PSEB Class 10 Hindi Chapter 6 Jad ki Muskaan (जड़ की मुसकान) Question Answers (Important) 

 

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PSEB Class 10 Chapter 6 Jad ki Muskaan Textbook Questions

 

अभ्यास

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

(1) एक दिन तने ने जड़ को क्या कहा?
उत्तर– एक दिन तने ने जड़ को कहा कि तुम तो हमेशा जमीन में मुँह गड़ाए पड़ी रहती हो और भयभीत रहती हो।

(2) जड़ का इतिहास क्या है?
उत्तर- जड़ का इतिहास यह है कि वह हमेशा धरती के भीतर छिपी और दबे रहने वाली रही है।

(3) डाली तने को हीन क्यों समझती है?
उत्तर- डाली तने को हीन इसलिए समझती है क्योंकि तना वहीं खड़ा रहता है जहाँ उसे रोपा गया था और उसने संसार की प्रगति में कोई गति नहीं दिखाई।

(4) पत्तियाँ डाल की किस कमी की ओर संकेत करती हैं?
उत्तर- पत्तियाँ डाल की इस कमी की ओर संकेत करती हैं कि डाल केवल झूमती-झुकती है लेकिन कभी कोई आवाज़ या स्वर उत्पन्न नहीं करती।

(5) फूलों ने पत्तियों की चंचलता का आधार क्या बताया ?
उत्तर- फूलों ने पत्तियों की चंचलता का आधार हवा बताया है कि पत्तियाँ हवाओं के सहारे ही डोलती और मचलती हैं।

(6) सबकी बातें सुनकर जड़ क्यों मुसकराई ?
उत्तर– सबकी बातें सुनकर जड़ इसलिए मुसकराई क्योंकि वह जानती थी कि तना, डाल, पत्तियाँ और फूल सबका अस्तित्व उसी पर आधारित है।

II. निम्नलिखित पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें :-

(1) एक दिन तने ने भी कहा था,
जड़ ?
जड़ तो जड़ ही है;
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है इसका सारा इतिहास
कि ज़मीन में मुँह गड़ाए पड़ी रही है;
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियों में तना अपनी महानता का बखान करता है और जड़ को महत्त्वहीन बताता है।
व्याख्या- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि तने के माध्यम से बताते हैं कि एक दिन तना जड़ से बोलता है। वह व्यंग्य करते हुए जड़ से कहता है कि जड़ तुम तो जड़ ही हो। उसका मतलब था कि जड़ का जीवन हमेशा भयभीत और दबा हुआ रहा है। वह हमेशा धरती के भीतर मुँह गड़ाए पड़ी रहती है और उसका यही इतिहास रहा है।

(2) एक दिन फूलों ने भी कहा था,
पत्तियों ने क्या किया ?
पत्तियाँ ?
संख्या के बल पर बस डालों को छाप लिया,
डालों के बल पर ही चल चपल रही हैं;
हवाओं के बल पर ही मचल रही है;
लेकिन हम अपने से खुले, खिले, फूले हैं-
रंग लिए रस लिए, पराग लिए-
हमारी यश-गंध दूर-दूर-दूर फैली है,
भ्रमरों ने आकर हमारे गुन गाए है,
हम पर बौराए हैं।
प्रसंग- प्रस्तुत पद्यांश में फूल अपनी महत्ता बता रहे हैं और पत्तियों को निम्न बता रहे हैं।
व्याख्या- इस पद्यांश में फूल पत्तियों को तुच्छ मानते हुए अपनी श्रेष्ठता प्रकट करते हैं। फूल पत्तियों से कहते हैं कि उन्होंने ऐसा क्या कर लिया। फूलों का तर्क है कि पत्तियाँ तो केवल अपनी अधिक संख्या के बल पर डालों को ढक लेती हैं। उनका अस्तित्व भी डालों पर ही निर्भर है और वे केवल हवाओं के सहारे डोलती और मचलती रहती हैं। जबकि फूल गर्व से कहते हैं कि हम अपने आप खिलते हैं, रंग, रस और पराग से भरे रहते हैं। हमारी सुगंध दूर-दूर तक फैलती है और हमें देखकर भौंरे आकर्षित होकर हमारा गुणगान करते हैं तथा हम पर मंडराते हैं। इस प्रकार फूल स्वयं को वृक्ष का सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण अंग बताते हैं।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखें :-
जीवन ______________________
जड़ ______________________
मज़बूत ______________________
ऊपर ______________________
उत्तर-

शब्द विपरीतार्थक शब्द 
जीवन मृत्यु 
जड़ चेतन
मज़बूत कमज़ोर 
ऊपर नीचे  

II. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाएं :-
इतिहास ______________________
दिन ______________________
वर्ष ______________________
रंग ______________________
रस ______________________
उत्तर-

शब्द विशेषण शब्द 
इतिहास ऐतिहासिक
दिन दैनिक
वर्ष वार्षिक
रंग रंगीला
रस रसीला

III. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें
प्रगति ______________________
हवा ______________________
ध्वनि ______________________
फूल ______________________
भ्रमर ______________________
उत्तर-

शब्द पर्यायवाची शब्द 
प्रगति उन्नति, तरक्की 
हवा वायु, पवन 
ध्वनि आवाज़, स्वर 
फूल पुष्प, कुसुम 
भ्रमर भौंरा, मधुकर 

IV. निम्नलिखित के अनेकार्थी शब्द लिखें :-
जड़ ______________________
तना ______________________
डाल ______________________
डोली ______________________
बोली ______________________
उत्तर-

शब्द अनेकार्थी शब्द 
जड़ मूल, पेड़ का वह भाग जो भूमि के अंदर हो, 

मूर्ख, 

अचेतन, निर्जीव, 

मूल कारण/आधार

तना अकड़ा हुआ, 

पेड़-पौधों का जड़ से निकला हुआ भाग

डाल शाखा

उड़ेलना/डालना 

डोली छोटा बर्तन, 

पालकी (विवाह में दुल्हन को ससुराल बिठाकर ले जाने के लिए उपयोग करते हैं)

बोली वचन,भाषा, नीलामी

 

(ग) पाठ्येतर सक्रियता
1. रामवृक्ष बेनीपुरी का निबंध ‘नींव की ईंट’ पढ़िए और जड़ के महत्व पर अपने सहपाठियों के साथ चर्चा कीजिए।
2. ‘वही देश मजबूत होता है, जिसकी संस्कृति मजबूत जड़ के समान होती है।’ इस विषय पर कक्षा में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
3. प्रस्तुत कविता को आगे बढ़ाइए। जड़, तना, पत्ते और फूल के साथ फल को भी शामिल कीजिए । कविता को आगे बढ़ाते निम्न पंक्तियों को पूरा करें-

एक दिन फलों ने भी कहा था,
……………………… ?
……………………… ने क्या किया ?
वृथा ही फूलते हैं
आज फूले हैं
कल ……………………… जाएंगे
हमें देखो,
हम पशु, पक्षी और ……………………… का।
……………………… भरते हैं
उन्हें जिन्दा रखने को
अपना ……………………… करते हैं।

उत्तर-
एक दिन फलों ने भी कहा था,
फूल ?
फूलों ने क्या किया ?
वृथा ही फूलते हैं
आज फूले हैं
कल झड़कर गिर जाएंगे
हमें देखो,
हम पशु, पक्षी और मनुष्य का।
पेट भरते हैं
उन्हें जिन्दा रखने को
अपना बलिदान करते हैं।

PSEB Class 10 Hindi Lesson 6 जड़ की मुसकान पद्यांश आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

निम्नलिखित पद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये-

1
एक दिन तने ने भी कहा था,
जड़?
जड़ तो जड़ ही है;
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है उसका सारा इतिहास कि जमीन में मुँह गड़ाए पड़ी रही है।
लेकिन मैं ज़मीन से ऊपर उठा,
बाहर निकला,
बढ़ा हूँ
मज़बूत बना हूँ,
इसी से तो तना हूँ।

1.तने ने जड़ को किस बात के लिए तुच्छ बताया?
(क) जमीन से बाहर न निकलने के लिए
(ख) कमजोर होने के लिए
(ग) पत्तियों को न निकालने के लिए
(घ) डालियाँ न बनाने के लिए
उत्तर- (क) जमीन से बाहर न निकलने के लिए

2. तना अपनी कौन-सी विशेषता पर गर्व करता है?
(क) जमीन में दबे रहने पर
(ख) बाहर निकलकर बढ़ने और मजबूत बनने पर
(ग) डालियाँ और पत्तियाँ उगाने पर
(घ) फूल और फल देने पर
उत्तर– (ख) बाहर निकलकर बढ़ने और मजबूत बनने पर

3. तने के अनुसार उसका नाम ‘तना’ क्यों है?
(क) क्योंकि वह धरती में दबा है
(ख) क्योंकि वह डालियों को सहारा देता है
(ग) क्योंकि वह जमीन से ऊपर उठकर मज़बूत बना है
(घ) क्योंकि उस पर फूल और पत्तियाँ हैं
उत्तर- (ग) क्योंकि वह जमीन से ऊपर उठकर मज़बूत बना है

4. तना जड़ के जीवन को किस प्रकार व्यंग्य करता है?
उत्तर– तना कहता है कि जड़ हमेशा जमीन में मुँह गड़ाए पड़ी रही है और जीवन से डरती है। उसका इतिहास केवल दबे रहने का है, इसलिए उसमें कोई गौरवपूर्ण कार्य नहीं है।

5. तना स्वयं की महानता किस रूप में प्रस्तुत करता है?
उत्तर– तना अपनी महानता बताते हुए कहता है कि उसने जमीन से ऊपर उठकर सूर्य और वायु का सामना किया है। वह निरंतर बढ़ा है, मजबूत बना है और इसी कारण उसे ‘तना’ कहा जाता है।

2
एक दिन डालों ने भी कहा था,
तना ?
किस बात पर है तना ?
जहां बिठाल दिया गया था वहीं पर है बना;
प्रगतिशील जगती में तिल भर नहीं डोला है,
खाया है, मोटाया है, सहलाया चोला है;
लेकिन हम तने से फूटीं,
दिशा-दिशा में गईं
ऊपर उठीं,
नीचे आई
हर हवा के लिए दोल बनीं, लहराईं,
इसी से तो डाल कहलाई।

1.डालियों ने तने को किस कारण हीन बताया?
(क) क्योंकि तना हमेशा स्थिर खड़ा रहा
(ख) क्योंकि तना बहुत पतला था
(ग) क्योंकि तना फल नहीं देता था
(घ) क्योंकि तना बोल नहीं सकता था
उत्तर– (क) क्योंकि तना हमेशा स्थिर खड़ा रहा

2. डालियों के अनुसार तना जीवन में क्या करता रहा?
(क) मेहनत करता रहा
(ख) डोलता और झूमता रहा
(ग) खाता, मोटाता और आराम से जीता रहा
(घ) पत्ते और फूल खिलाता रहा
उत्तर- (ग) खाता, मोटाता और आराम से जीता रहा

3. डालियों ने अपने महत्व को कैसे बताया?
(क) वे केवल जड़ से जुड़ी रहीं
(ख) तने से फूटकर चारों दिशाओं में फैल गईं
(ग) वे जमीन में मुँह गड़ाए पड़ी रहीं
(घ) वे सिर्फ पत्तियों का सहारा बनीं
उत्तर– (ख) तने से फूटकर चारों दिशाओं में फैल गईं

4. डालियों ने तने की तुलना में अपने को श्रेष्ठ क्यों बताया?
उत्तर- डालियों ने कहा कि वे तने से फूटकर विभिन्न दिशाओं में गईं, ऊपर-नीचे हिलीं और हर हवा में डोलकर जीवन में लय और गति लाई। इसलिए वे तने से श्रेष्ठ हैं।

5. डालियों ने तने के जीवन की कौन-सी कमी बताई?
उत्तर– डालियों ने कहा कि तना वहीं खड़ा रहा जहाँ उसे रोपा गया था। उसने प्रगतिशील संसार में ज़रा भी गति नहीं दिखाई और केवल खाकर, मोटाकर और आराम से जीवन बिताया।

 

3
एक दिन पत्तियों ने भी कहा था,
डाल ?
डाल में क्या है कमाल?
माना वह झूमी, झुकी, डोली है
ध्वनि-प्रधान दुनिया में
एक शब्द भी वह कभी बोली है?
लेकिन हम हर हर स्वर करती हैं।
मर्मर स्वर मर्मभरा भरती हैं,
नूतन हर वर्ष हुई,
पतझर में झर
बहार फूट फिर छहरती हैं,
विथकित चित पंथी का
शाप-ताप हरतीं हैं।

1.पत्तियों ने डाल की किस कमी की ओर इशारा किया?
(क) डाल कभी शब्द नहीं बोलती
(ख) डाल हरी नहीं होती
(ग) डाल पर फूल नहीं लगते
(घ) डाल जल्दी सूख जाती है
उत्तर– (क) डाल कभी शब्द नहीं बोलती

2. पत्तियाँ वातावरण में क्या भरती हैं?
(क) शोरगुल
(ख) मर्मर स्वर और मर्मभरा भाव
(ग) धूल और प्रदूषण
(घ) रंग और रस
उत्तर- (ख) मर्मर स्वर और मर्मभरा भाव

3. पत्तियाँ थके हुए पथिक का क्या करती हैं?
(क) उसका मार्ग रोक देती हैं
(ख) उसकी भूख मिटा देती हैं
(ग) उसका शाप-ताप हर लेती हैं
(घ) उसके साथ बातें करती हैं
उत्तर- (ग) उसका शाप-ताप हर लेती हैं

4. पत्तियाँ डाल की तुलना में अपने को श्रेष्ठ क्यों मानती हैं?
उत्तर– पत्तियाँ कहती हैं कि डाल केवल झूमती और झुकती रहती है, लेकिन कभी कोई शब्द नहीं बोलती। जबकि पत्तियाँ हर-हर की ध्वनि करती हैं, वातावरण को मधुर बनाती हैं और जीवन को अधिक जीवंत करती हैं।

5. पत्तियों की उपयोगिता कविता में किस रूप में बताई गई है?
उत्तर– पत्तियों की उपयोगिता यह है कि वे हर वर्ष नई होकर वृक्ष को जीवन देती हैं, पतझर में गिर जाती हैं और बसंत में फिर से आ जाती हैं। वे थके हुए पथिक को छाया देकर उसके दुख-दर्द दूर करती हैं।

 

4
एक दिन फूलों ने भी कहा था,
पत्तियाँ ?
पत्तियों ने क्या किया ?
संख्या के बल पर बस डालों को छाप लिया,
डालों के बल पर ही चल-चपल रही हैं,
हवाओं के बल पर ही मचल रही हैं
लेकिन हम अपने से खुले, खिले, फूले हैं –
रंग लिए रस लिए, पराग लिए –
हमारी यश-गंध दूर-दूर-दूर फैली है,
भ्रमरों ने आकर हमारे गुन गाए हैं,
हम पर बौराए हैं।
सबकी सुन पाई है!

1.फूलों ने पत्तियों के बारे में क्या कहा?
(क) पत्तियाँ बहुत सुंदर हैं
(ख) पत्तियाँ केवल संख्या के बल पर डालों को ढक लेती हैं
(ग) पत्तियाँ ही सबसे मजबूत हैं
(घ) पत्तियाँ रंग और रस से भरी होती हैं
उत्तर– (ख) पत्तियाँ केवल संख्या के बल पर डालों को ढक लेती हैं

2. फूलों की कौन-सी विशेषता बताई गई है?
(क) वे झूमते और लहराते हैं
(ख) वे स्वर भरते हैं
(ग) वे डालों से झर जाते हैं
(घ) वे पराग, रस और रंग से भरे हैं
उत्तर- (घ) वे पराग, रस और रंग से भरे हैं

3. फूलों की यश-गंध कहाँ तक फैली है?
(क) पास-पड़ोस तक
(ख) केवल डाल तक
(ग) दूर-दूर तक
(घ) सिर्फ पेड़ तक
उत्तर- (ग) दूर-दूर तक

4. फूलों ने पत्तियों की कमजोरी किस प्रकार बताई?
उत्तर– फूलों ने कहा कि पत्तियाँ संख्या के बल पर डालों को ढक लेती हैं, लेकिन उनका अपना कोई विशेष योगदान नहीं है। वे डालों और हवाओं पर ही निर्भर रहती हैं। इस प्रकार फूलों ने यह स्पष्ट किया कि पत्तियाँ केवल सहारे से अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं।

5. फूलों ने अपने गुणों का वर्णन कैसे किया?
उत्तर– फूलों ने अपने बारे में कहा कि वे अपने आप खुलते और खिलते हैं। उनमें रंग, रस और पराग की भरपूरता है। उनकी यश-गंध दूर-दूर तक फैलती है। भँवरे उनके गुन गाते हैं और उन पर मोहित हो जाते हैं। इस प्रकार फूलों ने स्वयं को प्रकृति का सौंदर्य और महत्त्वपूर्ण अंग बताया।

 

PSEB Class 10 Hindi Lesson 6 जड़ की मुसकान बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

1. तना जड़ से क्यों कहता है कि ‘जड़ तो जड़ ही है’?
(क) क्योंकि जड़ सतह पर रहती है
(ख) क्योंकि जड़ जीवन से हमेशा डरी रहती है
(ग) क्योंकि जड़ मजबूत नहीं होती
(घ) क्योंकि जड़ सुंदर नहीं होती
उत्तर- (ख) क्योंकि जड़ जीवन से हमेशा डरी रहती है

2. तना अपने महत्व को किस आधार पर बताता है?
(क) वह धरती में रहता है
(ख) वह फूल खिलाता है
(ग) वह जमीन से ऊपर उठा और मजबूत बना
(घ) वह पत्तियाँ उगाता है
उत्तर- (ग) वह जमीन से ऊपर उठा और मजबूत बना

3. जड़ का इतिहास क्या बताया गया है?
(क) बाहर निकली रही
(ख) हमेशा डरती रही और जमीन में दबी रही
(ग) मजबूत और ऊँची रही
(घ) फूल खिलाए
उत्तर– (ख) हमेशा डरती रही और जमीन में दबी रही

4. ‘तना हूँ’ का अर्थ क्या है?
(क) झुक गया हूँ
(ख) हिल गया हूँ
(ग) थक गया हूँ
(घ) दृढ़ता से खड़ा हूँ
उत्तर– (घ) दृढ़ता से खड़ा हूँ

5. डालियाँ तने का मज़ाक क्यों उड़ाती हैं?
(क) क्योंकि तना सुंदर है
(ख) क्योंकि तना हिलता-डुलता नहीं
(ग) क्योंकि तना झुकता है
(घ) क्योंकि तना पत्तियों को ढक लेता है
उत्तर- (ख) क्योंकि तना हिलता-डुलता नहीं

6. डालियों के अनुसार तना कहाँ का है?
(क) जहाँ लगाया गया था वहीं का
(ख) हर जगह घूमता है
(ग) कभी झुकता है
(घ) हमेशा हिलता है
उत्तर- (क) जहाँ लगाया गया था वहीं का

7. डालियाँ अपने महत्व को कैसे बताती हैं?
(क) वे तने से फूटकर दिशाओं में फैलीं
(ख) वे फूल खिलाती हैं
(ग) वे जड़ को ढक लेती हैं
(घ) वे धरती में रहती हैं
उत्तर- (क) वे तने से फूटकर दिशाओं में फैलीं

8. पत्तियों ने डाल से क्या प्रश्न किया?
(क) तना में क्या कमाल है?
(ख) जड़ में क्या कमाल है?
(ग) डाल में क्या कमाल है?
(घ) फूलों में क्या कमाल है?
उत्तर- (ग) डाल में क्या कमाल है?

9. पत्तियाँ अपनी श्रेष्ठता किस आधार पर बताती हैं?
(क) वे हर-हर स्वर करती हैं और संगीत भरती हैं
(ख) वे धरती में गड़ी रहती हैं
(ग) वे फूल खिलाती हैं
(घ) वे हमेशा मोटी होती हैं
उत्तर- (क) वे हर-हर स्वर करती हैं और संगीत भरती हैं

10. पत्तियाँ पतझड़ में क्या करती हैं?
(क) हरी रहती हैं
(ख) झर जाती हैं
(ग) फूल खिलाती हैं
(घ) डाल को ढक लेती हैं
उत्तर- (ख) झर जाती हैं

11. फूलों ने पत्तियों की कमजोरी क्या बताई?
(क) पत्तियाँ केवल हवाओं के बल पर मचलती हैं
(ख) पत्तियाँ रंग और रस से भरी हैं
(ग) पत्तियाँ बहुत सुंदर हैं
(घ) पत्तियाँ यश-गंध फैलाती हैं
उत्तर- (क) पत्तियाँ केवल हवाओं के बल पर मचलती हैं

12. फूलों ने अपने गुणों में क्या बताया?
(क) वे अपने से खिलते हैं
(ख) उनमें रंग और पराग है
(ग) उनकी यश-गंध दूर तक फैलती है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर- (घ) उपरोक्त सभी

13. भौंरे फूलों के साथ क्या करते हैं?
(क) उन्हें तोड़ते हैं
(ख) उनके गुन गाते हैं और मंडराते हैं
(ग) उन्हें खाते हैं
(घ) उन पर बैठते ही नहीं
उत्तर- (ख) उनके गुन गाते हैं और मंडराते हैं

14. फूलों ने अपने को किस रूप में बताया?
(क) वृक्ष का सबसे सुंदर और महत्त्वपूर्ण अंग
(ख) तुच्छ अंग
(ग) केवल गंध फैलाने वाला
(घ) डालियों पर निर्भर
उत्तर- (क) वृक्ष का सबसे सुंदर और महत्त्वपूर्ण अंग

15. ‘जड़ की मुस्कान’ शीर्षक का क्या संकेत है?
(क) जड़ हँसती रहती है
(ख) जड़ मौन रहते हुए सब सुनती है
(ग) जड़ अपनी श्रेष्ठता जताती है
(घ) जड़ डालियों को तोड़ देती है
उत्तर- (ख) जड़ मौन रहते हुए सब सुनती है

16. ‘जड़ की मुसकान’ कविता किसके द्वारा रचित है?
(क) सुमित्रा नंदन पंत
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) हरिवंशराय बच्चन
(घ) जयशंकर प्रसाद
उत्तर- (ग) हरिवंशराय बच्चन

17. अंत में जड़ क्या करती है?
(क) सबका विरोध करती है
(ख) चुप रहती है और मुस्कुरा देती है
(ग) डालियों को तोड़ देती है
(घ) फूलों को गिरा देती है
उत्तर- (ख) चुप रहती है और मुस्कुरा देती है

18. ‘नूतन’ का पर्यायवाची शब्द है-
(क) नया
(ख) पुराना
(ग) नयन
(घ) तना
उत्तर- (क) नया

19. फूल किसे महत्वहीन कहते हैं?
(क) डालियों को
(ख) जड़ों को
(ग) तने को
(घ) पत्तियों को
उत्तर– (घ) पत्तियों को

20. पत्तियाँ पथिक का क्या करती हैं?
(क) उसकी प्यास बुझाती हैं
(ख) उसका शाप-ताप हर लेती हैं
(ग) उसे भोजन देती हैं
(घ) उसे सोने का स्थान देती हैं
उत्तर- (ख) उसका शाप-ताप हर लेती हैं

 

PSEB Class 10 Hindi जड़ की मुसकान प्रश्न और उत्तर (Extra Question Answers)

1.अंत में जड़ किस प्रकार प्रतिक्रिया देती है?
उत्तर- जब तना, डाल, पत्तियाँ और फूल सब अपनी-अपनी श्रेष्ठता बताने लगते हैं, तब जड़ चुपचाप सब सुनती रहती है। अंत में वह केवल मुस्कुरा देती है। उसकी मुस्कान यह संकेत देती है कि इन सबका अस्तित्व केवल उसी पर आधारित है, पर वह इसे कहती नहीं, बस मौन रहती है।

2. फूल पत्तियों को क्यों तुच्छ मानते हैं?
उत्तर– फूल पत्तियों को तुच्छ मानते हैं क्योंकि उनका मानना है कि पत्तियाँ केवल डालों पर निर्भर रहती हैं। वे हवाओं के सहारे मचलती रहती हैं और स्वयं से कुछ विशेष कार्य नहीं करतीं। इसके विपरीत फूल अपने आप खिलते हैं और संसार को सुगंध व सौंदर्य प्रदान करते हैं।

3. फूलों को देखकर भ्रमर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं?
उत्तर- फूलों को देखकर भ्रमर आकर्षित हो जाते हैं। वे मतवाले होकर फूलों के चारों ओर मंडराने लगते हैं और उनके गुण गाते हैं। इससे फूलों की सुंदरता और महत्ता और अधिक स्पष्ट हो जाती है।

4. पत्तियाँ पथिक के लिए किस प्रकार उपयोगी हैं?
उत्तर– पत्तियाँ थके हुए पथिक का शाप-ताप हर लेती हैं। उनकी छाया और शीतलता यात्री को विश्राम देती है। उनकी सरसराहट मन को शांति पहुँचाती है और दुख-दर्द दूर करती है। इस तरह पत्तियाँ केवल वृक्ष के लिए ही नहीं, बल्कि पथिक के लिए भी उपयोगी हैं।

5. पतझर और वसंत में पत्तियाँ क्या करती हैं?
उत्तर– पतझर में पत्तियाँ वृक्ष से झर जाती हैं और वृक्ष को खाली कर देती हैं। लेकिन वसंत ऋतु आते ही फिर से नई पत्तियाँ निकल आती हैं और वृक्ष को हरा-भरा बना देती हैं। इस प्रकार पत्तियाँ हर वर्ष वृक्ष को नया जीवन प्रदान करती हैं।

6. ‘हर-हर स्वर’ और ‘मर्मर स्वर’ से पत्तियों की कौन-सी विशेषता झलकती है?
उत्तर– ‘हर-हर स्वर’ और ‘मर्मर स्वर’ से पत्तियों की मधुर ध्वनि और जीवंतता प्रकट होती है। वे वातावरण में संगीत और लय भर देती हैं। उनकी सरसराहट से मन प्रसन्न होता है।

7. पत्तियाँ डाल से क्या प्रश्न करती हैं?
उत्तर– पत्तियाँ डाल से पूछती हैं कि उसमें क्या खास बात है। वे कहती हैं कि डाल तो केवल झूमती, झुकती और डोलती रहती है, पर उसने कभी कोई शब्द नहीं बोला।

8. डालियाँ तने को प्रगतिशील क्यों नहीं मानतीं?
उत्तर– डालियाँ तने को प्रगतिशील नहीं मानतीं क्योंकि तना हमेशा स्थिर खड़ा रहा। उसने प्रगतिशील जगत की गति में भाग नहीं लिया। डालियों के अनुसार तना केवल पोषण पाता रहा लेकिन उसने न तो हिलने-डुलने का साहस किया और न ही किसी प्रकार की गति दिखाई।

9. तना जड़ का कौन-सा योगदान नकार देता है?
उत्तर– तना यह स्वीकार नहीं करता कि जड़ ही वृक्ष को आधार और पोषण देती है। वह जड़ को महत्वहीन समझते हुए कहता है कि जड़ तो केवल धरती में छिपी रहती है और उसका जीवन डर और दबाव में गुज़रता है। इस तरह तना जड़ के असली योगदान को नकार देता है।

10. ‘जड़ की मुसकान’ कविता हमें जीवन के किस मूलभूत सत्य की शिक्षा देती है?
उत्तर– यह कविता हमें सिखाती है कि प्रगति और उपलब्धियों का आधार हमेशा मजबूत नींव पर टिका होता है। जैसे वृक्ष का अस्तित्व उसकी जड़ पर निर्भर है, वैसे ही मनुष्य की सफलता उसके मूलभूत आधार और सहयोगियों पर निर्भर करती है। इसलिए हमें कभी भी उन लोगों को नहीं भूलना चाहिए जिनकी वजह से हम आगे बढ़ पाए हैं। यही ‘जड़ की मुसकान’ कविता का संदेश है।