Class 12 Hindi Word Meanings

 

Class 11 NCERT Aroh Bhag 2 Book Poetry difficult word meanings

 

Here, the difficult words and their meanings of all the Poetry of CBSE Class 12 Hindi Aroh Bhag 2 Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the poetry from the NCERT Class 12 Hindi Aroh Bhag 2 Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.

 

 
 

Chapter 1 – Atmaparichay, Ek Geet (आत्मपरिचय और एक गीत)

आत्मपरिचय

  1. जग – संसार
  2. भार – बोझ (कठिनाई)
  3. झंकृत – झनझनाहट, झनझन की आवाज़, झंकार, कम्पन
  4. स्नेह – प्रेम, प्यार
  5. सुरा – शराब, मदिरा, मद्य
  6. पान – तरल पदार्थ पीने की क्रिया या भाव, पीना
  7. गान – गीत
  8. निज – हमेशा
  9. उर – मन, दिल
  10. उद्गार – दिल के भाव
  11. उपहार – भेंट, तोहफ़े
  12. अपूर्ण – अधूरा
  13. भाता – अच्छा लगना
  14. स्वप्नों का संसार – काल्पनिक दुनिया, कल्पना का संसार
  15. दहा – जला
  16. मग्न – डूबा हुआ, तन्मय, लीन
  17. भव-सागर – भावनाओं का समुद्र, संसार रूपी सागर
  18. मौज – लहर
  19. यौवन – जवानी
  20. उन्माद – पागलपन, सनक
  21. अवसाद – उदासी, दुख, निराशा
  22. यत्न – कोशिश, प्रयत्न, प्रयास
  23. नादान – नासमझ, अनाड़ी
  24. दाना – (अन्न का कण या बीज) , बुद्धिमान, ज्ञानी, चतुर
  25. मूढ़ – परम मूर्ख, नासमझ
  26. नाता – संबंध, रिश्ता
  27. वैभव – ऐश्वर्य, धन-दौलत, सुख-शांति, समृद्ध
  28. पग – पैर
  29. रोदन – रोना, विलाप
  30. राग – प्रेम, अनुराग
  31. आग – अग्नि (पद्यानुसार – जोश)
  32. शीतल – ठण्ड
  33. वाणी – भाषा, वचन, बात
  34. भूप – राजा
  35. प्रासाद – राज-भवन, राज-महल
  36. निछावर – कुर्बान
  37. खंडहर – टूटा हुआ भवन, गिरे हुए मकान का अवशेष, भग्न अवशेष
  38. भाग – हिस्सा, अंश
  39. फूट पड़ा – जोर से रोना
  40. छंद – मात्राओं का निश्चित मान जिनके अनुसार पद्य रचना की जाती है
  41. दीवाना – पागल, विक्षिप्त
  42. मादकता – मस्ती, नशा, उन्माद
  43. नि:शेष – संपूर्ण, पूरी तरह से समाप्त, जिसमें कुछ शेष न हो, जिसका कोई अंश न रह गया हो

एक गीत

  1. ढलना – समाप्त होना, लुढ़कना
  2. पथ – रास्ता, मार्ग, राह
  3. मंजिल – लक्ष्य, पड़ाव, मुक़ाम
  4. पंथी – राही, पथिक, यात्री, बटोही
  5. प्रत्याशा – आशा, उम्मीद, भरोसा
  6. नीड़ – घोंसला
  7. पर – पंख
  8. चचलता – अस्थिरता, चपलता
  9. विकल – व्याकुल, परेशान, असमर्थ
  10. हित – भलाई, उपकार
  11. चंचल – क्रियाशील, अस्थिर
  12. शिथिल – ढीला, थका माँदा
  13. पद – पैर
  14. उर – हृदय
  15. विह्वलता – बेचैनी, भाव आतुरता

 
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Chapter 2 – Patang (पतंग)

  1. बौछार – झड़ी, हवा के झोंके से तिरछी होकर गिरने वाली बूँदे
  2. भादों – भाद्र मास, सावन के बाद आने वाला महीना
  3. सवेरा – सुबह, प्रातःकाल, प्रभात
  4. शरद – पतझड़
  5. पुल – सेतु
  6. चमकीला – चमकदार
  7. इशारा – संकेत
  8. पतंग – कनकैया
  9. झुंड – भीड़, दल, जमघट
  10. मुलायम – कोमल
  11. कमानी – लचीली एवं झुकाई गई लोहे की कीली, स्प्रिंग
  12. किलकारियाँ – बच्चों का खुशी से चिल्लाना
  13. नाज़ुक – कोमल, सुकुमार, मृदु
  14. कपास – एक प्रसिद्ध पौधा जिसके फल से रूई निकलती है
  15. बेचैन – व्याकुल, बेकल
  16. बेसुध – अचेत, बेहोश
  17. नरम – मुलायम, कोमल, मृदुल
  18. मृदंग – तबला, ढोलक, तम्बूरा
  19. लचीला – मुड़नेवाला
  20. वेग – गति, संवेग, चाल, तेज़ी, रफ़्तार
  21. अक्सर – प्रायः
  22. खतरनाक – संकटमय, जोखिमभरा, जोखिम वाला
  23. रोमांचित – जिसे रोमांच हो आया हो, पुलकित
  24. थाम – विराम, रोक, अवरोध, पकड़
  25. महज़ – केवल, निरा, सिर्फ़, मात्र
  26. रंध्र – सूराख, छेद
  27. निडर – भय–हीन
  28. सुनहले – स्वर्णिम, सोने के रंग का, सोने का सा, पीला

 
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Chapter 3 – Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par (कविता के बहाने और बात सीधी थी पर)

कविता के बहाने

  1. उड़ान – उड़ने की क्रिया या भाव, छलाँग, कुदान, एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने का भाव
  2. बहाने – टालमटोल, हीला-हवाला, ढब, छल, धोखा, फ़रेब, झूठ बोलना, टालना
  3. माने – मायने
  4. खिलना – विकसित होना
  5. मुरझाए – उदास होना
  6. महकना – महक देना, ख़ुशबूदार होना, सुंगंधित होना

बात सीधी थी पर

  1. सीधी – सरल, सहज
  2. चक्कर – प्रभाव
  3. टेढ़ा फंसना – बुरा फँसना
  4. पाना – प्राप्त होना, मिलना
  5. भाषा को उलटा-पलटा – अपने अनुसार भाषा में परिवर्तन करना
  6. तोड़ा-मरोड़ा – अपने अनुसार करना या बनाना, काट-छाँट, हेर-फेर
  7. पेचीदा – कठिन, मुश्किल
  8. मुश्किल – कठिन, संकट, विपत्ति
  9. धैर्य – धीरज, चित्त की दृढ़ता, स्थिरता
  10. पेंच – ऐसी कील जिसके आधे भाग पर चूड़ियाँ बनी होती हैं, उलझन
  11. बेतरह – बुरी तरह से, विकट रूप से, असाधारण रूप से
  12. करतब – चमत्कार, कौशल
  13. तमाशबीन – दर्शक, तमाशा देखने वाले
  14. शाबाशी – प्रशंसा, प्रोत्साहन
  15. जबरदस्ती – बलपूर्वक किया गया काम, जुल्म
  16. बेकार – निठल्ला, निकम्मा, बेरोज़गार
  17. चूड़ी मरना – पेंच कसने के लिए बनी चूड़ी का नष्ट होना, कथ्य का मुख्य भाव समाप्त होना
  18. ठोंकना  – किसी चीज को किसी दूसरी चीज के अन्दर गड़ाना, जमाना, धंसाना
  19. कसाव – खिचाव, गहराई
  20. सहूलियत – सहजता, सुविधा
  21. बरतना – व्यवहार में लाना

 
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Chapter 4 – Camere Mein Band Apahij (कैमरे में बंद अपाहिज)

  1. दूरदर्शन – विद्युत तरंगों की मदद से बहुत दूर के दृश्य को प्रत्यक्ष रूप से देखने की प्रणाली, (टेलीविज़न), दूर की चीज़ देखना
  2. समर्थ – सक्षम, बलवान, शक्तिशाली
  3. शक्तिवान – जिसमें बल या शक्ति हो या जोरदार
  4. दुर्बल – कमज़ोरी, दुबलापन
  5. अपाहिज – लुला लँगडा, काम करने के अयोग्य, जो काम न कर सके
  6. इशारा – संकेत, इंगित
  7. अवसर – मौका, समय, सुयोग
  8. रोचक – मनोरंजक, दिलचस्प
  9. वास्ते – कारण, हेतु, लिए
  10. परदा – ओट, आवरण अभिनय, खेल-तमाशों आदि में, वह लंबा-चौड़ा कपड़ा जो दर्शकों के सामने लटका रहता और जिस पर या तो कुछ दृश्य अंकित होते हैं
  11. कसमसाहट – कुलबुलाहट, जुंबिश, बेचैनी, व्याकुलता, घबराहट
  12. धीरज – धैर्य, संतोष, सब्र
  13. संग – साथ
  14. उद्देश्य – प्रयोजन, लक्ष्य, अभिप्राय
  15. युक्त – संयुक्त, मिश्रित, सम्मिलित
  16. कसर – मेहनत, परिश्रम

 
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Chapter 5 – Usha (उषा)

  1. प्रात – सुबह
  2. भोर – प्रभात
  3. नभ – आकाश
  4. चौका – रसोई बनाने का स्थान
  5. सिल – मसाला पीसने के लिए बनाया गया पत्थर
  6. केसर – विशेष फूल, एक सुगंध देनेवाला पौधा
  7. खड़िया – सफ़ेद रंग की चिकनी मुलायम मिट्टी जो पुताई और लिखने के काम आती है, चिह्न बनाने के काम आने वाली मिट्टी
  8. मल देना – लगा देना
  9. गौर – गोरी
  10. झिलमिल – मचलती हुई, रह-रह कर घटता-बढ़ता हुआ प्रकाश
  11. देह – शरीर, काया, तन
  12. जादू – आकर्षण, सौंदर्य, हाथ की सफ़ाई
  13. उषा – सुबह होने के कुछ पहले का मंद प्रकाश, भोर, प्रभात, तड़का, ब्रह्म वेला, प्रात:काल
  14. सूर्योदय – सूर्य का उदित होना या निकलना, सूर्य के उगने का समय, प्रातःकाल, सवेरा

 
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Chapter 6 – Baadal Raaga (बादल राग)

  1. तिरती – तैरती, तैरना
  2. समीर – वायु, हवा, सुबह की खुशबू
  3. सागर – समुद्र, जलधि, उदधि
  4. अस्थिर – क्षणिक, जो स्थिर न हो, डाँवाडोल, चंचल
  5. दग्ध –  जला या जलाया हुआ, भस्मीकृत
  6. निर्दय – बेदर्द, जिसके मन में दया न हो, दयाहीन, निष्ठुर, क्रूर, बेरहम
  7. विप्लव – विनाश, उपद्रव, उत्पात, उथल-पुथल, विपदा, विपत्ति, आफ़त
  8. प्लावित – बाढ़ से ग्रस्त, डूबा हुआ (बाढ़ में), जलमग्न, जिसपर बाढ़ का पानी चढ़ आया हो, जल से व्याप्त, तैराया हुआ
  9. माया – खेल, दौलत, भ्रम, इंद्रजाल, जादू, कपट, धोखा
  10. रण – युद्ध, लड़ाई, जंग
  11. तरी – नाव, नौका
  12. आकांक्षा – कामना, अभिलाषा, इच्छा, चाह
  13. भेरी – नगाड़ा, युद्ध क्षेत्र का बाजा नगाड़ा
  14. गर्जन – गरजना, बादलों की गड़गड़ाहट, गुस्सा, युद्ध
  15. सजग – जागरूक, सचेत, सावधान
  16. सुप्त – सोया हुआ, निद्रित, रुका, थमा या दबा हुआ
  17. अंकुर – बीज से निकला नन्हा पौधा, कोंपल, पल्लव, कली
  18. उर – हृदय
  19. नवजीवन – नया जीवन
  20. वर्षण – वृष्टि, वर्षा, बारिश
  21. मूसलधार – भयंकर या भीषण, जोरों की बारिश
  22. हृदय थामना – भयभीत होना
  23. घोर – भयंकर, भयावह, विकराल, डरावना
  24. वज्र-हुंकार – वज्रपात के समान भयंकर आवाज़
  25. अशनि-पात – बिजली गिरना
  26. शापित – शाप से ग्रस्त, शाप दिया हुआ
  27. उन्नत – बड़ा, उच्च, उठा हुआ
  28. शत-शत -सैकड़ो, सौ का संग्रह
  29. विक्षप्त – घायल, पागलपन, उन्माद
  30. हत – मरे हुए, जो मार डाला गया हो, वध किया हुआ
  31. अचल – स्थिर, गतिहीन, पर्वत
  32. गगन-स्पर्शी – आकाश को छूने वाला
  33. स्पर्द्धा-धीर – आगे बढ़ने की होड़ करने हेतु बेचैनी
  34. लघुभार – हलके
  35. शस्य – हरियाली, अन्न, गल्ला, खाद्यान्न, धान्य
  36. अपार – बहुत, जिसका पार न हो, अनंत, असीम
  37. रव – शोर, शब्द, आवाज़
  38. अट्टालिका – अटारी, महल
  39. आतंक-भवन – भय का निवास
  40. यक – कीचड़, अकेला, एक
  41. प्लावन – बाढ़, जल-प्रलय
  42. क्षुद्र – तुच्छ, नगण्य, महत्वहीन, दरिद्र
  43. प्रफुल- खिला हुआ, प्रसन्न, विकसित
  44. जलज – कमल, जल में उत्पन्न होने वाला, जो जल में उत्पन्न हो
  45. नीर – पानी, जल
  46. शोक – दुख, गम, दर्द, दुखड़ा
  47. शैशव – बचपन, लड़कपन
  48. सुकुमार – कोमल, कोमलता, नर्मी, मुलायमत
  49. रुदध – रुका हुआ
  50. कोष – ख़ज़ाना, भंडार, धन-दौलत रखने की जगह
  51. क्षुब्ध – क्रुद्ध, चिंतित, भयभीत
  52. तोष – शांति, आनंद, प्रसन्नता, ख़ुशी
  53. अंगना – पत्नी
  54. अंग – शरीर
  55. अंक – गोद
  56. वज्र-गर्जन – वज्र के समान गर्जन
  57. त्रस्त – पीड़ित, जो कष्ट में हो, डरा हुआ, भयभीत
  58. जीर्ण – पुरानी, शिथिल, बदहाल, अत्यधिक पुराना
  59. बहु – भुजा,  जिसमें अनेक कोण हों, बहुभुज, कई तरह से होने वाला
  60. शीण – कमजोर
  61. कृषक – किसान, खेतिहर, हलवाहा
  62. अधीर – व्याकुल, धैर्यहीन, उतावला, आतुर
  63. विप्लव – विनाश, उपद्रव, उत्पात, उथल-पुथल, विपदा, विपत्ति, आफ़त
  64. सार – प्राण, तत्व, सत्त
  65. हाड़-मात्र – केवल हड्डयों का ढाँचा
  66. यारावार – समुद्र

 
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Chapter 7 – Kavitawali, Lakshman Moorchha aur Ram ka Vilap (कवितावली और लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप)

कवितावली (उत्तर काण्ड से)

  1. किसबी – मजदूर, श्रमजीवी, धंधा करने वाले
  2. कुल – परिवार
  3. बनिक – व्यापारी
  4. भाट – नाचने गाने वाले लोग, प्रशंसा करने वाला
  5. चाकर – घरेलू नौकर, सेवक
  6. चपल नट – रस्सी पर चलने वाला
  7. चार – गुप्तचर, दूत, संदेशवाहक
  8. चटकी – जादूगर
  9. गुनगढ़त – विभिन्न कलाएँ व विधाएँ सीखना
  10. अटत – घूमता, पूरा पड़ना, काफी होना
  11. अखटकी – शिकार करना
  12. गहन गन – घना जंगल
  13. अहन – दिन, भोर, सूर्योदय, सुबह की महिमा
  14. करम – कार्य, काम, भाग्य, किस्मत
  15. अधरम – पाप
  16. बुझाड़ – बुझाना, शांत करना
  17. घनश्याम – काला बादल
  18. बड़वागितें – समुद्र की आग से
  19. आग येट की – भूख
  20. बलि – दान-दक्षिणा, नैवेद्य, भोग
  21. बनिक – व्यापारी
  22. बनिज – व्यापार
  23. चाकर – घरेलू नौकर, सेवक
  24. चाकरी – नौकरी, सेवा
  25. जीविका – भरण-पोषण का साधन, काम-धंधा, रोज़ी, वृत्ति
  26. बिहीन – रहित, बिना
  27. सीद्यमान – दुःखी, पीड़ित
  28. सोच – चिंतन, चिंता, फ़िक्र
  29. बस – वश में
  30. एक एकन सों – आपस में
  31. का करी – क्या करें
  32. बेदहूँ – वेद
  33. पुरान – पुराण
  34. लोकहूँ – लोक में भी
  35. बिलोकिअत – देखते हैं
  36. साँकरे – संकट
  37. रावरें – आपने
  38. दारिद – गरीबी
  39. दसानन – रावण
  40. दबाढ़ – दबाया
  41. दुनी – संसार
  42. दीनबंधु – दुखियों पर कृपा करने वाला
  43. दुरित – पाप
  44. दहन – जलाने वाला, नाश करने वाला
  45. हहा करी – दुखी हुआ
  46. धूत – त्यागा हुआ, त्यक्त, दूर किया हुआ
  47. अवधूत – संन्यासी, साधुओं का एक भेद
  48. रजपूतु – राजपूत
  49. जलहा – जुलाहा, करघे पर कपड़ा बुनने वाला शिल्पी
  50. कोऊ – कोई
  51. काहू की – किसी की
  52. ब्याहब – ब्याह करना है
  53. बिगार – बिगाड़ना
  54. सरनाम  – प्रसिद्ध, मशहूर
  55. गुलामु – दास, गुलाम
  56. जाको – जिसे
  57. रुच – अच्छा लगे
  58. ओऊ – और
  59. खैबो – खाऊँगा
  60. मसीत  – मसजिद
  61. सोढ़बो  – सोऊँगा
  62. लैंबो – लेना
  63. वैब – देना
  64. दोऊ – दोनों

लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप

  1. तव – तुम्हारा, आपका
  2. प्रताप – यश, गौरव, तेज
  3. उर – हृदय
  4. राखि – रखकर
  5. जैहऊँ – जाऊँगा
  6. नाथ – स्वामी
  7. अस – इस तरह
  8. आयसु – आज्ञा
  9. पाड़ – पाकर
  10. पद – चरण, पैर
  11. बदि – वंदना करके
  12. बहु – भुजा
  13. सील – सद्व्यवहार
  14. गुन – गुण
  15. प्रीति – प्रेम
  16. अयार – अधिक
  17. महुँ – में
  18. सराहत – बड़ाई करते हुए
  19. पुनि-पुनि – फिर-फिर
  20. पवनकुमार – हनुमान
  21. उहाँ – वहाँ
  22. लछिमनहि – लक्ष्मण को
  23. निहारी – देखा
  24. मनुज – मनुष्य
  25. अनुसारी – समान
  26. अर्ध – आधी
  27. राति – रात
  28. कपि – बंदर (हनुमान)
  29. आयउ – आया
  30. अनुज- छोटा भाई (लक्ष्मण)
  31. उर – हृदय
  32. सकहु – सके
  33. दुखित – दुखी
  34. मोहि – मुझे
  35. काउ – किसी प्रकार
  36. बंधु – भाई, भ्राता
  37. तव – तेरा
  38. मृदुल – कोमल
  39. सुभाऊ – स्वभाव
  40. मम – मेरे
  41. हित – भला
  42. तजहु – त्याग दिया
  43. सहेहु – सहन किया
  44. बिपिन – जंगल
  45. हिम – बर्फ
  46. आतप – धूप
  47. बाता – हवा, तूफ़ान
  48. सो – वह
  49. अनुराग – प्रेम
  50. बच – वचन
  51. बिकलाई – व्याकुल
  52. जौं – यदि
  53. जनतेऊँ – जानता
  54. बिछोहू – बिछड़ना, वियोग
  55. मनतेऊँ – मानता
  56. ओहू – उस 
  57. बित – धन
  58. नारि – स्त्री, पत्नी
  59. होहिं – आते हैं
  60. जाहि – जाते हैं
  61. जग – संसार
  62. बारहिं बारा – बार-बार
  63. अस – ऐसा, इस तरह
  64. बिचारि – सोचकर
  65. जियँ – मन में
  66. ताता – भाई के लिए संबोधन
  67. सहोदर – एक ही माँ की कोख से जन्मे
  68. भ्राता – भाई
  69. जथा – जिस प्रकार
  70. बिनु – के बिना
  71. दीना – दीन-हीन
  72. मनि – नागमणि
  73. फनि – फन (साँप)
  74. करिबर – श्रेष्ठ हाथी
  75. कर – सूंड़
  76. हीना – से रहित
  77. मम – मेरा
  78. जिवन – जीवन
  79. बंधु – भाई
  80. तोही – तुम्हारे
  81. जौं – यदि
  82. जड़ – कठोर
  83. दैव – भाग्य
  84. जिआवै – जीवित रखे
  85. मोही – मुझे
  86. जैहऊँ – जाऊँगा
  87. कवन – कौन
  88. मुहुँ – मुख
  89. हेतु – के लिए
  90. गँवाई – खोकर
  91. बरु – चाहे
  92. अपजस – अपयश
  93. सहतेऊँ – सहन करता
  94. माहीं – में
  95. बिसेष – खास
  96. छति – हानि, नुकसान 
  97. अपलोकु -अपयश
  98. सहिहि – सहन कर लेगा
  99. निठुर – कठोर
  100. उर – हृदय
  101. निज – अपनी
  102. जननी – माँ
  103. कुमारा – पुत्र
  104. तात – पिता
  105. तासु – उसके
  106. प्रान अधारा – प्राणों के आधार
  107. साँयेसि – सौपा था
  108. मोह – मुझे
  109. गहि – पकड़कर
  110. यानी – हाथ
  111. हित – हितैषी
  112. जानी – जानकर
  113. उतरु – उत्तर
  114. काह – क्या
  115. तेहि – उसे
  116. किन – क्यों नहीं
  117. सोच बिमोचन – शोक दूर करने वाला
  118. स्त्रवत – चूता है
  119. सलिल – जल
  120. राजिव – कमल
  121. गति – दशा 
  122. प्रलाप – तर्कहीन वचन-प्रवाह
  123. बिकल – परेशान
  124. निकर – समूह
  125. जिमि – जैसे
  126. मँह – में
  127. हरषि – खुश होकर
  128. भेंटेउ – गले लगाकर प्रेम प्रकट किया
  129. अति – बहुत अधिक
  130. कृतग्य – आभार
  131. सुजाना – अच्छा ज्ञानी, समझदार
  132. बैद – वैद्य
  133. कीन्ह – किया
  134. भ्राता – भाई
  135. हरषे – खुश हुए
  136. सकल – समस्त
  137. ब्राता – समूह, झुंड
  138. पुनि – दुबारा
  139. ताहि – उसको
  140. लइ आवा – लेकर आए थे 
  141. बृतांत – वर्णन
  142. बिषाद – दुख
  143. सिर धुनेऊ – पछताया
  144. पहिं – पास
  145. बिबिध – अनेक
  146. जतन – उपाय, प्रयास
  147. करि – करके
  148. ताहि – उसे
  149. जगावा – जगाया
  150. निसिचर – राक्षस अर्थात कुंभकरण
  151. कालु – मौत
  152. देह – शरीर
  153. धरि – धारण करके
  154. बैसा – बैठा
  155. बूझा – पूछा
  156. कहु – कहो
  157. काहे – क्यों
  158. तव – तेरा
  159. सुखाई – सूख रहे हैं
  160. कथा – कहानी
  161. तेहिं – उस
  162. जहि – जिस
  163. हरि – हरण करके
  164. आनी – लाए
  165. कपिन्ह – हनुमान आदि वानर
  166. महा महा – बड़े-बड़े
  167. जोधा – योद्धा
  168. संघारे – संहार किया
  169. दुर्मुख – एक राक्षस का नाम
  170. सुररियु – देवताओं का शत्रु (इंद्रजीत)
  171. मनुज अहारी – नरांतक
  172. भट – योद्धा
  173. अतिकाय – एक राक्षस का नाम
  174. अपर – दूसरा
  175. महोदर – एक राक्षस का नाम
  176. आदिक – आदि
  177. समर – युद्ध
  178. महि – धरती
  179. रनधीरा – रणधीर
  180. दसकंधर – रावण
  181. बिलखान – दुखी होकर रोने लगा
  182. जगदंबा – जगत-जननी
  183. हरि – हरण करके
  184. आनि – लाकर
  185. सठ – मूर्ख
  186. कल्यान – कल्याण, शुभ 

 
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Chapter 8 – Rubaiyan (रुबाइयाँ)

  1. चाँद का टुकड़ा – बहुत प्यारा
  2. गोद-भरी – गोद में भरकर, आँचल में लेकर
  3. लोका देती हैं – उछाल देती है
  4. छलके – हिलते-डुलते
  5. निर्मल – स्वच्छ, साफ़
  6. उलझे – अस्त-व्यस्त
  7. गेसुओं – बालों
  8. घुटनियों – घुटनों
  9. पिन्हाती – पहनाती
  10. शाम – संध्या, सूर्यास्त का समय, दिन का अंत
  11. पुते – साफ़-सुथरे, रैंगे
  12. लावे – लाए
  13. रूपवती – सुंदरी, खूबसूरत
  14. मुखड़े – मुख, चेहरा
  15. इक – एक
  16. दमक – चमक
  17. घरोंदे – मिट्टी के घर, छोटा घर, मिट्टी-रेत आदि का छोटा घर जिससे बच्चे खेलते हैं
  18. दिए – दीपक
  19. ठुनक – मचलना, बनावटी रोना
  20. जिदयाया – जिद के कारण मचला हुआ
  21. हई – है ही
  22. दर्पण – शीशा
  23. आईने – दर्पण, शीशा
  24. रस की पुतली – आनंद की सौगात, मीठा बंधन
  25. घटा – बादल
  26. गगन – आकाश
  27. लच्छा – राखी के चमकदार लच्छा, हाथ या पैर में पहनने का पतली या हलकी ज़ंजीरों से बना गहना

 
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Chapter 9 – Chhota Mera Khet, Bagulon ke Pankh (छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख)

 छोटा मेरा खेत

  1. चौकोना – चार कोनों वाला
  2. पन्ना – पृष्ठ
  3. अंधड़ – आँधी, बहुत वेग के साथ चलने वाली धूल भरी आँधी
  4. क्षण – पल
  5. रसायन –  पदार्थो के अणुओं या परमाणुओं में प्रतिक्रिया से उत्पन्न होने वाला पदार्थ (केमिकल) , सहायक पदार्थ
  6. नि:शेष -पूरी तरह
  7. अंकुर – नन्हा पौधा, बीज, गुठली आदि में से निकलने वाला नया डंठल
  8. फूटे – पैदा हुए
  9. पल्लव – नया और कोमल पत्ता, कोंपल
  10. पुष्पों – फूलों
  11. नमित – झुका हुआ
  12. विशेष – खास तौर पर 
  13. रस – साहित्य का आनंद, फल का रस
  14. अलौकिक – दिव्य, अद्भुत
  15. अमृत धाराएँ – रस की धाराएँ
  16. रोपाई – छोटे-छोटे पौधों को खेत में लगाना
  17. अनंतता – सदा के लिए
  18. अक्षय – कभी नष्ट न होने वाला
  19. पात्र – बर्तन, काव्यानंद का स्रोत

बगुलों के पंख

  1. नभ – आकाश, आसमान
  2. पाँती – पंक्ति
  3. कजरारे – काले
  4. साँझ – संध्या, सायं काल
  5. सर्तज – चमकीला, उज्जवल
  6. श्वेत – सफेद
  7. काया – शरीर
  8. हले हॉले – धीरे-धीरे
  9. निज – अपना
  10. माया – प्रभाव, जादू
  11. तनिक – थोड़ा
  12. पाँखें – पंख

 
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