राजेंद्र बाबू और उनकी पत्नी का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Rajendra Babu and his Wife from PSEB Class 10 Hindi Book Chapter 14 Rajendra Babu

 

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राजेंद्र बाबू का चरित्र चित्रण (Character Sketch of Rajendra Babu)

  • साधारण व्यक्तित्व  – राजेंद्र बाबू की मुख की आकृति ही नहीं, बल्कि उनके शरीर की पूरी बनावट में एक सामान्य भारतीय जन की आकृति और बनावट की छाया थी, अतः उन्हें देखने पर हर किसी को अपना कोई-न-कोई जान-पहचान वाला व्यक्ति या कोई आकृति याद आ जाती थी और वह अनुभव करने लगता था कि इस प्रकार के व्यक्ति को पहले भी कहीं देखा है। अर्थात राजेंद्र बाबू का व्यक्तित्व इतना साधारण था कि हर किसी को उनमें अपना कोई न कोई दिखाई पड़ जाता था।
  • आकर्षक व्यक्तित्व – राजेंद्र बाबू के काले घने बाल थे जो छोटे कटे हुए थे, उनका चौड़ा मुख व् चौड़ा माथा था, घनी भौहों के नीचे उनकी बड़ी आँखें थी, उनके मुख के अनुपात में उनकी नाक कुछ भारी थी, उनकी चौड़ी ठुड्डी कुछ गोलाई लिए हुए थी, उनके होंठ कुछ मोटे परन्तु सुडौल थे, उनका गेहुआ वर्ण श्याम रंग की झलक देता था, गाँव के लोगों की तरह बड़ी-बड़ी मूँछें थी, जो ऊपर के होंठ पर ही नहीं बल्कि नीचे के होंठ पर भी रोएँदार बालों का मानो पर्दा डाले हुए थीं। हाथ, पैर, शरीर सबकी लंबाई में कुछ ऐसी विशेषता थी, जो किसी की भी दृष्टि को आसानी से अपनी ओर आकर्षित कर लेती थी।
  • सामान्य जन – राजेंद्र बाबू खादी की मोटी धोती-कुर्ता, काला बंद गले का कोट, गांधी टोपी, साधारण मौजे और जूते पहनते थे। उनका स्वभाव अत्यन्त शांत था। वे सदा सादगी पसंद करते थे। अपने स्वभाव तथा रहन-सहन में वे एक सामान्य भारतीय अथवा किसान के समान थे। उनका खान-पान अत्यन्त साधारण था।
  • भेदभाव विरोधी – राजेंद्र बाबू छात्रावास की सभी छात्राओं को एक ही दृष्टि से देखते थे। उन्होंने अपनी पोतियों को भी सामान्य बालिकाओं के साथ सादगी एवं संयम से रहने का आदेश दिया था। वे उनमें अहंकार की भावना न देखना चाहते थे। इसलिए भारत के राष्ट्रपति बनने पर भी उन्होंने लेखिका से आग्रह किया था कि अपनी पोतियों को पहले की तरह ही सादगीपूर्ण रहते हुए कर्तव्य का पालन करते रहने की शिक्षा दी जाए।
  • सरल व् सज्जन व्यक्ति – जब लेखिका राष्ट्रपति-भवन पहुँची, वहाँ उनका खूब अतिथिसत्कार हुआ। परन्तु लेखिका उनके उपवास के दिन राष्ट्रपति-भवन पहुंची। उस दिन भारत के प्रथम राष्ट्रपति को सामान्य आसन पर बैठ कर दिन भर के उपवास के बाद भी कुछ उबले हुए आलू खाकर पेट भरते देखकर लेखिका को आश्चर्य हुआ और लेखिका को भी वही खाते देखकर, उनके चेहरे पर लेखिका ने संतोष की एक झलक महसूस की। वास्तव में जीवन मूल्य की सच्ची पहचान रखने वाले वे एक महान् व्यक्ति थे, जिन्हें ‘देशरत्न’ (भारत रत्न) की उपाधि दी गई। स्वभाव की इसी सरलता से उनके जीवन में कोई शत्रु नहीं था। आज के समय में राजेंद्र बाबू जैसा व्यक्ति मिलना असंभव है। 

राजेंद्र बाबू के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the Character of Rajendra Babu)

Q1. राजेंद्र बाबू के चरित्र को उजागर कीजिये।
Q2. कैसे पता चलता है कि राजेंद्र बाबू भेद भाव का विरोध करते थे। 

 

राजेंद्र बाबू की धर्मपत्नी का चरित्र चित्रण (Character Sketch of Rajendra Babu’s Wife

  • अहंकार रहित – बिहार के ज़मीदार परिवार की वधू तथा स्वतंत्रता संग्राम के सुप्रसिद्ध सेनानी एवं भारत के प्रथम राष्ट्रपति की पत्नी होने का भी उन्हें अहंकार नहीं था। वह बहुत साधारण तरह से जीवन व्यतीत करती थी। 
  • संवेदनशील – लेखिका के छात्रावास में अपनी पोतियों से मिलने आने पर वे छात्रावास की अन्य छात्राओं, सेवकों आदि को भी मिठाई बांट देती थीं। गंगा स्नान के समय वे खूब दान करती थीं।
  • सरल व्यक्तित्व की महिला – उपवास की समाप्ति भी वे फल, मेवों, मिठाइयों आदि के स्थान पर उबले हुए आलू खाकर करते थे। वे सामान्य नागरिकों व् किसान की भाँती जीवन व्यतीत करते थे।
  • धरती की पुत्री – लेखिका ने राजेंद्र बाबू की पत्नी को सच्चे अर्थों में धरती की पुत्री इसलिए कहा है क्योंकि वे धरती के समान सरल, क्षमामयी, सबके प्रति ममतालु तथा त्यागमयी थीं। वे सबका बहुत ध्यान रखती थीं। वे अत्यंत विनम्र स्वभाव की थीं। सभी को एक समान आदर व् प्रेम देती थी। वे एक भारतीय नारी के संपुर्ण गुणों से परिपूर्ण थी।
  • सच्ची भारतीय नारी – राजेंद्र बाबू की पत्नी एक सच्ची भारतीय नारी थीं। वह धरती के समान सहनशील, क्षमामयी, ममतालु तथा सरल थीं। राष्ट्रपति भवन में वे स्वयं भोजन पकाती थी तथा पति, परिवार, परिजनों आदि को खिला कर ही स्वयं अन्न ग्रहण करती थीं। 

 

राजेंद्र बाबू की धर्मपत्नी के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the Character of Rajendra Babu’s Wife)

Q1. राजेंद्र बाबू की पत्नी धरती की पुत्री कैसे थी ?
Q2. राजेंद्र बाबू की पत्नी ने कैसे साबित किया कि वे एक सच्ची भारतीय नारी हैं ?