Class 11 NCERT Aroh Bhag 1 Book Poetry difficult word meanings
Here, the difficult words and their meanings of all the Poetry of CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag 1 Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the poetry from the NCERT Class 11 Hindi Aroh Bhag 1 Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.
- Chapter 9 – कबीर के पद
- Chapter 10 – मीरा के पद
- Chapter 11 – घर की याद
- Chapter 12 – चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
- Chapter 13 – ग़ज़ल
- Chapter 14 – वचन
- Chapter 15 – सबसे खतरनाक
- Chapter 16 – आओ मिलकर बचाएँ
Chapter 9 – कबीर के पद
- एक – परमात्मा
- दोई – दो
- तिनहीं – उनको
- दोजग – नरक
- नाहिंन – नहीं
- एकै – एक
- पवन – हवा
- जोति – प्रकाश
- समाना – व्याप्त
- खाक – मिट्टी
- गढ़े – रचे हुए
- भांड़े – बर्तन
- कोहरा – कुम्हार
- सांनां – एक साथ मिलकर
- बाढ़ी – बढ़ई
- काष्ट – लकड़ी
- अगिनि – आग
- घटि – घड़ा, हृदय
- अंतरि – भीतर, अंदर
- व्यापक – विस्तृत
- धरे – रखे
- सरूपै – स्वरूप
- जगत – संसार
- लुभाना – मोहित होना
- नर – मनुष्य
- गरबानां – गर्व करना
- निरभै – निडर
- भया – हुआ
- दिवानां – बैरागी
Chapter 10 – मीरा के पद
- गिरधर – पर्वत को धारण करने वाला अर्थात कृष्ण
- गोपाल – गाएँ पालने वाला , कृष्ण
- मोर मुकुट – मोर के पंखों का बना मुकुट
- सोई – वही
- जा के – जिसके
- छाँड़ि दयी – छोड़ दी
- कुल की कानि – परिवार की मर्यादा
- करिहै – करेगा
- कहा – क्या
- ढिग – पास
- लोक-लाज – समाज की मर्यादा
- असुवन – आँसू
- सींचि – सींचकर
- मथनियाँ – मथानी
- विलायी – मथी
- दधि – दही
- घृत – घी
- काढ़ि लियो – निकाल लिया
- डारि दयी – डाल दी
- जगत – संसार
- तारो – उद्धार
- छोयी – छाछ
- मोहि – मुझे
Chapter 11 – घर की याद
- गिर रहा – बरसना
- प्राण मन धिरना – प्राणों और मन में छा जाना
- तिरना – तैरना
- खुशी का पूर – खुशी का भडार
- मायका – माँ का घर ज़
- परिताप – कष्ट
- गढ़ी – डूबी
- स्नेह – प्रेम
- पसारा – फैलाव
- पत्र – चिट्ठी
- व्यापा – फैला हुआ
- खिलखिलाएँ – खुलकर हँसना
- हिचकें – संकोच करना
- बिचकें – डरें
- बोल – आवाज
- झांझा – तूफान
- लरजता – काँपता
- दंड – व्यायाम का तरीका
- मुगदर – व्यायाम करने का उपकरण
- मूठ – पकड़ने का स्थान
- नैन – नयन
- तिर – तिरना
- क्षण – पल
- व्यापा – फैला
- अभागा – भाग्यहीन
- सोने पर सुहागा – वस्तु या व्यक्ति का दूसरों से बेहतर होना
- प्यार में बहना – भाव-विभोर होना
- स्वर्ण – सोना
- हेटे – तुच्छ
- लीक – परंपरा
- पाँव पीछे हटाना – कर्तव्य से हटना
- कोख को लजाना – माँ को लज्जित करना
- कच्चे – कमजोर
- धीर खोना – धैर्य खोना
- पुण्य पावन – अति पवित्र
- बस – नियंत्रण, केवल
- विरस – रसहीन, फीका
- धीर – धैर्य
- शोक – दुख
- डटकर ठेलना – तल्लीनता से हटाना
- मस्त – अपने में मग्न रहना
- अस्त – निराश
- मौन – चुपचाप
- बक देना – फिजूल की बात कहना
- शक – संदेह
- पावन – पवित्र
Chapter 12 – चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
- अच्छर – अक्षर
- चीन्हती – पहचानती
- अचरज – हैरानी
- चीन्हों – अक्षरों
- ग्वाला – गाय चराने वाला
- चौपाया – चार पैरों वाले पशु यानी गाय, भैंस, आदि
- चरवाही – पशु चराने का काम
- चंचल – चुलबुला
- नटखट – शरारती
- ऊधम – तंग करने वाली हरकतें
- गायब – गुम हो जाना
- कागद – कागज
- गोदना – लिखते रहना
- हारे गाढ़े काम सरेगा – कठिनाई में काम आएगा
- जन – आदमी, लोग
- ब्याह – शादी
- गौने जाना – ससुराल जाना
- बालम – पति
- संग – साथ
- संदेसा – संदेश
- बजर गिरे – वज्र गिरे, भारी विपत्ति आए।
Chapter 13 – ग़ज़ल
- हरेक – प्रत्येक
- मयस्सर – उपलब्ध
- दरख्त – पेड़
- साए – छाँव
- मुनासिब – उचित, वाजिब, ठीक, योग्य, काबिल
- ख्वाब – सपना, स्वप्न
- मुतमइन – इतमीनान से, आश्वस्त
- बेकरार – बेचैन, व्याकुल, विकल
- असर – प्रभाव, छाप, दबाव, फल
- निजाम – राज़
- एहतियात – सावधानी
- बहर – छंद
- गुलमोहर – स्वाभिमान या आत्मसम्मान” के अर्थ में
Chapter 14 – वचन
- मचल – पाने की जिद
- तड़प – छटपटाना
- पाश – बंधन
- ढील – ढीला करना
- मद – नशा
- मदहोश – नशे में उन्मत या होश खो बैठना
- चराचर – जड़ व चेतन
- चूक – छोड़ना, भूलना
- चन्नमल्लिकार्जुन – भगवान् शिव
- जूही – एक सुगधित फूल
- भीख – भिक्षा
- हाथ बढ़ाना – सहायता करना
- झपटकर – खींचकर
Chapter 15 – सबसे खतरनाक
- मेहनत – श्रम, परिश्रम, प्रयास
- लूट – लूटने का काम, डाका, डकैती, लूटने में मिला माल
- खतरनाक – घातक
- गद्दारी – व्यक्ति, देश या शासन से द्रोह या धोखा
- लोभ – कामना, लालसा, लालच
- बैठे-बिठाए – अनायास या अकारण
- कपट – छल, दंभ, धोखा
- लौ – रोशनी
- मुर्दा – निरुत्साह, निर्जीव, प्राणरहित
- तड़प – बैचैनी
- अंधेपन – बुद्धिहीनता, मूर्खता, अज्ञानता, टेढ़ी समझ
- रोज़मर्रा – नित्य, प्रतिदिन, हर रोज़
- दुहराव – दुहराने की क्रिया या भाव, पुनरुक्ति
- उलटफेर – परिवर्तन, बदलाव, क्रांति
- विरान – उजड़ा हुआ
- मरसिए – करुण रस की कविता जो किसी व्यक्ति की मृत्यु पर लिखी जाती है
- आतंकित – आतंक से पीड़ित, भयग्रस्त
- रूह – आत्मा
- चौगाठौ – चौखटों
Chapter 16 – आओ मिलकर बचाएँ
- बस्ती – वह स्थान जहाँ बहुत से लोग घर बनाकर एक साथ रहते हों, स्थान विशेष में रहने वाले लोग
- आबो-हवा – जलवायु
- हड़िया – एक तरह का बर्तन, जिसमें आदिवासियों द्वारा शराब बनाई जाती हैं
- संथाल – पूर्वोतर भारत की प्राचीन जनजाति
- माटी – मिट्टी
- दिनचर्या – दैनिक कार्यकलाप, दिनभर का काम
- गर्माहट – उष्णता, गरमी
- अक्खड़पन – स्पष्टवादिता, निडरता
- जुझारूपन – संघर्षशील
- सोंधापन – सुगंध
- एकांत – निर्जन स्थान, सूना स्थान
- दौर – समय, काल-चक्र, ज़माना
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