के राजा शोषक का रूप …………. कर चुके थे।
(क) त्याग
(ख) धारण
(ग) तैयार
(घ) छोड़
उत्तर – (ख) धारण

प्रश्न 7 -‘सुनी पुकार दातार प्रभु,
गुरु नानक जाग माहि पठाया।’ किसने लिखा था ?
(क) भाई गुरगोविन्द जी
(ख) भाई गुरचरण जी
(ग) भाई गुरदास जी
(घ) भाई गुरप्रीत जी
उत्तर – (ग) भाई गुरदास जी

प्रश्न 8 – गुरु नानक देव जी का बचपन किस शहर में बीता?
(क) तलवडी
(ख) तलवंडी
(ग) तलवाडी
(घ) तलवंटी
उत्तर – (ख) तलवंडी

प्रश्न 9 – श्री गुरु नानक देव जी ने कितने रुपयों से भूखे साधुओं को खाना खिला कर सच्चा सौदा किया?
(क) पाँच
(ख) दस
(ग) बीस
(घ) पच्चीस
उत्तर – (ग) बीस

प्रश्न 10 – गुरु नानक देव जी ने सच्चा सौदा कैसे किया?
(क) भूखे साधुओं को खाना खिला कर
(ख) साधुओं को आर्थिक सहायता कर
(ग) साधुओं को ज्ञान दे कर
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) भूखे साधुओं को खाना खिला कर

प्रश्न 11 – गुरु नानक देव जी की कितनी उदासियाँ हैं?
(क) आठ
(ख) दो
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर – (ग) चार

प्रश्न 12 – गुरु नानक देव जी ने प्रातःकालीन प्रार्थना के लिए किस ग्रंथ की रचना की थी?
(क) नाम जाप
(ख) जपजी
(ग) जपुजी
(घ) जपनामजी
उत्तर – (ग) जपुजी

प्रश्न 13 – सूबे की राजधानी होने के कारण सुल्तानपुर किन गतिविधियों का केंद्र था ?
(क) धार्मिक तथा सांस्कृतिक
(ख) धार्मिक तथा राजनैतिक
(ग) आर्थिक तथा सामाजिक
(घ) आर्थिक तथा सांस्कृतिक
उत्तर – (क) धार्मिक तथा सांस्कृतिक

प्रश्न 14 – ‘चढ़िया सोधन धरत लुकाई’-किसका कथन है?
(क) भाई रामदास
(ख) भाई गुरदास
(ग) भाई प्रेमदास
(घ) भाई सुखदास।
उत्तर – (ख) भाई गुरदास

प्रश्न 15 – श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य कितने राग हैं?
(क) 31
(ख) 29
(ग) 19
(घ) 27
उत्तर – (क) 31

प्रश्न 16 – श्री गुरु ग्रंथ साहिब में श्री गुरु नानक देव जी द्वारा रचित कितने पद और श्लोक हैं?
(क) 970
(ख) 972
(ग) 974
(घ) 976
उत्तर – (ग) 974

प्रश्न 17 – ‘न कोई हिन्दू न मुसलमान’ – ये शब्द किसके हैं?
(क) गुरु नानक देव जी
(ख) गुरु गोविन्द जी
(ग) गुरु रामदास जी
(घ) गुरु हरगोबिंद देव जी
उत्तर – (क) गुरु नानक देव जी

प्रश्न 18 – लोगों की पुकार सुनकर परमात्मा ने दुनिया का सुधार करने के लिए किसको इस संसार में भेजा?
(क) गुरु रामदास जी
(ख) गुरु गोविन्द जी
(ग) गुरु नानक देव जी
(घ) गुरु हरगोबिंद देव जी
उत्तर – (ग) गुरु नानक देव जी

प्रश्न 19 – गुरु नानक देव जी एक महान कवि तथा ————— भी थे।
(क) लेखक
(ख) संगीताचार्य
(ग) आचार्य
(घ) प्रशिक्षक
उत्तर – (ख) संगीताचार्य

प्रश्न 20 – श्री गुरु नानक देव जी ————— में ज्योति-जोत समा गए।
(क) सन् 1539
(ख) सन् 1639
(ग) सन् 1529
(घ) सन् 1519
उत्तर – (क) सन् 1539

 

PSEB Class 10 Hindi श्री गुरु नानक देव जी प्रश्न और उत्तर (Extra Question Answers)

 

प्रश्न 1 – गुरु नानक देव जी के जन्म के समय भारत की क्या दशा थी ?
उत्तर – जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था उस समय भारत या भारत के लोग कई तरह की बुरी आदतों के गिरफ़्त में थे। समाज की राजनैतिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति बहुत चिंताजनक थी। राजा शोषण करने वाले किसी व्यक्ति का रूप धारण कर चुके थे। समाज अनेक जातियों, संप्रदायों और धर्मों में विभाजित हो चुका था। धार्मिक तौर पर पाखंडों, अंधविश्वासों तथा कर्मकांडों को अत्यधिक महत्त्व दिया जा रहा था। ऊँच-नीच और अस्पृश्यता का जहर भारतीय लोगों के हर हिस्से में फैल चुका था तथा राजाओं की लूटमार से जनता बहुत दुखी हो रही थी। 

प्रश्न 2 – गुरु नानक देव जी के अवतार लेने पर भाई गुरदास जी क्या लिखते हैं?
उत्तर – कठिन समय में लोगों की पुकार सुनकर परमात्मा ने दुनिया का सुधार करने के लिए गुरु नानक देव जी को इस संसार में भेजा जिस पर भाई गुरदास जी लिखते हैं कि
‘सुनी पुकार दातार प्रभु,
गुरु नानक जाग माहि पठाया।’
अर्थात धरती की पुकार सुनकर परमात्मा ने गुरु नानक साहिब को भेजा ताकि धरती पर रहने वाले मनुष्य परमात्मा से जुड़ें व उनके सभी दुःख व् पीड़ा दूर हो जाए।

प्रश्न 3 –  गुरु नानक देव जी का व्यक्तित्व कैसा था ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी एक महान दिव्यशक्ति थे जो पंजाब के भक्ति आंदोलन के संचालक थे तथा विनाश की ओर जाते हुए उस समय के समाज को सही रास्ता दिखाने वाले थे। गुरु नानक देव जी जन्म से क्षत्रिय थे, स्वभाव से घूमने वाले थे, कर्म से अत्यधिक विनम्र थे, चारों ओर ज्ञान के भरपूर थे अर्थात उन्हें हर तरह का ज्ञान था, उच्च भावनाओं से परिपूर्ण थे, आध्यात्मिक पथ के अटल रूप से चलने वाले गुरु नानक देव जी एक महान व्यक्तित्व लेकर इस संसार में आए थे। गुरु नानक देव जी बचपन से ही आध्यात्मिक विचारों के थे। 

प्रश्न 4 – गुरु नानक देव जी ने कैसे शिक्षा ग्रहण की ?
उत्तर – सात वर्ष की आयु में गुरु नानक देव जी को गाँव की ही पाठशाला में पढ़ने के लिए भेजा गया परंतु उन्होंने वहाँ अपने आध्यात्मिक विचारों से अपने अध्यापक को अत्यधिक प्रभावित किया। आधुनिक इतिहासकारों के अनुसार गुरु नानक देव जी को एक मौलवी सैयद हुसैन और एक पंडित बृजनाथ ने भी शिक्षा दी थी। गुरु नानक देव जी ने छोटी आयु में ही पंजाबी, फारसी, हिंदी, संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर लिया थे। परंतु ये शिक्षा उनके लिए बहुत कम थी। इसलिए और अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए उन्होंने अनुभवी साधुओं के साथ अपना मेल-मिलाप बढ़ाया, ताकि अपने मन की ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा को शांत कर सके। 

प्रश्न 5 – गुरु नानक देव जी के पिता ने संसार के प्रति उनकी विरक्ति देखते हुए क्या उपाय किए और उनका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी के पिता ने गुरु नानक देव जी को दुनिया के आधार पर जीवन-व्यापन हेतु किया जाने वाला व्यवसाय के कार्यों में जैसे कृषि कार्य, व्यापार आदि में लगाने का बहुत प्रयास किया गुरु नानक देव जी इन कार्यों में न लगकर, साधुओं की सेवा में लीन रहे। अर्थात गुरु नानक देव जी को जीवन यापन के कार्यों से अधिक संतुष्टि साधुओं की सेवा में मिलती थी। गुरु नानक देव जी के पिता जी ने उनकी दुनिया के प्रति विरक्ति देखते हुए उनको सांसारिकता में बाँधने के लिए उनकी शादी माता सुलखनी से कर दी। गुरु नानक देव जी किओ दो सन्तानें हुईं, जिनमें से एक का नाम लखमीचन्द व दूसरे का श्री चन्द रखा गया। गुरु नानक देव जी ने कुछ समय तक सुलतानपुर में शाही मोदी खाने में नौकरी भी की थी। कहने का आशय यह है कि गुरु नानक देव जी के पिता ने गुरु नानक देव जी को सांसारिक बंधनों में बाँधने का भरसक प्रयास किया, ताकि वे दुनिया से विरक्त हो कर साधू न बन जाएं। परन्तु ये सभी प्रयास भली-भाँती सफल न हुए। 

प्रश्न 6 – किन चीजों को देखकर गुरु नानक देव जी बैचेन हुए और उन्होंने क्या किया ?
उत्तर – सुलतानपुर में रहकर गुरु नानक देव जी को सत्ता या शासन के अत्याचारों तथा उस समय के समाज के धार्मिक आडंबरों, कर्मकांडों, अन्ध-विश्वासों आदि की गहरी जानकारी प्राप्त हुई। इसके अलावा गुरु नानक देव जी ने अलग-अलग आध्यात्मिक अवस्थाओं से गिरे हुए बनावटी जीवन को भी बहुत नजदीक से देखा। इन सब चीजों को देखकर गुरु नानक देव जी बहुत बैचेन हुए। 1499 ई में एक सुबह वे देई नदी में स्नान करने गए। वहाँ गुरु नानक देव जी तीन दिन अलोप रहे। इस समय के दौरान गुरु नानक देव जी को निरंकार परमात्मा से संसार का कल्याण करने के लिए चारों दिशाओं की यात्रा करने का संदेश प्राप्त हुआ। तीन दिन बाद प्रकट होकर उन्होंने ‘न कोई हिन्दू न मुसलमान’ वाक्य कहा। इसके साथ ही वे संसार के कल्याण के लिए संसार की यात्राओं पर चल पड़े। 

प्रश्न 7 – गुरु नानक देव जी ने कहाँ-कहाँ की यात्राएँ की और इन दौरान उन्होंने क्या किया ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी ने 1499 ई. से लेकर 1522 ई. के समय में पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण दिशाओं में चार उदासियां अर्थात यात्राएँ कीं। इन यात्राओं में उन्होंने पहले आसाम, फिर मक्का मदीना, फिर लंका, तथा फिर ताशकन्द तक की यात्राएँ की। इन यात्रियों के समय के दौरान ही उन्होंने करतारपुर नगर बसाया था। यात्राओं के दौरान ही उन्होंने कई स्थानों पर उचित उपदेश द्वारा भटके हुए लोगों को सही मार्ग दिखलाया था। हिन्दुस्तान में घूमते समय गुरु नानक देव जी का अनेक पीरों-फकीरों, सूफी-संतों के साथ भी तर्क-वितर्क हुआ। मौलवी व मुसलमानों को भी गुरु नानक देव जी ने सही रास्ता दिखाया। गुरु नानक देव जी ने इस्लामी देशों में यात्राओं के द्वारा मानव धर्म की शिक्षा दी। लगभग बाईस वर्ष गुरु नानक देव जी घूम फिर कर धर्म का प्रचार करते रहे। 

प्रश्न 8 – गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष कहाँ गुजारे ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष करतारपुर में गृहस्थ जीवन में रहते हुए खेतीबाड़ी करने के साथ-साथ धार्मिक उपदेश देते हुए व्यतीत किये। कहने का आशय यह है कि गुरु नानक देव जी सम्पूर्ण विश्व में घूम-घूम कर मानव धर्म का उपदेश देते रहे और अपने जीवन के अंतिम क्षणों में करतारपुर में खेती-बड़ी करते हुए गृहस्थ जीवन व्यतीत किया परन्तु धार्मिक उपदेश वे अंत तक देते रहे। 

प्रश्न 9 – गुरु नानक देव जी ने लोगों को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी ने बहुत सहज व सरल भाषा में लोगों को प्रभावित किया। अपनी सहजता से ही उन्होंने उन्हें नीचे दिखने वालों के तर्कों का जवाब दिया। नीचे दिखने वालों के तर्कों का जवाब सरलता या सहजता से देना बहुत कठिन कार्य था। सहज धर्म की व्याख्या उन्होंने सहजता से ही की। कहीं भी अपनी विद्वता या ज्ञानता का प्रदर्शन नहीं किया। इस तरह की ही मीठी भाषा से उन्होंने सबको प्रभावित किया।

प्रश्न 10 – गुरु नानक देव जी ने सिक्ख सम्प्रदाय को फलित करने में कैसे महत्वपूर्ण योगदान दिया ?
उत्तर – गुरु नानक देव जी एक महान कवि तथा संगीत के आचार्य भी थे। उनकी वाणी सिक्खों के धार्मिक ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में संकलित है।’ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में 974 पद और श्लोक गुरु नानक देव जी द्वारा रचित हैं। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में मुख्य 31 राग हैं और उनमें उन्नीस का प्रयोग गुरु नानक देव जी ने अपनी वाणी में किया है। गुरु नानक देव जी ने प्रातः कालीन प्रार्थना के लिए ‘जपुजी’ की रचना की, जो वर्तमान में आज सिक्ख सिद्धांतों का सार कही जा सकती है। इसके अतिरिक्त गुरु नानक देव जी की अन्य रचनाओं में, आसा की वार, सिद्ध गोसटि, पट्टी, दक्खनी ऊँकार, पहरे-तिथि, बारह माह, सुचच्ची-कुचब्बी, आरती आदि प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। इनके अलावा भी गुरु नानक देव जी की अन्य वाणी श्लोक, पद, अष्टपदियों, सोहले, छन्द आदि के रूप में हैं। ‘श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में प्रत्येक कवि का अपनी बात कहने का अलग ढंग या तरीका है, परन्तु गुरु नानक देव जी की वाणी अन्य कवियों के तरीकों से बिल्कुल अलग व् अद्भुत विशेषताएँ लिए हुए है। गुरु नानक देव जी के प्रत्येक वाक्य के पीछे उनका संपूर्ण व्यक्तित्व झलकता है, जो उनकी पद्धति- विशेष को बिल्कुल अनोखा बना देता है। अपने समय के कर्मकांडों,अत्यधिक संख्या में देवताओं की पूजा करने वालों को देखते हुए गुरु नानक देव जी ने एक परमेश्वर की पूजा करने का उपदेश दिया। गुरु नानक देव जी का प्रेम, समानता, सरलता आदि का उपदेश ही उस एक बड़े धर्म का बीज बना जो आगे चलकर सिक्ख धर्म के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कहने का आशय यह है कि गुरु नानक देव जी ने सिक्ख सम्प्रदाय को फलित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।